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डीकेएस पोस्ट ग्रेज्युट इंस्टिट्यूट एवं रिसर्च सेंटर रायपुर (छत्तीसगढ़) द्वारा विभिन्न तकनीकी एवं गैर तकनीकी पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। इन पदों के लिए छ.ग. के स्थानीय/जिले के मूल निवासियों से ०९ से १३ दिसम्बर २०१७ तक वॉक इन इंटरव्यूह के तहत आवेदन मंगाया गया है। आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवार जो इन पदों के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य अर्हताओं की पूर्ति करते हों, वे निर्धारित साक्षात्कार तिथि को विभागीय कार्यालय में उपस्थित होकर विभाग को अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। इस रोजगार के लिए आप विभाग द्वारा प्रकाशित आधिकारिक अधिसूचना इस पेज के अंत में दिये गये विभागीय नोटिफिकेशन लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं।
१. स्टेनोग्राफर 0१ पद।
२. डाटा एंट्री ऑपरेटर ०७ पद।
३. कोडिंग क्लर्क ०६ पद।
४. सहायक ग्रेड-३ १० पद।
५. स्टेनो-टायपिस्ट - ०२ पद।
६. कम्प्यूटर ऑपरेटर कम रिसेप्शनिस्ट ०८ पद।
७. मेडिकल रिकार्ड क्लर्क ०१ पद।
८. स्टॉफ नर्स २३६ पद।
९. काउंसलर ०२ पद।
१०. ओक्युपेशनल थैरेपिस्ट ०३ पद।
११. काउंसलर ०२ पद।
१२. स्टेटिशियन ०२ पद।
१३. डाइटिशियन ०४ पद।
१४. डायलिसिस टेक्निशियन ०७ पद।
१५. पैथालॉजी टेक्निशियन ०३ पद।
१६. रेडियोलॉजी टेक्निशियन/एक्स-रे टेक्नीशियन ०६ पद।
१७. ईसीजी टेक्निशियन १० पद।
१८. ऐनेस्थिसिया टेक्निशियन ०३ पद।
१९. ओ.टी. टेक्निशियन २२ पद।
२०. स्टरलाईजेशन टेक्निशियन ०२ पद।
२१. लैब सहायक ०६ पद।
२२. स्टीवर्ड ०१ पद।
२३. फार्मासिस्ट - ०८ पद।
२४. लैब टेक्निशियन ०६ पद।
२५. रेडियोग्राफर ०१ पद।
२६. क्लीसाइकोलॉजिस्ट - ०१ पद।
२७. तकनीशियन ०१ पद।
२८. मानसिक सोशल वर्कर ०१ पद।
२९. जूनियर टेक्निशियन ०२ पद।
३०. ड्राइवर ०२ पद।
३१. लैब अटेंडेंट ०२ पद।
३२. ड्रेसर १२ पद।
३३. वार्ड ब्वॉय ६४ पद।
३४. आया १० पद।
३५. भृत्य/चौकीदार २४ पद।
३६. कारपेंटर ०१ पद।
३७. स्वीपर १० पद।
३८. पंप अटेंडेंट ०२ पद।
१. क्लेरिकल (कार्यालयीन) पोस्ट - ३५ पद।
२. स्टॉफ नर्स - २36 पद।
३. टेक्निशियन पोस्ट २१८ पद।
कुल ४८९ पद।
पोस्ट १, ८, १2 से २०, २२, २३, २४, २६ के लिए - मासिक संविदा वेतन १८655/- रूपये प्रतिमाह।
पोस्ट २ से ७, २9 के लिए - मासिक संविदा वेतन 1२6७5/- रूपये प्रतिमाह।
पोस्ट ९ से ११ के लिए - मासिक संविदा वेतन २३०१०/- रूपये प्रतिमाह।
पोस्ट २१, २५, २७, २८ के लिए - मासिक संविदा वेतन १६४४५/- रूपये प्रतिमाह।
पोस्ट ३० के लिए - मासिक संविदा वेतन १०४६५/- रूपये प्रतिमाह।
पोस्ट ३१ के लिए मासिक संविदा वेतन ११७००/- रूपये प्रतिमाह।
पोस्ट ३२ से ३७ के लिए - मासिक संविदा वेतन १०१४०/- रूपये प्रतिमाह।
इस भर्ती सूचना पर आवेदन करने के लिए आवेदक के पास ५वीं/ ८वीं/ १०वीं/ १२वीं/ स्नातक /स्नातकोत्तर डिग्री /नर्सिंग/ संबंधित क्षेत्र/विषय में डिग्री/डिप्लोमा/ कम्पयूटर डिग्री/ डिप्लोमा अथवा समकक्ष होना चाहिए।
अपिव/सामान्य ३००/- रूपये।
इस भर्ती सूचना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए आवेदक को सादे कागज पर निर्धारित प्रारूप में आवेदन तैयार करना होगा। आवेदन फार्म डाउनलोड करने के लिए नीचे दिये गये लिंक का प्रयोग करें। आवेदन फार्म के साथ समस्त वांछित दस्तावेज संलग्न कर साक्षात्कार तिथि में साक्षात्कार स्थल पर उपस्थित होकर विभाग को आवेदन करना होगा। |
जैसा कि कोविड-१९ आशंकाओं के कारण, १७-१९ मार्च को होने वाली ओशनोलॉजी इंटरनेशनल २०२० प्रदर्शनी में विश्व स्तर पर व्यापार प्रदर्शनियों और सम्मेलनों को रद्द या पुनर्निर्धारित किया जाता है। एक्ससेल लंदन में २०२० को स्थगित प्रदर्शनियों द्वारा घोषित १-३ दिसंबर, २०२० तक स्थगित कर दिया गया है।
रीड एक्ज़िबिट्स के पोर्टफोलियो डायरेक्टर, जोनाथन हेट्टी ने घोषणा के बारे में बात करते हुए कहा: हमारे प्रदर्शकों, आगंतुकों और कर्मचारियों की सेहत और सुरक्षा बेशक हमारी नंबर एक प्राथमिकता है। हम स्थिति और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य इंग्लैंड और लंदन में अधिकारियों द्वारा जारी किए गए नोटिसों की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। हम कई प्रदर्शकों, आगंतुकों और सम्मेलन वक्ताओं के साथ नियमित रूप से संवाद में रहे हैं ताकि उनके विचारों को समझ सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि हम इस तरह की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में - महासागर समुदायों की सेवा करें।
जबकि यह घटना को स्थगित करने के लिए बेहद निराशाजनक है, न कि एक निर्णय जिसे हमने हल्के में लिया है, हमारा मानना है कि यह सभी शामिलों के लिए कार्रवाई का सबसे अच्छा कोर्स है, जो कि कोविड-१९ से संबंधित चल रहे विकास और चिंताओं को देखते हुए है।
"हमें विश्वास है कि शो को स्थगित करने से हमें यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि हम इस विश्व-अग्रणी घटना के बाद के वर्ष में सही मूल्य प्रदान करें। हम आने वाले हफ्तों में अपने सभी वैश्विक ग्राहकों और साझेदारों के साथ मिलकर काम करेंगे और दिसंबर में एक्सेल में वापस आने का इंतजार करेंगे।
"हम पूरी तरह से योजना के स्तर को समझते हैं और सराहना करते हैं जो हमारे जैसे किसी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आवश्यक है, और इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान अपने प्रदर्शकों, भागीदारों, आपूर्तिकर्ताओं और आगंतुकों को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं।" |
वाराणसी कार्यालय संवाददाता। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अवैध शोध पंजीकरण के मामले में जांच के लिण् एक और समिति का गठन किया गया है। समिति इतिहास विभाग में हुई अनियिमितता के दोषियों की पहचान कर शीघ्र रिपोर्ट सौंपेगी। जांच समिति पता लगायेगी कि मसले में शिक्षक और कर्मचारी किस स्तर तक दोषी हैं।
समिति में प्रो. ओमप्रकाश सिंह, प्रो. कल्पलता पांडेय, प्रो. केएस जायसवाल और उपकुलसचिव इंदुपति झा शामिल हैं। समिति के गठन की जानकारी मिलते ही विश्वविद्यालय में हड़कम्प की स्थिति है। संभावित है कि जांच में कई शिक्षक और कर्मचारी घेरे में आ सकते हैं। २००७ से २००९ के बीच शोध पंजीकरण में अनियमितता के मामले में रिपोर्ट सितम्बर में ही पेश कर दी गई थी, इसका खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट सुधांशु सिंह के जनसूचना अधिकार के तहत रिपोर्ट की प्रति हासिल करने के बाद हुआ।
रिपोर्ट से सीट से अधिक प्रवेश के मामले सहित कई अन्य घपले उजागर हुए हैं। समिति ने इतिहास विभाग, वित्तविभाग, यूजीसी यूनिट, शोध अनुभाग और कुलसचिव कार्यालय के कामकाज को भी लपेटे में लिया था। समिति की रिपोर्ट कुलाधिपति के यहां भी भेजी गई है। कुलाधिपति के निर्णय की प्रतीक्षा भी विवि प्रशासन कर रहा है। |
अहमदाबाद। पीएम मोदी गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए दनादन रैलियां कर रहे हैं, उसी दौरान बुधवार को मंच पर 'छोटा मोदी' आ पहुंचा। चुनावी रैलियों में तनाव के बीच एक अजीब वाकया देखने को मिला जब एक छोटा सा बच्चा जिसे दिखने में बिल्कुल पीएम मोदी की तरह तैयार किया गया था, वो मंच पर आ गया। एक बार तो मोदी भी उसे देखकर हैरान रह गए। मंच पर आते वक्त लिटिल मोदी को पीएम मोदी ने हाथ मिलाकर उसे अपने गोद में बिठा दिया।
यह पूरा वाकया गुजरात के नवसारी का था, जब पीएम मोदी एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। उसी दौरान पीएम मोदी की वेशभूषा में एक छोटा बच्चा मंच पर आ गया। उस वक्त पीएम मोदी के साथ अन्य बीजेपी के नेता भी मौजूद थे। वह छोटे मोदी भी पीएम के जैसा ही चश्मा, दाढ़ी और कपड़ों से लेकर सब कुछ हुबहु नजर आ रहा था। उस छोटे मोदी को देखकर हर कोई हैरान था।
मंच पर आते दिख छोटे मोदी से पीएम मोदी हाथ मिलाते हैं और फिर उसे अपनी गोद में बिठा देते हैं। पीएम मोदी उस बच्चे से थोड़े टाइम तक बातचीत करते हुए जनता को हाथ दिखाकर अभिवादन स्वीकार करने के लिए कहते हैं। |
फिल्मों के साथ ही साथ कंगना रनौत अपने बयानों के चलते भी खूब चर्चा में रहती हैं। हाल ही में उन्होंने एक बार फिर रणबीर कपूर और आलिया भट्ट के रिश्ते पर निशाना साधा है। इस बार तो कंगना ने हद ही कर दी, उन्होंने एक सवाल के जवाब में रणबीर और आलिया को 'डंब' तक कह डाला।
यंग नहीं पुराने हो चुके हैं रणबीर और आलिया :- मिड-डे से बात करते हुए कंगना ने कहा कि, रणबीर और आलिया को यंग कहने की क्या बात है। यंग कहलाने के लिए वे लोग बहुत पुराने हो चुके हैं। रणबीर कपूर ३७ साल के हैं और आलिया भट्ट २७ साल की हैं। २७ साल की उम्र में मेरी मां के तीन बच्चे थे। यह बिल्कुल सही नहीं है कि उन्हें यंग कहा जाए। ये बच्चे हैं कि डंब हैं, क्या हैं?' बता दें कि, फिल्म 'मणिकर्णिका' की रिलीज के बाद कंगना अपने अगले प्रोजेक्ट की तैयारी कर रही हैं। कंगना के पास अभी 'मेंटल है क्या' और 'जयललिता' की बायोपिक है ।
इससे पहले भी कंगना ने दिया था विवादित बयान :- बता दें कि इससे पहले भी कंगना ने आलिया को लेकर एक विवादित बयान दिया था। कंगना ने कहा था कि 'आलिया ने मुझे राजी का ट्रेलर भेजा था और फिल्म को देखने की बात कही थी। ट्रेलर देखने के बाद मैंने मेघना गुलजार और आलिया को फोन पर शुभकामनाएं दी थी। लेकिन, मेरी फिल्म के लिए किसी की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया।' इतना ही नहीं कंगना ने आलिया भट्ट को करण जौहर की कठपुतली तक कह डाला था। कंगना की नाराजगी पर आलिया ने कहा था कि अगर कंगना मुझसे नाराज हैं तो मैं पर्सनली उनसे माफी मांग लूंगी लेकिन मैं जानबूझकर किसी को दुख नहीं पहुंचाती। |
सुनाम(संगरूर)। पंजाब के वित्त मंत्री परमिंद्र सिंह ढींढसा ने कहा कि भारत-पाक के बीच वीजा प्रणाली सरल होने का लाभ पंजाब को भी मिलेगा। श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी और व्यापार भी बढे़गा। इससे दोनों देशों का माहौल भी सामान्य होगा।
रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि कबड्डी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा कर ओलंपिक में शामिल करवाया जाए। अगले वर्ष इससे भी ज्यादा देशों की टीमों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ओक क्रीक गुरुद्वारे में मारे गए सिखों से संवेदना के लिए अपनी संसद में प्रस्ताव पारित किया है। अमेरिका ने सिखों की भावनाओं की कद्र की है। कांग्रेस को इससे सीख लेनी चाहिए और १९८४ में हुए सिख दंगों के लिए माफी मांगनी चाहिए। यदि कांग्रेस ने माफी मांगी होती तो यह मामला खत्म हो सकता था। दुनिया के सबसे बडे़ देश को यदि इसका अहसास है तो कांग्रेस को भी इसके लिए समय रहते आगे आना चाहिए था। इस मौके पर जंगीर सिंह, सुशील गोयल, नरिंदर सिंह, प्रितपाल सिहं हांडा आदि थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि संगरूर में कैंसर डिटेक्शन केंद्र खोलने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। घाबदां कोठी को पीजीआई के नाम किया जा रहा है और इसके अलावा पंद्रह एकड़ जमीन भी एक्वायर करने के लिए योजना है। इससे मालवा के लोगों को भारी राहत मिलेगी। |
नई दिल्ली। ऐसा कई बार होता है जब आप ट्रेन से यात्रा की तैयारी कर रहे होते हैं लेकिन ऐनमौके पर आपका प्लान चेंज हो जाता है। रेलवे यात्रियों के दिमाग में ट्रेनों को लेकर सबसे ज्यादा सवाल टिकट कैंसल कराने पर मिलने वाले रिफंड को लेकर होते हैं। ट्रेन के टिकट के कैंसलेशन के बाद रिफंड मिलना कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है।
तत्काल टिकट: आप यात्रा की तारीख से एक दिन पहले तत्काल टिकट बुक कर सकते हैं। अगर आपके पास कंफर्म तत्काल टिकट है और आप इसे कैंसल करना चाहते हैं तो आपको कोई रिफंड नहीं मिलेगा। अगर आपका तत्काल टिकट वेटिंग में है तब रेलवे नियमों के मुताबिक कुछ राशि काट ली जाएगी और बाकी आपको रिफंड हो जाएगा।
कंफर्म्ड टिकट: ट्रेन आने के चार घंटे पहले तक अगर आपने कंफर्म्ड टिकट कैंसल नहीं किया और टीडीआर यानी टिकट डिपॉजिट रिसीट फाइल नहीं की है तो कोई भी रिफंड नहीं मिल पाएगा।
रैक ई-टिकट: अगर आपके पास रिजर्वेशन एगेन्स्ट कैंसलेशन (रैक) ई-टिकट है और आपने ट्रेन के डिपार्चर समय के ३० मिनट पहले कैंसल नहीं किया है तो आपको कोई रिफंड नहीं मिलेगा।
वेटिंग के साथ आई-टिकट: ट्रेन के शेड्यूल्ड डिपार्चर से ३० मिनट पहले कम्प्युटराइज्ड पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (प्र) काउंटर से आई-टिकट कैंसल किया जा सकता है। यह रैक या वेटिंग टिकट्स भी सच है। इसके बाद कोई रिफंड जनरेट नहीं किया जाता है।
प्रीमियम स्पेशल ट्रेन में बुकिंग: प्रीमियम स्पेशल ट्रेनों के लिए आईआरसीटीसी नियमों के अनुसार, कंफर्म्ड या रैक टिकट कैंसलेशन की अनुमति नहीं है। टिकट केवल तभी कैंसल हो सकते हैं अगर ट्रेन रद्द हो जाए।
आंशिक रूप से कंफर्म्ड ई-टिकट: ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान के ३० मिनट पहले अगर टिकट कैंसल नहीं किया गया और टद्र फाइल नहीं हुआ तो कोई रिफंड नहीं होगा। यही नियम रैक और वेटिंग टिकट्स के लिए भी लागू होता है।
आई-टिकट खो जाए: यदि आपका आई-टिकट गुम हो जाता है, तो आप कैंसलेशन का लाभ नहीं उठा सकते हैं। हालांकि, रेलवे आपको एक डुप्लिकेट आई-टिकट जारी कर सकते हैं। |
सोमवार को विवो नेक्स ३ और विवो नेक्स ३ ५ग स्मार्टफोन्स को लॉन्च कर दिया गया है। इन स्मार्टफोन्स की बिक्री चीन में २१ सितंबर को होगी और मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले महीनों में इन्हें एशिया पैसिफिक, साउथ ईस्ट एशिया और दूसरे बाजारों में की जाएगी। इन डिवाइसेज में साइड में प्रेशर-सेंसिटिव बटन्स दिए गए हैं, जिससे यूनिक वाइब्रेटिंग एक्सपीरियंस मिलता है इन स्मार्टफोन की खूबी की बात करें तो रियर में ६४म्प प्राइमरी कैमरा, स्नैपड्रैगन 8५५+ प्रोसेसर और ४४व अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ ४,५00माह की बैटरी दी गई है।
विवो नेक्स ३ की कीमत ८गब + १२८गब वेरिएंट के लिए क्नी ४,99८ (लगभग ५०,६०० रुपये) है। वहीं विवो नेक्स ३ ५ग की कीमत ८गब + 2५६गब वेरिएंट के लिए क्नी ५,६9८ (लगभग ५7,७०० रुपये) और १२गब + 2५६गब वेरिएंट के लिए क्नी ६,19८ (लगभग ६2,७०० रुपये) है। ये फोन्स ब्लैक और वाइट कलर ऑप्शन में उपलब्ध होंगे और इनकी बिक्री चीन में २१ सितंबर से होगी।
ये फोन्स एंड्रॉयड पाई-बेस्ड फंटूछ ओस ९.१ दिया गया है। डुअल-सिम सपोर्ट वाले इन फोन्स में ९९.६ स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो और हदर१0 के साथ ६.8९-इंच फुल-हद+ (१080२२5६ पिक्सल) अमोलेड नॉच-लेस वॉटरफॉल डिस्प्ले दिया गया है।इन फोन्स में १२गब तक रैम, 5१२गब स्टोरेज और एड्रेनो ६40 गपू के साथ २.९६घ्ज़ ऑक्टा-कोर स्नैपड्रैगन ८५५+ प्रोसेसर दिया गया है।
इस सेटअप में ६४म्प मेन सैमसंग ग्वा१ सेंसर, १3म्प अल्ट्रा-वाइड एंगल सेंसर और १0क्स डिजिटल जूम के साथ १3म्प टेलीफोटो सेंसर दिया गया है।वहीं फ्रंट में यहां १6म्प पॉप-अप सेल्फी कैमरा दिया गया है।
इन फोन्स की बैटरी ४,५००माह की है और यहां ४४व अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट भी दिया गया है। कनेक्टिविटी के लिहाज से इनमें ३.५म्म ऑडियो जैक, ब्लूटूथ व५, न्ङक, उसब टाइप-सी, वी-फी ८०२.११ एक और गप्स + ग्लोनास मौजूद हैं। विवो नेक्स ३ और विवो नेक्स ३ ५ग दोनों में ही इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर्स का सपोर्ट दिया गया है। |
होम चुनाव २०१९ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ५ जनवरी, २०१९ को झारखंड और ओडिशा के दौरे पर रहेंगे।
प्रधानमंत्री झारखंड में उत्तरी कोयल (मंडल बांध) परियोजना और कनहर स्टोन पाइपलाइन सिंचाई प्रणाली के पुनरुद्धार की आधारशिला रखे जाने के अवसर पर एक पट्टिका का अनावरण करेंगे। श्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत २५,००० लाभार्थियों के सामूहिक ई-गृह प्रवेश का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री एक जनसभा को संबोधित भी करेंगे।
प्रधानमंत्री इसके बाद ओडिशा रवाना हो जायेंगे। प्रधानमंत्री बारीपाड़ा में आईओसीएल की एलपीजी पाइपलाइन परियोजना का बालासोर-हल्दिया-दुर्गापुर खंड और बालासोर मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक पार्क राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
प्रधानमंत्री प्राचीन किले हरिपुरगढ़ में रासिका रे मंदिर के विकास एवं संरक्षण से जुड़े कार्य का शुभारंभ होने के अवसर पर एक पट्टिका का अनावरण करेंगे। प्रधानमंत्री विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को चार लेन में तब्दील करने के कार्य की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री इसके अलावा छह पासपोर्ट सेवा केंद्रों का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री टाटानगर से बदामपहाड़ तक चलने वाली दूसरी पैसेंजर ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
प्रधानमंत्री बारीपाड़ा में एक जनसभा को संबोधित भी करेंगे।
बड़ी खबर:समस्तीपुर:उपद्रवियों ने शिवलिंग और मूर्ति को तोड़ फोड़ कर नदी में फेंका,ग्रामीणों ने किया हंगामा । |
नई दिल्ली, १२ अक्तूबर (भाषा) : कोलंबिया के खिलाफ पिछले मैच में कुछ अच्छा प्रदर्शन करके उम्मीद जगाने वाली भारतीय टीम आज यहां घाना के कप्तान एरिक अयाह और उनके दमदार साथियों के सामने पस्त नजर आयी और अफ्रीकी टीम ने एकतरफा मुकाबले में ४-० से जीत दर्ज करके फीफा अंडर-१७ विश्व कप के प्री क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह सुरक्षित की। घाना की तरफ से एरिक अयाह (४3वें और ५२वें मिनट) ने दो जबकि स्थानापन्न रिकार्डो डान्सो (८६वें) और इमानुअल टोकु (८७वें मिनट) ने एक-एक गोल दागा।
मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों विशेषकर धीरज सिंह की आंखों में आंसू थे जिन्होंने आज कुछ अच्छे बचाव किये। भारत तीनों मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया। भारत को लगातार तीसरे मैच में हार का सामना करना पड़ा। पिछले मैच में कोलंबिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भारत से उम्मीद बंध गयी थी लेकिन दो बार का चैंपियन घाना उससे खेल के हर क्षेत्र में अव्वल साबित हुआ। घाना ने इस जीत से तीन मैचों में छह अंक के साथ ग्रुप ए में पहले स्थान पर रहकर अंतिम सोलह में पहुंचा। कोलंबिया और अमरीका के भी छह-छह अंक रहे लेकिन गोल अंतर में वे क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर खिसक गये। घाना के खिलाड़ी कद काठी में काफी मजबूत थे लेकिन भारतीयों ने फुर्ती और कौशल के मामले में उन्हें शुरु में बराबर की टक्कर दी। खेल आगे बढ़ने के साथ हालांकि अंतर साफ नजर आने लगा और अफ्रीकी टीम का दबदबा बढ़ता गया। |
यदि आपको इस परीक्षा में बेहतर अंक मिलते हैं, तो आपको सर्वश्रेष्ठ कॉलेज में प्रवेश या सीट नहीं मिलेगी। स्कोर के बारे में चिंता न करें क्योंकि यह जून २०२० में समीक्षा प्राधिकरण द्वारा ऑनलाइन प्रकाशित किया जाएगा। बोर्ड द्वारा घोषणा के बाद, हम जल्द ही यहां सटीक तिथियों को अपडेट करेंगे।म्प प्व्फ्ट फॉर्म २०२० & रेसल्ट्सके बारे में नवीनतम समाचारों के लिए इस वेब पोर्टल की जांच जारी रखें और मार्क्स समाचार को काट दें। आप नीचे दिए गए मार्क्स के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में साझा कर सकते हैं। |
अन्ना हजारे- एक ऐसा नाम जो लाखों लोगों को अपनी बातों से, अपने उद्देश्य से सबको एक धागे में पिरोये हुए है। आज के भारत का एक ऐसा शख्स जिसके लिये कहा जा रहा है कि भारत में ऐसा कोई नेता या अभिनेता नहीं जो इतनी भारी भीड़ को सात दिनों तक मैदान में इकट्ठा कर सके।
अन्ना अनशन क्यों कर रहे हैं ये सभी को पता है इसलिये आपका ज्यादा समय नहीं लूँगा। जनलोकपाल का समर्थन पाने की चाह में आज लगातार आठवें दिन उनका अनशन जारी है।
आज़ाद भारत के इतिहास में ऐसे मौके कम ही आये होंगे जब स्वतंत्रता दिवस से भी अधिक झंडे सड़कों पर दिखाये दे रहे हों। जितने लोग मैदान में थे उससे कहीं अधिक लोग सड़कों पर थे।
अब कुछ ऐसे चित्र भी जो ये सोचने पर मजबूर करेंगे कि लोकपाल भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलवा भी दे फिर भी इस कथित "सभ्य समाज" में सभ्य लोगों की कहीं कमी सी है।
लाइन तोड़ते और बिना हेलमेट व चार लोग एक बाइक पर..ऐसे दृश्य आम देखे जा सकते थे... ये सब देखकर कहीं से लगा नहीं कि ये लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ़ साथ देने आये हैं... भ्रष्टाचार तो केवल एक राक्षस है... हर आदमी में जो राक्षस पल रहा है जब तक उसके लिये लोकपाल नहीं आयेगा तब तक यह देश आज़ाद नहीं होगा।
आज़ादी की लड़ाई हमने नहीं देखी...पर रविवार को हमने देखा कि आज़ादी ऐसे ही मिली होगी।
नेताओं के भ्रष्टाचार तो हमें दिखता है और लोकपाल से साठ प्रतिशत दूर भी हो जाये परन्तु क्या वो दिन भी आयेगा जब हम लाइसेंस के लिये दो हजार, मैरिज सर्टिफ़िकेट के लिये पाँच हजार व पासपोर्ट के लिये दो सौ रूपये न दें? |
मुम्बई बेहतरीन एक्टिंग और खूबसूरती से कई दशकों तक लाखों सिनेमा प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाली श्रीदेवी का अब हमारे बीच नहीं है। बीते २४ फरवरी को श्रीदेवी का दुबई में निधन हो गया। वो दुबई में किसी शादी में शामिल होने गई हुई थीं, जहां उनके साथ ये हादसा हो गया। श्रीदेवी की अचानक निधन के बाद से ही उनसे जुड़े कुछ किस्से सोशल मीडिया और मीडिया के ज़रिए सामने आ रहे हैं। इसी बीच एक और किस्सा सामने आया है। यह किस्सा देश के सबसे बड़े सुपरस्टार रजनीकांत से जुड़ा हुआ है। किस्सा ये है कि श्रीदेवी रजनीकांत पर थूक चुकी हैं जी हां, आपने सही पढ़ा। आइय़े अब आपको इसी वजह भी बता देते हैं।
बॉलीवुड की सदाबहार क्वीन श्रीदेवी के अचानक निधन ने सबको झकझोर कर रख दिया है। श्रीदेवी ने अपनी खूबसूरती से सदियों तक बॉलीवुड पर राज किया है। श्रीदेवी के अचानक निधन से न सिर्फ उनका परिवार बल्कि पूरा बॉलीवुड और देश हैरान रह गया। किसी के लिए इस बात का यकीन करना मुश्किल था कि श्रीदेवी अब इस दुनिया में नहीं रही। इसी बीच श्रीदेवी के निधन के बाद उनसे और सुपरस्टार रजनीकांत से जुड़ा किस्सा सामने आया है। बात ये है कि श्रीदेवी रजनीकांत पर थूक चुकी हैं। हैरान मत होइये। आइये आपको पूरा माज़रा बताते हैं।
तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत एक नई पॉलिटिकल पार्टी बनाकर राजनीति में उतरने का एलान कर चुके हैं। रजनी ने कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है और देश व दुनिया में उनके करोड़ों फैन्स हैं। लेकिन फिल्म १६ वायतिनाले, के दौरान जो हुआ उसे न तो कभी रजनीकांत भूल सके और न ही कभी श्रीदेवी भूल सकी। वो इसलिए क्योंकि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान श्रीदेवी ने रजनीकांत पर एक दो नहीं बल्कि कई बार थूक दिया था।
दरअसल, यह फिल्म के स्क्रिप्ट की डिंमाड थी। फिल्म १६ वायतिनाले के एक सीन में श्रीदेवी को रजनीकांत के ऊपर थूकना था। लेकिन, रजनीकांत को सामने देख श्रीदेवी काफी नर्वस हो गई थी। श्रीदेवी इतनी नर्वस हो गई थीं कि इस सीन के लिए कई रीटेक हुए। इस दौरान श्रीदेवी ने रजनीकांत के ऊपर कई बार थुका। इसके बावजूद जब यह सीन परफेक्ट नहीं हुआ तो रजनीकांत खुद श्रीदेवी के पास गए और उनसे कहा कि आप सच में मेरे ऊपर थूको। श्रीदेवी रजनीकांत पर थूक चुकी हैं। रजनीकांत के समझाने पर श्रीदेवी ने उनके ऊपर थूका सीन परफेक्ट रहा।
इस फिल्म के बारे में बात करते हुए रजनीकांत ने कहा था कि, जब इस फिल्म की शूटिंग हो रही थी तो कोई मुझसे बात नहीं करता था। उस दौरान सभी मेरे साथ एक न्यूकमर की तरह व्यवहार करते थे। इस फिल्म के दूसरे एक्टर कमल हासन ने कहा था कि, हमारी फिल्म १६ वायतिनाले को रिलीज होने से पहले कुछ लोग एक फ्लॉप फिल्म मानने लगे थे। लेकिन यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई। श्रीदेवी से जुड़ा यह किस्सा आजकल सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। आपको बता दें कि बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में शामिल श्रीदेवी के अचानक निधन समूचे बॉलीवुड और सिनेमा प्रेमियों को झकझोर कर रख दिया। श्रीदेवी अभी केवल ५४ साल की थीं।
नेक्स्ट हिन्दू शास्त्रों में बताये गए हैं पुरुषों के ४ प्रकार, जानिए आप कौन से हो? |
भारत में स्वर्ण आभूषण के लिए मांग मार्च २०२० तिमाही में ४१ फीसदी घटकर ७३.९ टन रह गई, जो ११ साल का सबसे निचला स्तर है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने स्वर्ण मांग के रुझानों पर आधारित गुरुवार को जारी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से सोने की कीमतों में तेजी को बढ़ावा मिला, जिससे मांग प्रभावित हुई। मांग में यह गिरावट दुनियाभर में दर्ज 3९ फीसदी के मुकाबले ज्यादा है।
डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वहीं इस कीमती धातु के सबसे बड़े उपभोक्ता चीन में स्वर्ण आभूषण के लिए मांग समीक्षाधीन अवधि के दौरान ६५ फीसदी तक गिरकर ६४ टन के साथ १३ वर्ष के निचले स्तर पर आ गई। मूल्य के संदर्भ में, वैश्विक स्तर पर मांग में गिरावट सालाना आधार पर २६ फीसदी के साथ १६.६ अरब डॉलर पर रही, जो १० वर्ष का निचला स्तर है।
कोरोना महामारी की वजह से स्वर्ण आपूर्ति भी बाधित हुई और खदान उत्पादन सालाना आधार पर ३ फीसदी घटकर ७९५.८ टन के पांच वर्षीय निचले स्तर पर रह गया।
जहां तक भारत का सवाल है तो भले ही विवाद सीजन से मार्च २०२० तिमाही के शुरू में मांग बढ़ी थी, लेकिन फरवरी के मध्य से स्थानीय सोने की कीमतों में भारी तेजी से मांग प्रभावित हुई, क्योंकि उपभोक्ताओं ने खरीदारी टाल दी। वहीं लॉकडाउन की वजह से मांग पूरी तरह ठप हो गई है। डब्ल्यूजीसी के अनुमानों के अनुसार मार्च में आभूषण मांग में ६० से ८० फीसदी के बीच कमी आई।
भारत में मार्च तिमाही में सोने की औसत कीमत ४१,१२४ रुपये प्रति १० ग्राम रही जो सालाना आधार पर २६.६ फीसदी ज्यादा है। डब्ल्यूजीसी का कहना है कि रुपये में कमजोरी के साथ साथ डॉलर संदर्भ में स्वर्ण कीमतों में तेजी से स्थानीय स्वर्ण कीमतें मार्च में ४४,३१५ रुपये के सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर बंद हुईं।
डब्ल्यूजीसी को भविष्य में स्वर्ण मांग पर दबाव बने रहने का अनुमान है क्योंकि लॉकडाउन मई में भी बना रहेगा। इससे अक्षय तृतीया के अलावा विवाह संबंधित खरीदारी के साथ-साथ अन्य अवसरों के दौरान भी सोने की मांग पर दबाव दिखेगा। |
होम नेशनल गोंडा अवध विश्वविद्यालय के अनोखे कारनामे परीक्षार्थी एक, परीक्षा परिणाम दो।
गोंडा अवध विश्वविद्यालय के अनोखे कारनामे परीक्षार्थी एक, परीक्षा परिणाम दो।
गोंडा। पिछले दिनों बीएड के एक छात्र के प्रवेश पत्र पर सिने स्टार अमिताभ बच्चन की फोटो प्रिंट करने को लेकर सुर्खियों में रही फैजाबाद की अवध यूनिवर्सिटी का एक और चौका देने वाला कारनामा सामने आया है। इस बार एक ही परीक्षार्थी के दो-दो रिजल्ट जारी कर दिए गए हैं। उसे एक रिजल्ट में उत्तीर्ण तो दूसरे रिजल्ट मे ं अनुपस्थित दिखाया गया है। जिससे छात्र परेशान है व उसमे भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
गोंडा के पोर्टरगंज के रहने वाले बृजलाल तिवारी ने बताया कि वह साकेत पीजी कॉलेज अयोध्या में एलएलबी छठे सेमेस्टर का छात्र है। जिसकी परीक्षा पिछले १ अगस्त को संपन्न हो चुकी है। जिसमें उसने सारे प्रश्न पत्र की परीक्षा दी है। लेकिन गुरुवार की शाम को विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए परीक्षा परिणाम को देखकर वह चौंक गया। रोल नंबर 63१0१502१ अभ्यर्थी का नाम बृजलाल तिवारी पुत्र गौरीशंकर तिवारी का परीक्षा परिणाम दो बार जारी किया गया है। एक परिणाम में उसे उत्तीर्ण तो दूसरे में उसे अनुपस्थित दिखाया गया है। जिसे लेकर छात्र व उसके परिवारीजन परेशान हैं व उनमें भ्रम की स्थिति बनी हुई है। |
पटना. इधर वित्त मंत्री जेटली ने अपना बजट भाषण समाप्त किया और उधर बिहार में बवाल हो गया। बजट का विरोध करते हुए लाखों लोग सड़कों पर उतर आये और जेटली हाय-हाय के नारे लगाने लगे, कई जगह पर उनका पुतला भी फूँका गया। लोगों के इस ग़ुस्से की वजह है बिहार के लिए नयी ट्रेन का एलान ना होना!
