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शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से माँगा समय वाचन्यूज२४क्स७.कॉमशिवसेना ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से माँगा समयमुंबई : महाराष्ट्र की राजनीति में फिर एक ट्विस्ट आ गया है. अब शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से माँगा समय. इस सम्बन्ध में शिवसेना के विधायक आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में आज शाम राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले और राज्य में सरकार गठन करने के बारे में इच्छा जताई। जिसके बाद उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को सिद्धान्त रूप से समर्थन देने पर सहमति दे दी है।इधर शिवसेना के साथ सरकार बनाने के फैसले की कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने आलोचन की है. निरुपम ने कहा कि भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना के बीच चल रही जुबानी जंग कुछ और नहीं बल्कि नाटक है और कांग्रेस को इससे दूर रहना चाहिए. निरुपम ने कहा, कांग्रेस को शिवसेना के नाटक में नहीं उलझना चाहिए. यह झूठा है. यह सत्ता में ज्यादा साझेदारी के लिए उनका अस्थायी झगड़ा है.बतादें महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावो के बाद भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था लेकिन उनकी सरकार नहीं बन पाई. जिसके बाद राज्यपाल ने भाजपा को न्योता दिया लेकिन बहुत नहीं होने के कारण वहां भी बात नहीं बनी. इस बीच शिवसेना राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ मिल कर सरकार बनाने की बात कर रही है. |
इंग व्स वी लाइव : इंग्लैंड-इंडीज़ के मैच में पानी न फिर जाए | देश त्वविश्वकप में नहीं जीत पाई है इंग्लैंड से वेस्टइंडीजनई दिल्ली। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेले जाने वाले विश्वकप के १९वें मैच में भी बारिश पानी फेर सकता है। स्थानीय मौसम विभाग के मुताबिक साउथैम्पटन में शुक्रवार को बारिश की संभावनाएं जताई गई हैं। वहीं यह भी कहा गया है कि पूरे दिन बादल छाए रहेंगे। तापमान को लेकर अगर देखा जाए तो साउथैम्पटन का तापमान १५ से १७ डिग्री के बीच बने रहने की आशंका स्थानीय मौसम विभाग ने जताई है। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के मैच में काले बादल मंडरा रहे हैं, जो बारिश बनकर कभी बरस सकते हैं।इंग्लैंड और वेस्टइंडीज का मैच आज बारिश की वजह से प्रभावित हो सकता है। विश्व कप में दोनों टीमों के खेल पर अगर नजर डाली जाए तो वेस्टइंडीज पिछले ४० साल से इंग्लैंड के खिलाफ जीत दर्ज नहीं कर पाया है। वेस्टइंडीज को इंग्लैंड के खिलाफ १९89 में आखिरी जीत मिली थी। उसके बाद से दोनों टीमें ५ बार आमने सामने हुई और हर बार इंग्लैंड को ही जीत का सेहरा बंधा।विश्व कप २0१९ में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच मुकाबला ज़बरदस्त होने की संभावनाएं जताई जा रही है। साल २0१९ के विश्व कप मे इन दोनों टीम के परफॉर्मेंस को अगर देखा जाए तो इंग्लैंड में तीन मैच में से २ में जीत दर्ज की है। वहीं वेस्टइंडीज ३ मैचों में से सिर्फ एक मैच में ही जीत सकी है। हालाँकि वेस्ट इंडीज स्कोर एक मैच बारिश की वजह से निरस्त कर दिया गया था।ये है दोनों टीमों के खिलाड़ी |
सेंट जोसेफ स्कूल का मामला, मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश | ४ प्म | लाटेस्ट हिन्दी न्यूजसेंट जोसेफ स्कूल का मामला, मजिस्ट्रेटी जांच के आदेशलखनऊ। अपने ऊंचे रसूख को दिखाकर जो चाहा वह किया। जिसको चाहा उसको निपटा दिया। लेकिन मामला इस बार उलट गया है। पैरेंट्स ने आर-पार की लड़ाई लडऩे का मन बनाया है। यहां बात हो रही है सेंट जोसेफ स्कूल की। गुरुवार की सुबह इस स्कूल में बवाल हो गया। बवाल इस बात पर हुआ कि स्कूल प्रबंधन ने स्कार्फ लगाकर क्लास अटैंड करने जा रही एक छात्रा को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। यह कोई पहली घटना नहीं , इससे पहले भी धार्मिक भेदभाव की बातें स्कूल कैम्पस में होती थीं लेकिन वह बातें स्कूल की चहारदीवारी के बाहर नहीं आती थीं। लेकिन इस बार बातें चौराहे पर हो रही हैं और बात डीएम तक पहुंच गयी है। स्कूल बच्चे के कैरियर को चौपट करने पर तुला है और पैरेंट्स भी झुकने को तैयार नहीं हैं। यूपी राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की सदस्य नाहिद लारी खान ने इस पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेकर स्कूल पर धावा बोल दिया। उन्होंने स्कूल का औचक निरीक्षण किया और छात्रा से बात की। आयोग की सदस्य नाहिद कहती हैं कि प्रथम दृष्ट्या बच्चों के अधिकार उल्लंघन का मामला है। स्कूलों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है लेकिन इस स्कूल में कम्युनल फीलिंग सिखायी जा रही है जो कि गलत है। अगर मामला गहराता है तो स्कूल के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। इस मामले के तूल पकडऩे की संभावना के मद्देनजर जिला प्रशासन भी सर्तक हो गया है। जिलाधिकारी राजशेखर ने इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने इसके लिए एसीएम और जिला विद्यालय निरीक्षक की कमेटी भी बना दी है जो १९ मई तक अपनी रिपोर्ट देगी। लोगों का कहना है कि लखनऊ में मिशनरी स्कूल किसी भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और न ही अभिभावकों से सही से बात करते हैं क्योंकि बड़े नेताओं और जजो के बच्चे उनके यहां पढ़ते हैं। |
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>लन्दन किस नदी के किनारे स्थित है ? >बिग-बैंग सिध्दांत का प्रथम प्रमाण किसने दिया ? >पंडित मदनमोहन मालवीय ने काशी विश्वविद्यालय की स्थापना किस वर्ष की थी ? >नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी कहां अवस्थित है ? >मैकमोहन रेखा द्वारा अलग किए जाने वाले दो देश कौन से हैं ? >प्रकाश वर्ष किसकी इकाई है ? >जिस विदेशी मुद्रा में शीघ्र देशांतरण की प्रवृति हो, उसे क्या कहते है ? >दोहावली, कवितावली, विनयपत्रिका जैसी भक्ति रचनाएँ किस भक्ति सन्त की हंै ? >किस राज्य ने वर्ष २0१3 को बेटियों के नाम करते हुए इसे बच्ची बचाओं वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है ? >कम्प्यूटर व दूरसंचार प्रणाली की सबसे छोटी सूचना संग्रहण इकाई कौन सी है ? >सम्पत्ति के बँटवारे (निपटारे) के सम्बन्ध में न्यायालय के आदेशों का यथोचित पालन हुआ है कि नहीं, यह देखने का दायित्व किसका है ? >मानव द्वारा सर्वप्रथम किस धातु का प्रयोग किया गया ? >पृथ्वी से दिखाई देने वाला सबसे चमकीला ग्रह कौन-सा है ? >जाली करेन्सी नोटों के विरुध्द कार्यवाही भारतीय दण्ड संहिता की किस धारा में की जाती है ? >किसी पेड़ की लगभग सही आयु क्या गिनकर ज्ञात की जा सकती है ? >धर्मनिरपेक्षता शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया किसने किया था ? >टु ए हंगर फ्री वल्र्ड पुस्तक के लेखक कौन हैं ? >जिस ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम द्वारा प्रत्येक परिवार के कम.से.कम एक व्यक्ति को रोजगार देने का लक्ष्य है, उस योजना का क्या नाम है ? >भारतीय राष्ट्रीय चिह्न के नीचे देवनागरी लिपि में लिखा वाक्य सत्यमेव जयते कहां से लिया गया ? >किसके कारण दूध, दही में परिवर्तित होता है ? >भारतीय इतिहास में राजा बनाने वाले के नाम से प्रसि; सैदय बन्धु कौन थे ? >कंप्यूटर के किस हार्डवेयर डिवाइस को कंप्यूटर का ब्रेन कहते हैं ? >भारतीय संविधान की कौनसी विशेषता इंग्लैण्ड से ली गई है ? >राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव कितनी अवधि के लिए किया जाता है ? >सूर्य में कौनसा परमाणु ईंधन होता है ? >रक्त किस प्रकार का ऊतक है ? >भारत में पहला सफल यड्डत प्रत्यारोपण किसने किया ? >राष्ट्रीय अस्थि रोग विकलांग संस्थान कहाँ स्थित है ? >रामड्डष्ण मिशन का संस्थापक कौन था ? >कम्प्यूटर का कुँजी पटल क्या कहलाता है ? >किस क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार दिया जाता है ? >विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप कौनसा है ? >रिंहद बांध परियोजना से किन राज्यों की सिंचाई होती है ? >किस ग्रह के प्राकृतिक उपग्रहों की संख्या सर्वाधिक (६३) है ? >जिन्ना एवं तिलक कॉमरेड इन फ्रीडम स्ट्रगल पुस्तक के रचियता कौन हैं ? >साइमन कमीशन के बहिष्कार के दौरान हुए लाठी चार्ज के कारण किस नेता की मृत्यु हो गई ? >भारतीय ड्डषि अनुसाधन परिषद् (प्ब्।त्) के वैज्ञानिकों द्वारा ७ अप्रैल, २0१3 को विकसित मुर्गी की नई प्रजाति का क्या नाम रखा ? >आलू किसका संशोधित रूप (उत्पादन) है ? >उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल विकास निधि योजना कब शुरू की गई ? >उत्तर प्रदेश में अनौपचारिक शिक्षा योजना शुरू की गई ? >किस नदी को दक्षिण गंगा कहा जाता है ? >संविधान के कौन-से अनुच्छेद के अधीन भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाया जा सकता है ? >भारतीय रिजर्व बैंक, किस प्रणाली के अनुसार नोट जारी करता है ? >सांडों की लड़ाई किस देश का राष्ट्रीय खेल है ? >संविधान सभा ने राष्ट्रीय गान को कब स्वीकार किया ? >सफदरजंग का मकबरा किसने बनवाया ? >राष्ट्रपति राज्यसभा के लिए उन व्यक्तियों में से, जो कला, साहित्य, सामाजिक सेवा आदि के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त हैं, कितने व्यक्तियों का नामन कर सकते हैं ? >चंगेज खान ने जलाउद्दीन का पीछा करते हुए, किसके शासन काल में भारत की सीमाओं पर आक्रमण किया था ? >अन्नपूर्णा योजना किस वर्ष कार्यन्वित की गई थी ? >मध्य प्रदेश की राजधानी निम्नलिखित में से कौन-सी है ? >त्ज्ळै लेनदेनों के लिए निर्धारित ऊपरी सीमा क्या है ? >रतौंधी किस विटामिन की कमी का कारण है ? >पुस्तक बैंकर टु द पुअर के लेखक कौन हैं ? >अकल पै के नाम से प्रसिध्द अनंत पै ने किस कॉमिक श्रृंखला की रचना की थी ? >हमारे सामने विद्यमान सभी मामलों में ड्डषि मामला सबसे पहले आता है। यह कथन किसका है ? >योजना आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन थे ? >प्रिंटर, कीबोर्ड और मोडम जैसी बाहरी डिवाइसें क्या कहलाती हैं ? >अपने ही कुल के नाशक को क्या कहते हैं ? >सूक्ष्म विद्युत.धारा का पता लगाने एवं मापन के लिए किस उपकरण का प्रयोग किया जाता है ? >संसद को मौलिक अधिकारों को खत्म करने या कम करने का कोई अधिकार नहीं है. यह सर्वोच्च न्यायालय के किस निर्णय में कहा गया है ? >अंग्रेजी भाषा का एक मिलियन्थ (दस लाखवाँ) शब्द बनने का सम्मान किसको गया ? >भारत के किस एक राज्य में कुल भूक्षेत्र का अधिकतम वन क्षेत्र है ? >उर्वशी के रचनाकार कौन हैं ? >भारत आने वाला सबसे पहला पुर्तगाली कौन था ? >कंप्यूटर प्रोग्राम हाइ लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में लिखे जाते हैं, तथापि प्रोग्राम के मानव पठनीय पाठ को क्या कहते हैं ? >कूलंब किसकी इकाई है ? >भारत के नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति कौन करता है ? >भारत का राष्ट्रपति बनने से पहले भारत रत्न का अवार्ड किसे मिला था ? >ज्ञानपीठ पुरस्कार किस क्षेत्र वालों को दिया जाता है ? >किस वर्ष में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था ? >विश्व की सबसे बड़ी वित्तीय संस्थाओं में से एक - बैंक ऑफ अमेरिका के बोर्ड में निदेशक के रूप में नियुक्त पहला गैर.अमेरिकी व्यक्ति कौन है ? >किस उच्च न्यायालय द्वारा भारत में बंद आयोजित करने को पहली बार अवैध घोषित किया गया ? >उत्तर प्रदेश में प्रथम विकलांग विश्वविद्यालय कहाँ स्थापित किया गया है ? >द टेस्ट ऑफ माई लाइफ पुस्तक का लेखन किसने किया है ? >ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना की अवधि क्या थी ? >गैम्बिट शब्द किस खेल से सम्बन्धित है ? >सुवर्ण सौधा किस राज्य का विधानसभा भवन है ? >भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति कौन करता है ? >सूर्य एवं पृथ्वी के बीच न्यूनतम दूरी (उपसौर) प्रत्येक वर्ष किस दिन होती है ? >वी द पीपुल नामक प्रसिध्द किताब किसने लिखी ? >रामदेवजी मेले का प्रमुख नृत्य कौनसा है ? >मानव शरीर में किस ग्रन्थि में आयोडीन संगृहीत होता है ? >किस भारतीय रियासत ने १5 अगस्त १94७ को भारतीय संघ में अधिमिलन किया ? >कौन-सा ग्रह अपनी धुरी पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूर्णन करता है ? >राज्य की कार्यपालिका का प्रमुख कौन होता है ? >भारतीय पंचवर्षीय योजनाओं के प्रारूप का अनुमोदन किसके द्वारा किया जाता है ? >जर्मन सिल्वर किसका मिश्रण है ? >मेवाड़ प्रजामण्डल की स्थापना किसने की ? >सामान्य परिस्थितियों में, हवा मे ध्वनि का वेग कितना होता है ? >प्रसिध्द खजुराहो मंदिर का निर्माण किसने किया था ? >मोनेजाइट बालू में कौन-सा खनिज पाया जाता है ? >भारत में गाँधी ने सत्याग्रह का पहला प्रयोग कहाँ किया ? >किसके कारण कुहासा होता है ? >१94७ ई. में भारत की स्वंतत्रता के समय इंग्लैण्ड में किस राजनीतिक दल की सरकार थी ? >अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति का मुख्यालय कहाँ है ? >सोने की शुध्दता को मापने के लिए कैरेट शब्द का प्रयोग किया जाता है। सोने का शुध्दतम रूप क्या है ? >संसार की अधिकतम वर्षा किस रूप में होती है ? >मानस पशुविहार किस राज्य में स्थित है ? >विजय केलकर समिति की रिपोर्ट किससे सम्बन्धित थी ? >हाल में एक नए राष्ट्र का उद्भव हुआ है। उसका नाम क्या है ? >प्रसिध्द विट्ठल स्वामी का मन्दिर तथा हजारा का मन्दिर का निर्माण किसने करवाया था ? >राष्ट्रीय आय आकलन की तैयारी किस संगठन का दायित्व है ? >घरेलू मक्खी द्वारा फैलने वाला रोग कौन सा हैं ? >डूरण्ड रेखा किस देशों की महत्वपूर्ण सीमा के बीच में है ? >बच्चों के भोजन के अधिकार पर दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन कहाँ आयोजित किया गया ? >शरीर में सबसे बड़ी अंतःस्रावी ग्रंथि कौनसी है ? >भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त कौन थे ? >जनगणना २0११ के अनुसार देश में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या कितनी है ? >श्रीलंका के राजा मेघवर्मन ने किस गुप्त शासक से भगवान बुध्द का मन्दिर बनवाने की अनुमति माँगी थी ? >बेरी.बेरी किस विटामिन की कमी से होता है ? >अहिंसा का चरम स्वरूप किस धर्म में सर्वाधिक पालन किया जाता है ? >सूर्य की सतह का तापमान लगभग कितना होता है ? >महात्मा बुध्द ने अपना पहला उपदेश कहाँ दिया ? >बरसात बिल्कुल न होना क्या कहलाता है ? >भारत में हरित क्रान्ति की शुरुआत कब हुई ? >नूरजहां का मूल नाम क्या था ? >भारत का प्रथम मुस्लिम शासक कौन था ? >संविधान सभा द्वारा अन्तिम रूप से पारित संविधान में कुल कितने अनुच्छेद और अनुसूचियाँ थी ? >भारत में द्वैध शासन की प्रणाली किस वर्ष शुरू की गई थी ? >यूरेनियम विखण्डन की सतत् प्रक्रिया को जारी रखने में किस कण की जरूरत होती है ? >घडि़याल प्रोजेक्ट किस नदी में स्थापित है ? >भारतीय संविधान के निर्माण में कितना समय लगा ? >वह एकमात्र पक्षी कौन-सा है, जो पीछे की और उड़ता है ? >वर्तमान में सम्पत्ति का अधिकार किस प्रकार का अधिकार है ? >अखिल भारतीय किसान सभा (१936 ई.) के संस्थापक कौन थे ? >राज्य सभा का अध्यक्ष कौन होता है ? >सूर्य में कौनसी गैस सर्वाधिक पाई जाती है ? >किसी क्षेत्र में जनसंख्या का घनत्व किसकी संख्या से मापा जाता है ? >माघ.खिचड़ी गुडि़या, बजहर, होली आदि त्यौहार किस जनजाति द्वारा मनाए जाते हैं ? >विक्रम साराभाई सेण्टर द्वारा निर्मित सागा.२२0 क्या है ? >१८5७ ई. के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था ? >भारतीय संसद के कामकाज में शून्य काल का क्या अर्थ है ? >सामान्य वयस्क व्यक्ति में कुल कितना रक्त होता है ? >खनिज तेल एवं कोयला किन चट्टानों में पाया जाता है ? मैनेज सर्विसेस बाय: समीक्षा सोफ्त्वार् |
सपना चौधरी के पैरों में गिरकर गिड़गिड़ाने लगा ये शख्स, देखिये वीडियो - लाइव समाचारसपना चौधरी के पैरों में गिरकर गिड़गिड़ाने लगा ये शख्स, देखिये वीडियोएडमिन१ नोवंबर २९, 20१89१ वियूजलाइव समाचार- सपना चौधरी नव विडियो : सपना चौधरी का नया वीडियो इंटरनेट पर जमकर वायरल हो रहा है। नए वीडियो को @इसपनाचौधरी नाम के इंस्टाग्राम पेज से शेयर किया गया है। इस वीडियो में एक शख्स सपना चौधरी के पैरों में गिरकर माफी मांगते हुए नजर आ रहा है।दरअसल इस वीडियो में नजर आ रहा है कि सपना चौधरी एक शख्स का कॉलर पकड़ कर उसे डांट रही हैं तब ही वहां दूसरा शख्स आता है और वो सपना चौधरी को हटा कर खुद उस शख्स से भिड़ जाता है। वो बार-बार इस शख्स से मारपीट करने की जिद करने लगता है लेकिन सपना चौधरी उसे बार-बार रोक देती हैं। फिर अचानक सपना चौधरी उसे छोड़ देती हैं कहती हैं जा लड़इसके बाद यह शख्स सपना चौधरी के पैरों में गिरकर माफी मांगने लगता है। इस फनी वीडियो में सपना चौधरी हंसती हुईं भी नजर आ रही हैं। सपना चौधरी का नया वीडियो उनके प्रशंसकों को काफी रास आया है। इस वीडियो को अब तक हजारों व्यूज मिल चुके हैं।आपको बता दें कि सपना चौधरी हरियाणा की मशहूर डांसर हैं। स्टेज परफॉरमेंस की दुनिया से निकलकर सपना चौधरी ने बड़ा नाम कमाया है। शुरू में सपना चौधरी सिर्फ हरियाणवी गानों पर डांस करती नजर आती थीं। लेकिन बाद में उन्होंने हिंदी, भोजपुरी और पंजाबी गानों पर अपने जबरदस्त डांस परफॉरमेंस से सबका दिल जीत लिया।सपना चौधरी जल्दी ही डांसिग के बाद एक्टिंग की दुनिया में भी कदम रखने वाली हैं। सपना चौधरी हिंदी फिल्म दोस्ती के साइड इफेक्ट्स से फिल्मी दुनिया में कदम रखेंगी। सपना चौधरी बिग बॉस ११ में बिग बॉस के घर के अंदर भी नजर आ चुकी हैं।एन्टर्टेन्मन्ट20१8-११-२९प्रेवियस शादीशुदा ना होते रविन्द्र जडेजा तो विवाह रचाने को तैयार थी ये बड़ी हस्ती, रात भर करती रही मेसेजनेक्स्ट श्रीदेवी की अंतिम फिल्म रिलीज के लिए तैयार, फिल्म जीरो में आएंगी नजरगर्मी के दिनों में न करें ये ५ काम, हो सकते हैं बीमार |
