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इस भाग में नगर निगमों द्वारा अपने शहरों को सौर शहरों के रूप में विकसित करने के लिए रोड मैप तैयार और कार्यान्वयन करने हेतु सहायता प्रदान कर शहरी क्षेत्रों में अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा से संबंधित दिशा- निर्देशों की अधिक जानकारी दी जा रही है।
भारत की जनसंख्या का लगभग ३०% भाग (२००१ की जनगणना के अनुसार २८५.३५मिलियन व्यक्ति) शहरी क्षेत्रों में निवास करता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के काल में जहाँ भारत की जनसंख्या में तीन गुनी वृद्धि हुई है वहीं शहरी आबादी में पांच गुनी वृद्धि हुई है। शहरी क्षेत्र आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं की देखरेख घरों में रोशनी व्यवस्था, परिवहन प्रणालियों, बुनियादी सुविधाओं, उद्योग तथा वाणिज्य के लिए मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधनों (प्रात: आयातित) पर निर्भर हैं। ईंधन की कमी और मांग में वृद्धि के कारण जीवाश्म ईंधन काफी मंहगे होते जा रहे हैं। इसके, जीवाश्म ईंधनों के उपयोग के पर्यावरणिक एवं सामाजिक प्रभाव तेजी से चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। इन प्रभावों में वायु प्रदूषण, वैश्विक तापन, अपशिष्ट निपटान की समस्याएँ, भूमि अवक्रमण और प्राकृतिक संसाधनों के क्षय होना शामिल हैं।
शहरीकरण और आर्थिक विकास के कारण शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा की मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है। शहरी क्षेत्र हरित गैस उत्सर्जन के सबसे बड़े स्रोतों में से एक के रूप में उभर कर आए हैं जिसमें अकेले भवनों का ही योगदान कूल जीएचजी उत्सर्जन का लगभग ४०% है। संयूक्त राष्ट्र संघ की नवीनतम, रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक सप्ताह एक मिलियन व्यक्ति शहरी क्षेत्रों का रूख कर रहे हैं। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि वर्ष २०५० तक विश्व की लगभग दो- तिहाई आबादी प्रत्येक सप्ताह शहरों में निवास करने लगेगी। इसके लिए शहरी क्षेत्रों मर ऊर्जा संसाधनों में व्यापक बदलाव आवश्यक है। इस तथ्य को स्वीकार करते हुए विश्व भर के विभिन्न शहरों द्वारा अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा जीएचजी उत्सर्जन में कमी लाने के लिए लक्ष्यों का निर्धारण और नीतियों की शुरूआत की जा रही है। लंदन द्वारा वर्षा २०१० तक कार्बन उत्सर्जन में २०% की कमी लेन की घोषणा की गई है न्यूयार्क और २०0 अन्य अमेरिका शहरों ने भी ऐसा ही लक्ष्य निर्धारित किया है। टोक्यो ने वर्ष २०२० तक कूल खपत में अक्षय स्रोतों की २०% भागीदारी की घोषणा की है और आस्ट्रेलिया की सरकार ने सौर शहर कार्यक्रम प्रारंभ किया है।
कई भारतीय नगरों और शहरों में शीर्ष विद्युत मांग में १५% की वृद्धि हुई हैं स्थानीय सरकारों तथा विद्युत यूटिलिटिज के लिए मांग में हो रही इस तीव्र वृद्धि का सामना करना कठिन हो रहा है और इसके परिणाम स्वरूप अधिकांश नगरों/शहरों में बिजली की भारी कमी हो रही है। एक ऐसी रूप रेखा तैयार किये जाने की आश्यकता है जो शहरों को अपनी वर्तमान ऊर्जा खपत की स्थिति का आकलन करने, अक्षय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से ऊर्जा सृजन के लिए कार्य योजना तैयार करने हेतु लक्ष्य निर्धारित करने और शहरी सेवाओं का संचालन में उपयोग की जाने वाली ऊर्जा के संरक्षण हेतु प्रोत्साहन और सहायता प्रदान कर सके। इसके लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाएँ तथा अक्षय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन करने हेतु कार्य योजना बनाई जाएँ तथा शहरी सेवाओं को संचालित करने में उपयोग की जाने वाली ऊर्जा को संरक्षित किया जाएँ।
सौर शहरों की विकास पर प्रस्तावित कार्यक्रम शहरी स्थानीय निकायों को अपने शहरों की अक्षय ऊर्जा शहर अथवा सौर शहर अथवा पर्यावरण/ हरित शहर बनाने हेतु मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एक भावी रूप रेखा (रोड मैप) तैयार करने में सहायता करेगा/बढ़ावा देगा। मंत्रालय द्वारा घरों, होटलों, छात्रवासों, अस्पतालों एवं उद्योग में सौर जल उष्मण प्रणालियों प्रदर्शन एवं जागरूकता सृजन के लिए शहरी क्षेत्रों में एसपीवी प्रणालियों/यंत्रों की संस्थापना अक्षय ऊर्जा दूकानों की संस्थापना सौर भवनों का निर्माण और शहरी एवं औद्योगिक अपशिष्ट/बायोमास से ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने हेतु शहरी क्षेत्र में पहले ही कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मंत्रालय द्वारा शहरी क्षेत्र में किए जा रहे सभी प्रयासों को सामेकित करना और शहरी क्षेत्रों की ऊर्जा संबंधी समस्याओं की सम्यक रूप से समाधान करना है।
यह कार्यक्रम शहर स्तर पर धारणीय ऊर्जा के परिदान में होने वाली समस्याओं को निम्नलिखित के माध्यम से निष्पादित करने हेतु तैयार किया गया है।
मंत्रालय द्वारा मंजूरी प्रदान किए जाने की तारीख में एक वर्ष की अवधि के भीतर एक मास्टरप्लान तैयार किया जाना चाहिए। विहित प्रपत्र में तैयार किए गए मास्टर प्लान में अगले १० वर्षो के लिए ऊर्जा की मांग एवं पूर्ति के लिए कूल तथा क्षेत्र-वार प्रयोजन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त, यह संबंधित शहर में ऊर्जा उपयोग तथा जी एच जी उत्सर्जन पर एक पूर्ण क्षेत्रवार आधार रेखा उपलब्ध कराएगा। मास्टर प्लान में कार्यान्यवन हेतु कार्य योजना के साथ ऊर्जा संरक्षण, अक्षय ऊर्जा वर्धन और जीएचजी उपशमन के लिए वर्षवार लक्ष्यों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा। वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए संबंधित संगठनों (सर्वजनिक और निजी दोनों) से वित्त पोषण के संभावित स्रोतों की पहचान की जाएगी अंतिम रूप देने से पहले, प्रारूप मास्टर प्लान पर एक स्टेक धारकों की एक परामर्शी कार्यशाला में विचार किया जाएगा जिसमें निर्वाचन प्रतिनिधि, स्थानीय अनूसंधन एवं शैक्षिक संस्थान, नागरिक कल्याण एसोसिएशन, उद्योग एवं कार्पोरेट संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, एसएनए आदि का प्रतिनिधित्व होगा। इस मास्टर प्लान में कुछेक कार्यान्यवन योग्य विस्तृत परियोजना रिपोर्टें भी शामिल होंगी जिन्हें कार्यान्यवन एजेंसी द्वारा मंजूरी हेतु प्रस्तुत किया जा सकता है। मास्टर प्लान द्वारा ऊर्जा की खपत के वर्तमान स्तर में कमी तथा उसके फलस्वरूप कार्बनडाई ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी सुनिश्चित की जाएगी।
नगर परिषद में नियोजन एवं कार्यान्वयन हेतु वरिष्ठ प्रशासक एवं नगर अभियंताओं एसएन ए के प्रतिनिधियों सहित एक सौर शहर प्रकोष्ठ की स्थापना करना। सौर शहर प्रकोष्ठ में कम से कम एक समर्पित प्रशिक्षित तकनीकी कर्मी (कम से कम इंजीनियर स्नातक) होना चाहिए जिसकी सहायता के लिए एक सचिवीय व्यक्ति हो, जो अक्षय ऊर्जा/ऊर्जा क्षमता आदि के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन के कार्यकलापों के लिए विशेष रूप से नियुक्त किया जाए। उपयुक्त प्रस्तावों को बनाकर प्रस्तुत करना सौर शहर प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी होगी। संबंधित सौर शहरों के लिए सौर शहर प्रकोष्ठों हेतु प्रशिक्षित/ सुयोग्य व्यक्तियों की नियुक्ति करना एम्एनआरई/एसएनए का कार्य होगा। सौर शहर प्रकोष्ठ के अन्य कर्मियों की व्यवस्था नगर निगमों द्वारा उनके अपने - अपने मौजूदा अधिकारीयों/इंजीनियरों में से व्यवस्था की जाएगी। संबंधित नगर निगम/एसएनए आवश्यक बुनियादी ढाँचा, कार्यालय स्थान तथा अन्य कार्यालय संबंधी खर्चों आदि को वहन करेंगे।
नगर निगम निकायों, स्थानीय अनूसंधान तथा शैक्षिक संस्थानों, निवासी कल्याण एसोसिशनों, उद्योगों एवं कार्पोरेट संगठनों, गैर - संगठनों, राज्य नोडल एजेंसियों तथा अन्य संबंधित स्टेक धारकों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को शामिल का करते हुए परामर्शी सहायता हेतु एक सौर शहर स्टेक धारक समिति गठन किया जाएगा।
विभिन्न स्टेक धारकों जैसे नगर निगम निकायों, नगरपालिका के कार्मिकों, वास्तुविदों/इंजीनियरों, भवन निर्माताओं एवं विकासकर्त्ताओं, वित्तीय संस्थाओं, गैर- सरकारी संगठनों, तकनीकी संस्थाओं, उत्पादकों एवं अपूरकों, आरडब्ल्यूए आदि के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम/कार्यशाला/व्यापर बैठकों/जागरूकता शिविरों आदि का आयोजन तथा भारत के भीतर दौरे/अध्ययन दौरे आयोजित करना।
कार्बन वित्तपोषण हेतु प्रस्ताव तैयार करना।
प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक माध्यमों से प्रचार एवं जागरूकता अभियान चलाना।
मंत्रालय द्वारा वित्तीय सहायता के माध्यम से सरकारी/सार्वजनिक भवनों में अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा संरक्षण यंत्रों/प्रणालियों की संस्थापना तथा हरित परिसर विकास हेतु कार्ययोजना के लिए विकसित किए जा रहे लगभग १०० नए छोटे नगर-क्षेत्रों/परिसरों को सहायता प्रदान की जाएगी।
ई. १०.०० लाख रू, तक एक वर्ष के अंदर कुछ कार्यान्वयन योग्य विस्तृत परियोजना रिपोर्टों के साथ-साथ मास्टर प्लान की तयारी हेतु हैं।
ई. १०.०० लाख रू. तक तीन वर्षों के दौरान कार्यान्वयन की देखभाल हेतु हैं।
ई. तीन वर्षों की अवधि के लिए सौर शहर सैल स्थापित करने और उसके कार्य करने के लिए १०.०० लाख रू. की राशि।
इव. शेष २० लाख रू. की राशि को अन्य संवर्धनात्मक कार्यकलाप, प्रशिक्षण, कार्यशालाओं, अध्ययन दौरों और सौर शहर सैलों के कार्यकलापों के बढ़ाने के लिए तीन वर्षों में उपयोग किया जाना है।
उपरोक्त प्रावधान इनके लिए और कहीं अलग से किए गए वित्तीय प्रावधानों पर ध्यान किए बिना प्रायोगिक सौर शहरों और मॉडल सौर शहरों सहित सभी ६० शहरों के लिए लागू हैं। इन सौर शहरों में अक्षय ऊर्जा संस्थापन हेतु छोटे नगरों/पर्यटन स्थलों/धार्मिक/महत्वपूर्ण स्थानों जहन बहुत भीड़-भाड़ रहती है उन्हें भी इसके अंतर्गत लाया जाना चाहिए। यदि उपरोक्त निधियों का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं होता है तो शेष निधियों पर उनके अक्षय ऊर्जा वाली परियोजनाओं के संस्थापन के लिए उपयोग करने पर विचार किया जा सकता है। जिसमें कुछ नवोन्वेषी परियोजनाएं भी शामिल हैं।
मास्टर प्लान और डीपीआर के साथ सदृश प्रस्ताव की परिपक्वता पर निर्भर करते हुए मंत्रालय द्वारा सौर शहर कार्यक्रम के अंतर्गत मंजूरी दी जाएगी। शहर में विभिन्न अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं/प्रणालियों/युक्तियों की संस्थापना हेतु कुल सीएफए प्रत्येक प्रयोगिक सौर शहर के लिए २.५० करोड़ रू. तक उपलब्ध कराई जाएगी।
सौर शहर कार्यक्रम के अंतर्गत सौर शहर/नगर क्षेत्र की निधियां इस शर्त के अध्यधीन जारी की जाएगी कि सामान राशि अर्थात २.५० करोड़ रू, संबंधित नगर निगम/शहर प्रशासन/राज्य अथवा किसी अन्य संसाधनों द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। पहले से विद्यमान अथवा इस संशोधित योजना के तहत मंजूर किए जाने वाले प्रायोगिक सौर शहरों के लिए सीएफए की पद्धति वही होगी जो सौर संबंधित परियोजनाओं के लिए मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत तथा एमएनआरईके अन्य क्षेत्रों की विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रम के लिए स्कीमों में लागू है।
१२वीं योजना के दौरान इस वित्तीय सहायता के अंतर्गत पहले अनुमोदित/स्वीकारी १० शहरों के अतिरिक्त प्रथम नये पांच शहरों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मांग के अनुसार गुण-दोष को देखते हुए पायलट सौर शहरों के रूप में शामिल किया जाएगा। यह वित्तीय सहायता उन शहरों को उपलब्ध होगी जो परिशिष्ट १ में दी गई कम से कम तीन शर्तों को पूरा करते हो।
प्रायोगिक सौर शहरों के रूप में एमएनआरई की २.५० करोड़ रू. की राशि को प्राप्त कर स्थापित शहर किसी अन्य कार्यक्रम के अंतर्गत इसी परियोजना के लिए एमएनआरई की आगे और सब्सिडी प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होंगे। तथापि, एमएनआरई कार्यक्रमों के अंतर्गत अन्य परियोजनाएँ स्थापित की जा सकती है।
अन्य सौर शहरों के लिए वित्तीय पद्धति वही होगी जो सौर संबंधित परियोजनाओं के लिए मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के अंतर्गत स्कीमों में लागू है और अन्य परियोजनाओं के लिए इस कार्यक्रम के अंतर्गत एमएनआरई के संबंधित कार्यक्रम में लागू एमएनआरई के संबंधित कार्यक्रमों में लागू एमएनआरई की सीएफए का उपयोग किया जा सकता है।
प्रमोटरों/बिल्डरों द्वारा विकसित किए जा रहे नए लघु नगर क्षेत्रों/परिसरों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों/औद्योगिक नगरों, संस्थागत परिसरों आदि के लिए कार्य योजना सहित मास्टर प्लान और डीपीआर की तैयारी हेतु सीएफए।
मास्टर पालन और डी पी आर तैयार करने, जिसमें अक्षय ऊर्जा संस्थागत, हरित परिसर विकास, जागरूकता लाना और प्रशिक्षण आदि के लिए कार्य योजना भी शामिल है, के लिए राज्य/स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा विधिवत अधिसूचित/अनुमत प्रत्येक नये और मौजूदा लघु नगर क्षेत्रों/परिसरों के लिए ५.०० लाख रू. तक प्रदान किया जाएगा। यह मौजूदा नगर क्षेत्रों/परिसरों के लिए भी प्रोत्साहित किया जाए कि उन्हें यथा संभव हरित परिसर बनाने के लिए अक्षय ऊर्जा और ऊर्जाक्षम उपकरण उपायों की उपयुक्त रेट्रोफिटिंग मौजूद हो।
इन परिसरों में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं/प्रणालियों की संस्थापन एमएनआरई की विभिन्न योजनाओं के प्रावधानों के अनुसार की जाएगी।
सेमिनार/कार्यशाला, प्रशिक्षण, जागरूकता अभियान अयोजित करने, साहित्य/दिशा- निर्देश आदि की तयारी हेतु सीएफए।
देश में सौर शहर कार्यक्रम शहर में अक्षय ऊर्जा का उपयोग था ऊर्जा दक्ष उपाय करने की दिशा में नगर निगमों और शहरी स्थानीय निकायों को प्रेरित करने में एक भूमिका अदा कर सकता है। क्षमता सृजन से संबंधित कार्यकलाप, जिसमें जागरूकता, राष्ट्रीय स्तर की कार्यशालाएं/क्षेत्रीय सेमिनार, क्षमता सेमिनार, क्षमता सृजन संबंधी साहित्य विकास, दिशानिर्देश और उन्नयन संबंधी कार्यकलाप सोफ्टवेयर विकास, नवोन्वेषी परियोजनाएँ या अन्य विविध कार्य आदि शामिल हैं, जिन्हें गुणदोष के आधार पर इस कार्यक्रम के अंतर्गत पर्याप्त रूप से बढ़ाया जाएगा। वास्तव में इस स्कीम में क्षमता सृजन/प्रशिक्षण एक प्रकार से नियमित कार्यक्रम रहेगा।
सेमिनार/कार्यशालाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, जागरूकता संबंधी अभियानों आदि के लिए ४.०० लाख रू. तक की धनराशि प्रदान की जाएगी। अन्य कार्यकलापों के लिए गुणदोष के आधार पर आवश्यकतानुसार निधियां प्रदान करने पर विचार किया जा सकता है। इस प्रकार के लगभग ५० कार्यकलापों के लिए १२ वीं योजना अवधि के दौरान सहायता दी जा सकती है। इस कार्यकलापों के लिए वर्ष २०१३-१४ में तथा १२वीं पंचवर्षीय योजना की शेष अवधि के दौरान कुल बजट १.०० करोड़ रू. तक प्रतिबंधित होगा।
चार मॉडल सौर शहरों को प्रत्येक मॉडल सौर शरह के लिए ९.५० करोड़ रू. तक की सीएफए इस शर्त के साथ उपलब्ध कराई जाएगी कि ९.५० करोड़ रू. तक की इसी प्रकार की सामान राशि नगर निगम/नगर पालिका/राज्य/जिला प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराई गई है अथवा चार मॉडल सौर शहरो के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी सहित अपने आप अथवा और अन्य स्रोतों से उनके द्वारा व्यवस्था की गई है। यह वित्तीय सहायता उन मॉडल सौर शहरों को संबंधी परियोजनाओं/प्रणालियों/युक्तियों की स्थापना हेतु उपलब्ध कराई जाएगी जो परिशिष्ट १ में दी गई। कम से कम तीन शर्तों को पूरा करते हैं अथवा उन पर कार्रवाई की है। पहले से स्वीकृत दो मॉडल सौर शहरों के लिए मंजूर की गई निधियां में से ५०% सीएफए प्राप्त की जा सकती है। तथापि इस संशोधित स्कीम में अंतर्गत मंजूर किए जाने वाले दो नए मॉडल सौर शहरों के लिए वित्तीय पद्धति वही होगी जो सौर संबंधित परियोजनाओं के लिए मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के अंतर्गत स्कीमों में लागू है अन्य परियोजनाओं के लिए है।
सांकेतिक उपाय और ऊर्जा संरक्षण तथा अक्षय ऊर्जा यूक्तिओं/प्रणालियाँ जो मास्टर प्लान की तैयारी में और शहरों को सौर शेरोन के रूप में विकसित करने में मदद कर सकती है, की सूची परिशिष्ट २ और ३ में दी गई है।
१२वीं योजना अवधि के दौरान सौर शहरों के रूप में विकसित किए जाने के लिए कुल ६० शहरों/नगरों का प्रस्ताव किया गया है। मंत्रालय द्वारा प्रत्येक राज्य में कम से कम एक शहर और अधिकतम पांच शहरों की सहायता की जाएगी । कार्यक्रम में शामिल शहरों/नगरों की जनसंख्या ५० लाख से ०.५० लाख के बीच होनी चाहिए जिसमें प्लावी जनसंख्या शामिल है। गुणवत्ता पर मामला - दर मामला आधार पर इस कार्यक्रम के तहत पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों, द्वीप समूहों और संघ शासित क्षेत्रों में कम जनसंख्या वाले शहरों पर भी विचार किया जाएगा।
सौर शहरों में आर ई परियोजनाओं की संस्थापना सुनिश्चित करने के लिए १२ वीं योजना के दौरान प्राथमिकता के आधार पर प्रत्येक राज्य/संघ शासित क्षेत्र में आदर्श/पायलट सौर शहरों को मांग और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार विकसित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में उच्च स्तर की प्रतिबद्धता और नेतृत्व की गुणवत्ता के साथ शहरों को प्रोत्साहित किया जाता है। शहरों के चयन करते समय एमएनआरई द्वारा निम्नलिखित पर विचार किया जाएगा।
शहर की जनसंख्या, क्षेत्रीय स्थिति और क्षेत्र में प्रमुखता।
ऊर्जा संरक्षण और अक्षय ऊर्जा को अपनाने पर किए गए नियामक उपाय।
शहर के कार्यकलापों में ऊर्जा संरक्षण और अक्षय ऊर्जा को अपनाने हेतु संभाव्यता।
ऊर्जा संरक्षण और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने में नगर परिषद/प्रशासन/निजी विकास कर्त्ताओं/उद्योग/आम जनता द्वारा पहले से ही गई पहलें।
सार्वजनिक भागदारी शामिल करने और सभी पणधारियों के साथ कार्य करने में शहरी स्थानीय निकायों का पूर्व का अनुभव।
संसाधन, वित्तीय अंशदान उपलब्ध कराने के लिए इच्छा और प्रतिबद्धता तथा कायर्क्रम के अंतर्गत आरंभ किए गए कार्यकलापों की पुष्टि।
प्रस्तावों को परिशिष्ट ४ तथा ५ में दिए गए निर्धारित प्रपत्र के अधिमानत: रूप से नोडल एंजेंसी के माध्यम से नगर परिषद/प्रशासन/नगर-पालिकाओं/विकासकर्त्ताओं/संस्थाओं आदि प्रस्तुत किया जाएगा। मंत्रालय में प्रस्तावों की जाँच की जाएगी जिसके आधार पर सीएफए का ५0% मंजूर की गई/कार्यकलापों पर जारी किया जाएगा और शेष कार्यकलापों अर्थात मास्टर प्लान की तयारी हेतु, सौर शहर सैल स्थापित करने, अन्य जागरूकता, प्रशिक्षण और प्रचार, परियोजनाएँ स्थापित करने की लागत के अलावा कार्यान्वयन की देखभाल करने के लिए जारी की गई निधियों के उपयोग और प्रगतिशील उपलब्धि पर जारी की जाएगी।
अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं/प्रणालियों/युक्तियों की स्थापना करने के लिए विचार किए जाने हेतु अनुमोदित सौर शहर की संबंधित नगर परिषद/प्रशासन/नगर निगम/नगरपालिकाओं/संगठन द्वारा प्रत्येक परियोजना अथवा परियोजनाओं के समूह हेतु विशिष्ट प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएंगे। प्रस्ताव के साथ सौर शहर के लिए २.५० करोड़ रू तक की मैचिंग निधि उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता दर्शाते हुए नगर निगम/नगरपालिकाओं/नामित एंजेंसी का प्रस्ताव होना चाहिए। मानक और लागत तथा दिशा निर्देश हेतु बैचमार्क एमएनआरई के अन्य कार्यक्रमों में लागू मानक और लागत तथा दिशा निर्देशों अनुसार होंगे। इसी प्रकार, मॉडल और शहरों हेतु भी प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे और संबंधित संगठन की प्रतिबद्धता के साथ प्रस्तुत किए जाएंगे।
परियोजनाओं की स्थापना हेतु सीएफए दो किस्तों में जारी की जाएगी। ५०% की पहली किस्त परियोजना की मंजूरी के समय इस प्रतिबद्धता के साथ जारी की जाएगी कि मैंचिंग निधियां प्रस्ताव करने वाले संगठन द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी। शेष ५०%की दूसरी किस्त परियोजना के पूर्ण होने, पहली किस्त के उपयोग प्रमाणपत्र की प्राप्ति और सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत प्रस्तुत की गई परियोजना पूर्णता रिपोर्ट मिलने पर जारी की जाएगी।
छोटे नगर क्षेत्रों/परिसरों के लिए प्रस्ताव उपयुक्त बौंड पेपर में प्रतिबद्धता के साथ यह दर्शाते हुए कि अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं/प्रणालियों/युक्तियों की संस्थापना मास्टर प्लान/डीपीआर की तैयारी के आंरभ की जाएगी, जो दिए गए निर्धारित प्रपत्र में संबंधित विकासकर्त्ताओं/बिल्डरों/संस्था द्वारा तैयार किए जाने चाहिए।
सौर शहर विकसित करने से अक्षय ऊर्जा के माध्यम से नई नई परियोजनाओं को उन्नत बनाने का कार्य भी होगा। जो स्मार्ट ग्रिड, संस्थापन के बाद सेवा केंद्र, स्ट्रीट लाइट के ऊपर कार्य होगा तथा अक्षय ऊर्जा के माध्यम से सौर ऊर्जा के केन्द्रीकृत विद्युत प्रणाली, बायोगैस उत्पति, रसोई का कचरा आधारित संयंत्र आदि के माध्यम से परियोजनाएँ चलेंगी। ये नवोन्वेषी परियोजनाएँ गुण- दोष के आधार पर विचारित हो सकती है।
सौर शहर के रूप में अपने शहर को विकसित करने पर आरंभ की गई पहलों के संबंध में नगर परिषद/प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर शील्ड/प्रमाणपत्रों के रूप में मंत्रालय द्वारा पहचान किए गए सौर शहरों को वार्षिक पुरस्कार दिए जा सकते हैं। सौर नगर क्षेत्र अथवा सौर परिसर का प्रयोग करने के प्रणामपत्र के साथ सर्वश्रेष्ठ नगर क्षेत्रों/परिसरों को भी पुरस्कार दिए जाएंगे।
१२वीं पंचवर्षीय योजना के अंत में कार्यक्रम के कार्यान्वयन के अनुभव का मूल्यांकन किया जाएगा और कार्यक्रम का आगे और विस्तार तथा समावेश/अंशशोधन पर निर्णय किया जाएगा।
राज्य नोडल एजेंसियों नगर निगम/यूल एल बी/ अन्य कार्यान्वयक एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करेंगी और उन्हें इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन में मार्गदर्शन तथा तकनीकी सहायता प्रदान करेंगी, जिसमें अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं/प्रणालियों के स्थापना, क्षमता सृजन, प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी शामिल है। वे समय समय पर समीक्षा, मानिटरन और आकलन करेगें। यदि, जहाँ को कार्यान्वित करने में असर्मथ है वहाँ राज्य नोडल एजेंसियों भी स्कीम को कार्यान्वित कर सकती है। राज्य नोडल एजेंसियों/कार्यान्वयन एजेंसियों को इन स्कीमों के प्रदान करने के बदले २% सेवा शुल्क प्रदत्त किया जा सकता है।
सौर शहरों का विकास एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है। इसकी शूरूआत किसी शहर की पहचान करने, प्रस्ताव तैयार करने तथा सौर शहर के विकास हेतु मंजूरी प्रदान करने, मास्टर प्लान तैयार करने, सौर शहर सेल तथा स्टेकधारकों की समिति को अनुमोदन प्रदान करना, अनुमोदन हटो विशिष्ट प्रस्ताव तैयार करने और अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं/ऊर्जा दक्षता उपकरणों आदि की संस्थापना से होती है। इसके लिए संबंधित पणधारियों का अभिप्रेरण और क्षमता-सृजन करने की आवश्यकता होती है। अत: किसी सौर शहर को स्वीकृति मिल जाने से ही इसे सौर शहर घोषित नहीं किया जा सकता। अत: सौर शहर को विकसित करने हेतु मंजूरी प्रदान की जाती है और शहर को विकासशील सौर शहर के रूप में माना जाएगा।
किसी विकासशील सौर शहर को सौर शहर घोषित किया जा सकता है यदि उस शहर में पर्याप्त कार्यकलाप किए गए हों। सौर शहर के जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा खपत को १०% तक कम कराने के लक्ष्य को देखते हुए मंत्रालय द्वारा किसी विकासशील सौर शहर को पूर्ण रूप से सौर शहर घोषित करने संबंधी उपयुक्त शर्तों/मानदंडो को यथा समय तैयार किया जाएगा। तथापि सौर शहर के लिए संबंधित नगर निगमों/राज्य नोडल एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले प्रतीकात्मक कार्य परिशिष्ट ४ में दिए गए हैं।
कार्यक्रम के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने, निगरानी, मूल्यांकन और कार्यान्वयन हेतु परियोजना प्रबंधन सेल में परामर्शी, तकनीकी, कंप्यूटर ऑपरेटर, हेल्पर तथा आवश्यक्तानूसार कुछ हार्डवेयर उपयोग में लाए जाएंगे। इससे कार्यकलापों का विस्तार करने, सख्त निगरानी करने तथा अनुवर्तन करने में आसानी होगी। इससे सौर शहरों के लिए तैयार किए जा रहे मास्टर प्लानों का विश्लेषण करना भी सुनिश्चित होगा।
ई. शहर में एक सौर शहर सैल का सृजन हो गया है और पणधारी समिति गठित हो गई है। सौर शहर सैल के सृजन तथा पणधारी समिति हेतु अधिसूचना की एक प्रति भेजनी होगी।
ई. कुछ श्रेणी के भवनों में सौर का जल तापन प्रणालियों के प्रयोग को अनिवार्य बनाने के लिए भवन उप-नियमों के संशोधन के लिए आरंभ की गई/की गई करवाई।
ई. नगर नियमों/पालिकाओं के माध्यम से सम्पति कर और विशेष कर घरेलू क्षेत्र में सौर जल तापकों के प्रयोग के लिए यूटिलिटिज/बिजली बोर्डों के माध्यम से बिजली शुल्क दर में छूट उपलब्ध कराने हेतु आरंभ की गई/की गई कार्यवाई।
इव. विशेषकर वाणिज्यिक और संस्थागत भवनों में ऊर्जा दक्ष हरित भवनों के विनिर्माण हेतु राष्ट्रीय रेटिंग प्रणाली को बढ़ावा देने हेतु आंरभ की गई। की गई कार्रवाई विशेष रूप से सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के भवनों में गृह जैसी अनुमोदित राष्ट्रीय रेटिंग प्रणाली के अनुपालन में हरित भवनों के निर्माण के संबंध में शहर ने सामान्य आदेश (जीओ) जारी किए हैं।
व. पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित एमएसडब्ल्यू नियमों के अनुसार शहर ने उचित एमएसबीडब्ल्यू प्रबंधन और शहरों/नगरों से एकत्रित अपशिष्ट से ऊजा के उत्पादन हेतु उपयुक्त क्षमता की परियोजनाएँ स्थापित करने के लिए कार्रवाई आरंभ/कर ली है।
वि. शहर ने उपनियम संशोधन करने हेतु कार्रवाई आरंभ की है/संशोधित कर दिए हैं अथवा वह बाजारों, सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों कार्यालयों आदि में डीजल और पेट्रोजन जैनसेट के प्रयोग को रोकने के लिए अक्षय ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देने हेतु नए उपनियम बनाता है।
वी. नगर निगम/नगर पालिका/ राज्य नोडल एजेंसी द्वारा अपनी परिसर अथवा शहर के किसी प्रमुख स्थान पर मरम्मत एवं रख रखाव सुविधाओं के साथ कम से कम एक अक्षय ऊर्जा दुकान की संस्थापन की गई है।
इक्स. मास्टर प्लान तैयारी कर लिया गया है और अक्षय ऊर्जा की कम से कम २ सर ३ प्रमुख परियोजनाएँ हैं/ मंजूर की गई हैं/आरंभ हो गई हैं।
सौर शहर द्वारा समिति और लोकप्रिय अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं/प्रणालियों/उपकरणों जैसे समेकित प्रकाशवोल्टीय, किचन अपशिष्ट आधारित संयंत्र, सौर जल तापन प्रणालियों, सौर कूकिंग प्रणालियों, सौर भाप उत्पादन/शुष्कन/वायु तापन प्रणालियों, सौर कूकिंग प्रणालियों, सौर वाष्प उत्पादक/शुष्कन/वायु तापन प्रणालियों, प्रक्रिया ताप अनुप्रयोगों हेतु सौर संकेन्द्रक, सौर वातानुकूलन, पवन आदि सहित सौर पीवी प्रणालियों के निर्माण पर बल दिया जाएगा।
(ई) उद्दीप्त बल्बों के स्थान पर लैड/सीएफएल।
(ई) लैड ट्रेफिक लाइटें।
(ई) इलेक्ट्रोनिक चोक और पंखों के रेगुलेटर।
(इव) सड़कों लाइटों की ऑटोमेटिक ऑन/ऑफ़ के लिए संवेदक।
(व) ऑटोमेटिक स्पीड रेगुलेटिंग फैन/मोटर।
(वि) जल आपूर्ति प्रणाली में लीकेज की प्लानिंग और अच्छे पंप और मीटरों का प्रयोग।
(वी) ऊर्जा दक्ष बिजली की मशीनें जैसे फैन, रेफ्रीजरेटर, वातानुकूल यंत्र, कूलर, रूम हीटर, वाटर पंप आदि।
(वी) इंसुलेटिंग सामग्रियों और कम ऊर्जादक्ष/ऊर्जा वाले भवन निर्माण सामग्रियों जैसे फलाई ऐश ब्रिक्स, होलो ब्रिक्स, स्टैबिलाइज्ड मद ब्लॉक आदि का भवन निर्माण में प्रयोग।
सौर निष्क्रिय भवन संरचना का प्रमुख घटक हैं भवनों का अभिमुखीकरण, सूर्यच्छादन, कांच की दोहरी परत वाली खिड़कियाँ, स्मार्ट ग्लेजिंग खिड़की ओवर हेंग, तापीय भण्डारण दिवार/छत, रूफ पेंटिंग, वेंटीलेशन, वाष्पन कूलिंग, दिन में प्रकाश, पवन टावर, भू-वायु टनलिंग, निर्माण सामग्रियां आदि। विशिष्ट घटकों का संयोजन इस पर निर्भर करेगा कि भवन का निर्माण किस जलवायु क्षेत्र में किया जाता है।
हरित भवनों का गृह (जीआरआईएचए) रेटिंग, लीड (एलईईडी) इंडिया, ईसीवीसी भवन कोड, पीईई स्टार रेटिंग, इको आवास अथवा अन्य श्रेणी निर्धारण (रेटिंग) प्रणालियों के अनुसार निर्माण करना।
नगर प्रशासन/परिषद के अधीन एक सौर शहर सैल का निर्माण करना जो कि उसे एक सौर शहर बनाने में शहर नियोजन और परियोजनाओं का कार्यान्वयन करने के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी होगा।
शहर में नियमित अंतरालों पर सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र के भवनों, जल पंपिंग और सड़क रोशनियों की ऊर्जा लेखा परिक्षण करने और विद्युत के संरक्षण की ओर जरूरी कदम उठाना। इस हेतु अन्य संस्थापनाओं को भी प्रोत्साहित किया जाना है।