इस वजह से बिहार के लोग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। हाय-हाय के बीच में खैनी रगड़ते हुए सुत्तन नामक प्रदर्शनकारी ने कहा, हम पूरा दो घंटे तक ऊ जेटली का अल्ल-बल्ल सुनते रहे पर ससुर का नाती एकठो नये टिरेन का अलाउंसमेंट नहीं किये! यह कहकर सुत्तन ने अपनी वाणी को विराम दिया और खैनी को मुँह में सेट करने लगे।
इसी बीच, मौक़ा और माइक देखकर वहीं बराबर में खड़े एक दूसरे भाईसाब बोले, और तो हमें कुछ मिलता नहीं था इस बजट में, एकठो टिरेन मिलता था, इस जेटलवा ने वो भी छीन लिया। फिर उन्होंने एक पॉज लिया और दोनों उंगलियों को होंठों पे रख के उनके बीच से पिचकारी मारते हुए कहा, और हमरे खैनी और गुटखा पे भी कुछ नहीं बोले! और तोड़फोड़ में योगदान देने चले गये। |
नई दिल्ली : शुक्रवार को आए तेज आंधी-तूफ़ान और बारिश की वजह से आगरा के ताजमहल को भी नुकसान पहुंचा है। ताजमहल परिसर में तेज आंधी-तूफ़ान से रेलिंग टूट गई और बगीचे के कई पेड़ नष्ट हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार, जहां से पर्यटक ताजमहल परिसर में प्रवेश करते हैं वहां पॉड गिरने से रेलिंग टूट गई। सिर्फ इतना ही नहीं प्रवेश स्थल की सीलिंग को भी तूफ़ान की वजह से भारी नुकसान पहुंचा है।
वहीं तूफ़ान की वजह से चमेली फर्श पर पर्यटकों को यमुना किनारे की तरफ जाने से रोकने वाली सुरक्षा वूडन रेलिंग भी टूट गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ताजमहल को पहुंचे नुकसान की पुष्टि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी डॉ बसंत कुमार ने भी की है। वहीं लॉकडाउन के चलते ताजमहल अभी बंद है और वहां आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगाईं गई है।
बता दें कि मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि आज यानी शुक्रवार को यूपी के मथुरा, आगरा, हाथरस, खैर, अलीगढ़, एटा समेत कई इलाकों में बारिश होने के आसार हैं। |
हर कोई कहता है कि कंप्यूटर दृष्टि रखता है। यह समझ में आता है, हम कंप्यूटर पर कम से कम आठ घंटे बिताते हैं। और स्मार्टफोन के बारे में क्या, जो अधिक से अधिक हो रहे हैं? आपके साथ एक कंप्यूटर केवल घर पर और कार्यालय में है, और एक स्मार्टफोन हर जगह और हमेशा होता है। हम सार्वजनिक परिवहन में, एक यात्रा पर, सड़क पर, एक कैफे में छोटी स्क्रीन देखते हैं। और यह एक कंप्यूटर से भी ज्यादा दृष्टि खराब करता है। क्या मैं इसे छोड़ दिए बिना स्मार्टफोन से नुकसान को कम कर सकता हूं?
मैं लंबे समय से संपर्क लेंस पहन रहा हूं, और इस बार मेरी दृष्टि बहुत ज्यादा नहीं बदली, इसलिए मुझे हर बार निदान के माध्यम से जाने की भी आवश्यकता नहीं है-आप एक ही पर्चे खरीदते हैं, और यह ठीक है। लेकिन हाल ही में मैंने ध्यान दिया कि दूरस्थ वस्तुएं लेंस में भी अधिक अस्पष्ट हो रही हैं, और जब रिमोट संकेतों पर विचार करना जरूरी है तो आंखें तनावग्रस्त हो रही हैं।
एक पल के विचार के बाद, मैंने इस बदलाव को एक स्मार्टफोन से जोड़ा, जिसमें लटकना मुश्किल नहीं है। अलग-अलग साइटों पर संक्रमण, स्मार्टफ़ोन पर पढ़ना, जब खाली समय, गेम, नोट्स हों। अगर मेरे खाली समय में मुझे इंटरनेट पर जाना है (जो साइट पर साइट पर हैंग-अप और संक्रमण से भरा हुआ है), मैं इसे स्मार्टफोन से करता हूं।
बेशक, मैंने यह जांचने का फैसला किया कि मेरी धारणा कितनी उचित थी, और यह पता चला कि यह काफी था। बेशक, दृष्टि को नुकसान कम करने का अवसर है, लेकिन बाद में इस पर अधिक। समस्या के बारे में सबसे पहले।
जर्नल ऑफ ऑप्टोमेट्री और विजन साइंस में सूचना प्रकाशित हुई कि लोग अपने मोबाइल उपकरणों को बहुत करीब रखते हैं, जिससे दृष्टि तेजी से खराब हो रही है।
इस पत्रिका के एक अध्ययन से पता चला है कि एक स्मार्टफोन और अन्य मोबाइल डिवाइस पर वेब पेज ब्राउज़ करके, लोग पाठ लिखते समय चार या छह सेंटीमीटर करीब रखते हैं।
१२ ९ लोगों में से संपर्क लेंस का उपयोग करके परीक्षण किया गया, कोई भी १,२,१0 नियम का पालन नहीं करता है। यह नियम फोन को एक पैर की दूरी पर रखना है, यानी चेहरे से लगभग ३० सेमी, कंप्यूटर स्क्रीन दो फीट दूर होनी चाहिए, और टीवी दस फीट।
एक स्मार्टफोन पर छवियां विभिन्न आकारों का हो सकती हैं, उदाहरण के लिए, एक बहुत छोटा फ़ॉन्ट जो पढ़ने में मुश्किल है। इसलिए, आप अनैच्छिक रूप से स्मार्टफोन को चेहरे के करीब लाते हैं।
और आंकड़ों के अनुसार इन आंकड़ों की पुष्टि की जाती है। एक अध्ययन के परिणामस्वरूप, यह पता चला कि १ ९९ ७ की तुलना में लोगों की दृष्टि पूरी तरह से ३५% कम हो गई, जब स्मार्टफोन केवल आम हो गया।
यह अध्ययन डेविड अलांबी, एक आंख सर्जन और लंदन फोकस क्लिनिक के संस्थापक द्वारा आयोजित किया गया था, जिन्होंने एक विशेष शब्द स्क्रीन मायोपिया भी पेश किया था।
मायोपिया या मायोपिया कारकों के संयोजन से उत्पन्न होता है: नज़दीकी वस्तुओं के निरंतर विचार से आंखों पर आनुवंशिकता और तनाव, उदाहरण के लिए, पढ़ना।
वास्तव में, एक स्मार्टफोन का उपयोग कंप्यूटर के साथ पढ़ने या काम करने जैसा ही होता है, केवल अंतर यह है कि हम स्मार्टफोन को चेहरे के बहुत करीब लाते हैं, और आंखों के लिए वस्तु पर ध्यान केंद्रित करना अधिक कठिन होता है।
समस्या स्पष्ट है, लेकिन क्या करना है? शायद सबसे अच्छा विकल्प स्मार्टफोन को त्यागने के लिए, लेकिन यह असंभव है। हम बेहतर लेंस पहनेंगे, क्योंकि वे अच्छी दृष्टि का भ्रम देते हैं। कम से कम, आप स्मार्टफोन और अन्य मोबाइल गैजेट्स का उपयोग करने से नुकसान को कम कर सकते हैं, और यहां ७ युक्तियां हैं कि इसे कैसे करें।
जब आप किसी स्मार्टफ़ोन की स्क्रीन देखते हैं, तो आप सामान्य से तीन गुना कम झपकी देते हैं। इससे शुष्क आंखों की भावना होती है। ऐसा लगता है कि इसमें कुछ भी भयानक नहीं है, लेकिन निरंतर सूखापन दृष्टि को नुकसान पहुंचा सकता है।
जब आप किसी स्मार्टफ़ोन पर पढ़ते हैं, मूवी देखते हैं या साइट से साइट पर जाते हैं, तो हर २० मिनट स्क्रीन से आपकी आंखें लेते हैं, और २० सेकंड के लिए, २० फीट की दूरी पर दूरी में देखें (यह लगभग ६ मीटर है)।
अंधेरे कमरे में अपने स्मार्टफोन पर पढ़ने या बजाना भूल जाओ। प्रकाश की कमी, स्क्रीन की उज्ज्वल बैकलाइटिंग के साथ, आंखों के लिए खराब है, इसलिए डिवाइस को केवल एक अच्छी तरह से प्रकाशित कमरे में या दिन के उजाले में उपयोग करने का प्रयास करें।
जब कोई आपसे बात करते समय स्मार्टफोन देखता है तो यह बहुत परेशान होता है, और यदि वे दोनों ऐसा करते हैं, तो एक दुखद तस्वीर आम तौर पर निकलती है। बस ऐसा करने से रोकें, अपने साथी को अपना पूरा ध्यान १००% दें, और इससे आपको स्क्रीन के सामने बिताए गए समय को कम करने में मदद मिलेगी, और इसलिए आंखों का स्वास्थ्य।
अपने आप को एक नियम निर्धारित करें, स्मार्टफोन से कोई भी क्रिया न करें। उदाहरण के लिए, सोशल नेटवर्क या ई-मेल की जांच न करें, समाचार या रुचि के लेख न पढ़ें। एक छोटे से स्क्रीन स्मार्टफोन के सामने बिताए गए समय को कम करने का यह एक और मौका है।
स्मार्टफोन को विशाल या कम से कम बड़ा के रूप में सेट करें। कुछ पढ़ने के प्रयास में फ़ॉन्ट जितना बड़ा होगा, आंखें कम होंगी। मोबाइल वेब सेवा अनुप्रयोगों का उपयोग करने और उन साइटों से बचने का प्रयास करें जो स्मार्टफ़ोन स्क्रीन पर अनुकूलित नहीं हैं।
जैसा कि पहले बताया गया है, आंखों के लिए मुख्य क्षति इस तथ्य से आती है कि हम स्मार्टफोन को चेहरे के बहुत करीब रखते हैं। खुद को देखें आप अपने डिवाइस को चेहरे से कितनी दूरी पर रखते हैं? यह असंभव है कि यह ४० सेंटीमीटर, शायद ३० या २० भी डाल दिया गया है?
किसी भी मामले में, आप इसे आंखों के करीब लाते हैं, तेज़ मायोपिया विकसित होता है।
इसलिए, यदि आप २०-३० सालों में खराब नजर नहीं रखना चाहते हैं, तो अपने स्मार्टफोन की स्क्रीन के पीछे जितना संभव हो उतना समय बिताने का प्रयास करें, और इसे सही दूरी पर रखें। |
कोटा। कारोबारी और ट्रेडर्स १ अप्रैल से पहले अपना जीएसटी रिकॉर्ड और रिटर्न फाइलिंग का पैटर्न ठीक कर लें, नहीं तो आगे उन्हें परेशानी हो सकती है। सरकार पहले ही कह चुकी है कि १ अप्रैल से उनका रिटर्न फाइलिंग का जीएसटी सिस्टम समय अनुसार काम करेगा और तब समय पर रिटर्न फाइल नहां करने पर कारोबारियों को जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। ऐसे में कारोबारी पेंडिंग रिटर्न और मार्च महीने की रिटर्न समय पर फाइल कर दें।
टैक्स एक्सपर्ट अनिल काला ने लें-दें न्यूज को कहा कि कारोबारी और ट्रेडर्स मार्च तक अपनी पेंडिंग रिटर्न भर लें और मार्च से पहले अपना ट्रैक रिकॉर्ड ठीक कर लें। सरकार का टारगेट था कि जीएसटी सिस्टम को १ अप्रैल 20१8 तक रेगुलर करेगी यानी सभी रिटर्न अपनी डेडलाइन वाले समय पर मंथली जाएगी।
१ अप्रैल के बाद से रिटर्न देर से फाइल करने पर कारोबारियों को लेट फीस चार्ज भी देना पड़ेगा। ऐसे में कारोबारी अपनी पिछली पुरानी पेंडिंग रिटर्न भर दें और मार्च की रिटर्न भी समय पर फाइल कर दें। ताकि, १ अप्रैल से कारोबारी किसी भी परेशानी में न फंसे।
मार्च में जनवरी २०१८ की जीएसटीआर-१ रिटर्न जाएगी जिसकी डेडलाइन १0 मार्च २०१८ तक है। 3१ मार्च २०१८ तक जुलाई 20१7 से फरवरी २०१८ तक जीएसटीआर-६ रिटर्न फाइल करनी है।
जीएसटीआर-६ इन्पुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर को भरनी है, जिसमें इन्पुट टैक्स क्रेडिट रिसीवड की जानकारी होगी। ये जीएसटीआर रिटर्न सभी कारोबारियों और ट्रेडर्स को भरनी होगी क्योंकि ज्यादतर सभी इन्पुट टैक्स क्रेडिट रिसीव करते हैं।
१.५० करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाले कारोबारी जिन्होंने कंपोजिशन स्कीम ली है और जिन्होंने नहीं ली है वह अपनी पेंडिंग रिटर्न फाइल कर दे। |
लोग अपने पाप काटने (कम करने) के लिए मन्दिरों में पूजा व दान पुण्य करते हैं। कुछ लोग कौओं को, कुछ भिखारियों, कंगालों को, कुछ लोग साँड को, कुछ लोग कुत्तों को तो कुछ लोग मछलियों को खिलाते हैं। भगवान(मूर्ति) तो स्वयं कुछ खाते नहीं है, भक्त ही उनके नाम पर लगा प्रसाद खाते हैं। यदि भगवान के सेवक (उर्फ, कौवे, कंगले, कुत्ते) ऐसे बरसते पानी(दान) में से दो घूँट पी लें तो क्या खराब है, क्या यह उनका हक नहीं?
वर्तमान युग में सबसे बड़ा पुण्य कार्य (पाप कम करने हेतु) तो होगा, कि अधिकाधिक वृक्ष लगाएँ, उनकी सिंचाईं करें, ग्लोबल वार्मिंग कम करने, भूमिगत जल के स्तर को ऊँचा उठाने में सहयोग दें। मन्दिरों, आश्रमों, मठों में दान-पुण्य करना, और किसी राजनैतिक पार्टी को चन्दा देना और किसी गुण्डे/डाकू/शराबी/दादा को दिहाड़ी (टैक्स) देना लगभग बराबर ही है। लेकिन आम जनता को सबको कुछ न कुछ देना ही पड़ता है, नहीं तो जीना दूभर हो जाएगा उसका।
जे हुई ना बात, सही मुद्दे पे लिखा भाया आपने!!
यह हाल देश के तकरीबन सभी मंदिरों का है!! |
ऑनर ७स आज पहली बार (१४ सितंबर) फ्लैश सेल के लिए आएगा। यह स्मार्टफोन एक्सक्लूसिव फ्लिपकार्ट और हिओनर स्टोर पर दोपहर १२ बजे बिक्री के लिए आएगा। इस डिवाइस में मीडियाटेक म्त6७३9 सोक के साथ २गब रैम और १६गब की इंटरनल स्टोरेज है। ऑनर ७स में १३म्प का रियर कैमरा और ५म्प का फ्रंट फेसिंग कैमरा है। फोन में फिंगरप्रिंट सेंसर नहीं है। इसमें ३,०२०माह की बैटरी दी गई है। ऑनर ७स में वाईफाई, ब्लूटूथ, जीपीएस और ४ग एलटीई है। यह एंड्रॉइड ८.१ ओरियो के साथ एमुई ८.० पर कार्य करता है।
ऑनर ७स की भारतीय मार्केट में कीमत ६,९९९ रुपये है। सेल के दौरान आप इस स्मार्टफोन को ब्लैक, ब्लू और गोल्ड कलर ऑप्शन में खरीद सकते हैं। कंपनी इस दौरान एक्सचेंज ऑफर भी दे रही है। इस ऑफर के जरिए कस्टमर अपने पुराने डिवाइस पर कम से कम १,००० रुपये का ऑफ ले सकते हैं। इसके अलावा नो कॉस्ट एमी का ऑप्शन भी दिया जा रहा है जिसकी शुुरुआती प्रति महीने की कीमत ७७8 रुपये है। इसके अलावा एक्सिस बज क्रेडिट कार्ड पर ५% एक्सट्रा डिस्काउंट मिल रहा है। रिलायंस जियो यूजर्स २,२00 रुपये का कैशबैक और ५0गब एडिशनल डाटा पा सकते हैं। |
- कैम्पस के अंदर बाहरी लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित की जाए।
- केवल छात्रों को पहचान के आधार पर प्रवेश दिया जाए।
- यदि कोई छात्र शिकायत करता है तो तत्काल पंजीबद्ध किया जाए।
- कैम्पस में आवश्यकता पडऩे पर पुलिस की मदद ली जाए।
बीएड एवं एमएड की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर हेल्प सेंटरों में निजी कॉलेजों के एजेंटो के कैम्पस के अंदर बने रहने और सेटिंग से छात्र-छात्राओं के आवेदनों में बदलाव कर अपने कॉलेज में प्रवेश दिलाने के मामलों को लेकर उच्च शिक्षा विभग ने गंभीरता से लिया है। सख्त रुख अपनाते हुए एेसे हेल्प सेंटरों में पुलिस की निगरानी में प्रक्रिया कराने के लिए संबंधित कॉलेज प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है। साथ ही इस तरह की शिकायतों की पूरी रिपोर्ट संबंधित सेंटरों से तलब की है। किन कॉलेजों के खिलाफ छात्र-छात्राओं ने शिकायत की गई हैं उनके आवेदन भी सेंटरों के माध्यम से तलब करने के लिए कहा गया है। विदित हो कि प्रदेश के कॉलेजों में बीएड एवं एमएड सत्र २०१९-२० की प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई है, शहर में करीब दो दर्जन एेसे कॉलेज हैं।
बीएड, एमएड की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को लेकर शहर में चार हेल्प सेंटर बनाए गए हैं। इनमें शासकीय महाकोशल कॉलेज, मानुकंवर बाई कॉलेज, साइंस कॉलेज एवं होमसाइंस कॉलेज शामिल है। हेल्प सेंटरों में विजयनगर, सालीवाडा़, आईटीआई, दमोहनाका, सिविल लाइंस, कटंगी, नेपियर टाउन आदि क्षेत्रों के बीएड-एमएड कॉलेजों की लिस्टिंग कर सेंटर दिए गए हैं। साइंस कॉलेज को एमएड वेरिफिकेशन के लिए अधिकृत किया गया है।
निजी कॉलेजों द्वारा हेल्प सेंटरों में शिक्षकों को खड़ा किया है ताकि वेरिफिकेशन में मदद की जा सके। लेकिन ये कथित शिक्षक एजेंट मदद के बहाने छात्र-छात्राओं को दस्तावेज लेकर मोबाइल नंबर बदलकर ओटीपी की मदद से च्वाइस फिलिंग में बदलाव कर रहे हैं। ताकि अपने कॉलेज में दाखिला करवाया जा सके। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन के साथ शिक्षक भी जमघट लगाए रहते हैं। पीडि़त छात्र छाया ग्रोवर, रजनी, अमित कुमार, अजय पटेल आदि ने विभिन्न कॉलेजों की शिकायत उच्च शिक्षा विभाग से की है।
-शिकायतों को देखते हुए रिपोर्ट मांगी है। संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों, विवि प्रशासन को आदेशित किया है कि हेल्प सेंटरों में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश को पूरी तरह वर्जित किया जाए। इसके लिए पुलिस प्रशासन की मदद ली जाए। निर्देशों का यदि संबंधित सेंटरों में पालन होता नहीं मिलता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। |
मुंबई: अपने चिकित्सा कर्मचारियों के बीच कोरोनोवायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए, राज्य में संचालित जे जे अस्पताल ने परिसर के भीतर सीओवीआईडी -१९ रोगियों के संपर्क रहित आवागमन के लिए एक परिवहन कक्ष विकसित किया है।
इंडोमेड डिवाइसेस नामक एक फर्म के इंजीनियरों की मदद से अस्पताल के सामान्य सर्जरी विभाग द्वारा विकसित, रोगी परिवहन 'कवच' का उद्देश्य अस्पताल के कर्मचारियों, आगंतुकों और अन्य रोगियों के बीच संक्रमण के जोखिम को कम करना है।
संस्कृत शब्द 'कवच' का शाब्दिक अर्थ है एक कवच।
जे-हॉस्पिटल में सर्जरी के सहायक प्रोफेसर अमोल वाघ ने कहा, लागत प्रभावी ग्लास ट्रांसपोर्ट ट्रॉली में सिर के सिरे पर हेपा फ़िल्टर होता है, जो कणों को ०.०2 माइक्रोन से छोटा करता है।
हर दिन हजारों स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी संक्रमण के लिए सकारात्मक परीक्षण करते हैं और उन्हें अलग करना पड़ता है। इससे चिकित्सा कर्मचारियों की कमी होती है, उन्होंने कहा।
इसलिए, सुरक्षात्मक उपकरणों में नवाचार को समय की आवश्यकता है क्योंकि मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट में लंबे समय तक बिताना पड़ता है, जिससे उनके लिए आवश्यक रोगी देखभाल और उपचार प्रदान करना मुश्किल हो जाता है, वाघ ने कहा।
नवाचार के बारे में बात करते हुए, सर्जरी के प्रमुख, डॉ। अजय भंडारवार, जो अवधारणा के साथ आए थे, ने कहा कि ट्रॉली न केवल कोरोनावायरस के संचरण को रोक देगा, बल्कि यह उनके आसपास के अन्य संक्रमणों को कम करने के साथ कम प्रतिरक्षा वाले कोविड -१९ रोगियों की भी रक्षा करता है।
मरीजों को ट्रॉली और परीक्षणों में उतारा जा सकता है, जैसे सोनोग्राफी, मरीज के चैंबर के अंदर होने पर भी किया जा सकता है, वाघ ने कहा, इंजीनियरों और विशेषज्ञों ने एम्बुलेंस में चैम्बर स्थापित करने और इसे सीटी के अनुकूल बनाने के तरीकों पर काम कर रहे हैं। स्कैन। |
हम विशेष हैं ट्रेडिंग सूचना परामर्श निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं / कारखाने चीन से। कम कीमत / सस्ते के रूप में उच्च गुणवत्ता के साथ थोक ट्रेडिंग सूचना परामर्श, चीन से अग्रणी ब्रांडों में से एक ट्रेडिंग सूचना परामर्श में से एक, ग्लोबल ट्रेड ऑनलाइन लिमिटेड।
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तीस पाग इस ट्रांसलेट्ड थ्रॉ कंप्यूटर प्रोग्राम उसिंग गूगल ट्रांसलेट. आप नए साल की शुभकामनाएं - के.टी. ज्योतिषी बृहस्पति जब तक अग, २०१६ और अधिक पढ़ें अपनी लाभा स्थानम पर होगा और उसके बाद विराया स्थानम पर चलते हैं। आप केवल अपने २ घर पर वर्ष २०१६ शनि की पहली छमाही में बृहस्पति से लाभ मिलेगा मामूली बाधाओं को बनाने के लिए जारी है। अपने ११ वें घर पर राहु पारगमन बहुत अच्छा भाग्य उपज कर सकते हैं। चूंकि शनि समय की विस्तारित अवधि के लिए मंगल ग्रह के साथ मिलकर कर रहा है, तो आप अपने वित्त पर सावधान रहने की जरूरत है। कुल मिलाकर आप बहुत अच्छी सफलता और मई और जुलाई २०१६ से खुशी देखेंगे २०१६ के बाकी बहुत ज्यादा मिश्रित लग रही है और आप दोनों अच्छे और बुरे परिणाम दे सकते हैं। गोद ब्लेस यू! |
नई दिल्ली। रेप के आरोपों से घिरे स्टार फुटबॉल खिलाड़ी को स्कॉटलैंड और पोलैंड के खिलाफ होने वाले मैचों के लिए पुर्तगाल टीम में जगह नहीं मिली है। इससे पहले सितंबर में भी रोनाल्डो को टीम में नहीं चुना गया था। अमेरिका की रहने वाली एक महिला ने रोनाल्डो पर रेप का आरोप लगाया है। हालांकि रोनाल्डो ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है।
रोनाल्डो पर महिला ने आरोप लगाया है कि २००९ में रोनाल्डो ने उनके साथ दुष्कर्म किया था कैथरीन मेयोर्गा ने दावा किया है कि रोनाल्डो ने लॉस वेगास के एक होटल के कमरे में उनके साथ रेप किया था। पुलिस ने इस साल सितंबर में इस मामले को फिर से खोल दिया है। |
सामग्री के डेटा सुरक्षा शीट्स (म्स्ड्स) का उपयोग कार्यस्थल में रसायनों और उनके मिश्रण के सुरक्षित उपयोग और निपटान के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए किया जाता है। आम तौर पर, मानक म्स्ड्स में किसी उत्पाद की पहचान, खतरों और गुणों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी के साथ १६ खंड होते हैं।
एक मानकीकृत तरीके से रसायनों के बारे में संवाद करने के लिए, दुनिया के अधिकांश रासायनिक नाम के बजाय मानकीकृत संख्यात्मक पहचानकर्ताओं का उपयोग करते हैं, जिन्हें कस (पंजीकरण) नंबर (र्न) कहा जाता है।
कैस, या केमिकल एब्सट्रैक्ट सर्विस, अमेरिकन केमिकल सोसाइटी का एक प्रभाग है जो रसायनों के लिए अद्वितीय कैस संख्या प्रदान करता है। आम तौर पर, प्रत्येक रसायन के लिए एक विशेष सीएएस संख्या होती है।
सीएएस नंबर हमेशा एक सेक्शन का रूप लेते हैं जो हाइफ़न द्वारा अलग किए गए तीन खंडों में विभाजित होता है। पहले खंड में कम से कम दो अंक होते हैं, दूसरे खंड में हमेशा दो अंक होते हैं और तीसरे खंड में हमेशा एक अंक होता है। आम तौर पर, एक सीएएस नंबर इस तरह दिखता है: [अंक स्ट्रिंग] -एक्सएक्स-एक्स। उदाहरण के लिए, बेंजीन की कैस संख्या ७१-४३-२ है और तांबे की कैस संख्या ७४४०-५०-८ है।
रसायनों के लिए नामों और पर्यायवाची शब्दों और उपयोगकर्ताओं द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं की संख्या की असाधारण संख्या के कारण, उनकी पहचान करने के लिए संख्याओं का उपयोग महत्वपूर्ण जानकारी को अधिक कुशल बनाता है। इसके अलावा, रसायनों पर जानकारी रखने वाले डेटाबेस उन कोड के साथ खोज करने के लिए बेहतर होते हैं जिनमें उत्पाद नाम और समानार्थक शब्द होते हैं।
दुनिया में, म्स्ड्स लिखने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रारूप काफी भिन्न होते हैं। आम तौर पर, रसायनों के लिए कैस पंजीकरण संख्या पहले पृष्ठ पर, धारा २ में या खंड ३ में होती है।
कार्य की सी इकाई क्या है?