२५, अप्र २०१७ बाय रीतेश सिन्हानयी दिल्ली. सूचना मिली है कि दिल्ली के सभी मच्छर, मैड चुनाव के नतीजों का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। कल टीवी में नतीजों को लाइव देखने के लिए सभी मच्छर अभी से तैयारी में जुट गए हैं। दरअसल, ये चुनाव उनके जीवन-मरण से जुड़ा हुआ प्रश्न है, क्योंकि केजरीवाल जी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि अगर मैड में बीजेपी जीतती है, तो दिल्ली के बच्चों को डेंगू और चिकनगुनिया होकर रहेगा।साँस थामे रिजल्ट आने का इंतज़ार करता एक मच्छरयानि कि अगर मच्छरों को अपनी जान बचानी है, तो उन्हें भाजपा को सपोर्ट करना ही पड़ेगा। वहीं, अगर आम आदमी पार्टी मैड इलेक्शन जीत जाती है, तो इन मच्छरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है। हालाँकि, जब से एग्जिट पोल आए हैं, डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छर फूले नहीं समा रहे हैं।गंदी नाली का मुआयना करके लौट रहे एक मच्छर ने बताया कि देखिए! इस चुनाव परिणाम का असर हमारे खानदान पर भी पड़ सकता है। पांच लोगों का भरा-पूरा परिवार है मेरा, खून चूस के बड़ी मुश्किल से गुजारा होता है। ऐसे में केजरीवाल जी हमारे खिलाफ आए दिन बयान देते रहते हैं, तो हमें डर लगने लगता है। एवम तक तो ठीक था, हमने क्या बिगाड़ा है किसी का? खैर, अब तिवारी जी आ गए हैं, वे सब संभाल लेंगे!सूत्रों के मुताबिक, चुनाव परिणाम देखने के लिए सभी मच्छर एक गंदे मैदान में जमा होंगे और भिनभिनाते हुए प्रोजेक्टर में परिणाम का लुत्फ़ उठाएंगे। आयोजन स्थल पर साफ़ पानी का भी इंतजाम होगा, ताकि डेंगू के मच्छर वहीं पर वंश-वृद्धि कार्यक्रम चला सकें। इसके अलावा, अगर बीजेपी जीतती है, तो कुछ जवान मच्छरों को पटाखे फोड़ने का जिम्मा सौंप दिया गया है।उधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस आरोप से इंकार किया है कि डेंगू के मच्छर उन्हें चुनाव में सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये सरासर झूठ है! ना ही हम मच्छरों को सपोर्ट कर रहे हैं, और ना वे हमें सपोर्ट कर रहे हैं। बल्कि, हम तो डेंगू को जड़ से ख़त्म करने की कोशिश कर रहे हैं। चिकनगुनिया के मच्छर भी हमसे डरते हैं। हमने किसी भी असामाजिक तत्व से सपोर्ट नहीं लिया है, क्योंकि हम तो मोदीजी के चेहरे के भरोसे चुनाव लड़ रहे हैं। -तिवारी जी ने स्पष्ट किया।टॉपिक:#चिकुनगुन्य #डेंगू #केजरीवाल #मैड इलेक्शन #मोस्क्विटोकेजरीवाल के लैपटॉप पर ख़तरनाक रैंसमवेयर का अटैक, दो करोड़ कैश की माँग |
बच्चों के लिए भाग्यश्री ने छोडा करियर..कैसे कर पाईं इतना कुछ | थेंदुपेरेंट हिन्दी"मेरे पास दो विकल्प थे कि मैं फैमिली या करियर में कोई एक का चुनाव करुं..."९० के दशक की सुपरहिट फिल्म मैंने प्यार किया की शर्मीली सुमन तो याद होगी । अपने करियर के टॉप पर उन्होंने फिल्मी करियर छोड़कर शादी कर ली और ताकि फैमिली को समय दे सकें।मैंने प्यार किया के रिलीज के २७ साल के भी भाग्यश्री उतनी ही खूबसूरत लगती हैं और पहले से ज्यादा ही फिट लगती हैं। वो दो खूबसूरत बच्चे अभिमन्यु और अवंतिका की मां हैं।भाग्यश्री का कहना है कि उनके बच्चे उन्हें फिट और यंग रखते हैं और समय के साथ बदलने में मदद करते हैं।थेंदुपेरेंट ने भाग्यश्री से बात की, आप भी पढ़िए उनका इंटरव्यू१.मैंने प्यार किया रिलीज हुए २७ साल हो गए, आज कैसा लगता है? क्या आपको किसी तरह का पछतावा होता है?जिस तरह से लगाता लोगों का प्यार मिला और मिल रहा है ऐसा लगता है जैसे ये सब कल की बात हो। सबों के दिलों मेरे लिए आजतक प्यार है।इतनी बड़ी हिट के बाद मुझे लगातार काफी ऑफर मिले और इतने ऑफर के बाद किसी की भी जिंदगी का संतुलन बिगड़ सकता था। मेरे पास दो विकल्प थे कि मैं फैमिली या करियर में कोई एक का चुनाव करुं और मैंने प्यार चुना। मुझे कुछ ऐसा नहीं करना था जो मेरे और पति के बीच में। मेरे लिए प्यार और कमिटमेंट सबसे जरुरी था। अगर मेरे जेहन में कभी ख्याल आया भी तो वो बेटे अभिमन्यु के जन्म के बाद हमेशा के लिए खत्म हो गया। मेरी दुनिया मेरी बाहों में हैंमैंने अपने बच्चों को बड़ा होते देखा है और हर पल को इंज्वॉय किया है। मैं उनके साथ कराटे, स्वीमिंग, डांसिंग, पियानो हर क्लास में उनके साथ रही। उनके लंच लेकर स्कूल गई। उनकी अच्छी बर्थडे पार्टी प्लान करना, उनके साथ खेलना, सभी त्योहार उनके साथ मनाना और उन्हें इससे जुड़ी परंपराओं के बारे में बताना मैंने सबकुछ इंज्वॉय किया है।मेरे लिए वही सबकुछ हैं। आज जब मेरे बच्चे मेरा हाथ पकड़कर कहते हैं कि मॉम हमें आप पर नाज़ है कि आपने हमारे लिए क्या छोड़ा है तो लगता है मुझे जो पाना था वो मैंने पा लिया।२.आपकी इंस्टाग्राम तस्वीरों को देखकर लगता है कि उम्र आपके लिए नंबर से ज्यादा कुछ नहीं है। आप इतनी यंग और रिफ्रेश कैसे दिखती हैं?३० के बाद बिना मेहनत के कुछ नहीं मिलता। नो डाइट बुत ईंट राइट और वर्कआउट जरुरी है। मेरा बच्चों से लागातर जुड़े होने के कारण मैं मानसिक रुप से तो ज्यादा यंग हूं। उनके साथ समय बिताने की वजह से मुझे तकनीक, फैशन और लाइफ के अलग अलग फंडो के बारे में पता चलते रहता है।३. आप अपनी फिगर के कारण सुर्खियों में रहीं। क्या आप हमारे साइट से जुड़ी मांओ को कुछ सुझाव देना चाहेगी?सबसे ज्यादा जरुरी है कि आप हमेशा यंग रहें। मैं जब खाती हूं तभी बैठती हूं या जब मैं अपना ब्लॉग ( लिख रही होती हूं वरना मैं कुछ ना कर रही होती हूं। मेरे ब्लॉग में मैं हमेशा न्यूट्रिशन और वर्कआउट की बातें करती हूं कि कैसे घर में भी आसान व्यायाम किए जा सकते हैं। मैं वीडियो भी हमेशा शेयर करते रहती हूं और जहां तक न्यूट्रिशन की बात है मैं जल्द ही अपना हेल्प सेंटर खोलते रहती हूं।४. कहा जा रहा है कि आपके बेटे अभिमन्यु जल्द ही बॉलीवुड में एंट्री ले सकते हैं।आप उसे क्या नसीहत और टिप्स देना चाहेंगी।फिल्ममेकिंग में सबकुछ सीखने की कला होनी चाहिए। आप जितना इसके बारे में और लोगों को जानेंगे आपका सफर उतना ही मजेदार होगा। हमेशा इसे दिलचस्प बना कर रखना चाहिए।५. मां बनने के बाद एक इंसान के तौर पर आप कितना बदलीं? क्या तीन बातें आपने अपने बच्चों के पालन पोषण के दौरान सीखी?मां बनने के बाद मेरी पूरी दुनिया बदल गई, मेरी जिंदगी बदल गई। मैंने हरपल इसे इंज्वॉय किया। हम हमेशा अपने बच्चों से जिंदगी के हर पड़ाव में कुछ ना कुछ सीखते हैं। बच्चों की वजह से हम जमीन से जुड़े रहते हैं। वो हमें दिखाते हैं ये जिंदगी कितनी खुशियों और मस्ती से भरी होती है। ये सिखाती है कि हर कुछ को ज्यादा गंभीरता से लेने की जरुरत नहीं है। जिंदगी आगे बढ़ने, सीखने और बदलने का नाम होती है अगर आप वाकई हमेशा यंग दिखना चाहते हैं। सच बताउं तो वो मेरी जिंदगी हैं।६. पैरेंटिंग काफी चैलेंजिग टास्क है। कुछ टिप्स जो आप नयी मांओ को देना चाहेंगी खासकर जो बेटे की मां हैं?उन्हें सिखाइए कि नारीवाद का झंडा उठाना ज़ेंदर इक्वालिटी (लिंग समानता) नहीं है। जिंदगी में औरतों की अहमियत को पहचाने और इज्जत करें। उन्हें कम उम्र से ये शिक्षा दें ताकि ये दुनिया अच्छी हो सके। |
प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो और एंटरप्राइज़ रिसोर्स मैनेजमेंटप्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट और प्रतिदिन के कार्य के लिए एक परिवर्तनीय समाधान.कोई भागीदार ढूँढेंशारपॉइंट के साथ प्रोजेक्ट आज़माएँ (अंग्रेज़ी में)प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट के लिए अत्यधिक स्केलेबल और अनुकूलनशील ऑन-प्रिमाइसेस समाधानपरिवर्तनीय प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंटमाइक्रोसॉफ्ट प्रोजेक्ट सर्वर २०१६ प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट और प्रतिदिन के कार्य के लिए एक परिवर्तनीय ऑन-प्रिमाइसेस समाधान है.कहीं भी पहुँच प्राप्त करेंलचीले ऑन-प्रिमाइसेस समाधानअधिक स्मार्ट माइक्रोसॉफ्ट प्रोजेक्ट & पोर्टफोलियो मैनेजमेंट समाधान उपयोग करेंएक ऐसे परिचित अनुभव के साथ शीघ्रता से प्रारंभ करें, जो सहभागिता को बेहतर बनाता है और टीम्स की अधिक कार्य करने में मदद करता है.शीघ्रता से आरंभ करने के लिए या प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट क्षमताओं को दिखाने के लिए उस प्रोजेक्ट वेब आप्प (पवा) में नई दृश्य टाइल का उपयोग करें, जो प्रोजेक्ट सर्वर पर पहुँच प्राप्त करने के लिए आपका वेब अनुप्रयोग है.इंटरनेट एक्सप्लोरर, फिरेफॉक्स, सफारी, क्रोम, इत्यादि कोदेखने, संपादित करने, सबमिट करने, प्रोजेक्ट, पोर्टफ़ोलियो और प्रतिदिन के कार्य में सहयोग देने के लिएडिवाइसेस और ब्राउज़र के बीच चुनें.आधिकारिक कार्रवाईयों को प्राथमिकता के आधार पर रखने, अनुकूलतम प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो का चयन करने और अपनी व्यावसायिक रणनीति के अनुसार कार्य करने के लिए उद्देश्य और प्रयास को संरेखित करें.किसी शारपॉइंट कार्य सूची का पवा में किसी एंटरप्राइज़ प्रोजेक्ट में तीव्रता से प्रचार करें.कार्रवाई करें और पहले से कहीं अधिक स्थानों में और अधिक डिवाइसेस पर अप टू डेट बने रहें.अपनी टीम को एक ही स्थान में व्यवस्थित करेंउनकी प्रोजेक्ट साइट परजहाँ वे प्रोजेक्ट के सार, दस्तावेज़, कार्य, न्यूज़फ़ीड्स और कैलेंडर देख सकती हैं.संसाधनों को प्रभावशाली रूप से प्रबंधित करेंशारपॉइंट कार्य सूचियों में अपनी टीम के विचारों को दर्ज करते हुए और पवा में उनका मूल्यांकन करते हुए अपनी प्रोजेक्ट पाइपलाइन और आपके लोग किस पर कार्य कर रहे हैं, इनको बेहतर ढंग से प्रबंधित करें.एक्स्चंगे में टीम सदस्य कैलेंडर्स से प्रोजेक्ट सर्वर २०१६ में बिना किसी रुकावट के जानकारी प्रवाहित करें, कार्य-साझाकरण क्षमताओं को बढ़ाते हुए प्रोजेक्ट निर्धारण और कार्य स्थिति अद्यतनों को सरल बनाना.प्रतिदिन के कार्य और प्रोजेक्ट्स को प्रभावपूर्ण ढंग से निष्पादित करने के लिए शारपॉइंट की खोज क्षमताओं का उपयोग करें और उपयुक्त जानकारी पाएँ.निर्बाध रूप से संचार करेंयह देखने के लिए कि कोई टीम सदस्य बात करने के लिए उपलब्ध है या नहीं अपनी प्रोजेक्ट योजना में किसी नाम पर हॉवर करें या लिंक के साथ तत्काल संदेश (इम) भेजें.दक्षता और नियंत्रण बढ़ाएँपवा में संसाधन केंद्र के माध्यम से अपने संगठन की संसाधन आवश्यकताओं के लिए उपयोग व योजना आवंटन को अनुकूल बनाएँ.विस्तृत और गहन जानकारी प्राप्त करने के लिए और बेहतर निर्णय लेने में मदद के लिए सारांश डैशबोर्ड्स का उपयोग करें.इति त को सरल बनाएँशारपॉइंट के साथ एक एकीकृत व्यवस्थापक के अनुभव के साथ इति त को सरल बनाएँ.यह चुनने के लिए कि किस अध समूह में वे टीम हैं जिन्हें आप प्रोजेक्ट्स असाइन करना चाहते हैं, पवा में एक्टिव डाइरेक्टरी (अध) सिंक्रनाइज़ेशन का उपयोग करें.पवा में एक नए शारपॉइंट एकीकृत सुरक्षा मॉडल के माध्यम से अपनी टीम्स और विश्वसनीय व्यावसायिक भागीदारों को आसानी से उचित पहुँच स्तर प्रदान करें.शीघ्रता से नवाचार करेंत्वरित रूप से एक परिवर्तनीय प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो प्रबंधन प्लेटफ़ॉर्म के साथ नवाचार करें.अनन्य व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नए शारपॉइंट स्टोर से ऐप्स का उपयोग करें.तीव्रता से कार्य करने में और अवसरों के प्रतिसाद देने में आपकी मदद करने के लिए प्रोजेक्ट सर्वर, शारपॉइंट, एक्स्चंगे, लिंक और ऑफिस में सर्वत्र एकीकृत अनुभवों का लाभ उठाएँ.विभिन्न विषयों जैसे आम, न्प्ड और इप्म को एक जोड़े गए और स्केलेबल प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से एक साथ जोड़ें.आसान व्यवस्थापन और प्रबंधनप्रोजेक्ट की प्रगति या अस्वीकृति को मानकीकृत करने और संचालन व नियंत्रण को बेहतर बनाने के लिए विसियो और शारपॉइंट देसिग्नेर में बिना कोडिंग के आसानी से वर्कफ़्लोज़ बनाएँ.टीम सहयोग को सशक्त बनाएँ और एंटरप्राइज़ सामजिक क्षमताओं, तत्काल संदेश सेवा के साथ सुगम संचार, टीम साइट्स और उपयोग में आसान सहयोग क्षमताओं के साथ प्रोजेक्ट सफलता को बेहतर बनाएँ.सभी कार्यों का प्रबंधनप्रोजेक्ट्स, परिचालन गतिविधियों और रोजमर्रा के कार्य पर दृश्यता प्राप्त करें. उपयुक्त अभिशासन और नियंत्रण लागू करके प्रोजेक्ट प्रारंभ करना और विकसित करना सरल और कारगर बनाएँ.समय रिपोर्टिंग और कार्य प्रबंधन के लिए केंद्रीयकृत और आम दृष्टिकोण का उपयोग करें.कार्यान्वयन के लिए खाका और प्रगति ट्रैक करने एवं परिवर्तन प्रबंधित करने के लिए डिलीवरी फ़्रेमवर्क के साथ प्रोजेक्ट को समय पर डिलीवर करें.उन्नत पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंटपोर्टफ़ोलियो विश्लेषिकी और चयनआपके संगठन की व्यावसायिक रणनीति के साथ बेहतर ढंग से संरेखित होने वाले प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियोज़ को सफलतापूर्वक पहचानें, उनका चयन करें और डिलीवर करें और रोई का अधिकतम लाभ उठाएँ.डेटा-चलित निर्णयप्रोजेक्ट डेटा के बारे में निर्णय एकत्रित करें, श्रेणीबद्ध करें, समझें और निर्णय लें. प्रोजेक्ट, प्रोग्राम्स और पोर्टफोलियो को सक्रिय रूप से प्रबंधित करने के लिए दृश्यता और निर्णय समर्थन प्रदान करने हेतु व्यावसायिक इंटेलिजेंस (बी) का उपयोग करें.अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शारपॉइंट स्टोर से ऐप्स को स्थापित करें, आसानी से कस्टम ऐप्स को लिखें और व्यवसाय प्रणालियों की श्रृंखला को एकीकृत करें.उन्नत इति त समस्याओं के लिए २४/७ फ़ोन सहायता योजनाएँ. माइक्रोसॉफ्ट समुदाय सहायता अन्य प्रोजेक्ट ग्राहकों को ऑनलाइन उत्तर, संसाधन कैसे-करें और कनेक्शन प्रदान करता है.इकोसिस्टम के लिए माइक्रोसॉफ्ट प्रोजेक्ट & पोर्टफोलियो मैनेजमेंटमाइक्रोसॉफ्ट प्रोजेक्ट & पोर्टफोलियो मैनेजमेंट समाधान उन सैकड़ों माइक्रोसॉफ्ट सहभागियों द्वारा समर्थित है जिन्हो्ंने प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट योग्यता अर्जित की है, प्रासंगिक परीक्षाएँ दी हैं और दुनिया भर में ८० से अधिक देशों में अनेक परिनियोजनाएँ आयोजित की हैं. जब मूल्यांकन, एनवाइज़निंग, या प्रशिक्षण के लिए सहायता की आवश्यकता हो और आप व्यावसायिक सेवा संगठन के साथ जुड़ने के लिए तैयार हों तोअपने क्षेत्र में प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट सहभागी से मिलें.प्रोजेक्ट ऑनलाइन प्रीमियम और प्रोजेक्ट सर्वर २०१६ के बीच क्या अंतर है?प्रोजेक्ट ऑनलाइन प्रीमियम हमारा एक नया ऑनलाइन प्रोजेक्ट और पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट सेवा है जो ऑफिस ३६५ के माध्यम से वितरित की जाती है. प्रोजेक्ट सर्वर २०१६ हमारा ऑन-प्रिमाइसेस प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट उत्पाद है.प्रोजेक्ट ऑनलाइन प्रीमियम और प्रोजेक्ट सर्वर २०१६ के लिए समर्थित वेब ब्राउज़र्स कौन से हैं?इंटरनेट एक्सप्लोरर १०, इंटरनेट एक्सप्लोरर ९, इंटरनेट एक्सप्लोरर ८, फिरेफॉक्स १०, सफारी ५ और गूगल क्रोम 1७.क्या प्रोजेक्ट सर्वर २०१६ में शारपॉइंट सर्वर २०१६ शामिल है?नहीं, प्रोजेक्ट सर्वर २०१६ में शारपॉइंट सर्वर २०१६ शामिल नहीं है. हालाँकि, आपको प्रोजेक्ट सर्वर २०१६ स्थापित करने से पहले शारपॉइंट २०१६ को स्थापित करना होगा. हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर आवश्यकताओं के बारे में अधिक जानकारी टेक्नेट पर उपलब्ध है.क्या प्रोजेक्ट सर्वर के पिछले संस्करण एक मशीन पर प्रोजेक्ट सर्वर २०१६ के साथ मौजूद रह सकते हैं?प्रोजेक्ट सर्वर २०१६, प्रोजेक्ट सर्वर के पिछले संस्करणों के साथ नहीं रह सकते हैं. नवीनीकरण और माइग्रेशन की योजना बनाने के बारे में अधिक जानकारी टेक्नेट पर उपलब्ध है.मैं प्रोजेक्ट के बारे में कैसे कोई प्रश्न पूछ सकता/सकती हूँ या प्रतिक्रिया भेज सकता/सकती हूँ?आप प्रोजेक्ट फ़ोरम पर हमसे जुड़ सकते हैं.मुझे प्रोजेक्ट ऑनलाइन प्रीमियम या प्रोजेक्ट सर्वर २०१६ के बारे में अधिक संसाधन कहाँ प्राप्त हो सकते हैं?कई संसाधन ऑनलाइन उपलब्ध हैं (आपकी भाषा में उपलब्ध नहीं हो सकते हैं):प्रोजेक्ट ऑनलाइन प्रीमियम के साथ प्रारंभ करेंइट पेशेवर (टेक्नेट)डेवलपर (म्सन)मैं प्रोजेक्ट वेब आप्प (पवा) पर कैसे पहुँच प्राप्त कर सकता/सकती हूँ?आप प्रोजेक्ट ऑनलाइन प्रोफेश्नल के साथ प्रोजेक्ट ऑनलाइन प्रीमियम या प्रोजेक्ट ऑनलाइन प्रीमियम के माध्यम से पवा तक पहुँच सकते हैं. या, यदि आपके पास प्रोजेक्ट सर्वर २०१६ है, तो आप प्रोजेक्ट सर्वर २०१६ या किसी क्लाइंट पहुँच लाइसेंस (कल) से कनेक्ट होकर प्रोजेक्ट प्रोफेश्नल २०१६ के साथ पवा पर पहुँच प्राप्त कर सकते हैं.व्यावसायिक मूल्य डिलीवर करने के लिए ऑन-प्रिमाइसेस हमारे नवीनतम प्रोजेक्ट पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट समाधान का उपयोग करने वाले एंटरप्राइज़ ग्राहकों की प्रोजेक्ट सर्वर की सफलता की कहानियाँ पढ़ें.स्थापना प्रक्रिया से गुजरेंशारपॉइंट कनेक्शन |
संलग्न स्थानों में कंटेनरों में ताजा चिंराट कैसे बढ़ाएं | शौक | ही.एकलेवनते.कॉमसंलग्न स्थानों में कंटेनरों में ताजा चिंराट कैसे बढ़ाएंअंतर्देशीय स्थानों में रहने वाले लोगों के लिए समुद्र का भोजन प्राप्त करना, समुद्र और मछली, शंख और क्रस्टेशियन के स्रोत से दूर, मुश्किल और महंगा हो सकता है। इस स्थिति से बाहर निकलने का एक तरीका घर पर समुद्री भोजन उगाना हो सकता है। कंटेनर में ताजा चिंराट बनाना किसी ऐसे व्यक्ति के लिए बहुत सरल और अत्यधिक संतोषजनक हो सकता है जो सौतेले या तले हुए चिंराट से प्यार करता है। एक ऑनलाइन रिटेलर या एक विशेष स्टोर से युवा झींगा ऑर्डर करें, और उन्हें उठाना शुरू करें।अपने कंटेनर को कॉन्फ़िगर करें। घर के अंदर झींगा बनाने के लिए, मछली के टैंक आकार और सुविधा में आदर्श हैं। जगह के नीचे सब्सट्रेट, चट्टानों और जीवित पौधों को नीचे छिपाने के लिए रखें। टैंक को साफ और गर्म रखने के लिए एक हीटर, एक पंप और एक फिल्टर स्थापित करें। मछली टैंक के तापमान की निगरानी के लिए एक थर्मामीटर रखें।कटोरे को साफ, क्लोरीन रहित पानी से भरें। हालाँकि ताजे चिंराट को खारे पानी में डाला जाता है, फिर उन्हें साफ पानी में स्थानांतरित किया जाता है, इसलिए आपके द्वारा खरीदे जाने वाले झींगे को स्वच्छ पानी की आवश्यकता होगी। टैंक में पानी होते ही अपने पंप, अपने फिल्टर और हीटर को चालू करें। मछली के कटोरे को २४ घंटे के लिए बैठने दें और झींगा को अंदर रखने से पहले लगातार तापमान बनाए रखें।झींगा बैग को अपने मछली टैंक में तैरने दें ताकि पानी का तापमान मैच हो जाए। झींगा को उठाने के लिए आदर्श तापमान ७६ से ८८ डिग्री फ़ारेनहाइट (२४ डिग्री सेल्सियस से ३१ डिग्री सेल्सियस) है। झींगा ६० डिग्री फ़ारेनहाइट (१५ डिग्री सेल्सियस) या ९७ डिग्री फ़ारेनहाइट (३६ डिग्री सेल्सियस) से नीचे के तापमान में नहीं बचेगा।झींगा को छोड़ें। इस उम्र में वे अपने आकार के एक चौथाई हैं। उन्हें रोजाना मछली या झींगा खाना खिलाएं। अपने तापमान को बनाए रखें और सप्ताह में एक बार पानी की जाँच करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह साफ और ऑक्सीजन युक्त है। सितंबर या अक्टूबर में फसल झींगा; जब तक आप उन्हें काटेंगे तब तक सारी गर्मी बढ़ती रहेगी।यह सुनिश्चित करने के लिए ३० से ६० दिनों के लिए झींगा खरीदें कि आप स्वस्थ झींगा खरीद रहे हैं। युवा चिंराट कम मजबूत होते हैं और संक्रमण के साथ समस्याएं होंगी। ताजा चिंराट के लिए बढ़ते मौसम १ जून से १५ सितंबर तक है; झींगा को ऑर्डर करने और बढ़ाने के लिए यह सबसे अच्छा समय है। क्योंकि झींगा प्रादेशिक है, यह हमेशा उन मात्राओं को रखने के लिए सबसे अच्छा है जो आपके पास पानी और जगह की मात्रा के लिए उपयुक्त हैं। २०-गैलन मछली टैंक (७६ एल) के लिए १0 चिंराट के बारे में आदेश दें, इसलिए प्रत्येक झींगा का अपना क्षेत्र होगा। ताजा चिंराट को मछली के टैंक के अलावा अन्य कंटेनरों में रखा जा सकता है। मछली टैंक में अपने चिंराट के साथ अन्य जानवरों को न डालें; कछुए, मछली और उभयचर आपके युवा झींगा खाएंगे।यदि पानी में क्लोरीन है, तो यह झींगा को मार देगा। अपने कटोरे को कटोरे में डालने से पहले हमेशा क्लोरीन प्राप्त करें। |