ऊर्जा संरक्षण और अक्षय ऊर्जा उपकरणों का प्रयोग कर सड़क लाइट/उद्यान लाइटों, ट्रेफिक लाइटों, ब्लिंकारों, होर्डिंग आदि में ऊर्जा खपत को कम करना।
भवनों के निश्चित वर्ग में सौर जल तापन प्रणालियों के प्रयोग को अनिवार्य बनाने हेतु भवन उप नियमों में संशोधन करना।
सौर जल हीटरों के उपयोग कर्त्ताओं को विशेष रूप से घरेलू क्षेत्र के उपयोग कर्त्ताओं के नगर निगमों/महापलिकाओं के माध्यम से प्रापर्टी कर में और यूटिलिटों/बिजली बोर्डों के माध्यम से बिजली प्रशुल्क में छूट उपलब्ध कराना।
ईसीवीसी २००६ के अनुसार कम से कम सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र में ऊर्जा दक्ष सौर भवनों के निर्माण के संबंध में जी.ओ. जारी करना और उसके कार्यन्वयन को गंभीरता से लेना।
पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित एमएसडब्ल्यू रूल २००० कका अनुपालन करना और शहर/नगर से एकत्रित अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादित करने हेतु उपयुक्त क्षमता की परियोजनाएँ स्थापित करना।
विभिन्न स्टेक होल्डरों जैसे वास्तुकार, इंजीनियरों, बिल्डरों और विकासकर्त्ताओं, वित्तीय संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों, तक तकनीकी, संस्थाओं, निर्माण कर्त्ताओं/आपूर्तिकर्ताओं, आरडब्ल्यू आदि के लिए कड़ाई से प्रचार-प्रसार और साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रमों/व्यवसायिक बैठकों का आयोजन करना।
किसी शहर को सौर शहर के रूप में बनाने के उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु राज्य सरकार और अन्य फंडिंग संगठनों से आवश्यक निधियां विकसित करना। उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु भारत सरकार की स्कीमों का लाभ भी शामिल किया जाएगा।
१०. नगर परिषद/प्रशासन द्वारा अपने शहर को सौर शहर के रूप में विकसित करने हेतु कार्यान्वयन के पांच वर्षों के दौरान असंख्य ऊर्जा और ऊर्जा संरक्षण उपकरणों के माध्यम से बिजली की खपत कम करने के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करना।
ई. शहर में एक सौर शहर सैल का सृजन हो गया है जिसे अधिसूचित किया गया है और शहर प्रशासन/परिषद में पणधारी समिति गठित हो गई है। जो सौर शहर बनाने की दिशा में शहर नियोजन और परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी होगी।
ई. सौर शहर का मास्टर प्लान तैयार किया गया है।
ई. नगर द्वारा कुछ श्रेणियों के भवनों में सौर जल तापन प्रणालियों के उपयोग को अनिवार्य बनाने के लिए भवन उप-नियमों में संशोधन किया गया है।
इव. शहर सौर जल हीटरों के उपयोगकर्त्ताओं को विशेष रूप से घरेलू क्षेत्र के उपयोगकर्त्ताओं के नगर निगमों/महापलिकाओं के माध्यम से प्रोपर्टी कर में और यूटिलिटी/बिजली बोर्डों के माध्यम से बिजली प्रशुल्क में छूट उपलब्ध करा रहा है।
व. संबंधित डिस्कोम/यूटिलिटी द्वारा शहर में ग्रिड-संबंद्ध एसपीवी रुफटाप प्रणालियों को अनुमति दी जा रही है/बढ़ावा दिया जा रहा है।
वि. शहर में नियमित अंतरालों पर सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र के भवनों, जल पंपिंग और सड़क रोशनियों की ऊर्जा लेखा परिक्षण करने और विद्युत के संरक्षण की ओर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं तथा विद्युत संरक्षण की दिशा में आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
वी. ऊर्जा संरक्षण और अक्षय ऊर्जा उपकरणों का प्रयोग कर सड़क लाइट/उद्यान लाइटों, ट्रेफिक लाइटों, ब्लिंकरों, होर्डिंग आदि में ऊर्जा खपत को कम करना।
वी. ईसीवीसी या अन्य रेटिंग प्रणाली के अनुसार कम से कम सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्रों में ऊर्जा दक्ष सौर भवनों/हरित भवनों के निर्माण के संबंध में जी.ओ. जारी करना और उसके कार्यान्वयन को गंभीरता से लेना।
इक्स. पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा अधीसूचित एमएसडब्ल्यू, नियम २००३ का अनुपालन किया जा रहा है और शहर/नगर से एकत्रित अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादित करने हेतु उपयुक्त क्षमता की परियोजनाएँ स्थापित की जा रही है।
क्स. नगर में ऊर्जा उत्पादन प्रणाली के साथ मलजल उपचार उपचार की सुविधा है।
क्सी. नगर में अक्षय ऊर्जा प्रणालियों एवं उपकरणों के लिए कम से कम या उससे अधिक अक्षय ऊर्जा दूकानें या विक्रय सेवा केंद्र हैं।
क्या नगर क्षेत्रों/कैम्पस द्वार प्रशासकों (राज्य/स्थानीय)संबंधित संगठनों/संस्थाओं, राजनीतिज्ञों, परामर्शदाताओं, यूटिलिटी, सूचना केन्द्रों आदि (विस्तार में सूचना उपलब्ध कराएँ) सहित एक स्थानीय विशेषज्ञ दल की स्थापना और उसकी सहायता की जा सकती है।
प्रस्ताव करने वाली एजेंसी द्वारा अंशदान की जाने वाली धनराशि।
के सौर शहर कार्यक्रम में सम्मिलित होने की अपनी रुचि अभिव्यक्त करते हैं।
स्थानीय/राज्य संस्थाओं (शैक्षिक अनुसंधान संस्थाओं), कार्पोरेट संगठनों, वास्तुकारों, एनजीओ ऊर्जा लेखा परीक्षकों, परामर्शदाताओं आदि जो कि पहल में योगदान कर सकते हैं।
क्या नगर क्षेत्रों/कैम्पस द्वारा प्रशासकों (राज्य/स्थानीय) संबंधित संगठनों/संस्थाओं, राजनीतिज्ञों, परामर्शदाताओं, यूटिलिटी, सूचना केन्द्रों आदि (विस्तार में सूचना उपलब्ध कराएँ) सहित एक स्थानीय विशेषज्ञ दल की स्थापना और उसकी सहायता की जा सकती है।
प्रस्ताव करने वाली एंजेंसी द्वारा अंशदान की जाने वाली धनराशि।
.. की ओर से हम नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के सौर शहर कार्यक्रम में सम्मिलित होने की अपनी रुचि अभीव्यक्त करते हैं।
एक आम आदमी इससे कैसे लाभवंतीत हो सकता है। |
उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा किया। महंगाई पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया।
विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव रखते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश ने कहा कि महंगाई चरम पर है। मध्यम वर्ग, किसान, ट्रांसपोर्टर और मध्यम व्यापारी कराह रहा है। सरकार चुप्पी साधे बैठी है। बाजार में कच्चे तेल की कीमत ७३ डालर प्रति बैरल है। सरकार बनने के बाद पेट्रोल-डीजल की एक्साइटज ड्यूटी में १२ बार वृद्धि हो चुकी है। सरकार का पेट्रोल और डीजल पर नियंत्रण खत्म हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि वर्ष २०१४ के लोकसभा चुनाव और फिर २०१७ में विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और भाजपा के शीर्ष केंद्रीय नेताओं ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को मुद्दा बनाया था, लेकिन केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारें बनने के बाद कीमतें घटाने से आंखें चुराई जा रही हैं।
विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि जनता को राहत देने के लिए सरकार को पेट्रोल-डीजल पर कर कम किया जाना चाहिए। वित्त, विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि राज्य सरकार ने बीते वर्ष ही पेट्रोल पर लिया जाने वाला पांच फीसद सेस माफ किया जा चुका है। महंगाई काबू में है। उन्होंने बताया कि देहरादून में केंद्र की पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर ७४.९४ रुपये और डीजल की कीमत प्रति लीटर ६१.२१ रुपये थी। वर्तमान एनडीए सरकार के कार्यकाल में उक्त कीमत में प्रति लीटर क्रमश: ४.४0 रुपये और ६.४४ रुपये का इजाफा हुआ है। उन्होंने दालों और तेल की कीमतें पेश करते हुए महंगाई बढऩे के आरोप नकार दिए। मंत्री के जवाब से खफा विपक्षी विधायक सदन से वॉकआउट कर गए।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश ने मंगलवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही महंगाई के मुद्दे पर नियम-३१० के तहत काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की। पीठ ने इसे अस्वीकार कर दिया। बाद में इस प्रस्ताव को नियम-५८ में कार्य स्थगन प्रस्ताव के रूप में चर्चा के लिए स्वीकार किया गया। हालांकि, नियम-३१० में कांग्रेस के ११ विधायकों के हस्ताक्षरयुक्त प्रस्ताव को कार्य स्थगन के तहत स्वीकार करने पर विधायी एवं संसदीय मंत्री प्रकाश पंत ने आपत्ति की। उन्होंने कहा कि कार्य स्थगन प्रस्ताव पर मामले को सुने जाने पर विपक्षी विधायक एक से अधिक मामलों में कार्य स्थगन पर चर्चा नहीं कर सकेंगे। इसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक भी हुई। पीठ के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ। |
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन का फाइनल ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है। ड्राफ्ट जारी करते हुए रजिस्ट्रार जनरल शैलेश बोले कि आज असम के लोगों के लिए महत्वपूर्ण दिन है। उन्होंने बताया कि ३, २९,९१,३80 लोगों ने किया था, आवेदन जिनमें से २,८९,३8, ६७७ को नागरिकता के लिए योग्य पाया गया है। बता दें कि इसमें उन सभी भारतीय नागरिकों को शामिल किया गया है, जो राज्य में २5 मार्च, १९७१ के पहले से निवास करते थे।
सभी आवेदक ३० जुलाई से २८ सितंबर तक १० बजे से लेकर ४ बजे तक सेवा केंद्रों पर जाकर अपना नाम देख सकते हैं। इसके अलावा असम से टोल फ्री नंबर-15१०7 के माध्यम से और असम के बाहर से 18003४53762 के माध्यम से अपना नाम देख सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें २१ अंकों की आवेदक संख्या बतानी होगी। इतना ही न्र्च की वेबसाइट और एसएमएस के माध्यम से भी अपना नाम रजिस्टर में है या नहीं यह जान सकेंगे। |
शशिकांत तिवारी/भोपाल। अगर आप चाय की थैली (टी-बैग) से चाय पीने के शौकीन हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। थैली में लगी पिन अब आपके लिए किसी तरह का खतरा नहीं बनेगी। थैली को स्टेपल करने की जगह उसे चिपकाकर बंद किया जाएगा। खाने-पीने की दूसरी चीजों के पैकेट्स की पैकिंग भी इसी तरीके से की जाएगी। फूड सेफ्टी एवं स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने इस संबंध में सभी राज्यों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को पत्र लिखकर इस पर रोक लगाने को कहा है। हालांकि, अभी इस पर सख्ती नहीं की जाएगी। निर्माताओं को पहले स्टेपल करने को लेकर जागरूक किया जाएगा।
स्टेपल पिन से खान-पान की चीजों की सही तरीके से पैकिंग नहीं हो पाती। ऐसे में चीजों में नमी पहुंचने से उनके खराब होने का डर रहता है। स्टेपल पिन पर जंग लगने से रोगाणु जन्म लेते हैं। पिन निकलकर गले में फंसने का डर भी रहता है। अस्पतालों में इस तरह के केस भी आ चुके हैं। कुछ पैकिंग पेपर में एपीक्लोरो हाइड्रीन होता है, जो नुकसानदेह है। |
फरीदाबाद, १४ सितम्बर जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा विद्यार्थियों के लिए आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित कैमिस्ट्री की नई तीन प्रयोगशाला विकसित की गई है। इन प्रयोगशालाओं का उद्घाटन कुलपति प्रो. दिनेश कुमार द्वारा किया गया। नई प्रयोगशालाओं का लाभ कैमिस्ट्री में एमएससी व बीएससी आॅनर्स कर रहे विद्यार्थियों को होगा।
इस अवसर पर विज्ञान एवं मानविकी संकायाध्यक्ष डाॅ. राज कुमार तथा कैमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष डाॅ. आशुतोष दीक्षित भी उपस्थित थे। विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में नये कैमिस्ट्री विभाग का गठन किया गया है जोकि पहले विज्ञान एवं मानविकी का हिस्सा था। विश्वविद्यालय द्वारा मौजूदा शैक्षणिक सत्र से कैमिस्ट्री में बीएससी आॅनर्स भी शुरू की गई है।
इस अवसर पर कुलपति ने काफी कम समय में नई आधुनिक प्रयोगशाला विकसित करने पर विभाग के शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय द्वारा रसायन विज्ञान तथा संबद्ध क्षेत्र में सार्थक तथा नवीन प्रयोग करने के लिए जरूरी उपकरणों को उपलब्ध करवाया जायेगा। उन्होंने विद्यार्थियों को रसायन विज्ञान की प्रयोगशाला में काम करने के लिए जरूरी सभी सुरक्षा दिशानिर्देशों जानने की आवश्यकता पर बल दिया क्योंकि रसायन विज्ञान की प्रयोगशाला में रसायनों के रिसाव से संबंधित कई खतरे होते है। उन्होंने निर्देश दिये कि विद्यार्थियों को प्रत्येक प्रयोग से पूर्व सुरक्षा जानकारी तथा काम करने के दिशानिर्देश उपलब्ध करवाये जाये।
प्रयोगशाला प्रभारी डाॅ. सीता राम ने बताया कि प्रयोगशाला को विद्यार्थियों की जरूरत को पूरा करने के दृष्टिगत नवीनतम माॅड्यूलर प्रकार वाले तथा सभी जरूरी उपकरणों को मुहैया करवाया गया है। इसके अलावा, प्रयोगशाला में प्रयोग करने में विद्यार्थियों के सहयोग के लिए लैब अटेंडेंट भी नियुक्त किये गये है। |
लड़की वाले पप्पू को देखने आए और कहा. . . . लड़के को रहने दो, लड़के का मोबाइल दिखा दो।
लड़की को देखने आई हिंदी प्रेमी सास बोली- मैं हिंदी सुनकर ही ये तय करूंगी, कि तुम मेरी बहु बनने लायक हो या नहीं तुम्हारी शैक्षणिक योग्यता क्या है?? लड़की: नेत्र नेत्र चाय सास: क्या मतलब? लड़की: आई आई टी!!
लड़की वाले: हमें ऐसा लड़का चाहिए जो, कुछ खाता पीता ना हो और कुछ गलत काम ना करता हो।। पंडित जी: फिर तो आपको ऐसा लड़का, अस्पताल के इक्यू वार्ड में मिलेगा।।
बीवी से लड़ाई बराबरी पर थी.. और बीवी ने अचानक आंसुओं की बारिश शुरू कर दी.. डक वर्थ लूइस लागू हुआ और पति हार गया!!
सोनू खाली पेपर को बार-बार चूम रहा था। मोनू ये क्या है? सोनू लव लेटर है। मोनू मगर ये तो खाली है। सोनू आज कल बोलचाल बंद है।
बबलू संटू से- भाई, शादी में दुल्हन को घूंघट में क्यों रखा जाता है? . . संटू- वो इसलिए कि कोई शादी में शराब पी कर ये न कह दे के ये तो मेरी गर्लफ्रेंड थी।
बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड साथ में खाना खा रहे थे बॉयफ्रेंड: सुनो जरा गर्लफ्रेंड: चुप रहो, खाते टाइम बात नहीं करते हैं। बॉयफ्रेंड: ठीक है। गर्लफ्रेंड (खाने के बाद): अब बोलो। बॉयफ्रेंड: तुम्हारी प्लेट में कॉकरोच था, अब और बनो मैडम।
रमेश और सुरेश दोनों भाई एक ही क्लास में पढ़ते थे। अध्यापिका: तुम दोनों ने अपने पापा का नाम अलग-अलग क्यों लिखा? रमेश: मैडम फिर आप कहोगे नकल मारी है, इसीलिए। |
आधार कार्ड भारत में रहने वाले लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है। प्रत्येक मामले में, जीवन निर्भर हो रहा है। अलग-अलग जानकारी (लागू / नामांकन) लागू करने के बाद यूआईडीएआई फाक को ७ दिन तक का समय लग सकता है। आधार स्थिति को उईदाई की वेबसाइट से देखा जा सकता है। आपको सबसे पहले पर जाना होगा। अब तक, आधार कार्ड अपडेट के लिए शुल्क या भुगतान करने की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन अब से आपको ऑनलाइन पैसे के लिए ऐसा करना होगा।
नाम बदलें अगर आप आधार कार्ड पर अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल और बायोमेट्रिक बदलना चाहते हैं, तो इसकी कीमत ५० रुपये होगी।
कलर प्रिंट आउट इकिक, आधार सर्च / आधार / या अन्य विषयों का पता लगाएं और यदि आप आ४ आकार का कलर प्रिंट चाहते हैं तो इसकी कीमत ३० रुपये होगी।
आधार अनुलग्नक के मामले में आपसे आधार संलग्नक के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसलिए अगर आपको पहली बार आधार कार्ड मिलता है, तो कोई शुल्क नहीं है। यह पूरी तरह से स्वतंत्र है। |
९ तारीख को हुए विधानसभा उपचुनाव और फिर १३ अप्रैल को आए इसके नतीजे को भले ही राष्ट्रीय मीडिया ने वैसा महत्व नहीं दिया।
९ तारीख को हुए विधानसभा उपचुनाव और फिर १३ अप्रैल को आए इसके नतीजे को भले ही राष्ट्रीय मीडिया ने वैसा महत्व नहीं दिया। पर कई मायने में यह सीट खास है। दिल्ली में भाजपा की जीत का तो ढिंढोरा पीटा जा रहा है। मगर लिट्टीपाड़ा में भाजपा की हार का और झारखंड मुक्ति मोर्चा की जीत का वैसा जिक्र नहीं है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का यहां आना भी असरदार साबित नहीं हुआ। झारखंड के देसम गुरु शिबू सोरेन को आज भी इन इलाकों में कम करके आंकना बेबकूफी साबित हुई। संथाली इन्हें इसी नाम से पुकारते है।
लेकिन लिट्टीपाड़ा में इस बात की चर्चा जाहिर करती है कि भाजपा को छोटानागपुर और संथालपरगना टेनेंसी एक्ट्स में संशोधन और आपसी फूट ले डूबी। यह पराजय झारखंड में विरोधी दलों की ताकत बढ़ाने में ऊर्जा का काम करेगा।
यों बीते चुनाव पर नजर डालने पर पता चलता है कि लिट्टीपाड़ा सीट झामुमो के कब्जे में रही है। २००५ में झामुमो की सुशील हांसदा २९६६१ वोट पाकर जीत हासिल की थी। भाजपा के सोम मरांडी २२४६४ मत लाकर पराजित हुए थे। २००९ में झामुमो के साइमन मरांडी को २९८७५ मत मिले। तो कांग्रेस के अनिल मुर्मू को २४४७८ वोट मिले और हारे। २०१४ में साइमन मरांडी ने भाजपा का दामन थाम चुनाव लड़े और हारे। इन्हें ४२१११ वोट मिले। अनिल मुर्मू ने भी कांग्रेस का पंजा छोड़ झामुमो का तीर धनुष पकड़ा और ६७१९४ मत हासिल कर विजय हुए। अबकी उपचुनाव में साइमन मरांडी ने झामुमो की टिकट पर चुनाव लड़ करीब ६५ हजार वोट हासिल कर जीते। इनके प्रतिद्वंदी भाजपा के हेमलाल मुर्मू को ५२ हजार से ज्यादा वोट मिले। मसलन १३ हजार वोटों से हारे।
झामुमो के साइमन मरांडी की जीत कई मायने में खास है। अव्वल तो झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। लुईस मरांडी समेत आधा दर्जन मंत्री यहां कई रोज से जमे थे। और तो और खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास एक हफ्ता तक लगातार यहां डेरा डाले थे। इतना ही नहीं चुनाव से ठीक तीन रोज पहले ६ अप्रैल को साहेबगंज में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनसभा कर २००० करोड़ की लागत से बनने वाले साहेबगंज मनिहारी गंगा नदी पुल का शिलान्यास किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे।
यहां यह बताना जरूरी है कि लिट्टीपाड़ा साहेबगज जिले और राजमहल लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। जाहिर है ९ अप्रैल के उपचुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री का कार्यक्रम ६ अप्रैल को आने का तय हुआ। मगर लोकलुभावन भाषण का जादू भी यहां चल नहीं पाया। रामलाल सोरेन, रामजी मुर्मू सरीखों से बातचीत करने पर पता चला कि लिट्टीपाड़ा समेत संथालपरगना इलाके की एक लाख महिलाओ को स्मार्ट फोन और नवगठित पहाड़िया बटालियन के एक हजार युवकों को बहाली पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। चुनाव अभियान की बागडोर खुद मुख्यमंत्री रघुबर दास अपने हाथों में रखे थे। उनके तमाम तरकश के तीर भोथरे साबित हुए।
लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत आदिवासी बहुल और बहुत ही पिछड़ा और गरीबी वाला है। साहेबगज तो झारखंड का मरता हुआ शहर है।यहां से रेलवे का लोको मालदा शिफ्ट कर दिया था। इसके बाद से तो यहां से लोगों का पलायन तेजी से हुआ। इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं है। सभी ने यहां के मतदाताओं का राजनैतिक दोहन किया है। अपने राजनैतिक अनुभव के कारण शिबू सोरेन ने आदिवासियों को अपनी जमीन की अहमियत का एहसास कराया और कहा कि भाजपा एक दफा फिर महाजनी प्रथा लाना चाहती है। जिसे हम हरगिज नहीं होने देंगे। उनका यह नारा आदिवासियों के बीच काम कर गया।असल में संथाल आवादी की नजर में जमीन और माटी से बढ़कर किसी चीज की अहमियत नहीं है। नरेंद्र मोदी का फोकस पहाड़िया जनजाति पर था। शिबू सोरेन बगैर किसी शगूफे और कोई आश्वासन के अपना इलाका बचा लिया और गढ़ जीत लिया।
भाजपा की आपसी फूट भी हार की वजह बताई जा रही है। बगल का गोड्डा संसदीय क्षेत्र पर भाजपा का कब्जा है। निशिकांत दुबे यहां से लोकप्रिय सांसद है। इलाके पर इनकी खासी पकड़ है। फिर भी इनको प्रचार से दूर रखा गया। यह सलाह चुनाव अभियान के कमांडर मुख्यमंत्री को किसने दी यह समझ से परे है। इनको इस काम में लगाया जाता तो भाजपा को फायदा हो सकता था।
एक बात साफ है कि झामुमो का गढ़ ध्वस्त करने के लिए झारखंड सरकार को साहेबगज इलाके में रोजगारन्मुख कार्यक्रम चलाने होंगे। वह भी तरीके और तेजी से। ऐसा साहेबगंज के पत्रकार अभिजीत बोलते है। इसके अलावे छोटानागपुर और संथालपरगना टेनेंसी कानून का संशोधन भी रघुबर दास सरकार की गले की हड्डी बन सकता है। और इस अहम मुद्दे को लेकर इस उपचुनाव में हुई भाजपा की हार कहीं विरोधी दलों को मजबूत आंदोलन खड़ा करने का मौका दे सकता है। यह खतरा भी पैदा हो गया है। |
भूमिशोधक ह्यूमिक आधारित, मिट्टी का ह्यूमस व कार्बन स्तर सुधारने, मिट्टी की उर्वरता का कायाकल्प करने तथा फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिये प्रभावी ऑर्गेनिक उत्पाद है। भूमिशोधक सरलता से घुलनशील होने के कारण उर्वरकों के साथ एक सफल सलंयक है, जो यूरिया (नाइट्रोजन) व अन्य पोषक तत्वों को स्थिर करने और भारी धातुओं को चेलेट/बफर करने के लिए विशेष रुप से महत्वपूर्ण है।
प्रयोग की मात्रा व विधिः भूमिशोधक ५ से १० किग्रा प्रति एकड़ की दर से बुवाई/रोपण के समय, अथवा पहली सिंचाई से पहले मिट्टी, खाद, कम्पोस्ट या उर्वरक में मिलाकर।
लाभः १. भूमिशोधक मिट्टी में ह्यूमस स्तर के सुधार व निर्माण के लिए एक प्रभावी कार्बनिक उत्पाद है। भूमिशोधक प्राचीन पौधों/ खनिजों का निस्सारित हिस्सा है जिसमे उच्च मात्रा में खनिज व पोषकीय तत्व विद्यमान हैं। २. भूमिशोधक धीमी गति से रिलीज होने वाले ह्यूमिक एसिड एवं पोषक तत्वों के अनेक लाभ प्रदान करता है। ३. भूमिशोधक फसलचक्र के दौरान पोषक तत्वों को स्थिर करने व पौधों को समुचित पोषक तत्व उपलब्ध कराने में मदद करता है। ४. भूमिशोधक प्रारम्भिक चरणों में वनस्पति विकास को गति देता है और जड़ों द्वारा पोषण ग्रहण करने में सहायता करता है। ५. भूमिशोधक एक अत्यन्त प्रभावी मृदाशोधक है जो लाभकारी बैक्टीरिया को बढ़ावा देकर मिट्टी में वांछित मृदा विन्यास निर्मित करता है। ६. भूमिशोधक मिट्टी में जहरीले और रासायनिक उर्वरकों के अवशेषों को चेलेट करके मृदा प्रदूषण और विषाक्तता को कम करता है। यह मिट्टी में जहरीले अवशेषों को अपघटित कर देता है। ७. भूमिशोधक अनुकूल मृदा पर्यावरण प्रदान करके केचुओं की संख्या में वृद्धि और उनके कामकाज को बढ़ावा देता है। ८. भूमिशोधक मिट्टी में ऑक्सीजन संचरण और कार्बन के स्तर में सुधार, रसायन संतुलन तथा कार्बन नाइट्रोजन अनुपात (च:न रेतियो) को नियमित करता है। ९. भूमिशोधक मिट्टी को ढीली, भुरभुरी, नम और उपजाऊ बनाता है। १0. भूमिशोधक बेहतर जड़ विकास और पोषक तत्वों को बढ़ावा देता है। ११. भूमिशोधक पौधों की जड़ों द्वारा उर्वरकों के अवशोषण के लिए तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। १२. भूमिशोधक फसल की पैदावार, उपज की गुणवत्ता व स्वाद को बढ़ाता है, मिट्टी में स्वपोषी प्राकृतिक उर्वरता प्रणाली पुनः स्थापित करता है। १३. भूमिशोधक सूखा/ठंड की स्थिति में प्रतिरोध प्रदान करता है और फसलों में प्रतिकूल परिस्थितिरोधी क्षमता विकसित करता है, फसलों को सूखे और पाले से बचाता है। १४. भूमिशोधक एक शक्तिशाली लाभकारी बैक्टीरिया प्रमोटर है, कृत्रिम उर्वरक प्रयोग से मिट्टी में लाभप्रद बैक्टीरिया/कवक नष्ट हो गये हैं जिनकी संख्या बढ़ाने में यह बहुत प्रभावी है। १५. भूमिशोधक नाइट्रोजन स्थिरीकरण और नाइट्रोजन दक्षता/ प्रभाव में सुधार करता है। (यूरिया के साथ एक आदर्श योजक के रुप में उसके प्रभाव को बढ़ाता है)। १६. भूमिशोधक पोषक तत्वों के अवशोषण को बढाने में मदद करने के लिए एक उत्प्रेरक और प्राकृतिक चेलेटिंग एजेंट है। १७. भूमिशोधक पौधों के तेज विकास के लिए मिट्टी में लॉक-अप से फॉस्फेट मुक्त करता है। १८. भूमिशोधक मिट्टी में अपशिष्ट तत्वों (विशेषकर सोडियम), जहरीले रसायनों और भारी धातुओ को बफर/अवशोषित/अपघटित करता है। १९. भूमिशोधक पीएच मान से संबंधित समस्याओं को बेअसर/नियोजित करने में मदद करता है तथा पीएच मान नियमित तथा पीएच बफरिंग क्षमता को नियंत्रित करता है। २0. भूमिशोधक मिट्टी को उपजाऊ, नम, मुलायम, भुरभुरा और पोषक तत्वो से परिपूर्ण करता है, कार्बन सामग्री में सुधार करता है और मिट्टी में आक्सीजन संचार को बढ़ाता है। २१. भूमिशोधक जड़ों के विकास के लिए मृदा संरचना में सुधार करता है तथा जल और आक्सीजन संचार को बढ़ावा देता है। २२. भूमिशोधक फूलों में अर्क/इत्र तथा मेन्था में तेल की मात्रा में वृद्धि करता है। २३. भूमिशोधक पत्तियों में क्लोरोफिल की मात्रा बढ़ाकर प्रकाश संश्लेषण को गति देता है और पौधों के उपापचय को तेज करता है। पुष्पन एवं फलन में सुधार करता है। २४. भूमिशोधक मिट्टी की जल अवधारण क्षमता को बढ़ाता है। २५. भूमिशोधक पोषक तत्वों की एक विस्तृत श्रंखला एवं कार्बनयुक्त नमी प्रतिधारण क्षमता में सुधार करने वाला बहुत उच्चचेतन एक्सचेंज क्षमता (हाई केशन एक्स्चंगे कपासिटी) वाला सूक्ष्मजीवों के अनुकूल प्लांट इलेक्ट्रॉलीटे है। |
फीरोजाबाद। दवा व्यवसाय में फार्मासिस्ट की नीति लागू करने के संबंध में दी केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने डीएम को ज्ञापन सौंप आदेश को रद्द करने को कहा है।
दी केमिस्ट ड्रगिस्ट एसोसियेशन ने सोमवार को जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि प्रदेश सरकार ने फार्मासिस्टों को दुकान पर बैठने का आदेश जो बनाया है वह गलत है। एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष देवेंद्र पचौरी ने कहा जो एक्ट लगाया गया है। वह गलत है। प्रदेश में ८० हजार रिटेल की दुकानें हैं जबकि २५ हजार फार्मासिस्ट ही मौजूद हैं। जिसके कारण वह दुकान पर बैठ ही नहीं सकते है। जबकि इसके विपरीत डीआईओ के यहां से नये लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया जोरों से चल रही है। वह नवीन लाइसेंस किस आधार पर बनाये जा रहे हैं, इसकी स्थिति साफ की जाये। डीएम ने ज्ञापन लेकर दवा विक्रेताओं से कहा कि उनकी मांगों को सीएम तक पहुंचा दिया जायेगा। इस मौके पर कोषाध्यक्ष अरुण जैन, महामंत्री गिरीश चंद्र अग्रवाल, राजेंद्र कुमार शर्मा, विजेंद्र यादव आदि मौजूद थे। |
भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें अब बॉक्सिंग डे टेस्ट में आमने सामने होंगी।
बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के तीसरे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया को बुधवार को मेलबर्न के ग्राउंड पर उतरना है। पर्थ में जीत के बाद पहले ही ऑस्ट्रेलियाई टीम के हौसले बुलंद हैं। वहीं, दूसरी ओर टीम इंडिया सलामी बल्लेबाजी से लेकर कई अन्य समस्याओं से जूझ रही है। भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया में जीत के लिए तीन गुरुमंत्र दिए हैं।
सलामी बल्लेबाजी की समस्या से निजात पाने के लिए मंगलवार को टीम इंडिया ने मयंक अग्रवाल को बॉक्सिंग डे टेस्ट में मौका देने का निर्णय लिया है। बार-बार रन बनाने में फेल हो रहे मुरली विजय और केएल राहुल को तीसरे टेस्ट से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। मेलबर्न टेस्ट में सलामी बल्लेबाज के रूप में मयंक अग्रवाल का साथ मिडल ऑर्डर के बल्लेबाज हनुमा विहारी निभाते नजर आ सकते हैं।
वीवीएस लक्ष्मण का मानना है कि कुछ समय टेस्ट क्रिकेट से दूर रहने से केएल राहुल को काफी फायदा होगा। मुझे लगता है कि उसमें आत्मविश्वास की काफी कमी है। वो बार-बार एक जैसे तरीकों से आउट हो रहा है। उसे खुद को तरोताजा करने और अपना आत्मविश्वास वापस पाने के लिए कुछ समय की जरूरत है।
विदेशी दौरों पर मिडल ऑर्डर का बार-बार फेल होना भी टीम इंडिया के लिए बड़ी समस्या है। मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान विराट ने इसपर कहा कि जितने रन हमारे बल्लेबाज बना रहे हैं उसमें गेंदबाज कुछ नहीं कर पाएंगे। उन्होंने बल्लेबाजों से अच्छा प्रदर्शन करने की अपील भी की।
एडिलेड और पर्थ टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाजों को जल्द आउट नहीं कर पाना भी टीम इंडिया की कमजोरी रहा है। इंग्लैंड दौरे पर भी टीम इंडिया इसी समस्या से जूझती नजर आई थी। |
भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि वह खुले दिमाग से महिलाओं को सेना में लड़ाकू भूमिका दिए जाने के मामले में विचार करेंगी। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सेना में महिलाओं को लड़ाकू भूमिका दिए जाने के मामले पर विचार करेंगी? उन्होंने कहा, "यह निश्चित ही ऐसा मामला है, जिसे मैं खुले दिमाग देखूंगी।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल में एक बार फिर विस्तार कर सकते हैं, क्योंकि छह और मंत्रियों को शामिल किए जाने की गुंजाइश अभी बाकी है। संवैधानिक सीमा लोकसभा में सत्ताधारी गठबंधन की घटक पार्टियों की कुल शक्ति का १५ फीसदी तय है, इस हिसाब से भी एक और विस्तार तो बनता है। मोदी मंत्रिमंडल में इस समय ७५ मंत्री हैं, जिनमें २७ कैबिनेट मंत्री, ११ स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री और ३७ राज्यमंत्री। संवैधानिक सीमा कुल ८१ मंत्री रखने की इजाजत देती है।