भूमध्य सागर को काला सागर से क्या जोड़ता है?
गता ४ में नाव कैसे प्राप्त करें?
एक सफेद शोर मशीन कैसे काम करती है? |
राज्य सरकार ने १३ मार्च को आदेश जारी कर प्रदेश में कर्मचारियों के तबादलों पर रोक हटा ली है। रोक हटने के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर गाइड लाइन जारी कर दी है, लेकिन व्याख्याताओं एवं वरिष्ठ अध्यापकों को अभी भी तबादलों की गाइडलाइन का इंतजार है। तृतीय श्रेणी शिक्षकों को तबादलों को लेकर लंबे समय से इंतजार था। शिक्षा विभाग ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों से तबादले के लिए आवेदन लेना शुरू कर दिया है, लेकिन व्याख्याताओं को वरिष्ठ अध्यापकों के तबादलों के लिए गाइड लाइन जारी नहीं की है। गाइड लाइन जारी नहीं किए जाने से व्याख्याता एवं वरिष्ठ अध्यापक वर्ग के शिक्षक तबादलों के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे है। कई शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार को तृतीय श्रेणी शिक्षकों के साथ ही व्याख्याताओं और वरिष्ठ अध्यापकों के तबादलों के लिए भी गाइडलाइन जारी कर आवेदन लेना शुरू कर दिया जाना चाहिए था। शिक्षा विभाग ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों से निदेशक एवं संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से तबादले के लिए २० अप्रेल तक आवेदन मांगे है। वहीं दूसरी ओर शिक्षकों के विरोध को देखते हुए विभाग ने ६ मार्च को आदेश जारी कर ६डी की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है।
सामान्य जिलों में ३१ दिसंबर २०१२ से पहले नियुक्त शिक्षक ही तबादलों के लिए आवेदन कर सकेंगे। प्रतिबंधित जिलों में वर्ष २००८ से पहले नियुक्त शिक्षकों के तबादले किए जा सकेंगे। प्रतिबंधित जिलों में अंतर जिला तबादले के लिए विभाग ने विशेष श्रेणी बनाई है। जिसमें असाध्य रोग से ग्रसित शिक्षकों के तबादले हो सकेंगे। पंचायतराज सेटअप के तृतीय श्रेणी शिक्षकों के केवल ग्रामीण क्षेत्र में तबादले के लिए पात्र होंगे। पारस्परिक तबादला चाहने वाले शिक्षकों के भी तबादले के आवेदन कर सकेंगे। परिवीक्षाकाल में चल रहे शिक्षकों के तबादले नहीं ही सकेंगे।
शिक्षा विभाग के सेटअप परिवर्तन के आदेशों ने शिक्षकों की चिंता बढ़ा दी थी। शिक्षकों में इसको लेकर नाराजगी जताई थी। विभाग ने पंचायती राज में लगे शिक्षकों को शिक्षा विभाग में आने के लिए ६डी की प्रक्रिया को १० अप्रैल तक पूरा करने के निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन शिक्षकों के विरोध को देखते हुए विभाग ने ६ मार्च को आदेश जारी कर ६डी की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है। जिससे उन्हें राहत मिली है। |
तो मन को भा गये।
बारिश का इन्तजार है।
अरे, हमारी इतनी हिम्मत।
अपना पता बताइए, आदर का पूरा ट्रक ही भिजवा देते हैं।
भारतीय सभ्यता संस्कृति के अनुसार नारी की मर्यादा की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन कुर्बान कर देने वाले कई बुजुर्ग कवियों ने सालियों की सुंदरता, उनके स्वभावों की चपलता, उनके साथ अपने सभी प्रकार के सम्बन्धों की स्वायत्तता, स्वतंत्रता, उनकी विभिन्न प्रकार के क्रियाकलापों में कर्मठता, अपने जीजाओं के प्रति उनकी कत्र्तव्यनिष्ठा आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए अत्यन्त सुन्दर व सार्थक साहित्य का सृजन किया है।
सामाजिक जीवन में जीजा पुराण और दामाद पुराण इस कदर बोर करता है कि झेलना मुश्किल हो जाता है ! किसी भी लडकी की बहन की शादी हो जाए, फिर तो जीजू..जीजू का ऐसा रिकार्ड बजता है कि बस ... उफ !
बड़े शौक से सुन रहा था ज़्माना, |
ये एक ऐसा सूत्र है, जिसे हर सफल इंसान अपने जीवन में अवश्य उतारता है। जिम्मेदारी ही एक ऐसी चीज है जो कभी दी नहीं जा सकती, लेकिन ली जा सकती है। जिम्मेदारी आपको दी नहीं जा सकती, अगर आप इसे लेने को तैयार नहीं होते हैं। अगर आप जिम्मेदारी लेने के तैयार रहेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।
अगर किसी से मदद लेते हैं तो उसे धन्यवाद अवश्य कहें। धन्यवाद देने वाला, आभार व्यक्त करने वाला व्यक्ति हमेशा हल्का महसूस करता है। ऐसे लोग कभी चिंता नहीं करते, बल्कि चिंतन करते हैं। आभार व्यक्त करेंगे तो दूसरे लोग आपकी मदद के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
आप अपने जीवन में कैसे विचारों को चुनते हैं, किस व्यवहार को चुनते हैं, इसका सीधा असर आपके कामों पर होता है। आपकी जिंदगी का चुनाव कोई और नहीं कर सकता है, इसके लिए आपको किसी और पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। अगर आप अपने जीवन में परिवर्तन लाने को खुद तैयार नहीं हैं तो कोई और आपका जीवन नहीं बदल पाएगा। इसीलिए हमेशा सही चीजों को चुनिए। |
लखनऊ। भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री का सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड समारोह १२वां भोजपुरी फिल्म अवार्ड २०१७ का आयोजन १९ नवंबर को मुंबई में किया जायेगा। इसके लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसकी जानकारी देते हुए भोजपुरी फिल्म अवार्डस कमेटी के अध्यक्ष विनोद गुप्ता ने बताया कि पिछले ११ सालों से भोजपुरी फिल्म अवार्ड के जरिए हमने इंडस्ट्री में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वालों कलाकारों और फिल्म मेकरों को सम्मानित किया है। ताकि भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को प्रोत्साहन मिले और वे ऐसे ही बेहतरीन फिल्मों का निर्माण कर इंडस्ट्री को और आगे बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाते रहें। |
ये जादू है जिन्न का ७ जनवरी २०२० रिटेन अपडेट: परवीन का जादू अमन और परिवार पर असर!
यह एपिसोड रोशनी के साथ शुरू होता है उस पल को याद करते हुए कि अमन ने तलवार को छुआ है और वह नीली पवित्र आग के पास खड़ा है जिसमें उसे उस रात पहने हुए सभी कपड़ों को जलाना है। उसने आग में एक के बाद एक कपड़े जलाने का फैसला किया लेकिन आग अचानक एक दर्जन से अधिक हो गई।
अमन ने फिर से आग बुझाई लेकिन आग घेरे से बाहर निकल गई और बेबी को अचानक पकड़ लिया। वे सब उसके पास पहुँचते हैं ताकि उसे बचाया जा सके जब आपको एक आदमी के जूते पर ध्यान देना चाहिए कि वह सितारों की बारिश की रात में क्या पहनता है। जिस पल छोटू ने जूते के अंदर कदम रखा, वह जिन के आड़े आ गया। अमन ने बेबी को बचाया और आश्चर्यचकित किया कि कैसे आग इतनी दूर अपने दम पर आती है?
अचानक उसने देखा कि रोशनी उनके बीच गायब है। वह घर के अंदर रोशनी की तलाश में जाता है और उसे बिस्तर पर पड़ा पाता है। वह उससे पूछता है कि क्या वह ठीक है? वह कहती है कि उसके हाथ में दर्द हो रहा है। अमन ने देखा कि उसके हाथ पर छोटा सा निशान अचानक बड़ा घाव बन गया है। इसके अलावा उन्होंने देखा कि रोशनी को कुछ तापमान मिला है। वह रोशनी से कुछ प्यार करता है और उसे सोने के लिए मिलता है।
सुबह छोटू गेंद के साथ खेल रहा है और इस समय वह काफी मुश्किल से खेल रहा है। साइमा वहाँ आती है और गेंद को अपने हाथ में लेती है और कहती है कि मेरे साथ आओ क्योंकि बेबी ने उसके लिए चॉकलेट मिल्कशेक बनाया है। वह साइमा से अपनी गेंद मांगता है और वह गुस्से में खिड़की के शीशे तोड़ देता है। बाद में, अमन ने अपने घर में चश्मे के टुकड़े बिखरे हुए देखे और उसने सोचा कि घर में क्या हो रहा है? रोशनी, अंजुम से कहती है कि कल रात बच्चे और मेरे साथ जो कुछ भी हुआ और उसके बाद हमारे गर्दन पर हस्ताक्षर अभी भी बरकरार है।
ये सभी किसी न किसी तरह एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं क्योंकि ऐसा नहीं लग रहा है कि कुछ संयोग से बाहर हो रहा है। बेबी वहां आती है और उन्हें बताती है कि सोहा आ रही है। रोशनी अमन से पूछती है कि सोहा कौन है? वह कहता है कि वह छोटू की जैविक माँ है लेकिन उसने कभी अपने ही बेटे से प्यार नहीं किया। वह कहता है कि उसे आने दो मैं उससे निपट लूंगा। सोहा आती है और छोटू को उसके साथ परिवार से दूर करने की मांग करती है।
अमन उसे समझने की कोशिश करता है कि वह छोटू की मर्जी के खिलाफ ऐसा नहीं कर सकता है लेकिन वह सुनता नहीं है और छोटू को वहां से जबरदस्ती ले जाने की कोशिश करता है। छोटू जो कि गुस्से में है, चिल्लाता है और घर के बाहर रखी कार हवा में उड़ने लगती है और जमीन पर गिर जाती है। हर कोई यह देखकर हैरान रह जाता है और बाद में अमन भी उसी रूप में हो जाता है, जब वह पहले जानवर के रूप में परिवर्तित होता था। रुबीना ने महिलाओं की समस्याओं को ठीक करने के लिए कुछ करने की कोशिश की लेकिन परवीन ने उनका रास्ता रोक दिया। बाद में रुबीना हर किसी से कहती है कि भले ही अमन ने तलवार छोड़ दी हो, लेकिन तलवार ने अमन को नहीं छोड़ा और यह इस घर में ही है। रोशनी ने पूछा कि हमें इसका पता कैसे लगाना चाहिए?
अमन खुद या इस घर में जो कुछ भी हो रहा होता है, जब रोशनी ने उसे आश्वासन दिया कि वे दोनों अपने रास्ते में आने वाली किसी भी समस्या से लड़ेंगे। अमन रोशनी से कहता है कि अगर वह गलत तरीके से जाता है तो वह उसे किसी भी कीमत पर रोकने की कोशिश करेगा। रोशनी अपनी मांग पर सहमत हो जाती है जब वह कहती है कि अगर आपको इसके लिए मुझे मारना पड़े तो भी आप वहां नहीं रुकेंगे। रोशनी कहती है कि आपने जो कुछ भी कहा है उसे जीवन में दोबारा न दोहराएं।
प्रिकप अमन परिवार पर हमला करने की कोशिश करता है लेकिन रोशनी उसे रोकती है और बाद में वह उसे उसी तलवार से वार करता है।
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नयी दिल्ली, ०६ मार्च (प्ती) सरकार ने मंगलवार को कहा कि चीनी मिलें चालू माह के दौरान खुले बाजार में २४.५ लाख टन चीनी की बिक्री कर सकती हैं।
केंद्र सरकार ने देश की ५२४ मिलों में से प्रत्येक को बिक्री के लिए चीनी कोटा आवंटित किया है।
इसमें कहा गया है कि चीनी मिलों को ३१ रुपये प्रति किलो के न्यूनतम बिक्री मूल्य पर चीनी बेचने की अनुमति है। हाल ही में मिलों को अधिकतम लाभ दिलाने और किसानों के गन्ना मूल्य बकाया को दिलाने में मदद करने के लिए न्यूनतम बिक्री मूल्य को २९ रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ा दिया गया था।
हाल ही में, चीनी मिलों को थोक उपभोक्ताओं को चीनी बिक्री की अग्रिम बुकिंग के लिए जाने की सलाह दी गई थी।
सरकार जून २०१८ से मिलों के लिए चीनी कोटा तय कर रही है। देश में चीनी के अधिशेष उत्पादन का प्रबंधन करने और किसानों के गन्ना मूल्य बकाया को चुकाने के उद्देश्य से चीनी की कीमतों को रखने के लिए सरकार चीनी मूल्य (नियंत्रण) आदेश २०१८ को लागू कर रही है।
चालू विपणन वर्ष २०१८-१९ (अक्टूबर-सितंबर) में किसानों का गन्ना बकाया २०,००० करोड़ रुपये को पार कर गया है।
विपणन वर्ष २०१८-१९ में चीनी उत्पादन ३०७ लाख टन होना आंका गया है, जो पिछले वर्ष में रिकॉर्ड ३२५ लाख टन से कम होगा लेकिन यह २६० लाख टन की घरेलू आवश्यकता से अधिक होगा। |
राज एक्सप्रेस। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा यूपी की राजधानी लखनऊ में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए 'बदला' और 'भगवा' शब्दों का प्रयोग किया गया था, अब इस पर राजनीति तेज हो चली है, कम योगी (कम योगी आदित्यनाथ) ने इस बात का पलटवार किया है।
क्या बोले कम योगी ?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवा लोक सेवा के लिए धारण किया है। सब कुछ त्याग कर, वे न केवल भगवा धारण करते हैं, बल्कि उसका प्रतिनिधित्व भी करते हैं। भगवा वेशभूषा लोक कल्याण और राष्ट्र निर्माण के लिए है और योगी जी उस पथ के पथिक हैं।
क्या था प्रियंका गांधी का बयान ? |
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि सैन्य ताकत के लिहाज से वह अमेरिका के लगभग बराबर पहुंच गया है। साथ ही उसने कहा कि अमेरिका उसे आंखें दिखाने की कोशिश ना करे । साथ ही उसने बढ़ते अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को पूरा करने का संकल्प लिया।
सियोल : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि सैन्य ताकत के लिहाज से वह अमेरिका के लगभग बराबर पहुंच गया है। साथ ही उसने कहा कि अमेरिका उसे आंखें दिखाने की कोशिश ना करे । साथ ही उसने बढ़ते अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को पूरा करने का संकल्प लिया।
एजेंसी ने किम के हवाले से कहा, पूरे विश्व ने माना है कि संयुक्त राष्ट्र के तमाम प्रतिबंधों के बाद भी हमने ये सभी उपलब्धियां हासिल की हैं। उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने किम के हवाले से एक बयान में यह बात कही। यह बयान अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सेनाओं के प्योंगयांग से किए एक और मिसाइल प्रक्षेपण करने का पता लगाने के एक दिन बाद आया है।
इस मिसाइल ने करीब ३,७०० किलोमीटर की दूरी तय की और उत्तरी प्रशांत सागर में गिरने से पहले जापान के ऊपर से होकर गुजरी। अभी तक जिन बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया गया है, उनमें से इस मिसाइल ने जमीन के ऊपर से सर्वाधिक दूरी तय की थी।
उत्तर कोरिया ने २९ अगस्त को मध्यम दूरी वाली ह्वासोंग-१२ मिसाइल का परीक्षण करने की पुष्टि भी की थी, जो जापान के मुख्य द्वीपसमूहों के ऊपर से होकर गुजरी थी।
केसीएनए ने कहा कि किम प्रक्षेपण को लेकर बेहद संतुष्ट हैं और उन्होंने मिसाइल की युद्ध क्षमता एवं विश्वसनीयता तथा उसकी क्षमता बढ़ाने के प्रयासों की पुष्टि की है।
रिपोर्ट के अंग्रेजी संस्करण में सीधे तौर पर यह बात नहीं कही गई, लेकिन कोरियाई संस्करण में कहा गया कि किम ने मिसाइल को पूरी तरह तैयार बताया और बढ़ते अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बाद भी अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को पूरा करने का संकल्प लिया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ताजा मिसाइल प्रक्षेपण के जरिए उत्तर कोरिया पर क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा भंग करने का आरोप लगाया और कहा कि उसके परमाणु एवं मिसाइल परीक्षण विश्वभर में गंभीर सुरक्षा चिंताओं का कारण हैं और संयुक्त राष्ट्र के सभी १९३ सदस्यों के लिए खतरा हैं। |
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अभिनेता से नेता बने मंसूर अली खान की वह याचिका सोमवार को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि वह यह प्रदर्शित कर सकते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।
याचिकर्ता ने दावा किया था कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है और न्यायालय चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वह विशेषज्ञों की सहायता से और उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की देखरेख में ईवीएम से छेड़छाड़ करने की अनुमति दें।
दरअसल २०१९ के लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु के डिंडीगुल निर्वाचन क्षेत्र से तमिल अभिनेता चुनाव हार गए थे। |
शिक्षा के क्षेत्र में रूचि रखने वाले बेरोजगार युवाओं को शिक्षक बनने का सुनहरा अवसर है, राज्य सरकार प्रदेश में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है, इच्छुक व्यक्ति आज से सीजी व्यापम के वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते है | आवेदन की प्रक्रिया १६ मई से शुरू हो गई है, जो १६ जून तक चलेगी | वही परीक्षार्थी १६ से २२ अगस्त तक अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते है ।
व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा जारी की गई भर्ती कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा २५ अगस्त को दो पालियों में आयोजित की जाएगी | ई और टी संवर्ग की होने वाली परीक्षा में ३.१५ घंटे की परीक्षा होगी। सुबह ९ बजे से सहायक शिक्षक साइंस के लिए परीक्षा शुरू होगी, जो दोपहर १२.१५ बजे तक चलेगी।
वही दूसरी पाली में व्यायाम, कृषि, जीव विज्ञान, गणित, अंग्रेजी विषय के शिक्षक के लिए परीक्षा होगी। ये परीक्षा दोपहर बाद २ बजे से शाम ५.1५ बजे तक आयोजित होगी।
हे अटलजी, इन्हें माफ करना..! |
मेरे छोटे भाई बरेली के किसी चिकित्सालय में पशुचिकित्सा अधिकारी हैं।
ने काट लिया था। नियमित अन्तराल पर उसको एण्टी रेबीज इंजक्शन लगना था।
इंजक्शन लगाना है।
इंजक्शन भर कर तैयार कर लो। उसने भी सोचा कि भैया कुत्ते से खेल रहे होंगे।
वह इंजक्शन भर कर ले आया और कहने लगा - भैया थोड़ी रूई और स्प्रिट दे दो।
चौंकने की बारी थी। वह बहुत जोर से हँसा।
भेद खुला तो पता लगा कि इंजक्शन तो उनकी बेटी छोटू (पल्लवी) को लगना है।
छोटू को इंजक्शन लगने का सुन, किस छोटू पर क्या बीती होगी?
संस्मरण मज़ेदार है!
होली के मौके पर संस्मरण सटीक है।
यादों में बस जाती है।
गलतफहमी सुन्दर लगी।
वो भी होली पर।
छोटू पिल्ला तो इंजक्शन से बच गया।
सहनी ही पड़ी।
गलतफहमी पर बधाई।
संस्मरण अच्छा है। |
- मिरहची थानाध्यक्ष को एसएसपी ने हटाया, इता न्यूज इन हिन्दी -अमर उजाला बेहतर अनुभव के लिए अपनी सेटिंग्स में जाकर हाई मोड चुनें।
एटा। कानून व्यवस्था संतोषजनक नहीं होने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्षों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मिरहची थानाध्यक्ष को हटा दिया है। इससे पूर्व भी एक थानाध्यक्ष का भी तबादला किया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय मोहन शर्मा ने चार दिन पूर्व जसरथपुर थानाध्यक्ष को हटाया था। इसके बाद मिरहची थानाध्यक्ष को भी एसओ के पद से मुक्त किया है। जिन्हें मिरहची से शिकायत प्रकोष्ठ प्रभारी नियुक्त किया गया। जबकि उनके स्थान पर शिकायत प्रकोष्ठ प्रभारी शौकत अली खां को थानाध्यक्ष मिरहची बनाया गया है। |
एक रिसर्च से पता चला है कि अगर व्यक्ति कुदरती वातावरण में रहता है तो उसकी आयु कई साल तक बढ़ सकती है साथ ही वह कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी बचा रहता है।
कुछ विशेष अपवादों को छोड़कर दुनिया में शायद ही कोई ऐसा इंसान हो, जो लंबी उम्र जीने की इच्छा न रखता हो। आपकी लंबी उम्र जीने की इच्छा पूरी हो सकती है। बशर्ते आपके घर के आसपास अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगे हों। हाल ही में अमेरिका में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि अगर व्यक्ति कुदरती वातावरण में रहता है तो उसकी आयु कई साल तक बढ़ सकती है साथ ही वह विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी बचा रहेगा।
अगर आप भी लंबी उम्र जीने की आकांक्षा रखती हैं और चाहती हैं कि आपके शरीर में किसी प्रकार की शिथिलता न आने पाए तो जहां तक संभव हो आपको शुद्ध हवा में रहने का प्रयास करना चाहिए। अगर आपका आवास खुले वातावरण में है तो फिर कहना ही क्या, लेकिन अगर आपका आवास ऐसी जगह में नहीं है तो आपको थोड़ा सा अतिरिक्त प्रयास करना चाहिए। आपको कोशिश करनी चाहिए न केवल आपको, बल्कि आपके परिवार के अन्य सदस्यों को भी खुली हवा में अधिक से अधिक सांस लेने का मौका मिले। इसके लिए जरूरी है कि अपने घर के आसपास और घर पर विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे अवश्य लगाएं।
कोविड-१९ विडियो: देखें कैसे एक नए तरह से तेज़ी से फैल रहा है कोरोना वायरस!
पेड़-पौधे कुदरत की दी हुई अनमोल नियामत हैं। अगर आपके घर के आसपास और घर में पेड़-पौधे लगे हैं तो आपकी और आपके परिवार के लोगों की उम्र कुदरती रूप से बढ़ जाती है। कारण, वाहन प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण और अन्य प्रकार के विभिन्न प्रदूषणों के कारण हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड व कार्बनडाईऑक्साइड आदि गैसों का अनुपात बढ़ जाता है, जो शरीर के लिए अत्यंत नुकसानदेह होता है। गौरतलब है कि इन गैसों के सूक्ष्म अणु बड़ी संख्या में वायुमंडल में फैल जाते हैं। इस स्थिति में सांस लेने पर शरीर में ऑक्सीजन कम मात्रा में पहुंचती है। इस हाल में शरीर के समस्त अंगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। नतीजतन वे सुचारु रूप से कार्य नहीं कर पाते। इस स्थिति में आप दीर्घायु की कल्पना कैसे कर सकते हैं?