सरदार खुद को "भूल" गया है! मकिंग इंडियाहोम अन्य सरोकार सरदार खुद को भूल गया है!सरदार खुद को भूल गया है!आज बचपन में पढ़ी एक कहानी याद आ गयी. कहानी बहुत पुरानी है. एक गांव से दस जने कमाने को परदेस निकले. कमाने को निकले तो जिसको जितना बन पड़ा सबने रुपया कमाया. तीन साल बाद वे घर वापसी की सोचे. एकमत होकर घर की ओर निकल पड़े.जब निज गांव से दस कोस की दूरी पर होंगे तब समूह के सरदार ने खाना खाने की इच्छा जाहिर की. खाना बना और सबने छ्क कर खाया , आखिर घर लौटने की खुशी थी.अब सरदार सबकी गिनती करने लगा. वह बार-बार गिनता किंतु नौ आदमी छोड़कर दसवां नदारद था. समूह के सभी आदमी ने बारी-बारी से गिनती किया. सब फेल- दसवां नदारद! सवाल जस के तस कि दसवां आदमी कहाँ छूट गया. वे लोग अपने दसवें साथी की याद में रोने लगे.तभी कुछ देर बाद एक साधु उस रास्ते से गुजरे. सभी को रोते देखकर वह ठिठक गए. मामले को समझने के बाद सबको एक कतार में खड़ा होकर एक, दो, तीन करके गिनने लगे.. जब दस आदमी पूरे हुए तो सभी झूम उठे कि भई अब तो दसवां आदमी भेंट गया.साधु हंसते हुए सबसे कहा यह ठीक है कि तुम्हारा दसवां साथी जो खो गया था वह मिल गया. कैसे मिला यह नहीं पूछोगे ?सरदार ने कहा जी कहिये महाराज.साधु ने कहा तुम नौ आदमियों को तो गिन लेते थे, परन्तु स्वंय को गिनना ही भूल जाते थे. यह भूल कितनी घातक होती है, अब तुम्हें समझ में आ गया होगा.५ जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. हम क्या भूल रहे? हम यह भूल गए हैं कि पर्यावरण की सत्ता में केवल सभी जीव-जंतु ही नहीं आते अपितु मानव नामक जीव भी इसी प्रकृति का हिस्सा भर है.जबकि मानव पर्यावरण को राज्य समझता है और खुद को शासक. आज मानव स्वंय को प्रकृति की संतान नहीं मानता, अपितु अपनी दासी मान बैठा है. यह भूल बड़ी भारी पड़ेगी. यह पर्यावरण तब बचेगा जब मानव को सहअस्तित्व का बोध हो.. अन्यथा चांद, मङ्गल, बृहस्पति पर मानव बस्तियां बसाने की तैयारियों में कमी नहीं है.प्रेवियस आर्टियलइसरो ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया देश का सबसे वजनी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-३नेक्स्ट आर्टियलअब तो समझ जाएं कि भारत में उनके लिये किस हद तक घर कर गयी है नफ़रतपर्यावरण : समाज को ही करना होता है सामाजिक समस्या का समाधान |
जिज्ञासु पेड्रो डी आर्बुज़ की मृत्यु बार्टोलोमो एस्टेबन मुरिलोआरागॉन के राजा फर्डिनेंड के तहत, अधिग्रहण का प्रभाव बढ़ गया। अप्रैल १४८४ में आरागॉन किंगडम के कोर्टेस के तारासोना में, गुप्त परिषद पर, राजा द्वारा बुलाए गए व्यक्तियों से मिलकर, कैस्टिले राज्य के मुख्य जिज्ञासु का पद थॉमस टॉर्केमेड को दिया गया था। टॉमस टॉक्वेमादा ने भाई गैस्पर हगलर, एक डोमिनिकन भिक्षु, और डॉ। पेड्रो आर्ब्यूज डीपीले, महानगरीय चर्च के कैनन, को सरगौसा सूबा का जिज्ञासु नियुक्त किया।.शाही फरमान ने प्रांतीय अधिकारियों को उनकी सहायता करने का आदेश दिया। मई और जून के महीनों के दौरान नए जिज्ञासुओं ने कई सार्वजनिक और औपचारिक ऑटो-दा-फेस किए और धर्मनिरपेक्ष अदालत को दुर्भाग्यपूर्ण प्रतिवादियों को सौंप दिया, जिन्हें जला दिया गया था। इन लोगों ने आरागॉन राज्य के नए ईसाइयों को अधिक परेशान किया, जो जल्द ही कास्टाइल में उनके बीच के दृश्यों को फिर से शुरू करने की उम्मीद करते थे, जहां तीन साल पहले एक न्यायाधिकरण स्थापित किया गया था, जो कट्टर भिक्षुओं और पुजारियों द्वारा बर्बाद कर दिया गया था, हजारों पीड़ित।.द वैलेंटाइन ने देखा कि उनके बीच जिज्ञासा की स्थापना को रोकने के उनके सभी प्रयास व्यर्थ थे, और दूसरों को डराने के लिए एक या दो जिज्ञासुओं की बलि देने का फैसला किया। वे आश्वस्त थे कि इस घटना के बाद लोकप्रिय मनोदशा के बारे में और अधिक संदेह नहीं होगा, कि कोई भी एक जिज्ञासु बनने की हिम्मत नहीं करेगा, और खुद राजा विद्रोही आंदोलनों के डर से अपने मूल इरादे को छोड़ देंगे जो कि कास्टाइल और आरागॉन में टूट सकते हैं. "जब साजिशकर्ताओं द्वारा साजिश को मंजूरी दी गई थी, तो उन्होंने ज़ारागोज़ा के मुख्य जिज्ञासु डॉ। पेड्रो आर्ब्यूस डीपायला से छुटकारा पाने के लिए हत्यारों की तलाश शुरू कर दी थी। उनका प्रयास कई बार विफल रहा। पेड्रो अर्बुज़, ने इस इरादे की जानकारी दी, खतरे में कम होने के लिए सावधानी बरती.हत्यारों के वार से खुद को बचाने के लिए, जिज्ञासु ने अपने कपड़ों के नीचे चेन मेल पहना और एक लोहे के हेलमेट की तरह गोल टोपी के साथ कवर किया। महानगरीय चर्च में हत्या के समय, वह चर्च के स्तंभों में से एक पर घुटने टेक रहा था, जहां अब प्रेरितों के लिए एक व्याख्यान है; उसके बगल में उसका लालटेन था, और एक मोटी छड़ी स्तंभ के खिलाफ झुक रही थी। १५ सितंबर, १४८५ शाम को ग्यारह बजे के बाद, जबकि चर्च की वेदी में कैनन सुबह की नमाज पढ़ता था, जुआन डी शेपरैनदेव, जो एक तलवार से लैस था, उसके पास पहुंचा, उसके बाएं हाथ पर ब्लेड से एक जोरदार प्रहार किया। विडाल डी यूरोज़ो, ने जुआन डिआबेडिया द्वारा गर्दन में वार करने की चेतावनी दी, उसे पीछे से एक ऐसे प्रहार से मारा कि सिर-कवच टूट गया और सिर पर इतना गहरा घाव हो गया कि जिज्ञासु की दो दिन बाद यानी १७ सितंबर को मृत्यु हो गई। उनकी मौत की अफवाह शहर में एक दिन पहले फैल गई थी" "अपने इरादों को पूरा करने के लिए फर्डिनेंड इस घटना को भुनाने में कामयाब रहे।.राजनीतिक गणना ने उन्हें प्रेरित किया, इसाबेला की तरह, आरब्यूस की स्मृति को किसी प्रकार की महानता के साथ सम्मानित करने का विचार, जिसने उन्हें एक संत के रूप में पेश करने और चर्चों में एक विशेष पंथ के साथ उन्हें घेरने में बहुत योगदान दिया। यह बहुत बाद में हुआ, जब पोप अलेक्जेंडर वी ने १७ अगस्त, १६६४ को विश्वास के लिए शहीद के रूप में आशीर्वाद के चेहरे पर अरबों को गिना। और कुछ ही समय में उसके लिए एक शानदार मकबरा बनवाया गया, और ८ दिसंबर 14८7 को उसका शव उसमें रख दिया गया।. " मागी की आराधना डेविड जेरार्डरेम्ब्रांट द्वारा स्व-चित्र। मिरर तकनीक रेम्ब्रांट हार्मेंस वान राइन |
इन महर्षियों ने कर दिए थे हजारों साल पहले ये अविष्कार देखेआचार्य कणाद अगर बात परमाणु की आती है तो आज के लोग सिर्फ जोंनडाल्टन की बात करते है पर यह सत्य है की आचार्य कणाद ने हजारों साल पहले ही इस रहस्य को उजागर कर दिया था की द्रव्य के परमाणु होते है |भास्कराचार्य जब बात गुरुत्वाकर्षण शक्ति की होती है तो सब न्यूटन को याद करते है पर बहुत कम लोग जानते है की गुरुत्वाकर्षण का रह्स्स्य महर्षि भास्कराचार्य ने हजारो साल पहले ही बता दिया था | उन्होंने अपने ग्रन्थ सिद्धांतशिरोमणि में बताया है की पृथ्वी किसी भी आकाशीय पदार्थ को अपनी और खींचती है |आचार्य चरक आचार्य चरक एक पहुंचे हुए वैद्य भी थे और उन्होंने चरकसहिंता आयुर्वेद ग्रन्थ का भी निर्माण किया | चरक ने बहुत से रोगों का निदान हजारों साल पहले ही लिख दिया था जैसे .डायबिटीज, हृदय रोग व क्षय रोग आदि का निदान सम्भव है|भारद्वाज अब बात आती है की वायुयान का निर्माण किसने किया तो सब कहेगे की राईट बंधुओ ने वायुयान का निर्माण किया है तो यह गलत है क्योकि हजारों साल पहले भारद्वाज नामक महर्षि ने अपने एक विमानशास्त्र में यह लिखा है की वो एक ग्रह दुसरे ग्रह तक जाने के लिए एक अन्य विमान का प्रयोग करते थे इसी लिए उन्हें विमान के निर्माता भी कहा जाता हैकण्व प्राचीन काल में महर्षि कण्व का नाम बहुत विख्यात था और कहा जाता है की इनके आश्रम में राजा दुष्यंत की पत्नी और उनके बेटे भरत रहे थे और उन्ही के नाम से हमारे देश का नाम भारत पड़ा |कपिल मुनि इन्हें भगवान के ५वे अवतार भी माना जाता है , इनका पिता कर्दम ऋषि थे इनकी माता देवहुति ने विष्णु के समान पुत्र चाहा.. और इनकी माता बहुत पुण्यवान थी इस लिए भगवान ने खुद उनके गर्भ से जन्म लिया था | कपिल मुनि सांख्य दर्शन के प्रवर्तक माने जाते है |पंतजलि आज कैंसर और अनेक रोगों ने इंसान को घेर रखा है और किसी भी प्रकार अनेक दवाइयों से कर्क रोग (केंसर) का उपचार सम्भव नहीं है , पर आज से हजारों साल पहले महर्षि पंतजलि ने ऐसे योग बताये जिनसे कर्क रोग का निवारण हो जाता है |महर्षि सुश्रुत अगर आज ओपरेशन हो रहा है तो सिर्फ सुश्रुत की वजह से महर्षि सुश्रुत एक बहुत ही अच्छे सर्जन माने जाते है | और इन्होने अपने ग्रन्थ सुश्रुतसहिंता में उन सब उपकरनो और शल्यक्रिया करने से पहले की जाने वाली तेयारी के बारे में बताया है |लोड मोर अगर ये तेल घर से बाहर नहीं फेंका तो आपको हॉस्पिटल...जानिये भोजन करने का सही समय व तरीका बाय राजीव डिक्सित...वन्दे मातरम् बनाम जन गण मन और स्वदेसी आन्दोलन बाय: राजीव... |
शिमला: स्कूल में घुसा सांभर, बच्चों ने टॉयलेट में किया बंद न्यूज लाइव नोशिमला: स्कूल में घुसा सांभर, बच्चों ने टॉयलेट में किया बंदऑन डेक ६, २०१८ 15६ ०(एनएलएन मीडिया न्यूज़ लाइव नाऊ) : शिमला।शिमला के बालुगंज वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में वीरवार सुबह करीब पौने नौ बजे एक सांभर घुस गया। इससे स्कूल में हड़चंप मचा रहा। घबराया हुआ सांभर मुख्य गेट से होते हुए अंदर आया और स्कूल की धरातल मंजिल की टॉयलेट में छिप गया।स्टाफ और स्थानीय लोगों की वहां भीड़ लग गई। पुलिस ने वाइल्ड लाइफ विंग शिमला को इसकी सूचना दी। इसके बाद वाइल्ड लाइफ टीम मौके पर पहुंची और तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सांभर पर नियंत्रण पाकर उसे टुटीकंडी वन्य प्राणी बचाव एवं पुनर्वास केंद्र ले गई।सांभर को आए जख्मों का केंद्र में उपचार भी किया। इसके बाद इसे कुफरी स्थित वाइल्ड लाइफ के चिड़ियाघर ले जाया गया। प्रधानाचार्य बृजलाल ने बताया कि सांभर ग्राउंड फ्लोर में घुसा इससे स्कूल की कक्षाओं और इन दिनों चल रही परीक्षाओं पर कोई असर नहीं पड़ा।सब सामान्य रूप से चलता रहा। सुबह स्कूल खुलने के समय अचानक यह सांभर एडवांस स्टडीज की ओर से दौड़ता हुआ आया और स्कूल के गेट से अंदर घुस गया। शिक्षकों को जैसे ही रास्ते में रखे बैंच और डेस्क पर कुछ गिरने की आवाज आई तो वह धरातल मंजिल पर पहुंचे जहां टॉयलेट में सांभर नजर आया।बताया कि आवारा कुत्तों और सड़क पर ट्रैैफिक की वजह से सांभर बहुत घबराया हुआ था। इसका वजन करीब 14० किलोग्राम बताया जा रहा है। वाइल्ड लाइफ की टीम के सदस्य बीओ विनय कुमार, प्रमोद, गार्ड अनिल, विंग की चिकित्सक डॉ. पूजा और सहयोगी स्टाफ ने सांभर को ट्रैंकुलाइजर गन से बेहोश किया।गौरतलब है कि बीते दिनों जिला कचहरी परिसर में तेंदुए का शावक घुस गया था। शिमला शहर में अंधाधुंध निर्माण और अतिक्रमण के चलते जंगली जानवरों के प्राकृतिक आवास तबाह हो रहे हैं। इसके चलते जानवर आबादी के बीच पहुंच रहे हैं। वन्य प्राणी विंग के वन मंडल अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि सांभर सुरक्षित है। इसे हल्की चोटें आई हैं जिसका उपचार कर लिया है। इसकी देखभाल की जिम्मेदारी स्टाफ को दे दी गई है।राकेश जम्बाल ने किया माध्यमिक पाठशाला सलापड़ में मेधावी छात्रों को समानितमंडी: अभिषेक ने भरी हौसलों की उड़ान, वायुसेना में बना फ्लाइंग ऑफिसरहिमाचल: रिश्ते तार-तार, नाबालिग साली को अगवा कर किया दुष्कर्महिमाचल: इन ३ जिलों में सरकार खोलेगी सेना कोचिंग सेंटर |
कोर्ट ओवर्टर्न्स ब्लेमें फॉर शर्म | कोर्ट ने बेगुनाह करार दे माथे का कलंक मिटाया, जेल में गुजरे १३ सालकोर्ट ओवर्टर्न्स ब्लेमें फॉर शर्मकोर्ट ने बेगुनाह करार दे माथे का कलंक मिटाया, जेल में गुजरे १३ सालहाईकोर्ट ने हमें बेगुनाह करार दे दोषमुक्त का सर्टिफिकेट दे दिया।नोव १८, २०१७, ०७:१४ आम इस्टग्वालियर. हाईकोर्ट ने हमें बेगुनाह करार दे दोषमुक्त का सर्टिफिकेट दे दिया। इससे हमारे माथे से गुनाहगार होने का कलंक तो मिट गया। लेकिन इस कलंक के कारण जेल में उम्र कैद की सजा में बिताए गए १३ साल में तो लगता है हमारी जिंदगी ही गुनाह हो गई है। यह दर्द है कल्लू पुत्र प्रहलाद यादव (५०) का, जिसे सिर्फ अपनी दोस्ती की खातिर अपहरण आैर फिरौती के केस में, इतनी कीमत चुकानी पड़ी। वह उन सात लोगों में से एक है, जिन पर १५ साल के लड़के के अपहरण करने आैर २१ लाख की फिरौती मांगने पर सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त करते हुए झूठे केस में फंसाने आैर गलत विवेचना करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कर सुनवाई करने के आदेश दिया है।- कभी हलवाई का काम करने आैर तारागंज में रहने वाले कल्लू,आतंरी बिलौआ में रहने वाले रामरतन पाल के साथ पढ़े हैं। इस नाते दोनों का आपस में संपर्क था। रामरतन आैर रामरस पाल ने अपने भाई जसवंत की शादी के लिए गांंव में ही रहने वाले विजय चौधरी से वर्ष २००० के आसपास अपनी १७ बीघा जमीन गिरवी रख कर्ज लिया।- जमीन वापस करने की मांग रखी तो चौधरी के भाई शांति स्वरूप ने उनके खिलाफ भतीजे जयशंकर उर्फ विक्की (१५) के अपहरण का केस दर्ज करा दिया। इस केस में कल्लू के साथ ही रामरतन के साले नवल के साथ रामरस, जसवंत, दयाराम कुशवाह आैर बल्लू उर्फ बलराम को सेशन कोर्ट ने २००४ में उम्र कैद की सजा सुना जेल भेज दिया था। हालांकि जेल में रहते हुए रामरतन की मौत हो चुकी है।बच्चों की जिंदगी भी बर्बाद हुई- रामरतन के साले नवल की पत्नी महादेवी कहती हैं- इन्हें जेल होने के बाद मजबूरन गांव ( पंचमपुरा, उटीला) छोड़ दो लड़कियों आैर एक लड़के के साथ पेट भरने शहर आना पड़ा। इधर-उधर से जो मदद मिलती, उसके सहारे वकीलों से मदद की गुहार करती रही।- लोगों के घरों में चौका-बर्तन कर बच्चे पाले। इस बीच दो बच्चियां समझदार हुईं तो वे भी चौका-बर्तन में हाथ बंटाने लगीं। अब तेरह साल बाद जै ( पति नवल) बेकसूर साबित होकर घर तो आ गए इसकी तसल्ली है। लेकिन इन १३ सालों में हमारी आैर हमारे बच्चों की जिंदगी बर्बाद हो गई है।जेल में रहते बेटा खोया- जेल में रहते हुए मेरे तीन लड़कों में से एक की ८ साल की उम्र में बीमारी से मौत हो गई। कारण, पत्नी पर न पैसे थे न कोई सहारा जो उसका इलाज कराया। घर के नाम पर एक पाटौर थी, जो उजड़ गई।इसके बाद भी परिवार जैसे-तैसे बसर करता रहा। अब जेल से रिहा होने के बाद फिर से हलवाई का काम करना चाहता हूं पर कहीं से मदद मिले तब। मुझे तो दोस्ती की कीमत चुकानी पड़ी। जो पुलिसकर्मी मुझे घर से उठाकर ले गए थे, उनमें से एक सिपाही जगमोहन पाराशर तो एक हत्या के जुर्म में अभी भी जेल में बंद है। |
इति टेक्निकल गुरू(आईटीआई तकनीकी गुरु): अप्रैल २०१७विविध प्रकार के अनुप्रयोगों के लिए विभिन्न शैलियों में वेनें उपलब्ध हैं। कुछ मानक फास्टनरों के साथ काम करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और कुछ मीट्रिक अनुप्रयोगों के लिए हैं। मानक या मीट्रिक की पहचान करने में आपकी सहायता करने के लिए कुछ रेंच पर रंग कोडिंग देखें कार्य को आसान बनाने और फास्टनर को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए सुनिश्चित करें कि आप रिंच को फास्टनर से मेल खाते हैं।यहां कुछ अधिक सामान्य रिंच प्रकार और उनके उपयोग हैंसमायोज्य रिंच अजुस्टेबल रेंच कड़ा / ढीले पागल और बोल्ट। रचने के आकार को समायोजित करने के लिए चलने योग्य कम जबड़े मानक और मीट्रिक फास्टनरों दोनों के साथ कार्य करतासंयोजन रिंच कॉम्बिनेशन रेंच कस / कमजोर नट और बोल्ट मीट्रिक और मानक आकार एक खुले अंत और एक बॉक्स अंत (आमतौर पर एक ही आकार)।डबल-बॉक्स रिंच डबल-बॉक्स रेंच कड़ा / ढीले नट और बोल्ट। दो बॉक्स (या रिंग) समाप्त होता है (आमतौर पर विभिन्न आकार)।ओपन-एंड रिंच ओपन-एण्ड रेंच कंट्रोल / लूसेंस पागल और बोल्ट दो खुले सिरों (आमतौर पर विभिन्न आकार)स्टबबी रिंच स्त्ब्बी रेंच तंग जगहों में कड़ा / ढीले नट और बोल्ट।शाफ़्ट रिंच राचेट रेंच कस / कमजोर नट और बोल्ट। एक छोर पर शाफ़्ट क्रिया एक दिशा में आज़ादी से आती है और उपकरण को हटाने के बिना मजबूती या ढीली करने के लिए दूसरे दिशा में फास्टनर संलग्न करती है। कुछ तंग जगहों में उपयोग के लिए शाफ़्ट समाप्त हो गए हैंशाफ़्ट और सॉकेट समूह राचेट एंड साकेट सेट कस / लोशन बोल्ट शाफ़्ट संभाल मीट्रिक और मानक फास्टनरों के विभिन्न आकारों को फिट करने के लिए विभिन्न सॉकेट्स से जोड़ता है। मानक और मीट्रिक आकारों में सॉकेट उपलब्ध हैं चूड़ी हुई कार्रवाई से एक दिशा में आसानी से हैंडल स्विंग की सुविधा मिलती है और फास्टनर से उपकरण को हटाने के बिना मजबूती या ढीली करने के लिए दूसरे दिशा में फास्टनर को संलग्न किया जाता है। कुछ दांतेदार झुकाव की गति के बजाय कलाई के मोड़ के साथ कसते और ढीले होते हैं तंग जगहों तक पहुंचने के लिए सॉकेट एक्सटेंशन उपलब्ध हैं।टोक़ रिंच तोर्क्यू रेंच विशिष्ट पैर पाउंड के लिए पागल और बोल्ट कसता है। या तो ३/८-इंच या १/२-इंच सॉकेट के साथ काम करने के लिए बनाया गया।क्रो के पैर रिंच क्रो'स फूट रेंच कस / लोशन बोल्ट मानक और मीट्रिक आकार कोई संभाल नहीं है एक शाफ़्ट संभाल / सॉकेट विस्तार संयोजन के साथ काम करता है। तंग जगहों में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया।बेसिन रिंच सिंक और शौचालयों के तहत नट और नली कप्लिंग कड़ा करते हैं।हेक्स कुंजी हेक्स की हेक्स-सिर शिकंजा और बोल्ट कड़े / लोशन। अलग-अलग रेंच या सेट में जहां रेंच एक संभाल में गुनापोस्टेड बाय नरेन्द्र पटेल एट २१:१३ नो कम्मंट:लेबल्स: रिंचपोस्टेड बाय नरेन्द्र पटेल एट १३:३१ नो कम्मंट:रिंच गाइड: वेनों, उपयोग और सुविधाएँ के प्रकार,थे ...लिस्ट ऑफ फू क्वेस्ट्न्स ऑफ इति फिटर क्वेस्शन पेपर...रिवेत क्या हैऔर इसका प्रयोग क्या हैं ,रिवेत कितने ...व्हेट इस नूट & बोल्ट टिप्स ऑफ नूट ,टाइपिस ऑफ बोल्ट फुल...शराब पीने के फायदे बेनेफिट्स ऑफ ड्रिंकिंगपतले बालों को मोटा बनाने का अचूक और आसान उपाय थे ...होठों को गुलाबी और कोमल कैसे बनाएं हॉ तो मके थे... |