भारत ने रविवार को उत्तर कोरिया की ओर से किए गए परमाणु परीक्षण की निदा की और कहा कि इस परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया ने एक बार फिर कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निशस्त्रीकरण की अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया है। भारत ने उत्तर कोरिया से ऐसे कार्यो से दूर रहने का भी आह्वान किया, जिससे क्षेत्र और क्षेत्र से बाहर शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचता है।
आरबीआई ने पिछले हफ्ते २०० रुपये के नोट जारी किए थे। लेकिन इसे अभी एटीएम के जरएि लोगों तक पहुंचने में दो-तीन माह का वक्त लग सकता है। इसके जरिए एटीएम को पहले उपयुक्त बनाया जाएगा। कुछ बैंकों ने एटीएम कंपनियों से कह भी दिया है कि वे मशीनों को उसके उपयुक्त बनाने के लिए नए नोट का परीक्षण शुरू कर दें। यद्यपि बैंकों को नए नोट की आपूर्ति नहीं हुई है। पिछले साल नवंबर में की गई नोटबंदी के बाद बैंकों ने एटीएम मशीनों को नए नोटों के उपयुक्त कराया था।
चीन ने सोमवार को ब्रिक्स देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग व आदान-प्रदान के लिए ५० करोड़ युआन (७.६ करोड़ डॉलर) देने की घोषणा की। चीन ने यह भी कहा कि वह 'न्यू डेवलपमेंट बैंक' को ४० लाख डॉलर आवंटित करेगा। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नौवें ब्रिक्स सम्मलेन के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा, "मैं यह घोषणा करना चाहता हूं कि चीन ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका) देशों के लिए आर्थिक और तकनीकी सहयोग की योजना के पहले चरण के लिए ५० करोड़ युआन का योगदान देना चाहता है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय मुलाकात से पहले मंगलवार को शिएमेन में हो रहे ब्रिक्स सम्मेनल से इतर भारत ने संकेत दिए हैं कि वह विवादित डोकलाम मुद्दे को दफन कर उससे आगे बढ़ना चाहता है। डोकलाम विवाद की वजह से भारत और चीन के बीच लगभग दो महीने तक गतिरोध था। सूत्र के मुताबिक, "हम भविष्य में सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए डोकलाम मुद्दे को दफन करना चाहते हैं।"
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने २४ सितंबर को होने वाले आम चुनाव से पहले अपने प्रतिद्वंद्वी मार्टिन स्क्लज को हराकर चुनाव पूर्व टेलीविजन बहस जीत ली। देश के दो सरकारी चैनलों द्वारा रविवार को किए गए सर्वेक्षणों के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल ५५ फीसदी लोगों को मर्केल अधिक विश्वसनीय लगी जबकि ३५ फीसदी लोगों ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) के स्कलज का समर्थन किया।
भारतीय खेल जगत ने रविवार को एथेंस ओलम्पिक-२००४ में भारत को निशानेबाजी में रजत पदक दिलाने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौर को खेल मंत्री बनाए जाने का स्वागत किया है। राजस्थान से आने वाले राठौर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सासंद हैं और वह पूर्व खेल मंत्री विजय गोयल का स्थान लेंगे जिन्हें रविवार को कैबिनेट विस्तार में संसदीय कार्य, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय मिला है।
मौजूदा दौर के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाने वाले भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने रविवार को श्रीलंका के खिलाफ खेले गए पांच वनडे मैचों की सीरीज के आखिरी मैच में आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज रिकी पोंटिंग की बराबरी कर ली है।
पहलवान सतीश कुमार को १५ साल के न्यायिक संघर्ष के बाद आखिरकार दिल्ली की एक अदालत से न्याय मिल ही गया। एक गलतफहमी के कारण उन्हें २००२ के एशियाई खेलों में भाग नहीं देने पर अदालत ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को उन्हें (पहलवान सतीश को) २५ लाख रुपये का मुआवदा देने का आदेश दिया। भारतीय कुश्ती महासंघ ने गलतफहमी के कारण पहलवान सतीश को कथित प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के आरोपों के तहत २००२ में १४वें एशियाई खेलों में भाग लेने से रोक दिया था। |
बनबसा। शारदा नदी का जलस्तर कम होने के साथ ही बैराज से वाहनों का संचालन शुरू हो गया। बैराज से रेडअलर्ट हटने से यात्रियों एवं मजदूरों ने राहत की सांस ली। सोमवार को शारदा नदी का जलस्तर एक लाख क्यूसेक से अधिक होने से दोपहर बाद पूरे दिन बैराज सेे वाहनों का संचालन ठप रहा।
पहाड़ों में हुई वर्षा के बाद सोमवार को शारदा नदी का जलस्तर एक लाख क्यूसेक से बढ़ गया, जिस कारण बैराज पर रेड अलर्ट कर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। सोमवार को नदी में सर्वाधिक १ लाख २४ हजार ९५३ क्यूसेक पानी प्रवाहित हुआ। सोमवार दोपहर बाद १२ से २ तथा सायं ६ से ७ बजे वाहनों के लिए खुलने वाले गेट नहीं खोले गए। बैराज से वाहनों के संचालन न हो पाने से दैनिक मजदूरों एवं भारत-नेपाल को आवागमन करने वाले यात्रियों एवं रिक्शा-तांगा चालक खासे प्रभावित रहे। शारदा हेडवर्क्स के बैराज अटैंडैंट जगदीश श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार की रात्रि २ बजे बाद नदी का जलस्तर १ लाख क्यूसेक से कम होना शुरू हुआ जो मंगलवार को दोपहर १२ बजे 95१8७ क्यूसेक रह गया। नदी का जलस्तर एक लाख क्यूसेक से कम होने के साथ ही बैराज से वाहनों का संचालन शुरू हो गया, जिससे भारत-नेपाल के बीच आवाजाही करने वालों ने राहत की सांस ली। |
दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में यूजी-पीजी और एमफिल-पीएचडी में एडमिशन के लिए आवेदन करने से वंचित रह गए स्टूडेंट्स के लिए अभी मौका बाकी है। यूनिवर्सिटी ने आवेदन करने की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया है। अब उम्मीदवार १८ जुलाई शनिवार शाम पांच बजे तक डीयू में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। डीयू ने एडमिशन के लिए २० जून से एप्लिकेशन प्रोसेस शुरू हुआ था।
इस बार कोरोना के चलते नए सत्र के लिए आवेदन प्रक्रिया देर से शुरू हुई। इसी वजह से आवेदन की तारीख बढ़ाए जाने की मांग की जा रही थी। स्टूडेंट्स की ओर से की जा रही मांग को अब यूनिवर्सिटी ने पूरा कर दिया है। जिसके बाद अब डीयू में एडमिशन लेने के इच्छुक उम्मीदवार १८ जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। एडमिशन पोर्टल पर लोड बढ़ने से वेबसाइट के स्लो या क्रैश होने जैसी स्थिति से बचने के लिए स्टूडेंट्स बिना देरी किए आवेदन करें।
वहीं, दूसरी ओर शुक्रवार शाम तक डीयू में यूजी कोर्सेस की सीटों के लिए २,9२,१८७ रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं, जबकि १,६८,७८८ छात्रों ने एप्ल्केशन फीस के साथ फॉर्म जमा कर दिया है। इसके अलावा पीजी स्तर के लिए कुल १,१0,२0२ रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं, जिसमें से ७०,६५५ ने आवेदन शुल्क देकर फॉर्म जमा कर दिए हैं। इसी तरह से एमफिल-पीएचडी के लिए १8,४०७ रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। इनमें से 6१0१ ने आवेदन शुल्क देकर फॉर्म जमा करा दिया। |
पूर्व स्वीडिश स्ट्राइकर ज़्लाटान इब्राहिमोविच एक मिलान के प्रपोजल को स्वीकार कर इटली लौटने के काफी करीब पहुंच गए हैं। इटैलियन अखबार ला गैज़ेट्टा डेल्लो स्पोर्ट के मुताबिक इब्रा ने टर्म्स पर सहमति बना ली है जिसके मुताबिक जनवरी में वह सैन सिरो में होंगे।
पूर्व मैनचेस्टर यूनाइटेड और इंटर मिलान स्टार को छह महीने की डील ऑफर की गई है। कहा जा रहा है कि इसमें ज़्लाटन के अपनी गैलेक्सी डील के आखिरी छह महीनों में पहुंचने पर यानि कि जून २०२० और दिसंबर २०२० से पहले पहले उन्हें मिलान में एक साल का एक्सटेंशन भी मिलेगा।
इटैलियन अख़बार का यह भी कहना है कि डील के आगे बढ़ने से पहले इब्रा एक मिलान के स्पोर्टिंग डायरेक्टर लियोनार्डो अराहुओ के रिस्पॉन्स का वेट कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों ही पार्टियां इस डील के फेवर में हैं और चाहती हैं कि यह डील पूरी हो।
स्पोर्टबाइबल ने कल रिपोर्ट किया था कि मिलान ने इब्राहिमोविच को दोबारा से साइन करने के लिए एक अहम प्रोसेस बनाया है। मिलान न्यूज़ के मुताबिक एंटोनियो विटीयो और पूर्व बार्सिलोना प्लेयर इब्रा के एजेंट मिनो राइओला ने क्लब के हेडक्वॉर्टर में मीटिंग की थी जो कि चार घंटे तक चली थी।
कहा जा रहा है कि ला गैलेक्सी के स्टार स्ट्राइकर इस बातचीत का अहम हिस्सा थे। बता दें कि इब्राहिमोविच के साथ-साथ चेल्सी मिडफील्डर सेस्क फैब्रेगास भी एक मिलान बॉस जेन्नारो गत्तूसो के लिए एक टार्गेट के रूप में उभरकर सामने आए हैं। |
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बरगाड़ी बेअदबी केस सी.बी.आई. से वापस लेने संबंधी संवेदनशील मामले में कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा की ओर से एडवोकेट जनरल (ए.जी.) कार्यालय पर राज्य सरकार और विधानसभा को गुमराह करने के लगाए गए आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
इस बारे में कैप्टन सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ऐसा लगता है कि या तो बाजवा इस मामले से अनजान है या फिर जानबूझ कर शरारत की गई है। सी.बी.आई. केस वापस लेने के मामले में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फैसला पिछले साल विधानसभ सत्र के दौरान सदन ने सर्वसम्मति से लिया था जो मैरिट के आधार पर तथा एडवोकेट जनरल कार्यालय की सिफारशों के अनुसार था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय एजेंसी से केस वापस लेने सम्बन्धी प्रस्ताव सदन में लाने से पहले ए.जी. कार्यालय की सलाह मांगी थी। ए.जी. की सिफारशें या रिपोर्ट को सदन में पेश नहीं किया गया था बल्कि इस मामले में सहमति के आधार पर फैसला लिया गया था।
बाजवा को इसका कोई ज्ञान या जानकारी नहीं। इसलिए उनके आरोप निराधार तथा बेबुनियाद हैं। कैप्टन सिंह ने कहा कि बाजवा ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले की जांच की जरूरत नहीं समझी जबकि सी.बी.आई. से केस वापस लेने संबंधी राज्य सरकार के फैसले की कानूनी हैसियत को अदालत ने भी कायम रखा। उच्च न्यायालय ने २५ जनवरी, २०१८ को दिए फैसले में सी.बी.आई से जांच वापस लेने में राज्य सरकार की कार्यवाही की कानूनी हैसियत को कायम रखा था और एस.आई.टी. में भरोसा जाहिर किया था।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सी.बी.आई. ने इस फैसले को चुनौती नहीं दी। इस कारण इस कार्यवाही की कानूनी हैसियत के सम्बन्ध में अब कोई सवाल पैदा नहीं होता। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बेअदबी मामलों की जांच के लिए कायम की एस.आई.टी. के द्वारा इस मामले को कानूनी निष्कर्ष पर पहुंचाने और दोषियों के लिए सख्त कानूनी सजा यकीनी बनाने के लिए आगे ले जाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी टिप्पणियों से न्याय के हित प्रभावित होंगे। उन्होंने लोगों से ऐसी निराधार बयानबाजी नहीं करने का आग्रह किया। |
नयी दिल्ली, छठी वरीय भारत के सुमित नागल ने अपनी शानदार फार्म काे बरकरार रखते हुये बोसनिया और हेरजेगोविना के बांजा लुका में चल रहे ४८,६०० यूरो की ईनामी राशि वाले चैलेंजर टेनिस टूर्नामेंट के पुरूष एकल सेमीफाइनल में जगह बना ली है। यूएस ओपन-२०१९ में स्विस मास्टर रोजर फेडरर के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन दिखाने वाले नागल ने क्वार्टरफाइनल मैच में चौथी वरीय अर्जेंटीना के फेडेरिको कोरिया को लगातार सेटों में ६-२, ७-५ से पराजित किया।
नागल ने कोरिया के खिलाफ नौ ब्रेक अंकों में से पांच जीते जबकि विपक्षी खिलाड़ी ने पांच में से दो ब्रेक अंक जीते। हरियाणा के झज्जर के रहने वाले नागल अब सेमीफाइनल में पांचवीं वरीय स्लोवाकिया के फिलीप होरांस्की के खिलाफ खेलने उतरेंगे।
भारत के रामकुमार रामनाथन और उनके जोड़ीदार फ्रांस के ह्यूगो ग्रेनिएर को इस्तांबुल में चल रहे ८१,२४० डॉलर की ईनामी राशि वाले एटीपी चैलेंजर टेनिस टूर्नामेंट में कजाखिस्तान के आंद्रे गोलूबेव और एलेक्सांद्र नेदोविसोव की जोड़ी के हाथों पुरूष युगल सेमीफाइनल में ४-६, २-६ से ६5 मिनट चले मैच में लगातार सेटों में शिकस्त झेलनी पड़ी।
भारतीय-फ्रेंच जोड़ी ने १० में से छह ब्रेक अंक बचाये लेकिन एक को ही भुना सके। उन्हें सेमीफाइनल तक पहुंचने पर ३३ एटीपी अंक प्राप्त हुये और १६२० डॉलर की ईनामी राशि मिली। |
यह वक्त सिर्फ इरफान खान और उनके परिवार के लिए ही नहीं बल्कि उनके फैंस के लिए भी बहुत मुश्किल है। पिछले दो महीने से ब्रिटेन में एक्टर का इलाज चल रहा है। वह दुर्लभ बीमारी न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से जूझ रहे हैं। आखिरी बार उन्होंने मार्च में सोशल मीडिया के जरिए लोगों से बात की थी। इस बीच उनसे जुड़ी कोई खबर नहीं आई। अब, पूरे दो महीने के लंबे गैप के बाद, खुद एक्टर ने ट्विटर पर एक इमोशनल संदेश दिया है जिसे पढ़कर उनके फैंस भी भावुक हो रहे हैं।
फिल्म कारवां से मशहूर मलयालम एक्टर दलकीर सलमान बॉलीवुड में कदम रख रहे हैं। दलकीर ने ओके कनिमनी, चार्ली समेत कई हिट फिल्में दी हैं। मिथिला पालकर भी फिल्म कारवां से बॉलीवुड डेब्यू कर रही हैं। मिथिला ने वेब सीरीज लिटिल थिंग्स से लोकप्रियता हासिल की है। फिल्म कारवां से डायरेक्टर आकर्ष खुराना भी डेब्यू कर रहे हैं।
फिल्म कारवां तीन लोगों की कहानी है जो साथ में एक रोड ट्रिप पर निकलते हैं। फिल्म की शूटिंग केरल की खूबसूरत वादियों में की गई है। फिल्म को रॉनी स्क्रूवाला ने प्रोड्यूस किया है। यह १० अगस्त को रिलीज होगी। |
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मनातू (उमेश कुमार यादव) : इन दिनों दशहरा, दीपावली, गोवर्धन पूजा समेत कई महापर्व के अवसर पर पूजा कमेटी और ग्रामीणों द्वारा विभिन्न जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में कमेटी के लोग द्वारा अपने स्थानीय चहेते नेता को बुलाकर फिता कटवाने का सिलसिला लगा रहता है।
पलामू जिला के मनातू में फिता काटने को लेकर लोगों में खूब चर्चा का विषय बना हुआ है, ऐसा शुक्रवार को हुआ जब मीटार में पूजा कमिटी के लोगों ने पांकी विधायक देवेंद्र सिंह से फिता कटवा कार्यक्रम की शुरुवात की और कुछ ही देर में जब झामुमो नेता डॉ शशिभूषण मेहता पहुँचे तो तुरंत पूजा कमेटी वालों ने पुनः फीता बांधकर डॉ मेहता से भी फीता कटवाया।
उपस्थित लोगों में यह देख कौतुहल का माहौल बन गया, तरह तरह की चर्चाओं का माहौल भी गर्म हो गया।
पूजा कमेटी वालों ने भी सोच लिया कि जो जितना मदद का भरोसा दे उतना ही बार फिता कटवाएंगे। पूजा कमिटी के सदस्यों ने बताया कि हमारे गांव में मंदिर नहीं है, माननीय विधायक जी से हम लोग बड़ी उम्मीद है कि यहां मंदिर का निर्माण होगा, इसमें विधायक जी की सहमति भी मिल चुकी है। उधर कमिटी के लोगों ने डॉ मेहता से भी मदद की उम्मीद जतायी, बहरहाल चुनाव सर पर है और नेता और जनता दोनों एक दूसरे को भंजाने में लगे हैं। |
करीब १० साल पहले जब प्रदेश में सोलर से बिजली बनाने की शुरुआत हुई तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि यह रिकॉर्ड कायम कर देगा। पारंपरिक बिजली स्त्रोतों का विकल्प बन रहा अक्षय ऊर्जा स्त्रोत हर साल प्रगति कर रहा है।
अविनाश केवलिया/जोधपुर. करीब १० साल पहले जब प्रदेश में सोलर से बिजली बनाने की शुरुआत हुई तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि यह रिकॉर्ड कायम कर देगा। पारंपरिक बिजली स्त्रोतों का विकल्प बन रहा अक्षय ऊर्जा स्त्रोत हर साल प्रगति कर रहा है। खास बात यह कि राजस्थान में बनने वाली कुल बिजली का १५ से २० प्रतिशत अकेला सोलर ही जनरेट कर रहा है।
- १८९१३९ लाख यूनिट बिजली पूरे प्रदेश में बनी मई २०१९ तक।
- २३७२३ लाख यूनिट इसमें से सोलर एनर्जी है।
- १२ प्रतिशत से ज्यादा है यह आंकड़ा।
- २४ प्रतिशत से अधिक है यह कुल बिजली जनरेशन का।
प्रदेश में साल के शुरुआती पांच महीने में ही २३७२३ लाख यूनिट बिजली सोलर से बन चुकी है। इस साल के अंत तक यह आंकड़ा सबसे ज्यादा होगा। पिछले वर्ष २८४४५ लाख यूनिट बिजली सोलर से बनी थी। जो कि पिछले १० वर्ष में सबसे ज्यादा थी। |
एक शीर्षक शायद "क्लिकबैट" या शायद जैसा कि वे मेरे भागों से "सी ... या डॉग" कहते हैं, लेकिन किसी भी मामले में निहित है कि मैं इस लेख में क्या बात करूंगा, वह है उतलिमी शीओमी क्राडफंडिंग मंच पर प्रस्तुत तीन उत्पादों, और जैसा कि हम देखेंगे कि उनके पास व्यावहारिक रूप से कुछ भी सामान्य नहीं है। पहला उत्पाद जो मैं बात करूंगा वह एक नया संस्करण है रुबिक का घनद्वारा निर्मित गीकेर कि अतीत में हम पहले ही प्रशंसा कर पाए हैं (मैंने इसके बारे में बात की है इस लेख) और उस क्रांतिकारी से जुड़ेस्मार्टफोन आवेदन मनोरंजन गैजेट के लिए आपको आंकड़े देखने और चुनौती देने की अनुमति मिलती है। नया घन गीकेर म३ यह ऐप के साथ इंटरफ़ेस करने की क्षमता का दावा करता है और वास्तव में खेल के भीतर एक ऐसा तंत्र है जिसे दूर से नियंत्रित किया जा सकता है।
पूरी तरह से उपायों के साथ एबीएस प्लास्टिक से बना है ५६,६ मिमी सभी तरफ और एक पर ९७ ग्राम का वजन शामिल ४८ चुंबक जिसे एक दूसरे के साथ जोड़ा जा सकता है और उस एप्लिकेशन के माध्यम से जोड़ा जा सकता है जो आपको विभिन्न प्रतियोगिताओं की पेशकश करेगा। वे हैं एक्सएनएक्सएक्स जो घन बनाते हैं एक सहित गीकेर म३ एकीकृत ६ धुरी सेंसर और एक मान्यता सेंसर भागों के माध्यम से आवेदन के साथ सिंक्रनाइज़ करने में सक्षम ब्लूटूथ। हालांकि, प्रस्तावित कार्य कम हैं और इसलिए एक सस्ती कीमत, बराबर है ४९ युआन, ६ यूरो के बारे में।
दूसरा उत्पाद जिसमें से मैं आपको खेल के बारे में बात करूंगा। कुछ मिनट पहले हमने आपको बताया था नए अमज़्फित चलने के जूते, जिसके लिए चीनी कंपनी हमेशा क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी समर्थन करती है जाल यात्रा के लिए डिजाइन किया गया या बाहरी खेलों के लिए। स्वाभाविक रूप से उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री जैसे सुविधाओं के साथ उपयोग की जाती हैथर्मल इन्सुलेशन और पानी प्रतिरोध। डबल वज़न कपड़े जो आपको अनुमति देता है पसीने के लिए सबसे संवेदनशील भागों को हवादारलेकिन वहाँ है, हालांकि हम एक समर्पित उद्देश्य कपड़े और एक आराम से जेब जहां दस्तावेज या कुंजी स्टोर कर सकते हैं की सिफारिश भी कर रहे हैं शाम के समय दृश्यता के लिए छोटा सा चिंतनशील विवरण। पूछने की कीमत है १६९ युआन के बारे में केवल २१ युआन पानी के हरे, भूरे और रात के नीले रंग जैसे तीन अलग-अलग रंगों के बीच चयन करने की संभावना के साथ।
अंत में क्राउडफंडिंग में आज प्रस्तुत अंतिम उत्पाद निस्संदेह वह है जो प्रौद्योगिकी के साथ कम है, लेकिन मैं आपको याद दिलाता हूं (और इसलिए शीर्षक) कि शाओमी शाब्दिक रूप से हमें उन उत्पादों की भीड़ के साथ प्यार में पागल या बेहतर गिरावट के लिए प्रेरित करती है जो हम विरोध करते हैं। व्यापक शैली, जैसे पास्ता और सेम के लिए एक सेट। और शायद इस आखिरी पागल उत्पाद से प्रेरणा मिलती है स्टेनलेस स्टील कटलरी सेट ज़ॉइलिंग। इस मामले में विशिष्टता केवल इस तथ्य में रहती है प्रसंस्करण पारंपरिक तरीके से किया जाता है और यह कि प्रत्येक उपकरण के हैंडल के पीछे उत्कीर्ण है मिजिया ब्रांड का प्रतिष्ठित लोगो। आप इस पर विश्वास नहीं करेंगे, फिर भी यह उत्पाद पहले ही जीत चुका है आईडीईए २०१८ डिजाइन पुरस्कार। प्रत्येक सेट में चाकू, चम्मच और कांटा के बीच चयन करने के लिए दो कटलरी शामिल होती है जिसके लिए उन्हें आवश्यकता होती है ४९ युआन, ६ यूरो के बारे में।
क्या आप मेरे बारे में सहमत हैं कि आप ज़ियाओमी के कॉरव्यूडिंग के बारे में पागल हैं या नहीं? क्या आप इसे इटली में देखना चाहेंगे? अगर हमने इसके बारे में याचिका दी तो क्या होगा? |
इब्राहिम अलकाजी रंगमंच के एक जाने-माने निर्देशक और शिक्षक थे, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वह एक कलाकार भी थे। दिल्ली में उनकी वर्षगांठ पर उनकी कलाकृतियों की एक प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसे देखना दिलचस्प होगा।
कुछ ही लोग जानते हैं कि भारतीय रंगमंच के जाने-माने निर्देशक और नाट्य शिक्षक इब्राहिम अलकाजी एक कलाकार भी थे। उनकी ९४वीं जयंती के उपलक्ष्य में उनकी कुछ कलाकृतियों की राजधानी में एक प्रदर्शनी लगाई गयी है। ओपनिंग लाइन्स नामक इस प्रदर्शनी में पहली बार अलकाजी के १९५० और ६० के मध्य के तमाम चित्रों को कई माध्यमों के जरिये दिखाया जा रहा है।
कवि और सांस्कृतिक सिद्धांतकार रंजीत होसकोटे द्वारा यह प्रदर्शनी इसलिए लगाई गई है, ताकि अलकाजी के कार्यों को, जो एशियाई संस्थान, लंदन (१९५०), जहांगीर आर्ट गैलरी, बॉम्बे (१९५२) और श्रीधरणी गैलरी, दिल्ली में प्रदर्शित हो चुके हैं, एक बार फिर दिखाया जा सके।
होसकोटे कहते हैं, यह एक शोध-आधारित और विशेष प्रकार की प्रदर्शनी है, जो अलकाजी के निपुण कार्य को प्रदर्शित करती है। उन्हें हमेशा एक थियेटर व्यक्तित्व के रूप में देखा जाता है और एक कलाकार के रूप में नहीं। अलकाजी की कलाकृतियां शानदार हैं और उन्हें प्रदर्शित करते रहने की आवश्यकता है। यह पूरी तरह से भुला दिया गया है कि वह एक कलाकार भी थे। जो काम हम प्रदर्शित कर रहे हैं, उसे कई दशकों पहले दिखाया जा चुका है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से हम यह भी चाहते हैं कि लोग उन्हें एक कलाकार के रूप में भी पहचानें।
१९५० के दशक के शुरुआती दिनों में किया गया अलकाजी का कार्य, द्वितीय विश्व-युद्ध के बाद के आकर्षण को दर्शाता है। वह नवपाषाण चित्र, अफ्रीकी मुखौटे और समुद्री मूर्तियों के अलावा शिकार, बलिदान के प्रमुख मिथकों को भी दर्शाता है। हालांकि १९६० के दशक के उनके चित्रों में रात के परिदृश्य, समुद्र्र के किनारे, टॉरसॉस आदि शामिल हैं। २०१६ में शुरू किए गए अलकाजी थियेटर आर्काइव्स (एटीए) (एक निजी स्वामित्व वाला संग्रह) की कलाकृतियां भी प्रदर्शनी का हिस्सा रहेंगी। यह प्रदर्शनी त्रिवेणी कला संगम की आर्ट हैरिटेज और श्रीधरणी गैलरी में ११ नवंबर तक चलेगी, जिसका समय सुबह ११ बजे से रात आठ बजे तक है। |
राज्य में चुनाव कार्य के लिए केंद्र से लगभग ६५ हजार जवानों को यहां भेजा गया है। जिनमें अर्धसैनिक बल और पुलिस बल के जवान शामिल हैं।
रायपुर: प्रथम चरण में कुल मतदान केन्द्रों की संख्या ४३३६ है. जहां ३१,८०,०१४ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या १५,५७,४३५ तथा महिला मतदाताओं की संख्या १६,२२,४९२ है. वहीं ८७ मतदाता तृतीय लिंग के हैं।
छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव में पहले चरण की १८ सीटों पर होने वाले मतदान के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सोमवार को नक्सल प्रभावित आठ जिले के मतदाता मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत १९० उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने रविवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य में प्रथम चरण के मतदान के लिए तैयारी पूरी कर ली गई हैं। राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राज्य में सुरक्षा बल के लगभग सवा लाख जवानों को तैनात किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में चुनाव कार्य के लिए केंद्र से लगभग ६५ हजार जवानों को यहां भेजा गया है। जिनमें अर्धसैनिक बल और पुलिस बल के जवान शामिल हैं। क्षेत्र में सुरक्षा बल के जवान लगातार गश्त में हैं तथा पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ भी बेहतर तालमेल बनाकर अभियान चलाया जा रहा है। क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मोबाइल चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं।
साहू ने बताया कि पहले चरण में सोमवार को १८ विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा. प्रथम चरण में १९० उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के निर्वाचन वाले १८ विधानसभा क्षेत्रों में से १० विधानसभा क्षेत्रों में सोमवार को सुबह ७ बजे से दोपहर ३ बजे तक वोट डाले जायेंगे. वहीं शेष ८ विधानसभा क्षेत्र जिसमें से राजनांदगांव जिले के ५ और बस्तर जिले के ३ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं में सुबह ८ बजे से शाम ५ बजे तक वोट डाले जायेंगे।
विधानसभा क्षेत्र मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोण्डागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोण्टा में सुबह सात से दोपहर तीन बजे तक मतदान होगा. वहीं विधानसभा क्षेत्र खैरागढ, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट में सुबह आठ बजे शाम पांच बजे तक मतदान होगा।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में कुल मतदान केन्द्रों की संख्या ४३३६ है. जहां ३१,८०,०१४ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या १५,५७,४३५ तथा महिला मतदाताओं की संख्या १६,२२,४९२ है. वहीं ८७ मतदाता तृतीय लिंग के हैं। |
पवन सिंह: भोजपुरी सिनेमा (भोजपुरी सिनेमा) के पॉवर स्टार पवन सिंह (पवन सिंह) का एक और गाना यूट्यूब पर वायरल हो गया है। पवन सिह का गाना चोलिया में अटकल प्राण को फैंस का काफी प्यार मिल रहा है। इस गाने को यूट्यूब पर ही अब तक ६ करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है। पवन सिंह के अलावा इस गाने में काजल राघवानी नजर आ रही हैं। पवन और काजल की ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री देखना दर्शक बेहद पसंद कर रहे हैं।
चोलिया में अटकल प्राण गाने को पवन सिंह ने अपनी आवाज दी है वहीं अविनाश झा ने इसे लिखा है। गाने के बोल काफी शानदार हैं जो आपको पूरा गाना सुनने पर मजबूर कर देंगे। भोजपुरिया दर्शकों के अलावा ये गाना हिंदी दर्शकों को भी काफी पसंद आ रहा है यही वजह है कि अब तक इस गाने को यूट्यूब पर ही ९५ हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं। बता दें कि हाल ही में पवन सिंह के एक और गाने की यूट्यूब पर काफी धूम थी। पवन सिंह का भोजपुरी गाना- २ सौ के ककही रिलीज हुआ था जिसे पवन सिंह के फैंस ने काफी पसंद किया था।
पवन सिंह के इस गाने पर काफी विवाद भी हुआ था और उनपर इस गाने के चोरी का आरोप भी लगा था। कई गायकों ने इस गाने पर अपनी दावेदारी पेश की थी। फिलहाल पवन सिंह लॉकडाउन में अपने आरा के घर में समय काट रहे हैं। पवन सिंह ने आरा में ही अपना एक स्टूडियो भी खोला है। लॉकडाउन के बीच ही पवन सिंह एक के बाद एक कई गाने रिलीज कर रहे हैं।
इसके अलावा पवन सिंह का एक और गाना तोप ल जवनिया ओढ़निया से जो कुछ ही दिनों पहले रिलीज हुआ था उसे भी लोगों का खूब प्यार मिल रहा है। इस गाने को लोग इतना पसंद कर रहे हैं कि महज रिलीज के १ दिन के भीतर ही इसे १5 लाख से अधिक बार सुना गया और काफी प्यार मिला। |
>कुछ ब्लोगर्स ने आजकल हिंदू संस्कृति को बदनाम करने का ठेका ले रक्खा है वो चाहे हिंदू त्यौहार हों अथवा हिंदू देवी देवता। और इससे भी बड़ा दुख जब होता है जब हिंदू समाज के ही कुछ लोग उनके समर्थन में टिपण्णी छोड़ते है। अभी हाल ही में मैंने एक ब्लॉग पर एक लेख पढ़ा। वह बुद्धिहीन ब्लोगर लिखता है कि हिंदू शब्द की उत्पत्ति १७ वीं शताब्दी में हुई है। उदहारण के रूप में उसने नेहरूकी डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया का उदाहरण प्रस्तुत किया है। नेहरू की वह पुस्तक नेहरू की तरह झूंठ का पुलिंदा है। नेहरू अपने आप में कितना झूठा व हिंदू विरोधी था यह सच आज सबके सामने खुलता जा रहा है। हिंदू शब्द भारतीय विद्दवानो के अनुसार कम से कम ४००० वर्ष पुराना है।
हिमालय समारभ्य यवाद इंदु सरोवं। तं देव निर्वितं देशम हिंदुस्थानम प्रच्क्षेत । अर्थात हिमालय पर्वत से लेकर इंदु(हिंद) महासागर तक देव पुरुषों द्बारा निर्मित इस छेत्र को हिन्दुस्थान कहते है। पारसी समाज के एक अत्यन्त प्राचीन ग्रन्थ में लिखा है कि,अक्नुम बिरह्मने व्यास नाम आज हिंद आमद बस दाना कि काल चुना नस्त।
अया मुबार्केल अरज यू शैये नोहा मिलन हिन्दे। व अरादाक्ल्लाह मन्योंज्जेल जिकर्तुं॥ अर्थात हे हिंद कि पुन्य भूमि! तू धन्य है,क्योंकि ईश्वर ने अपने ज्ञान के लिए तुझे चुना है। १० वीं शताब्दी के महाकवि वेन ..अटल नगर अजमेर,अटल हिंदव अस्थानं । महाकवि चन्द्र बरदाई..जब हिंदू दल जोर छुए छूती मेरे धार भ्रम । जैसे हजारो तथ्य चीख-चीख कर कहते है की हिंदू शब्द हजारों-हजारों वर्ष पुराना है। इन हजारों तथ्यों के अलावा भी लाखों तथ्य इस्लाम के लूटेरों ने तक्ष शिला व नालंदा जैसे विश्व -विद्यालयों को नष्ट करके समाप्त कर दिए। |
राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी जी के निधन से मैं स्तब्ध हूँ।
मदनजी एक कुशल संगठनकर्ता होने के साथ सहज एवं सरल व्यक्ति के रूप में प्रतिष्ठित थे।
शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदना। ईश्वर उन्हें यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। ओम् शांति!