अमेरिका के हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार हाल के दशकों में अमेरिकी जनता की औसत उम्र में कई साल का इजाफा हुआ है। इसका एक प्रमुख कारण लोगों का अधिक से अधिक वक्त तक शुद्ध हवा में रहना है। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि लोगों की औसत उम्र के बढ़ने का एक कारण अमेरिकी गवर्नमेंट द्वारा पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के सार्थक प्रयास भी हैं। |
अगर आपके बच्चे के दांत निकल रहे हैं तो जरूरी है कि आप अलर्ट हो जाएं। ये दांत छह महीने से लेकर दो साल तक पूरी तरह से आ जाते हैं। इस समय उनके मसूड़े फूल जाते हैं और उनमें खुजली होती है जिससे वे अपना हाथ या कोई भी चीज मुंह में डालते हैं। ऐसे में परिवार वाले समझते हैं कि दांत निकलने की वजह से उसे दस्त लगे हैं जबकि ऐसा गंदे हाथ या दूषित वस्तु को मुंह में डालने से होता है। ऐसे में आप इन उपायों से अपने बच्चे की देखभाल कर सकते हैं।
माता-पिता बच्चे के आसपास रखी चीजों को व्यवस्थित रखें क्योंकि कई बार बच्चे किसी भी चीज को उठाकर खुद को या मसूड़ों को नुकसान पहुंचा लेते हैं।
ब्रेस्ट फीडिंग या बॉटल से दूध पिलाने के बाद एक अंगुली में साफ, मुलायम और गीला कपड़ा लपेटें और उसके मसूड़े पर हल्का सा रगड़ें। दिन में ऐसा एक बार करें। इससे उसके मुंह से किसी तरह की दुर्गंध नहीं आएगी।
जब बच्चों के दांत निकलने वाले होते हैं तो उन्हें बायोकॉम्बिनेशन २१ दी जाती है। यह आयरन और कैल्शियम का मिश्रण होती है। कैल्शियम दांतों की वृद्धि और आयरन सूजन व खुजली को दूर करता है।
विशेषज्ञ के अनुसार बच्चे के मसूड़े पर दिन में दो से तीन बार शहद लगाएं। बालचक्रभद्र (पाउडर) दवा को एक चम्मच शहद में मिलाकर दिन में दो बार बच्चे को देने से उसे खुजली की समस्या नहीं होती। हर्विंदासव टॉनिक को दिन में दो से तीन बार दो चम्मच दी जाती है।
दंत रोग विशेषज्ञ के अनुसार जब बच्चा कम उम्र का हो तो दूध या कुछ भी खाने के बाद उसे कुल्ला कराकर मुंह की सफाई करानी चाहिए। दो साल की उम्र तक बच्चे के दांत पूरी तरह से आ जाते हैं इसलिए इस समय से ही उन्हें ब्रश करवाना शुरू कर देना चाहिए। अगर बच्चे के दांत समय रहते नहीं आएं तो डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि कई बार आनुवांशिक कारणों या कुपोषण के कारण ऐसा होता है। |
#फैक्ट: सलमान खान की फिल्म 'ट्यूबलाइट'.. ६ बातें जो आप नहीं जानते!
#फैक्ट: सलमान खान की फिल्म 'ट्यूबलाइट'.. ६ बातें जो आप नहीं जानते!
कबीर खान के निर्देशन में बन रही फिल्म 'ट्यूबलाइट' अब धीरे धीरे फिर से सुर्खियों में छा रही है। सलमान खान स्टारर यह फिल्म ईद के मौके पर रिलीज होने वाली है। हाल ही में निर्देशक कबीर खान ने बताया कि फिल्म का ट्रेलर जल्द ही दर्शकों के सामने आने वाली है।
ट्यूबलाइट में चीनी एक्ट्रेस ज्हू ज्हू सलमान के अपोजिट दिखेंगी। बता दें, यह पहली फिल्म होगी जो भारत के साथ साथ ही चीन में भी रिलीज होगी। इससे पहले बॉलीवुड फिल्में ३ इडियट्स, पीके, बाहुबली, हैप्पी न्यू ईयर भी चीन में रिलीज की गई थीं, लेकिन भारत में रिलीज होने के ६-८ महीने में रिलीज होने के बाद।
काफी स्टूडियो अभी से फिल्म के वर्ल्डवाइड डिस्ट्रिब्यूशन राइट्स खरीदने के लिए काफी बड़ी रकम देने को तैयार हैं। हालांकि सलमान खान प्रोडक्शन ने अभी डील फाइनल नहीं की है। |
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) युवाओं के लिए खुशखबरी है। दरअसल, भारतीय सेनाएं युवाओं को सेना से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इंडियन आर्मी एक नया प्लान लेकर आ रही है जिसके मुताबिक सेना ने तय किया है कि शॉर्ट सर्विस कमिशन में ज्यादा से ज्यादा युवा शामिल हो इसके लिए बढ़िया सैलेरी पैकेज, पेड स्टडी लीव और १० या १४ साल का कार्यकाल ख़त्म होने पर अच्छी-खासी रकम भी दी जाएगी।
बताया गया कि सेना अधिकारियों की कमी से जूझ रही है ऐसे में काडर को पुनर्गठित करने के मकसद से ये नया कदम उठाया जाने वाला है। इस नए पैकेज की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जानकारी मिली है कि १० साल में सर्विस छोड़ने वाले अधिकारियों को १७ लाख रुपये तक मिलेंगे। जबकि अगर १४ साल की सर्विस पूरी की जाती है तो ३८ लाख रुपए दिए जाएंगे।
नए पैकेज के मुताबिक हर साल की दो महीने की सैलरी उन्हें जोड़कर उन्हें आखिर में दी जानी है। इसके तहत शुरुआती १० सालों तक के लिए प्रति वर्ष दो माह की सैलरी और आखिरी के ४ सालों ४ माह की सैलरी दी जाएगी। साथ ही शॉर्ट सर्विस कमिशन के तहत तैनात अधिकारियों का २० साल का कार्यकाल पूरा हो सके और वे पेंशन के भी हकदार हों, इसके लिए उन्हें डिफेंस सिक्यॉरिटी कॉर्प्स या फिर नैशनल कैडट कॉर्प्स में भेजा जा सकता है। साथ ही प्रफेशनल कोर्स करने के लिए फुली पेड स्टडी लीव और अन्य लाभों पर भी विचार किया जा रहा है। |
एनटीपीसी लिमिटेड, जो भारत की सबसे बड़ी विद्युत यूटीलिटी है, ने उच्चं स्तणर के निष्पा।दन को बनाए रखने, कारोबार की संधारणीयता को बढ़ाने, परिवेशीय रूप से संधारणीय विद्युत का उत्पादन करने, ग्रीनर पर्यावरण बनाए रखने, प्राकृतिक संसाधनों, जैसे कि ऊर्जा, जल आदि को संरक्षित करने की दिशा में कंपनी के कदम का उल्लेनख करते हुए ''पावर टू ग्रो रिस्पां सिबली'' दूसरी संधारणीय रिपोर्ट जारी की।
डॉ. अरुप रॉय चौधरी, सीएमडी और एनटीपीसी के निदेशकों द्वारा वर्ष २०१२-१३ के लिए जारी की गई रिपोर्ट एक स्वर-घोषित ए + रिपोर्ट है और जीआरआई जी ३.१ रिपोर्टिंग ढांचे के अनुसार है, जिसमें इलेक्ट्रि क यूटीलिटी क्षेत्र के अनुपूरक (ईयूएसएस) अनुवर्ती सहित रिपोर्टिंग नियम एवं आवश्यंक संकेतकों का उपयुक्त विचारण शामिल है।
रिपोर्ट आश्वाशसन प्रदाता, मैसर्स ब्यूहरो वेरीटास सर्टीफिकेशन (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ए ए १००० २००८ आश्वा सन मानक के अनुसार बाह्य रूप से आश्वा सित है।
शीर्षक : एनटीपीसी लिमिटेड, जो भारत की सबसे बड़ी विद्युत यूटीलिटी है, ने वर्ष २०१२-१३ के लिए ''पावर टू ग्रो रिस्पॉेसिब्लीज'' दूसरी संधारणीय रिपोर्ट जारी की। डॉ. अरुप रॉय चौधरी, अध्यिक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनटीपीसी ने रिपोर्ट को श्री एन. एन. मिश्रा, निदेशक (प्रचालन), श्री एन. के. झा, निदेशक (तकनीकी), श्री यू. पी. पाणी, निदेशक (मानव संसाधन), और श्री एस. सी. पांडे, निदेशक (परियोजना) के साथ नई दिल्ली. में जारी किया। |
दमोह। उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष सुबोध कुमार जैन ने सदस्य डॉ. सपना जैन व राजेश कुमार ताम्रकार से सहमत होकर ९ परिवादियों द्वारा केबीसीएल इंडिया लिमिटेड में जमा की गई राशि को ९ प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज सहित देने का अवार्ड पारित किय है। इसके अलावा सेवा में कमी में मानते हुए १५ हजार तथा वाद व्यय के ३ हजार रूपए भी देने के आदेश दिया।
परिवादी के अधिवक्ता किशोरी लाल ताम्रकार ने बताया कि परिवादीगण दिनेश दीक्षित, प्रभा दीक्षित, महेश अहिरवार, मोहनी दीक्षित, मोहम्मद अतहर, अशोक विश्वकर्मा, कविता विश्वकर्मा, प्रीति पटेल ने केबीसीएल इंडिया लिमिटेड कल्पतरू आगरा के दमोह स्थित कार्यालय में विभिन्न किश्तों में व एक मुश्त राशि अलग-अलग तारीखों में जमा की थी, ताकि कंपनी द्वारा उन्हें जमीन अथवा राशि परिपक्वता दिनांक पर ब्याज सहित अदा की जाएगी।
लेकिन परिवादीगणों की उक्त राशि का अनावेदक केबीसीएल द्वारा वापस नहीं की गई थी और न ही उन्हें जमीन आवंटित की गई थी। परिवादीगणों द्वारा अनावेदकों को शिकायत एवं अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भी दिए गए थे। इसके बावजूद भी कंपनी ने राशि नहीं दी। तब परिवादियों ने उपभोक्ता फोरम में मामला प्रस्तुत किया था। |
चित्त की शुद्धि का भले ही किसी को ज्ञान न हो, पर चित्त की अशुद्धि का तो ज्ञान मानव-मात्र को है; क्योंकि यदि ऐसा न होता तो चित्त की शुद्धि का प्रश्न ही उत्पन्न न होता । विचार यह करना है कि हमारी अपनी दृष्टि में अपने में क्या अशुद्धि प्रतीत होती है ?
जब हम अपने चित्त को अपने अधीन नहीं पाते हैं तब यह भास होता है कि चित्त में कोई दोष है । यदि हमारा चित्त हमारे अधीन होता, तो हम चित्त के लगाने और हटाने में अपने को सर्वदा स्वाधीन पाते । पर ऐसा करने में हम अपने को असमर्थ पाते हैं, हमारी असमर्थता ही हमें यह बता देती है कि हमारे चित्त में कोई अशुद्धि है ।
किसी भी अस्वाभाविकता का आ जाना ही अशुद्धि है । इस दृष्टि से हमें अनुभूति के आधार पर यह जान लेना है कि हमारे चित्त में क्या अस्वाभाविकता आ गई है, जिससे हम अपने चित्त को अपने अधीन नहीं रख पाते हैं । संकल्पों की उत्पत्ति तथा पूर्ति को ही हम अपना जीवन मान बैठें हैं ।
यद्यपि संकल्पों की उत्पत्ति से पूर्व भी जीवन है और संकल्प-पूर्ति के पश्चात् भी जीवन है; परन्तु हम उस स्वाभाविक जीवन की ओर ध्यान नहीं देते और संकल्प की उत्पत्ति तथा उसकी पूर्ति की द्वंद्वात्मक परिस्थिति को ही जीवन मान लेते हैं, यही अस्वाभाविकता है । इस अस्वाभाविकता के प्रभाव से ही चित्त अशुद्ध हो गया है । इस दृष्टि से संकल्पों की उत्पत्ति-पूर्ति में ही जीवन-बुद्धि स्वीकार करना और संकल्पों से अतीत के जीवन की जिज्ञासा तथा लालसा जाग्रत न होना ही चित्त की अशुद्धि है ।
- (शेष आगेके ब्लागमें) 'चित्त-शुद्धि भाग-१' पुस्तक से, (पाग नो. १3) । |
निर्देशन सेवाएं क्या है?
इन समस्त सेवाओं का उद्धेश्य यद्यपि पृथक-पृथक हैं। परन्तु फिर भी निर्देशन प्रदान करने की दृष्टि से इनका समन्वित महत्व है। विशेषकर भारतीय परिस्थितियों के सन्दर्भ में इन सेवाओं के समन्वय की अधिक आवश्यकता है। इसके साथ ही इनके समुचित बोध, विकास एवं उपयोग की भी समान रूप से आवश्यकता है।
सूचनाओं का समस्त प्रकार के निर्देशनों में विशिष्ट महत्व होता है। सूचनाओं की जानकारी छात्र एवं निर्देशन प्रदाताओं दोनों के लिए आवश्यक है। वैयक्तिक निर्देशन के लिए व्यक्ति की पारिवारिक तथा सामाजिक परिस्थितियों तथा उसकी विशेषताओं से सम्बन्धित सूचनाए आवश्यक होती हैं। शैक्षिक निर्देशन हेतु पाठ्यक्रमों, शैक्षिक अवसरों, औपचारिक तथा अनौपचारिक अधिगम व्यवस्थाओं, पद्धतियों के सम्बन्ध में सूचनाए प्राप्त करनी आवश्यक होती हैं। व्यावसायिक निर्देशन के लिए विभिन्न व्यावसायों हेतु आवश्यक योग्यताए एवं संस्थानों में रिक्त स्थानों के बारे में सूचनाए आवश्यक एवं महत्वपूर्ण होती हैं। इन विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त सूचनाओं का स्वरूप सदैव परिवर्तित होता रहता है। इसका कारण यह है कि प्रत्येक मानवीय स्थिति अपने स्वभाव के अनुसार अत्यन्त परिवर्तनशील, विकासशील एवं गतिशील सन्दभो से संयुक्त होती है।
उपरोक्त परिभाषा से यह स्पष्ट होता है कि परामर्श का मुख्य उद्धेश्य व्यक्ति की वैयक्तिक रूप में सहायता करना है। परामर्श के अन्तर्गत परामर्शदाता की दी गयी सलाह अथवा सुझाव को दूसरे व्यक्ति अर्थात्, सेवार्थी पर थोपा नहीं जाता, वरन् यह प्रयास किया जाता है कि छात्र ही अपने व्यावसायिक एवं शैक्षिक अवसरों के सम्बन्ध में विचारणीय एवं महत्वपूर्ण तथ्यों को संकलित एवं व्यवस्थित करे तथा स्वयं की योजनाओं के सन्दर्भ में उनका मूल्यांकन कर, सही निर्णय ले। विचारणीय तथ्य दो प्रकार के होते हैं-;१द्ध वे तथ्य जो व्यक्ति की सीमाओं एवं क्षमताओं के परिचायक हैं। इन तथ्यों को सामान्यत: निर्देशन की सेवाओं, जैसे वैयक्तिक सामग्री सेवा, आत्म अनुसूची सेवा, सूचना सेवा इत्यादि के द्वारा संकलित किया जाता है। ;२द्ध वे तथ्य तो व्यावसायिक जगत एवं शैक्षिक अवसरों से सम्बन्धित होते हैं। इन तथ्यों को पूर्णरूप से ज्ञात करना आवश्यक होता है। किशोर अवस्था में सामान्यत: यह अपेक्षित होता है कि परामर्शदाता छात्र को केवल तथ्यों के मूल्यांकन में ही सहायता प्रदान न करें वरन् उनको तथ्यों के आधार पर वास्तविक निर्णय लेने की ओर उन्मुख करें।
व्यक्ति में आत्मबोध की क्षमता का विकास करने की दृष्टि में आत्म-अनुसूची सेवा का विशेष महत्व होता है। इस सेवा के आधार पर व्यक्ति को आन्तरिक विशेषताओं एवं बां सम्बोधितयों के सम्बन्ध में वस्तुनिष्ठ जानकारी प्रदान की जाती है। इस जानकारी को प्राप्त करके भावी योजनाओं का निर्माण करने, अनुकूल अवसरों की दिशा में प्रयास करने तथा अपनी आन्तरिक शक्तियों की दिशा में सम्बद्ध प्रयास करने हेतु महत्वपूर्ण सहायता प्राप्त होती है। इस सेवा के आधार पर सेवार्थी को स्वयं में निहित योग्यताओं, क्षमताओं एवं भावी सम्भावनाओं की जानकारी प्राप्त होती है। इस प्रकार की जानकारी प्रदान करने के लिए व्यक्ति की पूर्व सम्बोधितयों, सम्बन्धित आलेखों एवं पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षिक परिवेश का प्रमुख महत्व होता है। इसके माध्यम से व्यक्ति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के परीक्षणों का प्रयोग भी, इस उद्धेश्य की प्राप्ति हेतु किया जाता है। इन समस्त माध्यमों से प्राप्त जानकारी का व्यक्ति की शैक्षिक, पारिवारिक एवं व्यावसायिक प्रगति में विशिष्ट योगदान रहता है। इस जानकारी के अभाव में, सतत्, संगत एवं सम्भावित प्रगति सम्भव नहीं है। आत्म अनुसूची सेवा से प्राप्त परिणामों का व्यक्ति जीवन की किसी विशिष्ट परिस्थिति से ही सम्बन्ध नहीं है वरन् यह परिणाम सतत् रूप से जीवन की विभिन्न परिस्थितियों के सन्दर्भ में निर्णय लेने हेतु सहायक सिण् होते हैं इस प्रकार आत्म-अनुसूची सेवा के उपरोक्त महत्व के आधार पर यह कहा जा सकता है कि आत्म अन्वेषण स्वयं को पहचानने अथवा आत्म-बोध की दृष्टि से आत्म-अनुसूची सेवा एक ऐसी प्रकिया है जो जीवन पर्यन्त निरंतर चलती रहती है।
शैक्षिक, व्यावसायिक, अथवा व्यक्तिगत निर्देशन हेतु विभिन्न प्रकार की आधार सामग्री को प्रयुक्त किया जाता है। मनोवैज्ञानिक परीक्षण, मूल्यांकन की आत्मनिष्ठ एवं वस्तुनिष्ठ विधिया, इस आधार-सामग्री को उपलब्ध कराने में सर्वाधिक सहायक होती हैं। इस आधार सामग्री का संकलन अथवा उसे व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत करना उल्लेखनीय महत्व रखती है, क्योंकि इस समाग्री के वस्तुनिष्ठ एवं समुचित प्रयोग पर ही किसी भी प्रकार के निर्देशन की वस्तुनिष्ठता अथवा प्रभावशीलता आधारित होती है। सेवार्थी के सम्बन्ध में जितने भी आवश्यक तथ्य एवं सूचनाए एकत्रित की जाती हैं उन सभी के व्यवस्थित एवं समन्वित रूप को आधार सामग्री के रूप में सम्बोधित किया जाता है। मायर्स के अनुसार विभिन्न प्रकारों की सेवाओं यथा-स्थानन, उपबोधन, अनुगामी सेवाओं इत्यादि में छ: प्रकार की व्यक्तिगत सामग्रियों का संकलन किया जाता है। इन उधार सामग्रियों के संकलन की प्रकिया को ही व्यक्तिगत सामग्री संकलन सेवा के नाम से जाना जाता है।
सामान्य आकड़े (जनरल डाटा)-सेवार्थी से संपर्क करने में तथा सेवार्थी से सम्बन्धित विशिष्ट व्यक्तियों से सेवार्थी के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने हेतु सामान्य आधार सामग्री के संकलन की आवश्यकता होती है इस आधार सामग्री के अन्तर्गत सेवार्थी का नाम, पता, पिता का नाम, दूरभाष संख्या, विद्यालय का नाम, कक्षा-अध्यापक का नाम, विषय-अध्यापक का नाम, कक्षा, वर्ग, विषय आदि से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त की जाती है।
शारीरिक आकड़े (फिजिकल डाटा)-इस प्रकार की सामग्री के अन्तर्गत सेवार्थी की आयु, प्रजाति, लग, कद, वजन आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की जाती है। विभिन्न प्रकार के जैविक तथ्यों जैसे-शारीरिक बनावट, स्वास्थ्य, स्नायुमण्डल एवं शरीर वफी अन्य प्रणालियों के सम्बन्ध में सूक्ष्म जानकारी प्राप्त करना, इस प्रकार की सामग्री को संचित करने का उद्धेश्य होता है। इसके अतिरिक्त सेवार्थी से सम्बन्धित शारीरिक विकारों, शारीरिक विकलांगताओं एवं रोगों के सम्बन्ध में भी सूचनाएं एकत्रित की जाती हैं।
सामाजिक पर्यावरण आकड़े (सोशियल एन्वायरोनमेंट डाटा)-व्यक्ति से सम्बन्धित समस्त प्रकार की आधार सामग्रियों का वस्तुनिष्ठ रूप से मूल्यांकन करने हेतु सामाजिक पर्यावरण से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त करना नितान्त आवश्यक होता है सामाजिक वातावरण से व्यक्ति के समायोजन की सीमा के सन्दर्भ में प्रकाश डालने हेतु भी इस प्रकार की जानकारी अपेक्षित होती है। व्यक्ति के सामाजिक स्तर, सामाजिक व्यवहार, अथवा जीवन-शैली का परिचय प्राप्त करके व्यक्ति की शैक्षिक आकांक्षाओं, व्यावसायिक योजनाओं, व्यक्तिगत जीवन से सम्बन्धित आदर्शो तथा किसी विशिष्ट परिस्थिति में व्यक्ति के व्यवहार एवं सम्बोधितयों की सम्भावनाओं के सन्दर्भ में अन्तदृष्टि का विकास करने की दृष्टि से सहायता प्राप्त होती है।
निष्पत्ति से सम्बन्धित आकड़े (डाटा रिलेटेड तो थे अचीवमेन्ट)-शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर, शिक्षार्थी से सम्बन्धित निष्पत्ति का आलेख, प्रमाण-पत्रों, परीक्षा-कार्डो, संचयी अभिलेखों आदि के माध्यम से सुरक्षित रखा जाता है। शैक्षिक निष्पत्ति से सम्बन्धित ये आलेख ही प्रमुख रूप से निष्पत्ति सम्बन्धी आधार सामग्री के रूप में उपयोगी होते हैं। इन आलेखों के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त हो जाती है कि विभिन्न शैक्षिक स्तरों पर सेवार्थी का सम्बोधित स्तर किस प्रकार का रहा है? पाठ्यक्रम का चयन करने अथवा व्यवसाय का चयन करने की दृष्टि से, इस प्रकार की आधार सामग्री का विशिष्ट महत्व होता है। अत: यह प्रयास किया जाना चाहिए कि इस प्रकार की सूचनाओं को संचित एवं व्यवस्थित करते समय वस्तुनिष्ठता एवं विश्वसनीयता का अनिवार्य रूप से मयान रखा जाए।
शैक्षिक एवं व्यावसायिक योजनाओं से सम्बन्धित आकड़े (डाटा रिलेटेड तो एडउकेशनल एंड वोकेशनल प्लान)-उपरोक्त समस्त प्रकार की आधार सामग्री का संकलन करने के अतिरिक्त व्यक्ति की शैक्षिक एवं व्यावसायिक योजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करना भी आवश्यक होता है। सेवार्थी से, उसके अभिभावकों, मित्रों अथवा शिक्षकों से इस सम्बन्ध में आधार सामग्री प्राप्त की जा सकती है। यह सामग्री व्यक्तिनिष्ठ प्रविधियों के आधार पर ही संकलित की जाती है। इस सन्दर्भ में यह ज्ञात किया जा सकता है कि सेवार्थी अपनी शैक्षिक सम्बोधितयों, शैक्षिक प्रगति अथवा व्यावसायिक योजना के सन्दर्भ में किस प्रकार का दृष्टिकोण रखता है अथवा इन दिशाओं में उसने कौन-कौन से निर्णय लिए हैं? शैक्षिक एवं व्यावसायिक योजनाओं से सम्बन्धित आधार सामग्री का संकलन करने की प्रकिया के अन्तर्गत यह मयान रखना चाहिए कि इन योजनाओं पर आधारित सूचनाओं का संचय अधिक प्रामाणिक साक्ष्यों के आधार पर ही किया जाए।
मनोवैज्ञानिक आकड़े (साइकोलॉजिकल डाटा)-व्यक्ति से सम्बन्धित विभिन्न मानसिक विशेषताओं यथा-बुद्धि का स्तर, विशिष्ट बौण्कि क्षमता अभिरूचि एवं व्यक्तित्व से सम्बन्धित विभिन्न गुणों की जानकारी प्राप्त करना मनोवैज्ञानिक आधार प्रदन के संकलन का उद्धेश्य होता है शैक्षिक, व्यावसायिक एवं व्यक्तिगत निर्देशन हेतु इस प्रकार की आधार प्रदन का प्रयोग समान रूप से महत्वपूर्ण होता है। बुद्धि से सम्बन्धित विशिष्ट तथ्यों की जानकारी के लिए बुद्धि परीक्षणों का प्रयोग किया जाता है। अल्प्रेफड बिने, साइमन, टरमन, राइस, कामथ, एम. जलोटा आदि के द्वारा इस प्रकार से अनेक बुद्धि परीक्षण विकसित किए गए हैं। इन समस्त परीक्षणों के माध्यम से प्राप्त जानकारी के आधार पर ही व्यक्ति को यह निर्देशन प्रदान किया जा सकता है कि उसकी बौद्धिक योग्यता का स्तर क्या है? तथा उसे किस प्रकार के व्यवसाय अथवा विषयों का चयन करना चाहिए।
बुद्धि के अतिरिक्त सेवार्थी की अभिरूचि एवं रूचि के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी भी विशेषकर शैक्षिक एवं व्यावसायिक निर्देशन प्रदान करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण होती है। इसी प्रकार व्यक्ति के व्यक्तित्व से सम्बन्धित विभिन्न विशेषताए भी उसके व्यावसायिक जीवन, शैक्षिक सम्बोधितयों, सामाजिक समायोजन आदि को प्रभावित करती है। व्यक्तित्व से सम्बन्धित इन विशेषताओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के परीक्षणों का विकास किया गया है, साथ ही विभिन्न प्रकार की अनुसूचियों एव निर्धारण मापनिया भी सेवार्थी की व्यक्तित्व से सम्बन्धित विभिन्न गुणों की जानकारी प्राप्त करने में सहायक होती है।
अधिकतर देशों में निर्देशन आन्दोलन अभी हुआ है। भारत में तो निर्देशन आन्दोलन अपनी शैशवावस्था में चल ही रहा है। भारत में निर्देशन आन्दोलन चलाने का श्रेय कोलकना विश्वविद्यालय को जाता है। माध्यमिक विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों की बढ़ती हुई संख्या से निर्देशन सेवाओं को मान्यता मिलने लगी है ताकि विद्यार्थियों को उनके पाठ्यक्रमों तथा भविष्य के कार्यक्रमो तथा व्यवसाय के चयन में उनकी सहायता की जा सके। हमारे देश के शिक्षा नियोजकों ने भी निर्देशन सेवाओं के महत्व को पहचानना आरम्भ कर दिया है। माध्यमिक शिक्षा का सफलतापूर्ण आयोजन शैक्षिक और व्यावसायिक निर्देशन के सुव्यवस्थित कार्यक्रमो पर आधारित है। यह सुव्यवस्थित कार्यव्म विद्यार्थियों और उनके माता-पिता की अनुकूल पाठ्यक्रमों के चयन में सहायता करते हैं। बहु-उपेशीय विद्यालयों की असफलता इस प्रकार के सुव्यवस्थित कार्यक्रमो के अभाव के कारण हुई। |
सरपंच छगन गामड॒ ग्राम पंचायत मोईचारणी द्वारा भी लिखित आवेदन में बताया गया कि वर्ष २०१३ में बनाए जा रहे इस मार्ग पर केवल विभाग द्वारा डामर ही कुछ जगह पर बिछाया गया रोड के बीच में कई जगह पर डामर नहीं बिछाया गया ना ही पुलिया का निर्माण भी नहीं किया गया इस मार्ग की जांच के संबंध में अधिकारी द्वारा मेरे कोई कथन नहीं लिए गए जबकि कई वर्ष पूर्व गोदडीया, मोवीचारणी, करनगढ़, तीनों जगह का सरपंच एक ही हुआ करता था पूर्व सरपंच द्वारा ही गिट्टी जीएसबी मार्ग का पुराने समय में ही निर्माण कार्य करवाया गया जबकि विभाग द्वारा यहां पर केवल डामर ही कुछ जगह पर बिछाया गया आज भी इस मार्ग से निकलने में परेशानी हो रही है।
शिकायतकर्ता द्वारा मय दस्तावेजों के आधार पर मार्ग के फोटो सहित मापदंड पुस्तिका सहित दस्तावेजों के आधार पर शिकायत की गई थी लेकिन लोक निर्माण विभाग के एसडीओ द्वारा गुपचुप तरीके से फर्जी जांच प्रतिवेदन बनाकर भ्रष्टाचार को दबाने की कोशिश की गई।
लोक निर्माण विभाग में हुए भ्रष्टाचार की जांच अन्य विभाग को करने के लिए दिनांक ११ /९/ 201९ को लोक निर्माण विभाग के अधिकारी से नहीं कराते हुए अन्य विभाग से जांच करवाई जाए पत्र लिखा था पत्र में यह बताया गया था कि अगर विभाग यह जांच करता है तो यह जांच प्रभावित होगी और आखिर जांच में लीपापोती की गई। |
साहेबगंज, (हि.स.)। केंद्र और राज्य सरकार की नजर बाढ़ पीड़ितों को दी जा रही राहत, पर है संसाधन की कमी । पदाधिकारी और कर्मचारी राहत कैम्पो पर सामग्री पहुचाने में कोताही बरत रहे हैं। ऐसे लोगो की शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुँचायी जाएगी। यह बातें साहेबगंज प्रखण्ड के बंगरा निजामत मध्य विद्यालय स्थित राहत कैम्प का निरीक्षण करने के उपरांत पूर्व मंत्री डॉ महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने पत्रकारों से कही ।