तितले: आड्वेंचर्स ऑफ हकल्बेरी फिन के लेखक मार्क ट्विन किस देश के निवासी थे ?डेस्क्रिप्शन: तीस इस आ मोस्ट इम्पोर्तंट क्वेस्शन ऑफ ग्क एक्सम. क्वेस्शन इस : आड्वेंचर्स ऑफ हकल्बेरी फिन के लेखक मार्क ट्विन किस देश के निवासी थे ? , ऑप्शन इस : १. युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका, २. युनाइटेड किंग्डम, ३.मेक्सिको, ४. रोमन एंपाइयर, ५. नुल्तिस इस आ मोस्ट इम्पोर्तंट क्वेस्शन ऑफ ग्क एक्सम. क्वेस्शन इस : आड्वेंचर्स ऑफ हकल्बेरी फिन के लेखक मार्क ट्विन किस देश के निवासी थे ? , ऑप्शन इस : १. युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका, २. युनाइटेड किंग्डम, ३.मेक्सिको, ४. रोमन एंपाइयर, ५. नुल१) युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका२) युनाइटेड किंग्डम४) रोमन एंपाइयर |
कोटा: ४० साल की महिला से गैंगरेप, विडियो सोशल मीडिया पर किया पोस्ट - बिग न्यूजराजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे अपराधियों के बुलंद हौसले का पता चलता है। जिले में ४० साल की एक महिला से छह युवकों ने न सिर्फ गैंगरेप किया, बल्कि घटना का विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।महिला ने पहले तो डर के कारण किसी से घटना का जिक्र नहीं किया लेकिन जब उन्हें विडियो के बारे में पता चला तो उन्होंने महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई। बता दें कि एक दिन पहले शुक्रवार को ही सरकार ने १२ साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप के दोषियों को फांसी की सजा के प्रावधान वाला बिल विधानसभा में पास किया है।पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा ३७६ के तहत मामले दर्ज किए हैं। साथ ही, आईटी ऐक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया है लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पीड़िता कोटा के ढाबे में काम करती थी। पीड़िता ने ५ मार्च को महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि लगभग एक महीने पहले चेतन मीणा उन्हें गांव तक छोड़ देने के बहाने मोटरसाइकल पर बैठाकर ले गया। वहां पांच लोगों ने बारी-बारी से उनके साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना का विडियो भी बनाया गया। घटना के बाद उन्हें घर छोड़ दिया गया और किसी से कुछ कहने पर परिजनों को जान से मारने की धमकी दी।पीड़ित महिला का कहना है कि डर के कारण उन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा लेकिन जब उन्हें पता चला कि विडियो सोशल मीडिया पर है, तो उन्होंने शिकायत करने की हिम्मत जुटाई। एसएचओ ने बताया कि सोमवार को मैजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगे की जांच बारां के डीएसपी को सौंप दी गई है। |
सोपोर में आतंकी हमला, २० लोग घायल पूर्वांचल पोस्टॉक्टोबर २८, २०१९ पूर्वांचलपोस्ट० कम्मंट क्र्प्फ, जम्मू कश्मीर, मिलिटांत आताकश्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के सोपोर में आतंकी हमले में २० लोग घायल हुए हैं। खबरों के मुताबिक, आतंकियों ने बस अड्डे पर सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड फेंका था। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों के तलाश में छापे मार रही है। पुलिस ने बताया कि २० घायलों में ६ की हालत गंभीर है और उन्हें श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य घायलों का स्थानीय अपस्ताल में इलाज हो रहा है। बता दें कि यूरोपीय यूनियन के सांसदों की यात्रा के ठीक एक दिन पहले यह आतंकी हमला हुआ है।कश्मीर जोने पुलिस के मुताबिक आतंकवादियों ने सोपोर में बस स्टैंड पर आम नागरिकों पर ग्रेनेड फेंका। शुरुआती सूचना के मुताबिक ग्रेनेड हमले में २० सिविलियंस जख्मी हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि घायलों में १ की हालत गंभीर है और उसे श्रीनगर के एक अस्पताल में रेफर किया गया है। बाकी घायलों का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है। सीआरपीएफ की १7९वीं बटैलियन मौके पर पहुंच चुकी है और इलाके को घेर लिया गया है। आतंकवादियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बल सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।बता दें कि राज्य में आर्टिकल 37० हटाने के बाद से ही आतंकियों पर सुरक्षाबलों से शिकंजा कस दिया है। आतंकवादी अब आम लोगों को भी निशाना बना रहे हैं। यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब एक दिन बाद ही यूरोपियन यूनियन की संसद का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर दौरे पर जाने वाला है। कांग्रेस ने दिल्ली में खेला पंजाबी-पूर्वांचली कार्डइंदिरा जी ने कच्ची कॉलोनियों को किया था पास महाराष्ट्र के जंगलों में मिली ९० कुत्तों की लाश, मामले की जांच जारीसिप्तंबर ९, २०१९ न्म मीडिया ०राहुल गांधी-अमित शाह की किस्मत दावं परअप्रैल २३, २०१९ पूर्वांचलपोस्ट १एक बाप ने अपनी बेटी की इच्छा पूरी करनी चाही तो घर में घुसकर किया हवाई फायरसिप्तंबर ६, २०१९ न्म मीडिया ० |
दिंनाक: १५ जून २०१९ ११:०८:४४दिल्ली और आसपास के अनेक राज्यों में संघ के काम को गति देने वाले श्री ब्रह्मदेव जी का जन्म १५ जून, १९२० को नजफगढ़ (दिल्ली) में हुआ था। उनके पिता श्री नेतराम शर्मा एवं माता श्रीमती भगवती देवी थीं।१९३६ में उन्होंने हाईस्कूल तथा १९४० में दिल्ली विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की। १९३७ में हिन्दू महासभा भवन में लगने वाली शाखा में वे स्वयंसेवक बने। इसके बाद उनका समर्पण संघ के प्रति बढ़ता गया।शिक्षा पूरी कर उन्होंने मेरठ के सैन्य लेखा कार्यालय में नौकरी की। वहां एक अंग्रेज अधिकारी ने उनकी एक छोटी सी गलती पर सभी भारतीयों के लिए अभद्र टिप्पणी की। इससे रुष्ट होकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी। इसके बाद वे दिल्ली आकर सेना मुख्यालय में नौकरी करने लगे; पर यहां भी उनका मन नहीं लगा और १९४३ में मेरठ से संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण लेकर वे प्रचारक बन गये। इस निर्णय से घर वाले बहुत नाराज हुए। उनके पिताजी ने डांटते हुए कहा कि आज के बाद मुझे अपना मुंह नहीं दिखाना। ब्रह्मदेव जी सचमुच उसके बाद अपने घर नहीं गये। यह व्रत १६ वर्ष बाद बहिन के विवाह के समय पिताजी के आग्रह पर ही टूटा।प्रचारक बनने पर सर्वप्रथम उन्हें अम्बाला में जिला प्रचारक बनाकर भेजा गया। इसके बाद वे वहीं विभाग प्रचारक भी रहे। विभाजन के समय आतताइयों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने वालों में वे अग्रणी पंक्ति में रहते थे। पंजाब में काम का अनुभव लेने के बाद १९५९ में उन्हें राजस्थान का प्रान्त प्रचारक बनाया गया। राजस्थान के नगरों, गांवों और सीमावर्ती ढांढियों तक फैले संघ के काम का बहुतांश श्रेय उन्हें ही है। वे प्रतिवर्ष हर जिले में जाते थे। उन्होंने राजस्थान की प्रत्येक तहसील का दौरा किया। इससे प्रचारक संख्या कम होने पर भी राजस्थान की शाखाओं में संख्यात्मक तथा गुणात्मक वृद्धि हुई।आपातकाल की समाप्ति के बाद उन्हें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान,हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर के क्षेत्र प्रचारक की जिम्मेदारी दी गयी। सरल व हंसमुख स्वभाव के होने के बाद भी वे अनुशासन और काम के प्रति बहुत कठोर थे। वे कार्यकर्ता के साथ उसके घर-परिवार वालों की भी पूरी चिन्ता करते थे। उनके भाषण बहुत भावपूर्ण, तर्कशुद्ध तथा ओजस्वी होने के कारण मन-मस्तिष्क पर सीधी चोट करते थे। अतः कार्यकर्ता बार-बार उन्हें सुनना चाहते थे। १९७७ से १९८९ तक वे इस दायित्व पर रहे।१९८९ के बाद उनका स्वास्थ्य प्रवास करने की स्थिति में नहीं रहा। अतः वे विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय कार्यालय पर रहने लगे। परिषद के केन्द्रीय मन्त्री के नाते उनके अनुभव का लाभ सबको मिलने लगा। वे परिवार के मुखिया की तरह वहां रहने वाले सब प्रचारक, पूर्णकालिक कार्यकर्ता तथा कर्मचारियों को स्नेह देते थे। दिल्ली के झंडेवाला कार्यालय पर होने वाले कार्यक्रमों में वे जब अपने पुराने साथियों से मिलते थे, तो हंसते हुए हाथ जोड़कर बड़ी विनम्रता से कहते थे - जरा इन गरीबों की तरफ भी एक नजर हो जाए।उनके मन में देशप्रेम और संघ कार्य की तड़प इतनी अधिक थी कि जब उन्हें हृदयाघात हुआ, तो अचेतावस्था में भी वे धन धान्य पुष्पे भरानामक एक प्रसिद्ध बांग्ला गीत गा रहे थे। इसके अन्त में आने वालेआमार जन्मभूमि को वे बहुत जोर से बोलते थे।सैकड़ों प्रचारकों के निर्माता तथा हजारों कार्यकर्ताओं को देश और धर्म के लिए जीना-मरना सिखाने वाले ब्रह्मदेव जी का दिल्ली में ही २४ फरवरी, २००२ को हृदयाघात से देहांत हुआ। (संदर्भ : पांचजन्य) |
जानिए वृषभ राशि में सूर्य जाने से बदलेगी किन लोगों की किस्मत - आशा न्यूजसौरमंडल में मौजूद ग्रहों का हमारे जीवन पर कितना प्रभाव पड़ता है, यह वही समझ सकता है जिसने इन बदलावों को कभी महसूस किया हो। यकीन मानिए, जिस नक्षत्र में हम जन्म लेते हैं, उस समय मौजूद ग्रह सारे जीवन हमें प्रभावित करते हैं। अब यह प्रभाव सकारात्मक होने के साथ नकारात्मक भी हो सकता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं दयानन्द शास्त्री के अनुसार प्रत्येक ग्रह किसी एक राशि में कुछ समय तक रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक राशि में प्रवेश करने पर ये ग्रह ना केवल उस राशि, वरन् अन्य सभी राशियों को प्रभावित करते हैं। आज हम सूर्य राशि के वृष राशि में प्रवेश करने की घटना पर चर्चा करने जा रहे हैं। १४ मई, २०१७ सूर्य ग्रह, वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव यहां पूरे एक महीने के लिए रहेंगे, और इसके बाद १५ जून को वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों के राजा की उपाधि दी गई है। प्राणी जगत के लिए यह ऊर्जा का केन्द्र है, इसलिए सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है। प्रत्येक जातक की कुंडली में सूर्य उनके पिता का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए यह पितृ कारक भी होता है। १४ मई २०१७ रविवार को रात्रि ११:११ बजे सूर्य मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करेगा और १५ जून २०१७ गुरुवार को सुबह ०५:४७ पर वृषभ राशि से मिथुन राशि में गोचर करेगा। निश्चित ही सूर्य के इस गोचर का प्रभाव सभी १२ राशियों पर होगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं दयानन्द शास्त्री के अनुसार मेष का सूर्य लोगों को अप्रैल से ही सुख-सुविधाओं का जमकर आभास करा रहा है। १३ अप्रैल से शुरू हुई मेष संक्रांति ब्राह्मणों और धर्म-कर्म करने वालों सहित अन्य वर्ग के लोगों के लिए लाभप्रद है। ज्योतिर्विद राजकुमार चतुर्वेदी के अनुसार सूर्य की यह युक्ति हालांकि सितंबर माह तक रहेगी,लेकिन १४ मई को सूर्य के वृष राशि में प्रवेश के करने के साथ ही कुछ दिनों के लिए यह लोगों को परेशान भी करेगा। वर्तमान में शनि धुन राशि में गोचर कर रहा है। मेष का सूर्य, शनि का धनु राशि में गोचर लोगों के लिए अच्छे दिन लेके आए हैं। ग्रहों इन युक्तियों से उद्योगों एवं निवेशों के लाभ में अप्रत्याशित वृद्धि होगी तो रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। स्वास्थ्य सेवाओं नवीन तकनीक का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचेगा। रियल और इन्फ्रा सेक्टर में गिरावट का दौर रहेगा। भूमि-मकानों की कीमतों में कमी के साथ-साथ किराये में भी कमी आएगी। वर्तमान में ऐसी है ग्रहों की चाल--- उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं दयानन्द शास्त्री के अनुसार सूर्य वर्तमान में मेष राशि में चल रहा है। यह १४ मई को रात १०.५५ बजे वृष राशि में प्रवेश करेगा। वर्तमान वृष राशि विचरण कर रहा मंगल २६ मई को मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। मेष का बुध तीन जून को वृष में जाएगा। वर्तमान में कन्या राशि में विचरण कर रहा वक्र गति का गुरु ९ जून को कन्या राशि में मार्ग गति पकड़ लेगा तथा १२ सितंबर को कन्या राशि को छोड़कर तुला राशि में प्रवेश करेगा। मीन का शुक्र ३१ मई को मेष राशि में प्रवेश करेगा। धनु राशि में वक्री हुआ शनि २५ अगस्त तक रहेगा। जानिए क्या और केसा रहेगा यह रहेगा इस परिवर्तन का राशिगत प्रभाव---(यह एक महीना वृषभ राशि के जातकों के साथ अन्य ग्यारह राशि के लिए कैसा रहेगा)-- मेष: कुछ कठिनाइयां, छोटे भाई बहनों से विवाद। वृष : पिता की सेहत में गिरावट, २१ जून के बाद समय अच्छा। मिथुन : नाम एवं प्रसिद्धि मिलेगी, कानून से जुड़े मामलों में सफलता। कर्क : परिवार को लेकर परेशानी, वाद-विवाद बढ़ सकता है। सिंह : आय में वृद्धि की संभावना, प्रसिद्धि बढ़ेगी। कन्या : मां की सेहत में गिरावट सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। तुला : बड़ी उपलब्धि मिल सकती है, प्रोपर्टी से लाभ होगा। वृश्चिक-: मानसिक तनाव, स्वास्थ्य में गिरावट। धनु :- स्वास्थ्य में गिरावट, भाई-बहन के जीवन में समृद्धि। मकर :- जून में उन्नति के दरवाजे खुलेंगे, लंबी यात्रा के योग। कुंभ:- सपने सच होंगे, जून के बाद कार्य में अधिक मन लगेगा। मीन :- खर्चे होंगे, मां की सेहत में गिरावट आएगी। |
मुझे शिकायत है. मुझे सिकयात ह्य.: छाज तो बोले, छलनी भी क्या बोले, जिसमें सत्तर छेदछाज तो बोले, छलनी भी क्या बोले, जिसमें सत्तर छेदआज मैं अन्तर सोहिल शिकायत लेकर आया हूं, श्री नवीन जोशी जी के लिये।राज भाटिया जी तकरीबन ३० वर्षों से विदेश में रह रहे हैं। उनको जर्मनी की नागरिकता मिली हुई है। फिर भी हिन्दी भाषा के प्रति उनका प्रेम और लगाव देखकर मन उनके लिये श्रद्धा से झुक जाता है। सच कहूं तो हिन्दी ब्लागरों को गर्व होना चाहिये। वरना आज भारत में रहने वाले ही काफी लोग हिन्दी में बात करना अपनी तौहीन समझते हैं। अपने बारे में ईमानदारी से कहूं तो शायद मैं भी केवल हिन्दी में ही ना लिख रहा होता, अगर मुझे हिन्दी के अलावा अंग्रेजी या दूसरी किसी भाषा का ज्ञान होता।राज जी की पिछली पोस्ट पर आयी इन ब्लागर की टिप्पणी देखिये :आपने हिन्दी की ऐसी की तैसी कर दी है. क्या ब्लॉग भी इसी काम के रह गए हैं कि वहां पेशाब और शौचालय जाने जैसी बातें साझा की जाएँ ? कम से कम 'पूरा' को 'पुरा' लिखने जैसी गलतियाँ तो न करैं. गलत कहा तो माफ़ कीजियेगा... हिंदी की यूँ बुरी गत देख चुप न रह सका..यह टिप्पणी श्री नवीन जोशी जी की है। इनकी टिप्पणी को पढकर मैं इनके ब्लाग मन कही पर गया। पहले ही पृष्ठ पर सबसे ऊपर वाली पोस्ट पहाड की बेटी ने छुवा आसमान पर ही हिन्दी की कुछ गलतियां दिखाई दी। मेरे विचार से "छुवा" नहीं "छुआ" होना चाहिए था। आप भी देख लीजिये।मैं तो अल्पशिक्षित हूं, ज्यादा ज्ञान नही है। हो सकता है इनकी हिन्दी सही हो और मैं गलत हूं। इसलिये आप सबसे इस बारे में सलाह और राय देने की आशा रखता हूं कि कु्छ ऐसी यादें जो बरबस ही मुस्कुराहटें ला देती है में क्या गलत लिखा है। ममगाई और ममगई यह शब्द मैनें पहली बार पढा है, मगर दोनों बार अलग-अलग तरीके से लिखा गया है, इसलिये इसे हाईलाईट किया है।एक बात और मैं यह भी प्रबुद्ध ब्लागरों खासतौर से श्री नवीन जोशी जी से जानना चाहता हूं कि ब्लाग किसलिये है।मैनें उनकी टिप्पणी पर टिप्पा भी किया था, वह भी आपने पढा होगा।गेपोस्टट वॉन अन्तर सोहिल समय ७:५३ आमनाम अंतर सोहिल, अन्तर सोहिल, शिकायतपी.सी.गोदियाल मई ६, २०१० एट ८:0८ अंबहुत खूब, कुछ लोग दूसरों की गल्तियाँ तो खूब निकलते हैं लेकिन अपने गिरेवान मैं ब्नहीं झांकते .अन्तर सोहिल मई ६, २०१० एट ८:१८ आमइससे पहले भी राज जी की एक पोस्ट को डिलीट करवा दिया गया था। वह पोस्ट मैंनें नहीं पढी थी, मगर मुझे नहीं लगता कि राज जी के द्वारा कोई आपत्तिजनक पोस्ट प्रकाशित की गई होगी।अरविंद मिश्र मई ६, २०१० एट ८:३० आमअरे दूसरों का दोष देख रहे हैं खुद अपना नहीं ? भाटिया जी ने उत्तरोत्तर अपनी हिन्दी में सुधार किया है -मुझे आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता होती है !होनेस्टी प्रोजेक्ट डेमोक्रासी मई ६, २०१० एट १०:०४ आमअंतर सोहिल जी आपके इस पोस्ट को पढ़कर मैं इतना ही कहना चाहूँगा की ,किसी की कमियों को अगर सुधारने की दिशा में सार्थक प्रयास के तहत उजागर किया जाय,तब तो ठीक है ,लेकिन अगर दुर्भावना से ग्रसित होकर ,अगर किसी की कमियों को सिर्फ किसी की निंदा या किसी के अपमान के लिए उजागर किया जाय, तो मेरे समझ से ऐसा करने वाला सबसे मुर्ख व्यक्ति ही कहलायेगा / रही बात राज जी के पोस्ट को हटाने की तो मैं, इस विषय पर राज जी से ही आग्रह करूंगा की वह ही आपको बताएं की किस भावना और सार्थकता के लिए उन्होंने अपनी पोस्ट बदल दी थी / रही गलतियों की बात तो इन्सान गलतियों का पुतला है ,लेकिन अपनी गलती सहर्ष स्वीकार करने वाला ही ,असल इन्सान बन पाता है /मितीलेश डूबे मई ६, २०१० एट १०:१२ आमहम आपके साथ हैं ।दिनेशराय द्विवेदी दिनेश्राय द्विवेदी मई ६, २०१० एट १२:१९ प्महम सभी को अपनी मातृभाषा लेखन में निरंतर सुधार करते रहना चाहिए।अन्तर सोहिल मई ६, २०१० एट १:0८ प्मकृप्या श्री नवीन जोशी जी की टिप्पणी को फिर से पढें, उनके शब्दों की कठोरता ने मुझे यह लिखने पर मजबूर किया है। मेरे मन में किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है जी।अगर वे किसी की भी गलती को नरम शब्दों में बतलाते हैं तो उनका स्वागत है। मुझे तो अच्छा लगेगा अगर मैं उनसे कुछ सीख सकूं।राज भाटिय़ा मई ६, २०१० एट १:४३ प्मकल अन्तर सोहिल जी ने मेल कर के इस पोस्ट के बारे पुछा था, तो मेने कहां कि इसे प्रकाशित कर दो कोई बात नही, क्योकि जितना यह ब्लांग मेरा है उतना ही अन्तर सोहिल जी का भी है , इस कारण मैने उन्हे पहले भी कहा कि जो भी चाहो लिखो ओर प्रकाशित करो मुझ से पुछने की जरुरत नही.श्री नवीन जोशी जी की टिपण्णी पढ कर मुझे भी थोडा अजीब लगा, अगर यही बात मुझे वो साधारण ढंग से कहते तो मुझे अच्छा लगता, लेकिन इस के वाजूद भी मैने उन्हे कुछ नही कहा, ओर ना ही उन की टिपण्णी को ही हटाया, बस यही मै आप न्सब से कहना चाहता हुं जब भी कोई ऎसी टिपण्णी आये उसे हटाये मत, फ़िर मुझे बहुत से मित्रो के मेल आये जो मुझे बहुत चाहते है, मैने सब को कहा कोई बात नही, अन्तर जी से शायद थोडा ज्यादा प्यार है ओर यह मेरी बहुत इज्जत करते है, इस लिये इन्हे बहुत बुरा लगा इस तरह की टिपण्णी, ओर इन्होने यह लेख लिख दिया, ओर मै भी इन के प्यार के आगे झुक गया गया, वेसे इन्होने इस पोस्ट मै कुछ भी गलत नही लिखा.