श्री मदनलाल सैनी जी का निधन भाजपा परिवार के लिए एक अपूर्णिय क्षति है। मैं दुःख की इस घड़ी में शोककुल परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना करता हूँ।
कौन थे मदन लाल सैनी? |
वर्तमान जलवायु परिवर्तन के दौर में विभिन्न फसलों का अपेक्षित उत्पादन एक गंभीर चुनौती है। मृदा उर्वरता घटने के कारण वर्तमान खाद्यान्न उत्पादन स्तर भी बरकरार रख पाना कठिन प्रतीत हो रहा है। कृषि उत्पादन में बढोतरी के लिए हमारे सामने दो महत्वपूर्ण विकल्प हैं - पहला यह कि हम पैदावार बढा़ने के लिए कृषि योग्य भूमि में वृद्धि करें जो कि लगभग असंभव है। अब हमारे पास सिर्फ दूसरा महत्वपूर्ण विकल्प बचता है कि कम से कम क्षेत्रफल से अधिक से अधिक पैदावार लें।
एकीकृत फसल प्रबंधन एक ऐसी विधि है जिससे पर्यावरण संरक्षित रखते हुए अधिक कृषि उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। दीर्घकालीन टिकाऊ खेती हेतु उत्पादन के विभिन्न घटकों जैसे भूमि, जल, मृदा एवं फसलों आदि के प्रभावशाली प्रबंधन करने होंगे। उपरोक्त बिन्दूओं को दृष्टिगत रखते हुए रबी फसलों के उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि हेतु विभिन्न उपायों के विवरण निम्नलिखित हैं।
यह बीज जन्य रागों की रोकथाम की सबसे आसान, सस्ती और लाभकरी विधि है। फफूंदनाशी रसायन बीज जन्य रोगाणुओं को मार डालता है अथवा उन्हें फैलने से रोकता है। यह एक संरक्षण कवच के रूप में बीजों के चारों ओर एक घेरा बना लेता है जिससे बीज को रोगजनक के आक्रण एवं सड़ने से रोका जा सकता है।
अदैहिक फफूंदनाशक जैसे-थायरम, कैप्टान, डायथेन एम-४५ की २.५ से ३.० ग्राम मात्रा जबकि दैहिक फफूंदनाशकों जैसे कार्बेन्डाजिम वीटावैक्स की १.५ से २.० ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज के उपचार के लिए प्र्याप्त होती है।
जैविक फफूंदनाशी ट्राइकोडर्मा विरडी, ट्राइकोडर्मा हरजिनेयम, ग्लोमस प्रजाति आदि मृदा जनित फफूदों जैसे- फयूजेरियम, राइजोक्टोनिया, स्क्लेराशियम, मैक्रोफोमिना इत्यादि के द्वारा होने वाली बिमारियों जैसे जड़ सड़न, आद्रगलन, उक्ठा, बीज सहन, अंगमारी आदि को नियंत्रित करते है।
जैविक फफूंदनाशियों की ५-१० ग्राम मात्रा द्वारा प्रति किग्रा बीज का उपचार हेतु ५0 किग्रा गोबर खाद में एक किग्रा ट्राइकोडर्मा अथवा बेसिलस सवटिलस या स्यूडोमोनास को मिलाकर छाया में १० दिनों तक नम अवस्था में रखते हैं। तत्पश्चात् एक एकड़ क्षेत्र में फैलाकर जमीन में मिलाते हैं।
जैव उर्वरकों में मौजूद सूक्ष्मजीव में पौधों के लिये पोषक तत्व उपलब्ध कराने की क्षमता होती है ये वायुमण्डलीय नत्रजन को भूमि में स्थापित (स्थिर) करने भूमि में अघुलनशील स्फुर व पोटाश जो खनिजों के अपक्षय से बनते हैं उन्हें घुलनशील बनाते हैं एवं कार्बनिक पदार्थों (जीवांश) को सड़ा-गलाकर पौधों के लिए उपयोगी बनाते है। जैव उर्वरक सरल, प्रभावी, प्रकृति अनुकूल एवं सस्ता साधन है, जिसका उपयोग कर कम लागत में वांछित पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकते हैं।
वृद्धि कारक हारमोन्स, विटमिन्स व खनिज तत्वों की भी पूर्ति करने में सहायक हैं।
राइजोबियम जैव उर्वरक वातावरण की नाइट्रोजन को फसल के साथ सहभागिता/सहजीवी रूप में अवशोषित कर भूमि में स्थिर करते हैं। राइजोबियम द्वारा औसतन ४०-८० किग्रा नत्रजन प्रति हेक्टेयर परिवर्तित होकर भूमि में बची रहती है जो आगामी फसल को लाभ पहुंचाती है।
यह असहजीवी जीवाणु है जो पौधों की जड़ों में सतह में रहते हुए वायुमण्डलीय नत्रजन को परिवर्तित कर पौधों को उपलब्ध करवाते हैं। ये जीवाणु कुछ विशेष पादप वृद्धि विनियामक पदार्थों जैसे- जिबरेलिन का स्त्राव करते हैं जो फसल की उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही कुछ एण्टीबायोटिक रसायन उत्सर्जित करते हैं जिससे फसल में लगने वाले भूमि जन्य रोग व वायरस रोगों से फसल का बचाव होता है। एजेटोबैक्टर के उपयोग से २०-४० किग्रा जत्रजन प्रति हेक्टेयर प्रतिवर्ष तक फसल को प्राप्त होती है।
फास्फोरस प्रदायी जैव उर्वरक स्यूडोमोनास, वेसिलस, माइकोराइजा भूमि में उपस्थित अघुलनशील स्फूर को घुलन व गतिशील अवस्था में लाने का कार्य करतें हैं। स्फूर प्रदायी जैव उर्वरक, भूमि में उपस्थित ७० प्रतिशत अघुलनशील स्फूर को घुलनशील व गतिशील अवस्था में लाकर पौधों में उपलब्ध कराते हैं जिससे पौधों की वृद्धि व विकास अच्छा होने से ८-१० प्रतिशत उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।
उर्वरक का प्रयोग खेत की मिट्टी परीक्षण के बाद करने से ज्यादा लाभदायी रहेगी। संतुलित खाद का अर्थ है कि किसी स्थान विशेष की मिट्टी फसल और वातावरण के आधार पर तत्व यथा नत्रजन, स्फूर व पोटाश हेतु उपयुक्त उर्वरकों का प्रयोग।
भूमि की उर्वराशक्ति बनाये रखने के लिए प्रत्येक एक या दो वर्ष में एक बार अपने खेतों में पकी हुई गोबर की खाद (२००-२५० क्विंटल प्रति हेक्टेयर) या कम्पोस्ट या वर्मीकम्पोस्ट आदि का उपयोग ठीक होगा। हरी खाद प्रमुखतया ढेंचा या सनई की ३५-४५ दिन की फसल को जुताई कर खेत में मिला देने से दो वर्ष तक किसी अन्य जैविक खाद के प्रयोग की आवश्यकता नहीं पड़ती।
उर्वरक बीज बोने से पहने सीड ड्रील द्वारा जमीन में १० से.मी. की गहराई पर डालना चाहिए या बोनी के समय डबल पोर फड़क द्वारा बीज से ५ सेमी. नीचे डालना चाहिए। संतुलित खाद के उपयोग से फसल की बाढ़ संतुलित होती है जिससे अनायास पौधा गिरता नहीं है। मृदा का स्वास्थ्य ठीक एवं उर्वराशक्ति स्थिर बनी रहती है। उत्पादित फसल की गुणवता ठीक रहती है जिससे बाजार भाव सही प्राप्त होता है। |
रामपुर - तलाक इद्दत और हलाला के नाम पर सताई गई एक और महिला की कहानी स्वार में आई है। स्वार की महिला ने हलाला के नाम पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए सात लोगों को नामजद कराया है। इसमें पति, देवर और रिश्तेदार शामिल हैं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
यह मामला थाना अजीमनगर क्षेत्र का है। महिला का निकाह पांच वर्ष पहले हुआ था। शौहर उत्तराखंड के हरिद्वार में बिरयानी की दुकान चलाता है। महिला उसके साथ वहां करीब चार वर्ष रही। उस दौरान पति से उसको दो बच्चे भी हुए। इसके बाद में पति ने महिला को बहाने से गांव भेज दिया।
महिला कुछ समय ससुराल में रही। इस दौरान सबकुछ ठीक चला। इसके बाद करीब सात माह पहले पति ने किसी बात पर नाराज होकर महिला को फोन पर ही एक साथ तीन बार तलाक बोल कर रिश्ता खत्म कर दिया। तीन तलाक की जानकारी गांव में फैली तो परिवार के लोगों में खलबली मच गई।
इस पर गांव में पंचायत हुई, जिसमें महिला को इद्दत, हलाला के बाद फिर इद्दत करने का फरमान सुनाया गया। इद्दत पूरी हुई तो ससुरालियों ने हलाला के नाम पर एक युवक से निकाह करा दिया। इसके बाद में युवक से तलाक दिलाकर महिला दोबारा इद्दत पर बैठ गई। इद्दत पूरी होने पर वह पति से दोबारा निकाह के लिए गई तो पता चला कि उसने दूसरी शादी कर ली।
पति ने उसे दोबारा अपनाने से मना कर दिया। अब महिला न्याय पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है। उसका आरोप है कि हलाला के नाम पर युवक से निकाह करवाया गया। उस दौरान पति, देवर समेत सात रिश्तेदारों ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
इससे पहले स्वार क्षेत्र की आयशा भी इन परंपराओं का शिकार हुई। उसे शौहर ने दोबारा अपनाने से मना कर दिया। पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज करके मामले की विवेचना की जा रही है। निष्पक्ष जांच की जाएगी। |
भोपाल। मच्छर दुनिया का सबसे ख़तरनाक जीव हैमच्छरों से होने वाली बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू और यलो फ़ीवर की वजह से दुनिय भर में क़रीब दस लाख लोग मारे जाते हैं.दुनिया के तमाम देश लोगों को मच्छरों के ख़तरों से आगाह करने के लिए बरसों से अभियान चला रहे हैंअब विज्ञान ने इतनी तरक़्क़ी कर ली है कि बीमारी फैलाने वाले मच्छरों का पूरी तरह से ख़ात्मा करके इस चुनौती से निजात पाई जा सकती है। इसी के तहत मध्यप्रदेश की राजधानी को संक्रमण मुक्त बनाने के लिए नगर निगम ने अनूठी पहल की है।
दरअसल नगर निगम अब डेंगू सहित अन्य संक्रामक बीमारियों से शहर वासियो को बचाने के लिए है ड्रोन से दवाओं का छिड़काव करेगा। ये छिड़काव तालाबों, खाली पड़े प्लाटो में भरे गंदे पानी समेत रुके हुए पानी में होगा। इसका ट्रायल शाहजहांनाबाद स्थित लेंडिया तालाब और आसपास के नाले में किया गया। हांलकि अभी ड्रोन से छिड़काव का परिक्षण जारी है। नगर निगम कमिश्नर बी विजय दत्ता ने बताया कि पांच दिनों तक इसका ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद निगम खुद का ड्रोन खरीदेगा। |
फतहसागर के पास विमूति पार्क का निर्माण अवैध?
उदयपुर (समता संवाद), विश्व के १५०० वैज्ञानिकों ने साफ-साफ शब्दों में विश्व के नेताओं को चेतावनी दी है कि अगर विकास नीति में बदलाव नहीं किया और औद्योगिकरण ऐसे ही होता रहा तो दुनिया बहुत जल्द खत्म हो जाएगी। इस समय जीव जगत को बहुत भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है। पृथ्वी का तापमान १.२०ब्ण् बढ़ चुका है और आगे भी तेजी से बढ़ता जाएगा तो पृथ्वी पर जीव समाप्त हो जाएगा। जीव जगत का मतलब है। मानव, पशु और प्रकृति सब खत्म हो जाएगा। अभी भी समुद्र के तटीय क्षेत्र डूबने लगे है।
ये विचार महावीर समता सन्देश द्वारा आयोजित समता संवाद में ''पर्यावरण बचाओ, शहर बचाओ'' विषय पर प्रकृति मानव केन्द्रित संगठन के नेता एवं एडवोकेट मन्नाराम डांगी ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए व्यक्त किये।
श्री डांगी ने कहा कि पर्यावरण असन्तुलन की समस्या और चुनौती १६वीं शताब्दी से ही प्रारम्भ हो गई थी। जिसने अब भयावह रूप ले लिया है। विष्व के वैज्ञानिक और संयुक्त राष्ट्र संघ भी इस समस्या के हल को लेकर अपनी चिन्ता समय-समय पर प्रकट करते रहे है। १९७२ में ६६ देशों के वैज्ञानिकों ने पर्यावरण बचाने के लिए एक क्लब बनाया और अपना शोध करके एक रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र को प्रस्तुत की जिसमें उन्होंने ओजोन परत में छेद होने की सूचना दी।
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रयासों से १९९२ में पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन हुआ। २००२ में दूसरा पृथ्वी सम्मेलन जोहन्सबर्ग में हुआ। ये सम्मेलन जो हुए लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा दी गई चेतावनी का विश्व बड़े राष्ट्रों पर कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने अपनी विकास नीति में कोई परिवर्तन नहीं किया। १९९७ में यूरोपीयन देशों की पहल एक संघी हुई। लेकिन उसका भी क्रियानवयन नहीं हो पाया। फ्रांस की राजधानी पेरिस में सभी देशों ने अपनी पहल पर पर्यावरण संकट से निपटने के लिए कुछ काम करने के लिये कहा। लेकिन अमेरिका उस संघी से अलग हो गया। विश्व के १५ हजार वैज्ञानिको ने जो स्वतंत्र रूप से अपने शोध करते है। जिन पर संयुक्त राष्ट्र संघ व अन्य किसी देश की सरकारो को कोई प्रभाव नहीं हैे अपने शोध के आधार पर चेतावनी दी कि १० साल में अपने जीवन शैली और विकास नीति को नहीं बदला तो स्थिति अपने हाथ से निकल जाएगी। इस वैज्ञानिक समुह में १२३ वैज्ञानिक हमारे देश भारत के भी है। इस समय विश्व में भारत और चीन सबसे ज्यादा कार्बन का विसर्जन कर रहे है। हमें जल्दी ही कुछ कदम उठाने होंगे अन्यथा प्रलय हो जाएगा। यह प्रलय मानवकृत होगा जिसमें अमीर देश व धनाढ्य लोगों द्वारा फैलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण असन्तुलन के चलते २.५ करोड़ तथा युद्ध में २.५ करोड़ लोग मारे जा चुके हैं तेजी से विकास करने की नीति विनाश की ओर ले जा रही है। ७ अरब की जनसंख्या वाले विश्व में सभी के लिये एक सा प्रबन्ध करना पड़ेगा। समाजवाद ही इस समस्या का विकल्प है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में हथियारों पर रोक लगे निशस्त्रिकरण हो। सेना को मानवीय कार्यों मंे लगाया जाय। किसानों को संरक्षण दिया जाय। पेड़ पौधे लगाने का काम बड़े पैमाने पर हो। लोगों में जागरूकता व चेतना फैलाई जाय।
इसके पहले महावीर समता सन्देश के प्रधान सम्पादक हिम्मत सेठ ने सभी का स्वागत किया तथा विषय प्रवेश करवाते हुए कहा कि पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है। हमारे शहर में बढ़ते तापमान चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि शहर के आस-पास के सारे पेड़ काट दिये गये है। फतहसागर जैसे रणिक स्थान पर भी पेड़ काटे जा रहे है तथा कुछ लोगों की सनक पूरी करने के लिये पेड़ काटकर कंक्रीट के जंगल बनाये जा रहे है। शहर के चारो और हरियाली समाप्ति की और है। विकास के नाम पर रेगिस्तान को न्यौता दिया जा रहा है। ऐसे में हमें नागरिकों को जागरूक कर अवैध कामों पर रोक लगाने के प्रयास करने चाहिये।
इंजी. ज्ञान प्रकाश सोनी ने कहा कि आपसी संवाद के अभाव में जनता में भ्रम फैलाया जा रहा है। सरकारी अधिकारी और नेताओं में फैलते भ्रष्टाचार के चलते बड़ी-बड़ी मंहगी योजना बनवाते है और जनता के धन को फिजूल खर्च करते हैं। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि बड़ी तलाब से उदयपुर पाइप डालने के लिये ८ करोड़ की योजना बनी। जबकि ये काम बहुत कम खर्च में हो सकता है। प्रो. महेश शर्मा ने कहा कि मैंने प्रशासन को पत्र द्वारा सूचित किया कि बड़ी से उदयपुर पाईप लाइन पहले से डाली हुई है और वहां विद्युत माटेरे भी लगी हई है फिर ये आठ करोड़ का अनआवश्यक खर्च क्यों किया जा रहा है?
ज्ञान प्रकाष सोनी ने विमूति पार्क में मूर्तियां लगाने का भी विरोध किया उन्होंने कहा यह सब काम अवैध है। झीलों के ५०० मी. परिधि के अन्दर कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जाय यह कानून बना हुआ है। फिर यह निर्माण कार्य तो झील की पाल के पास ही हो रहा है। उन्होंने सवाल किया क्या नगर परिषद् और नगर विकास प्रन्यास देश के कानून से ऊपर है?
इंजी. सोनी ने कहा कि सभी विकास कार्यो में जन भागीदारी होनी चाहिये। किसी भी योजना को प्रारम्भ करने के पहले जनता से उसके बारे में सुझाव लेना चाहिये।
प्रो. महेश शर्मा ने कहा कि जनता सहभागिता के मैं भी पक्षधर हूं। उन्होंने स्मार्ट सिटी के अन्र्तगत चल रहे सीवरेज योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह योजना करोड़ रूपयों की बर्बादी के अतिरिक्त कुछ नहीं है ये पूरी असफल योजना है। गुमानिया वाले नाले के पास खुली नाली बना दी है जिसमें मोती मगरी स्कीम का सीवरेज डाला जा रहा है। ३०-३० फीट धरती को खोद कर पाइप डालकर सीवरेज ले जाने की योजना बहुत ही आष्चर्यजनक है। इंजी. ज्ञान प्रकाश सोनी ने भी कहा यह धन की बर्बादी है। उन्होंने कहा जिस शहर में सैफ्टीक टैंक घरों में बने हो वहां सीवरेज योजना की आवश्यकता ही नहीं है।
प्रो. महेश शर्मा ने डी.पी.आर. बनवाने को बहुत बड़ घोटाला बताया और कहा कि काम की योजना व डी.पी.आर. बनवाने व तकनीकी सलाह के नाम पर करोड़ रूपये खर्च कर देते है। हर योजना की ३-४ बार डी.पी.आर. बनती है। उन्होंने सवाल किया कि हर योजना की डी.पी.आर. ठेके पे बनवाई जाती है ता विभागीय इंजीनियर जिन्हें लाखों रू. वेतन हर माह देते है वो क्या करते है क्या वे अयोग्य है कि किसी योजना की डी.पी.आर. नहीं बना सकते?
प्रो. हेमेन्द्र चण्डालिया ने कहा कि विकास के माॅडल पर हमें गम्भीरता से वापस विचार करना चाहिये। उन्होंने कहा राष्ट्रवाद का सिद्धान्त मानवता के विरूद्ध है। हमें अपने जीवनषैली में परिवर्तन करना चाहिये तथा आवश्यकताओं को सीमित करना चाहिये। उन्होंने कहा उदयपुर प्रताप गौरव केन्द्र वास्तव में आर.एस.एस. गौरव केन्द्र बन गया है।
संवाद में हरीश सुहालका, अजय टाया नरेन्द्र जोशी ने भी अपने विचार रखे तथा समता संवाद के अध्यक्ष इंजी पीयूष जोशी ने आभार व्यक्त किया। |
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सचिन तेंदुलकर ने १९८९ में अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। वो २०१२ तक क्रिकेट के मैदान में डटे रहे। ऐसे में शायद ही ऐसा कोई रिकॉर्ड हो जिसे सचिन के बल्ले ने ना छुआ हो। इस दौरान सचिन ने कुल ४६३ मैच खेले।
अनिल कुंबले ने अपने अंर्ताराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत १९९० में की थी। वो २००७ तक क्रिकेट के मैदान पर अपने हुनर का जलवा बिखेरते रहे। अनिल कुंबले ने १७ सालों में २६९ मैच खेले।
टर्बनेटर के नाम से मशहूर हरभजन सिंह ने १९९८ में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। हरभजन सिंह स्पिनर के तौर पर काफी मशहूर हैं। हरभजन सिंह ने २०१५ तक २३४ मैच खेले।
गेंदबाजो में दीवार के नाम से मशहूर भरतीय बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने १९९६ में अपने क्रिकेट करियर की शुरआत की थी। २०११ तक राहुल क्रिकेट के मैदान पर अपने बल्ले के साथ डटे रहे। उन्होंने कुल ३४० मैच खेले।
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने १९८५ में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। अजहरुद्दीन एक अच्छे बल्लेबाज होने के साथ बेहतरीन गेंदबाज भी थे। उन्होंने २००० तक क्रिकेट के मैदान पर अपने बैटिंग और बॉलिंग का लोहा मनवाया। उन्होंने कुल ३३४ मैच खेले। |
इस ऑप्शन का प्रयोग डाटा को ढूढने के लिये किया जाता है। इसके अन्दर दो सब- ऑप्शन होते है।
फार्म ऑप्शन से उसर इतेरफेस बनाया जाता हैं। जिसकी सहायता से डाटा को व्यवस्थित किया जाता है। फार्म बनाने के सबसे पहले सेल पॉइंटर को पहली सेल में रखा जाता है। और उसके बाद इस ऑप्शन पर क्लिक किया जाता है।
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अमरोहा। डीएम वेदप्रकाश ने कलक्ट्रेट सभागार में विकास योजनाओं की समीक्षा की। इसमें अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) पीडब्ल्यूडी निर्माण खण्ड के अनुपस्थित रहने पर नाराजगी जताई, उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा है। इसके अलावा विकास कार्य और धान खरीद संतोषजनक नहीं मिलने पर नाराजगी जताई।
जिलाधिकारी ने धान खरीद में हो रही लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की और लक्ष्य के सापेक्ष खरीदारी करने या कार्रवाई के लिए तैयार रहने के लिए चेतावनी दी। नए बिजलीघर के निर्माण को शीघ्र जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी, आरईएस, मंडी परिषद निर्माण को सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता में यदि कोई कमी पाई जाती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। २५ लाख रुपये से अधिक धनराशि की योजनाओं का निर्माण समय सीमा के भीतर पूरा कराने के लिए कहा। लोहिया समग्र ग्रामों में सीसी रोड, शौचालय, आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। इस दौरान सीडीओ, सीवीओ, तीनों एसडीएम, बीएसए, डीडीओ, पीडी, उप निदेशक कृषि सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। |
मेलबर्न , २९ मई| क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने कहा है कि वह इस साल अक्टूबर-नवंबर में टी २० वर्ल्ड कप की मेजबानी करने के इच्छुक नहीं है। बोर्ड ने कहा है कि वह २०22 में होने वाले टी-२० वर्ल्ड कप की मेजबानी हासिल करने के बजाय २०21 संस्करण की मेजबानी करना चाहेगा। २०21 टी-२० वर्ल्ड कप का आयोजन भारत में होना है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में जारी खबरों के मुताबिक, सीए के चेयरमैन अर्ल एडिंग्स ने इस संबंध में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के वित्तीय और वाणिज्य मामले मामलों की समिति को गुरुवार को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कोविड-१९ महामारी के कारण टी-२० वर्ल्ड कप को शिफ्ट करने की बात कही है।
एडिंग्स ने आईसीसी को बताया कि ऑस्ट्रेलिया अगले साल इस टूर्नामेंट की मेजबानी करना चाहता है। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि यह टूर्नामेंट २०२२ तक स्थगित हो।
आईसीसी बोर्ड की शशांक मनोहर की अध्यक्षता में गुरुवार को टेलिकॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक हुई थी, जिसमें आईसीसी टी २० वर्ल्ड कप को लेकर फैसला १० जून तक टाल दिया गया। आईसीसी की १० जून को होने वाली बैठक में इस साल ऑस्ट्रेलिया में १८ अक्टूबर से १५ नवंबर के बीच होने वाले टी २० वर्ल्ड कप को लेकर फैसला लिया जाएगा।
इससे पहले, आईएएनएस ने खबर दी थी कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) टी२० वर्ल्ड कप के मेजबानी अधिकार को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के साथ एक्सचेंज करने के मूड में नहीं है।
अधिकारी ने आईएएनएस से कहा था, " ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीसीसीआई २०२१ टी-२० वर्ल्ड का आयोजन अधिकार सीए को सौंप सकता है और हम २०22 टी-२० वर्ल्ड कप का आयोजन कर सकते हैं। लेकिन मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। अगर २०२० में ऑस्ट्रेलिया में टी २० वर्ल्ड कप नहीं हो पाता है तो फिर यह २०22 में होगा, तब हम क्या महसूस करेंगे।"
अगर इस साल टी२० वर्ल्ड कप स्थगित होता है तो ऐसे में बीसीसीआई को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के १३वें सीजन का आयोजन कराने का विंडो मिल जाएगा। |
स्पोर्ट्स डेस्क : आईसीसी को वर्ल्ड कप टूर्नामेंट्स के आयोजन के लिए सदस्यीय देशों से कर में छूट मिलती है। लेकिन भारत में कर कानून में छूट की अनुमति ना होने के कारण २०१६ विश्व टी२० कप के लिए उसे कोई छूट नहीं दी गई थी। अब इसका खामियाजा बीसीसीआई को १५० करोड़ रुपए देकर चुकाना पड़ सकता है। दरअसल, आईसीसी ने बीसीसीआई से २०21 टी२० वर्ल्ड कप और २०23 वनडे वर्ल्ड कप जैसे मेगा ईवेंट्स के लिए १५० करोड़ रुपए के कर की जिम्मेदारी उठाने के लिए कहा है।
इस पर विचार करने के लिए बीसीसीआई ने आईसीसी से समय मांगा है और आम चुनावों तक रूकने के लिए कहा है। फिलहाल आईसीसी ने बीसीसीसआई के आग्रह को स्विकार कर लिया है। हाल में हुई आईसीसी की तिमाही बैठक में इसे मुद्दे पर चर्चा की गई थी जिसके बाद बीसीसीसआई को कर की जिम्मेदारी उठाने के लिए कहा गया। आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर ने बीसीसीआई से मुद्दे पर कहा कि कर में छूट ना मिलने की स्थिति में भारतीय बोर्ड (बीसीसीआई) को कर का बोझ उठाना होगा।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने एक रिपोर्ट में अपना नाम ना बताते की शर्त पर कहा कि मनोहर ने स्पष्ट किया है कि कर में छूट के बारे में बीसीसीआई को फैसला करने की जरूरत है। जानकारी के मुताबिक मनोहर ने कहा, यह कर के नियमों से संबंधित है और यह समय के साथ बदल भी सकते हैं। ऐसे में बीसीसीआई को लगता है कि आम चुनावों के खत्म होने तक इंतजार करने में समझदारी होगी।
इस बारे में सीओए प्रमुख विनोद राय ने अपनी कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना किया है। उन्होंने कहा कि कर के नियम काफी पेचीदा हैं और मैं इस मुद्दे पर तभी बात करूंगा जब मुझे सारी जानकारी होगी। |
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारत का विदेशी पूंजी भंडार पांच जून को समाप्त सप्ताह के दौरान ८.२२३ अरब डॉलर बढ़कर ५०० अरब डॉलर के पार पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, कुल विदेशी पूंजी भंडार २९ मई को समाप्त सप्ताह के दौरान के ४९३.4८0 अरब डॉलर से बढ़कर ५०१.७०३ अरब डॉलर हो गया है।
भारतीय विदेशी पूंजी भंडार में विदेशी मुद्रा भंडार, स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत का भंडार शामिल होता है। विदेशी पूंजी भंडार में सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा भंडार साप्ताहिक अाधार पर ८.४२२ अरब डॉलर बढ़कर ४६३.६३० अरब डॉलर हो गया। हालांकि देश का स्वर्ण भंडार ३२.९ करोड़ डॉलर घटकर ३२.३५२ अरब डॉलर पर आ गया। लेकिन एसडीआर वैल्यू एक करोड़ डॉलर बढ़कर १.४४२ अरब डॉलर हो गई। आईएमएफ में देश का भंडार १2 करोड़ डॉलर बढ़कर ४.27८ अरब डॉलर हो गया। |
साल की पहली स्मैकडाउन रोमांच से भरी हई थी इसमें फैंस को कुछ सुपरस्टार्स की वापसी देखने को मिली। द उसोज़ ने वापसी करके अपने भाई रोमन रेंस को किंग कॉर्बिन और डॉल्फ जिगलर से बचाया। जॉन मॉरिसन की भी वापसी देखने को मिली लेकिन उन्होंने किसी पर हमला नहीं किया था उन्हें केवल द मिज़ के लॉकर रूम के बाहर देखा गया। शेमस ने अपनी वापसी के दौरान शॉर्टी जी पर हमला किया और वह अपने पुराने विलन वाले किरदार में वापस आएं हैं।
बेली और साशा बैंक्स दोनों सुपरस्टार्स दोस्त हैं और जबसे लेसी इवांस चैंपियनशिप स्टोरीलाइन में आई है उनकी और साशा बैंक्स की दुश्मनी शुरू हो गई है। इस हफ्ते की स्मैकडाउन में बैंक्स और इवांस के बीच मुकाबला होगा। मुकाबले के दौरान बेली, बैंक्स को जीताने के लिए मैच में दखल दे सकती है।
ऐसा हो सकता है कि बेली, लेसी पर हमला करने की कोशिश करे लेकिन बैंक्स बीच में आ जाएं और वह हमला उनपर हो जाए। बेशक वह गलती से हुआ हो लेकिन इसके बाद बैंक्स और बेली के बीच दुश्मनी चल सकती है जिसके बाद आगे चलकर रॉयल रंबल में एक ट्रिपल थ्रेट स्मैकडाउन विमेंस चैंपियनशिप मैच देखने को मिल सकता है। |
नई दिल्ली : कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए क्योंकि पश्चिम बंगाल में जब तक ममता बनर्जी चीफ मिनिस्टर रहेंगी निष्पक्ष चुनाव होना संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हालात के लिए जितना टीएमसी जिम्मेदार है, उतना ही भाजपा भी जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि प. बंगाल में राष्ट्रपति शासन होगा तभी निष्पक्ष चुनावों होंगे। इसके अलावा प. बंगाल में हिंसा की खबरों पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ब्जप और ममता बनर्जी की ट्म्क, दोनों को जिम्मेदार ठहराया।उन्होंने सीधे शब्दों में कहा कि बंगाल में हिंसा के लिए बीजेपी और टीएमसी ही जिम्मेदार है।
गौरतलब है कि बता हाल ही में ब्जप और ट्म्क के कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष में चार लोगों के मरने की खबर सामने आई थी। मरने वालों में तीन ब्जप के और एक ट्म्क का कर्यकर्ताओं बताया गया था। इससे पहले भी लोकसभा चुनावों के दौरान से प. बंगाल में हिंसा की घटनाएं होती आ रही हैं। |
१ लोक निर्माण विभाग / लोक निर्माण अनुभाग-१ ३८/2०१8/५७रासनि/२३-१-१8-८२०रासनि/१6 वित्तीय वर्ष 2०१7-१8 में अनुदान सं०-५८ लेखाशीर्षक-5०54 के अन्तर्गत राज्य सड़क निधि से जनपद बस्ती में हटवा बांसखोर हसनी मार्ग से डउवाखुर्द सोरहा मार्ग के स्वीकृत एवं चालू कार्य हेतु अवशेष धनराशि का आवंटन।
२ समाज कल्याण विभाग / समाज कल्याण अनुभाग ३ १६/२0१८/३4३4/२6-३-२017 चालू वित्तीय वर्ष २017-१८ में अनुदान संख्या-8३ के अन्तर्गत राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास के छात्र/छात्राओं हेतु छात्रावासों का संचालन के मानक मद १६-व्यवसायिक तथा विशेष सेवाओं के लिये भुगतान हेतु पुनर्विनियोग के माध्यम से धनराशि स्वीकृत किये जाने के सम्बन्ध में।
३ समाज कल्याण विभाग / समाज कल्याण अनुभाग ३ १७/२०१८/३३87/२६-३-20१७ चालू वित्तीय वर्ष 20१७-१८ में अनुदान संख्या-8३ के अन्तर्गत जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय (पूर्ववर्ती नाम राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय) के मानक मद-०९-विद्युत देय हेतु पुनर्विनियोग के माध्यम से धनराशि स्वीकृत किये जाने के सम्बन्ध में।
४ समाज कल्याण विभाग / समाज कल्याण अनुभाग ३ १८/20१८/३1/२६-३-20१८ सुश्री इन्दू मेहता पुत्री श्री निवास मेहता, निवासी-बडौत, जनपद-बागपत की वर्ष 201३- 1४, 201४-१५ व 20१५-१६ की छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि का भुगतान चालू वित्तीय वर्ष २०१७-१८ में अनुदान संख्या-8३ के अन्तर्गत जारी वित्तीय स्वीकृति से किये जाने के सम्बन्ध में।
५ नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग / नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मुलन अनुभाग ५3/२०१८/१०२/६९-१-२०१८-२६(म०ब०-८३)/2०१५ शहरी क्षेत्रों की मलिन बस्तियों में इण्टरलाकिंग,जल निकासी, नाली निर्माण एवं अन्य सामान्य सुविधाओं की स्थापना योजना के कार्यों को पूर्ण करने हेतु ''मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना'' के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2०१7-१8 में अनुदान संख्या-८३ में प्राविधानित धनराशि से जनपद-आगरा की ०2 परियोजनाओं हेतु द्वितीय/अंतिम किश्त की वित्तीय स्वीकृति।
६ नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग / नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मुलन अनुभाग ५४/२०१८/१75६/६9-१-2०१7-१०9(अ०सं०-३७)/2०१६ ''शहरी क्षेत्रों की अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों में इण्टरलाकिंग, जल निकासी, नाली निर्माण एवं अन्य सामान्य सुविधाओं की स्थापना योजनान्तर्गत'' स्वीकृत पपरियोजना के कार्यों को पूर्ण करने हेतु ''मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना'' के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2०१7-१8 में अनुदान संख्या-३७ में प्राविधानित बजट की धनराशि से जनपद-लखनऊ की नगर पंचायत, मलिहाबाद की ०१ परियोजना हेतु द्वितीय/अंतिम किश्त की वित्तीय स्वीकृति।
७ नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग / नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मुलन अनुभाग ५५/२०१८/१०१/६९-१-२०१८-५४(म०ब०-८३)/2०१6 शहरी क्षेत्रों की मलिन बस्तियों में इण्टरलाकिंग,जल निकासी,नाली निर्माण एवं अन्य सामान्य सुविधाओं की स्थापना योजना के कार्यों को पूर्ण करने हेतु ''मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना'' के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2०१७-१8 में अनुदान संख्या-८३ में प्राविधानित धनराशि से जनपद-उन्नाव की ०5 परियोजनाओं हेतु द्वितीय/अंतिम किश्त की वित्तीय स्वीकृति।
८ नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग / नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मुलन अनुभाग ५६/2०१८/१५५५/६९-१-2०१7-४४(म०ब०-८3)/2०१6 शहरी क्षेत्रों की मलिन बस्तियों में इण्टरलाकिंग,जल निकासी,नाली निर्माण एवं अन्य सामान्य सुविधाओं की स्थापना योजना के कार्यों को पूर्ण करने हेतु ''मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना'' के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2०१7-१८ में अनुदान संख्या-८3 में प्राविधानित धनराशि से जनपद-हापुड़ की १० परियोजनाओं हेतु द्वितीय/अंतिम किश्त की वित्तीय स्वीकृति।
९ नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग / नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मुलन अनुभाग ५७/२०१८/१५4९/6९-१-१7-५(आरएवाई-८३)/20१4 वित्तीय वर्ष 20१7-१8 में अनुदान संख्या-८३ से राजीव आवास योजनान्तर्गत जनपद-झांसी की निकाय झांसी (डडियापुरा) की 0१ परियोजना हेतु केन्द्रांश व राज्यांश के रूप में द्वितीय किश्त की वित्तीय स्वीकृति।
१० कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग / कारागार प्रशासन एवं सुधार अनुभाग-४ ९/२०१८/११६/२२-४-२०१८-४8(५२)/९7 जिला कारागार, चित्रकूट की अधिसूचना के सम्बन्ध में।
१२ लोक निर्माण विभाग / लोक निर्माण अनुभाग-११ ३८/२०१८/२२३७ई/२३-११-२०१८ जनपद गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर-भटनी सेक्शन के अन्तर्गत चौरीचौरा -सरदार नगर के मध्य सम्पार सं०-१४९ए पर ०2 लेन रेलवे उपरिगामी सेतु का निर्माण।
१३ लोक निर्माण विभाग / लोक निर्माण अनुभाग-१४ १/2०१8/६२/२३-१४-2०१8-१98आ०पू०वि०नि०/2०१5 पूर्वान्चेल विकास निधि (राज्यांाश) अनुदान संख्या०-८३ के अन्तिर्गत जनपद-इलाहाबाद की ०१ परियोजना हेतु वित्ती)य वर्ष 2०१7-१8 में अवशेष धनराशि का आवंटन।
१४ लोक निर्माण विभाग / लोक निर्माण अनुभाग-१४ २/२०१८/१५०/२3-१४-२०१८-५४आ०पू०वि०नि०/२०15 पूर्वान्चेल विकास निधि (राज्यांाश) अनुदान संख्या०-८३ के अन्तिर्गत जनपद-इलाहाबाद की ०1 परियोजना हेतु वित्ती)य वर्ष २०17-१८ में अवशेष धनराशि का आवंटन।
१५ गृह विभाग / गृह (पुलिस)अनुभाग-७ ३२/२०१८/३६९/६-पु०-७-२०१८-८(एस०एन०डी०)/2०१५ महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रदेश के संवेदनशील जनपदों में कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु दिनांक १३.०2.२०१८ से १५.०2.२०१८ तक १२ कम्पनियां आर०ए०एफ०/सी०आर०पी०एफ० के व्यवस्थापन पर आने वाले व्यय रू० ९,८4,3१२/- के अग्रिम भुगतान के संबंध में। |
बॉक्सिंग डे टेस्ट के पहले ऑस्ट्रेलिया पहुंचेंगे हार्दिक पांड्या !