पूर्व मुखिया और वर्तमान मुखिया ने शिकायत कि है कि चार दिन से कैम्प चल रहा है करीब १४०० बाढ़ पीड़ित भोजन कर रहे हैं,लेकिन प्रशासन ने सिर्फ एक दिन का राशन दिया है । यह गम्भीर मामला है। उन्होंने कहा कि कैम्प में रह रहे लोगों की सेवा ,भगवान की सेवा है । पीएम की भी नजर बिहार के बाढ़ पर है। राहत में कंही से कोई कमी नही है । स्थानीय पदाधिकारी राहत देने में कोताही नही बरते ।
उन्होंने मौके पर मौजूद बीडीओ मो यूनुस सलीम ,कैम्प प्रभारी बी ई ओ चन्द्रेश्वर दास से भी बात की, जबकि सीओ अनिल कुमार श्रीवास्तव को मोबाइल पर निर्देश दिया | उन्होंने कैम्प में खिलाये जा रहे भोजन की क्वालिटी को भी देखा और सन्तुष्टि जताई ।
मौके पर पैक्स अध्यक्ष वृजकिशोर सिंह ,शम्भू सिंह ,सर्वेश सिंह ,डा ओम प्रकाश भी मौजूद थे । |
मुंबई: इस साल दिसंबर महीने में रिलीज़ होने जा रही साल की बहु प्रतीक्षित मूवी दंगल जिसमें बॉलीवुड एक्टर आमिर खान मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। भारत के हरियाणा राज्य के कुश्तीबाज महावीर फोगट की जिंदगी पर निर्धारित इस फिल्म का प्रमोशन जोरों-शोरों से चल रहा है। कुछ दिन पहले ही जारी किया गया एक गाना हानिकारक बापू जिसमें बाप और बेटी के जटिल रिश्ते को दिखाया गया है पर ऐतराज जताया गया है।
आपको बता दें कि विश्वात्मक सामाजिक सेवा ट्रस्ट नाम के एक एनजीओ ने इस गाने पर विरोध दर्ज कराया है और ट्रस्ट के अध्यक्ष ने फिल्म के निर्माताओं से अपील करते हुए कहा है कि वे इस गाने से बापू शब्द हटा दें क्योंकि देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को बापू के नाम से संबोधित किया किया जाता है और इस गाने से उनकी छवि धूमिल हो रही है।
उनका कहना है कि जब भी लोग पहली बार ये गाना सुनेगे तो उन्हें बापू शब्द सुन गांधीजी का ही ख़याल आएगा क्योंकि लोग प्यार से उन्हें बापू बुलाते थे। सूत्रों के मुताबिक इस एनजीओ ने आमिर खान से भी इस मामले में अपील की है लेकिन आमिर ने अभी तक इसका कोई जवाब नहीं दिया है। |
अक्षय खन्ना, आमिर खान और सैफ अली खान स्टारर फिल्म दिल चाहता है अब भी लोगों के दिलों में ताजा है। इस कल्ट फिल्म को दर्शकों के साथ-साथ क्रिटिक्स ने भी काफी पसंद किया था।
फिल्म के सीक्वल को लेकर अक्सर चर्चा होती है। मंगलवार को इस बारे में अक्षय खन्ना से एक मजेदार सवाल किया गया। बता दें, वह अपनी आने वाली फिल्म सेक्शन ३७५ के ट्रेलर लॉन्च पर मौजूद थे।
बात करें अक्षय की आने वाली फिल्म सेक्शन ३७५ की तो इसमें अक्षय के साथ ऐक्ट्रेस रिचा चड्ढा अहम किरदार में नजर आएंगी। डायरेक्टर अजय बहल की यह फिल्म १३ सितंबर २०१९ को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। |
लखनऊ। प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को मजबूत करने के लिए भर्तियां करने जा रही है। सूबे के ४१ जिलों के ४६८ ब्लॉकों में यह भर्तियां की जाएंगी। सरकार ने भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है।
इसमें राज्य स्तरसे लेकर ब्लॉक स्तर के कर्मियों की नियुक्ति की जाएंगी।वाह्य सहायतित आईसीडीएस सिस्टम स्ट्रेंथनिंग एंड न्यूट्रीशियन इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट (स्निप) के लिए होने वाली इन नियुक्तियों के लिए प्रदेश सरकार नेहरी झंडी दे दी है। सरकार ने कुल १०२९ पदों पर भर्तियां करने की इजाजत दी है। यह सभी पद संविदा के आधार पर भरे जाएंगे। इसमें राज्य स्तर पर जहां सलाहकार रखे जाएंगे वहीं ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक समन्वयक व परियोजना सहायक की नियुक्तियां की जाएंगी।
इन कर्मियों को प्रतिमाह ८ से ६० हजार रुपये तक का नियत वेतन दिया जाएगा।
इन पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश विभाग की वेबसाइट ( पर उपलब्ध है। इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। आवेदन १९ जनवरी तक किए जा सकते हैं। निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार ने बताया कि इन पदों पर भर्ती के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन और बेहतर हो जाएगा। |
हल्द्वानी। नैनीताल जिले में जमीन खरीदना के लिए अब आपको और अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। मैदानी क्षेत्रों में पांच और पर्वतीय क्षेत्रों में तीन प्रतिशत तक जमीनों के दामों में वृद्धि हो सकती है।
सर्किल रेट एक वर्ष पहले बढ़े थे। जनवरी-२०१८ में सर्किल रेट बढ़ाए गए थे। १५ प्रतिशत की औसत वृद्धि सभी पर्वतीय जिलों में हुई थी जबकि २०८ प्रतिशत जमीन के दाम हल्द्वानी की रामपुर रोड और कालाढूंगी रोड की जमी पर बढ़े थे। साथ ही नैनीताल शहर के पॉश इलाके में जमीन सबसे महंगी हुई थी। नैनीताल शहर के पॉश इलाके में ६० हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर जमीन के दाम थे। प्रदेश सरकार एक बार फिर सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी कर रही है। जिलों ने क्षेत्र के हिसाब से नए सर्किल रेट का प्रस्ताव शासन को भेजे हैं। जल्द ही कैबिनेट में सर्किल रेट को लेकर प्रस्ताव आ सकता है। हल्द्वानी में प्रतिदिन १५ से २० लोग जमीन की रजिस्ट्री कराते हैं।
डीएम विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मैदानी क्षेत्रों में चार से पांच प्रतिशत और पर्वतीय क्षेत्रों में दो से तीन प्रतिशत सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव तीन माह पहले शासन को भेजा गया था। सर्किल रेट में बहुत अधिक वृद्धि होने से लोग जमीन की रजिस्ट्री कराना कम कर देंगे। |
कानपुर देहात-कुछ ऐसा अजीब नजारा था डेरापुर में शहीद रोहित के नगर का, चारो तरफ आंसुओ का सैलाब बह रहा था। जुसक घर के लिए कदम बढ़े थे लेकिन कुछ ही दूरी पहले जोर शोर से चीखें व दहाड़े मारती हुई महिलाओं की आवाजें आने लगीं। सुनकर गला रुंध गया, फिर भी आगे बढ़ते हुए घर से ५० कदम पहले ही खड़ा हो गया और वहां का दृश्य देख आंखे खुली रह गयी। घर के बाहर लोगों का तांता लगा था। सभी एक दूसरे को ढांढस बंधा रहे थे। एक तरफ चारपाई पर शहीद के पिता गंगादीन सिर झुकाए मस्तक पर हाँथ रखकर बैठे थे। लोग कुछ बोल रहे थे लेकिन उनके होंठ नहीं हिल पा रहे थे। सिर्फ आंखों में आंसू तैर रहे थे।
देखा तो घर की दहलीज पर मां विमला, पत्नी वैष्णवी, बहन प्रियंका दहाड़े मारकर रो रहे थे। क्योंकि किसी ने भाई, किसी ने पति, किसी ने बेटा तो किसी ने अपना दोस्त यार देश के लिए बलिदान जो कर दिया था। जहाँ में कुछ सवाल उमड़ रहे थे, इसलिए समीप ही खड़े एक सख्श पर नजर पड़ी, जो आंखों में तो गम लिए लेकिन कलेजे पर पत्थर रखकर लोगों से कुछ बता रहा था। जानकारी से पता लगा कि वह सुरजीत यादव है, जो रोहित का भाई और उसका पक्का यार था। जब उससे पूंछा गया तो उसने बताया कि वह और रोहित दोनों सगे भाई की तरह थे लेकिन उससे ज्यादा हम लोग पक्के दोस्त थे। साथ पढ़े लिखे और साथ खेले कूदे।
यहां तक कि हमारा सेना में चयन हुआ। ठीक उसके ७ या ८ माह बाद रोहित भी सेना में भर्ती हो गया। हम दोनों ने हर पल साथ बिताया। जब घर आना होता था तो फोन पर बात करके एक साथ छुट्टी लेने की कोशिश में जुट जाते थे। फिर यहां डेरापुर घर आकर खूब मस्ती करते थे। बोलते हुए अचानक उसकी आवाज़ टूटने लगी, कुछ पल शब्दो को विराम देने के बाद उसने कहा कि ऐसा लग रहा जैसे सब कुछ चला गया। फौजी हूँ तो सभी से कहना है कि मेरे भाई दोस्त के लिए दुआ करना। इतना कहकर वह चुप हो गया। घर से महिलाओं की चीत्कारें सुन सभी का दिल दहल रहा था। डेरापुर के अंबेडकर नगर में पुलवामा के शोपियां में शहीद हुए रोहित के घर का कुछ ऐसा आलम था। |
राजनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार गन्ना किसानों की पाई-पाई चुकता कराएगी।
कैराना. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो गुंडे बदमाश जेल में होंगे। भाजपा का वादा है कि बहन-बेटी की आन-बान-शान पर आंच नहीं आने देगी। किसी को गुंडों के डर से पलायन नहीं करना पड़ेगा। कानून-व्यवस्था का राज होगा। हर व्यक्ति को सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि जब तक उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं आएगी तब तक समस्याओं का समाधान नहीं होगा।
राजनाथ ने मोदी सरकार के कामों को गिनाते हुए कहा कि किसानों के लिए बीमा फसल योजना लागू की है। केंद्र सरकार गन्ना किसानों की पाई-पाई चुकता कराएगी। वे सोमवार को यहां परिवर्तन यात्रा पहुंचने पर विजय सिंह पथिक राजकीय महाविद्यालय में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। पलायन के लिए चर्चित कैराना में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपना संबोधन को किसानों के इर्द-गिर्द फोकस रखा।
उन्होंने कहा कि किसानों का दुख दर्द मैं जानता हूं। मैं भी किसान हूं। उन्होंने किसानों से पूछा-क्या इस साल यूरिया अथवा खाद की कोई दिक्कत हुई। नहीं आवाज आने पर उन्होंने भी कहा नहीं हुई क्योंकि मोदी सरकार ने इतना यूरिया और खाद उपलब्ध करा दिया है कि वह आज गांव-गांव तक में उपलब्ध है। मोदी सरकार ने किसानों के लिए फसल बीमा योजना शुरू की है। |
सिखों के सिर की शान पगड़ियां, अब जरूरतमंद बच्चों को कोरोना वायरस से बचाएंगी। घर-घर से पुरानी पगड़ियां लेकर उनसे मास्क बनाकर बच्चों को बांटा जा रहा है। सिख समाज ने पूरे देश में 'टरबन फॉर मास्क' अभियान चलाकर दस लाख मास्क बच्चों को बांटने की तैयारी की है। भारतीय जनता पार्टी के नेशनल सेक्रेटरी सरदार आरपी सिंह और उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह ने सोमवार को दिल्ली में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता को ५० हजार मास्क उपलब्ध कराकर अभियान की शुरूआत की।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भाजपा कार्यकतार् घर-घर जाकर स्कूली बच्चों के अभिभावकों को पगड़ियों से बने मास्क देंगे। बच्चों को कोरोना से बचाने के इस अभियान में भाजपा, शिरोमणि अकाली दल जैसे राजनीतिक संगठनों के अलावा यूनाइटेड सिंह सभा फाउंडेशन आदि समाजसेवी संगठन जुड़े हैं।
सरदार आरपी सिंह ने कहा कि पगड़ी के लिए सिखों ने कई शहादतें दी है और अब जरूरत के समय इसे मास्क बनाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह ने कहा कि पगड़ियां सिखों की शान होती हैं। यह मास्क सूती और मलमल की पगड़ियों से तैयार किए गए हैं जिसे धोया भी जा सकता है। मास्क को सिलने में हर धर्म के लोगों ने अपना योगदान दिया और इसे सिलते वक्त साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा गया। |
राजस्थान की राज्य सरकार ने हर वर्ग के लोगो को ध्यान मे रखते हुए कई प्रकार की योजनाए शुरू कर रखी है। उसी तरह, अब राजस्थान सरकार ने विकलांग पेंशन योजना की भी शुरुआत की हुई है। इस योजना के तहत राज्य के विकलांग लोगो को आर्थिक मदद दी जाएगी। इस विकलांग पेंशन योजना राजस्थान २०१९ के तहत , लाभार्थियो को हर महीने ७५०रुपए दिये जाएंगे। ताकि वह लोग इस राशि से अपने जीवन के निर्वाह के लिए जरूरी चीजे बाजार से खरीद सके।
राजस्थान के सामाजिक एवं न्यायिक और सशक्तिकरण विभाग के द्वारा ही इस विकलांग पेंशन योजना राजस्थान को दिया जाता है। इस पेंशन योजना के तहत, राज्य का हर विकलांग व्यक्ति आवेदन कर सकता है। और हर व्यक्ति को विकलांग पेंशन योजना राजस्थान के तहत हर महीने ७५० रुपए उसके खाता मे दिये जाएंगे। आवेदन करने के बाद, विभाग उन लाभार्थियो की सूची को तैयार करता है, जो इस पेंशन योजना के पात्र होते है। तो हम आपको विकलांग पेंशन योजना राजस्थान २०१९ की लाभार्थी सूची की जानकारी भी देंगे।
राजस्थान मे इस समय कई प्रकार की पेंशन और योजनाए चल रही है। राज्य के हर आम आदमी के लिए उसके वर्ग ने अनुसारा योजनाओ और पेंशन के अधीन लाभ दिया जाता है। इन सभी मे विकलांग लोगो को ध्यान से रखते हुए ही इस विकलांग पेंशन योजना राजस्थान की शुरुआत की है।
आप इस योजना की हर जानकारी वैसे तो राजस्थान की सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आधिकारिक वैबसाइट पे जाके ले सकते है।
आवेदन करने वाला आवेदन, राजस्थान का स्थायी निवासी होना जरूरी है।
आवेदक के परिवार की सलान आय ६० हज़ार रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
व्यक्ति की विकलांगता कम से कम ४०% से अधिक होनी चाहिए ।
भामाशाह योजना के तहत पात्र व्यक्ति भी इस योजना के तहत लाभ ले सकता है।
अगर आप भी विकलांग पेंशन योजना राजस्थान २०१९ के तहत लाभ लेना चाहते है तो आपको इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए आपके पास अपंगता प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।
राजस्थान विकलांग पेंशन योजना के आवेदन के लिए आपको इस योजना से जुड़ी आधिकारिक वैबसाइट पे जाना जरूरी है।
इस वैबसाइट से आपको आवेदन पत्र जोकि हिन्दी भाषा मे होगा को डाऊनलोड करना है।
फिर आपको सही जानकारी देते हुए इस योजना के आवेदन फॉर्म को ध्यान से भरना है।
आपको इस योजना क तहत प्पो नंबर प्राप्त करना होगा, जिसके लिए आपको अधिकारियों के पास आवेदन पत्र जमा करवाना होगा।
आवेदन के बाद, ही आप सभी इस योजना के तहत हर महीने पेंशन का लाभ ले सकते है।
जब आप इसके लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा कर देते है तो उसके बाद आपको कैसे पता चलेगा की आपको पेंशन मिलेगी या नहीं। तो दोस्तो आपको आवेदन के बाद अपने आवेदन फॉर्म की स्थिति जानने के लिए एक बार फिर से आधिकारिक वैबसाइट पे जाना जरूरी है। यहा से आपको पता चलेगा की आपका आवेदन फॉर्म मंजूर हुआ है, पेंडिंग है या फिर रद्द कर दिया गया है। जिसकी जानकारी वहा पर दी होगी।
आवेदन की स्थिति जानने के लिए आपको आधिकारिक वैबसाइट पे जाना होगा।
यहा पर आपको एक रिपोर्ट वाले लिंक पर क्लिक करना है।
यहा पर अपना आवेदन पत्र की संख्या को भरे और शो स्टेट्स पर क्लिक करे।
आधिकारिक वैबसाइट पे जाये और व्हा पर रिपोर्ट वाले लिंक पे क्लिक करे।
आप यहा पर जिला वाइज़ लाभार्थियो की सूची को डाऊनलोड कर सकते है।
हमने आपको विकलांग पेंशन योजना राजस्थान २०१९ लाभार्थी सूची की हर जानकारी दे दी है। अगर आपको किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नजर आ रही है तो हमसे बात करे। |
अल्हागंज १ अक्टूबर 20१6. नगर के देवस्थान बाराह पत्थर के पास में मैला जमा होने से श्रद्धालुओं तथा भक्तों को काफी तकलीफ हो रही है। इस स्थिति के चलते सामाजिक संगठन परशुराम सेना तथा जय बाबा बर्फ़ानी सेवा समिति ने आज नगर पंचायत चेयरमैन के माध्यम से डीएम को ज्ञापन प्रेषित किया है।
जानकारी के अनुसार चेयरमैन चंद्रेश गुप्ता ने पाँच मैला ढोने वालों को नोटिस जारी कर दिए हैं। सर पर मैला ढोने तथा कच्चे शौचालयों पर शासन द्वारा प्रतिबंध लगाऐ जाने के बावजूद नगर में अभी भी कुछ कच्चे शौचालय हैं जिनको लोग जल प्रवाहित शौचालयों में परिवर्तित नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते अभी भी तकरीबन अाधा दर्जन महिलायें मैला ढोने का काम करते हुए उसे मंदिर के पास प्रमुख मार्ग के किनारे डालती हैं। नगर पंचायत प्रशासन ने कई बार उनको आगाह भी किया लेकिन वो अपनी जिद पर अडी हुई हैं। जिसकी वजह से मंदिर आने जाने वालों को गंदगी और बदबू से होकर गुजरना पडता है। इसी के चलते सामाजिक संगठनों में आक्रोश व्याप्त हुआ और आज शनिवार को परशुराम सेना व जय बाबा बर्फ़ानी के सदस्यों ने नगर पंचायत चेयरमैन चंद्रेश गुप्ता की मार्फत जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित कर उनसे सर पर मैला ढोने की प्रथा को समाप्त कराने तथा इलाके में सफाई कराने की माँग की है।
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से अमित बाजपेयी, मनोज मिश्रा, उर्जितेश्वर शुक्ला, लाली अग्निहोत्री, कमलेश शुक्ला, चंदन शुक्ला, केशव तिवारी, भानू मिश्रा, अजय गुप्ता, महेश, राधेश्याम सक्सेना, मुंशी लाल, श्याम पाल, धीरेन्द्र सिंह सहित तमाम लोग शामिल थे। |
हैथवे ने 'ईटीऑनलाइन डॉट कॉम' को बताया, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि सबकुछ इतना अच्छा होगा और मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अभी भी इतनी कड़ी मेहनत करूंगी जितना मैं कर रही हूं। लेकिन, मैं इसे पसंद करती हूं। मैं सच में ऐसा कर खुद को खुशकिस्मत मानती हूं।"
फिल्म 'ओशंस ८' की अभिनेत्री ने कहा कि अभिनय करना कभी आसान नहीं होता और शोहरत हासिल करने के बाद भी कलाकारों को अलग तरीके से कड़ी मेहनत व काम करना होता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में आपको उतनी ही कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी जितनी कि आप तब करते हैं जब शुरू में आपको कोई नहीं जानता है। |
हांगकांगः सबसे बड़े लोकतंत्र समर्थक समूहों में से एक नेता जिमी शाम पर हांगकांग में हथौड़ों से हमला हुआ है। इससे लोग और आक्रोश हो गए। इस हमले को सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया है। यह हमला हथौड़ा चलाने वाले एक समूह ने किया था। घायल अवस्था में जिमी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में एक बिल पास किया है। उसमें मानवाधिकार पर चिंता व्यक्त की गई है। अमेरिका के इस कदम से चीन भी बौखला गया है। चार महीने पहले चीन के साथ प्रत्यर्पण संधि के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन अब लोकतंत्र की मांग के आंदोलन में तब्दील हो गया है। इसे अमेरिका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों का समर्थन हासिल है।
बीते सप्ताह सरकार ने जब फेस मास्क पर प्रतिबंध लगाया तो आंदोलनकारी भड़क उठे। इसके बाद दसियों हजार आंदोलनकारी सड़कों पर उतरकर दर्जनों स्थानों पर पुलिस से जूझे। सरकार ने उस रात को स्वायत्त क्षेत्र की काली रात कहा था। |
- पुलिस के रवैय्ये से लोग खफा, लखीमपुर खेरी न्यूज इन हिन्दी -अमर उजाला बेहतर अनुभव के लिए अपनी सेटिंग्स में जाकर हाई मोड चुनें।
क्रासर करबला की जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए फोर्स नहीं भेजने का आरोपबिजुआ। पिछले कई सालों से करबला की जमीन पर एक फार्मर के अवैध कब्जे को हटवाने का प्रशासन का आदेश पुलिस फोर्स न भेजे जाने से फुस्स हो गया। थाने में चार घंटे से अधिक समय चली बातचीत में हजारों की तादाद में ग्रामीण थाने को घेरे रहे। भीरा के उत्तर दिशा में करबला की ९.९7 एकड़ जमीन पर नगर के अलावा मगही, गोदाटांडा, सलामत नगर, पसियापुर व चक गांव के ताजिए सालों से दफनाए जाते रहे हैं। इस जमीन के ढाई एकड़ के करीब हिस्से पर इलाके के कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था, जिसे हटवाने के लिए अंजुमन मुस्लिम तालिमा उत्थान कमेटी, जामा मस्जिद भीरा के सदर रियासत और सेक्रेटरी इश्तियाक खां की अगुवाई में मार्च माह से मुस्लिम समुदाय के लोग अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। पिछले हफ्ते सैकड़ों ग्रामीणों ने एसडीएम पलिया दफ्तर का घेराव करके जमीन की नाप कराके हदबंदी कराए जाने का आदेश करवाया था। जिससे कुछ दिन पहले इस जमीन की नाप में एक एकड़ में दो लोगों का चारा बोया था, जिसे उसी दिन खाली करा लिया गया, लेकिन डेढ़ एकड़ में एक फार्मर का गन्ना बोए होने से कब्जा नही हट सका था, चार दिन पहले फिर से कमेटी के लोग एसडीएम से मिले। एसडीएम पलिया ने करबला की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किए लोगों को बेदखल करने के लिए एसओ भीरा के नाम दस्ती आदेश बनाकर ग्रामीणों को दे दिया। शनिवार को कब्जा दिलाने के लिए कानूनगो रामपाल राजवंशी के भीरा पहुंचने पर ग्रामीण फोर्स मुहैय्या कराने के लिए एसडीएम का आदेश लेकर एसओ राजेश कुमार के पास पहुंचे। आरोप है कि एसओ ने गन्ना कटवाने के लिए फोर्स भेजने से इंकार कर दिया, नाराज ग्रामीण कई घंटे थाने को घेरे जमा रहे। इस बीच कमेटी के प्रतिनिधि एसओ से वार्ता करने पहुंचे। वहीं आरोपी कब्जेदार के थाने न पहुंचने पर एसओ ने ही कमेटी के लोगों से मुआवजा लेने की बात कही। चार घंटे तक चले इस घटनाक्रम में थाने के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा रही। ०००००वर्जन...मेरे पास कमेटी के लोग आए थे, इस दौरान भीड़ जमा नहीं हुई थी मैने ही लोगों को वार्ता के लिए बुलाया था। दोनों पक्ष राजी हो गए हैं। करबला की जमीन से कब्जा हटाने के लिए फार्मर गन्ना काटने के बाद खाली करवा देगा। इस मामले में मुझे कब्जा हटवाने का आर्डर नही मिला है।-राजेश कुमार, एसओ भीरा०००० वर्जन....एसडीएम के आदेश की दस्ती कागज लेकर कमेटी के लोगों के साथ गांव के लोग पहुंचे थे, लेकिन एसओ ने कब्जा हटवाने वाला आदेश मानने से इंकार कर दिया था।-इश्तियाक, सेक्रेटरी/मैनेजर, अंजुमन कमेटी भीरा। |
नयी दिल्ली, २३ सितंबर (भाषा) वैश्विक बाजार के सकारात्मक संकेतों के बीच सटोरियों के अपने सौदे बढ़ाने से सोमवार को सोना वायदा भाव ०.२९ प्रतिशत बढ़कर ३७,8०5 रुपये प्रति दस ग्राम रहा। एमसीएक्स पर अक्टूबर डिलीवरी के लिए सोना वायदा भाव १०8 रुपये यानी ०.२९ प्रतिशत बढ़कर ३७,8०5 रुपये प्रति दस ग्राम रहा। इसके लिए २,२74 लॉट का कारोबार हुआ। इसी प्रकार दिसंबर डिलीवरी के लिए यह भाव 5२ रुपये यानी ०.१४ प्रतिशत तेजी के साथ ३८,5२4 रुपये प्रति १० ग्राम रहा। इसके लिए 7०3 लॉट का कारोबार हुआ। वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में सोना भाव ०.५५ प्रतिशत की तेजी के साथ १,5२३.5० डॉलर प्रति औंस रहा। |
जौनपुर। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष अनुसुइया यू.के. ने सोमवार को कलेक्ट्रेट मीटिंग हाल में जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी एवं सम्बंधित जिलास्तरीय अधिकरियों के साथ बैठक की।
जिसमें उन्होंने कहा कि जिले में उनके आने का उद्देश्य है कि यहां पर रह रहे अनुसूचित जनजाति के लोगों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त करना। उन्होंने कहा कि संज्ञान में आया है जिले में जाति प्रमाण पत्र के लिए अनुसूचित जनजाति के लोगों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। राजस्व रिकार्ड, फसली रिकार्ड, कुटुंब परिवार एवं टीसी में अगर गोंड जाति नाम रजिस्टर्ड है तो यह तीनों चीजें प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए उपयुक्त है।
लेखपाल द्वारा गलत रिपोर्ट लगाकर आवेदन निरस्त करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ लोग फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी कर रहे हैं जिस पर अनुसूचित आयोग बहुत ही गंभीर है। कुछ समूह हैं जो नहीं चाहते कि अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र निर्गत हो सके। प्रमाण पत्र निर्गत न होने के कारण अनुसूचित जनजाति के लोगों को नौकरी, छात्रवृत्ति एवं सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की सुविधा प्राप्त करने में असुविधा हो रही है तथा वे लाभ पाने से वंचित भी रह जाते हैं।
उन्होंने कहा कि जाति निर्धारण का कार्य तहसीलदार अथवा लेखपाल द्वारा नहीं किया जा सकता, अगर कोई आपत्ति आती है तो उसे जॉच कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में गोंड समाज के लोगों के चल रहे धरने को भी समाप्त करवाया। आश्वासन दिया कि शासन की अनुसूचित जनजातियों से सम्बन्धित योजनाओं का लाभ अनुसूचित जनजाति के लोगों को प्रदान किया जायेगा।
जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने कहा कि उपाध्यक्ष द्वारा जो भी निर्देश दिए गए हैं उनका कड़ाई से अनुपालन कराया जाएगा। उन्होंने समस्त उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि इस सम्बन्ध में समस्त तहसीलदार एवं लेखपालों की बैठक बुलाकर इस समस्या के निस्तारण के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। इसमें लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गौरव वर्मा, अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) आरपी मिश्र, अपर जिलाधिकारी (भू.रा.) रामआसरे सिंह, समस्त उपजिलाधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी विपिन यादव, जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी, तहसीलदार केराकत, सदर एवं गोंड समाज के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। |
ओम कैपिटल के रिसर्च प्रमुख राजेश अग्रवाल (राजेश अग्रवाल) ने गुरुवार के एकदिनी कारोबार के लिए टेक महिंद्रा (टेक महिंद्रा), वेदांत (वेदनता) और युनाइटेड ब्रेवरीज (यूनाइटेड ब्रेवरीज) के शेयर बेचने, कोल इंडिया (कोल इंडिया) तथा अशोक लेलैंड (अशोक लीलैंड) के शेयर खरीदने की सलाह दी है।
राजेश अग्रवाल ने टेक महिंद्रा (६०३.१०) को ५८९.०० रुपये के लक्ष्य के साथ बेचने की सलाह दी है और इस सौदे में घाटा काटने का स्तर (स्टॉप लॉस) ६१५.०० रुपये रखने के लिए कहा है। वेदांत (३१५.७०) के लिए उन्होंने सलाह दी है कि इसे ३०७.०० रुपये के लक्ष्य के साथ बेचें। इस खरीदारी सौदे में घाटा काटने का स्तर ३२१.०० रुपये होगा। यूनाइटेड ब्रेवरीज (१०94.४५) को १०60.०० रुपये के लक्ष्य के साथ बेचने के लिए कहा गया है और इसमें घाटा काटने का स्तर ११२५.०० रुपये का है।
राजेश अग्रवाल ने कोल इंडिया (२९७.६०) को ३०७.०० रुपये के लक्ष्य भाव के साथ खरीदने के लिए कहा है, जबकि इस सौदे में घाटा काटने का स्तर २९०.०० रुपये का है। उन्होंने अशोक लेलैंड (१३२.९०) को १४०.०० रुपये के लक्ष्य के साथ बेचने की सलाह दी है और इसमें घाटा काटने का स्तर १२८.०० रुपये पर रखने की सलाह दी है। |
सभी मनुष्य एक ईश्वर की संतान होने के नाते एक परिवार के सदस्य होते हुए भी विचारों में भिन्नता होने के कारण अनेक संपद्राय, समाज और धर्मों में बंट गए हैं। धर्म के मौलिक तत्व शांति, प्रेम, पवित्रता इन सभी से हम वंचित हो गए हैं ये बात ओड़िशा के संबलपुर में माउंट आबू से आए धार्मिक प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बीके रामनाथ ने पावन सरोवर में आयोजित एक ईश्वर-एक विश्व परिवार विषय पर आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन के दौरान कही। इस मौके पर हिंदू धर्म से स्वामिनी विष्णुप्रिया नंदा, मुस्लिम से मौलाना साहाबुद्देन खान, सिक्ख धर्म से सुरजीत सिंह, क्रिश्यन धर्म से फादर आल्फांस टोप्पो, सेवाकेंद्र प्रभारी बीके पार्वती ने भी खुदा को पाने के लिए पहले अपने आप को जानने की जरूरत बताई।
सभी धर्मों के प्रतिनिधियों को सेवाकेंद्र के द्वारा ईश्वरीय सौगात भी भेंट की गई और माउण्ट आबू आने का निमंत्रण दिया गया।
स्व उन्नति के लिए ४ दिनों के लिए विशेष कार्यक्रम भी सेवाकेंद्र पर आयोजित किया गया। जिसमें विधायक डॉ. राजेश्वरी पानीग्रही, विकास ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के मैनेजिंग डायरेक्टर जी भास्कर, स्पेशल लैंड एक्विशन ऑफिसर सीतांशू त्रिपाठी, बीके रामनाथ, सेवाकेंद्र प्रभारी बीके पार्वती समेत अनेक वक्ताओं ने मन जीते जगतजीत पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि जितना हमारा मन उत्तेजित होता जा रहा है हम खुद से दूर होते जा रहे हैं जिसके लिए राजयोग के अभ्यास द्वारा मन को कंट्रोल कर सकते हैं।
४ दिनों तक सेवाकेंद्र से जुड़े युवा, महिला और वरिष्ठ लोगों के लिए अलग अलग कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें राजयोग की अनुभूति के साथ प्रश्नोत्तर का भी सेशन रखा गया।
इसके अलावा बुर्ला में बसंतपुर के वीएसएसयूटी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में बीके रामनाथ ने मोटिवेशनल योगा प्रोग्राम के तहत युवाओं को बताया कि मन को कैसे स्थिर और शांत बनाएं तथा एकाग्रता की शक्ति से सफलता हासिल करें। |
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि युवा राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति होती है और भारत भाग्यशाली है कि उसके पास कौशल से परिपूर्ण अभिलाषी युवा शक्ति है।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यकुशलता पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कई बार अस्पतालों में बेड बढ़ाने का निर्देश दे चुके हैं, लेकिन अधिकारी अनसुना कर रहे है।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ ने बुधवार को घोषणा की कि दिल्ली के सुदेवा फुटबॉल क्लब और विशाखापत्तनम के श्रीनिधि फुटबॉल क्लब को हीरो आई लीग में खेलने का अधिकार दिया गया है।
बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त ने अपने पति को फाइटर बताया और उनलोगों को धन्यवाद दिया है, जिन्होंने उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए दुआ की है।
गुरुग्राम। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में देश अच्छे मुकाम पर खड़ा है। शाह ने यहां केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के अखिल भारतीय वृक्षारोपण अभियान में भाग लेते हुए कहा कि यह कार्यक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब पूरी दुनिया एक बड़े संकट (कोविड-१९ महामारी) का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्षों के इतिहास में इस तरह की महामारी का जिक्र नहीं मिलता है और आज पूरे विश्व में कोरोना महामारी व मानव जीवन के अस्तित्व के बीच लड़ाई चल रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत इस जंग को अच्छी तरह से लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में जब बड़े से बड़े विकसित देशों की स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ चरमरा गयीं वहीं घनी आबादी वाले देशों में से एक देश (भारत) ने सफलता से यह जंग लड़ी है। उन्होंने कहा कि यहां स्वास्थ्य सेवाओं का आधारभूत ढांचा अन्य विकसित देशों की तुलना में सशक्त भी नहीं था तो सबके मन में आशंकाएं थीं कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई भारत जैसा देश कैसे लड़ेगा, किंतु आज पूरी दुनिया देख रही है कि कोरोना के खिलाफ पूरे विश्व में सफलता से जंग यदि कहीं लड़ी गई है तो वह भारत में लड़ी गई है। |
बिहार सरकार ने २००६ में स्कूल जाने के लिए साइकल खरीदने के लिए कक्षा ९ की लड़कियों को नकद रुपए देने का एक कार्यक्रम शुरू किया था। वर्ष २०१६ में किए गए एक सर्वे के आधार पर इस आलेख में दर्शाया गया है कि इससे लाभार्थियों के लिए अपनी पढ़ाई पूरी करने, कृषि के बाहर अधिक उत्पादक काम खोजने और देर से विवाह करने की संभावना बढ़ गई। हालांकि उनमें से बहुतों को काम करने की अनुमति नहीं दी गई या उन्हें उपयुक्त काम नहीं मिल सका।
मुख्यमंत्री बालिका साइकल योजना का आरंभ बिहार सरकार द्वारा २००६ में किया गया था। योजना के तहत कक्षा ९ में नामांकित हर लड़की को साइकल खरीदने के लिए नकद रकम मिलती है ताकि उसका उपयोग वह स्कूल जाने के लिए करे। इसके पीछे यह विचार था कि क्यूंकि जनसँख्या के अनुपात में स्कूलों की संख्या कम है और लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं इसलिए साइकल होने से दूर-दराज के स्कूलों तक पहुंचने का उनका समय घटेगा। इस तरह बिना अधिक निवेश किए उनके स्कूलों को नजदीक किया जा सकेगा। योजना के आरंभिक रिपोर्ट अत्यंत अनुकूल थे। बिना अधिक दुरुपयोग हुए यह योजना कारगर रही थी : पहले साल में ही नामांकन ३० प्रतिशत से अधिक बढ़ गया था (मुरलीधरन एवं प्रकाश २०१७) जबकि योजना से रकम का रिसाव ५ प्रतिशत से भी कम था (घटक, कुमार एवं मित्रा २०१६)।
ये परिणाम काफी प्रभावशाली हैं। साइकल पर चलने वाली लड़की महज स्कूल जाने वाली लड़की नहीं है : वह समाज में हुए बदलाव और नए सामाजिक प्रचलनों तथा आकांक्षाओं में हुई वृद्धि को भी दर्शाती है। साइकल कार्यक्रम के प्रभाव का महज नामांकन की संख्या बढ़ने के रूप में मूल्यांकन करना योजना की संभावनाओं को सीमित कर देगा। कुल प्रभाव में समाज में लड़कियों और महिलाओं की भूमिका के बारे में पुरुषों और महिलाओं, दोनो के नजरिए में होने वाले बदलाव को शामिल किया जाना चाहिए। इसलिए इस व्यापक परिप्रेक्ष्य में हम साइकल कार्यक्रम के दीर्घकालिक प्रभाव का अध्ययन करते हैं (मित्रा एवं मोइन २०१७)।
हमारा विश्लेषण दर्शाता है कि इस योजना के तहत साइकल पाने वाली किसी लड़की द्वारा दसवीं कक्षा तक पढ़ाई पूरी करने की संभावना साइकल नहीं पाने वाली लड़कियों से २७.५ प्रतिशत अधिक थी। यह योजना का प्रत्यक्ष इच्छित प्रभाव है। हालांकि आश्चर्य की बात यह है कि साइकल से कोई प्रत्यक्ष मदद नहीं मिलने के बाद भी लड़कियों ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। बिहार में उच्च माध्यमिक विद्यालय और कॉलेज आम तौर पर गांवों से दूर हैं और उनकी संख्या बहुत कम है। इसका अर्थ हुआ कि लड़कियां वहां साइकल से नहीं जा सकती हैं। तब भी हमारे परिणाम दर्शाते हैं कि साइकल योजना शुरू होने के बाद स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए पढ़ाई जारी रखने और अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने की संभावना साइकल नहीं पाने वाली लड़कियों की तुलना में २२.९ प्रतिशत बढ़ गई। अतः साइकल माध्यमिक विद्यालयों तक पहुंचने की बाधा दूर करने में ही मदद नहीं कर रही है। यह परिवर्तन का साधन और नई आकांक्षाओं के लिए माध्यम भी है।
टिप्पणी : आरेख दर्शाता है कि बिहार में योजना के तहत साइकल पाने वाली किसी लड़की के लिए किसी खास स्तर तक पढ़ाई पूरी करने या विवाह होने अथवा काम करने के मामले में, साइकल नहीं पाने वाली बिहार की लड़की की तुलना में कितनी अधिक संभावना है जबकि दोनो श्रेणी की लड़कियों के लिए अन्य सारी चीजें समान हैं।
साइकल पाने वाली लड़कियों के लिए कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने की संभावना साइकल नहीं पाने वाली बिहार की लड़कियों की तुलना में ५ प्रतिशत अधिक है। हालांकि यह सप्लाई साइड की बाधाओं का संकेत देती है, तब भी बिहार में वास्तव में कॉलेज जाने वाली लड़कियों के निम्न प्रतिशत को देखते हुए यह कोई छोटी संख्या नहीं है। साइकल कार्यक्रम शिक्षा के प्रति मानसिकता बदलने में सक्षम है, जैसा कि स्कूली शिक्षा पूरी करने की उच्च दरों से स्पष्ट होता है। कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के मामले में अचानक गिरावट लड़कियों को आगे पढ़ने देने की अनिच्छा के बजाय उनके क्षेत्रों में कॉलेजों के नहीं होने का सूचक हो सकती है।
अध्ययन करने के लिए लड़कियों के लिए रास्ते खोलने से उनके द्वारा किए जाने वाले अन्य चुनावों पर चक्राकार प्रभाव पड़ता है। हमने दो निर्णयों का अध्ययन किया : काम के प्रति उनकी पसंद और विवाह के संबंध में उनके निर्णय।
काम के संबंध में हमारे परिणाम दर्शाते हैं कि जिन लड़कियों को साइकल मिली, उनके काम करने की संभावना (कृषि में) कम रहती है। यह देखते हुए कि वे अधिक पढ़ रही हैं, यह आश्चर्यजनक लग सकता है। लेकिन गहराई से छानबीन करने पर हमने पाया कि लड़कियों के लिए उपलब्ध प्राथमिक पेशा कृषि में काम करना था। लड़कियों ने जमीन पर काम करने के बजाय अधिक उपयुक्त काम पाने के लिए इंतजार करना पसंद किया। हमारे अध्ययन में पाया गया कि साइकल वाली लड़कियों द्वारा कृषि में काम करने की संभावना ४.१७ प्रतिशत कम थी। जब उनसे पूछा गया कि वे काम क्यों नहीं कर रही हैं, तो ४5 प्रतिशत से भी अधिक ने कहा कि वे काम करना चाहेंगी लेकिन उनके परिवार के लोग उन्हें अनुमति नहीं देते हैं। वहीं १० प्रतिशत से अधिक ने कहा कि उन्हें उपयुक्त काम नहीं मिला है।
अधिक शिक्षा ने लड़कियों की आकांक्षाओं को बदल दिया है और वे अपनी जिंदगी में कुछ अधिक हासिल करने की चाहत रखती हैं। वे कृषि में कम भुगतान वाला काम करने के बजाय कोई उपयुक्त काम पाने के लिए इंतजार करना चाहती हैं। काम की कमी उनके लिए बाधा बनती है। यह भी ऐसी अन्य नीतियों की जरूरत का संकेत देती है जो मुख्यमंत्री साइकल योजना द्वारा किए गए काम के पूरक काम करे। लड़कियों का कई तरीकों से सशक्तिकरण हुआ है, लेकिन अब उन्हें स्वतंत्र होने के साधन उपलब्ध कराने की जरूरत है। इसके लिए अधिक काम उपलब्ध कराने के लिहाज से राज्य द्वारा अधिक प्रयास और नई नीतियों की जरूरत है।
हमने जिस दूसरे निर्णय पर अध्ययन किया वह विवाह संबंधी निर्णय है। भारत में विवाह की उम्र कम रहती है। वर्ष २०११ के जनगणना (सेन्सस) आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के विवाह की औसत उम्र २१.२ वर्ष (ग्रामीण महिलाओं की २0.७ वर्ष) है जो बिहार में २0.७ वर्ष (ग्रामीण महिलाओं के लिए २0.५ वर्ष) है। कम उम्र में विवाह के साथ अनेक जटिलताएं जुड़ी रहती हैं। हालांकि समाज की मानसिकता को बदलना मुश्किल है। हमने यह आश्चर्यजनक बात पाई की साइकल से स्कूल जाने वाली लड़कियां विवाह देर से कर रही हैं। हमने पाया कि साइकल कार्यक्रम से साइकल पाने वाली लड़कियों की शादी के समय उम्र बिना साइकल वाली लड़कियों से औसतन छह महीने अधिक थी। यह लड़कियों के लिए शिक्षा को आसान बनाने के एक अन्य सकारात्मक पक्ष को दर्शाता है।
कुल मिलाकर साइकल कार्यक्रम के चलते लाभार्थियों की आकांक्षाएं बढ़ी हैं और महिलाओं के बारे में मानसिकता में बदलाव आया है। लड़कियों द्वारा स्कूली शिक्षा पूरी करने, कॉलेज जाने और कृषि से बाहर उत्पादक काम खोजने की संभावना बढ़ गई है। सामाजिक परिप्रेक्ष्य में भी, इससे महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। लड़कियों की कम उम्र में शादी की आशंका घटी है और वे बच्चों को जन्म देने में देर कर रही हैं।
हमारे विश्लेषण में उन अन्य अड़चनों और बाधाओं की भी पहचान की गई है जिनका सामना साइकल पाने वाली लड़कियों को अपने नए सपने पूरे करने के मामले में करना पड़ता है। उन्हें काम पाने में कठिनाई होती है और उनके इलाके में पर्याप्त अच्छे कॉलेज नहीं हैं। यह भी एक गंभीर बाधा है कि समाज धीमी गति से बदलता है और अनेक लड़कियों को अपनी आकांक्षाएं पूरी करने के लिए अपने घर में अभी भी विरोध-प्रतिरोध झेलना पड़ता है।
लेखक परिचय : शबाना मित्रा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, बैंगलोर (आइआइएमबी) के सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी में असिस्टेंट प्रॉफेसर हैं। कार्ले मोइन ऑस्लो यूनिवर्सिटी के इकनॉमिक्स विभाग में स्टडी ऑफ इक्वौलिटी, सोशल ऑर्गनाइजेशन एंड परफॉर्मेंस में प्रॉफेसर हैं।
यह लेख आइडियाज फॉर इंडिया की अनुमति से पुनर्मुद्रित किया गया है। |
सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड की अनिवार्यता पर अहम फैसला लिया और आधार कार्ड की कानूनी मान्यता को बरकरार रखी है और साथ ही आधार की वैध पर कई शर्ते रख दी हैं ।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कोर्ट के इस फैसले पर कहा कि, सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय शासन को शक्ति देता है और लोकतंत्र को शक्ति देता है ।
केंद्रीय मंत्री के इस बयान का वीडियो साझा करते हुए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अंकित लाल मोदी सरकार पर वार करने से पीछे नहीं हटे ।
कानून मंत्री के कहे पर आप कार्यकर्ता अंकित लाल ने सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद ही क्यों प्रजातंत्र मजबूत होता है ?
अंकित ने ट्विटर पर कहा कि, प्रजातंत्र को थोड़ी बहुत मजबूती तो सरकार भी दे सकती है । अपने इस कहे पर चुटकी लेते हुए आप कार्यकर्ता ने लिखा की, ओह, मेरी गलती है, मैं तो भूल ही गया था कि देश में भाजपा की सरकार है और इसका बस चले तो देश में प्रजातंत्र ही खत्म कर दे ।
सुप्रीम कोर्ट की फ़टकार के बाद ही क्यों प्रजातंत्र मज़बूत होता है?
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर फैसला लिया की आधार को बैंक अकाउंट, मोबाइल से लिंक करने को ज़रूरी नहीं और अब निजी कम्पनियां आधार नहीं मांग सकती है। फैसले पर कोर्ट ने आधार एक्ट में कई प्रावधानों में बदलाव कर दिए है।
आधार कार्ड पर फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई में ५ जजों की बेंच ने कहा कि सरकार को निर्देश दिए की सरकार बायॉमीट्रिक डेटा को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर कोर्ट की इजाजत के बिना किसी और एजेंसी से शेयर नहीं करेगी। |
शिक्षक दिवस ५ सितम्बर को हर साल मनाया जाता हैं । इस दिन ५ सितम्बर १८८८ को डॉ. राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था । वे लोकप्रिय शिक्षक थे। उनके स्टूडेंट्स उनका जन्म दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाने लगें ।
वें अच्छे शिक्षक अच्छे इंसान थे । सभी से बहुत विन्रमता से बोलना व सभी की बातों को सुनना समझना उनके कुछ गुण रहें। देश के प्रथम उपराष्ट्रपति व दूसरे राष्ट्रपति भी रहे । शिक्षा के क्षेत्र में अनेक काम किये व शिक्षा को एक अलग मुकाम तक ले कर के गए । उनके काम समाज के लिये बहुत अच्छे रहें व उन्होंने समाज को एक नई दिशा प्रदान की । शिक्षक दिवस के कई उददेश्य है सच्चाई , अच्छी शिक्षा , सम्मान , आदि । |
हमने आप को कल एक रिपोर्ट मई बताया था की केंद्र सर्कार जल्द ही फसे हुए मजदुर और छात्रों को घर भेजने की तयारी कर रही है। आज केंद्र सर्कार ने सभी फसे हुए लोगो को उन के घर पहोचने के लिए स्पेशल ट्रैन चलने की अनुमति देदी है।
कोरोना लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए अब केंद्र सरकार ने स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है। इससे पहले कल ही गृह मंत्रालय ने इनकी घर वापसी के लिए नई गाइडलाइंस जारी की थी, जिनमें कई तरह की छूट दी गई थी।
रेलवे ने कहा है कि जिस राज्य से मजदूर घर के लिए रवाना होंगे, वहां की सरकार को उनकी जांच करनी होगी। एसिंप्टोमेटिक को ही यात्रा की इजाजत होगी। राज्य को मजदूरों को समूह में स्टेशन तक सैनिटाइज किए हुए बसों में लाना होगा।
बिहार और पंजाब सहित ४ राज्यों ने की थी स्पेशल ट्रेन की मांग बिहार, पंजाब, तेलंगाना और केरल ने केंद्र सरकार से लोगों को लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की थी। राज्यों ने कहा था कि लोगों की संख्या काफी है। ऐसे में बसों से इन लोगों को घरों तक पहुंचाने में काफी समय लग जाएगा। वहीं, संक्रमण का भी खतरा रहेगा, क्योंकि कई राज्यों से होकर आना होगा।
लॉकडाउन में फंसे १२०० मजदूरों को लेकर तेलंगाना से झारखंड के लिए पहली स्पेशल ट्रेन आज यानी शुक्रवार को रवाना हो गई। बता दें कि लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए यह किसी बड़े राहत से कम नहीं है। हालांकि, आगे और कितनी ऐसी ट्रेनें चलेंगी, अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि तेलंगाना से खुली इस स्पेशल ट्रेन के २४ डिब्बों में लगभग १२०० प्रवासी हैं। अधिक ट्रेनें चलाई जाएंगी या नहीं, इस पर निर्णय आज लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रेन आज सुबह ४:५० बजे तेलंगाना के लिंगरपल्ली से खुली है, जो झारखंड के हटिया जा रही है। |
जब एक लड़की की शादी होती है तो नए घर में वो बहुत से नए रिश्तों में बंधती है। सास-ससुर के साथ रिश्ता, देवर के साथ और इन सबके अलावा जो एक और ख़ास रिश्ता होता है वो है ननद-भाभी का रिश्ता। ननद-भाभी का रिश्ता खट्टे-मीठे भावनाओं से भरा होता है लेकिन फिर भी यह कहा जाता है की ननद की खुशियां और भाभी की खुशियां एकदूसरे से जुड़ी होती है। अगर ननद-भाभी को अपनी दोस्त की तरह समझें और भाभी अपनी ननद को बहन की तरह मानें तो बहुत हद तक यह रिश्ता सुलझ सकता है। जब एक लड़की शादी करके नए घर में जाती है तो एक अच्छी ननद ही अपने भाभी को कम्फर्टेबल महसूस करा सकती है और भाभी को भी अपनी ननद की भावनाओं को समझाना चाहिए तभी यह रिश्ता ज़िंदगीभर मज़बूत बना रहेगा। आज इस ब्लॉग के ज़रिये हम आपको बता रहे हैं की कैसे आप ननद-भाभी के रिश्ते को खुशनुमा और मज़ेदार बना सकती हैं।
ननद-भाभी के रिश्ते को दोस्ती के रिश्ते में बदलिए, ननद के साथ वक़्त बिताइए, उन्हें अपने साथ शॉपिंग के लिए ले जाएँ, उनके साथ घूमें इससे आपकी ननद को भी अच्छा लगेगा। उन्हें लगेगा की आप उन्हें महत्व दे रही हैं और वो भी आपके साथ को एन्जॉय करने लगेगी।
अपनी ननद को उतना ही प्यार दें जितना आप अपनी बहन को देती हैं, उन्हें अपनी बहन की तरह समझें और मानें। उन्हें एहसास दिलाएं की आप उनकी फ़िक्र करती हैं बिलकुल अपनी बहन की तरह।
आप अपनी ननद के लिए गिफ्ट ले सकती हैं और ज़रूरी नहीं की इसके लिए आप कोई खास मौका ढूंढें या कोई बहुत महंगी गिफ्ट लें। आप अपनी ननद की पसंदीदा चॉकलेट्स या कुछ पसंदीदा चीज़ें भी दे सकती हैं। इसके अलावा ननद भी अपनी भाभी को गिफ्ट देकर उन्हें खुश कर सकती हैं।
अगर आपको किसी चीज़ से परेशानी है और आप अपनी बात किसी से कह नहीं पा रही है तो आप अपनी बात को ननद से शेयर करें। आप ऐसा करेंगी तो आपकी ननद भी आपसे अपनी स्कूल, कॉलेज या ऑफिस की बातें आपसे शेयर करना शुरू करेंगी और आपदोनों के बीच एक अच्छा तालमेल बनेगा।
अगर आपके मन में कोई उलझन हो तो अपनी ननद से बात करें और सलाह लें, इसके अलावा अगर आपको आपकी ननद परेशान दिखें तो उनसे बात करके, उन्हें सलाह दें। इन सबके अलावा अगर आपकी पति के साथ कुछ नोंकझोंक हुई है तो अपनी ननद के साथ बात करें या आपकी ननद की आपके पति के साथ लड़ाई हो गई हो तो आप दोनों के बीच सुलह करवाने की कोशिश करें।
इन सब छोटी-छोटी पर अहम् बातों को ध्यान में रखकर आप अपनी ननद-भाभी के रिश्ते को हमेशा खुशनुमा और मौज-मस्ती से भरपूर बनाएं रख सकती हैं, बस ज़रूरत है तो आपदोनों को मिलकर अपने स्वभाव से इस रिश्ते को निखारने की। |
७३ करोड़ के लाठी... तनकी संभल के... २१ सिप्तंबर २०१० न्यूज डेस्क लखनऊ। अयोध्या विवाद पर २४ सितंबर के आवे वाला हाईकोर्ट के फैसला के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार परिस्थिति से निपटे के पुरी तैयारी कर रहल बिया। चाक चौबंद व्यवस्था के तहत सरकार पूरे प्रदेश भर में पुलिस के सबसे प्रभावी हथियार लाठियन के खरीद में जुट गइल बिया। अउर सरकार का ओर से एकरा खातिर ७२.५ करोड़ रुपया के स्वीकृति मिल चुकल बाटे। अयोध्या में विवादित स्थल के स्वामित्व विवाद पर फैसला २४ सितंबर के आवे वाला बा। आशंका बा कि फैसला जउन भी आये, कुछ जगह पर भीड़ प्रदर्शन कर सकत बिया। एही आशंका के तहत पुलिस खुद के मजबूत कर रहल बिया। हाल ही में कानून व्यवस्था के मुददा पर लखनऊ में भइल बइठक में पुलिस अफसर लोग इ मानलं की फोर्स के पास लाठी के काफी कमी बा। लाठियन के खरीद २४ सितंबर के पहले ही करे के तैयारी बा। एगो पुलिस अधिकारी के अनुसार पुलिस विभाग में एके-४७, इंसास रायफल, बुलेट प्रूफ जैकेट आदि के खरीददारी त होते रहेला, लेकिन लाठी खरीदे पर केहु के ध्यान ना जात रहे, लेकिन जब बइठक में इ मामला उठल त सरकार द्वारा तुरंत कारवाई भइल। लाठियन के अधिकांश खरीददारी उतर प्रदेश के रामपुर जिला से हो रहल बाटे। इहँवा सामान्य लाठी के कीमत ३०० रुपया बा, जबकि पॉलीकार्बोनेटेड लाठी के कीमत करीब ५00-७०० रुपया के बीच बा। विभाग अधिकांश पॉलीकार्बोनेटेड लाठी ही खरीद रहा बाटे, काहें कि एकरा पिटाई से दर्द त काफी होला, लेकिन जख्म ना होला। |
देश की साझी विरासत सुरक्षित है, आप तो अपनी सीट की चिंता करिए शरद जी !