दुसरी बात मैने एक पोस्ट हटाई थी,होनेस्टी प्रोजेक्ट डेमोक्रासी जी के एतराज के कारण, वैसे तो उस पोस्टर मै ओर उस पोस्ट मै ऎसा कुछ भी नही था, ओर ना ही अशीलता थी,ओर मै ऎसी पोस्टे सिर्फ़ मनोरंजन के लिये ही डालता हुं, ओर मैने उसे हटा लिया, क्योकि मेरी एक पोस्ट से किसी अन्जाने को दुख पहुचे, जिसे मै जानता तक नही, तो उस का क्या लाभ, ओर जब मैने उस पोस्ट को हटाया तो भी बहुत से लोगो ने कहा कि आप को वो पोस्ट नही हटानी चाहिये थी, तो मैने बस इअतना ही कहा कि मुझे किसी भी बहस मै नही पडना, तमाशा नही बनाना, फ़िर होनेस्टी प्रोजेक्ट डेमोक्रासी का मेल भी आया तो मैने इन्हे भी कहा कि मुझे अच्छा लगा कि आप ने मेरी गलत बात पर मुझे टोका, वरना ब्लांग जगत मै रोजाना ही इतने झगडे चल रहे है, उन्ही से मन खराब होता है, तो चलिये जिन्हे संदेश देना था उन्हे मिल गया...वेसे मेरी पहली पहली पोस्टे देखो तो एक ही लाईन मै २० २० गलतियां होती थी, तो मैने तो हिन्दी कुछ ही समय पढी है, फ़िर बीच मै ३० सालो का फ़ासला... लेकिन अब सुधार हो रहा हैडॉ टी एस दराल मई ६, २०१० एट ५:२४ प्मइतने ख़फा न हो भाई । हिंदी में त्रुटियाँ कंप्यूटर और ट्रांसलिट्रेशन की वज़ह से भी होती हैं ।फिर बंदा कोशिश तो कर ही रहा है न हिंदी में लिखने की ।आज मेरे लेख पर भी किसी ने ऐसा ही तीर छोड़ा है।गलत बात है।अलबेलखत्री.कॉम मई ६, २०१० एट ६:५2 प्मकैसे कैसे लोग भरे हैं बाबा !देख कर हैरानी होती है.........दूसरे की पतलून का छेद दिखाई देता हैख़ुद की पूरी फटी पड़ी है मगर देखने की फुर्सत नहीं..........ललित शर्मा मई ६, २०१० एट ८:०४ प्मअरे दूसरों का दोष देख रहे हैं खुद अपना नहीं ?महफूज़ अली मई ६, २०१० एट ८:१८ प्मयहाँ कुछ लोग बिना मतलब में इंटेलिजेंट बनते हैं.... कमियाँ वही निकालता है.... जिसमें एहसास-ऐ-कमतरी होता है... यहाँ तो मिस्टेक होती ही है... क्यूंकि ... ट्रांसलिट्रेशन की प्रॉब्लम है....खुशदीप सहगल मई ६, २०१० एट ९:५2 प्मअलबेला खत्री जी ने सौ बातों की एक बात कह दी है...ये पढ़ कर ही शायद उन्हें अक्ल आ जाए...रंजन मई ७, २०१० एट ४:४१ आमहमारा ब्लॉग, हमारी पोस्ट, हमारी भाषा... भाई किसी को क्या पड़ी है.. गल्ती है मानेगे सुधारेगें आपको धन्यवाद देगें.. पर तहजीव से तो पेश आओ.. देखो तो सही किससे बात कर रहे हो...रीडर मई ई ड्रा यूर एट्टेंशन तो आर्कीव् ऑफ तीस ब्लॉग ऑफ अप्रैल / मई 200८ व्हेरे आ नारी ब्लॉग वास मेड आ सॉफ्ट टारगेट एंड म्र बलविंदर वो पॉइंटेड मिस्टक्स वास अप्प्रेसिएटेड बाय म्र राज भोटिए फॉर व्हेट अंतर इस क्रिटिसिंग नवींकन वे हवे समे रूलस फॉर एवर्योन प्लीस !!!!!!!!!!नीरज जाट जी मई ७, २०१० एट ८:४९ आमआपने जो भी किया है, सही किया है। अब कुछ लोग इस बात को अखाडा बनाने पर लगे हैं, तो इनसे मत उलझिये। आपको जो कुछ लिखना था, पोस्ट में लिख दिया है, दूसरे टिप्पणी में क्या लिख रहे हैं, आपके साथ हैं या खिलाफ हैं; ये मत सोचिये। काम खत्म।और हां, उनसे कह दीजिये कि नीरज जाट की किसी भी पोस्ट में वर्तनी सम्बन्धित गलती ढूंढ कर दिखाये। सबको पता है कि कौन कितने पानी में है।अन्तर सोहिल मई ७, २०१० एट ९:3४ आम@प्रिय मित्र नीरज जाट जीआपकी बात से शत-प्रतिशत सहमति है। यह कोई विवाद नहीं है। मैं तो आप सबसे यह पूछना चाहता था कि क्या ब्लागिंग की कोई नियमावली भी है या होनी चाहिये, जिससे हमें पता लग सके कि क्या लिखा जाये और क्या नहीं।@ बंधु श्री मिथिलेश दुबे जीयहां साथ और विरोध की कोई बात ही नही है जी। श्री नवीन जोशी जी या किसी से भी मेरा कोई विरोध हो ही नहीं सकता हैं। मैं खुद इस लायक नही हूं।अनोंय्म्यस मई ७, २०१० एट १०:०२ आमक्या ब्लागिंग की कोई नियमावली भी है या होनी चाहिये, जिससे हमें पता लग सके कि क्या लिखा जाये और क्या नहीं।ब्लॉग की सबसे बद्दी नियामावली हें सोच मे विसंगतिदूसरो पर प्रहार करो और अपने पर आये तो दिख्याओ की हम कितने सुसंस्कृत हें |
ऐक्क प्रेस ब्रीफिंग बाय अभिषेक सिंघवी ऑन कथुआ & उन्नाओ केस. (हिन्दी)मोदीजी का नया नारा है भाजपा से बेटी बचाओ !प्रधानमंत्री मोदीजी मौन व्रत धारण करे बैठे हुए है, बैठे रहिये,पर देश अब प्रधानमंत्री मोदीजी से केवल दो शब्दों की अपेक्षा रखता है अब बस !डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी जी का नया नारा है- भाजपा से बेटी बचाओ। प्रधानमंत्री मोदी जी मौन व्रत धारण करके बैठे हुए हैं, तो बैठे रहीए, परंतु देश अब प्रधानमंत्री मोदी जी से केवल दो शब्दों की अपेक्षा करता है, अब बस, अब बहुत हो गया। कल ठीक रात्रि के बीच में जब पूरा देश सो रहा था, तब पूरा देश एक साथ जाग भी उठा और वो किसी राजनैतिक कारण से नहीं, लेकिन अंदर के आक्रोश, अंदर के दर्द, अंदर की पीड़ा के कारण और श्री राहुल गाँधी जी का भी उद्देश्य उस रात्रि वाले अभियान में सिर्फ एक था कि हमें आज अपनी आत्मा को जागरुक करना है, महिलाओं के विषय में, लेकिन विशेष रुप से इस विषय में कि किस क्रूरता से ये एक घटना घटी है कि विश्वास नहीं होता कि ये हमारा भारत है।जब इतनी दर्दनाक पीड़ा वाली चीज हुई है तो स्वाभाविक है कई प्रश्न उठना। कहाँ हैं वे सभी प्रखर, मुखर, बहुत जबरदस्त क्षमता वाली महिलाएँ, बीजेपी की महिलाएँ, बीजेपी की लीडर, बीजेपी की सभी लीडर लेकिन विशेष रुप से बीजेपी की महिला लीडर। कहाँ हैं उनके ट्विट, कहाँ उनके मुखर, प्रखर वक्तव्य? कहाँ हैं उनका गुस्सा, कहाँ हैं उनके स्टेटमेंट, कहाँ हैं उनकी टी.वी. बाईट? मैं जानता हूं तो काफी उकसाने के बाद कई दिनों के बाद एक प्रवक्ता का वक्तव्य आया है, वो अपने आपमें बड़ा रोचक है। लेकिन कहाँ हैं स्मृति ईरानी जी, कहाँ हैं सुषमा स्वराज जी,कहाँ हैं इतने ज्यादा उनके महिला लीडर?अब मैं उनके महिला लीडर के कुछ वक्तव्य पढ़ना चाहता हूं। उसकी तारीख मैं पढ़ने के बाद दूंगा। एक वक्तव्य है- द्र. सिंघवी कोटेड वॉन्डर वाई थे प्राइम मिनिस्टर कन एड्डरेस थे नेशन ऑन फ़्ड़ी बुत नोट ऑन थे छलेंगे व्हिच थे नेशन फेएस वित रेगर्ड तो वोमेन सैफथी. गेस फ़्ड़ी इस मोर इम्पोर्तंट थान रप. ये वक्तव्य है माननीय मंत्री महोदय स्मृति ईरानी जी का, इसकी तारीख है, २३दिसंबर, २०१२, पौने ६ बजे शाम को।माननीय सुषमा स्वराज की का वक्तव्य पढ़ लूं मैं, ब्जप वोमेन म्प्स तो सित ऑन धारना फॉर बेफोर पारलामेंट हाउस एट १०.०० आम टॉमॉरो डिमांडिंग एक्शन अगेंस्ट कलप्रीस ऑफ धौला कुआँ रप केश नोवंबर २0१०. इन फेब २०११ ई वंत डेथ सेन्टेंस इन एल केस ऑफ रप एंड मर्डर एंड एल केस ऑफ किदनापिंग, अब्दुक्शन एंड मर्डर. प्लीस रितवीट एंड सपोर्ट मी कैल. मैं हूबहू उनके शब्दों का प्रयोग कर रहा हूं, कोटे, उन-कोटे ये भी सुषमा स्वराज जी का है। अंत में एक और सुषमा स्वराज जी का वक्तव्य है दिल्ली चाइल्ड रप केश हस शान तत पर्वर्सिटी एंड सिटीजन इस कॉमन तो थीसे क्रिमिनल. अप्रैल ११, २०१३.और कुछ नहीं तो कुछ घडियाली आँसू तो बहा देने चाहिएँ और कुछ नहीं तो कुछ स्पष्टीकरण, कुछ जस्टिफिकेशन, कुछ वक्तव्य तो आ जाना चाहिए था। क्या इतना भय है, इस सरकार का और इस पार्टी का, सत्तारुढ़ पार्टी का उन्हीं कार्यकर्ताओं के अंदर कि वक्तव्य देने के बाद और पहले बहुत सोचना पड़ता है? अब कुछ आंकड़ो को देख लें और ये आंकड़ो सिर्फ आंकड़ों के तौर पर नहीं दे रहा हूं मैं, लेकिन जो वृद्धि हुई है, वो अति आवश्यक है समझना। मैं आपको चार्ट दूंगा और जो वक्तव्य हैं वो भी दूंगा।२0१६, २०१३ और २०१५, के बीच में क्या वृद्धि हुई है। कि किदनापिंग एंड अब्दुक्शन ऑफ वोमेन ये फिरौती की घटनाएँ जो हैं, ५१,८८१ से लेकर, ६5,५१9 हुए हैं, इन दो-ढांई वर्ष के कार्यकाल में ही, २०१३ के बीच से लेकर २0१६ तक, ३ वर्षों में। असॉल्ट वित इंटेंट तो आउत्रज मोडेस्टी ७०,००0 से लेकर ८४,००0, मैं एग्जेक्ट आंकड़ा नहीं दे रहा हूं, ७०,7३9 से ८४,7४६, हमन ट्रफिकिंग लगभग ४,००0 से लेकर ८,१३२, ये सिर्फ महिलाओं के विषय में बात कर रहा हूं मैं अभी और ये सरकारी आंकड़े हैं, मेरे नहीं। क्राइम अगेंस्ट चिल्ड्रन 5८,२३४, 5८,००0 लेकर १ लाख ६हजार 95८, अब विशेष रुप से आप रेप के विषय में देखें, हमारे पास ४ एक प्रतिकात्मक रुप से ४ क्षेत्रों के आंकड़े दे रहा हूं। दिल्ली २०१३ से २0१६में लगभग १४ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। १,८9३ से लेकर २,१55, महाराष्ट्र में ३६ प्रतिशत वृद्धि हुई है। एक तिहाई से ज्यादा वृद्धि हुई है और वो आंकड़े हैं ३,0६३ से लेकर ४,८१६, मध्यप्रदेश में ४,३३5 से लेकर ४,८८२ यानि साढ़े ११ प्रतिशत और छत्तिसगढ़ में १7१ प्रतिशत वृद्धि, १7 प्रतिशत नहीं, १7१ प्रतिशत। १,१४१ से लेकर ३,09४ यानि ड़बल से भी ज्यादा।मैं सिर्फ आंकड़ो की भी बात नहीं करना चाहता, ना वक्तव्यों की। मूल बात है कि किस प्रकार की चीजें हो रही हैं। उन्नाव कोई आम घटना नहीं है, रेप के स्टेंडर्ड से भी, मृत्यु के स्टेंडर्ड से भी। कठुआ कोई ऐसी घटना नहीं है, जिसे आप सिर्फ बलात्कार ही कह सकते हैं। इतनी भयानक,ऐसी घटना मैं समझता हूं कि हर भारतवासी का सर पूरी तरह से लज्जा से झुक गया हो। आज अगर इस देश में आपसी वैमनस्य फैलाकर,आपसी में एक दुराव पैदा करके, हर चीज को धार्मिक शब्दों, धार्मिक परिभाषाओं में देखना शुरु किया है तो किसने किया है, ये प्रश्न आप किसी से पूछ लीजिए? हर पार्टियों में त्रृटियाँ होती हैं, लेकिन अगर दरारें बनाई हैं, विभाजन किया है सोच में, मतभेद को मनभेद बनाया तो वो पार्टी एक ही है इस देश में, बीजेपी।मुझे दुख हुआ, मुझे सिर्फ अचम्भा नहीं हुआ, दुख हुआ कि इतनी चुप्पी के बाद जब एक बीजेपी की महिला लीडर ने काफी दिनों के बाद एक वक्तव्य दिया तो उसमें भी इस प्रकार की चीजें हैं, जिनको आप धार्मिक क्लेरिफिकेशन कह सकते हैं, किसी विषय में उन्नाव और कठुआ के विषय में। उन्होंने हमें बताया कि ऐसे क्राईम तो १9८४ में भी हुए थे, तब लोग चुप क्यों बैठे थे? क्या ये उत्तर उन्नाव और कठुआ के परिपेक्ष्य में और संदर्भ में सही है, एक प्रवक्ता द्वारा? क्या इस प्रकार की बातें सत्तारुढ़ पार्टी मोदी जी की सरकार कर सकती है?मैं अपने शब्द नहीं कह रहा हूं, क्रिम्स वेरे कमिटेड अगेंस्ट वोमेन इन १9८४ रिओट्स बुत नो कैंडल लाइट मार्च वास लेड ऑन तत इसऊ. .क्या कुतर्क है, तर्क है? और उसके बाद ये कहना कि मैं बहुत दुख के साथ कोटे करना आवश्यक समझता हूं क्योंकि सच्चाई सिर्फ दुख करके नहीं छुप सकतीहै। यू सी थे प्लान फर्स्ट ते शौत मिनोरिटी-मिनोरिटी तें डालित डालित एंड नो वोमेन-वोमेन. ये आज का वक्तव्य है। मतलब कठुआ और उन्नाव जैसी चीजों को धार्मिक परिपेक्ष्य में देखा जा रहा है। वर्गों के कम्यूनिटी के परिपेक्ष्य में देखा जा रहा है। जब आपकी सोच ऐसी है तो सुधार कहाँ से आएगा?हम ये पहले भी कह चुके हैं, वापस कह रहे हैं, दो मंत्री महोदय हैं, जिनके नाम आप जानते हैं, हमने पहले भी कहा है, जिन्होंने इन बलात्कारियों के समर्थन में स्लोगन उठाए और ऑबस्टृक्शन किया, तुरंत इस्तीफा होना चाहिए, सस्पेंशन होना चाहिए। जांच तो बाद की बात है। आज उच्चत्तम न्यायालय ने भी अपना मत प्रकट किया है, कि कैसे हो सकता है, कभी हुआ है कि पुलिस चार्जशीट फाईल करना चाह रही है और वकीलों का समुदाय कहता है कि आप चार्जशीट फाईल नहीं कर सकते हैं, अचरज की बात है। आप ये कह सकते हैं कि गलत है, सही है, कुटिल है, कन्फ्यूजन है, वो अलग बात है लेकिन आप चार्जशीट फाईल नहीं करेंगे, उसके लिए ऑबस्टृक्शन किया है। आज आसिफा और उन्नाव दो ऐसे भयानक शब्द हो गए हैं और इनके लिए हम जवाबदेही मांगते हैं, जवाब मांगते हैं सरकार का। मोदी जी की चुप्पी से जवाब मांगते हैं और जवाब के लिए कुछ सवाल हैं।पहला कि क्या ये सही नहीं है कि कूलदीप सेंगर को किसी रुप में कस्टडी में ना लिया गया और ना लिया जाता अगर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के द्वारा बहुत कड़े शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया होता। ये सीधा प्रश्न है। अजय बिष्ट की सरकार जो वहाँ हैं, उसने क्यों बिष्ट सरकार ने क्यों इलाहाबाद उच्च न्यायालय कोर्ट की टिप्प्णी से पहले तुरंत गिरफ्तार नहीं किया और ये कौन सा तुक है कि पहले आप सरेंडर करो फिर आप सीबीआई जांच करेंगे। आपने पहले सुना है कि जब तक अभियुक्त सरेंडर नहीं करेगा, सीबीआई जांच नहीं करेगी, ये भी मांग हुई है उत्तर प्रदेश में।दूसरा, जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी जी रात्रि में कैंडिल मार्च पर जाते हैं तो हर प्रकार की टिप्पणियाँ शुरु होती है। आप सरकार में हैं,सत्तारुढ़ पार्टी हो, राहुल गाँधी जी अभियान करें या ना करें, आपकी चुप्पी बंद क्यों नहीं हुई। माननीय प्रधानमंत्री जी इतने मुखर और प्रखर वक्ता हैं, वो क्यों नहीं बोले?तीसरा, ३ महीने में आपके इस्तीफे क्यों नहीं मांगे, क्यों कोई निष्कर्ष नहीं मांगा और कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया देश में, आसिफा के केस में, कठुआ के विषय में? ३ महीने में हमारे प्रधानमंत्री जी पूरा साल चुप्पी रहते हैं, कुछ मुद्दों पर और बाकि कुछ मुद्दों के लिए जबरदस्त वक्ता हैं। वहाँ की मुख्यमंत्री ने भी चुप्पी रही। ये स्ट्रेटेजिक चुप्पी है कि जब मर्जी बोल दो और वहाँ की मुख्यमंत्री ने ३ महीने तक चुप्पी रखी हुई हैं।और आखिरी, आज अचानक मोदी सरकार बात कर रही है कि हम पॉस्को एक्ट को अमेंड करेंगे। आप जानते हैं थे प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्र्म सेक्सुअल ऑफेंसेस एक्ट, पॉक्सो आज सवा ४ वर्ष के बाद आपको याद आया पॉक्सो अमेंड करना और अभी तो उसकी बात ही नहीं की,ना जनवरी से मार्च तक बात की, पहले इसकी बात नहीं की, इतनी बार अमेंड नहीं की छोटी, मोटी, ना लोकपाल का एक लाईन का अमेंड किया,ना पॉक्सो की बात की पहले। मैं समझता हूं कि ३ व्यक्तियों के मुँह से पूरा देश इंतजार कर रहा है कुछ शब्द सुनने के लिए, वो तीन व्यक्ति हैं, माननीय प्रधानमंत्री, माननीय मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर और माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश और वो शब्द स्पष्ट होने चाहिएं, वो शब्द व्यापक होने चाहिएं, वो शब्द सहानुभूतिपूर्ण होने चाहिएं। आज देश इंतजार कर रहा है।एक प्रश्न पर डॉ. सिंघवी ने कहा कि आज उच्चत्तम न्यायालय ने नोटिस जारी किया है और कहा है मैं खुद कोर्ट में था कि डिस्ट्रीक बार एसोसियेशन और हाईकोर्ट बार एसोसियेशन किसी रुप से कोई ऐसी चीज नहीं करेगा कानूनी कार्यवाही में व्यवधान हो।नंबर दो, कोई व्यक्ति हो, व्यक्ति विशेष के कोई मायने नहीं, अगर कानून कार्यवाही और वो भी ऐसी भर्त्सना योग्य वारदात के विषय में कोई भी ऑबस्ट्रक्ट करता है और ये मैं नहीं कह रहा हूं, आप दोषी हैं, वो दोषी नहीं है, ये दोषी हैं, ये बात नहीं है। कोई भी ऑबस्टृक्शन पैदा करता है,तो मैं नहीं समझता कि कांग्रेस पार्टी किसी भी रुप में उसके समर्थन में खड़ी हो। मैं नहीं समझता कि उच्चतम न्यायालय के आज के आदेश के बाद कोई भी उच्चतम न्यायालय के साथ खड़ा है, बार एसोसियेशन हो, ऑफिस-बीर्र हो, आम आदमी हो, सिटीजन हो।एक अन्य प्रश्न कि इंफोरमेशन मिनिस्टर ने एक बयान दिया है कि कांग्रेस सत्ता पाने के लिए ऐसा कर रही है, डॉ. सिंघवी ने कहा किल अब आप देख सकते हैं कि घबराहट और बौखलाहट की लिमिट क्या हो सकती है। इससे २ चीजें बड़ी स्पष्ट हैं। एक तो रेप के वक्त भी उनको सत्ता से मतलब है। माननीय मंत्री महोदय सिर्फ सत्ता की सोचती है, अरे मेरी कुर्सी बच जाए, सरकार चली जाएगी। बात हो रही है उन्नाव और कठुआ की और यहाँ बात हो रही है सीट की, कुर्सी की। दूसरा, इतना भयभीत हैं, क्या इस देश में आप में से सब व्यक्ति का, हर पार्टी का, हर पार्टी के लीडर का, हर राजनीति में सक्रिय व्यक्ति का हक नहीं है, अधिकार क्षेत्र नहीं है कि इसमें आप जबरदस्त आवाज उठाएं। वो आवाज को कहिए सत्ता लेना, सत्ता नहीं लेना, राजनैतिक या अराजनीतिक, मैं समझता हूं ये दुर्दशा है इस सरकार की, सत्तारुढ़ पार्टी की, अगर इस तरह के वक्तव्य आ रहे हैं।|अभिषेक मनु सिंघवी|अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस|अभिषेक मनु सिंघवी कॉन्टक्ट|अभिषेक मनु सिंघवी लाटेस्ट उपकेट्स|अभिषेक मनु सिंघवी ट्वीट|अभिषेक मनु सिंघवी ट्विटर|अभिषेक सिंघवी कांग्रेस्शियल मीडिया कम्युनिकेशन हब: इस गोव्ट्स प्रोपोस्ड ट्रेकर आ तूल तो लिस्टेन और स्नूप? 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लाॅकडाउन ५.० : गौतमबुद्धनगर के लिए जारी हुई गाइडलाइन, नोएडा-दिल्ली बाॅर्डर पर भी हुआ फैसला - टेन्यूज.इन: नेशनल न्यूज पोर्तल - ब्रेकिंग न्यूज, लाइव न्यूज, दिल्ली न्यूज, नोएडा न्यूज, नेशनल न्यूज, पॉलिटिक्स, बुसिनेस, एडउकेशन, मेडिकल, फिल्म्स, फ्धटर्गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन ने दिल्ली से लगी सीमाओं को फिलहाल बंद ही रखने का फैसला किया है। प्रशासन का कहना है कि जिले में मिले ४२ फीसदी मामलों का संबंध राष्ट्रीय राजधानी से है इसलिए ऐसा करने का फैसला किया गया है।आपको बता दें कि कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के चलते गौतमबुद्धनगर जिला और गाजियाबाद एक बड़ा हॉटस्पॉट बना हुआ है और यही वजह है कि लॉकडाउन-५ में तमाम रियायतों के बाद भी नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली आने-जाने के लिए पास की जरूरत होगी। इसे लेकर दोनों जिलों के जिलाधिकारी (डीएम) ने आदेश जारी कर दिए हैं।गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई के मुताबिक दिल्ली बॉर्डर पहले की तरह ही सील रहेगा। फिलहाल बॉर्डर पर आवागमन की जो स्थिति चल रही है उसी हिसाब से जारी रहेगी। इसमें कोई छूट नहीं दी गई है।उन्होंने बताया, बाजारों के लिए जो पूर्व में आदेश जारी किए थे, वही लागू रहेंगे यानी कि बाजार सुबह १०:०० बजे से ५:०० बजे तक तय दिन के हिसाब से ही खुलेंगे। बाकी अन्य बिंदु ३१ मई 2०2० प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के तहत लागू होंगे।इसके अलावा, सोमवार १ जून से प्रदेश के सभी सरकारी ऑफिस पूरी क्षमता के साथ खुल सकेंगे और बाजार रोटेशन बेसिस पर सुबह ९ से शाम ९ बजे तक खुलेंगे। साथ ही सुपर मार्केट, ब्यूटी पार्लर/सैलून भी खुल सकेंगे।इस दौरान टैक्सी, कैब, ऑटो रिक्शा निर्धारित सवारी क्षमता के अनुसार, सवारी बिठाकर चल चल सकेंगे। रोडवेज बसें चलेंगी। हर सीट पर सवारी बैठ सकेंगी। किसी को खड़ा होकर चलने की अनुमति नहीं होगी। सारे प्रतिबंध अब कैंटेनमेंट जोन तक ही सीमित होंगे।लॉकडाउन-५-गाइडलाइन-इससुड-बाय-गन-आद्मिनिस्ट्रेशन3९ नव कोरोना केस फाउंड इन नोएडा एरिया . |