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय टीम मैनेजमेंट ने ऑलराउंडर पांड्या को ऑस्ट्रेलिया भेजने का मन बना लिया है।
भारतीय टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी हार्दिक पांड्या बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया पहुंच सकते हैं। एशिया कप के दौरान पीठ में चोट लगने के बाद से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से दूर चल रहे पांड्या को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने वाले टी२० और टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली थी। लेकिन जनवरी २०19 में होने वाली वनडे सीरीज के लिए पांड्या को मौका दिया जा सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक चयनसमिति ने पांड्या पर ही ऑस्ट्रेलिया जाने का फैसला छोड़ दिया है। बता दें कि शुक्रवार को राष्ट्रीय चयनकर्ता सरनदीप सिंह वानखेड़े स्टेडियम में रणजी खेल रहे पांड्या को देखने पहुंचे थे। पांड्या बड़ौदा के लिए मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच खेल रहे हैं। जहां पांड्या ने मुंबई के खिलाफ पहली पारी में शानदार पांच विकेट हॉल भी लिया था।
पांड्या करीबन तीन महीने से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं, ऐसे में अगर पांड्या फिट हैं तो वनडे सीरीज से पहले उन्हें ऑस्ट्रेलिया भेजना सही फैसला होगा। रिपोर्ट के मुताबिक टीम मैनेजमेंट पांड्या को २६ दिसंबर से होने वाले तीसरे टेस्ट मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया भेजने का पूरा मना बना चुका है। |
गुवाहाटी, ११ फरवरी (हि.स.)। राजधानी गुवाहाटी के पाटगांव स्थित प्रथम वाहिनी एनडीआरएफ के प्रशिक्षकों की एक टीम पूर्वोत्तर के ३०वीं सीआरपीएफ के जवानों को बाढ़ बचाव तकनीकों और नाव चलाने एवं रखरखाव के संबंध में गत ०४ फरवरी से १६ फरवरी तक मिर्जा में प्रशिक्षण चलाया जा रहा है।
प्रशिक्षण के दौरान निम्न बिंदुओं पर बाढ़ बचाव तकनीक, नाव हैंडलिंग और रखरखाव आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है। एनडीआरएफ टीम ने सीआरपीएफ कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि कैसे पीड़ितों को डूबने से बचाकर किनारे पर लाना है और उन्हें अस्पताल पहुंचाने से पहले किस तरह का उपचार देना है। एनडीआरएफ के द्वारा सीआरपीएफ कर्मियों को नाव चलाना और रखरखाव के बारे में भी प्रशिक्षित किया जा रहा। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सीआरपीएफ कार्मिकों को आपदा और आपातकाल के दौरान लोगों को बचाने के लिए तैयार करना है।
प्रथम एनडीआरएफ के कमांडेंट एसके शास्त्री ने बताया है कि इस आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रशिक्षित विशेषज्ञों एवं आपदा प्रबंधन करने वालें बचाव कर्मियों की क्षमता बढाकर आपदा के दौरान नुकसान रहित प्रबंधन करना है जो कि, आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा। यहां पर यह बताना नितांत आवश्यक है कि प्रथम एनडीआरएफ ने अब तक अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और असम में २१४६ एसडीआरएफ कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया है। सन् २००६ से अब तक प्रथम एनडीआरएफ द्वारा आयोजित किये गये विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों से पूर्वोत्तर राज्यों में लगभग ७,०९,५०० लोगों को फायदा पहुंचाया है। प्रथम एनडीआरएफ आपदा मोचन के उपर कई सारें कैपिसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं। जिसमें अब तक 5७,००० से जादा लोग सम्मिलित हुए हैं। जिसमें सिविल संस्थाओं के अधिकारीगण, विभिन्न स्कूल और कालेजों के विद्यार्थी शामिल हैं। |
वृषभ राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है। इस राशिवालों के लिए शुभ दिन शुक्रवार और बुधवार होते हैं। कुलस्वामिनी को वृषभ राशि के बालाजा नाम की लड़कियों का आराध्य माना जाता है। बालाजा नाम की लड़कियों को गले में ख़राश, खांसी और ठंड जल्दी लगती है। वृषभ राशि के बालाजा नाम की लड़कियों में घेंघा रोग, टॉन्सिलाइटिस और मोटापे से ग्रस्त होने की सम्भावना होती है। वृषभ राशि के बालाजा नाम की लड़कियाँ आलसी, मोटे और खाने पीने के शौकीन होते हैं। इस राशि के बालाजा नाम की लड़कियाँ भोजन-नली, जबड़े, कान और गले की बीमारियों से अकसर ग्रस्त रहते हैं। इस राशि के बालाजा नाम की लड़कियाँ विश्वसनीय और लक्ष्य पूरा करने के लिए पसंद किये जाते हैं।
अगर आप अपने बच्चे का नाम बालाजा रखने की सोच रहें हैं तो पहले उसका मतलब जान लेना जरूरी है। आपको बता दें कि बालाजा का मतलब जैस्मीन, सुंदर, शक्ति का जन्मे, पृथ्वी होता है। जैस्मीन, सुंदर, शक्ति का जन्मे, पृथ्वी होना बहुत अच्छा माना जाता है और इसकी झलक बालाजा नाम के लोगों में भी दिखती है। आपको बता दें कि अपने शिशु को बालाजा नाम देकर आप उसके जीवन में सकारात्मक संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं। नाम का मतलब जैस्मीन, सुंदर, शक्ति का जन्मे, पृथ्वी होने की वजह से बालाजा नाम के लोगों को समाज में भी बहुत पसंद किया जाता है। बालाजा नाम वाले व्यक्ति बिलकुल अपने नाम के मतलब की तरह यानी जैस्मीन, सुंदर, शक्ति का जन्मे, पृथ्वी होते हैं। आगे पढ़ें बालाजा नाम की राशि, इसका लकी नंबर क्या है, बालाजा नाम के जैस्मीन, सुंदर, शक्ति का जन्मे, पृथ्वी मतलब के बारे में विस्तार से जानें।
बालाजा नाम लड़कियों का ग्रह स्वामी शुक्र है। इनका शुभ अंक ६ होता है। बालाजा नाम वाली लड़कियों का शुभ अंक ६ होता है, वे आकर्षक और खूबसूरत होती हैं। बालाजा नाम की लड़कियों में बेहतरीन कलाकार बनने के गुण होते हैं और इनको साफ-सफाई भी काफी पसंद होती है। बालाजा नाम की महिलाओं को घूमना पसंद होता है। इनमें सहनशीलता भी काफी होती है। ६ अंक से सम्बंधित बालाजा नाम की लड़कियां विदेश यात्रा कर सकती हैं। बालाजा नाम वाली लड़कियां अपने माता-पिता से बहुत प्यार करती हैं और बदले में इन्हें बहुत प्यार मिलता है।
वृषभ, बालाजा नाम की महिलाओं/लड़कियों की राशि है। इस राशि से जुड़ी बालाजा नाम वाली लड़कियां आस-पास के लोगों, दोस्त, नौकरी, काम व अन्य चीज़ों से बहुत जुड़ी होती हैं और उनके प्रति ईमानदार होती हैं। जिन महिलाओं का नाम बालाजा है, उन्हें बिना किसी उतार-चढ़ाव वाली जिंदगी जीना अच्छा लगता है। मेष राशि की बालाजा नाम की लड़कियों को बदलाव पसंद नहीं होता, इसलिए ये अक्सर हठी स्वभाव की बन जातीहैं। खुशमिजाज, धैर्यवान और विश्वसनीय होना बालाजा नाम की लड़कियों की खूबियां हैं। बालाजा नाम की महिलाओं पर आंख मूंदकर भरोसा किया जा सकता है। |
उज्जैन. प्रदेश में अभी पांच हजार से कम घरों में पाइपलाइन से सीधे किचन तक घरेलू गैस पहुंच रही है। अब हमारा लक्ष्य रहेगा कि प्रदेश के १ लाख घरों तक पीएनजी (पाईप्ड नैचुरल गैस) पहुंचाई जाए। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमारी कोशिश इसी तरह लगातार जारी रहेगी।
सिंहस्थ २०१६ अद्भुत और अनूठा होगा, जिसके लिए ग्रीन सिंहस्थ की योजना बनाई गई है। यह बात सोमवार दोपहर नागझिरी के समीप अवंतिका गैस कंपनी के पीएनजी-सीएनजी मदर स्टेशन के शुभारंभ के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम राज्यमंत्री धर्मेंद्र प्रधान व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कही।
मीडिया को जानकारी देते हुए पेट्रोलियम मंत्री प्रधान ने कहा कि देश में अभी १ लाख घरों में पीएनजी है। इसे अब १ करोड़ घरों तक पहुंचाना है और प्रदेश में ५ हजार से कम है, जिस पर पीएनजी को १ लाख घरों तक पहुंचाने का लक्ष्य रहेगा।
प्रधान ने ये जानकारी भी दी कि जल्द ही प्रदेश में ५ किलो का एलपीजी सिलेंडर आने वाला है, जो उन लोगों के लिए फायदे मंद रहेगा, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर या फिर कम खपत होने पर भी मजबूरी में १४ किलो वाला एलपीजी सिलेंडर लेना पड़ता था।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पीएनजी योजना शहर ही नहीं बल्कि गांव तक भी ले जाएंगे। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के सहयोग से अब मध्यप्रदेश में फर्टिलाइजर कारखानों के स्थापना की राह आसान हो गई।
गेल के प्रदेश में सीएनजी उपलब्धता के सकारात्मक रवैये से अब प्रदेश में अधिक मात्रा में यूरिया निर्माण भी संभव हो सकेगा। जिससे प्रदेश के किसानों को लाभ मिलेगा। महाकौशल सहित अन्य क्षेत्रों में भी पाइपलाइन के जरिये रसोई गैस घरों में पहुंचाए जाने की योजना बनाई जा रही है। |
इस परीक्षा का आयोजन मार्च २०१९ में किया गया था। अगर आपने यह परीक्षा दी है तो आप बोर्ड की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर अपने सही जवाब चेक कर सकते हैं। आंसर की पर अगर किसी आवेदक को कोई आपत्ति है तो वो अपनी आपत्ति २७ मार्च २०१९ से ३ अप्रैल २०१९ तक पर ईमेल कर सकता है।
बता दें कि डेडलाइन के बाद भेजी गई किसी भी आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा। उपसेसब ने कई विषयों की परीक्षा आयोजित की थी। इनमें हिंदी, संस्कृत, उर्दू, इंगलिश, विज्ञान गणित, गृह विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, म्यूजिक वोकल, म्यूजिक इंस्ट्रूमेंटल, कॉमर्स, एग्रीकल्चर, फिजिकल एजुकेशन, सिलाई और बांग्ला की परीक्षा शामिल थी। |
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : विद्युत ट्रांसफार्मर और स्थायी विद्युत विच्छेदन से जुड़ी जानकारी देने के लिए विभागीय इंजीनियरों ने प्रबंध निदेशक का भी आदेश दरकिनार कर दिया। मांगी गई जानकारी देने के लिए एमडी ने एक्सईएन को निर्देश दिया था, बावजूद इसके मांगी गई सूचना समय पर नहीं उपलब्ध कराई गई। सच्चाई सार्वजनिक न करने पर आवेदक ने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर आरटीआइ एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग किया है।
आरटीआइ कानून को लेकर लोक प्राधिकरणों के जनसूचना अधिकारियों में संजीदगी नहीं दिख रही है। आरटीआइ कार्यकर्ता ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी कार्यालय में आवेदन कर पांच बिदुओं पर सूचना मांगी थी, जिसमें जिले में सौभाग्य योजना के तहत लगाए गए विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर, मीटर व की संख्या व व्यय बजट, ट्रांसफार्मर रिपेयरिग में खपत तेल के मद में खर्च धनराशि तथा उपभोक्ताओं की मांग पर कनेक्शन पीडी से जुड़े जमा किए गए बिल आदि की जानकारी मांगी थी। निगम के एमडी ने अधिशासी अभियंता को समयावधि के भीतर सूचना देने का निर्देश दिया था। सूचना न मिलने पर आवेदक ने आयोग की शरण में फरियाद लगाई है। |
एंटवर्प। विश्व की पांचवें नंबर की टीम भारत ने तूफानी प्रदर्शन करते हुए विश्व और यूरोपियन चैंपियन बेल्जियम को पांचवें और अंतिम हॉकी मुकाबले में गुरूवार को ५-१ के बड़े अंतर से पीट दिया। भारतीय टीम ने इस तरह बेल्जियम दौरे में अपने सभी पांचों मैच जीते। आखिरी मैच में भारत की जीत में सिमरनजीत सिंह (७), ललित कुमार उपाध्याय (3५), विवेक सागर प्रसाद (३६), हरमनप्रीत सिंह (४२) और रमनदीप सिंह (४३) ने गोल किये। भारत ने बेल्जियम दौरे की शुरुआत बेल्जियम को २-० से हराकर की थी।
भारत ने फिर स्पेन को अगले दो मैचों में ६-१ और ५-१ से हराया। भारत ने फिर दौरे के आखिरी दो मैचों में बेल्जियम को २-१ और ५-१ से हराया। भारत ने मैच में आक्रामक शुरुआत की और सातवें मिनट में बढ़त बनाने के बाद इस लय को अंत तक बरकरार रखा। भारत के पास पहले हाफ में मात्र एक गोल की बढ़त थी लेकिन दूसरे हाफ में भारत ने आठ मिनट के अंतराल में चार गोल दागकर मेजबान टीम को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। बेल्जियम का एकमात्र गोल एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स ने ३९वें मिनट में किया। |
जैसा कि आप जानते हैं, यह एक मौलिक मामला है आप दलाल के बिना एक दलाल में निवेश नहीं कर सकते बाइनरी विकल्प इसलिए यह एक मंच चुनने के लिए उचित होगा मैं उस आधार के बारे में पूरे व्याख्यान नहीं करूँगा जिस पर मंच चुना गया है विदेशी मुद्रा में निवेश करें - मैं संक्षेप में आपको बताएगा कि आपको ध्यान किस पर ध्यान देना चाहिए।
विंबलडन को फेडरर ने सात बार जीता है. विंबलडन का आयोजन ०३ जुलाई से १६ विदेशी मुद्रा में निवेश करें जुलाई २०१७ तक होगा। कुछ निश्चित रकम महीने के अंतराल पर एक पूर्व निर्धारित अवधि के लिए जमा की जाती है।
आपके व्यापार में मंदी आ गयी है या नौकरी में मंदी आ गयी है तो यह करें। किसी साफ़ शीशी में सरसों का तेल भरकर उस शीशी को किसी तालाब या बहती नदी के जल में डाल दें। शीघ्र ही मंदी का असर जाता रहेगा और आपके व्यापार में जान आ जाएगी। ड्राइंग परिवर्तनीय उच्च कुर्सी और टेम्पलेट्स के मुख्य आयामों को सबसे जटिल भागों को काटने के लिए दिखाती है - चरण और ऊंचे कुर्सी के किनारे। ड्राइंग से, एक असेंबली आरेख स्पष्ट है।
आरएफ सक्षम आईसीएस की शुरूआत के साथ, आवृत्ति सिंथेसाइज़र चरण प्रौद्योगिकी का उपयोग बंद कर दिया छोरों संभव हो गया है, और उनके फायदे के साथ, उनके उपयोग व्यापक हो गया। सदियों से हिन्दू गाय को माता के रूप में पूजते आये हैं, लेकिन भारत में केरल ही एक राज्य ऐसा है जिसने गौवंश के वध की आधिकारिक अनुशंसा की हुई है। सन् २००२ के केरल सरकार के आधिकारिक आँकड़ों के मुताबिक उस वर्ष पाँच लाख गायों का वध किया गया और २,४९,००० टन का गौमाँस निर्यात किया गया (न्यू इंडियन एक्सप्रेस, कोचीन १३ अगस्त २003), जबकि असली आँकड़े निश्चित रूप से और भी भयावह होते हैं। भले ही मेडिकल साइंस इसके खतरों के प्रति आगाह कर रहा हो, भले ही हिन्दू धर्माचार्य और हिन्दू नेता इसका विरोध करते रहे हों, लेकिन केरल के किसी भी मुस्लिम नेता ने कभी भी इस गौवध का खुलकर विरोध नहीं किया।
इतिहास, शक्तिशाली लोगों द्वारा, उनके धन और बल की रक्षा के लिये लिखा जाता है । सामान्य रूप से, रूस में द्विआधारी विकल्पों के सभी दलाल(जिस रेटिंग को हमने संकलित किया है, यह एक बार फिर साबित हुआ) इस विषय में पहली बार है, और किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जो पहले से ही व्यापार विकल्पों में महत्वपूर्ण अनुभव रखता है, के लिए अच्छे प्लेटफॉर्म हैं। यह उत्साहजनक है कि ऐसी गंभीर कंपनियां बाजार पर प्रतिस्पर्धा करती हैं, जिन विदेशी मुद्रा में निवेश करें पर बाद में चर्चा की जाएगी। |
कपिल शर्मा हाल ही में अपने दोस्त की गोद भराई में गिन्नी चतरथ के साथ पहुंचे। इस दौरान गिन्नी पहली बार पब्लिकली बेबी बंप फ्लॉन्ट करती नजर आईं।
कपिल शर्मा और गिन्नी चतरथ हाल ही में बेबीमून के बाद इंडिया लौटे हैं।
इंडिया लौटने के बाद कपिल और गिन्नी एक फ्रेंड की गोद भराई सेरेमनी में पहुंचे।
सेरेमनी के बाद गिन्नी चतरथ पति कपिल और सास के साथ फिल्म देखने भी गईं।
कॉमेडियन कपिल शर्मा जल्द पापा बनने वाले हैं। फिलहाल कपिल की पत्नी गिन्नी चतरथ प्रेग्नेंसी पीरियड एंजॉय कर रही हैं और जल्द ही बेबी को जन्म देने वाली हैं। इसी बीच हाल ही में कपल एक फ्रेंड की गोद भराई सेरेमनी में पहुंचा। कपिल शर्मा अपने दोस्त के यहां गोद भराई फंक्शन में गिन्नी चतरथ के साथ पहुंचे थे। इस दौरान गिन्नी पहली बार पब्लिकली बेबी बंप फ्लॉन्ट करती नजर आईं।
गिन्नी चतरथ की बेबी बंप फ्लॉन्ट करते हुए फोटोज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इन पिक्चर्स में गिन्नी बेहद खूबसूरत लग रही हैं। वहीं कपिल शर्मा भी फोटोज में काफी खुश नजर आ रहे हैं। कपिल शर्मा के साथ उनकी द कपिल शर्मा शो की टीम भी नजर आ रही है। दरअसल शो की पूरी टीम वंकुश अरोड़ा की पत्नी रिद्धि भट्ट की गोद भराई में पहुंची थी। इसी दौरान की फोटोज कपिल की को-स्टार रोशेल राव ने सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। उन्होंने फोटो के कैप्शन में लिखा, 'मिलिए इनसे जो जल्द ही प्यारी सी मम्मी बनने वाली हैं।' वैसे कुछ दिन पहले ही कपिल शर्मा और गिन्नी चतरथ बेबीमून से लौटे हैं। कपल शॉर्ट वेकेशन के लिए कनाडा गया हुआ था।
गोद भराई फंक्शन अटेंड करने के बाद गिन्नी चतरथ पति कपिल शर्मा की फिल्म भी देखने पहुंचीं। कपिल की एनिमेटड फिल्म द एंग्री बर्ड्स मूवी २ रिलीज हो गई है। इसी फिल्म को देखने कपिल शर्मा के साथ उनकी मां जनक रानी और प्रेग्नेंट वाइफ गिन्नी चतरथ भी पहुंचीं। फिल्म देखने बाद गिन्नी पति और सासू मां के साथ फोटोज क्लिक कराती भी नजर आईं।
बता दें, फिल्म द एंग्री बर्ड्स मूवी २ के हिंदी वर्जन में फेमस कैरेक्टर रेड को कपिल शर्मा ने आवाज दी है। द एंग्री बर्ड्स मूवी २ इंग्लिश के साथ-साथ हिंदी, तमिल और तेलुगू में भी रिलीज हुई है। द एंग्री बर्ड्स फ्रैंचाइजी की पहली फिल्म को भारत में काफी पॉपुलैरिटी मिली थी। अब दूसरे पार्ट के लीड कैरेक्टर रेड को कपिल शर्मा ने आवाज दी है। |
बाजार के अनुसार हर बार एक अलग स्थिति से खोलना याद रखना आपके लिए महत्वपूर्ण है। एक ही आकार की स्थिति के साथ खुलने से कुछ द्विआधारी विकल्प व्यापारियों को उनके पैसे के साथ या अधिक प्रतिबद्ध किया जाता है। अन्य व्यापारों पर ध्यान दें और तदनुसार अपनी स्थिति समायोजित करें। यह आपको जांच इस स्थल पर अपने व्यापारों के साथ और अधिक सफल होने में मदद करेगा।
आपको जो पता है और आपकी अपेक्षाओं के आधार पर एक पैकेज किया जाना चाहिए। अपनी सीमाओं को स्वीकार करें, और यथार्थवादी बनें। लंबे समय तक अभ्यास, व्यापार में सफल होने का एकमात्र तरीका है। ज्यादातर व्यापारी सहमत हैं कि, विशेष रूप से शुरुआती लोगों के लिए, सलाह दी जाती है कि वे उस खाते से चिपके रहें जिसके पास कम लाभ है। जब आप नए होते हैं, तो अपने जोखिम को कम करने के लिए एक अभ्यास खाता खोलें। जब आप बाइनरी विकल्प व्यापार की दुनिया के आदी हो जाते हैं तो धीरे-धीरे बड़े और बड़े व्यापारों के लिए अपना रास्ता तैयार करें । |
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद अपना उम्मीदवार बदलकर युनुस खान को मैदान में उतारा दिया है।
जयपुर । बीजेपी ने राजस्थान विधानसभा के आखिरी दौर में टोंक में बड़ा दांव खेल दिया है। भाजपा पार्टी ने इस सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद अपना उम्मीदवार बदलकर युनुस खान को मैदान में उतारा दिया है। बीजेपी ने जारी प्रत्याशियों की अपनी अंतिम सूची में युनुस खान का नाम टोंक विधानसभा सीट के लिए शामिल किया है। जानकारों का कहना है कि टोंक से युनुस खान को उतारने के पीछे एक वजह यह भी है कि यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है। टोंक सीट पर बीजेपी द्वारा मुस्लिम प्रत्याशी उतारने का अनुमान पहले ही लगाया जा रहा था, लेकिन जब अजित सिंह मेहता को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई थी तो इन अटकलों पर विराम लग गया था।
हालांकि कांग्रेस ने जब प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को टोंक से मैदान में उतारा तो इन अटकलों को फिर बल मिल गया। सोमवार को अटकलों पर मुहर भी लग गई। बता दें कि टोंक से बीजेपी के प्रत्याशी युनुस खान की गिनती वसुंधरा राजे सरकार के कद्दावर मंत्रियों में होती है। युनुस खान अभी डीडवाना से विधायक हैं। बता दें कि बीजेपी ने अपनी पांचवीं सूची में टोंक से अजित सिंह मेहता व खेरवाड़ा से शंकर लाल खराड़ी का नाम वापस लिया है। मेहता की जगह युनुस खान तथा शंकरलाल की जगह नानाला आहरी को प्रत्याशी बनाया है। दूसरी तरफ, पार्टी ने कोटपूतली से मुकेश गोयल, बहरोड़ से मोहित यादव, करौली से ओपी सैनी, केकड़ी से राजेंद्र विनायक व खींवसर से रामचंद्र उत्ता को उम्मीदवार घोषित किया है।
राजस्थान में विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन का सोमवार को आखिरी दिन है। राज्य की २०० विधानसभा सीटों के लिए ७ दिसंबर को मतदान होगा। राजस्थान में कांग्रेस ने पहले ही आखिरी दांव चलाते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ मानवेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है। मानवेंद्र सिंह ने पिछले महीने ही कांग्रेस ज्वाइन की थी। कांग्रेस के इस दांव के बाद झालड़पाटन में लड़ाई दिलचस्प हो गई है। वसुंधरा राजे और मानवेंद्र सिंह के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है। आपको बता दें कि सीएम वसुंधरा २००3 से लगातार यहां से चुनाव जीतती आ रही हैं। गौरतलब है कि मानवेंद्र सिंह और उनके पिता जसवंत सिंह लंबे समय से बीजेपी से नाराज थे। साल २०१४ में पार्टी ने जसवंत सिंह को बाड़मेर से टिकट देने से इनकार कर दिया था। |
कुपोषण का संकेत पत्तियों के पीले होने या पत्तियों के ज्यादा गिरने के रूप में देखा जा सकता है।
वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य पर असर डालने के अलावा पेड़ों को भी कुपोषित कर रहा है। वायु प्रदूषण से एक कवक (फंजाई) को नुकसान पहुंच रहा है, जो पेड़ की जड़ों को खनिज पोषक तत्व प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है। एक नए शोध में यह पता चला है, माइकोराइजा कवक पेड़ों की जड़ों में पाया जाता है जो मिट्टी से पोषक पदार्थ प्राप्त करता है। ये कवक पेड़ से कार्बन के बदले उसे मिट्टी से जरूरी पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम देते हैं।
यह पौधे व कवक का सहजीवी संबंध पेड़ के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
शोध में पता चलता है कि नाइट्रोजन व फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों के उच्च स्तर को माइकोराइजा पोषक पदार्थ के बजाय प्रदूषक में बदल देता है। |
उन्नाव। नवयुगजन चेतना व गायत्री परिवार के संयुक्त संयोजन में एक जनजागरण रैली निकाली गई। रैली की शुरुआत शहर के पीतांबर नगर स्थित फौजी चक्की के पास बनाए गए यज्ञ स्थल से की गई जो चर्च वाली गली से होते हुए कई मोहल्लों का भ्रमण कर पुन: यज्ञ स्थल पर पहुंचकर विसर्जित की गई।
गायत्री परिवार के कार्यकर्ता रेवाशंकर जी ने पूजा अर्चना कर रैली को रवाना किया। इस अवसर पर नवयुगजन चेतना के संस्थापक पुत्तन लाल पाल ने बताया कि रविवार सुबह ८ बजे से पांच कुंडीय यज्ञ शुरू होगा जो शाम को दीपयज्ञ के साथ समाप्त होगा। उन्होंने रैली का उद्देश्य जनमानस को दुर्ल्यसनों, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण के प्रति जागरूक कर हम बदलेेंगे युग बदलेगा की भावना को बलवती करना है। रैली में स्थानीय मोहल्लों के सभी निवासियों ने एक जुट होकर हिस्सा लिया। यहां के तुर्कमान नगर, पोटरिहा, कोटरा, पकरा, अमीरअली खेड़ा आदि गावों के सैकड़ों लोगों ने रैली में भाग लेकर रैली को सफल बनाया। इस अवसर पर ब्रजेश वर्मा, अतुल श्रीवास्तव, मेवालाल पाल व पुत्तन लाल पाल आदि लोग उपस्थित रहे। |
जनता दाल यूनाइटेड के पूर्व नेता शरद यादव के द्वारा दिए गए आपत्तिजनक टिप्पणी पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि शरद यादव ने सिर्फ उनका अपमान नहीं किया है, बल्कि सभी महिलाओं का अपमान किया है। साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से भी कार्रवाई करने और एक उदाहरण पेश करने की अपील की है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि भविष्य के लिए उदाहरण पेश करते हुए चुनाव आयोग को इस तरह की भाषा का संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे अपमानित महसूस हो रहा है और मुझे लगता है कि महिलाओं का भी अपमान हुआ है। बता दें कि वसुंधरा राजे शुक्रवार की सुबह झलावर के झालरापाटन के पिंक वोटिंग बूथ पर वोट डालने पहुंची थी और वहीं पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने यह जवाब दिया है।
बता दें कि, अलवर में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन एक चुनावी सभा के दौरान शरद यादव ने लोगों से कहा था कि वसुंधरा को आराम दो, बहुत थक गई हैं। बहुत मोटी हो गई है, पहले पतली थी। हमारे मध्य प्रदेश की बेटी है। लिहाज़ा शरद यादव का ये बयां अब काफी सुर्खियां बटोर रहा है, लोग उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं। |
आ फ्ग प्लजीन को अपने किंग ऑफ आप्प साइट पर बिना कोडिंग या सिरदर्द के जोड़ें।
आपके किंग ऑफ आप्प वेबसाइट में आ फ्ग प्लगइन एंबेड करना कभी आसान नहीं रहा। पोर, प्रमुख वेबसाइट प्लगइन लाइब्रेरी, एक नि: शुल्क फ्ग है जिसे किंग ऑफ आप्प के साथ त्रुटिपूर्ण काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। प्लगइन बनाएं, अपनी वेबसाइट की शैली और रंगों से मेल खाएँ, और आ फ्ग को जहाँ भी आप अपनी किंग ऑफ आप्प साइट पर चाहें, जोड़ें। आज ही नि: शुल्क फ्ग कोशिश करें और अतिरिक्त सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए किसी भी समय अपग्रेड करें।
पोर प्लगइन्स, किंग ऑफ आप्प वेबसाइट्स में नई सुविधाओं के टन को जोड़ने का एक शानदार तरीका है। फ्ग प्लगइन केवल एक उदाहरण है। पोर प्लगइन लाइब्रेरी में सभी विकल्पों की जाँच करें या पोर बुसिनेस की सदस्यता लेने पर विचार करें जो आपको फ्ग प्लगइन सहित पूरे सुइट तक पूरी पहुँच प्रदान करता है!