शरद यादव ने यह नहीं बताया कि साझी विरासत को खतरा कहां उत्पन्न हुआ है। भारत की साझी विरासत शरद यादव, राहुल गाँधी, मनमोहन सिंह, लालू यादव, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी आदि की वजह से नहीं है। यह भारतीय सभ्यता-संस्कृति का प्रभाव है। इसे कुछ अराजक तत्व समाप्त नहीं कर सकते। ऐसी कुछेक घटनाएं यदि हुई हैं, तो वे कानून व्यवस्था की समस्या हैं। इससे विरासत पर कोई असर नहीं पड़ा है। हमारा समाज आज भी पहले जैसा है। अतः शरद यादव के लिए ठीक होगा कि वे साझी विरासत की नहीं, अपनी सीट बचाने की चिन्ता करें।
विपक्षी पार्टियों का जमावड़ा बड़े अर्न्तद्वन्द से गुजर रहा है। शरद यादव के साझी विरासत बचाओ सम्मेलन में यही त्रासदी दिखाई दी। नामकरण से लग रहा था कि इसमें कोई बड़ा वैचारिक धमाका होने वाला है। साझी विरासत के रूप देश की गौरवपूर्ण सामाजिक व्यवस्था पर चर्चा होगी। यह भी सोचा गया कि इस विरासत को बचाने के लिए कोई नया प्रस्ताव आयेगा। लेकिन फिर वही ढांक के तीन पात। तीन वर्षों से जो बातें चल रही हैं, वही यहां भी दोहरायी गयीं। लेकिन ये तदवीर भी उनकी कमजोरी को छिपा नहीं सकी।
इससे कई तथ्य उजागर हुए। पहली बात यह कि विपक्ष की हताशा सामने आ गयी। सभी ने एक स्वर में भाजपा के मुकाबले के लिये एकजुटता का राग अलापा। इसका सीधा तात्पर्य है कि इनमें से किसी पार्टी में अब अकेले चलने की क्षमता नहीं रही। दूसरी बात यह है कि जमावडे़ में सर्वमान्य नेतृत्व का अभाव है। सभी नेता अपने-अपने लिये संभावना तलाश रहे हैं। शरद यादव भी इसी कवायद में लगे हैं। शरद के सामने नयी समस्या आ गयी है। उनका अपना जनाधार नहीं है।
संसद में पहुंचने के लिये उन्हें किसी न किसी के सहारे की जरूरत हमेशा रही है। इस समय भी वह नीतीश कुमार की मेहरबानी से राज्यसभा में हैं। शरद अपनी स्थिति देख लें। बिहार में जद(यू) के सभी विधायक नीतीश कुमार के साथ हैं। अभी कुछ दिन पहले शरद बिहार की यात्रा से लौटे तो किसी एक वर्तमान विधायक ने उनसे मिलने की जरूरत नहीं समझी। यहां तक कि जद(यू) के गिने-चुने कार्यकर्ताओं के अलावा कोई उनके साथ नहीं था। राजद के सहयोग से शरद ने लाज बचायी। इसी के साथ शरद यादव के सामने समस्या उत्पन्न हुई है। नीतीश कुमार से अलग स्टैंड लेने के बाद शरद का आधार दरक गया है। लेकिन, उनकी समस्या यहीं तक सीमित नहीं है।
लालू यादव ने अपनी पार्टी की विरासत बेटे तेजस्वी को सौंप दी। कांग्रेस में सोनिया गांधी की सक्रियता कम हुई है। वहां राहुल गांधी अघोषित रूप से अध्यक्ष की भूमिका में हैं। शरद को इसी कारण अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता हो रही है। उन्हें अब अपनी वरिष्ठता को किनारे रखते हुए तेजस्वी और राहुल के पीछे चलना होगा। अपनी अहमियत दिखाने के लिए उन्होंने साझी विरासत बचाओ सम्मेलन आयोजित किया। इसी तरह शरद यादव अपना नेतृत्व आगे करने का प्रयास कर रह रहे थे। इसके लिये वह नया शब्द तलाश करके लाये थे। लेकिन, उनकी साझी विरासत में पश्चिम बंगाल, केरल की घटनाओं का जिक्र नदारद थे।
जिन साथियों के साथ शरद यादव अपनी विरासत बचाने का प्रयास कर रहे हैं, उनमें से कांग्रेस तो पूरी तरह से टूट गयी है। आज कांग्रेस के पास उत्तर भारत में पंजाब और हिमाचल प्रदेश के सिवा कोई राज्य नहीं बचा है, जहां वो सत्ता में हो। जो कांग्रेस अपनी सियासी जमीन बचाने में खुद नाकाम है, वो शरद यादव को कितना मजबूत कर सकती है, यह अपने आप में बड़ा प्रश्न है।
शरद ने यह नहीं बताया कि साझी विरासत को खतरा कहां उत्पन्न हुआ है। भारत की साझी विरासत शरद यादव, राहुल, मनमोहन सिंह, लालू यादव, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी आदि की वजह से नहीं है। यह भारतीय सभ्यता-संस्कृति का प्रभाव है। इसे कुछ अराजक तत्व समाप्त नहीं कर सकते। ऐसी घटनाएं कानून व्यवस्था की समस्या है। इससे विरासत पर कोई असर नहीं पड़ा है। हमारा समाज आज भी पहले जैसा है। अतः शरद यादव साझी विरासत की नहीं, अपनी सीट बचाने की चिन्ता करें। साझी विरासत में उनकी भूमिका नहीं हो सकती।
यहां जो भाषण हुए, वह भी विपक्ष की बासी विरासत से ज्यादा नहीं था। राहुल गांधी अपने पुराने अंदाज में थे। कहा कि भाजपा जीत नहीं सकती, इसलिए अपने लोगों को विभिन्न संस्थाओं में तैनात कर रही है। राहुल बतायें कि उनकी सरकार किसे तैनात करती थी। वह इनके बल पर जीत कर क्यो नहीं आ गये।
कुल मिलाकर विपक्ष पूरी तरह से हारा हुआ नजर आ रहा है। इस कार्यक्रम के जरिए शरद ने अपनी सियासी ताकत का प्रदर्शन करने का प्रयास जरूर किया है, लेकिन जिन नेताओं और दलों के सहारे शरद यादव अपनी सियासी ताकत जुटाने को तैयार हैं, उनके पैरों तले से पहले ही सियासी जमीन खिसक चुकी है।
ये मुसलमानों का तुष्टिकरण करने वाली नहीं, उनके समग्र विकास के लिए काम करने वाली सरकार है !
अब चीन के हर पैंतरे का माकूल जवाब देने लगा है भारत ! |
वेतन सब्सिडी की नीति वर्तमान में केन्द्र एवं राज्य स्तरों पर जितनी भी सब्सिडी दी जाती है। सभी पूंजी के रूप में दी जाती हैं-चाहे वह ब्याज पर हो या ऋण पर हो। हमारे सकल घरेलू उत्पाद में सब्सिडी का हिस्सा लगभग ५ प्रतिशत है। ये सब्सिडी पूंजी आधारित उत्पादन के तरीकों को बढ़ावा देती है। इसमें परिवर्तन करके इसे वेतन आधारित बनाया जा सकता है। यानी कोई भी उद्यमी जितनी अधिक नौकरियाँ देगा, उसे उतनी अधिक सब्सिडी मिलेगी।
कौशल विकास कौशल विकास का वर्तमान कार्यक्रम अधिक गति नहीं पकड़ पाया है। कौशल विकास मंत्रालय ने भी ३० करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने के अपने लक्ष्य को त्याग दिया है। जुलाई २०१७ तक जिन ३० लाख लोगों ने किसी प्रकार का व्यावसायिक प्रशिक्षण लिया है, उनमें से १० प्रतिशत से भी कम को रोजगार प्राप्त हुआ है।
इस क्षेत्र में हमें स्थानीय व्यवसायियों को जर्मन मॉडल की तरह काम करने को तैयार करना होगा। जर्मनी में विश्व का सफलतम व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया है। इस मॉडल में जर्मनी के व्यवसायी कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए काफी धन खर्च करते हैं। इससे उन्हें प्रशिक्षु के रूप में ही बहुत अच्छे कर्मचारी मिल जाते हैं। किसी भी स्थिति में रोजगार की गारंटी के बिना व्यावसायिक प्रशिक्षण देना व्यावहारिक नहीं है।
तीसरा मार्ग कृषि क्षेत्र से संबंधित है। आज की युवा पीढ़ी अपने पारंपरिक कृषि व्यवसाय से बाहर निकलने को आतुर है। दरअसल, इस व्यवसाय को अधिक उत्पादक एवं अधिक आय वाला बनाने की आवश्यकता है। अनाज की फसल से अधिक लाभ फल, सब्जी एवं पशुपालन में है। ये उद्यम भी रोजगार के कई अवसर देते हैं। परन्तु इस क्षेत्र को अधिक उत्पादक एवं रोजगारोन्मुख बनाने के लिए कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रीजरेटेड परिवहन की संख्या को बढ़ाना होगा।
१९१७ में हुई रूस की अक्टूबर क्रांति की चर्चा के बिना २०वीं शताब्दी का इतिहास लिखा नहीं जा सकता। ७ नवम्बर को रूसी समाजवादी क्रांति की शताब्दी पूर्ण हुई। एक देश के लिए यह ऐसी कहानी है, जिसने उसे बहुत ही कम समय में एक गरीब कृषि प्रधान देश से सैनिक और औद्योगिक ताकत बना दिया। इसे रूसी लोगों के साहस, त्याग और पीड़ा की कथा भी कहा जा सकता है। क्रांति के इस शताब्दी वर्ष में ऐसे भी कई विद्वान हैं, जो इसे विफल मानते हुए, उस दृष्टिकोण से इसका अध्ययन करना चाहते हैं। परन्तु तथ्य कुछ और ही बयां करते हैं।
अक्टूबर क्रांति का विचार इतना शक्तिशाली था कि इसने विश्व के अधिकांश दमित लोगों के दिलों को छू लिया। शोषण एवं गुलामी से मानव मात्र को स्वतंत्र करना ही क्रांति का मुख्य लक्ष्य था। इसने ऐसे पूंजीवाद को नकारकर समाजवाद की स्थापना की, जिसमें एक मानव दूसरे का शोषण करता है। इस क्रांति ने प्रकृति और मानव के बीच के संबंध को सद्भावपूर्ण बनाया एवं हर व्यक्ति को जीवन के प्रत्येक सोपान के लिए तैयार कर दिया।अक्टूबर क्रांति ने पूरे विश्व के ऐतिहासिक एवं वैचारिक परिदृश्य को ही बदलकर रख दिया। इसने न केवल जार के शासन को परिवर्तित किया, बल्कि समस्त विश्व पर दूरगामी प्रभाव डाला।
समस्त विश्व के स्वतंत्रता आंदोलनों पर क्रांति का व्यापक प्रभाव पड़ा। इसमें भारत भी शामिल था। भारतीय स्थितियों में आज भी इसका उतना ही प्रभाव है। वर्तमान के समाजवादी एवं माक्र्सवादी दल इसका उदाहरण हैं। हमारे स्वतंत्रता संघर्ष के प्रणेताओं ने भी रूसी क्रांति के विचारों का समर्थन किया था।अक्टूबर क्रांति के नेता लेनिन ने एशियाई देशों के समाजवादियों से अपील की थी कि वे अपने देश के अनुभवों एवं जरूरतों के अनुसार क्रांति की नई विचारधारा बनाएं। यद्यपि रूसी समाजवादी अतिवादी थे, लेकिन उन्होंने बाकी देशों को रूसी क्रांति की नकल न करने की ही सलाह दी। काँक्रीट एनालिसिस ऑफ़ काँक्रीट कंडीशन्स (ठोस परिस्थितियों का यथार्थपूर्ण विवेचन), यही लेनिन के द्वंद्ववाद की परिभाषा थी।
दरअसल, एशियाई देशों की परिस्थितियाँ काफी जटिल रही हैं। इसकी सामाजिक-आर्थिक संरचना की ऐतिहासिक परंपरा है। माक्र्स ने भी कहा था कि एशिया के सामाजिक एवं आर्थिक संबंध एक- दूसरे पर आरोपित हैं। माक्र्स ने इसे एशियाटिक मोड ऑफ़ प्रोडक्शन का नाम दिया था। लेनिन ने इन देशों के माक्र्सवादियों को अपने यहाँ की स्थितियों का विवेचन करके रणनीति बनाने को कहा था। भारत में जातिभेद और लिंगभेद जैसी जटिल संरचना रही है।
लेनिन के साम्राज्यवाद के विचार ने भी एशियाई देशों के समाज को समझने में सहयोग दिया। पूर्वी देशों में पूंजीवाद का स्वरूप जटिल है। पूंजीवाद की पश्चिमी अवधारणा पूर्वी देशा में विध्वंसक साबित हो रही है। इसने इन देशों की जैव विविधता, प्राकृतिक संसाधनों, आदिवासियों, कृषकों एवं पर्यावरण के लिए संवेदनशील तंत्र को नष्ट कर दिया है। पूंजीवाद पर आधारित विकास का नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। वायु, जल एवं भूमि प्रदूषण ने किसानों को कंगाल कर दिया है। यही कारण है कि वे आत्महत्या करने को मजबूर हो गए हैं। रासायनिक खाद के अत्याधिक प्रयोग से खाद्यान्न, दूध, सब्जी का दूषित होना प्राणघातक बीमारियाँ तथा आए दिन होने वाले सड़क हादसे भी अन्य ऐसे ही उदाहरण हैं, जो भारत में पूंजीवादी विकास का नमूना पेश करते हैं।
पूंजीवादी-साम्राज्यवादी विकास का ही नया नाम नवउदारवाद है। इसने समाज में बहुत अधिक असमानता उत्पन्न कर दी है। सामाजिक मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। अपनी राजनीतिक शक्ति को सुरक्षित रखने के लिए सत्ताधारी दक्षिणपंथी वर्ग और अधिक फासीवादी होता जा रहा है, और वह प्रजातंत्र तथा उससे संबंद्ध संसद जैसी प्रजातांत्रिक संस्थाओं में सेंध लगा रहा है।अक्टूबर क्रांति पूर्वी देशों में पूंजीवाद को बेहतर समझने में हमारी मदद कर सकती है। भारत में धर्मनिरपेक्ष प्रजातंत्र, सामाजिक न्याय एवं समाजवाद की रक्षा के लिए सभी शोषित एवं दमित वर्गों को एकजुट होना होगा। यह अनिवार्य हो गया है कि भारतीय परिस्थितियों में समाजवादी माक्र्सवाद को वैज्ञानिक विचारधारा के रूप में सामने रखें। अभी मानवता को कई अक्टूबर क्रांतियों की आवश्यकता है।
द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित डी. राजा के लेख पर आधारित। |
मुंबई: मायानगरी के नाम से मशहूर मुंबई में कई ऐसी ख़ूबसूरत और अनोखी चीज़ें हैं, जिसके बारे में जानकार लोगों को हैरानी होती है। उन्ही में से एक है चमक-धमक से भरा हुआ बॉलीवुड। जी हाँ बॉलीवुड की दुनिया आम दुनिया से बिलकुल भी अलग है। इस दुनिया में हमारे और आपके जैसे दिखने वाले लोग ही रहते हैं, लेकिन इनका रहन-सहन और ठाठ-बाठ आम लोगों से बिलकुल अलग होता है। बॉलीवुड में कई ऐसे स्टार्स हैं जो अपनी बेहतरीन लाइफ़स्टाइल के लिए जाने जाते हैं।
हर किसी का सपना होता है कि वह अपना जीवन काफ़ी आराम और ठाठ-बाठ से गुज़ारे। लेकिन सभी लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह होती है पैसे की कमी। बॉलीवुड के कई ऐसे स्टार्स हैं जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है। आम लोग जितने पैसे में अपना पूरा जीवन गुज़ार देते हैं, उतने में ये स्टार्स अपने महीने भर का खाना खाते हैं। बॉलीवुड स्टार्स को आलीशान कार रखने का भी काफ़ी शौक़ है। उनका यह शौक़ पुराने ज़माने से चला आ रहा है।
आज हम आपको बॉलीवुड के कुछ ऐसे स्टार्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके पास इतनी महँगी कारें हैं, जिनकी क़ीमत जानकार आप हैरान हो जाएँगे। आपको यह जानकार और भी हैरानी होगी कि इन सुपरस्टार्स के पास ऐसी महँगी कारें एक नहीं बल्कि कई हैं।
बॉलीवुड के महानायक के बारे में किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है। इसके साथ ही उनके कार प्रेम के बारे में भी बताने की ज़रूरत नहीं है। अमिताभ बच्चन को कारों का बहुत शौक़ है। २०१३ में अमिताभ बच्चन ने रॉल्स रॉयस फैंटम ख़रीदी थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें इस कार की क़ीमत उस समय ३.५ करोड़ रुपए थी। अमिताभ बच्चन के पास इसी तरह की 2५ आलीशान कारें हैं।
बॉलीवुड में किंग खान के नाम से मशहूर शाहरुख़ खान को भी कारों का काफ़ी शौक़ है। महँगी गाड़ियाँ रखने के मामले में शाहरुख़ खान पूरे बॉलीवुड में पहले नम्बर पर आते हैं। शाहरुख़ खान के पास बुग़ाती वेरॉन है, जिसकी क़ीमत लगभग १२ करोड़ रुपए है। शाहरुख़ खान के पास इसके साथ ही बीएमडब्ल्यू ६, ऑडी ६, रॉल्स रॉयस फैंटम और बेंटली जैसी महँगी गाड़ियाँ भी हैं।
प्रियंका चोपड़ा भी कार के मामले में किसी से पीछे नहीं है। प्रियंका के पास रॉल्स रॉयस घोस्ट है। इसकी क़ीमत २ करोड़ रुपए है। इसके साथ ही प्रियंका के पास मर्सीडिज-बेंज़, पोर्श और बीएमडब्ल्यू जैसी गाड़ियाँ भी है।
ऋषि कपूर के लाल रणबीर कपूर को भी कारों का काफ़ी शौक़ है। इनके पास ऑडी आर ८ है। इस कार की क़ीमत २ करोड़ रुपए है। रणबीर के पास रेंज रोवर स्पोर्ट, मर्सीडिज बेंज़ जैसी गाड़ियाँ भी है।
ऋतिक रोशन को भी महँगी कारों का काफ़ी शौक़ है, ऋतिक रोशन ने अपने जन्मदिन के मौक़े पर २०१६ में रॉल्स रॉयस घोस्ट सीरीज़ २ ख़रीदी थी। इस कार की क़ीमत ७ करोड़ रुपए है। इसके साथ ही रितिक रोशन के पास रॉल्स रॉयस घोस्ट सीरीज़ १, फ़ेरारी ३६० मोडेना और मसराती स्पाइडर जैसी कारें भी हैं।
बॉलीवुड के दबंग सलमान खान महँगी कार रखने के मामले में किसी से पीछे नहीं हैं। सलमान खान के पास ऑडी आर एस ७ का स्पोर्टियर वर्जन है। इस कार की क़ीमत १.३६ करोड़ रुपए है। इसके साथ ही सलमान खान के पास टोयोटा की लैंड क्रुजर, लेक्सस की एलएक्स 5७0, बीएमडब्ल्यू एक्स ६, मर्सीडिज बेंज़ जैसी कारें भी हैं। |
भारत-चीन सीमा पर वास्तवितक नियंत्रण रेखा अब करोड़ों रुपए की तस्करी का जरिया बन गई हैं। जहाँ भारतीय कारोबारी तस्करी के जरिए करोड़ों रुपए मूल्य के रोजमर्रा के उपयोग केसामान तिब्बत में भेज कर वहाँ से चीन के फैंसी उत्पादों को भारत लाते हैं।
यह इलाका है लद्दाख के दक्षिण पश्चिम में स्थित शंगथांग, जो तस्करों के लिए स्वर्ग बन गया है। यहाँ से गेहूँ, चावल, सिगरेट, बीड़ी तथा कुकिंग तेल जैसी दैनिक उपभोग की वस्तुओं का तस्करी होती है।
लद्दाख क्षेत्र के सैन्य तथा प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि भारतीय कारोबारी बदले में पश्मीना शाल, चीनीबर्तन, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, कंबल आदि लाते हैं।
अधिकारियों के अनुसार पिछले साल के ओलिम्पिक से पहले चीन ने शंगथांग इलाके के दूसरी ओर अपनी भूमि मेंदुमशेले में दो अस्थाई स्थल बनाए। यहाँ दोनों तरह के कारोबारी इकट्ठे होते और सामान की अदला-बदली करते।लेकिन ओलिम्पिक के दौरान तिब्बती विरोध के चलते चीन के अधिकारियों ने इस व्यवस्था को बंद कर दिया।
इसके बाद दोनों तरफ के तस्करों के लिए अदला-बदली के रूप में तस्करी का मार्ग खुल गया।
कुछ अधिकारियों का मानना है कि चीन के अधिकारी इस तस्करी को अनुमति दे रहे हैं क्योंकि उनके लिए मुख्यचीन से पश्चिमी तिब्बत में आवश्यक वस्तुओं की समुचित आपूर्ति बनाए रखना कठिन है।
सूत्रों का कहना है कि हालाँकि भारत तिब्बत सीमा पुलिस तथा सेना इन तस्करों पर काबू करने की कोशिश कररही है लेकिन बड़ी संख्या में पहाड़ी दर्रों के चलते इस पर पूरी तरह नियंत्रण संभव नहीं है।
कुछ अन्य अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा आरोप लगाया कि इस तरह की गतिविधियों परनियंत्रण कड़ा करने पर लद्दाखी राजनीतिक हस्तक्षेप होता है।
स्थानीय स्तर पर इस तरह के कारोबार की अनुमति का आग्रह किया जाता है क्योंकि अनेक लोगों की आजीविका इससे चल रही है। |
अक्टोबर १, 20१5 प्रिया नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) भर्ती अधिसूचना के माध्यम से प्रबंधक / वरिष्ठ प्रबंधक की भर्ती के लिए एक भर्ती अधिसूचना जारी की है । पूरा करने वाले उम्मीदवारों को ब.टेक/ब.ए,म.स्क,म्का नेशनल से नई भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई)।
योग्य उम्मीदवारों को या उससे पहले प्रबंधक / वरिष्ठ प्रबंधक नौकरी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते २८/१०/२०१५ । कैसे आदि लागू करने के लिए नीचे पाया जा सकता आयु सीमा, चयन प्रक्रिया, योग्यता, आवेदन शुल्क, जैसे रिक्ति के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करें।
नौकरी विवरण: अंत का विस्तृत ज्ञान एक संदेश / दोहरी संदेश सिस्टम्स, संदेश संहिताओं और ऑनलाइन / ऑफलाइन प्राधिकरण के मापदंडों के ज्ञान सहित कार्ड भुगतान समाशोधन और निपटान, सुलह प्रक्रियाओं को समाप्त करने के लिए। खड़ी होकर प्रसंस्करण परीक्षण और पैरामीटर सेटअप का ज्ञान।
अन्य नेटवर्क के इंटरचेंज शुल्क गणना और इंटरचेंज शुल्क प्रसंस्करण संरचना प्रभावित करने वाले कारकों का विस्तृत ज्ञान। काम कर क्लियरिंग और निपटान, अनुपालन पर अनुभव और संपादन और पूर्वसंपादित प्रसंस्करण सहित पूरे इंटरचेंज प्रणाली की अस्वीकृति हैंडलिंग। चैनलों में नप्सिस कार्ड भुगतान नेटवर्क के सुचारू संचालन के लिए जिम्मेदार है। डेबिट / प्री के लेन-देन का प्रवाह और वापस कार्यालय के संचालन के अनुभव क्रेडिट कार्ड / इकॉम / मोबाइल / एटीएम / आईवीआर / भुगतान किया। निगरानी और उद्योग के उत्पाद के प्रदर्शन ज्ञान, बाजार के रुझान का मूल्यांकन, और प्राधिकरण शुरुआत पूरा लेन-देन चक्र के संबंध में विभिन्न प्रतियोगियों और लेन-देन के निपटारे। |
नौगांव तहसील के सफाई कर्मचारियों ने एक बैठक का आयोजन किया। जिसमें अखिल भारतीय सफाई मजदूर ट्रेड यूनियन जिला अध्यक्ष आदित्य बाल्मिक व जिला पदाधिकारी बैठक प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इस दौरान रवि बालमीक जिला महामंत्री, विष्णु बालमिक संगठन मंत्री, नीरज बालमिक सहित जिला कार्यकारिणी के सदस्यों को सम्मिलित किया गया। इस बैठक में नौगांव सफाई कर्मचारियों के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की गई।
सफाई कर्मचारियों ने बताया कि नियमितिकरण की प्रक्रिया को लेकर प्रदेश में दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मचारी के लिए चलाई जा रही है। वहीं नौगांव नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा न तो उसकी कोई वरिष्ठ सूची प्रकाशित की गई और न ही कर्मचारियों को इसके बारे में सूचना दी गई है। बल्कि गोपनीय तरीके से, बगैर वरिष्ठता और सफाई कार्य नहीं करते वालों का विनियमितीकरण कर दिया गया है। इससे वहां के सफाई कर्मचारियों में रोस है। बैठक में सर्व सहमति से यह निर्णय लिया गया कि जल्द ही ट्रेड यूनियन के बेनरतले नौगांव नपा अधिकारी व कलेक्टर को ज्ञापन के माध्यम से इस भ्रष्टाचार से अवगत कराया जाएगा। अगर सफाई कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो जिले के साथ सभी तहसील, ब्लाक अौर नौगांव में कर्मचारियों के समर्थन में अनिष्चित कालीन काम बंद हडताल पर की जाएगी। इसी अवसर पर सभी सफाई कर्मचारियों की सहमति से जीतेंद्र बालमिक को अखिल भारतीय सफाई मजदूर ट्रेड यूनियन नौगांव तहसील का अध्यक्ष बनाया गया।
छतरपुर। नियमतीकरण की मांग को लेकर कर्मचारियों की हुई बैठक्। |
अलीगढ़। सपा-बसपा और रालोद का महागठबंधन भले ही हो गया हो लेकिन अभी भी प्रत्याशी को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। बसपा ने अजीत बालियान को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन घोषणा होने वाली सभा से लेकर आज तक वह जनता का उतना समर्थन नहीं जुटा पाएं जितना लोग आशा कर रहे थे।
विगत दिनों नुमाइश के कृष्णाजलि में हुए कार्यक्रम में खाली कुर्सियां रहने के बाद से ही अजीत बालियान के टिकट को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थी। अब उन चर्चाओं को बल मिलता दिख रहा है। पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी व पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय ने अब फतेहपुर सीकरी से दावेदारी खत्म करके अलीगढ़ पर दावेदारी कर दी है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वो कहां से चुनाव लड़ेंगी लेकिन अलीगढ़ में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
सियासी हल्कों में चर्चाएं यह भी हैं कि अजीत बालियान के प्रचार की सुस्त रफ़्तार और अधिक जनसमर्थन न मिलने से रामवीर उपाध्याय परिवार की दावेदारी ज्यादा मजबूत हो गई है। हालांकि रामवीर उपाध्याय ने अभी अलीगढ़ से लड़ने की बात नहीं स्वीकारी है, उन्होंने कहा है कि बहनजी (मायावती) जहां से कहेंगी वहां से चुनाव लडूंगा। अलीगढ़ से चुनाव लड़ने के सवाल पर रामवीर उपाध्याय ने कहा कि बहनजी जहां से लड़ने के लिए कहेंगी वहीं से लडूंगा। उन्होंने कहा कि बसपा से १९९६ में ही मैंने टिकट मांगा था। इसके बाद बहनजी का जो आदेश हुआ उसका पालन किया। अलीगढ़ में बसपा-सपा प्रत्याशी अजीत बालियान हमारे प्रत्याशी हैं, उन्हें लड़ाया जाएगा। भाजपा में जाने की उड़ी खबरों पर कहा कि ऐसा मैं सोच भी नहीं सकता। भाजपा में जाने की बातें कोरी अफवाहे हैं। मैं और मेरा परिवार बसपा के सिपाही हैं।
बताते चलें कि अलीगढ़ में बसपा का एक धड़ा और नगर निगम के कुछ पार्षद अजीत बालियान का खुलकर विरोध कर रहे हैं। बसपा से जुड़े सूत्र कहते हैं कि दो से तीन दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। अब देखना यह है कि अजीत बालियान की टिकट कटता है या नहीं? |
बारिश खत्म होते ही अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। इसके बाद भी तामिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा है।
तामिया . बारिश खत्म होते ही अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। इसके बाद भी तामिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा है। इससे यहां मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां डॉक्टर की समस्या को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे लोगों को मजबूरी मे झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तामिया में तीन डॉ की पदस्थापना है जिसमें डॉ विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सा के अलावा बीएमओ का कार्यभार संभाल रहे हैं वही महिला डॉक्टर हिमांशु श्रीवास्तव १ माह से अनुपस्थित चल रही है इनके अलावा १0 वर्षों से तामिया में पदस्थ डॉ दिलीप मेहरा जिला चिकित्सालय में अटैच हैं इनकी वजह से तामिया में अन्य डॉक्टरों की स्थापना नहीं किया जा रहा है इसके बाद भी यहां सिर्फ एक ही डॉक्टर पदस्थ है। इससे यहां इलाज कराने के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगती है।
संविदा महिला डॉक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ३१ अगस्त से लगातार अनुपस्थित है मौसम के कारण इन दिनों बुखार, मलेरिया, उल्टी.दस्त, सर्दी-खांसी सहित अन्य तरह की बीमारियां लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही हैं। अस्पताल में डॉक्टर के नहीं होने पर लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ता है। |
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की दोहरी जिम्मेदारी संभालने वाले आईएएस अधिकारी एयरपोर्ट मैन डॉक्टर अरुण वीर सिंह को भारत विकास परिषद गौतम बुद्ध नगर द्वारा "अटल सम्मान" से विभूषित किया है।
भारत विकास परिषद गौतम बुद्ध नगर शाखा के अध्यक्ष अजेय कुमार गुप्ता ने बताया कि डॉक्टर अरुण वीर सिंह एक जादुई व्यक्तित्व वाले आईएएस अधिकारी है। उन्होंने आवंटियों और स्थानीय किसानों के बहुपक्षीय मुद्दों को संबोधित किया है। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इस क्षेत्र का विकास निर्धारित समय में पूरा हो। उन्होंने अपने समकक्ष आधिकारियो के लिए एक उदाहरण और आने वाले आधिकारियो के लिये एक मापदंड निर्धारित करता है। |
नई दिल्ली। भारत के तीन दिवसीय दौरे पर आए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी आज दौरे का अंतिम दिन है। रुहानी ने शनिवार सुबह राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान रुहानी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पीएम मोदी और रुहानी के बीच आज द्विपक्षीय वार्ता भी होनी है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर मुहर लग सकती है।
माना जा रहा है कि ईरानी चाबहार बंदरगाह को लेकर भी अहम फैसला हो सकता है। इससे पहले रूहानी हैदराबाद के दो दिवसीय दौरे के बाद शुक्रवार को दिल्ली रवाना हुए थे। रूहानी ने मुस्लिम नेताओं व विद्वानों को गुरुवार की रात संबोधित किया। रूहानी ने शुक्रवार की सुबह कुतुब शाही मकबरे का दौरा किया।
बाद में उन्होंने पुराने शहर की ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में नमाज अदा की और सभा को संबोधित किया। अपने हैदराबाद दौरे का समापन उन्होंने हैदराबाद में बसे ईरानी लोगों को संबोधित कर किया। रूहानी दिल्ली में शनिवार को मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई करार हो सकते है। |
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कुछ विद्वानों का मानना है कि पितृ पक्ष में हमारे पूर्वज धरती का रुख करते हैं। ऐसे में हमें उनकी सेवा में और श्राद्ध कर्म में मन लगाना चाहिए। सेवा करने की बजाए यदि हम नई वस्तु की ओर ध्यान लगाएं तो हमारे पितृ आहत हो सकते हैं। यही वजह है कि पितृ पक्ष में नई वस्तु नहीं खरीदी जाती।
श्राद्ध पक्ष को पितरों के प्रति समर्पण भाव से देखा जाता है। १५ दिनों की अवधि को पितरों का ऋण चुकाने के नजरिए से देखा जाता है। श्राद्ध करके, तर्पण करके, दान पुण्य करके उनका कर्ज उतारने का प्रयास करते हैं। ऐसे में यह माना जाता है कि हम पहले से ही पितरों के कर्ज में डूबे हैं और कर्ज में डूबा व्यक्ति नई वस्तु कैसे खरीद सकता है।
कुछ विद्वान ऐसे भी हैं जो पितृपक्ष में नई वस्तु की खरीद को अशुभ नहीं मानते। उनका यह मानना है कि पितृपक्ष में हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और आशीर्वाद देते हैं। ऐसे में हमें नई वस्तुओं के साथ देखकर भला वे दुखी क्यों होंगे?