किट फेस्टिवल: एल आबात शंकर उस्ताद ऑफ किट मकिंग इन लखन | नवभारत टाइम्स फोटोगेरीलेक्शन_टोपबंड_१५८२२४८५५७८४५२१ फेब २०२०, ०६५८ हर्स इस्टल आबात शंकर उस्ताद ऑफ किट मकिंग इन लखनपतंगों के 'उस्ताद' शंकर की कहानी- कभी शौक था, आज पेशा बन गया'पतंग से जिंदगी की डोर जोड़ ली'आसमान को छूने की कोशिशों में जुटी पतंग लोगों को सुकून देती है लेकिन कभी यह सोचा है कि पतंग के साथ जब जिंदगी की डोर पेशे के तौर पर जुड़ जाए तो चुनौतियां क्या होती हैं, दिन-रात कैसी होती है। खास कहानी की तलाश में एनबीटी ऑनलाइन की टीम उस्ताद शंकर के पास पहुंची। आइए, देखते हैं जब पतंग का नाता जिंदगी के साथ हो जाए तो...पतंग बनाने के पेशे में बेटा भी शामिललखनऊ के सआदतगंज क्षेत्र की समराही पुलिस चौकी के पास शंकर की एक छोटी सी दुकान है, जहां पर वह रंग-बिरंगी पतंगे रखते हैं। वह बड़े पैमाने पर पतंगे बनाते हैं। इस पेशे में उस्ताद शंकर के साथ उनके बेटे श्रीश भी जुड़े हुए हैं।'अब पतंग परिवार पालने का तरीका बन गया'उस्ताद शंकर कहते हैं, 'पहले राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद में था। ट्रांसफर बांदा हो गया तो रिजाइन करके वापस लौट आया। १४ साल कंपाउंडरी की। सैलरी बढ़ाने को लेकर चिकचिक हुई तो वहां से नौकरी छोड़ दी। पहले पतंग उड़ाना शौक था, अब वह परिवार पालने का एक तरीका बन गया।'उस्ताद शंकर कहते हैं, 'कभी-कभी परिवार का कोई शख्स जब बीमार हो जाता है तो पतंग बनाने में ज्यादा मेहनत करनी होती है क्योंकि इलाज के लिए पैसा इकट्ठा करना होता है। जो लोग हमेशा पतंग खरीदते रहते हैं उनसे उधार भी लेना पड़ता है।'पूरे भारत में जाती हैं शंकर की पतंगेंशंकर कहते हैं, 'हमारी पतंग इलाहाबाद, जयपुर, दिल्ली सब जगह जाया करती हैं। हम पतंगों को कोरियर से भेजते हैं। इकट्ठा ऑर्डर आता है।''शौकिया पतंग बनाना सीखा था लेकिन...'शंकर ने अपने बाबा के एक दोस्त से अपने उड़ाने के लिए शौकिया पतंग बनाना सीखा। पहले छोटी पतंगें बनाते थे फिर बड़ी बनाने लगे। अच्छी बनने लगीं तो लोग पूछने लगे, ऑर्डर देने लगे।'शुरू से हरफनमौला रहा, रखे हैं ढेरों सर्टिफिकेट'शंकर कहते हैं कि उन्होंने १९७५ में साइंस से इंटर किया था। वह शुरू से हरफनमौला रहे हैं। आज भी उनके पास गिरधारी सिंह कॉलेज के खेलों के २५-३० सर्टिफिकेट हैं।लखनऊ में शंकर के अलावा पुराने उस्तादों में अली नवाब, इरफान, दीप कुमार, मनोज, भोला इरफान का भी नाम आता है।उस्ताद शंकर कहते हैं, ' रिश्तेदारों का फोन आता है कि आप इतने बड़े उस्ताद हैं कि आपकी अखबार में फोटो आई है। अखबार में फोटो निकलना बड़ी बात है, तो तबीयत ग्लैड हो जाती है अंदर से।'पतंगबाज से पतंगों के 'उस्ताद' तक का सफरशंकर सिर्फ पतंगें बनाने में नहीं बल्कि उड़ाने में भी आगे रहे हैं। उन्होंने ४० साल पतंग उड़ाई लेकिन घर के हालात के चलते धीरे-धीरे उड़ाना छूट गया। |
इस बॉलीवुड एक्टर पर भारी पड़ा धोनी की नकल करना, हुआ कुछ ऐसा हाल, देखें विडियो आज की खबरइन दिनों सोशल मीडिया पर क्रिकेट के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस वाीडियो में सुशांत धोनी को कॉपी करते नजर आ रहे हैं, लेकिन कॉपी करने के चक्कर में उनके पसीने छूट रहे हैं। इस वीडियो को सुशांत सिंह राजपूत ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है।दरअसल, महेंद्र सिंह धोनी की ज़िंदगी पर बनी फिल्म एस एस धोनी- द अनटोल्ट स्टोरी का सीक्वल बनने जा रहा है, जिसमें एक बार फिर से एक्टर सुशांत सिंह राजपूत नजर आने वाले हैं।इस वीडियो में धोनी और सुशांत एक साथ दिख रहे हैं। सुशांत धोनी की नकल करते दिख रहे हैं। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि जो भी चीज धोनी कर रहे हैं वो ही सुशांत सिंह राजपूत भी कर रहे हैं।वीडियो के शुरू होते ही धोनी और सुशांत ट्रेडमिल पर दौड़ते दिख रहे हैं, सुशांत पहले थक जाते हैं। उसके बाद धोनी दूध पीने लगते हैं। यह देखकर सुशांत सिंह राजपूत भी दूध पीने लगते हैं, लेकिन उनसे दूध पीया नहीं जाता है। यद देखकर धोनी हंसने लग जाते हैं।आगे क्या हुआ आप भी देखिए इस वीडियो में रिलेटेड टॉपिक:धोनी एंड सुशांत सिंघ्धोनी विडियो विरालिन्दियन टिममहेन्द्र सिंह धोनिमहेन्द्र सिंह धोनी विद्योमहिम धोनीसुशांत सिंह राजपूतधोनी और सुशांत सिंहधोनी का वीडियोमहेंद्र सिंह धोनी की हंसी वाला वीडियोमहेंद्र-सिंह-धोनीमाहीसुशांत सिंह राजपूत |
डिस्ट्रिक्ट एंड स्टेट ब्जप प्रेजिडेंट कन बे नोमिनटेड इंस्टेड ऑफ इलेक्शन्स इन हरियाणाहरियाणा में चुनाव के बजाय मनोनीत किए जा सकते हैं भाजपा के जिला और प्रदेश प्रधानपबलिश दते:सत, १८ जान २०२० १०:३५ आम (इस्ट)हरियाणा में भाजपा के प्रदेश और जिला प्रधान पद के लिए चुनाव की बजाए उनको मनोनीत किया जा सकता है। वैसे मंडल अध्यक्षों के चुनाव कराए जा सकते हैं।रोहतक, [ओपी वशिष्ठ]। हरियाणा में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों के चुनाव कराए जाने के स्थान पर उनको मनोनीत किया जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव इसी माह के आखिरी सप्ताह में होने की उम्मीद है। अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति हो गई तो जिला और प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करवाने के बजाय मनोनीत करना पड़ेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद चुनाव की प्रक्रिया खत्म हो जाती है। इतनी कम अवधि में मंडल अध्यक्षों के ही चुनाव संभव हैं।सांसद, विधायक व जिला अध्यक्ष का रहेगा पूरा हस्तक्षेपमंडल अध्यक्षों की नियुक्ति में वहीं सांसद, विधायक, विधानसभा प्रत्याशी और जिला अध्यक्षों का पूरा हस्तक्षेप रहेगा। हालांकि पार्टी के पुराने व कर्मठ कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने स्पष्ट किया कि मंडल अध्यक्ष मजबूत होंगे तो पार्टी मजबूत होगी। पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज ने भी कहा कि मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति में विधानसभा प्रत्याशी की सहमति लें क्योंकि वही बेहतर फीडबैक दे सकते हैं।करौंथा आश्रम हिंंसा मामले में १४ साल बाद पुलिस को मिला उआस में रहने वालेे डॉक्टर का पताअधिकतर मंडला अध्यक्षों की छुट्टी तयविधानसभा चुनाव में भाजपा को उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिले। शहरी क्षेत्रों में तो संगठन मजबूत दिखा, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में संगठन की कमजोरी चुनाव परिणाम में नजर आई। प्रत्याशियों ने भी मंडल अध्यक्षों को लेकर फीडबैक अच्छा नहीं दिया था। ऐसे में अधिकतर मंडल अध्यक्षों की छुट्टी तय है। शुक्रवार को हुई प्रदेश स्तरीय बैठक में भी नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपने के संकेत भी दिए गए।दुष्कर्म पीड़ित खिलाड़ी की अपील; परिवार में कोई कमाने वाला नहीं, कैसे होगी गुजर-बसर, कोर्ट ने दिए पांच लाखसंगठनात्मक चुनाव को लेकर आयोजित बैठक में राष्ट्रीय सचिव डा. सुधा यादव, शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, सहकारिता मंत्री डा. बनवारीलाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा, सामाजिक न्याय मंत्री ओमप्रकाश यादव, करनाल के सांसद संजय भाटिया, सीएम के राजनीतिक सलाहकार कृष्ण बेदी मौजूद रहे।बैठक में राज्यसभा सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स, पूर्व मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, कृष्ण लाल पंवार, मनीष कुमार ग्रोवर, कर्णदेव कंबोज, हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह, विधायक डा. अभय सिंह यादव, विधायक असीम गोयल, विधायक डा. कमल गुप्ता, पूर्व मंत्री कविता जैन, पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, प्रदेश महामंत्री संदीप जोशी एडवोकेट वेदपाल ङ्क्षसह और सभी जिलों के चुनाव अधिकारी व सह चुनाव अधिकारी भी उपस्थित रहे।रोहतकवासियों के सपनों से दूर होती जा रही है दिल्ली मेट्रो, अब सियासत भी हो गई शुरू३०० मंडलों में पार्टी कार्यकर्ता व पदाधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारीबैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत मेें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा है कि भाजपा मंडल अध्यक्ष के चुनाव से पहले प्रदेश के सभी मंडलों में रायशुमारी का कार्य किया जाएगा। लोगों से फीडबैक के आधार पर मंडल अध्यक्षों का चुनाव होगा। रायशुमारी के लिए २२, २३ व २४ जनवरी को प्रदेश के सभी ३०० मंडलों में पार्टी के कार्यकर्ता व पदाधिकारी जाएंगे। इसके बाद मंडल अध्यक्षों के चुनाव का शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा।दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर बराला ने कहा कि ३७ विधानसभा क्षेत्रों में हरियाणा भाजपा के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है और पूर्व मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ को इस संबंध में समन्वयक बनाया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विस चुनाव में हरियाणा की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि अरङ्क्षवद केजरीवाल की सरकार ने पिछले पांच वर्षों में केवल नारेबाजी और ढकोसलाबाजी का कार्य किया है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनेगी। विधायक अभय चौटाला द्वारा फोन टैपिंग के आरोपों पर बराला ने कहा कि सुर्खियों में बने रहने के लिए ही वह इस प्रकार की ड्रामेबाजी करते हैं।८०० ग्राम पंचायतों ने ठेका न खोलने की दी है सहमतिएक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जो भी ग्राम पंचायत प्रस्ताव पास करके शराब का ठेका बंद करने की सिफारिश करेगी, वहां पर ठेका नहीं खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक ८०० ग्राम पंचायतों ने उनके क्षेत्रों में शराब का ठेका न खोलने की सहमति दी है।ओलावृष्टि से बर्बाद फसल की होगी गिरदावरीसुभाष बराला ने कहा कि भाजपा की सरकार ने पहले भी किसानों की फसलों के नुकसान का आंकलन करने के लिए तुरंत गिरदावरी करने के आदेश दिए थे और भविष्य में भी ऐसा ही किया जाएगा। नागरिक संशोधन कानून के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कानून देश हित में है। विपक्ष के लोग इसे धर्म के आधार पर जोड$कर दुष्प्रचार करने का काम कर रहे हैं और वोट बैंक की राजनीति करना चाहते हैं।यह भी पढ़ें: कैप्टन ने गरीबी से जूझ रही बॉक्सर सिमरनजीत से कहा- कोई चिंता न करो, बस ओलंपिक की तैयारी में जुट जाओयह भी पढ़ें: कैप्टन अभिमन्यु के परिवार ने जाट आरक्षण आंदाेलन में कोठी जलाने के आरोपितों को दी माफी# ब्जप ऑर्गनिज़शन इलेक्शन्स# ब्जप इलेक्शन# ब्जप प्रेजिडेंट इलेक्शन्स# हरियाणा ब्जप प्रेजिडेंट इलेक्शन# हरियाणा ब्जप मीटिंग# हरियाणा भाजपा अध्यक्ष चुनाव |
चीना वार्न ऑफ कंस्टृक्शन ऑफ इन्फ्रास्ट्रक्चर इन अरुणाचलअरुणाचल में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर चीन ने चेतायापबलिश दते:मों, २९ मई २०१७ ०६:१९ प्म (इस्ट)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश को असम से जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे सेतु का उद्घाटन किया है।बीजिंग, आइएएनएस। अरुणाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचे के निर्माण को लेकर चीन ने भारत को 'सतर्क' रहने और 'संयम' बरतने के लिए कहा है। चीन का यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश को असम से जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे सेतु का उद्घाटन किया है।चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि चीन के साथ सीमा मुद्दे के अंतिम समाधान से पहले भारत इस मसले पर सचेत और संयमी रुख अपनाएगा। ताकि सीमाई इलाकों में शांति, शांति की रक्षा और विवादों को संयुक्त रूप से नियंत्रित रखा जा सके।' चीन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, चीन-भारत सीमा के पूर्वी हिस्से को लेकर उसका रुख बिल्कुल साफ है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। बयान के मुताबिक, चीन और भारत को अपने सभी क्षेत्रीय विवाद आपसी बातचीत और परामर्श से सुलझाने चाहिए।बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रह्मपुत्र नदी पर ९.२ किमी लंबे सेतु का लोकार्पण किया है। ढोला और सदिया के बीच बना यह सेतु अरुणाचल प्रदेश को असम से जोड़ता है और इसके निर्माण से दोनों स्थानों के बीच की दूरी १६५ किमी घट गई है।यह भी पढ़ेंः ट्रंप प्रशासन में सर्वाधिक वेतन पाने वाली ५ महिला स्टाफ हुईं शामिल# कंस्टृक्शन अरुणाचल प्रदेश्कमल नाथ मुख्यमंत्री के रूप में सोमवार को संभालेंगे म्प की बागडोर |
क्या आप बहुत खाने के बाद भी कमजोर हैमुज़िकल स्टेट्स २०१८-०१-१२ १७:२२:०५क्या बहुत खाने के बाद भी आप कमज़ोर हो। कई बार बहुत लोग खाते पीते बहुत हैं। मगर फिर भी उनका वजन नहीं बढ़ता और वो कमज़ोर ही लगते हैं। ऐसे में ज़रूरी हैं उन बातो को समझना जिन कारणों की वजह से आपका शरीर भोजन को सही से पचा नहीं पा रहा। आइये जाने ये कारण और इनका निवारण।पतलेपनके कारण बहुत खाने के बाद भी अगर आप कमज़ोर हो तो इसके कुछ बड़े कारण हैं नशा, भूख ना लगना, या पाचन तंत्र सही ना होना। इनके निवारण। सबसे पहले तो अगर आप नशा करते हैं, चाहे किसी भी तरह का नशा हो उसको छोड़ दीजिये। दूसरा ये के अगर आपको भूख नहीं लगती तो भोजन करने से १० मिनट पहले अदरक का आचार खाया करे। या फिर भोजन के साथ भी ये खा सकते हैं। और तीसरा कारण हैं भोजन सही ना पचना जिसका कारण हैं लिवर का कमज़ोर होना तो उसके लिए सुबह शौच जाने के बाद एक गिलास गर्म पानी में एक निम्बू निचोड़ कर पिए बिना चीनी डाले। इस से उनके लिवर में जो समस्या हैं वो समाप्त होगी।मोटा और तंदुरुस्त होने के राज़ इसके बाद सुबह हल्का व्यायाम ज़रूर करे। जिसमे दंड मारने और दंड बैठक करना विशेष हैं। अगर तैराकी का समय मिले तो तैराकी अवश्य करनी चाहिए। हर रोज़ सुबह शौच करने के बाद आधा घंटा प्राणायाम और योगासन ज़रूर करे, जिनमे विशेष कपाल भाति प्राणायाम हैं। ये ज़रूर ध्यान रखे के ज़्यादा खाने से या ज़्यादा कसरत करने से शरीर नहीं बनता बल्कि हलकी कसरत और काम खाओ मगर पचाओ अधिक इस मंत्र से शरीर सुदृढ़ मज़बूत और मोटा ताज़ा होगा। इसके बाद आप जो कुछ भी खाएंगे तो वो आपके शरीर को लगने लगेगा। चाहे सादा पानी ही क्यों ना पिए। और आपको तीन महीने में ही फर्क दिखेगा।दिव्या भारती की बहन आज है बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत अभिनेत्री - देखकर यकीन नही होगा |
डॉ कफील की लिखी पुस्तक मणिपाल मैनुअल ऑफ़ क्लिनिकल पेडियाट्रिक का हुआ विमोचन पब्लिक न्यूज नेटवर्ककोलकाता. आज मंगलवार को कोलकाता मेडिकल कालेज में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान डॉ कफील की लिखित पुस्तक मणिपाल मैनुअल ऑफ़ क्लिनिकल पेडियाट्रिक का विमोचन डॉ मौसमी नंदी के द्वारा किया गया। इस मौके पर मेडिकल कालेज के सैकड़ो की संख्या में मेडिकल छात्रो सहित कई जूनियर चिकित्सक उपस्तिथ थे।अपने संबोधन में डॉ मौसमी नंदी (प्रिंसिपल और बाल रोग विभागाध्यक्ष) ने डॉ कफील की लिखित पुस्तक की समीक्षा भी किया। डॉ मौसमी ने अपने संबोधन में कहा कि पुस्तक पहले हर्फ़ से लेकर आखरी पन्ने तक यह साबित करती है कि इसका लेखक एक काबिल चिकित्सक है। डॉ कफील की क़ाबलियत पर कोई शक नही किया जा सकता। उन्होंने कहा कि साथ ही जिस प्रकार से डॉ कफील ने समाज सेवा बिना किसी लालच के किया, बिहार में जब चमकी बुखार से बच्चे दम तोड़ रहे थे उस समय डॉ कफील द्वारा चिकित्सा कैम्प लगाकर जिस प्रकार से समाज सेवा किया, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है और पूरी चिकित्सक समाज का सर गर्व से ऊँचा करने वाला काम है।इस अवसर पर डॉ कफील ने मेडिकल छात्रो और जूनियर चिकित्सको को संबोधित करते हुवे बच्चो की चिकित्सा हेतु सावधानियो पर चर्चा किया और नवजात के चिकित्सा हेतु एक लम्बा सेशन लिया। इस दौरान उपस्थित सैकड़ो छात्रो को पुस्तक की प्रति निःशुल्क प्रदान किया गया। मौके पर सम्बोधन में कई वक्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार से डॉ कफील के निलंबन को वापस लेने की अपील भी किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कोलकाता मेडिकल कालेज छात्र संगठन ने किया था।गौरतलब है कि डॉ कफील का नाम उस समय चर्चा में आया था जब गोरखपुर मेडिकल कालेज में आक्सीज़न की कमी से कई बच्चो की मौत हो गई थी। इस दौरान डॉ कफील ने विशेष कैम्प लगा कर बच्चो का इलाज किया था। मगर इसी बीच कई गंभीर आरोप डॉ कफील पर कुछ लोगो ने लगाया था और डॉ कफील को उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा निलंबित कर दिया गया था। इसके उपरान्त डॉ कफील समाज सेवा से जुड़ कर लगातार काम करते रहे।डॉ कफील के कार्यो ने एक बार फिर चर्चा का केंद्र खुद को बनाया जब बिहार में चमकी बुखार से बच्चो की मौत हो रही थी। डॉ कफील अपने साथियों के साथ बिहार गए और वहा कैम्प का लगातार आयोजन कर प्रभावित बच्चो की जाँच और उनका निःशुल्क इलाज किया। इसी दौरान डॉ कफील जब २७ जून को सुबह कैम्प पर जाने को तैयार हो रहे थे, तभी उनके साथी एक चिकित्सक ने उनको फोन करके सहायता मांगी और बताया कि एक महिला को खून की आवश्यकता है और रियर ब्लड ग्रुप होने के कारण खून उपलब्ध नही हो पा रहा है। इस समाचार के प्राप्त होने के बाद डॉ कफील कैम्प जाने के पहले ब्लड बैंक जाकर उस महिला को अपना खुद का खून दिया था। यह घटना भी समाज में एक बड़ा पैगाम दे गई थी, मगर मीडिया की सुर्खिया कभी नही बटोर पाई।ख़त्म हुआ कर्णाटक का सियासी ड्रामा ९९ के मुकाबले १०५ मतों से गिर पड़ी कर्णाटक सरकार |