मैं एक इंटरनेट व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन मेरे किंग ऑफ आप्प साइट पर फ्ग डालकर एक चिंच था।
अभिवादन और पोर में आपका स्वागत है! किसी भी किंग ऑफ आप्प वेबसाइट के लिए महान प्लजीन के लिए वन-स्टॉप-शॉप। निम्न कस्टम फ्ग प्लजीन किंग ऑफ आप्प के लिए क्लाउड-आधारित है, इसलिए आप इसे कई साइटों पर एम्बेड कर सकते हैं। पोर फ्ग प्लजीन उपयोग करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है, पूरी तरह से मोबाइल उत्तरदायी है, और संपादित करने के लिए सुपर आसान है, कोई कोड आवश्यक नहीं है। बस इसे किसी भी पेज, पोस्ट, साइडबार, या पाद पर एम्बेड करें, फिर लाइव वेब पेज पर राइट कस्टमाइज़ करें। यह पूरी तरह से मुक्त प्लेटफ़ॉर्म फ्ग प्लजीन कुछ ही समय में उपयोग करना शुरू करें। यह फ्ग प्लजीन किसी ईकामर्स साइट, ब्रांड साइट, ऑनलाइन गैलरी, उत्पाद पृष्ठ, या बहुत अधिक किसी भी चीज को चलाने वाले के लिए बहुत अच्छा काम करता है। मज़े करो! |
पैट्रियट पार्क के विस्तार में एक विशेष आकर्षण सैन्य संगीत द्वारा लाउडस्पीकरों से लगातार आवाज करना है। और पहले से ही अगर एक आगंतुक एक तोपखाने मार्च की आवाज़ के लिए दुर्जेय तोपखाने से मिलता है, तो दिल अधिक बार धड़कना शुरू कर देता है।
तो, २१ मिमी कैलिबर के ग्रैड रॉकेट लॉन्चर सिस्टम के दिग्गज बीएम-एक्सएनयूएमएक्स लड़ाकू वाहन। युद्ध की स्थिति में द्रव्यमान - १२२ किलो, अधिकतम फायरिंग रेंज - १३७०० म, गणना - ४२००० लोग, राजमार्ग पर सीमा - ३ किमी।
दुनिया में सबसे शक्तिशाली मोर्टार - २च४ "ट्यूलिप"। २४0-म्म स्व-चालित मोर्टार को यूराल ट्रांसपोर्ट इंजीनियरिंग प्लांट में विकसित किया गया था। १९७१ वर्ष में सोवियत सेना द्वारा अपनाया गया। मोर्टार का मुख्य उद्देश्य गढ़वाली इमारतों का विनाश, जनशक्ति का संचय और दुश्मन के बख्तरबंद वाहनों के साथ-साथ वस्तुओं और लक्ष्यों का विनाश है, जो अन्य तोपखाने टुकड़ों द्वारा नष्ट नहीं किया जा सकता है।
स्व-चालित बंदूक "हायकैथिन-एस" २च५ कैलिबर 1५२ मिमी। यह दुश्मन के आदेश, नियंत्रण, जनशक्ति और सैन्य उपकरणों को एकाग्रता और गढ़ों के क्षेत्रों में नष्ट करने के साथ-साथ दुर्गों को नष्ट करने के लिए है। १९७७ से १९९३ तक यूराल ट्रांसपोर्ट इंजीनियरिंग प्लांट में सीरियल उत्पादन। वाहन का लड़ाकू वजन २7,५ टन है, चालक दल ५ लोग हैं, गोला बारूद लोड ३० गोले हैं, राजमार्ग पर क्रूज़िंग रेंज ५00 किमी है।
"म्स्टा सी।" एक्सएनयूएमएक्स-मिमी डिवीजनल सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर। यूराल ट्रांसपोर्ट इंजीनियरिंग प्लांट में विकसित किया गया। एक के मुख्य डिजाइनर यू। वी। तोमाशोव, १५२-म्म गन १५२२ - ग. ई. सर्गेव है। ६४च२ एक को सामरिक परमाणु हथियारों, तोपखाने और मोर्टार बैटरी, टैंक और अन्य बख्तरबंद वाहनों, टैंक रोधी हथियारों, जनशक्ति, वायु रक्षा और मिसाइल रक्षा प्रणालियों, कमांड पोस्टों को नष्ट करने और दुश्मन के युद्धाभ्यास को उसकी रक्षा की गहराई में करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। । पर्वतीय परिस्थितियों में काम सहित बंद पदों और प्रत्यक्ष आग से अवलोकनीय और अप्राप्य लक्ष्य पर आग लग सकती है।
१५२-म्म स्व-चालित होवित्जर २च३म "बबूल"। यह एक आधुनिक मशीन है, जो अपने पूर्ववर्ती २३ से भिन्न होकर गोला बारूद से ४० दौर तक बढ़ी है, एक संशोधित विन्यास और पतवार और बुर्ज के स्टर्न में हैच के स्थान के साथ-साथ जमीन से मैकेनाइज्ड फीड शॉट्स की शुरूआत है। २३ को १९७५ श्रृंखला में लॉन्च किया गया था।
लड़ाकू वाहन अटम "श्चर्म-स" ९प14९। सुपरसोनिक ९११४ कोकों मिसाइल के साथ एंटी टैंक मिसाइल सिस्टम जो एक रेडियो कमांड गाइडेंस सिस्टम से लैस है। इस परिसर को वैरिएंट्स में विकसित किया गया था - ग्राउंड फोर्स के लिए स्व-चालित ९क११४ "स्टर्म-स", वायु सेना के लिए हेलीकॉप्टर ९क११३ "स्टर्म-व" और नौसेना के लिए नौसेना "स्टर्म-ल्क"। गोला बारूद परिसर - एक्सएनयूएमएक्स मिसाइल, गणना - एक्सएनयूएमएक्स मैन, एक बुनियादी हवाई जहाज़ के पहिये के रूप में एक फ्लोटिंग ट्रैक ट्रैक्टर एमटी-एलबी का उपयोग किया जाता है।
एक्सएनयूएमएक्स-एमएम रस्सा बंदूक "हयाकिंथ-बी"। यह बड़े-कैलिबर आर्टिलरी से संबंधित है और मार्च, मार्च के दौरान, एकाग्रता के स्थानों पर और मजबूत बिंदुओं में जनशक्ति, फायर हथियारों और दुश्मन के सैन्य उपकरणों के दमन और विनाश के लिए है। १५२ म / स में उच्च प्रारंभिक गति लगभग ८०० किमी की सीमा पर शूटिंग की अनुमति देती है।
१५२-म्म ने हॉवित्ज़र "म्स्टा-ब" को टो किया। फायरिंग रेंज २४००० म है, फायरिंग दर ७ व / मिनट तक है, चालक दल ८ मैन है, कुल मुकाबला वजन ७ टन है।
१२२-म्म हावित्झर ड-३० (२आ१८)। यह खुले क्षेत्रों में और क्षेत्र-प्रकार के आश्रयों में दुश्मन के कर्मियों के विनाश और दमन के लिए, साथ ही दुश्मन के दुश्मन पैदल सेना के हथियारों के विनाश और दमन के लिए, हथियार विस्थापन और पिलबॉक्स के विनाश के लिए है। ट्रैक्शन हॉवित्जर का अर्थ है - "यूराल-एक्सएनयूएमएक्स"। होवित्जर गहरे बर्फ के आवरण के माध्यम से परिवहन के लिए एक स्की सेट से भी सुसज्जित है।
पार्क में, हर विवरण जोखिम की बारीकियों की याद दिलाता है।
इस तरह की एक अद्भुत चित्रित तकनीक, उन्र्मिया के क्षेत्र में मुख्य प्रदर्शनी से दूर स्थित है। |
कोलकाता में मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान भड़की हिंसा में तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा जमकर पथराव और आगजनी हुई. इस दौरान ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति भी तोड़ दी गई. अमित शाह ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, हम शांति से रोड शो निकाल रहे थे, लेकिन इन दौरान उन पर तीन हमले किए गए. अगर सीआरपीएफ न होती तो मेरा बचकर आना नामुमकिन था."
अमित शाह के बयान के बाद तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, "शाह बंगाल में बाहर से गुंडे लेकर आए थे. छात्रों ने शाह को पोस्टर और काले झंडे दिखाए थे. यह लोकतांत्रिक विरोध था. भाजपा वालों ने ही पत्थर फेंके. " |
प्रेमी राज कुंद्रा के साथ १५ दिन बाद ब्याह रचाने जा रहीं शिल्पा शेटटी शादी की तारीख पास आने के साथ हर भावी दुल्हन की तरह नर्वस हो रही हैं। शिल्पा ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि वह भी हर दुल्हन की तरह इन दिनों खुशी और गम के साथ स्वयं को नर्वस महसूस कर रही हैं।
शिल्पा ने ब्लॉग लिखा, सबसे पहले तो मैं आपको व्यर्तिगत तौर पर बता दूं कि शादी की तारीख तय हो गई है। शादी का समारोह २१ नवंबर से शुरू हो जाएगा, २२ को शादी और २४ को रिसेप्शन है। तैयारियों के लिए सिर्फ दो ही सप्ताह रह गए हैं।
उन्होंने लिखा है यह बहुत बड़ा फैसला था और हमारे सामने कई समस्याएं आईं क्योंकि समय की कमी थी और जगह नहीं समझ आ रही थी, लेकिन अब सब कुछ हो गया है। मैं राहत की सांस ले रही हूं। शिल्पा ने लिखा है अभी बहुत सारे काम करने बाकी हैं और मैं शादी के एक हफ्ते पहले तक शूटिंग और डबिंग करूंगी।
शिल्पा ने लिखा मैं इन दिनों बहुत सारी चीजें महसूस कर रही हूं, खुश और उत्साहित होने के साथ नर्वस भी हूं, किसी भी आम दुल्हन की तरह। थोड़ी दु:खी भी हूं, मैं अपनी बहन को बहुत याद कर रही हूं। आशा है कि वह शादी के कुछ समय पहले से मेरे साथ होगी। उन्होंने लिखा है मेरे मम्मी- पापा मेरे खास दिन को और खास बनाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने लिखा है शादी बहुत बड़ा कदम है और मैं इसमें विश्वास रखती हूं। मुझे आशा है कि हम दोनों इसमें सफल रहेंगे।
शिल्पा को ले जाने रथ पर सवार होकर आएंगे कुंद्रा! |
अरे हां! बूढ़ा आदमी बोला- आप ठीक कहते हैं। हमने इसके बारे में पहले नहीं सोचा था। यह कह कर बूढ़े ने अपने छोटे बेटे को गधे पर बिठा दिया और अपनी यात्रा आगे आरम्भ की।
यह सुनकर बूढ़े ने बच्चे को भी गधे पर अपने पीछे बैठा लिया और आगे बढ़ा।
हां, है तो मेरी ही! बूढ़ा बोला।
भला कौन सोच सकता है कि इस बेचारे गधे पर आप लोग इतना बोझ लादते होंगे। यह कहकर वह व्यक्ति हंसता हुआ आगे बढ़ गया।
अब बूढ़ा गुस्से से बड़बड़ाने लगा- समझ में नहीं आता कि करूं तो क्या करूं। गधे पर बोझ नहीं लादता तो लोग घूर कर देखते हैं। यदि हम में से कोई एक गधे पर बैठ कर यात्रा करता है तो बैठने वाले को धिक्कारते हैं। अगर हम बाप-बेटे दोनों गधे पर बैठ जाते हैं तो भी लोग हमारा उपहास करते हैं।
बूढ़ा कुछ देर खड़ा सोचता रहा फिर उसने कुछ ऐसा करने की ठान ली जो किसी अन्य ने न किया हो।
उसने गधे के चारों पैर रस्सी से एक साथ बांध दिए और गधे को उल्टा एक बांस के डंडे में लटका लिया। अब बांस का एक छोर बूढ़े ने अपने कंधे पर रखा और दूसरा लड़के के कंधे पर और दोनों बाजार की ओर चल दिए। बाजार पहुंचने के लिए नदी पर बने एक पुल से होकर गुजरना पड़ता था।
डंडे पर लटका गधा देखकर पूरा कस्बा ही उमड़ पड़ा। सभी हंस रहे थे, चिल्ला रहे थे, तालियां बजा रहे थे। क्या नजारा था। एक अच्छा भला स्वस्थ गधा डंडे पर लटका कर दो व्यक्ति अपने कंधे पर ढो रहे थे। होना तो यह चाहिए था कि वे दोनों गधे पर चढ़कर यात्रा करते। लोगों की भीड़ और चिल्लाहट सुनकर गधा बुरी तरह हाथ-पैर मारने लगा। अचानक गधे के पैरों में बंधी रस्सी टूट गई और वह पूल से नीचे नदी में गिर गया और थोड़ी देर छटपटाने के बाद मर गया।
बूढे ने नदी में एक बार देखा। गधा मर चुका था। उसने लड़के को गोद में उठाया और तेज कदमों से घर की ओर चल पड़ा। वह बहुत उदास था, मगर उसने कोई मूर्खता नहीं की थी। उसने तो भरसक प्रयत्न किया था सभी को प्रसन्न करने का, परंतु वह किसी एक को भी प्रसन्न नहीं कर पाया। उल्टे उसे अपने गधे से भी हाथ धोना पड़ा। |
केंद्र सरकार के इस आदेश पर दिल्ली सरकार ने भी अपने अस्पतालों में शनिवार को सर्कुलर जारी किया है।
सरकारी स्वास्थ्य कर्मचारियों के वेतन संबंधी मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच सरकार ने कर्मचारियों को बैंक में लाइन में लगने से बचाने के लिए दस हजार की नकदी अस्पतालों में ही मुहैया कराने का एलान किया है। यह वेतन में से काटा जाएगा। केंद्र सरकार के इस आदेश पर दिल्ली सरकार ने भी अपने अस्पतालों में शनिवार को सर्कुलर जारी किया है। दिल्ली सरकार के जीबी पंत सहित कई अस्पतालों में वेतन संबंधी मांग को लेकर कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। सातवें वेतन आयोग के एरियर की मांग के अलावा कई तरह की मांग पर संघर्षरत कर्मचारियों को काम छोड़ कर लाइन में लगने की मजबूरी भी है। रोजमर्रा के दूध-सब्जी व किराए के लिए रुपए चाहिए ही। इसलिए छुट्टी लेकर भी कर्मचारी लाइन में लग रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा अस्पतालों के साफ-सफाई व मरीज की देखभाल का काम प्रभावित हो रहा है।
लिहाजा केंद्र सरकार ने २३ नवंबर क ो एक आदेश निकाला कि तीसरे व चौथे समूह के सभी कर्मचारियों क ो दस हजार तक की राशि उनके कार्यस्थल पर ही दी जाएगी। कर्मचारियों को इसके लिए फार्म भरना होगा। केंद्र सरकार के इस आदेश पर केंद्र के लोक निर्माण विभाग में २४ नवंबर से अमल भी होने लगा। कर्मचारियों को आवेदन फार्म भर कर अग्रिम राशि के तौर पर यह राशि दी जाने लगी। लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार के अस्पतालों में इस पर कोई फैसला नहीं हो पाने से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, जिस पर शनिवार को जारी हुए सर्कुलर के बाद विराम लग गया। तय हुआ है कि अस्पताल के कर्मचारी काम छोड़ कर लाइन में न लगें इसलिए जरूरी है कि उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए राहत दी जाए। सोमवार से कर्मचारी आवेदनपत्र भर कर अपनी अग्रिम राशि ले सकते हैं। यह उनके अगले महीने के वेतन से काटा जाएगा।
सरकार के इस आदेश से जहां एक ओर कुछ कर्मचारी राहत महसूस कर रहे हैं वहीं कुछ कर्मचारियों को इसमें वेतन संबंधी आंदोलन को कमजोर करने की सरकार की चाल नजर आ रही है। कर्मचारियों को इसमें अगले महीने वेतन का संकट पैदा होने की आशंका भी सता रही है क्योंकि उन्हें कमरे के किराए से लेकर बच्चों के फीस व अन्य खर्चे के लिए वेतन का इंतजार है। हालात क्या होंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा पर अस्पतालों में अफवाहों व अटकलों का बाजार गर्म है। |
पहिली ईसुरी पुरुस्कार ले सम्मानित लोक साहित्यकार पँ. अमृतलाल दुबे जी के जयंती समारोह के आयोजन बिलासपुर म् सम्पन्न होइस। ए आयोजन के मुख्य अतिथि डॉ विनय कुमार पाठक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग , अध्यक्षता डॉ बंश गोपाल सिंह कुलपति सुंदरलाल शर्मा मुक्त विवि बिलासपुर अउ विशेष अतिथि श्री आशुतोष मिश्रा संचालक संस्कृति एवं पुरातत्व छत्तीसगढ़ रहिन। ए मउका म श्री विनोद कुमार पांडेय रायगढ़, श्री संतराम देशमुख दुर्ग, डॉ गीता तिवारी , डॉ रंजना मिश्रा रायगढ़, डॉ अंजना शर्मा के सम्मान करें गइस अउ साहित्यकार श्री रमेश चौरसिया अउ श्री लक्ष्मी नारायण दुबे के पुस्तक के विमोचन करे गइस। ए मउका म श्रीमती प्रभा पांडेय, मीना दुबे अउ रश्मि गुप्ता मन भोजली अउ सुआगत गीत प्रस्तुत करिन। समिति के अध्यक्ष श्री राघवेन्द्र दुबे, विवेक तिवारी, ई ए के यदु, डॉ बृजेश सिंह,महेश श्रीवास, सनत तिवारी अउ साहित्यकार मन उपस्थित रहिन। |
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज मेट्रो रेल को हरी झंडी दिखाकर जयपुर शहर को नई पहचान दी। मानसरोवर मेट्रो स्टेशन पर आज काफी गहमा गहमी रही तथा बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री के साथ मंत्री, सांसद, विधायक एवं पार्टी कार्यकर्ता इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।
राजे ने सुबह ११ बजकर ४० मिनट पर हरी झंडी दिखाने से पहले मेट्रो कंट्रोलरुम एवं यार्ड का निरीक्षण कर पट्टिका का लोकार्पण किया। इसके बाद राजे उसी ट्रेन में बैठकर चांदपोल स्टेशन पहुंची। मानसरोवर से चांदपोल तक नौ किलोमीटर का लंबा सफर २३ मिनट में पूरा हुआ। बाद में वह लौटकर सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पर उतर गई। राजे ने मेट्रो में सफर के लिए पंद्रह रुपये का टिकट खरीदा था।
इस अवसर पर राजे को मेट्रो रेल की प्रतिकृति भेंट की गई। राजे ने मेट्रो की लोको पायलट को पहला सफर तय करने के लिए बधाई भी दी। मेट्रो रेल के उदघाटन के बाद दोपहर दो बजे से यात्रियों के लिये पहली मेट्रो रेल चलेगी, जो चांदपोल तक जायेगी। हर दस मिनट के अन्तराल में मेट्रो रात नौ बजे तक चलेगी।
कांग्रेस शासन में मेट्रो रेल को दो चरणों में चलाने की योजना तैयार की गई थी। इनमें पहले चरण में मानसरोवर से बड़ी चौपड़ का था, जिसमें चांदपोल तक ही लाइन डालने का काम पूरा हुआ है। बड़ी चौपड़ तक का काम जून २०१८ तक पूरा होने की उम्मीद है। मेट्रो के चांदपोल तक पहले चरण में २,0२3 करोड़ रुपये का खर्च आया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जयपुर मेट्रो के २4 चालकों में पांच महिला चालक शामिल हैं।
इसके साथ ही जयपुर मेट्रो के सफर वाला देश का छठा शहर बन गया है। उदघाटन के बाद बुधवार को दोपहर दो बजे से आम यात्रियों के लिए मेट्रो शुरू हो जाएगी। जयपुर मेट्रो मानसरोवर क्षेत्र से परकोटे के बाहर चांदपोल गेट तक चलेगी। इसके बाद के सफर के लिए परकोटे में खुदाई चल रही है। इसमें रेलवे स्टेशन और अंतरराज्यीय बस अड्डा भी आएंगे, यानी जयपुर के बाहर से आने वाले यात्री भी मेट्रो का सफर कर गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
आपने अन्य शहरों की मेट्रो में कई झटके झेले होंगे, लेकिन जयपुर मेट्रो में ऐसे डिस्क ब्रेक लगे हैं, जिससे आपको झटके नहीं लगेंगे। इससे व्हील्स बबलिंग नहीं करते, झटका नहीं लगता। इससे आपकी यात्रा आसान और आरामदायक होगी।
जयपुर मेट्रो में ट्रेन ऑपरेटिंग सिस्टम पूरी तरह ऑटोमेटिक है। इसमें दो ऑपरेटर होंगे, जो सिस्टम पर निगरानी रखेंगे। पूरा कंट्रोल डिपो स्थिति कंट्रोल रूम व आपरेटर के पास रहेगा। ऐसे में दुर्घटना की संभावना भी कम होगी।
जयपुर मेट्रो ट्रेन के गेट पर सीसीटीवी लगे हैं, जिस पर ट्रेन के ड्राइवर नजर रखेंगे और उसे देखकर ही वो ट्रेन चलाएंगे। जिससे यात्री अपने आप को ज्यादा महफूज करेंगे।
अन्य शहरों की मेट्रो में लगी एलसीडी में केवल स्टेशन के बारे में ही बताया जाता है, लेकिन जयपुर मेट्रों में आपकी मंजिल के साथ साथ अन्य जानकारी भी दी जाएगी और शहर के बारे में बताया जाएगा।
जयपुर मेट्रो ट्रेन ईको फ्रेंडली भी है। मेट्रो में ऐसे उपकरण लगाए हैं, जिससे पॉवर की खपत कम से कम होगी। साथ ही मेट्रो में पॉवर जनरेशन के उपकरण लगाए गए हैं। साथ ही इसके पिलर ऐसे है जिनमें जल सरंक्षण का सिस्टम बनाया गया है। जिससे बारिश के पानी को बचाया जा सकता है। |
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हम आपको बॉलीवुड (बॉलिवुड) के कुछ ऐसे सितारों से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने अपने फैंस को जीवनसाथी के रूप में चुना और उनके साथ एक खुशहाल जीवन बिता रहे हैं, तो आईये जानते हैं कि आखिर कौन हैं वो मशहूर सितारे?
भारत देश में बॉलीवुड (बॉलिवुड) किसी धर्म से कम नहीं है। यहां अपने डांस मूव्स, अभिनय और सुंदरता से बॉलीवुड एक्टर या एक्ट्रेसेस किसी भी दिल को जीत सकते हैं। हममें से ज्यादातर लोगों के क्रश सेलिब्रिटी ही होते हैं। अक्सर यही देखने को मिलता है कि बॉलीवुड स्टार किसी नामी-गिरामी और पैसे वाले व्यक्ति से ही शादी करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या हो जब, कोई सेलिब्रिटी अपने फैन से शादी करे। जी हां! ऐसा हुआ है। बॉलीवुड में कुछ स्टार ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने फैन से ही शादी रचाई है। इस पोस्ट में हम आपको बॉलीवुड के कुछ ऐसे सितारों से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने अपने फैंस को जीवनसाथी के रूप में चुना और उनके साथ एक खुशहाल जीवन बिता रहे हैं, तो आईये जानते हैं कि आखिर कौन हैं वो मशहूर सितारे?
मुमताज (मुमताज) एक ऐसी अभिनेत्री हैं जिनकी खूबसूरती किसी को भी अपना दीवाना बना सकती है। बिज़नेस टाइकून मयूर माधवानी (मयूर माध्वानि) उस समय एक ऐसे भाग्यशाली फैन थे, जिसे उस समय के सबसे बड़े स्टार से शादी करने का मौका मिला था। मयूर और मुमताज की शादी २९ मई, १९७४ को हुई थी।
इस जोड़ी ने साल १९७३ में शादी रचाई। उस समय डिंपल सिर्फ १६ साल की थी और राजेश खन्ना उनसे १५ साल बड़े थे। डिंपल राजेश खन्ना की बहुत बड़ी फैन थी और जब राजेश खन्ना ने उन्हें ख़ुद आगे आकर प्रपोज़ किया तो ये उनके लिए किसी सपने से कम न था। राजेश खन्ना के प्रति उनके फैंस की दीवानगी बहुत ज्यादा थी और डिंपल को प्रपोज़ करके राजेश खन्ना ने कईयों के दिल तोड़ दिए। हालाँकि, शादी के ९ साल बाद यह जोड़ी अलग हो गई, लेकिन राजेश के साथ डिंपल वहाँ मॉजूद थी जब उन्होंने अपनी आखिरी साँस ली।
बिज़नेसमैन भरत तख्तानी (भारत तख्तनी) उस समय से ईशा देओल (ईशा देओल) के फैन थे जब वो महज़ १३ साल के थे। दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते थे लेकिन बड़े होते-होते उनमें बात होना बंद हो गयी। साल २०१२ में दोनों की शादी हो गयी।
प्रियंका (प्रियंका अलवा) ने विवेक (विवेक ओबेरॉय) को उस समय सहारा दिया जिस समय ऐश्वर्या राय बच्चन से उनका ब्रेकअप हुआ था। वैसे तो इनके माँ बाप ने इन दोनों को मिलवाया था लेकिन दोनों एक दूसरे से मिलते ही प्यार करने लग गये। फैमिली फ्रेंड होने के बावजूद प्रियंका विवेक को बहुत पहले से पसंद करती थी, और अंत में दोनों शादी के बंधन में बंध गए।
तो यहां हमने आप सभी को बॉलीवुड की ऐसी हस्तियों के बारे में बताया जिन्होंने अपने फैंस से शादी रचाई। इनमें से आपका पसंदीदा कपल कौन है? हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं, और हां यदि हमारे लिए कोई सलाह हो तो भी अवश्य बताएं। |
आर्थिक हालात से जुड़ी बाधाओं के बीच गिरती बिक्री और ब्रिटेन में सहायक इकाई जगुआर लैंड रोवर ऑटोमोटिव में विदेशी मुद्रा विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव से निवेशकों का उत्साह प्रभावित हो रहा है। इससे विदेशी निवेशकों के लिए टाटा मोटर्स बहुत आकर्षक नहीं रह गया है। टाटा मोटर्स में विदेशी संस्थानों (विदेशी संस्थागत निवेशकों एवं अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीट सहित) की हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही में आठ तिमाहियों के निचले स्तर ३७.७ प्रतिशत पर आ गई। २०१५-१६ में यह हिस्सेदारी ३९.९ प्रतिशत थी। पिछली २६ तिमाहियों के विश्लेषण से पता चलता है कि एफआईआई की हिस्सेदारी १० तिमाहियों के निचले स्तर २१.९ प्रतिशत पर आ गई।
नए मॉडलों से कारोबार को मजबूती मिलने की उम्मीद जरूर है, लेकिन विश्लेषकों को कंपनी ऊंचे मार्जिन और शानदार कारोबार के दौर में लौटती नजर नहीं आ रही है। उन्हें लघु एवं दीर्घ अवधियों में शेयर का प्रदर्शन कमजोर रहने की आशंका है। एसबीआईकैप सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख महंतेश सबराड कहते हैं, 'टाटा मोटर्स ज्यादातर विश्लेषकों की पसंदीदा कंपनियों की सूची से बाहर हो गई है।' फिलिप कैपिटल इंडिया में विश्लेषक नितेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने शेयर को लेकर तटस्थ रवैया अपना रखा है। शर्मा ने कहा कि शेयर मूल्यांकन के लिहाज से प्रतिस्पद्र्धी हो सकता है, लेकिन संभावनाएं मजबूत नहीं लग रही हैं।
जब से टाटा मोटर्स ने जेएलआर का अधिग्रहण (जून २००८ में) किया है तब से नए मॉडलों में लगातार निवेश और बढ़ती भौगोलिक, खासकर चीन जैसे तेजी उभरते बाजारों में उपस्थिति से इस ब्रिटेन की वाहन निर्माता की बिक्री की रफ्तार बरकरार रही है। २०१६-१७ में बिक्री लगभग ६ गुना बढ़कर ६00,80६ यूनिट हो गई, जो २००८-०९ में 1६7,३४८ थी। हालांकि जेएलआर के लिए बाद में चीजें अच्छी नहीं रही हैं। यूरोप और अमेरिका सहित इसके कई बाजार वृहद आर्थिक अनश्ििचतताओं से जूझ रहे हैं। पूर्ण रूप से बिक्री जरूर बढ़ी है, लेकिन इसकी रफ्तार कम होती जा रही है।
दिसंबर तिमाही इसका एक उदहारण है, जो पिछले तीन साल में पहली बार धीमी चाल का संकेत दे रही है। टाटा मोटर्स की ब्रिटिश इकाई ने दुनियाभर के ग्राहकों को १५४,४४७ वाहनों की बिक्री की, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा १५४,४५० रहा था। इसके अलावा टाटा की इकाई बनने के बाद ९ सालों में पहली बार इसने जगुआर एक्सई सिडैन और रेंज रोवर इवोक की बिक्री में गिरावट दर्ज की है। हालांकि गिरावट मामूली रही है। इससे पहले २०१३-१४ की दिसंबर तिमाही में इन दोनों ब्रांडों की बिक्री कम हुई थी।
जेएलआर के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हमें यह कहने में गुरेज नहीं है कि कुछ दूसरे प्रमुख बाजारों में अनिश्चितता से हमारे कारोबार पर असर पड़ा है। ब्रिटेन में डीजल की हालत ठीक नहीं है और इससे इस क्षेत्र में वाहन उद्योग के लिए डीजल वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर ३० प्रतिशत कम रही है।' इस वित्त वर्ष अब तक ज्यादातर बाजारों में जेएलआर दबाव में रहा है। चीन एकमात्र अपवाद रहा है, जहां इसका कारोबार २३ प्रतिशत बढ़ा है। अमेरिका में आपूर्ति जरूर ५६ गुना बढ़ी है, लेकिन प्रायद्वीपीय यूरोप और ब्रिटेन में बिक्री में क्रमश: २ प्रतिशत और ९ प्रतिशत की कमी आई है। चीन मुनाफे एवं बिक्री के लिहाज से जेएलआर के लिए एक प्रमुख बाजार रहा है, जहां यह चेरी ऑटोमोबाइल्स के साथ संयुक्त उद्यम के तहत १० में ८ मॉडलों की बिक्री करता है। विश्लेषकों को लगता है कि बढ़ती प्रतिस्पद्र्धा, अधिक छूट और लैंड रोवर मॉडलों पर अधिक निर्भरता से चीन में बिक्री प्रभावित हो सकती है। एसबीआईकैप के सबराड ने कहा, 'चीन में छूट के साथ बिक्री चल रही है। जगुआर वहां अच्छा नहीं कर रहा है।' उन्होंने कहा कि कभी तेजी से बढऩे वाली अमेरिकी में बिक्री की रफ्तार अब धीमी पड़ गई है।
हालांकि जेलएलआर के प्रवक्ता इन आशंकाओं को सही नहीं मातने हैं। उन्होंने कहा, 'चीन में हमें मजबूत कारोबार जारी रहने की उम्मीद है। जगुआर ई-पेस जैसे मॉडलों से मदद मिली। ये मॉडल स्थानीय स्तर पर ही बने होंगे।' अमेरिका में जेएलआर सर्वाधिक तेजी से बढऩे वाला महंगा कार ब्रांड है। |
कभी गर्मी कभी सर्दी, कभी धूप कभी छाँव, कभी बारिश कभी पतझड़, इन मौसमों के चलते ख़याल आया कि क्या खुशियों का भी कोई मौसम होता है ? क्यों अचानक चलते चलते कदम रुक जाते हैं ? किस सोच में हाथ यूँ थम जाते हैं ? भूल जाते हैं हम कि हमारा वजूद भी हमसे कुछ कहता है | भूल जाते हैं कि एक दिन दुनिया थम जाएगी और सोचने का वक़्त भी नहीं रहेगा | अपने दिल के कोनों में झाँक कर देखो तो पता चलेगा कि कितना कुछ छूटा हुआ है, शायद यही खालीपन पैदा करता है और हम समझ नहीं पाते | आये दिन के शोर तो सहन करते हैं हम पर अपने अन्दर के उस शोर को अजनबी कर दिया है | जब यह सब हम पर हावी होने लगता है तो पता चलता है कि बहुत कुछ खो दिया हमने | सबसे पहले खुद को, फिर अपनों कोकोई नहीं आता साथ तो समझ में आता है कि किसी अपने को साथ रहने नहीं दिया हमने | मसरूफ़ियत ने सब रिश्ते नाते छीनकर तनहा कर दिया | क्या हो गया ए ज़िन्दगी, तू कल तक तो अपनी सी थी, आज अपनी होकर भी बेगानी लगती है ? किसी मौसम के आने जाने की आहट से अब फर्क ही नहीं पड़ता, मौसम पर मेरा हक़ भी कुछ नहीं | जिसपर हक़ है, वो मैं खुद हूँ, पर अब मैं खुद से भी जुदा हूँ | जब खुद से ही जुदा हो चलते हैं हम, तो फिर किसके होने से फ़र्क पड़ता है ? खुद के अंदाज़ बयां नहीं होते अब लफ़्ज़ों में, किसी और के जानने से क्या होगा ? |
कभी किसी ने सपने में भी नही सोचा होगा की प्रदेश में मुखिया कमलनाथ के जिले में अतिथि विद्वानों का लात जूतों से स्वागत पुलिस द्वारा किया जाएगा ? धिक्कार है बेचारी पुलिस को ? अब आप सोच रहे होंगे की पुलिस को एक तरफ धिक्कार रहे है और दूसरी तरह बेचारी भी कह रहे है ! है न विरोधाभास ? तो ऐसा नही है जनाव पुलिस बेचारी इसलिए की यह कृत्य पुलिस ने अपने विवेक से नही किया बल्कि राजनैतिक रूप से करबय गया है ? अब आप यह मत पूछने लगना की किसके इसारे पर ? आप जिसके घर गुसोगे तो व्ही कूटेगा ना ?
मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिन्दवाड़ा में प्रदेश की उच्च शिक्षा को वर्षों से पोषित करने वाले अतिथि विद्वानों पर जिला प्रशासन ने जम कर लात घूंसे चलाये है। उल्लेखनीय है कि अपनी नौकरी बचाने अंतिम लड़ाई लड़ रहे अतिथि विद्वानों को कल रात से नज़रबंद कर दिया गया था। आज सुबह से ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने जा रहे शिक्षकों को जिला प्रशासन ने दबाव बनाया था। आज दोपहर १२ बजे बस से अतिथि विद्वानों को बस द्वारा अज्ञात स्थान ले जाया गया है। |
कुछ किलो मीटर इसी तरह दौड़ने के बाद अजय को लगा कि उसके पैर अब और आगे नहीं बढ़ सकतेवह लड़खड़ाने लगा. अजय के अन्दर विचार आया.अब बसऔर नहीं बढ़ सकता!
अजय ने साहस दिखाया और एक बार फिर असहनीय पीड़ा सहते हुए आगे बढ़ने लगा.और इस बार वह तब तक बढ़ता रहा.तब तक बढ़ता रहाजब तक उसने फिनिशिंग लाइन पार नहीं कर ली!
और जब आप ऐसा करेंगे तो अजय की तरह आप भी अपने ज़िन्दगी की रेस ज़रूर पूरी कर पायेंगे और अपने अन्दर उस ख़ुशी उस संतुष्टि को महसूस कर पायेंगे जो सिर्फ चलते रहने की ज़िद से आती है!