श्राद्ध पक्ष की शुरुआत गणेश चतुर्थी के बाद और माता दुर्गा की पूजा से पहले होती है। तो अगर श्राद्ध पक्ष के आरंभ से पहले हम गणपति की पूजा कर चुके हैं तो वह अशुभ कैसे हो सकती हैं?
श्राद्ध पक्ष के पीछे मां दुर्गा भी खड़ी हैं तो इसे अशुभ मानने की कोई वजह नहीं है। श्राद्ध पक्ष में हमारे पूर्वज सूक्ष्म रूप में हमारे आस-पास ही रहते हैं और हमें आशीष देते हैं। |
आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव और कृति सैनन अभिनीत फिल्म बरेली की बर्फी दर्शकों को पसंद आ रही है। ऐसा बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों से पता चलता है। फिल्म ने अब तक २०.०२ करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। फिल्म अपने पहले दिन २.4२ करोड़ कमाने में कामयाब रही। इस फिल्म ने शनिवार को ३.९५ करोड़ रुपये की कमाई करते हुए सप्ताहांत में अच्छी पकड़ जारी रखी। बरेली की बर्फी तीसरे दिन रविवार को ५.१५ करोड़ रुपये कमाते हुए एक बढ़िया वृद्धि दर्ज की। यह फिल्म १८ अगस्त को जारी हुई थी। फिल्म ने सोमवार को बॉक्स ऑफिस पर सफलतापूर्वक १.९० करोड़ रुपये कमाए, मंगलवार को २.०० करोड़ रुपये, बुधवार को १.6३ करोड़ रुपये और दूसरे सप्ताह के पहले दिन फिल्म ने १.३0 करोड़ रुपये बटोरे, जिससे फिल्म का कुल आंकड़ा २०.०२ करोड़ रुपये तक पहुंच गया। |
दतिया। (हिन्द न्यूज सर्विस)। उज्जैन में होने वाली मध्यप्रदेश राज्यस्तरीय कराते प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए गुरूवार को कराते खिलाडिय़ों का दल रवाना हो गया है। इस दल में विभिन्न आयु वर्गो के बालक-बालिकाएं शामिल है।
प्रतियोगिता के बारे में अधिक जानकारी देते हुए जिला प्रशिक्षक राजेन्द्र तिवारी ने बताया कि ५ जनवरी से ८ जनवरी के मध्य उज्जैन में मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय कराते प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाडिय़ों को कराते कोच हरि गुर्जर व विनय भार्गव लंबे समय से प्रशिक्षित कर रहे थे। इस राज्य स्तरीय कराते प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए दतिया जिले से अमन शर्मा, रंजित गुर्जर, सूरज पटेल, गौरव रायकवार, हनुमंत रायकवार, सुरेन्द्र साहू, सूरज तिवारी, आस्था गुप्ता, साधना उनिया आदि खिलाडिय़ों का चयन किया गया।
गुरूवार को ग्वालियर संभाग कराते कोच संजय पाण्डे ने दतिया आकर खिलाडिय़ों से मुलाकात की तथा उन्हें प्रतियोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उनका उत्साहावर्धन किया। चयनित खिलाडिय़ों को प्रतियोगिता में भाग लेने पर खेल प्रतिनिधि राजेन्द्र निचरेले, लिटिल फ्लॉवर स्कूल के डायरेक्टर मंनिदर सिंह, संजय पाठक, प्रयास मित्रा, अखिल त्रिपाठी, अनवर अली, संजय तिवारी आदि ने बधाई दी। |
फ्यूचर समाचार के जनवरी २०१४ के आलेख में आपको अपना पक्षी ज्ञात करने की विधि समझाई गई है तथा आपकी सुविधा के लिए सारणी भी संलग्न किया गया है ताकि आपको कोई असुविधा न हो तथा आप अपने जन्मपक्षी का निर्धारण आसानी से कर सकें। पंच पक्षी शास्त्र से दो भिन्न व्यक्तित्व के वर एवं कन्या के आगामी जीवन के आपसी संबंधों का विश्लेषण किया जाता है। प्रत्येक पक्षी का दूसरे पक्षी के साथ एक खास प्रकार का संबंध एवं आपसी व्यवहार होता है। दो पक्षियां आपस में मित्र हो सकते हैं, एक दूसरे के लिए सम अर्थात् न तो मित्र और न ही शत्रु अथवा एक-दूसरे के कट्टर शत्रु हो सकते हैं। आइए देखें कि दो भिन्न पक्षियों के वर एवं कन्या के बीच विवाहोपरांत कैसी समरसता अथवा सामंजस्य की भावना होती है अथवा नहीं होती है। पंच पक्षी से वैवाहिक मिलान वर-गिद्ध: कन्या-गिद्ध यद्यपि कि आप दोनों के स्वभाव एवं गुण एक जैसे हैं किंतु यह समानता वैवाहिक जीवन के लिए ठीक नहीं है क्योंकि आप दोनों सख्त, लापरवाह, बच्चों जैसी हरकतें करने वाले, जिम्मेवारी से मुंह मोड़ने वाले हैं। अपने सख्त बर्ताव के कारण आप हमेशा एक-दूसरे की भावनाओं, इच्छाओं एवं आवश्यकताओं की अवहेलना करेंगे तथा अनावश्यक रूप से लड़ते-झगड़ते रहेंगे। कठिन परिस्थितियों में आप एक-दूसरे का साथ नहीं देंगे। यदि आपको वैवाहिक सामंजस्य बनाए रखना है तो एक-दूसरे का सम्मान करें, उत्तरदायित्व को समझें। आज पति-पत्नी के बीच में तालमेल आवश्यक है। भगवान शिव की आराधना आपके लिए श्रेयस्कर है। |
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर एलन बॉर्डर ने उम्मीद जताई है कि ३० मई से इंग्लैंड में शुरू हो रहे आईसीसी एकदिवसीय वर्ल्ड कप में विराट कोहली, इयोन मोर्गन और आरोन फिंच सर्वश्रेष्ठ कप्तान साबित हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया को १९८७ में अपनी कप्तानी में विश्व चैम्पियन बनाने वाले इस खिलाड़ी ने कहा कि आक्रामक शैली और तुरंत जवाब देने का कप्तानी कौशल कोहली को मोर्गन और फिंच से अगल तरह का कप्तान बनाता है।
बॉर्डर ने क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू से कहा, मुझे लगता है कि विराट कोहली एक अलग प्रकार के कप्तान हैं। वह थोड़े आक्रामक किस्म के खिलाड़ी हैं और विरोधी टीम को उसी के अंदाज में जवाब देने के लिए तैयार रहते है। उन्होंने कहा, विरोधी खिलाड़ी को पता होता है कि अगर वह ऐसे कप्तान से भिड़ेंगे तो उन्हें तुरंत जवाब मिलेगा। ऑस्ट्रेलिया के १७८ मैचों में कप्तानी करने वाले बॉर्डर, मोर्गन से भी काफी प्रभावित हैं, जिनके नेतृत्व में इंग्लैंड एकदिवसीय क्रिकेट के शिखर पर पहुंचा है। |
राज्य सहकारिता विभाग के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि कई प्रयासों के बावजूद, राज्य सरकार ७१० ग्राम पंचायत क्षेत्रों में बैंक शाखाएं स्थापित नहीं कर पाई और इसलिए सहकारी समितियों को बैंक के रूप में कार्य करने की अनुमति देने का फैसला किया गया। इस आईएएस अधिकारी ने कहा, 'इसी के कारण, हमने २,६६१ सहकारी समितियों को सहकारी बैंकों की शाखाओं के रूप में कार्य करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। इससे बैंकिंग तंत्र के दायरे में अधिक किसानों को लाने में मदद मिलेगी।' अधिकारी ने कहा कि राज्य ने सहकारी बैंकों और सोसायटियों के माध्यम से स्व-सहायता समूहों के लिए १,२00 करोड़ रुपये के ऋण बांटने का भी फैसला किया है, और कहा कि पिछले साल यह राशि १000 करोड़ रुपये थी। |
५१ मीन एगो चीन अब पाकिस्तान में ही पाकिस्तानियों पर लगा रहा नमाज पढ़ने पर पाबंदी!
बेंगलुरु। कर्नाटक के १५ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों पर गुरुवार को हो रहे उपचुनावों में शाम पांच बजे तक ६० फीसदी मतदान दर्ज किया गया। निर्वाचान आयोग के अनुसार शाम पांच बजे तक ६६ प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है जबकि अपराह्न चार बजे तक यह ४६.६२ प्रतिशत था। उपचुनाव राज्य में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की किस्मत तय करेगा।
बीजेपी के पास विधानसभा में १०५ (एक निर्दलीय सहित) विधायक हैं। ऐसे में उसे बहुमत के लिए १५ सीटों में से कम से कम ६ सीटें जीतनी होंगी। कांग्रेस के ६६ और जेडीएस के ३४ विधायक हैं। बीएसपी के भी एक विधायक हैं। इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और स्पीकर हैं। अगर बीजेपी ६ से कम सीटें जीतती है तो उसके लिए सरकार को बचाना मुश्किल हो जाएगा। |
मैं एक ही हत्मल पृष्ठ पर जावास्क्रिप्ट और ज्ञएरी कोड दोनों का उपयोग कर रहा हूँ। किसी कारण के लिए, ज्ञएरी के पुस्तकालय ठीक से काम करने से मेरे मूल जावास्क्रिप्ट कोड रोक रहा है।
मुझे यह पृष्ठ मिला: ज्ञएरी कोई विरोध नहीं है जो कहते हैं कि आप ज्ञएरी.नोकॉन्फ्लिक्ट का उपयोग कर सकते हैं $ जावास्क्रिप्ट को वापस रिलीज़ करने के लिए। हालांकि, मुझे यकीन नहीं है कि यह कैसे करना है?
विशेष रूप से, मुझे यकीन नहीं है कि यह कैसे सही तरीके से कार्यान्वित करें? ज्ञएरी कोड कहां जाता है, जहां जेएस कोड जाता है?
यदि आप एपीआई पेज पर दिए गए उदाहरणों को देखते हैं तो यह है: उदाहरण: स्क्रिप्ट के बाकी हिस्सों में उपयोग करने के लिए ज्ञएरी के बजाए एक अलग उपनाम बनाता है।
वर ज = ज्ञएरी.नोकॉन्फ्लिक्ट() ज्ञएरी में लाने के बाद वर ज = ज्ञएरी.नोकॉन्फ्लिक्ट() और फिर विवादित लिपियों में लाएं। फिर आप अपनी सभी ज्ञएरी आवश्यकताओं के लिए $ स्थान पर ज उपयोग कर सकते हैं और दूसरी स्क्रिप्ट के लिए $ उपयोग कर सकते हैं।
उस के अतिरिक्त, $ $ सही नहीं जा रहा है । पिछले (यदि कोई हो) वैश्विक चर ज्ञएरी बहाल करेगा, ताकि प्लगइन्स को सही ज्ञएरी संस्करण के साथ आरम्भ किया जा सकेगा, जब एकाधिक संस्करण उपयोग किए जा रहे हों।
नोकॉन्फ्लिक्ट () विधि $ शॉर्टकट पहचानकर्ता रिलीज़ करता है, ताकि अन्य स्क्रिप्ट अगली बार के लिए इसका उपयोग कर सकें। |
यह खेल केवल एक मजेदार विध्वंस डर्बी अनुभव प्रदान नहीं करता है, लेकिन यह भी एक काफी यथार्थवादी सिम्युलेटर है कि वास्तविक विनाश और एक दूसरे के खिलाफ बसों दुर्घटना के रूप में मलबे अनुकरण प्रदान करता है; इसके अलावा खेल बहुत यथार्थवादी वाहन ड्राइविंग अनुभव बना भौतिकी बहुत प्रामाणिक महसूस लाता है। तो एक समर्थक आप यकीन है कि आप कुछ समय के लिए एक उच्च गति कार चालक और नियंत्रण के साथ प्रयोग के रूप में अभ्यास करने के लिए लेने के लिए बनाने की जरूरत बन गया है।
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क्या है इंटरनेशनल डिजिटल वॉलेट,
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टानटन (इंग्लैंड),९ जून - जेम्स नीशम (३१-५) और लाकी फग्र्यूसन (३७-४)की कहर बरपाती गेंदों के बाद कप्तान केन विलियमसन (नाबाद 7९) की बेहतरीन अर्धशतकीय पारी के दम पर न्यूजीलैंड ने यहां के कूपर एसोसिएट्स काउंटी ग्राउंड पर शनिवार को खेले गए आईसीसी विश्व कप के अपने तीसरे मुकाबले में अफगानिस्तान को सात विकेट से हरा दिया।
टास जीतने के बाद पहले गेंदबाजी करते हुए न्यूजीलैंड ने अफगानिस्तान को ४२.१ ओवरों में १72 रनों पर ही ढेर कर दिया और फिर ३२.१ ओवरों में तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। मार्टिन गुपटिल (०) इस मैच में खाता नहीं खोल सके लेकिन कोलिन मुनरो ने २२, रास टेलर ने ४८ और टाम लाथम ने नाबाद १3 रन बनाए।
विलियमसन की ९९ गेंदों की पारी में नौ चौके शामिल हैं जबकि टेलर ने ५२ गेंदों पर छह चौके और एक छक्का लगाया। न्यूजीलैंड ने जो भी विकेट गंवाए, वे आफताब आलम के खाते में गए।
जहां तक अफगानिस्तान की बात है तो उसके लिए हसमातुल्लाह शाहिदि ने सबसे ज्यादा ५९ रन बनाए। इसके अलावा हजरतुल्लाह जाजई ने ३४, नूर अली जादरान ने ३१ और अफताब आलम ने १४ रनों का योगदान दिया।
न्यूजीलैंड की ओर से कोलिन ग्रैंडहोम ने भी एक सफलता हासिल की। नीशम इस विश्व कप में पहली बार पांच विकेट लेने वाले गेंदबाज बने और इसके लिए उन्हें मैन आफ द मैच चुना गया। |
हम विशेष हैं अन्य एमएल ११२९ का नाम निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं / कारखाने चीन से। कम कीमत / सस्ते के रूप में उच्च गुणवत्ता के साथ थोक अन्य एमएल ११२९ का नाम, चीन से अग्रणी ब्रांडों में से एक अन्य एमएल ११२९ का नाम में से एक, शानदोंग ज़िशंग केमिकल को.लैड।
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जानें क्या है पुनर्वसु नक्षत्र ? कैसे होते है इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति ?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी ग्रह गुरु और नक्षत्र देवता अदिति है। आकाश मंडल में पुनर्वसु सातवां नक्षत्र है। अदिति इस नक्षत्र की इष्टदेवी है। पुनर्र का अर्थ आवृत्ति है तथा वसु का अर्थ प्रकाश की किरण है। इस प्रकार पुनर्वसु का अर्थ पुनः प्रकाश बनने से है। इस नक्षत्र का प्रतीक तीरों का तरकश है, जो इच्छाओं या महत्वाकांक्षाओं के प्रति प्रयास करने की क्षमता को दर्शाता है।
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को समृद्धि, शिष्टाचार, सद्भावना और जन कल्याण की भावना रखने वाले ग्रह के रूप में जाना जाता है। बृहस्पति की ये विशेषताएं इस नक्षत्र के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं, जिसके चलते इस नक्षत्र के प्रबल प्रभाव में आने वाले जातक समृद्ध,शिष्टाचार तथा परोपकारी प्रवृति के ही देखे जाते हैं।
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के अंदर दैवीय शक्तियाँ होती हैं। पुनर्वसु नक्षत्र के व्यक्ति बेहद मिलनसार, दूसरों से प्रति प्रेमपूर्वक व्यवहार रखने वाले होते हैं। इनका शरीर काफी भारी और याद्दाश्त बहुत मजबूत होती है। इन पर जब कभी कोई मुसीबत आती है,तो कोई अदृश्य शक्ति इनकी सहायता करने अवश्य आती है। ये लोग काफी धनी भी होते हैं। इनके गुप्त शत्रुओं की संख्या अधिक होती है।
इस नक्षत्र के लोगों को समय-समय पर ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। इन लोगों को अपने नेक और सरल स्वभाव के कारण समाज में मान-सम्मान और आदर प्राप्त होता हैं। पढ़ने-लिखने में यह काफी होशियार होते हैं। अपनी योग्यता के बल पर सरकारी क्षेत्र में उच्च पद प्राप्त करते हैं।
बृहस्पति के प्रभाव के कारण यह आर्थिक मामलों के अच्छे जानकार होते हैं, आर्थिक क्षेत्र में यह सफलता प्राप्त करते हैं। प्रबंधन तथा व्यवसाय में भी इन्हें अच्छी सफलता मिलती है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति आर्थिक रूप से संपन्न होते हैं। |
शिक्षा कैसी हो इस बारे में बहुत कम दार्शनिकों ने विचार व्यक्त किए हैं। यह बात अलग है किन इन दार्शनिकों ने परम्परागत शिक्षा ग्रहण नहीं की। आधुनिक भारत में जहां कुछ पिछडे हुए लोगों को उठाने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है वहीं अगडों में से भी अधिकांश के पास नौकरी और सुरक्षित भविष्य नहीं है।
राष्ट्रवादी संगठनों ने मैकाले को गाली दी और अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति पा ली। कुछ संगठन और मिशनरीज स्कूलें भी चला रहे हैं ताकि बचपन में ही बच्चों को धर्म विशेष का बीज पकडा दिया जाए। ताकि बडे होकर वे सफेद, लाल, गेरूए या हरे वस्त्र पहनकर धर्मयुद्ध में कूद सकें।
किसी बच्चे को तार्किक और स्पष्ट सोच के लिए न केवल पढाई की बल्कि तर्कपूर्ण वातावरण की भी आवश्यकता होती है।
अगले पोस्ट में मैं बात करुंगा ओशो के नजरिए की। |
अन्य प्रयोग हेतु, कॉर्न (बहुविकल्पी) देखें।
संगीत के नज़रिए से, वह एल्बम हेवी मेटल, हिप हॉप, ग्रंज और फंक का एक मिश्रण था, जिसमें बाद के तत्वों को बैंड की रचनाओं के तालबद्ध दृष्टिकोण में समाहित किया गया था. "ब्लाइंड", एल्बम का पहला एकल था जिसे पर्याप्त ध्यान और प्रसारण प्राप्त हुआ. ११ अक्तूबर, १९९४ को कॉर्न की रचनाएं एक बार जारी होने के बाद, बैंड ने रेडियो या वीडियो स्टेशनों के समर्थन के बिना ही लगातार दौरा किया. यह बैंड, अपनी सजीव गहन प्रस्तुतियों पर ही पूर्ण रूप से निर्भर था जिसने विशाल पंथ-सदृश समर्पित प्रशंसकों को पैदा किया. यह उन प्रशंसकों का ही प्रयास था जिसने कॉर्न को बिलबोर्ड २०० पर पहुंचाया जो अंततः १९९६ में #७२ पर चढ़ गया,[२] जहां धातु के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए "शूट्स एंड लैडर" उनका पहला ग्रेमी नामांकन बना.[१०] अपने पहले बड़े दौरे पर, कॉर्न ने मर्लिन मैन्सन के साथ-साथ डांज़िग के लिए शुभारम्भ किया. अन्य बैंड, जिनके लिए कॉर्न ने १९९५ में शुभारम्भ किया, वे थे मेगाडेथ, 3११, फिअर फैक्ट्री, |
-आंखों के पास का कालापन दूर करने के लिए आप रात को सोने से पहले अपना चेहरा ताजे पान से धुलें। चाहें तो फेसवॉश का उपयोग कर सकते हैं। अब चेहरा कॉटन के सॉफ्ट तौलिया से साफ करें और थोड़ी-सी रूई को नारियल तेल में भिगोकर आखों के चारों तरफ लगाएं।
-ध्यान रखें आपको इसके लिए कुछ ही बूंद नारियल तेल की जरूरत होगी। मात्र २ से ३ बूंद नहीं तो पूरा चेहरा ऑइली लगने लगेगा। अब इस तेल से अपनी आंखों के चारों तरफ हल्के हाथों से हल्की-हल्की मसाज करें, जब तक आपकी स्किन इस तेल को सोख ना ले।
जब स्किन पूरी तरह से तेल सोख ले तो आप मसाज करना बंद करें और चेहरे पर कोई और क्रीम लगाए बिना ऐसे ही सो जाएं। यह आपकी आंखों के काले घेरे कम करने मदद करेगा साथ ही यह आपकी आखों की नाजुक त्वचा में नमी बनाए रखने का काम भी करेगा।
-जिन लोगों की स्किन बहुत अधिक सेंसेटिव होती है, उनके साथ इस तरह की दिक्कत आती है कि काले घेरे के साथ ही उनके चेहरे पर फाइन लाइन्स और झाइयां उभर आती हैं। इस दिक्कत का अगर आप भी सामना कर रहे हैं तो जरूरी है कि आप नारियल तेल और अरंडी के तेल यानी कैस्टर ऑइल को बराबर मात्रा में मिक्स करके एक सलूशन बनाएं और इसे एक खूबसूरत बॉटल में भर लें।
हर रात को सोने से पहले आंखों सहित पूरे चेहरे पर इस तेल की ३ से ४ बूंदें लेकर मसाज करें। यह मसाज आपको हर रात १० से १५ मिनट तक करनी है और हल्के हाथों से करनी है।
मसाज करते वक्त आप अपनी उंगलियों को चेहरे पर क्लाक वाइज घुमाएंगे। मसाज करने के बाद आप टिश्यू पेपर या कॉटन के सॉफ्ट हैंकी से चेहरा पौंछ लें। इससे त्वचा पर बनी तेल की परत हट जाएगी।
-अब आप सो जाएं और सुबह हल्के गुनगुने पानी से चेहरा धोकर अपनी पसंद की क्रीम लगाएं। ऐसा करीब २ हफ्ते तक लगातार करने पर आपके चेहरे से काले घेरे और झाइयां हल्की होते-होते गायब हो जाएंगी और आप पाएंगे निखरी हुई रंगत। |
*प्रदेश की सभी उच्च शिक्षण संस्थाओं में छात्रसंघ चुनाव २८ अगस्त को* *जयपुर, १६ अगस्त !!* उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने बुधवार को सम्पूर्ण राज्य की उच्च षिक्षण संस्थाओं में होने वाले छात्रसंघ चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। कार्यक्रम के अनुसार २८ अगस्त, २०१७, सोमवार को सभी उच्च शिक्षण संस्थाओं में चुनाव करवाए जाएंगे और उसी दिन चुनाव परिणाम भी घोषित किया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने शिक्षा संकुल स्थित सभागार में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जानकारी दी कि छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदाता सूचियों का प्रकाशन २१ अगस्त, मतदाता सूचियों पर आपत्ति प्राप्त करने के लिए २२ अगस्त, मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन २२ अगस्त को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उम्मीदवारी के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख २३ अगस्त है। उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच एवं आपत्तियां इसी दिन प्राप्त की जा सकती हैं। वैध नामांकन सूची का प्रकाशन २४ अगस्त को किया जाएगा, इसी दिन उम्मीदवारों द्वारा नाम वापस लिया जा सकेगा। श्रीमती माहेश्वरी ने बताया कि उम्मीदवारों की अंतिम नामांकन सूची का प्रकाशन भी २४ अगस्त को दोपहर २-५ तब किया जाएगा। मतदान २८ अगस्त को प्रातः ८ बजे से अपराह्न १ बजे तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मतगणना एवं चुनाव परिणामों की घोषणा तथा विजयी उम्मीदवारों का शपथ अपराह्न २ बजे से कार्य समाप्ति तक की जाएगी। शकुंतलम् कॉलेज, २२ पीएस, रायसिंहनगर के सभी छात्र-छात्राओं से ये अनुरोध है कि प्रेजिडेंट(अध्यक्ष) पद के लिए भूपेन्दर कुमार और जनरल सेक्रेटरी(महासचिव) पद के लिए दीपक सारस्वत(शर्मा) के पक्ष में अपना अमूल्य वोट देकर इनकी और हम सबकी जीत सुनिष्चित करें।
शकुंतलम् पी.जी. महाविद्यालय से छात्र संघ चुनावों में प्रेजिडेंट(अध्यक्ष) के पद के लिए भाई भूपेन्दर कुमार चुनाव लड़ रहे हैं। आप सभी से अनुरोध है की भाई भूपेन्दर कुमार को अपना अमूल्य वोट देकर विजयी बनाएं।
शकुंतलम् पी.जी. महाविद्यालय, २२ पीएस, रायसिंहनगर से भाई दीपक सारस्वत(शर्मा) महासचिव के पद पर चुनाव लड़ रहें हैं। आपसे अनुरोध है कि भाई दीपक सारस्वत(शर्मा) के पक्ष में अपना अमूल्य वोट देकर इन्हें विजयी बनावें।
शाकुंतलम महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं से अनुरोध है कि २८ अगस्त, २०१७ वार-सोमवार को वोट देते समय प्रेजिडेंट(अध्यक्ष) पद के लिए भाई भूपेन्द्र कुमार और जनरल सेक्रेटरी(महासचिव) पद के लिए भाई दीपक सारस्वत(शर्मा) का नाम अवश्य याद रखें और अधिक से अधिक वोटिंग इनके पक्ष में करके विजयी बनावें। |