गुजरात बोर्ड के कक्षा १ से ८, कक्षा ९ और ११ के विद्यार्थियों को मास प्रमोशन | लोकतेजगुजरात बोर्ड के कक्षा १ से ८, कक्षा ९ और ११ के विद्यार्थियों को मास प्रमोशन(प्क : निकर्बिलोकेशन.इन)गुजरात माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के उच्च पदाधिकारियों और राज्य के शिक्षा मंत्री की आज गांधीनगर में हुई बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रवर्तमान हालातों में गुजरात माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कक्षा १ से ८, कक्षा ९ और कक्षा ११ के विद्यार्थियों को मास प्रमोशन दिया जायेगा।मास प्रमोशन के तहत सभी छात्र अगली कक्षा में आगे बढ़ाये जायेंगे। बता दें कि बोर्ड ने इसी वर्ष से डिटेन्शन नीति लागू करने का निर्णय किया था, जिसके तहत कक्षा १ से ८ तक के परीक्षा में अनुर्तीर्ण रहने वाले विद्यार्थियों को आगे की कक्षा में भेजने से वंचित करना था। हालांकि इस नीति को अब एक वर्ष के लिये टाल दिया गया है।साथ ही अगला शैक्षणिक वर्ष जो अप्रेल २०२० से शुरु होने वाला था वह अब ग्रीष्मकालीन अवकाशा के बाद शुरु होगा। इतना ही नहीं, बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि जिन शिक्षकों को संबंधित जिला प्रशासन द्वारा कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है, उन्हें स्कूल आने की जरूरत नहीं है। निजी शालाओं के शिक्षकों को भी शाला में आने की जरूरत नहीं है।कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण के वर्तमान संकट भरे माहौल में विद्यार्थियों के लिये यह एक राहतपूर्ण खबर है। |
जियो कैशऐक ऑफेर: रिलायंस जियो ३९९ प्लान ओनली इन र्स २९९ मोर देताइल्स एट जियो कॉम - जियो का धमाकेदार ऑफर, सिर्फ इतने में मिलेगा ३९९ रुपये वाला रिचार्ज प्लान, गडगेट्स हिन्दी न्यूज - हिन्दुस्तानटेलीकॉम ऑपरेटर कंपनी रिलायंस जियो ने पिछले सप्ताह अपने दो साल पूरे कर लिए। इंडस्ट्री में दो साल में जियो ने पूरी तरह से एक तरह का 'डाटा वॉर' लेकर आ गया है।टेलीकॉम ऑपरेटर कंपनी रिलायंस जियो ने पिछले सप्ताह अपने दो साल पूरे कर लिए। इंडस्ट्री में दो साल में जियो ने पूरी तरह से एक तरह का 'डाटा वॉर' लेकर आ गया है। इसी कड़ी में अन्य टेलीकॉम कंपनियां भी नए-नए तरह के प्लान्स को पेश करती हैं और कई ऑफर्स भी पेश करती हैं।दो साल पूरे होने के मौके पर जियो अपने यूजर्स के लिए एक शानदार ऑफर लेकर आया है। इस ऑफर के तहत ३९९ रुपये वाले प्लान में अच्छी खासी छूट मिल रही है।ये भी पढ़ें: ओनेप्लस ६त में मिल सकता है ये शानदार फीचर, जानकर हो जाएंगे हैरान!इस तरह से मिलेगा १०० रुपये का डिस्काउंटइस ऑफर का फायदा उठाने के लिए यूजर्स को कम से कम ३९९ रुपये का रिचार्ज कराना होगा। माय जियो एप पर जाने के बाद आपको ३९९ रुपये का प्लान सेलेक्ट करना होगा। रिलायंस जियो यूज्रस को ५० रुपये का डिस्काउंट दे रहा है। इसके अलावा जब आप पेमेंट मोड में फोन पे चुनेंगे तो ५० रुपये का और कैशबैक दिया जाएगा। इस तरह कुल कैशबैक १०० रुपये का हो जाएगा। फोन पे में कैशबैक २४ घंटे के भीतर आ जाएगा।वेब तितले:जियो कैशऐक ऑफेर: रिलायंस जियो ३९९ प्लान ओनली इन र्स २९९ मोर देताइल्स एट जियो कोम्जियो ३९९ प्रीपीड़ प्लेनरिलायंस जियो तोडेस |
विंस्ट्रॉल समीक्षा प्रभावी या बंद चीर? [परिणाम]विंस्ट्रॉल की समीक्षा करें - यह काम करे?बाय डेविड रेडमैन अप्रैल ४, २०१९, ५:३८ प्म ५1.३क वियूजमांसपेशियों के निर्माण की कठिनाइयों: क्या वास्तव में आपकी मदद करता है?यदि आप बहुत सारे खेल करते हैं, तो सही प्रशिक्षण अनुसूची का पालन करें, आपके आहार में सही पोषक तत्व होते हैं, और फिर भी आप जिस तरह से चाहते हैं, मांसपेशियों की सही मात्रा का निर्माण करने में विफल रहते हैं, अन्य तरीकों की कोशिश करें जो आपको सफल बनाएंगे। कई लोगों में जीन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये ऊर्जा चयापचय को नियंत्रित करते हैं और जिससे वसा भंडारण, वसा जलने, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के रूपांतरण को प्रभावित कर सकते हैं । यदि आप कम भाग्यशाली लोगों में से एक हैं, तो आपके पास पारंपरिक तरीके से अपने लक्ष्यों तक पहुंचने की बहुत कम संभावना है । ऐसे मामले में, केवल आपकी ऊर्जा चयापचय को प्रभावित करने से आपको अपने विचारों के अनुसार अपने प्रशिक्षण के परिणामों को आकार देने में मदद मिलती है। आहार पूरक विनसोल , अवैध डोपिंग एजेंट विंस्ट्रॉल साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए, इसकी विशेष सामग्री से आप अपने चयापचय को प्रभावी ढंग से प्रभावित कर सकते हैं और जल्दी से बड़े पैमाने पर वांछित मांसपेशियों का निर्माण कर सकते हैं।विनसोल का प्रभावविनसोल का प्रभाव, विंस्ट्रॉल विपरीत, पौधों की सामग्री और विंस्ट्रॉल दूतों पर होता है , जो लिपिड चयापचय, कार्बोहाइड्रेट चयापचय और प्रोटीन चयापचय को प्रभावित करते हैं । यह पूरे शरीर को जल्दी और प्रभावी ढंग से मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है।विनसोल क्या है?विनसोल जैसे एक डोपिंग एजेंट नहीं है विंस्ट्रॉल , लेकिन एक कानूनी और बहुत अच्छी तरह सहन पोषण के पूरक। इसमें कई हर्बल अर्क और अंतर्जात संदेशवाहक शामिल हैं जो आपके चयापचय को प्रभावित करते हैं, जिससे आपका वजन कम करना आसान हो जाता है और साथ ही मांसपेशियों में द्रव्यमान में संग्रहीत भंडार के रूपांतरण को बढ़ावा मिलता है।विनसोल के तत्व क्या हैं?विंस्ट्रॉल विपरीत, विंस्टल स्टेरॉयड स्टैनोओलोल से जुड़ा नहीं है। विनसोल में विशेष रूप से प्रभावी पदार्थ एसिटाइल-एल-कार्निटाइन, बी विटामिन का समूह है, जो कोलीन बिट्रेट और समान डीएमएई से संबंधित है , साथ ही कुसुम और यम के अर्क भी हैं।विनसोल , डोपिंग एजेंट विंस्ट्रॉल विपरीत विंस्ट्रॉल कोई दुष्प्रभाव ज्ञात नहीं हैं । हालांकि, चूंकि एजेंट में शरीर के स्वयं के संदेशवाहक होते हैं, जो चयापचय को प्रभावित करते हैं, साथ ही साथ हर्बल तत्व, जो हमेशा असंगतता दे सकते हैं, सेवन हमेशा ईमानदार होना चाहिए और सख्ती से बचा जाना चाहिए।विनसोल का उपयोग कैसे किया जाता है?आवेदन विनसोल में आसान है। एजेंट कैप्सूल के रूप में है । इस प्रकार, गलती से एजेंट को ओवरडोज करना संभव नहीं है। आपको मुख्य भोजन के लिए दिन में एक बार ३ कैप्सूल पानी के साथ लेना चाहिए।विनसोल की खुराक कैसे काम करती हैखुराक कैप्सूल के व्यावहारिक रूप के लिए बहुत सरल है और आप विंस्ट्रॉल के सेवन के विपरीत, व्यावहारिक रूप से कुछ भी गलत नहीं कर सकते हैं। विनसोल की सही मात्रा प्रति दिन ३ कैप्सूल है , जो आप अपने मुख्य भोजन के लिए लेते हैं।विनसोल साथ सफलताचूंकि विनसोल धीरे धीरे अपने चयापचय को प्रभावित करता है और के रूप में बड़े पैमाने पर नहीं के रूप में अपने क्रपर्फुक्शओनें संलग्न है विंस्ट्रॉल , पहली सफलताओं थोड़ी धीमी है, लेकिन लंबे समय के लिए कर रहे हैं। आपको थोड़े समय के बाद पहला प्रभाव दिखाई देगा, वास्तविक परिणाम दो महीने बाद।विनसोल वास्तव में काम करता है और काम करता है?हां, विनसोल वास्तव में आपके शरीर पर वर्णित प्रभाव डालती है और आपको बहुत अधिक मांसपेशियों का निर्माण करने में मदद करती है। निहित अवयवों में कार्रवाई का एक सिद्ध तरीका है और इस प्रकार आपकी चयापचय प्रभावी रूप से दीर्घकालिक परिणाम, गहन मांसपेशियों के निर्माण के साथ इस उपाय से प्रभावित होता है।विनसोल साथ परिणामआहार पूरक के रूप में, विनसोल विंस्ट्रॉल या अन्य डोपिंग एजेंटों के रूप में तेजी से काम नहीं करता है। इसलिए, आप एक लंबे आवेदन के बाद पहले परिणाम देखेंगे। फिर भी, ये जल्द ही याद करने के लिए बेहतर और कठिन हो जाएंगे। आपको खुद को इसके लिए राजी करना चाहिए।विनसोल साथ तुलनात्मक चित्रविनसोल साथ चित्रों के पहले और बाद में नहीं हैं, लेकिन केवल सफल उपयोगकर्ताओं की तस्वीरों के बाद । बेशक, निर्माता खूबसूरती से संपादित छवियों को प्रस्तुत कर सकते हैं, लेकिन ये शायद ही कोई छवियों की तुलना में अधिक आश्वस्त होंगे। यदि आप खुद को विश्वास दिलाना चाहते हैं, तो आपको इसका परीक्षण करना चाहिए।कौन सी विनसोल समीक्षाएँ और समीक्षाएं हैं?संतुष्ट उपयोगकर्ताओं के कुछ अनुभव हैं जो निर्माता पक्ष पर संक्षेप में उल्लेखित हैं। आप इंटरनेट पर सकारात्मक अनुभव भी पढ़ पाएंगे। लेकिन किसी और के टेस्ट पर भरोसा करने के बजाय आपको अपना टेस्ट खुद करना चाहिए।विनसोल - रेटिंग क्या है?निहित पदार्थों में से प्रत्येक के लिए न केवल एक मूल्यांकन है, बल्कि भाग में वैज्ञानिक अध्ययनों की एक पूरी श्रृंखला है । इनमें विन्स्टॉल में निहित अवयवों के प्रभावों और (गैर-मौजूद) अवांछनीय प्रभावों पर अध्ययन शामिल है।क्या विनसोल नकली है?विनसोल निश्चित रूप से नकली नहीं है , क्योंकि अवयवों का शरीर पर वैज्ञानिक रूप से सिद्ध प्रभाव है। हालांकि विनसोल इस तरह डोपिंग के रूप में माना जाता चमत्कारी उपायों के विपरीत विंस्ट्रॉल नहीं काफी के रूप में तेजी से प्रभावी और आप स्वस्थ खाने और व्यायाम आप जारी रखने के लिए किया है।फोरम में विनसोल बारे में क्या चर्चा की जा रही है?मंच उन सवालों पर चर्चा करता है जो आप खुद से पूछते हैं। इच्छुक एथलीट अन्य उपयोगकर्ताओं से एक परीक्षण रिपोर्ट चाहते हैं और खुद से पूछते हैं: "यह क्या है? 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लियोनल मेसी: लाटेस्ट लियोनल मेसी न्यूज & उपकेट्स,लियोनल मेसी फोटो & इमेगाज, लियोनल मेसी विदियोस | नवभारत टाइमस्नवेंबर,१८,२०१९, १५:४२:१४मेसी हेयर लुकएंटोनला रोक्जुजो (लियोनल मेसी, अर्जिंटीना)मेसी स्पाइक्स लुक हेयर स्टाइलफीफा विश्व कप २०१८: खत्म हुआ रोनाल्डो, मेसी का सफरजुल ०१, २०१८, ०७.४० आमरूस में चल रहे फीफा विश्व कप २०१८ में शनिवार को दो बड़े सितारों की विदाई हो गई। यह दिन फुटबॉल की दुनिया के दो सबसे बड़े सितारे माने जाने वाले खिलाड़ियों, लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो व उनके चाहने वालों के लिए अच्छा नहीं रहा। अर्जेंटीना और पुर्तगाल दोनों ही टीमें राउंड ऑफ १६ में अपने मुकाबले हार कर बाहर हो गईं।फीफा विश्व कप: क्रोएशिया ने अर्जेंटीना को ३-० से हराया, राउंड ऑफ १६ में बनाई जगहजून २२, २०१८, ०२.०4 आमफीफा विश्व कप के ग्रुप डी के मुकाबले में कोएशिया ने खिताब की दावेदार मानी जा रही अर्जेंटीना को ३-० से हरा दिया है। क्रोएशिया के लिए रेबिच ने 5३वें मिनट में गोल किया। इसके बाद लूका मेडरिच ने 8०वें मिनट में गोल कर अपनी टीम को २-० से आगे कर दिया। क्रोएशिया के तीसरा गोल इवान राकितिच ने इंजरी टाइम में किया। |
कोरोना से भी खतरनाक १०० साल पहले विश्वकी एक महामारी ने भारतमे २० मिलियन लोगों को मार डाला।राजधानी, दिल्ली कोरोनवायरस से सबसे अधिक प्रभावित शहरों में से एक है। इसी तरह की बीमारी ने लगभग १०० साल पहले दिल्ली में कहर बरपाया था। वैश्विक महामारी ने भारतीय उपमहाद्वीप में लगभग १.८ से २० मिलियन लोगों की जान ले ली। अकेले दिल्ली में, महामारी ने लगभग २३,००० लोगों की जान ले ली। इस खतरनाक बीमारी को स्पेनिश फ्लू का नाम दिया गया था, और कोरोना की तरह, रोगी को बुखार था।यह बीमारी मई-जून, १9१८ में समुद्र के द्वारा मुंबई (तब बॉम्बे) में आई थी। "लॉरा स्पिननी ने अपनी पुस्तक पेल राइडर में एक बॉम्बे स्वास्थ्य अधिकारी के हवाले से कहा," स्पैनिश फ्लू रात के माध्यम से एक चोर की तरह फैल गया और उसके पैर बहुत तेजी से फैल गए। फ्लु अगले कुछ महीनों में महामारी रेलवे पर छा गई। यह देश के अन्य शहरों में फैल गया।उनका दूसरा दौर सितंबर में आया था जो पहले से ही बहुत खतरनाक था। अपनी पुस्तक द ग्रेट इन्फ्लुएंजा में, न्यू ऑरलियन्स के लेखक जॉन बेरी ने दिल्ली में स्पेनिश फ्लू के भीषण दृश्य का वर्णन किया है। गाड़ियां एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक लोगों को ले जा रही थीं, लाशें ले जा रही थीं। दिल्ली के एक अस्पताल ने १3,१9० इन्फ्लूएंजा रोगियों का इलाज किया, जिसमें ७,०४४ लोगों की मृत्यु हो गई।ऐसे कठिन समय में, दिल्ली के मुख्य आयुक्त विलियम मैल्कम हेली ने शहर छोड़ दिया और अगस्त से तीन महीने के लिए छुट्टी पर चले गए। इस दौरान वह जापान की यात्रा पर गए। हेली के जीवनी लेखक, जॉन डब्ल्यू। सैली, हेली: ए स्टडी इन ब्रिटिश इंपीरियलिज्म लिखती है, आफ्टर कुछ ही समय बाद, मछली पकड़ने के बाद मछली कोरिया और उत्तरी चीन वापस चली गई।दिल्ली की एक सड़क का नाम हेली के नाम पर है। हेली अक्टूबर के मध्य में दिल्ली पहुंची।उन्होंने १9 अक्टूबर को लॉर्ड चेम्सफोर्ड को लिखा कि दिल्ली इन्फ्लूएंजा से प्रभावित है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसे अगर नजरअंदाज किया जाए तो यह घातक हो सकती है। कल २६४ लोग मारे गए थे। शहर में लगभग हर कोई इस बीमारी से पीड़ित है। ७ नवंबर, १9१८ को, टाइम्स ऑफ इंडिया ने हेली के ५ नवंबर के पत्र को स्पेनिश फ़्लू महामारी पर प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि महामारी के कारण, बड़ी संख्या में लोग अभी भी दिल्ली में मर रहे थे, लेकिन इस मुद्दे पर उम्मीद थी।यह अब निश्चित रूप से गिर रहा है। '१५ से 3१ अक्टूबर तक मरने वालों की संख्या इस प्रकार है: ११6, १२6, ११५, २५०, २७6, 3५१, ३३३, 3५७, 4१८, 6५6 (दो दिन), ३२६, 3१७, 3१७ और २५9। संयोगवश, हेली ने अपने पत्र में २६४ लोगों को लिखा था। मृत्यु का उल्लेख किया गया, लेकिन इनमें से कोई भी आंकड़ा इससे मेल नहीं खाता। १ नवंबर को २-२३ नवंबर (दो दिन) में २9७ मौतों के साथ, मौत का आंकड़ा गिरकर २०१ तक पहुंच गया। सेल ने लिखा, ब्रिटिश भारत की राजधानी में लगभग २३,००० लोग मारे गए।हेली ने यह भी कहा कि महामारी की शुरुआत में मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। अहमद अली ने अपनी पुस्तक ट्वाइलाइट इन दिल्ली में स्पेनिश इन्फ्लूएंजा के दृश्य का विस्तार से वर्णन किया है। वह लिखते हैं कि दिल्ली लाशों का शहर बन गया जहां ताबूत चोरों ने अपना काम स्वतंत्र रूप से किया, कब्र खोदने वालों ने अपनी मजदूरी बढ़ाई और कपड़ा व्यापारियों ने ताबूतों की कीमत बढ़ा दी।वह लिखते हैं, कोई हर समय शहर में रहता था। कब्रिस्तान भर गए थे और लाश को फिर से भरने के लिए तीन गज जमीन मिलना भी मुश्किल था और ऐसा लग रहा था कि मरने के बाद भी शांति की कोई उम्मीद नहीं थी। अली ने लिखा, हिंदू इस मामले में भाग्यशाली थे। वे यमुना के किनारे जाते और मृतकों को दफनाते और राख फेंकते। कफन के लिए कई लाशें भी नहीं मिलीं। लेकिन मृत्यु के बाद, इसका मतलब यह नहीं है कि आपका शरीर ढंका हुआ है, आप गिद्ध बन गए हैं या जल गए हैं।० रेसपोनसे तो "कोरोना से भी खतरनाक १०० साल पहले विश्वकी एक महामारी ने भारतमे २० मिलियन लोगों को मार डाला।" |
फ्रीदा पिंटो: अनिमटेड वर्ल्ड डिएरेंट फ्र्म फिल्म, त्व - ७, २०२० ९:०६ प्महिन्दी ई इंग्लिशहिंदी न्यूज एन्टर्टेन्मन्ट बॉलिवुड गोस्सिप्स फ्रीदा पिंटो: अनिमटेड वर्ल्ड डिएरेंट फ्र्म फिल्म, त्व्खस्खबर.कॉम : मंगलवार, २६ मई २०२० ११:२३ आमनई दिल्ली। अभिनेत्री फ्रीडा पिंटो को लगता है कि एक एनिमेटेड प्रोजेक्ट पर काम करना बहुत अलग है क्योंकि "इसके लिए आपको रिकॉडिर्ंग करते समय पहले अपनी कल्पनाशक्ति को बढ़ाना होता है।" वह कहती हैं कि कलाकार तभी अपने किरदार में पूरी तरह से समा सकता है, जब वह अपने सारे संकोचों को दरकिनार कर देता है।फ्रीडा ने आईएएनएस को बताया, "एनिमेशन की दुनिया फिल्म और टेलीविजन से बहुत अलग है। आपको रिकॉडिर्ंग करते समय पहले अपनी कल्पनाशक्ति को बढ़ाना होता है, लेकिन इसके साथ ही किरदार में पूरी तरह से समाने के लिए आपको किसी भी तरह के संकोच से भी बाहर निकलना होता है।"हाल ही में फ्रीडा ने एक एनिमेटेड श्रृंखला 'मीरा, रॉयल डिटेक्टिव' पर काम किया है, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं के आसपास बुनी गई है। जलपुर की काल्पनिक भूमि पर बने इस एनिमेटेड श्रृंखला में मीरा की जिंदगी को बयां किया है, जो कि एक आम इंसान है, लेकिन उसे रानी द्वारा शाही जासूस की भूमिका के लिए नियुक्त किया जाता है।अमेरिका में रहने वाली इस भारतीय अभिनेत्री ने साल २००८ में आई ऑस्कर विजेता फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' से प्रसिद्धि पाई थी। उन्होंने इस सीरीज में रानी शांति के किरदार को आवाज दी है, जो मीरा नाम की दयालु, सहानुभूतिपूर्ण, बुद्धिमान और आत्मविश्वास से भरी एक छोटी सी लड़की को राज्य का रॉयल जासूस नियुक्ति करती हैं।एक वॉइस आर्टिस्ट के तौर पर अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए अभिनेत्री ने कहा, "एक वॉइस आर्टिस्ट होने का मेरा अनुभव बेहद ही दिलचस्प रहा क्योंकि इस तरह के काम का मौका अकसर नहीं मिलता है। जैसे ही उन्होंने मुझे शो और इसमें मौजूद किरदारों के बारे में बताया, मैंने जल्दी ही इस पर काम करने का मन बना लिया, लेकिन मुझे लगता है कि इन पात्रों को आवाज देने में अतिशयोक्ति महसूस होती है क्योंकि आपके पास किसी भी श्य का कोई संदर्भ नहीं होता है क्योंकि एनिमेशन में किरदारों को अपनी आवाज देने के साथ ही साथ कहानी आगे बढ़ती जाती है।"यह शो भारत में डिजनी चैनल इंडिया के साथ-साथ डिजनी प्लस हॉटस्टार प्रीमियम पर भी स्ट्रीम होता है। (आईएएनएस)वेब तितले-फ्रीदा पिंटो: अनिमटेड वर्ल्ड डिएरेंट फ्र्म फिल्म, त्वटेग्स: फ्रीदा पिंटो, अनिमटेड वर्ल्ड डिएरेंट फ्र्म फिल्म, त्व, बॉलिवुड न्यूज इन हिन्दी, बॉलिवुड गोस्सीप, बॉलिवुड हिन्दी न्यूज |
उपचार - बालों की देखभाल - ग्लोबलाइफ - फार्माका इंटरनेशनल - विशेष प्रोटोप्लास्मीना - २०१७विशेष प्रोटोप्लास्मीना उपचार - बालों की देखभाल - फार्माका इंटरनेशनलन्यूट्रोबेबी शैम्पूअतिरिक्त कोमल इमल्शन स्लेस, स्ल्स, पराबेन्शिपो-एलर्जेनीक खुशबू, दैनिक सफाई और त्वचा की सुरक्षा और सभी उम्र के बच्चों के बालों के लिए विशेष रूप से विकसित के साथ नाजुक निर्माण के साथ, शैम्पू। तटस्थ पीएच सूत्रीकरण जलन सीमा, सर्फेक्टेंट वनस्पति मूल के सूत्र नियमित रूप से डिटर्जेंट की तुलना अधिक नाजुक बनाता है; शुद्ध मुसब्बर वेरा का रस खोपड़ी, यह से जलन की सुरक्षा को प्रभावित करता है; सिल्क प्रोटीन बालों में कंघी करने के लिए आसान बनाता है।पीड़ोस्टॉप शैम्पूपैडिकलोसिस के उपचार के लिए निवारक क्रिया स्नान के लिए कॉस्मेटिक पूरक यूडर्मिकहल्के शैम्पू के साथ आवश्यक तेलों है कि एनआईटी और जूँ के निपटान के लिए एक प्रतिकूल वातावरण बनाने के द्वारा एक विकर्षक के रूप में कार्य। सब्जी (नारियल से व्युत्पन्न) मूल और प्राकृतिक आवश्यक तेलों के सर्फेक्टेंट पर आधारित, त्वचा शुद्ध। नि: शुल्क स्लेस, स्ल्स, पराबेन्स और रंगों का निर्माण।सिल्वर शैम्पूविरोधी-पीली सूत्र संतुलित शैम्पू भूरे बाल, सफेद और धारियाँमुकाबला कर सकते हैं, विशिष्ट इलाज है कि चमकीले पीले रंग टन के साथ विशेष पिगमेंट्स, ग्रे और सफेद बालों की महिमा को पुनर्जीवित है।पैकेजिंग: ५०० म्ल. बोतल फ्र्म१४:२९ ३/२८/२०१७बाल कर्ल शैम्पूक्रिया-प्रभाव लोच अनुशासित घुंघराले और घुंघराला बाल के लिएधीरे-धीरे यह वजन नीचे के बिना बालों को शुद्ध और रंग के एक लंबे समय से स्थायी प्रभाव प्रदान करने में सक्षम है। सूत्र समृद्ध है के साथ गेहूं प्रोटीन की मात्रा और उत्कृष्ट देतेंलिंग और सिल्क प्रोटीन, जो बालों को विनियमित क्रेस्पो के प्रभाव को हटाने के द्वारा दे सकते हैं।शैम्पू बालों का रंग-इलाज बालएंटीऑक्सीडेंट और रंग संरक्षणसूत्र फ्लैक्ससीड तेल संरचनाओं को मजबूत बनाने के द्वारा रंगीन बालों के लिए एक शारीरिक पोषण प्रदान करने के लिए त्वचा, के लिपिड बैरियर को पुनर्स्थापित करने के लिए सक्षम के साथ समृद्ध है और कंडिशनिंग और सुरक्षात्मक कार्रवाई केशिका म्यान पर और विटामिन ई, जो बाल चमकदार, मख़मली स्पर्श और भारी बनाता है के साथ। रंग की एक लंबे समय से स्थायी प्रभाव सुनिश्चित करता है।विशेष प्रोटोप्लास्मीनादेखा उत्पाद 67२९३ टाइम्सऑफेर/प्राइसेफ्रोम थे फक्टरी विशेष प्रोटोप्लास्मीना |