फाइनेंसियल प्लानिंग क्या होती है और आपके लिए ये ज़रूरी क्यों है? |
वैदिक साहित्य में एक वृक्ष को सौ पुत्रों के बराबर माना गया है। पर्यावरण की रक्षा के लिए भी वृक्षारोपण जरुरी है। इसीलिए हमें प्रत्येक साल कम से कम एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए और फिर उसकी रक्षा करनी चाहिए। ये बातें सोनपुर के मंडल रेल प्रबंधक श्री आर.के. अग्रवाल ने रेलवे स्टेडियम में वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होने पूर्व मघ्य रेल महिला कल्याण संगठन की सोनपुर शाखा की अघ्यक्षा श्रीमती कल्पना अग्रवाल एवं अन्य अधिकारियों के साथ रेलवे स्टेडियम में मौलश्री, कचनार, गुलमोहर, अमलतास तथा पाम के १३२ पेड़ लगाए। मंडल रेल प्रबंधक श्री अग्रवाल ने बताया कि सोनपुर मंडल में वृक्षारापण अभियान के तहत इस वर्ष १०००० पेड़ लगाए जाने की योजना बनाई गई है। ये पेड़ सोनपुर के अलावा हाजीपुर, बरौनी, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, मानसी, नौगछिया तथा बेगुसराय में रेलवे की खाली जमीन पर लगाए जाएंगे। इसके अलावा हाजीपुर-बरौनी रेलवे लाइन तथा मुजफ्फरपुर-बरौनी रेलवे लाइन के बगल में रेलवे की खाली जमीन पर भी पेड़ लगाए जाएंगे।
वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत के अवसर पर सोनपुर के वरिष्ठ मंडल अभियंता/समन्वय श्री एस.के. गुप्ता, वरिष्ठ मंडल अभियंता/द्वितीय श्री महबूब आलम, मंडल अभियंता/विशेष श्री पी आर सिंह, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक श्री विनीत कुमार, वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी श्री एम के गुप्ता, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त श्री महेश्वर सिंह, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता श्री दिलीप कुमार, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता श्री वी पी शर्मा सहित अनेक कर्मचारियों ने वृक्षारोपण किया। वृक्षारोपण के बाद मंडल रेल प्रबंध्क श्री आर.के. अग्रवाल ने लोगों से अपील की कि वे स्टेडियम में लगाए गए पेड़ों की रक्षा करें। |
कोच्चि। ओडिशा एफसी ने शुक्रवार को इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के छठे सीजन में केरला ब्लास्टर्स एफसी को उसके घर जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेले गए मैच में जीत हासिल करने से रोक दिया। दोनों टीमों के बीच यह मैच गोलरहित ड्रॉ रहा। इस ड्रॉ से केरला और ओडिशा दोनों के खाते में एक-एक अंक आए और अब दोनों ही टीमों के चार-चार मैचों से चार-चार अंक हो गए है। दोनों ही टीमों का इस सीजन में यह पहला ड्रॉ है।
दो बार फाइनल में जगह बनाने वाली केरला ब्लास्टर्स ने पहले हाफ में अच्छा खेल दिखाया। हालांकि वह दुभार्गग्यशाली भी रही क्योंकि पहले हाफ में उसे पेनाल्टी नहीं मिली। ओडिशा ने भी पहले हाफ में कुछ मौके बनाए, लेकिन वह भी बढ़त नहीं ले सकी। दोनों ही टीमों ने पहले हाफ में दो-दो बदलाव किए क्योंकि उसके अधिकतर खिलाड़ी इस हाफ में चोटिल होते दिखे।
मेजबान केरला ब्लास्टर्स ने मैच शुरू होते ही बदलाव करने शुरू कर दिए। केरला के बाद ओडिशा ने भी २८वें मिनट में मैच का अपना पहला बदलाव किया।
३५वें मिनट में केरला ब्लास्टर्स के सहल अब्दुल समद ओडिशा के तीन खिलाड़ियों को छकाते हुए गेंद को बॉक्स की ओर लेकर बढ़े। लेकिन नारायण दास ने उन्हें बॉक्स के अंदर गिरा दिया। केरला ने इस पर पेनाल्टी की मांग की और ऐसा लग रहा था कि यह पेनाल्टी है, लेकिन उसकी यह मांग खारिज कर दी गई।
४२वें मिनट में ओडिशा के पास बढ़त लेने का मौका आया। जैरी ने नंदकुमार को बॉल थमाई, लेकिन उनका यह शॉट आउट बाहर चला गया। पहले हाफ में पांच मिनट का अतिरिक्त समय जोड़ा गया और दोनों ही टीमों में से कोई भी बढ़त हासिल नहीं कर पाई।
दूसरे हाफ के शुरू होते ही ओडिशा के कप्तान मार्कोस तेबर की जगह मार्टिन ग्यूडेज मैदान पर आए। इसके १० मिनट बाद तक भी दोनों में से कोई भी टीम गोल करने के मौके नहीं बना पाई।
५८वें मिनट में ओडिशा के पास खाता खोलने का एक बेहतरीन मौका आया। जैरी को राइट फ्लैंक से एक अच्छा पास मिला और उन्होंने इसे नंदकुमार सीकर की तरफ बढ़ाया, लेकिन नंदकुमार का यह शॉट गोल पोस्ट के बिल्कुल साइड से निकल गया और ओडिशा इस सुनहरे मौके को गंवा बैठी।
६७वें मिनट में एक बार फिर से केरला ब्लास्टर्स की पेनाल्टी की मांग को रेफरी द्वारा खारिज कर दिया गया। मेजबान टीम के प्रशांत के शॉट को ओडिशा के खिलाड़ी नारायण दास द्वारा ब्लॉक किए जाने के समय केरला को ऐसा लगा कि गेंद दास के कोहनी को छूकर निकली है और उसने पेनाल्टी की मांग की। लेकिन रेफरी ने इस बार भी मेजबान टीम की मांग को ठुकरा दिया।
मैच में ७५ मिनट गुजर जाने के बाद बाकी समय केरला के लिए काफी महत्वपूर्ण हो गया क्योंकि टीम ने पिछले चार गोलों में से दो गोल मैच के ७५ मिनट के बाद ही खाए हैं।
७८वें मिनट में केरला ने मैच में अपना अंतिम बदलाव किया और उसने मोहम्मद रफी को बाहर भेजकर बाथोर्मोलोव ओग्बेचे को मैदान पर बुलाया। नाइजीरियाई फारवर्ड ओग्बेचे ने जैसे ही मैदान पर कदम रखा स्टेडियम में मौजूद करीब २० हजार दर्शकों ने शानदार तरीके से उनका स्वागत किया।
८६वें मिनट में केरला ने लगभग पहला गोल दाग ही दिया था, लेकिन ओडिशा के गोलकीपर फ्रासिंस्को डोरोंसो ने शानदार सेव करके केरला को अंक बांटने पर मजबूर कर दिया। मैच में निर्धारित समय तक भी दोनों ही टीमें गोल नहीं दाग पाई और मुकाबला गोलरहित ड्रॉ रहा। |
जमशेदपुर २३ जून : कल्पनापुरी रोड नंबर आठ रिहायसी ठेकेदार शशिभूषण डे और उनके पड़ोसी बैंक अहलकार सुभाषचंद्र दास के यहां जुमे की रात ८ से १० की तादाद में पहुंचे डकैतों ने जमकर लूटपाट की। डकैत लाखों के जेवरात और नकद ले जाने में कामयाब रहे।
जाए हादसा पर पहुंचे एसपी इंद्रजीत माहथा ने बताया कि रात करीब १.४५ बजे छह से आठ की तादाद में डकैत शशिभूषण डे के यहां मेन गेट का ताला तोड़ते हुए घर के अंदर दाखिल हुए और घर में मौजूद उनके वालिद जवाहरलाल डे, मां ज्योत्सना डे और बीवी विनीता डे को पिस्तौल के बल कब्जे में कर लिया और सभी को एक कमरे में हाथ, पैर, मुंह और आंख बांधकर बैठा दिया।
उसके बाद कमरे में रखे अलमीरा तोड़कर करीब उसमें रखे ७.५ लाख रुपये के जेवरात और नकद ५0 हजार लूट लिये। दो डकैत यहीं रूक गये और बाकि सभी पड़ोसी मिस्टर दास के मेन गेट का ताला तोड़कर अंदर पहुंचे।
मिस्टर दास शहर से बाहर थे, वहां मौजूद मिस्टर दास की बीवी और बेटी प्रतिभा दास को डकैतों ने अपने कब्जे में कर सभी के हाथ, पैर बांध दिये। यहां भी अलमीरा को तोड़ दिया और उसमें रखे करीब २.५ लाख रुपये के जेवरात और नकद कुछ रक़म ले गये। सभी डकैत असलाह से लैस थे और नकाब लगाये हुए थे। मकतुल ने खुद को आज़ाद कर वाकिया की जानकारी पुलिस को दी। इस सिलसिले में जवाहरलाल डे ने आदित्यपुर थाना में ७-८ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। |
भोपाल। सन् १९२५ में कर्नाटक के उडपी में मात्र ८०००/- रु. से की गई एक छोटी सी अल्प बचत शुरुआत ने ९३ वर्ष बाद एक विशाल वृक्ष के समान सिंडिकेट बैंक की देश में ४०१५ शाखाओं के रूप में उभरी है। यह बात बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री कुलविंदर सिंह ने भोपाल में आयोजित बैंक के ९३वां स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही।
बैंक ग्राहकों का विश्वास एवं उनके लेन-देन ने सिंडिकेट बैंक को देश की अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों में सातवें स्थान पर खड़ा किया है।
स्थापना दिवस के मुख्य अतिथि श्री आशीष राजौरिया ने बैंक की सुविधाओं से अपने व्यवसाय को शिखर तक पहुंचाने की रोचक कहानी बताई। उन्होंने बैंक के मधुर व्यवहार एवं त्वरित कार्यप्रणाली की प्रशंसा की। इस अवसर पर बैंक की अन्य शाखाओं से एक-एक ग्राहकों को सम्मानित भी किया गया।
क्षेत्रीय कार्यालय के प्रबंधकों ने अपने-अपने विभाग की योजनाओं से अवगत कराया। साथ ही भोपाल के पूर्व हॉकी ओलंपिक खिलाड़ी यूसुफ एवं श्री सलीम अब्बासी का सम्मान किया। कार्यक्रम का बैंक के उप क्षेत्रीय प्रबंधक श्री भागचंद महावर ने आभार व्यक्त किया। स्थापना दिवस के अवसर पर बैंक ने बंसल अस्पताल में रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया इसमें ४० व्यक्तियों ने रक्तदान किया। विपणन विभाग के श्री वरुण श्रीवास्तव एवं श्री मयंक निगम ने स्थापना दिवस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। |
श्रीदेवी के बेटी जाहन्वी कपूर इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म धड़क के प्रमोशन में बिजी हैं। जाहन्वी 'धड़क' से बॉलीवुड की दुनिया की में कदम रखने जा रही हैं। फिल्म के प्रमोशन के बिजी जाहन्वी मीडिया को भी काफी अच्छे से हैंडल कर रही हैं। वो मीडिया के हर सवाल का बेबाकी से जवाब दे रही हैं। हाली ही में मीडिया से बात करते हुए जाहन्वी ने अपने बारे में एक ऐसा खुलासा किया जिसपर यकीन करना हम सबके लिए मुश्किल होगा।
जाहन्वी ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब में स्कूल में पढ़ती थी उस दौरान मेरे दोस्तों को लगता था कि मुझे स्किजोफ्रेनीक की बीमारी है। उन्होंने बताया कि ना मां ने और ना ही मैंन मेरे बॉलीवुड में कदम रखने बारे में कभी सोचा भी था। हालांकि कहीं ना कहीं मेरे दिमाग में हीरोइन बनने का ख्याल हमेशा चलता रहता था। मैं स्कूल में दोस्तों को अजीबो गरीब कहानियां सुनाती थी इसलिए मेरे दोस्त समझते थे कि मुझे स्किजोफ्रेनीक है।
उन्होंने बताया कि 'मैं अपने दोस्तों को फोन कर कहती थी कि मैं एक सीक्रेट एजेंट हूं और मुझे स्कूल में किसी की जासूसी करनी है। मजे की बात तो ये है कि वो लोग मेरी बात पर यकीन भी कर लेते थे। एक बार मैंने अपने दोस्तों को कहा कि शकीरा मुझे बैली डांस सिखाने के लिए खासतौर पर मुंबई आई है। इसलिए अब मैं तुम लोगों को भी बैली डांस सिखा सकती हूं। दोस्तों ने मेरी इस बात पर भी यकीन कर लिया और मेरी मां को फोन घुमा दिया।
दोस्तों ने मां को फोन कर पूछा क्या हमारे यहां शकीरा आई हैं? वे कैसी हैं? क्या आप जाह्नवी को मेरे घर भेज सकती हैं ताकि वे मेरी बेटी को डांस सिखा सकेय़ ये कहानियां सुनकर मां खुश होती थीं. मैं घर में एक कॉमेडी करेक्टर थी। बता दें कि 'धड़क' २० जुलाई को रिलीज होने वाली है। फिल्म में जाहन्वी के अलावा शाहीद कपूर के भाई ईशान खट्टर भी लीड रोल में हैं। फिल्म मराठी फिल्म 'सैराठ' का सीक्वल है। |
१.बायोलॉजी के टीचर : सेल मतलब 'शरीर की कोशिकाएं'।
२.फिजिक्स के टीचर : सेल मतलब 'बैटरी',
३.इकोनॉमिक्स के टीचर : सेल मतलब 'बिक्री',
४.हिस्ट्री के टीचर : सेल मतलब 'जेल',
५.अंग्रेजी के टीचर : सेल मतलब 'मोबाइल',
रायचंद- यही वजह है कि इसके बाद मैंने तो पढ़ाई ही छोड़ दी, यह सोचकर कि जिस स्कूल में पांच शिक्षक एकमत नहीं हैं, उस स्कूल में पढ़ कर क्या होगा ?
और अब जाकर सच्चा ज्ञान मिला जब पत्नी ने बताया सेल मतलब 'डिस्काउंट!
सबसे आगे सुरक्षा के लिए टोली के मुखिया छगन पहलवान चल रहे थे।
अचानक सबकी निगाहें सामने भागते हुए आ रहे सांड पर पड़ी, सब फौरन इधर-उधर कूद गए, लेकिन छगन अपनी धुन में चले जा रहे थे, सांड बिल्कुल छगन के सामने आ गया तो उन्होंने उछल कर उसके दोनों सींग पकड़ लिए, टोली में सब की धड़कनें बढ़ गईं। लगभग पन्द्रह मिनट तक दोनों भिड़े रहे और एक-दूसरे को पटकने की कोशिश करते रहे आखिर सांड सींग छुड़ाकर भाग निकला।
सब छगन पहलवान की ओर लपके जो कि खड़े होकर कपड़ों से मिट्टी साफ कर रहे थे। ठीक हो न पहलवान! कहीं चोट तो नहीं लगी! पूछने पर वे झूमते हुए बोले वो तो मैं नशे में था, वर्ना तो उसको साइकिल से उतार कर ही मारता। कमबख्त १५ मिनट लेट कर गया। |
फीफा वर्ल्ड कप २०१८ जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है उसी तरह से हमे काफी सारे उतार चढ़ाव इस वर्ल्ड कप २०१८ के दौरान देखने को मिल रहे है। फुटबॉल के इस महाकुंभ में आज होने वाले है ग्रुप आ का सबसे तगड़ा मुकाबला वो भी मेजबान टीम रसिया और २ बार की फुटबॉल वर्ल्ड कप चैंपियन टीम उरुग्वेय के बीच मे। आज शाम रात ७.३० बजे से इस मैच का लुत्फ उठा सकते है ।
फिलहाल तो आपको बता दे कि दोनों टीमें रूस और उरुग्वे दोनों पहले से ही इस वर्ल्ड कप २०१८ के अंतिम १६ टीमों के दल में जगह बना ली है। लेकिन फिर भी अपने ग्रुप में टॉप रहने की जदोजहद के चक्कर मे आज दोनों ही टीम इस मैच में जीतने का प्रयास करेगी। ताकि आने वाले राउंड ऑफ १६ के मैचों में मानसिक रूप से वो मजबूत रहे और फाइनल तक पहुँचने की रणनीति को सफल बनाया जाए।
अगर आज का मैच अगर उरुग्वे जीत लेता है तो उनकी टीम ग्रुप आ में टॉप पर आ जायेगी लेकिन अगर ये मैच ड्रा होता है तो रूस की टीम इस ग्रुप में पहले नंबर पर आ जायेगी। उरूग्वे की अगर बात करे तो इनके स्टार खिलाड़ी ला क्लेस्टल अभी भी अपने बढ़िया प्रदर्शन से काफी दूर दिख रहे है। हालांकि कोच ऑस्कर तबरेज को उम्मीद है कि आज उनकी टीम बढ़िया खेल दिखाएगी और इस दौरान वो मिडफ़ील्ड में कुछ बदलाव कर सकते है। आपको एक शानदार फैक्ट बताते है उरूग्वे के बारे में।
उरुग्वे ने अपने ४ वर्ल्ड कप में वो सारे मैच जीते है जिसमे सुराज ने गोल किये है वही पिछले वर्ल्ड कप में जिस दो मैचों में कवनि ने गोल किये उन दोनों मैचों में टीम उरुग्वे को हार नसीब हुई है। फिलहाल आज हम पता चल जाएगा कि दोनों टीमो में से कौन ग्रुप आ में टॉप करेगा। |
राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारी ने संविधान की धारा २ सौँ अंठान्बे की उपधारा २ के मुताबिक मंत्रीपरीषद गठन के लिए संसद में प्रतिनिधित्व करनेवालें राजनीतिक दलों से अपील की हैं ।
राष्ट्रपति ने सात दिनों के अन्दर राजनीतीक सहमति के आधार पर प्रधानमंत्री के चुनाव को सम्पन्न करके निज की अध्यक्षता में मंत्रिपरीषद गठन करने का संसद से प्रतिनिधीत्व करनेवालें राजनीतीक दलों से अपील की । ये जानकारी राष्ट्रपति कार्यालय ने दी ।
प्रमुख प्रतिपक्षी दल नेकपा एमालें द्धारा संसद अबरुद्य किएजाने के बाद व्यवस्थापिका संसद की दुसरी बैठक आज १ बजें तक के लिए स्थगीत की गई थीं । |
तेलंगाना विधानसभा चुनाव : भाजपा के बदले सुर, सरकार बनाने के लिए देगी ट्र्स का साथ !!
प्म मोदी और चंद्रशेखर राव !
०९ दिसंबर २०१८,
तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान के चंद्रशेखर राव की सरकार को भ्रष्ट और ट्र्स को फैमिली पार्टी बताने वाली भाजपा के सुर वोटिंग के बाद बदल गए हैं। भाजपा ने कहा है कि अगर ११ दिसंबर को काउंटिंग के बाद तेलंगाना में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी तो वह सरकार बनाने के लिए ट्र्स का साथ देगी। हालांकि वोटिंग के बाद २४ घंटे से भी कम समय में इस बदले स्टैंड के लिए भाजपा ने एक शर्त भी रखी है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के लक्ष्मण ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया है कि अगर तेलंगाना में त्रिशंकु विधानसभा बनी तो उनकी पार्टी सरकार बनाने के लिए ट्र्स का साथ देगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ऐसी सरकार को समर्थन करना चाहती है जिसमें कांग्रेस और ऐमीम न हो। हालांकि ट्र्स और ओवैसी की ऐमीम आधिकारिक रूप से एक साथ नहीं हैं, लेकिन दोनों ही चुनाव से पहले सार्वजनिक तौर पर आपसी दोस्ती की बात स्वीकार कर चुकी हैं।
तीसरे एग्जिट पोल में ट्र्स के लिए ४८ से ६० सीटों की जताई उम्मीद !
ओवैसी ने मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में ट्र्स के कैंडिडेट्स के लिए प्रचार भी किया है। शुक्रवार को वोटिंग के बाद सामने आए ३ एग्जिट पोल्स में से २ तेलंगाना में ट्र्स को बहुमत आने का दावा कर रहे हैं। वहीं तीसरे एग्जिट पोल में ट्र्स के लिए ४८ से ६० सीटों की उम्मीद जताई गई है। बता दें कि तेलंगाना विधानसभा में सदस्यों की संख्या ११९ है। २014 के चुनावों में भाजपा ४५ सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे पांच पर जीत मिली थी।
हालांकि यह चुनाव संयुक्त आंध्र प्रदेश में हुए थे। उस समय भाजपा का तप के साथ गठबंधन था। इस बार भाजपा ११८ सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसने एक सीट युवा तेलंगाना पार्टी को दे रखी है। एग्जिट पोल्ट भाजपा को इस बार ५-७ सीटों की उम्मीद जता रहे हैं। पार्टी को खुद १०-१२ सीटें जीतने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया है कि अगर इतनी सीटों पर जीत मिली तो त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में भाजपा किंग मेकर की भूमिका निभा सकती है।
तेलंगाना में ट्र्स और कांग्रेस गठबंधन के बीच है मुख्य लड़ाई !
राजनीति के विश्लेषकों का मानना है कि तेलंगाना में मुख्य लड़ाई ट्र्स और कांग्रेस गठबंधन के बीच है। कांग्रेस गठबंधन में चंद्रबाबू नायडू की तप, तेलंगाना जन समिति और क्पी शामिल हैं। ऐसे में अगर त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी तो भाजपा के पास ट्र्स को समर्थन नहीं देने पर विपक्ष में ही बैठने का ऑप्शन बचेगा। |
दूर्गापूजा व दशहरा जैसे प्रमुख त्यौहारों के लिए पुलिस ने सुरक्षा चाक चौबंद कर दी है। शहर में जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात किये गए हैं। जो वाहनों की जांच पड़ताल समेत निगरानी कर रहे हैं। नाकों से गुजरने वालों पर खास नजर रखी जा रही है। पुलिस कमियश्नर ने बैठक कर अपने मातहतों त्योहरों के दौरान विशेष सतर्कता बरने को कहा है। साथ ही विभिन्न शॉपिंग मॉल्स, व्यस्त बाजारों व भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।
गौरतलब है कि अगले चार दिनों तक त्योहारी सीजन होगा। दूर्गापूजा आयोजन स्थलों से लेकर मंदिर, बाजार व रामलीला केंद्रों पर लोगों की भारी भीड़ जुटेगी। इस दौरान कहीं कोई अनहोनी न हो। इसको लेकर पुलिस कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहती। पुलिस कमिश्नर पी.के.अग्रवाल ने जीनों जोन के डीसीपी व एसीपी के साथ बैठकें कर उन्हें अपने इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने को कहा है। शहर के लगभग सभी मंदिरों व अन्य आयोजन स्थलों, दुर्गा पूजा पंडालों व रामलीला स्थलों का जायजा लेकर सुरक्षा के कड़े सतर्कता के आदेश दिए हैं।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग ने शहर के मंदिरों, दुर्गापूजा स्थलों, रामलीला केंद्रों व भीड़भाड़वाली मार्केटों में सादी वर्दी में पुलिसकर्मी तैनात करने की योजना तैयार की है। शनिवार से इन्हें तैनात कर दिया जाएगा। यह व्यवस्था इस लिए की जा रही है। ताकि भीड़ में शामिल होने वाले बदमाशों को असानी से धरा जा सके।
- बजारों में महिलाओं की भारी भीड़ को देखते हुए शहर के प्रमुख एन नंबर, पांच नंबर व बल्लभगढ़ की बजारों में महिला पीसीआर तैनात की गई है। जो पूरे इलाके में गस्त करते दिखाई दे रही है। शुक्रवार को एक-दो चौक पर खड़ी देखी गई। यह इसलिए ताकि जरुरत पड़ने पर महिलाएं बिना हिचक अपनी शिकायत महिला पुलिस से कर सकें। |
जीएसटी परिषद के सदस्य एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने निकट भविष्य में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की संभावना से इंकार करते हुए कहा कि यदि जल्दबाजी में यह निर्णय लिया जाता है तो इससे केन्द्र और राज्य दोनों के राजस्व में कमी आएगी।
बिजनेस डेस्कः जीएसटी परिषद के सदस्य एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने निकट भविष्य में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की संभावना से इंकार करते हुए कहा कि यदि जल्दबाजी में यह निर्णय लिया जाता है तो इससे केन्द्र और राज्य दोनों के राजस्व में कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की दिशा में जीएसटी परिषद सकारात्मक विचार कर रही है लेकिन इसके लिए कोई निर्धारित समय सीमा नहीं बताया। उन्होंने कहा कि यदि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया भी जाता है तो इसकी कोई गांरटी नहीं है कि इस पर २८ फीसदी ही जीएसटी लगेगी क्योंकि यह केन्द्र और राज्यों के राजस्व का बहुत बड़ा माध्यम है और राज्य जीएसटी पर भी कुछ अतिरिक्त कर लगा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपए मासिक या इससे अधिक पर पहुंचता है तो २८ फीसदी जीएसटी स्लैब के कुछ उत्पादों पर इसमें कमी की जा सकती है। बिहार के वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के मासिक राजस्व संग्रह में यदि स्थिरता आती है तो जीएसटी के लिए तीन स्लैब संभव हो सकता है लेकिन इसमें अभी समय लगेगा। मोदी ने कहा कि जीएसटी परिषद रिटर्न फॉर्म को सार्वजनिक करेगी ताकि उस पर आम लोगों की राय ली जा सके और इसके जरिए इसको बहुत ही सरल बनाने की कोशिश की जा रही है। |
२०१९ लोकसभा चुनाव से पहले इस साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है, जिसे लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। साथ ही नेताओं के पार्टी छोड़ने और दूसरी पार्टी में ठिकाने बनाने की खबरें आने लगीं हैं।
दरअसल, दिसंबर में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (ब्जप) और मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बड़ा झटका लगा है। खबर के मुताबिक, पिछले दिनों बीजेपी से नाता तोड़ने वाले बाड़मेर जिले में शिव सीट से विधायक एवं पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह कांग्रेस से जुड़ने वाले हैं।
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र ने २२ सितंबर को पार्टी से औपचारिक रूप से नाता तोड़ लिया था।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के उच्च स्तर पर उन्हें कांग्रेस में लेने का फैसला हो चुका है। संभावना है कि १७ अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में मानवेंद्र को कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई जाएगी।
बता दें कि बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोल रखा है। मानवेंद्र ने कहा कि २०१४ के लोकसभा चुनाव में बाड़मेर चर्चा का विषय था और २०१८ में भी हर कोई बाड़मेर की ओर देख रहा है।
मानवेंद्र और बीजेपी के रिश्ते बीते चार साल से तल्ख बने हुए थे। इसकी शुरुआत २०१४ के आम चुनाव में पार्टी द्वारा जसवंत सिंह जसोल को टिकट नहीं दिए जाने से हुई। फिर वह विधायक बने, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया।
अब उनकी सीट पर भी बीजेपी में औरों की दावेदारी भी चली तो उन्होंने बीजेपी छोड़ दी। आपको बता दें कि राजस्थान में सात दिसंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे मानवेंद्र का कांग्रेस में जाना बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है।
वहीं, नवजीवन की रिपोर्ट के मुताबिक, मानवेंद्र ने रविवार को ऐलान किया कि वे २०१९ के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उनके साथ उनके परिवार के सभी लोग कांग्रेस का समर्थन करेंगे। लेकिन उनके पिता के कांग्रेस में शामिल होने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।
मानवेंद्र सिंह ने कांग्रेस में शामिल होने की तारीख का अभी ऐलान नहीं किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वे १७ अक्टूबर को कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं। क्या वे २०१९ के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उम्मीदवार होंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इच्छा तो है। बता दें कि बाड़मेर की राजनीति में जसवंत-मानवेंद्र का बड़ा दखल रहा है। |
मुंगेली। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी द्वारा रिश्वत की मांग करने वाले एक वीडियो से जिले में हड़कंप मच गया है। वायरल हुए वीडियो में एक कर्मचारी दूसरे कर्मचारी से रीलिव होने के एवज में पैसों की मांग करता सुनाई और दिखाई पड़ रहा है।
वायरल हुए इस वीडियो को देखने पर ऐसा लगता है कि पैसों को लेकर बाकायदा मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कमरे में पहले मोल-भाव किया गया और फिर साहब ने दस हज़ार के बदले पांच हज़ार के लिए हामी भर दी। इस वायरल वीडियो की सत्यता को खबर छत्तीसी किसी भी तरह से पुष्ट नहीं करता।
वहीं वीडियो के वायरल होने के बाद जिले के कलेक्टर डॉ नरेन्द्र भूरे ने मामले की जांच करने के लिए अपर कलेक्टर को जिम्मेदारी सौंपी। जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाने के बाद कलेक्टर ने लिपिक इंद्रजीत सिंह आडिले को निलंबित कर दिया है, साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी की शिकायत को राज्य सरकार को प्रेषित कर दिया गया है। |
ओनेप्लस ८त और ८त प्रो की मार्केट में जल्द एंट्री हो सकती है। हाल में बेचमार्किंग वेबसाइट गीकबेंच पर वनप्लस के एक नए फोन को स्पॉट किया गया है। इसे वनप्लस ८त या ८त प्रो माना जा रहा है। कंपनी के ट्रेंड को अगर देखें तो वह ऑरिजिनल मॉडल के 'त' वेरियंट को आमतौर पर ६ महीने के बाद लॉन्च करती है। ऐसे में इस फोन के इस साल लॉन्च होने की उम्मीद काफी बढ़ गई है।
गीकबेंच लिस्टिंग में नजर आए स्मार्टफोन का मॉडल नंबर ओनेप्लस कब२००१ है। २९ जुलाई को अपलोड हुई इस लिस्टिंग में फोन के प्रोसेसर, रैम और ऐंड्रॉयड वर्जन की तरफ इशारा किया गया है। वनप्लस का यह फोन ऑक्टा-कोर स्नैपड्रैगन ८६५ प्रोसेसर के साथ आ सकता है। फोन ऐंड्रॉयड ११ पर काम करेगा और इसमें ८जीबी की रैम मिलेगी।
सिंगल कोर टेस्ट में इस फोन को ९१२ अंक मिले थे। वहीं, मल्टी-कोर टेस्ट में फोन का स्कोर ३,२८८ रहा। लिस्टिंग में फोन के बारे में दो खास बातें समझ में आ रही हैं। पहला यह कि फोन में कंपनी स्नैपड्रैगन ८६५ प्रोसेसर क्यों ऑफर कर रही है जब स्नैपड्रैगन ८६५+ स्मार्टफोन्स में आने लगा है। स्नैपड्रैगन ८६५+ प्रोसेसर का न होना इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह वनप्लस ८त ही होगा।
लिस्टिंग की दूसरी बात जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा वह यह है कि फोन में ऐंड्रॉयड ११ ओएस दिया जाएगा। सभी जानते हैं कि गूगल ने अब तक इसका स्टेबल वर्जन रिलीज नहीं किया है। गूगल का यह नया ओएस इस साल की तीसरी तिमाही में लॉन्च होने की उम्मीद है। वहीं, वनप्लस की बात करें तो कंपनी 'त' वेरियंट वाले स्मार्टफोन्स को अक्टूबर या नवंबर में लॉन्च करती आ रही है। इस हिसाब से देखें तो वनप्लस के इस नए फोन की एंट्री इस साल के आखिर तक हो सकती है। |
कंपनी हॉटपॉइंट-अरिस्टन, जिनके बारे में समीक्षा की गईघरेलू उपकरणों के बाजार में अपनी व्यापक लोकप्रियता के बारे में गवाही देते हैं, उनका जन्म परिवार के व्यवसाय के रूप में हुआ था। धूप इटली से मरलोनी परिवार पूरी दुनिया के लिए प्रसिद्ध नहीं था न केवल विपणन और अर्थशास्त्र की कला के मूल ज्ञान के उत्कृष्ट ज्ञान के साथ, बल्कि खरीदारों की वरीयताओं को भी समझना।
अरिस्टन उत्पादों में विश्वास का स्तर उच्च है। अक्सर, खरीदारों घरेलू उपकरणों को खरीदते हैं, केवल वे डिजाइन और व्यक्तिगत कार्यक्षमता के आधार पर।
कंपनी के संस्थापक अरिस्टेड मेरलोनी हैं,जो १ ९ ३० में फैब्रियनो शहर में एक छोटे से उद्यम खोला प्रारंभ में, कंपनी ने तराजू का उत्पादन किया, जो मुख्य रूप से क्षेत्रीय बाजार में बेचा था। हालांकि, यह जल्द ही स्पष्ट हो गया कि कंपनी का उत्पाद राजस्व पैदा करने में सक्षम नहीं था। उत्पादों के वर्गीकरण के लिए खोज शुरू हुई, जो बिक्री उपभोक्ता बाजार में निशुल्क जगह ले सकती है। इसकी नींव के पन्द्रह वर्ष पहले ही, उद्यम ने तरल पदार्थ गैस के लिए बिजली जल हीटर और सिलेंडर का निर्माण शुरू किया। इन उत्पादों का ट्रेडमार्क अरिस्टन था, जो यूनानी अर्थ में "सफल" होता है।
बेटा अरिस्ताइड मेरलोनी - विटोरियो - कार्यालय ले लियासाल में कंपनी के अध्यक्ष एक हजार नौ सौ और सत्तर-पांच १ ९ ८ ९ से, कुछ वित्तीय और विपणन हेरफेर करने के बाद, अरिस्टन को घरेलू उपकरणों के उत्पादन में लगे बड़ी यूरोपीय कंपनियों (इंडिसेट, हॉटपॉइंट आदि) के साथ विलय कर दिया गया।
नवंबर के बाद से, दो हजार और सातट्रेडमार्क हॉटपॉइंट-अरिस्टन का अंततः गठन किया गया है, घरेलू उपकरणों की समीक्षा ब्रिटिश गुणवत्ता और इतालवी परंपराओं की एक शक्तिशाली क्षमता की उपस्थिति से पुष्टि की गई है। इस ब्रांड के पास हर आधुनिक घर में विभिन्न उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला है कंपनी रेफ्रिजरेटर और वाशिंग मशीन, माइक्रोवेव, डिशवॉशर इत्यादि का उत्पादन करती है।
घरेलू उपकरणों के बाजार में लोकप्रिय हैंऔर कंपनी द्वारा उत्पादित वाशिंग मशीन। हॉटपॉइंट-अरिस्टन-एक्क्लटिस "लक्जरी" वर्ग से संबंधित एक उत्पाद है इस मशीन के सामने लोड हो रहा है और एक शानदार डिजाइन है। उपयोग में अतिरिक्त सुविधा विस्तारित हैच द्वार है। कुछ मॉडल मशीन के तल पर स्थित कपड़े धोने के लिए एक दराज से सुसज्जित हैं।
वाशिंग मशीन "अरिस्टन": ग्राहक समीक्षा, निर्देश, दोष,
वॉशिंग मशीन हॉटपॉइंट-अरिस्टन व्मुफ ५०१ बी: मॉडल की समीक्षा। |
उदयपुर/ झाड़ोल. पानी की समस्या उपखण्ड की ग्राम पंचायत मंगवास में हाइवे निर्माण के बीच टूटी पाइप लाइन से बाधित जलापूर्ति के कारण बीते एक साल से ४० परिवार पेयजल को लेकर तरस रहे हैं। जनता जल योजना के तहत बिछाई गई पाइप लाइन के टूटने के बाद किसी भी जिम्मेदार ने समस्या सुधार को लेकर साहस नहीं जुटाया। जस के तस पड़े हालात को लेकर अब लोगों का गुस्सा बढऩे लगा है। मजबूरी में पानी की तलाश को लेकर प्यासे परिवारों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। आने वाले गर्मी के दिनों को लेकर ग्रामीण अभी से चिंता जता रहे हैं। हाइवे और ग्राम पंचायत प्रशासन के बीच में उलझे लोगों की अब कोई भी खैर खबर नहीं ले रहा। लोगों ने आरोप लगाया कि उनकी ओर से प्रतिनिधि मंडल ने हर स्तर पर जिम्मेदारों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी भी स्तर पर उन्हें समाधान नहीं मिला।
इधर, क्षेत्र के मगवास ग्राम विकास अधिकारी ज्ञानेश्वर मेघवाल ने बताया कि वह क्षेत्रीय समस्या को लेकर मौका देखेंगे। इसके बाद पानी नहीं पहुंचने के कारणों में सुधार को लेकर कदम उठाएंगे।
उदयपुर/ गींगला पसं. कुराबड़ ब्लॉक के शिशवी गांव स्थित हनुमान मंदिर के सामने बिजली ट्रांसफार्मर में रविवार को एकाएक लगी आग की ऊंची उठती लपटों के बीच कुछ समय के लिए यातायात बाधित रहा। कुछ वाहन सवार उत्सुकता वश मौके के एक छोर पर ठहर गए तो कुछ लोग भय के कारण आगे बढऩे का साहस नहीं जुटा सके। सूचना पर विद्युत निगम ने विद्युत आपूर्ति बाधित कर व्यवस्था में सुधार किया।
हुआ यूं कि सुबह करीब ११ बजे ट्रांसफार्मर में एकाएक हुए शॉर्ट-सर्किट ने आग पकड़ ली। डीपी में लगी आग से उसका ऑयल बाहर गिरने लगा। आग में घी की तरह काम कर रहे ऑयल से आग बढ़ती चली गई। विकराल आग के बीच दोनों ओर का यातायात वहीं ठहर गया। पानी की समस्या सूचना पर निगम कार्मिकों ने मोर्चा संभाला। तब कहीं जाकर लोगों ने भी राहत की सांस ली। |
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में करारी हार के बाद कांग्रेस में हताशा है। सत्यव्रत चतुर्वेदी के बाद अब मणिशंकर अय्यर ने कहा कि देश की राजनीति में हम अपना महत्व खो रहे हैं। पार्टी में अब नेतृत्व के स्तर पर बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी को अब युवा महासचिवों की जरूरत है, पार्टी के वरिष्ठ लोगों को कांग्रेस कार्यसमिति में भेज देना चाहिए। इससे पहले राहुल गांधी ने कहा था कि जिस तरह किसी व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, ठीक वैसे ही राजनीतिक दलों के जीवन में भी होता है। उन्होंने कहा कि हार से निराश होने की जरूरत नहीं है, बल्कि आशा और उत्साह के साथ आगे बढ़ना है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि सुनते आ रहे हैं कि अब बड़ा बदलाव होगा। लेकिन अभी तक तो कुछ ऐसा हुआ नहीं है, अगर बदलाव होता है तो देर आए दुरुस्त होने वाली बात होगी। उन्होंने कहा कि अब समय की मांग ये है कि जो लोग जमीन से जुड़े हैं वो लोग जनता के बीच जाएं और कांग्रेस की नीतियों का प्रचार-प्रसार करें।
कांग्रेस को दशा और दिशा बदलने की जरूरत है, पराजय को बड़ी चीज नहीं मानता हूं, लोकतांत्रिक व्यवस्था में हार और जीत के लिए पार्टियों को तैयार रहना चाहिए। हम हार के बाद भी वापसी कर सकते हैं। इससे पहले उन्होंने मंगलवार को भी कहा था कि समय रहते जब पार्टी में बदलाव करना चाहिए, उस वक्त बदलाव नहीं किया गया।
गौरतलब है कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में करारी हार का सामना करना पड़ा था। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की संख्या ईकाई के अंक में सिमट कर रह गई है। |
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जुर्माने का भुगतान नहीं करने वाले १,६७७ इकाइयों की सूची जारी की है।
नई दिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जुर्माने का भुगतान नहीं करने वाले १,६७७ इकाइयों की सूची जारी की है। इनमें वे कंपनियां, व्यक्ति शामिल हैं जो सेबी द्वारा लगाए गए जुर्माने को 3१ मई तक चुकाने में नाकाम रहे हैं। सेबी की वेबसाइट पर जारी इस सूची में 3१ दिसंबर 20१7 तक के आदेशों के तहत लगाए गए जुर्माने का मई 20१8 तक भुगतान नहीं करने वाले शामिल किये गये हैं। इनमें कम से कम १5,००० रुपए के जुर्माने वाले भी शामिल हैं। इसके अलावा कुछ पर लाख रुपए और कुछ पर करोड़ों रुपए का भी जुर्माना लगाया गया है।
ये जुर्माने कंपनियों द्वारा बिना पंजीकरण के पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं देना, निवेशकों की शिकायतों का समाधान करने में नाकाम रहने और निवेशकों से अवैध रूप से धन जुटाने जैसे नियमों के उल्लंघन मामले में लगाया गया।
इनमें कुछ जुर्माने तो १९९८ से लंबित हैं। कई मामले अदालतों में हैं तो कुछ दूसरे फोरम में लंबित हैं। इसके अतिरिक्त सेबी ने एक अन्य जानकारी में कहा कि उसने सामूहिक निवेश योजना के इतर अन्य उल्लंघन के १,१39 मामलों में कार्यवाही शुरू की है।
नियामक इकाई से बकाये की वसूली के लिए बैंक और डीमैट खातों के साथ अन्य परिसंपत्तियों को जब्त करने की शक्ति का भी प्रयोग कर रहा है। |
कुछ सब्ज़ीयाँ बेहद पौष्टिक होती हैं लेकिन आपके पास इन सब्ज़ीयों को अपने आहार में प्रयोग करने के तरीके कम होते हैं। तुरई इसका एक विशिष्ट उदाहरण है। हालांकि यह आहार तत्वों से भरपुर है, इसका प्रयोग बहुत कम किया जाता है क्योंकि यह मसल जाते हैं और इसका स्वाद भी फीका होता है। यह एक ऐसा व्यंजन है जो इस विचार को बदल देगा। खट्टे टमाटर के पल्प और विभिन्न प्रकार के मसालों के साथ बनाया गया, यह मसालेवाली तुरई तक झटपट और आसानी से बनने वाली सब्ज़ी है जो आपके घरों में सबको ज़रुर पसंद आएगी!
जब बीज चटकने लगे, प्याज़ डालकर मध्यम आँच पर १ मिनट के लिए भुन लें।
हल्दी पाउडर, अदरक, हरी मिर्च और १ टेबल-स्पून पानी डालकर, मध्यम आँच पर कुछ और सेकन्ड तक भुन लें।
टमाटर का पल्प और नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें और मध्यम आँच पर बीच-बीच मे हिलाते हुए २ मिनट तक पका लें।
धनिया-ज़ीरा पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और अमचुर डालकर अच्छी तरह मिला लें और मध्यम आँच पर १ मिनट तक पका लें।
तुरई और नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें। ढ़क्कन से ढ़ककर मध्यम आँच पर ८ मिनट या तुरई के नरम होने तक, बीच-बीच में हिलाते हुए पका लें। |
आर्ट २ आर्टज़ एक गैर-लाभकारी संगठन था जो सैंडउन में आइल ऑफ वाइट पर आधारित था। उनके द्वारा निर्मित दो अलग-अलग वेबसाइट डिज़ाइन थे।
आर्ट२आर्ट्ज सैंडोउन में आइल ऑफ वाइट पर आधारित एक दान था। उनकी वेबसाइट के जीवनकाल के दौरान उनके पास दो डिज़ाइन थे। उन्होंने स्थानीय कलाकारों को काम किया और सीखने की कठिनाइयों के साथ बच्चों और युवा वयस्कों के लिए सबक पेश किए।
साइट के साथ प्रारंभिक विचार अभी भी कार्यात्मक वेबसाइट के दौरान एक मजेदार और रंगीन था। यह मेनू पैलेट और उप मेन्यू में हॉटस्पॉट के साथ एक छवि के रूप में बनाया गया था, जो पोस्ट करता है। उनके द्वारा दो तस्वीरें प्रदान की गईं, लेकिन पेंटब्रश, पेंसिल और रबड़ जैसी अन्य सभी चीजें हमारे द्वारा बनाई गई थीं।
इस छवि को लेने के बिंदु पर, हमने केवल विज्ञापन के लिए एक जगह छोड़ी थी।
दूसरे डिजाइन के लिए, यह सहमति हुई कि एक ग्रे रंग योजना, अधिक व्यावसायिक रूप और अनुभव के साथ उपयोग की जाएगी, और उप मेनू गिरा दिया जाएगा। पृष्ठभूमि छवि को उनके द्वारा किए गए कुछ ग्लास काम की तस्वीर से दोबारा प्रस्तुत किया गया था। |
सदियों से इस देश में निचले वर्ग का शोषण हो रहा है, और अब तो ये रिवाज हो गया है। पहले जाति के नाम पर शोषण होता था, आज गरीबी और पद के नाम पर होता है। अमीरों के द्वारा गरीबों का शोषण तो पहले भी होता ही था और अब भी होता ही है, पर जाने कब से प्रथा सी बन गई है कि आप अगर निचले पद पर हों तो आपका शोषण ऊँचे पद वाले व्यक्ति विशेष जरूर करेंगे। और खास तौर पे हमारे सरकारी विभागों के कार्यालयों में।
बात इतनी सी है कि छोटा कर्मचारी अगर शिकायत करेगा तो उसकी सुनेगा कौन? और अगर वह कर्मचारी बाह्य स्त्रोत मेरा मतलब है कि आउट सोर्स से हो तो वो तो कुछ कर ही नहीं सकता, क्योंकि नौकरी जाने का डर तो सबको होता है न।
बाह्य स्त्रोत की बात से याद आया कि आज कल जाने कहाँ से सरकारी विभागों ने फंडा बना रखा है कि कर्मचारियों की कमी को आउट सोर्स के माध्यम से ही भरा जावे। वैसे आउट सोर्स व्यवस्था के बहुत सारे फायदे हैं, कुछ एक बता ही देता हूँ।
पहला तो ये, कि नियमित कर्मचारी को जहाँ मोटी मोटी रकम सैलरी के तौर पे दी जाती थी, वहीं आज आउटसोर्सिंग के माध्यम से ५ गुना कम कीमत में नवीन बेरोजगार युवा पीढ़ी को रोजगार मिल जाता है।
दूसरा ये कि नियमित कर्मचारी तो काम कर कर के हो गया बुड्ढा तो काम करने की एफिशिएंसी भी कम हो गई, अब कम संसाधनों में ज्यादा काम तो नवीन बेरोजगार युवा पीढ़ी ही कर सकती है न ?
तीसरा ये कि जहाँ किसी नियमित कर्मचारी को कार्य न करने, हड़ताल करने या कार्य करने में अक्षम होने पर दुनिया भर की लिखा पढ़ी करनी पड़ती थी, और साथ में पेंशन नाम का आर्थिक बोझ झेलना पड़ता था, वहीं इन आउटसोर्स कर्मचारियों को ऐसी परिस्थितियों में ये कह के निकाल दिया जाता है, कल से काम पे मत आना।
और भी कई फायदे हैं, जो आप जानते ही होंगे अगर मेरे जैसे किसी सरकारी दफ्तर में विराजमान होंगे।
सोचो! कितना फायदेमंद है न, इन आउटसोर्स कर्मचारियों से जी चाहा काम लेना? इनसे हद से ज्यादा काम लिया जा सकता है, इन्हें जैसा चाहे वैसा काम लिया जा सकता है, और अगर कभी पत्नी जी से साहब जी खरी खोटी सुन के आये तो वो सारा गुस्सा भी इन पर ही निकाला जा सकता है। ये बेचारे उफ्फ भी नहीं कर सकते। क्योंकि इनको तो कोई अधिकार ही नहीं है, अपनी बात कहने का, अपने मन से काम करने का।
भले ये आउट सोर्स के तुच्छ कर्मचारी ७-८ हजार में किसी पचास हजार के कर्मचारी का काम कर रहे हों। या फिर पूरे कार्यालय का अधिभार इनके ही कोमल कंधों पर ही क्यों न हो।
केपीओ बोले तो "की पंचिंग ऑपरेटर" मतलब हमारे ऑफिस में आउट सोर्स के माध्यम से पदस्थ एक छोटा सा कंप्यूटर ऑपरेटर। जिसे एक अधिकारी के नजर से देखें तो कुछ आता ही नहीं है, पर जनाब! आप चूक कर सकते हैं क्योंकि मैंने अक्सर अखबारों में सुना है कि फलां फलां केपीओ ने साहब की आई डी का दुरुपयोग कर के जनता के पैसे ले कर फरार हो गया। हाँ! वही केपीओ जिसको साहब ने ही दया कर के अपने रिस्क पे अपने आफिस में नौकरी पर लगाया और वही धोखा दे गया।
ऐसे में किसी केपीओ प्रजाति के आउट सोर्स कर्मचारी का शोषण न किया जाये तो भला क्या किया जाए? वो साहब से शायद थोड़ा ज्यादा जानता है, और साहब की कंप्यूटर आई डी का सदुपयोग संग दुरुपयोग किस प्रकार किया जा सकता है उसे भली भांति पता होता है। ऐसे में यदि साहब ऐसे केपीओ महोदय को अगर डाँट डपट के न रखें तो चींटी के पर निकल आएंगे।
अभी कुछ दिन पहले उड़ती हुई खबर मेरे पास आई, कि एक नवीनतम पदाधिकारी ने जब अपने अधीनस्थ किसी कार्यालय सहायक को कोई जानकारी पूछने के लिए अपने केबिन में बुलाया तो उस कर्मचारी के स्थान पर केपीओ महोदय चले गए, आखिर जाते भी क्यों नहीं, क्योंकि कार्यालय सहायक जी तो बस मदिरापान के लिए आफिस आते हैं और सारा कार्यभार बस के पी ओ को ही संभालना होता है, फिर भी नवीनतम पदाधिकारी महोदय ने श्रीमान केपीओ महोदय को ये कह के दुत्कार दिया कि तुम केपीओ हो केपीओ, तुम मेरे सामने कैसे आये?
साहब जी ने भी सही बोला उस आउटसोर्स कर्मचारी से क्योंकि उसका क्या हक कि वो इतने बड़े अधिकारी के सामने बेवजह बिना बुलाये उपस्थित हो जाये। पर किसी के बोलने के ढंग का क्या भरोसा, कब किसका दिल दुख जाए?
ऐसे में आउट सोर्स कर्मचारी जो बस शोषण के लिए ही इस दफ्तर में लगा हुआ है उसे बुरा नहीं मानना चाहिए, क्योंकि भाई! ये तो पीढ़ियों से होता आ रहा है, अपने से दुर्बल, निर्धन, या निचले पद के व्यक्ति शोषण होता है और होता ही रहेगा। आखिर पुरानी मान्यताओं और रीति रिवाजों को चलाना भी तो है और तुम केपीओ हो, तुम को सहना ही होगा।
शीर्षक पढ़ के क्या सोच में पड़ गए जनाब..? कहीं आपको आपकी ज़िंदगी का कोई किस्सा तो याद नहीं आ गया? अजी मैं उसी बेलन का ज़िक्र कर रहा हूँ जिसके बगैर एक आदर्श भारतीय घर का किचन अधूरा होता है..। यूँ तो हम सभी जानते हैं कि बेलन का महत्व हम सब की ज़िन्दगी में क्या होता है और क्यों..? यार! बेलन न हो तो रोटी बनाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, बेलन न हो तो आपके फेवरेट पराठे और गरमागरम पूड़ियाँ कैसे बनेंगी? सोचो कि अगर बेलन का आविष्कार नहीं हुआ होता तो आज हम तरह तरह की डिश का लुत्फ कैसे उठाते..? न रोटियाँ सही आकार व मोटाई में मिलती, न पराठे व पूड़ियाँ और न ही खाने के साथ हमेशा साथ देने वाले तरह - तरह के पापड़ का हम लुत्फ़ उठा पाते.. मैं तो हमेशा से ही इन छोटी - छोटी चीजों के आविष्कारकों को नमन करता रहता हूँ कि आखिर उनके ही कारण मेरा जीवन आसान बन पाया है।
ये तो रहा बेलन का पहला पहलू.. अब बात रही एक अन्य पहलू की.. हालांकि बेलन किसी सिक्के की तरह गोल नहीं होता कि इसका कोई दूसरा पहलू हो, पर व्यहवारिकता में तो इसके एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन पहलू होते हैं, जो मैंने अभी अभी जाने हैं।
तो मैं बात कर रहा था बेलन के दूसरे पहलू के बारे में.. और वो अक्सर हमें हास्य के कार्टून में जरूर देखने को मिलता है जब कोई छोटी सी भी गलती हो, घर का कोई सामान टूट गया हो तो मम्मी किचन से बस बेलन लेकर आते दिखती है। भाई कार्टूनिस्ट ने तो मम्मी (और बीवियों) के लिए एक सशक्त अस्त्र - ओ - शस्त्र के रूप में बेलन को एक नई पहचान दी है। और इसके लिए बेलन भी यदि कोई सजीव प्राणी होता तो जरूर मेरी तरह अपने आविष्कारक को प्रतिदिन धन्यवाद जरूर करता होता। हालांकि शायद ही किसी मम्मी ने अपने बच्चों को बेलन से दण्ड दिया होगा, पर मुझे लगता है कि किसी न किसी बीवी जी ने अपने शौहर जी को इसका स्वाद जरूर चखाया होगा। ऐसे पतियों से करबद्ध माफी चाहूंगा क्योंकि मैंने जाने अनजाने में शायद मैंने उनकी किसी दुखती रग पे हाथ रख दी दिया होगा।
दुखती रग से याद आया, इस बेलन महाराज के तीसरे और ताजे ताजे पहलू के बारे में। ताजा इसीलिए क्योंकि ये पहलू अभी अभी मेरे समक्ष आया है। और इसी पहलू ने मुझे ये व्यंग्य लिखने के लिए प्रेरित भी कर दिया है। तो वाकया ये है कि कल सुबह से ही मेरी पीठ की एक नस ने मुझसे रूठ के जरा खिंच सी गई.. सो आज तक वो रूठी हुई है।
दर्द के मारे हाल बेहाल,
न नींद है और न करार..।
बस फिर क्या था, मेरी प्रिय पत्नी जी को भी मेरा दर्द सहन नहीं हुआ, और इस दर्द से मुझे निजात दिलाने के लिए तरह - तरह के दर्द निवारको के घरेलू उपायों की खोजबीन जारी हो गई। और इसी खोजबीन के चलते हमारे पड़ौस वाली भाभी जी ने भी एक नुस्खा हमारी मैडम जी को सुझा दिया, और बोल दिया कि पीठ सीधी कर के बेलन से बेल दो, नस जी जो रूठी हुई हैं मान के सही जगह पे आ जायेगी, फिर न तो दर्द होगा और न ही कोई पीड़ा.. बस फिर क्या था, पत्नी जी ने उठाया बेलन और चला दिया हमारी दुखती रग में.. और आप यकीन मान ही लीजिए कि दुखती नस जी कुछ देर के लिए तो मान गईं और मुझे दर्द से रिश्ता तोड़ना पड़ा। हालांकि ये दर्द इतनी जल्दी मुझसे अपना रिश्ता तोड़ेगा नहीं पर उम्मीद है कि कुछ न कुछ तो जरूर होगा और पत्नी जी की मेहनत रंग लाएगी। और इस तरह मेरे दर्द का अंत हो जाएगा। आखिर बेलन के तीसरे पहलू को भी तो अपना अस्तित्व कायम करना होगा न। मेहनत तो बेलन जी ने भी किया है। |
वाराणसी। प्रदेश भर में गौरैया संरक्षण के लिए अभियान चलाया जा रहा है, अभियान के तहत वन विभाग स्कूलों में गौरैया के रहने के लिए घर वितरित कर रहा है।
वाराणसी जि़ले के चौबेपुर में भी वन विभाग की तरफ से दी इलीट पब्लिक स्कूल में गौरैया जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। साथ ही स्कूल के चालीस बच्चों को गौरैया के रहने के लिए घर भी दिए गये।
कार्यक्रम में वन क्षेत्राधिकारी काशी सामाजिक वानिकी रेंज एनपी सिंह ने कहा कि विश्व गौरैया दिवस २० मार्च के पहले वन विभाग और कुछ स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य गोरैया के संरक्षण के बारे में आम जनता विशेषकर विद्यार्थियों को जागरूक किया जाना है, जिससे गोरैया की संख्या में वृद्धि हो सके। उन्होंने आगे कहा कि पिछले १० वर्षों में गौरया की संख्या में ६८ प्रतिशत की कमी हुयी है जोकि चिंताजनक है।
इस अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए पर्यावरण संरक्षण के प्रति सक्रिय सामाजिक कार्यकत्र्ता वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि आज विकास के दौर में हमने गौरैया सहित कई पक्षियों और जन्तुओ का ठिकाना छीन लिया है, जिससे इनकी संख्या तेजी से घटती जा रही है। गौरैया एक घरेलू पक्षी है जो हमारे घर में हमारे साथ रहते हुए हानिकारक कीट, पतंगों और अनावश्यक खर पतवार के बीजों को खाकर जैव तंत्र को नियंत्रित करती है।
पिछले कुछ वर्षों में इनकी संख्या में हुयी कमी के कारण हमारी निर्भरता रासायनिक कीटनाशकों और खरपतवार नाशकों पर बढ़ी है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं। आज पक्के घरों में कोई झरोखा, रोशनदान खुला नही होने से गौरैया के रहने का स्थान नही बचा है जिससे इसकी संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है। संरक्षण अभियान के तहत सुरक्षित गोरैया बाक्स का वितरण करने का उद्देश्य यही है कि लोग स्वत: अपने घरों आस-पडोस पर इसके लिए स्थान बनाएं, गर्मी में पक्षियों के पीने के लिए पानी रखें, साथ ही आसपास अधिक से अधिक ऐसे पेड़ लगायें जिन पर चिडिय़ा घोसले बना कर रह सकें और उन्हें खाने के लिए फल भी मिलता रहे।
विद्यालय के निदेशक कुमुद उपाध्याय ने कहा की हम अपने स्कूल के पाठ्यक्रम में गौरैया संरक्षण को शामिल करेंगे जिससे बच्चे स्वत: इसके लिए आगे आएंगे। |
योगी सरकार कांवड़ियों को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उत्तर प्रदेश में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।
वहीं कांवड़ यात्रा कर रहे भक्त इस तरह के विशेष इंतजाम से काफी खुश हैं। कांवड़िये नारे लगा रहे हैं, योगी तेरे राज में, मिल रहा सम्मान जहाज में।
डीजे और गाजे-बाजे के साथ निकल रही कांवड़ यात्रा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी रंग जमा हुआ है। गानों में जहां योगी और मोदी को तवज्जों दी गई, वहीं, अखिलेश यादव पर तंज कसा गया है। कांवड़ के गानों में मोदी और योगी की चर्चा के साथ कश्मीर मुद्दा भी छाया हुआ है। कश्मीर और राजनीति पर आधारित गानों पर शिवभक्त जमकर थिरक रहे हैं। कहीं मोदी-योगी के दौर में, कांवड़ चढ़ेगी लाहौर में बज रहा है तो कहीं डीजे बजवा दिया योगी ने रंग जमा दिया योगी ने जैसे गीतो पर कांवड़िए थिरक रहे हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हेलीकॉप्टर में सवार होकर कावड़ियों पर पुष्पवर्षा की थी। उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हुए एडीजी (मेरठ जोन) प्रशांत कुमार कांवड़ मार्ग हवाई सर्वेक्षण किया और कांवड़ियों के स्वागत में उन्होंने खुद श्रद्धालुओं पर फूल बरसाए।
बीबीएमपी: स्वच्छ भारत मिशन का ८० फीसदी पैसा अन्य मदों में खर्च! |
नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता के खिलाफ पांच दिन में न्यायालय में चार्जशीट दायर कर सजा दिलाने वाले उपनिरीक्षक व डायल ११२ के प्रभारी आलोक कुमार श्रीवास्तव को डीजीपी सिल्वर मेडल से सम्मानित करेंगे। गणतंत्र दिवस के अवसर पर उनके साथ बेहतर काम करने वाले सीओ डुमरियागंज महेंद्र देव सिंह को भी सिल्वर मेडल से सम्मानित किया जाएगा।
बेहतर काम करने वाले पुलिस कर्मियों को हर वर्ष डीजीपी की तरफ से प्रशस्ति पत्र और गोल्ड व सिल्वर मेडल से सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर आलोक कुमार श्रीवास्तव व महेंद्र देव सिंह को सम्मानित किया जाएगा।
श्रीवास्तव ने मिश्रौलिया थानाध्यक्ष रहते हुए क्षेत्र के एक गांव में पिता द्वारा अपनी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के मामले में केस दर्ज कर पांच दिन में कोर्ट में चार्जशीट पेश कर आरोपी को सजा दिला दी थी। न्यायालय ने २३ नवंबर २०१९ को आरोपी पिता को अजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अपने काम के प्रति उपनिरीक्षक आलोक कुमार श्रीवास्तव की गंभीरता को देखते हुए उन्हें सिल्वर मेडल से सम्मानित करने का फैसला किया गया है। |
नई दिल्ली। टीम इंडिया और वेस्टइंडीज के बीच पांच मैचों की सीरीज का चौथा मुकाबला मुंबई के ब्रेबॉन स्टेडियम में खेला गया। इस मुकाबले को मेजबान टीम ने बड़े अंतर से जीत सीरीज में २-१ की बढ़त बना ली। टीम इंडिया ने इस मुकाबले में रोहित शर्मा और अंबाती रायडू के शतकों की बदौलत वेस्टइंडीज को २२4 रनों से हरा दिया। अब इस सीरीज का आखिरी मुकाबला एक नवंबर को तिरुवनंतपुरम में खेला जाएगा।
लेकिन मुंबई में खेले गए मुकाबले का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें तमाम दर्शक रोहित...रोहित...रोहित...बोलकर टीम इंडिया के उपकप्तान को चीयर्स कर रहे हैं। ये वीडियो उस समय का है जब रोहित शर्मा बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग कर रहे थे। रोहित ने जब अपने नाम का शोर सुना तो वह कुछ बोले नहीं लेकिन इशारों-इशारों में अपने ही नहीं बल्कि हर देशवासी के दिल की बात कह डाली।
दरअसल, जब हिटमैन रोहित शर्मा ने सुना कि फैंस रोहित...रोहित...चिल्ला रहे हैं तो उन्होंने बड़े सीधे और सरल अंदाज में अपनी टीशर्ट के सामने लिखे पांच वर्ड पर उंगली रख दी। ये पांच वर्ड थे इंडिया... बस फिर क्या था दर्शक समझ और रोहित समझा गए कि क्या बोलना है। उसी पल दर्शक रोहित...रोहित...की जगह इंडिया...इंडिया... चिल्लाने लग गए। इस पूरे वाकये को वीडियो में देखा जा सकता है।
बता दें कि इस मुकाबले में सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने १३७ गेंदों में २० चौकों और ४ छक्कों की मदद से १६२ रन कूट डाले। जिस तरह रोहित बल्लेबाजी कर रहे थे लग रहा था कि वो चौथा दोहरा शतक पूरा कर लेंगे लेकिन एश्ले नर्स की गेंद पर वह आउट हो गए। हालांकि, तब तक टीम इंडिया मजबूत स्थिति में पहुंच गई थी क्योंकि बाद में अंबाती रायडू ने भी शतक लगाकर टीम को ३०० के पार पहुंचा दिया था। |
अगर आप भी कहीं पर घूमने के लिए जा रहे हैं तो आज हम आपको बता दें कि आपको एक बार जरूर हिमाचल प्रदेश में बने उस छोटी सी जगह कसोल जरूर जाना चाहिए। जो कि पर्यटन के मामले में एक अलग ही जगह रखती है। यहीं कारण है कि जो लोग घूमने के शौकीन होते हैं उन लोगों को एक बार कसोल जरूर जाना चाहिए। आज हम आपको कसोल के बारे में कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे है जिनको जानने के बाद आपका भी मन एक बार कसोल जाने के लिए जरूर कहेगा।
आपको बता दें कि कसोल में एक पुरानी नदी मौजूद है जिसका पार्वती नदी के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह नदी इस जगह को बेहद खूबसूरत बना देती है।
बताया जा रहा है कि कसोल कुल्लू से करीब ४२ किलोमीटर दूर बना हुआ है। जो कि संमुद्र से करीब १६४० मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है।
आपको बता दें कि यहां पर ठहरकर आप आसपास की और भी जगहों पर घूम सकते हैं जैसे की तोष और खरीगंगा। जो कि यहां की सबसे प्रसिद्ध घूमने की जगहों में से एक हैं।
शायद आपको पता नहीं होगा कि यह जगह शिमला या मनाली के मुकाबले में घूमने के लिहाज से छोटी है। मगर यहां के नेचर और खूबसूरती सबसे अलग है। जिसके कारण यहां पर हर साल हजारों लोग घूमने के लिए आते हैं।
आपको बता दें कि यहां पर आपको रहने के लिए होटल काफी सस्ते दामों पर मिल जाती है। जिसके कारण भी यहां पर घूमने के लिए लोग अधिक मात्रा में आते हैं।
इसके अलावा कसोल में आपको कई फेमस और खूबसूरत कैफे भी मिलते हैं।
प्रेवियस आर्टियल२० सितंबर के दिन हुआ था उस पहली अग्रेज महिला का निधन जो लड़ी थी हिंदुस्तान की आजादी के लिए, जानिए उसके बारे में! |
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समर्थन रियर व्यू कैमरा, रिमोट कंट्रोल, ब्लूटूथ, एफएम, एएम, एमपी, एमपी ४, एमपी ५, यूएसबी, औक्स, टीएफ कार्ड, आदि। |
नई दिल्ली। आज दिल्ली में पेट्रोल की कीमत १० पैसे बढ़कर ८२.३६ रुपए हो गई है। वहीं, डीजल में २७ पैसे की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है और यह दिल्ली में ७४.६२ रुपए प्रति लीटर के भाव से मिल रहा है। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल कीमत ८२.३६ रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है।
मुंबई में यह ८७.८२ रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में ८४.१९ रुपए प्रति लीटर, हरियाणा में ८१.०२ रुपए प्रति लीटर, हिमाचल प्रदेश में ८१.५५ रुपए प्रति लीटर और चेन्नई में पेट्रोल ८५.६१ रुपए प्रति लीटर मिल रहा है। दिल्ली में डीजल ७४.६२ रुपए प्रति लीटर हो गया है। मुंबई में इसकी कीमत ७८.२२ रुपए, कोलकाता में ७६.४७ रुपए, हरियाणा में ७३.४५ रुपए, हिमाचल प्रदेश में ७२.७५ रुपए और चेन्नई में ७८.९० रुपए प्रति लीटर है। |
बिहार में ८ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मद्देनजर चार दिवसीय कार्यक्रम ''मीट द कलेक्टर'' नामक एक प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसके अंतर्गत इन छात्राओं को एक दिन के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी सौंपी गई। इन स्कूली छात्राओं की प्रशासन चलाने की क्षमता को देखने के लिए डीएम ऑफिस में भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
बिहार में ८ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मद्देनजर चार दिवसीय कार्यक्रम 'मीट द कलेक्टर' नामक एक प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसके अंतर्गत इन छात्राओं को एक दिन के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी सौंपी गई। इन स्कूली छात्राओं की प्रशासन चलाने की क्षमता को देखने के लिए डीएम ऑफिस में भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने स्कूली छात्रों को सशक्त बनाने और प्रेरित करने के लिए यह सुझाव दिया था। म्यूनिसिपल मिडल स्कूल की ७वीं कक्षा की छात्रा सुंदरम प्रिया ने कस्बे में लंबित बहुत से विकास कार्यों की खबर ली। १३ साल की प्रिया ने अधीनस्थ अधिकारियों को उन्हें पूरा करने के निर्देश दिए। सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसपी) की कुर्सी पर बैठकर गवर्नमेंट मिडल स्कूल की कक्षा ६ की छात्रा प्रभा कुमारी ने तो रिगा पुलिस स्टेशन के एसएचओ को डांट तक लगा दी। १२ साल की प्रभा ने एसएचओ को चेतावनी भी दी कि अगर लोगों की समस्या नहीं सुलझाई गई तो कड़े कदम उठाए जाएेंगे।
डीएम ने कहा कि इस कार्यक्रम का मकसद छात्राओं को यह बताना था कि स्थानीय प्रशासन और कानून व्यवस्था को चलाने में डीएम व एसपी का क्या भूमिका होती है। इस दौरान उन्हें क्या-क्या चुनौतियां आती हैं। आखिर में इन लड़कियों को इस यादगार दिन के अनुभव पर एक निबंध लिखने के लिए भी कहा गया। |
पूर्व रासायनिक अभियंता। १९६४ में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुए। '८१ बीजिंग केमिकल इंडस्ट्री एक्सपेरिमेंट फ़ैक्टरी के प्रमुख, फ़ैक्टरी पार्टी समिति की समिति के उपाध्यक्ष, बीजिंग सिटी च्यांग जिला समिति के उपाध्यक्ष, '८२ महासचिव के महासचिव संयुक्त ब्लू ब्लू टीम, '८३ नेशनल चाइना यूथ फेडरेशन के उपाध्यक्ष, '८५ पिछले साल, उन्होंने फेडरेशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। '९१ पार्टी के केंद्रीय एकीकरण मोर्चा के उप महाप्रबंधक, दिसंबर २००२ से दिसंबर २००७ तक कार्य मंडल के महाप्रबंधक। पीपुल्स पॉलिटिकल को-ऑपरेशन कॉन्फ्रेंस २००३-२००७ के उपाध्यक्ष। इस समय के दौरान, १९९७ पार्टी केंद्रीय समिति के उम्मीदवार, २००२ पार्टी केंद्रीय समिति और अक्टूबर २००७ पार्टी के राजनीतिक अधिकारी। मार्च २००८ सचिव, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति, शारीरिक शिक्षा और हांगकांग और मकाओ नीति के प्रभारी। नवंबर २०१२ राजनीतिक अधिकारी फिर से चुने गए। मार्च २०१३ में वह राज्य परिषद के उप प्रधान मंत्री (उप प्रधान मंत्री) बने। पिता एक क्रांतिकारी कार्यकारी हैं, जिन्होंने लंबे समय तक, पूर्व कृषि के पूर्व कृषि अंडरमिस्टर और पोते में से एक में भाग लिया था। इसे मिर्ची के करीब माना जाता है। |