अगर आतंकवाद मुद्दा नहीं तो राहुल गांधी अपनी एसपीजी सुरक्षा हटा लें: सुषमा स्वराज लाटेस्ट न्यूज हेडलींस इन हिन्दी ऑन हिन्दुस्तान प्रतिज्ञा हिन्दी न्यूज पोर्तल्हिंदी न्यूज / देश दुनिया / राष्ट्रीय / अगर आतंकवाद मुद्दा नहीं तो राहुल गांधी अपनी एसपीजी सुरक्षा हटा लें: सुषमा स्वराजअगर आतंकवाद मुद्दा नहीं तो राहुल गांधी अपनी एसपीजी सुरक्षा हटा लें: सुषमा स्वराजहैदराबाद. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लगता है कि आतंकवाद कोई मुद्दा नहीं है तो वह अपनीएसपीजी सुरक्षा हटा लें। सुषमा ने कहा कि अगरराहुल और उनके परिवार को किसी से डर नहीं लगता तो वह लिखकर दें कि उन्हें सुरक्षा के लिए कमांडोज की जरूरत नहीं है।प्रेवियस वेथर रिपोर्ट तोडे/वाराणसी का आज का तापमान अभी १४च है, वाराणसी का कल का न्यूनतम तापमान ३८च और अधिकतम तापमान ३२च थानेक्स्ट संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति के प्रतिबंध लागू करेगी सरकार, आतंकियों पर कार्रवाई में मिलेगी मदद |
वे कन लीवे पॉलिटिक्स बुत नोट लॉर्ड श्री राम, ब्जप स्पोक्पर्सन अनीला सिंह इन त्व देबतें - टीवी डिबेट में बोलीं बीजेपी प्रवक्ता- राजनीति छोड़ सकते हैं भगवान श्रीराम को नहीं - जनसत्ताहिन्दू विवाद पर बोले योगी आदित्यनाथ- बेचारा राहुल दो नाव पर सवार हो गया, डूबना तय!टीवी डिबेट में बोलीं बीजेपी प्रवक्ता- राजनीति छोड़ सकते हैं भगवान श्रीराम को नहींजैसे-जैसे गुजरात चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे विकास के मुद्दे और अन्य चुनावी मुद्दे गौण होते जा रहे हैं और हिन्दुत्व उन पर हावी होता जा रहा है।जनसत्ता ऑनलाइन डिसेंबर १, २0१7 ९:२३ प्मबीजेपी के नेता तो अब यहां तक कह रहे हैं कि वो राजनीति छोड़ सकते हैं मगर भगवान श्री राम को नहीं छोड़ सकते।जैसे-जैसे गुजरात चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे विकास के मुद्दे और अन्य चुनावी मुद्दे गौण होते जा रहे हैं और हिन्दुत्व उन पर हावी होता जा रहा है। बीजेपी के नेता येन-केन प्रकारेण हिन्दुत्व की राह पकड़ रहे हैं। मामले में गर्माहट कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर पर उपजे विवाद ने पकड़ी, जब बीजेपी ने उनके धर्म पर सवाल खड़े किए। अब यही मुद्दा मीडिया जगत में बहस का विषय बन गया है। बीजेपी के नेता तो अब यहां तक कह रहे हैं कि वो राजनीति छोड़ सकते हैं मगर भगवान श्री राम को नहीं छोड़ सकते। इंडिया टुडे चैनल पर लाइव डिबेट में बीजेपी प्रवक्ता अनिला सिंह ने ये बातें कहीं। हालांकि उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सबका विकास, सबका साथ के सिद्धांत पर काम करती है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम भी इसी का एक हिस्सा हैं।बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि देश के लोगों को अपने धर्म के प्रति आस्था दिखाने का अधिकार है। बीजेपी नेता यूपी नगर निकाय चुनावों में मिली जीत से भी गदगद नजर आईं और यह मानने से भी गुरेज नहीं किया कि वहां भी मंदिर लहर का फायदा बीजेपी को मिला है। बता दें कि कांग्रेस प्रवक्ता ने बीजेपी पर हर मुद्दे का साम्प्रदायीकरण करने का आरोप लगाया था।बता दें कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार (२९ नवंबर) को गुजरात के सोमनाथ मंदिर पहुंचे थे। वहां उन्होंने जलाभिषेक किया था। उनके मंदिर जाने पर बाद में विवाद खड़ा हो गया था। मंदिर के रजिस्टर में उनकी गैर हिन्दू के तौर पर एंट्री की बात कही गई थी। राहुल गांधी के साथ-साथ राज्य सभा सांसद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल की भी एंट्री गैर हिन्दू के तौर पर कराई गई थी। इस विवाद के बाद कांग्रेस की तरफ से सफाई दी गई कि राहुल जनेऊधारी हिन्दू हैं। इतना ही नहीं बाद में कपिल सिब्बल ने पीएम के हिन्दू होने पर सवाल खड़े किए तो अगले यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राजबब्बर ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को जैन करार दिया। इस तरह गुजरात चुनाव अब फिर से हिन्दुत्व के मुद्दे पर आ टिका है।वे कन लीवे पॉलिटिक्स बुत नोट लॉर्ड श्री राम: @अनिलासिंह२लाइव पिक.ट्विटर.कॉम/जिग्कू८प्क्स२२ इंडिया तोडे (@इंडिटदए) डिसेंबर १, २0१7उप नगर निगम चुनाव नतीजे २0१7: इस बीजेपी सांसद ने पूरा किया संकल्प, पार्टी उम्मीदवार को हराया, अपना कैंडिडेट जितायागुजरात चुनाव: राहुल के पक्ष में बोले स्वामी नारायण मंदिर के पुजारी, पूछा- बीजेपी को किसने दिया धर्म पूछने का हक१९5२ में ट्रेन में आडवाणी से हुई थी अटल जी की पहली मुलाकात, फिर गहराती ही गई दोस्ती |
बाजार का दूषित चटपटा खाने से अटक सकती है सांसगर्मियों के मौसम में बाहर का चटपटा खाना दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है। खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से वायरल गैस्ट्रोइंट्राटाइटिस की तकलीफ होती है। इसमें खाने का दूषित प्रोटीन शरीर में मौजूद स्वस्थ प्रोटीन के साथ मिल जाता है। इसके मिलने पर व्यक्ति को पहले तो उल्टी दस्त होती है। इसके बाद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर के खिलाफ ही काम करने लगती है। मेडिकली इस बीमारी को ग्युलेन बार सिंड्रोम कहा जाता है। इसका सबसे बुरा असर सांस नली की मांसपेशियों पर पड़ता है और वे कमजोर होने लगती हैं। ऐसा होने पर व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ, बोलने में दिक्कत, निगलने में दिक्कत शुरू हो जाती है। कुछ गंभीर मामलों में सांस अचानक से अटक जाती है जिससे रोगी की मौत भी हो सकती है। इसे मेडिकली रेसपिरेटरी डिप्रेशन कहते हैं। इस तरह की परेशानी को ठीक करने के लिए इंट्रावीनस इम्यूनो ग्लोब्युलिन प्रक्रिया के तहत इलाज होता है। इसमें रोगी को ड्रिप के माध्यम से दवा पहुंचाकर भीतर हुए संक्रमण को खत्म किया जाता है।ज्यादा पसीना आने से होती है खून संबंधी यह तकलीफगर्मियों में तापमान बढऩे पर अधिक मात्रा में पसीना निकलता है। इस वजह से धमनियों में दौड़ रहा रक्त गाढ़ा हो जाता है। खून गाढ़ा होने पर दिमाग की खून की नलियों में रक्त के थक्के बनने लगते हैं। दिमाग की रक्त वाहिकाओं में जब थक्का बनता है तो रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और व्यक्ति अचानक बेहोशी की स्थिति में चला जाता है तो कुछ मामलों में व्यक्ति को लकवा की शिकायत हो जाती है। गर्मियों में ऐसी स्थिति से बचने के लिए व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम तीन लीटर पानी पीना चाहिए। साथ ही बहुत तेज कड़ी धूप और लू में निकलने से बचना चाहिए। लू के थपेड़ों से भी दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान होता है। दिमाग की नलियों में रक्त का प्रवाह कम होने से शरीर में कमजोरी या कम ताकत जैसा महसूस होना, आवाज का लडखड़़ाने लगना, चलने फिरने में तकलीफ होने जैसी समस्या होती है। इस तरह की परेशानी से रोगी को बचाने के लिए सबसे पहले सीटी स्कैन कराते हैं। इसके बाद खून पतला करने की दवा देते हैं जिससे दिमाग में रक्त का प्रवाह सामान्य हो सके। इस तरह के मामले में लापरवाही रोगी को अपंग बना सकती है। वसायुक्त खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए। गर्मियों में दस से बीस मरीज इस समस्या से पीडि़त हो अस्पताल पहुंचते हैं।बाहर निकलने से पहले इन बातों का रखें ध्यानधूप में निकलते वक्त चेहरा और मुंह ढक़ लेंबाइक से जा रहे हैं तो हेलमेट व चश्मा लगाएंस्किन पर सन प्रोटेक्शन क्रीम लगाकर ही निकलेंधूप में पैदल जा रहे हैं तो छाता साथ लेकर जाएंबाहर निकल रहे हैं तो पानी की बोतल साथ रखेंहल्के और सूती कपड़े पहनें जिससे आराम रहेधूप में लगातार बाइक या साइकिल चलाने से बचेंपहले से कोई तकलीफ है तो धूप में निकलने से बचेंगर्मी में त्वचा की चमक ऐसे रहेगी बरकरारसेब को मैश कर उसमें शहद व हल्दी मिलाकर फेस पैक बनाएं। रोज चेहरे पर लगाएं चेहरे की नमी बनी रहती है।चेहरे को ठंडक पहुंचाने के लिए आइस क्यूब से चेहरा साफ करें, धूप की जलन कम होगी, नमी वापस लौटेगीचेहरे पर गुलाब जल नियमित लगाया जाए तो फायदा मिलता है तैलीय त्वचा है तो खीरे का पेस्ट चेहरे पर लगाएं फिर १५ मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें दिनभर में तीन से चार बार चेहरे को ठंडे पानी से धोएं। इससे चेहरे की त्वचा साफ रहती है अगर त्वचा धूप में झुलस गई है, तो चेहरे पर तरबूज और एलोवेरा लगाकर १० मिनट में धो लें।डॉ. भावना शर्मा, न्यूरोलॉजिस्ट, एसएमएस, जयपुर |
लीकेज रसोई गैस की आग में एक मासूम के साथ दो युवक झुलसेसंजीवनी टुडे १०-११-२०१८ २०:५६:५१पन्ना। शाहनगर थाना अन्तर्गत ग्राम बरतला में शनिवार को लीकेज गैस सिलेन्डर में आग भवके से एक मासूम बालक के साथ दो युवक बुरी तरह झुलस गए। परिजन तीनों को तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उनका उपचार जारी है।झुलसे पीड़ितों के साथ आये परिजनों के अनुसार ग्राम बरतला में आदिवासी मोहल्ले में आदिवासी के घर रसोई गैस लीकेज होने के चलते जैसे माचिस जलाई, तो भभक के साथ पूरे कमरे में आग लग गई, जिसमें एक मासूम बालक के साथ दो युवक आग मे गम्भीर रूप से झुलस गये। पीड़ित बसंत सिह पिता देवराज सिह गौड़ उम्र ढाई वर्ष मुंह व माथे के साथ दायें हाथ गम्भीर रूप से झुलस गया, वहीं भारत सिह पिता गुलाब सिह आदिवासी उम्र ४५ वर्ष निवासी बरतला थाना शाहनगर और सुम्मेर सिंह पिता धीरज सिह पिता धीरज सिह उम्र ५२ वर्ष निवासी बरतला भी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।सूचना मिलने पर एसआई श्याम सिंह परिहार ने तहसीलदार संदीप सिंह को दूरभाष के माध्यम से घटना की जानकारी दी, जिस पर नायब तहसीलदार आकाश नीरज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शाहनगर में उपस्थित होकर घायलों के बयान दर्ज किये गये और पीड़ितों की स्थिति गम्भीर रूप से झुलस जाने के चलते डाॅ एम एल चैधरी बी एम ओ शाहनगर ने कटनी जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया है।शाहनगर बतला देवराज सिंह गौड़ लीकागे ल्प्ग हिन्दिन्यूज लाटेस्टन्यूज |
रांची आर्कीव् - इंडिया जंक्शन न्यूजजेल में पहुचे तेजस्वी पिता से करने मुलाकात, देखकर हुए हैरान, जेल प्रशासन पर खड़े किये कई सवालजान्वरी १५, २०१८कम्मंट ऑफ ऑन जेल में पहुचे तेजस्वी पिता से करने मुलाकात, देखकर हुए हैरान, जेल प्रशासन पर खड़े किये कई सवाल २२बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सोमवार को अपने पिता और राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू यादव से जेल में मिलने पहुंचे. लालू यादव और तेजस्वी की मुलाकात रांची के बिरसा मुंडा जेल में हुई. जेलर ने लालू यादव की सहमति से तीन लोगों को उनसे मिलने की अनुमति दी. तेजस्वी यादव के अलावा पार्टी के पूर्व सांसद जान्वरी १५, २०१८कम्मंट ऑफ ऑन म्स धोनी बेटी जीवा के स्कूल फंक्शन में पहुचें, बच्चों के माता-पिता का लगा भीड़ ५४क्रिकेट जगत के टीम इंडिया के विकेटकीपर और पूर्व कप्तान एमएस धोनी फिलहाल रेस्ट पर हैं और परिवार के साथ काफी वक्त बिता रहे हैं. वो १ फरवरी को होने वाली वनडे सीरीज में टीम इंडिया के साथ होंगे. फिलहाल धोनी परिवार के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर रहे हैं. कुछ दिन पहले धोनी बेटी जीवा के स्कूल फंक्शन में लालू के कोर्ट बदलने की मांग पर फैसला सुरक्षितऑगस्ट २६, 20१७कम्मंट ऑफ ऑन लालू के कोर्ट बदलने की मांग पर फैसला सुरक्षित २४रांची, २५ अगस्त । चारा घोटाला में बिहार के पूर्व सीएम व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव आज रांची के सीबीआइ कोर्ट में नहीं उपस्थित हुए। लालू ने अधिवक्ता के माध्यम से हाजिरी लगवाई। लालू को उपस्थिति से छूट मिल गई है। अधिवक्ता ने बताया कि गवाह के नहीं होने के कारण लालू उपस्थित नहीं हुए हैं। इसके लिए कोर्ट सीबीआई के विशेष कोर्ट में चारा घोटालें के मामले में उपस्थित हुए लालू यादवजुलाई १4, 20१७कम्मंट ऑफ ऑन सीबीआई के विशेष कोर्ट में चारा घोटालें के मामले में उपस्थित हुए लालू यादव २६रांची, १3 जुलाई । चारा घोटाले के मामलों की सुनवाई को लेकर गुरुवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सीबीआइ के विशेष कोर्ट में विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में उपस्थित हुए। देवघर कोषागार से करीब ९० लाख रुपये की अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी ६४ए/९६ में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह सीबीआई का छापा लालू यादव के १2 ठिकानों परजुलाई ७, 20१७कम्मंट ऑफ ऑन सीबीआई का छापा लालू यादव के १2 ठिकानों पर २२नई दिल्ली , 0७ जुलाई (आरएनएस)। लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी, बेटे समेत कई अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। जिन अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है उनमें सरला गुप्ता, विजय कोचर, विनय कोचर, पीके गोयल के अलावा नई दिल्ली के रांची समेत पूरे झारखंड में दिवाली की धूमअक्टोबर ३०, 20१6कम्मंट ऑफ ऑन रांची समेत पूरे झारखंड में दिवाली की धूम २९झारखांड की राजधानी रांची समेत पूरे प्रदेश में दीपावली और काली पूजा की धूम है. लोग अपने अपने घरों और प्रतिष्ठानों में धन की अराध्या मां लक्ष्मी की उपासना की तैयारी में जुटे हैं. वहीं विभिन्न पूजा पंडालों में कल देर रात तक मां काली की पूजा हुई. रांची के बाजार दुल्हन की तरह सजे हुए हैं. सगे संबंधियों ५ सदस्यों की संदिग्ध मौत, फ्लैट में मिली लाशेंअक्टोबर ९, 20१6कम्मंट ऑफ ऑन ५ सदस्यों की संदिग्ध मौत, फ्लैट में मिली लाशें १4रांची। यहां कोकर में एक ही परिवार के ५ लोगों की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। यह फैमिली आर्मी से रिटायर्ड एक डॉक्टर की थी। मृतकों में डॉक्टर की पत्नी, बहु-बेटे और उनके दो बच्चे शामिल हैं। डॉक्टर की स्थिति गंभीर है और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। चाकू मारने के निशान मिले हैं -यह आत्महत्या |
मोदी सरकार मुझे काम नहीं करने दे रही है: केजरीवाल - इंखबरदिल्ली सरकार के संसदीय सचिव वाले बिल को राष्ट्रपति ने लौटाये जाने पर केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा है. केजरीवाल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए फिर दोहराया है कि दिल्ली में मोदी उन्हें काम नहीं करने दे रहे हैं. केजरीवाल ने कहा कि कई राज्यों में संदसदीय सचिव हैं और मोदी सरकार को आम आदमी पार्टी से डर लगता है इसलिए वो ऐसा कर रही है.नई दिल्ली. दिल्ली सरकार के संसदीय सचिव वाले बिल को राष्ट्रपति ने लौटाये जाने पर केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा है. केजरीवाल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए फिर दोहराया है कि दिल्ली में मोदी उन्हें काम नहीं करने दे रहे हैं. केजरीवाल ने कहा कि कई राज्यों में संदसदीय सचिव हैं और मोदी सरकार को आम आदमी पार्टी से डर लगता है इसलिए वो ऐसा कर रही है.संविधान के नियम के मुताबिक लाभ के पद पर बैठा कोई शख्स विधायिका का सदस्य नहीं हो सकता. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को २००६ में इसी वजह से संसद से इस्तीफा देना पड़ा था. तब सोनिया गांधी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष होने के साथ ही रायबरेली से सांसद थी.विपक्ष के एतराज जताये जाने के बाद सोनिया ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दिया और रायबरेली से दोबारा जीतकर सांसद बनीं थी. इस दौरान सरकार ने संविधान में संशोधन करके राष्ट्रीय सलाहकार परिषद सहित ४५ पदों को लाभ के पद से अलग कर दिया.इसके अलावा कांग्रेस के एक नेता की शिकायत पर राज्यसभा सांसद जया बच्चन की संसद सदस्यता खतरे में पड़ गई थी. तब जया बच्चन राज्यसभा की सांसद होने के साथ ही यूपी फिल्म विकास निगम की चेयरमैन भी थी. चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से उनकी सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की, जिसे मान लिया गया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं जया बच्चन को वहां से भी निराश होना पड़ा था. विवाद के बाद तब २००६ में यूपी सरकार ने लाभ के पद को फिर से परिभाषित करते हुए ७९ पदों को लाभमुक्त कर दिया था. |
गंगटोक: लाटेस्ट गंगटोक न्यूज & उपकेट्स,गंगटोक फोटो & इमेगाज, गंगटोक विदियोस | नवभारत टाइमस्गस्ट,१९,२0१९, ०८:३६:५५लास्ट उपड़टेड: जून २२, २0१९, १२.४४ प्म इस्तग २८, २०१८, ०३.१३ प्मसिक्किम की राजधानी गंगटोक में यूं तो घूमने के लिए कई जगह हैं, लेकिन अगर यहां का फूड ट्राइ नहीं किया तो एक्सपीरियंस अधूरा है।गंगटोकः सौ फीट गहराई में गिरी जायलो, ५ पर्यटकों की मौत, ३ गंभीरसिक्किम में सोमवार देर रात एक भयानक सड़क हादे में पांच पर्यटकों की मौत हो गई जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल है। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है...सेप २६, २०१८, ०९.३0 आमएक ऐसे सिस्टम की दरकार थी जो इस तरह की आपदा से पहले ही आगाह कर दे। इसी मकसद से वैज्ञानिकों ने हाल ही में यहां एक प्रॉजेक्ट शुरू किया है।...तो इसलिए बेहद खास है सिक्किम का पहला हवाई अड्डा पाक्योंगप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पाक्योंग में बने सिक्किम के पहले हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। बता दें कि वर्ष २0०९ में इस ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे की आधारशिला रखी गई थी, जिसके तकरीबन ९ साल बाद सिक्किम का यह सपना पूरा हुआ।गंगटोक में अडवेंचर ऐक्टिविटीज ट्राइ किए बिना अधूरी है आपकी यात्रासिक्किम की राजधानी गंगटोक में वकेशन मनाना आपके लिए पैसा वसूल एक्सपीरियंस होगा क्योंकि यहां आप प्रकृति की खूबसूरती को करीब से महसूस करने के साथ ही अलग-अलग जगहों पर घूम सकते हैं और कई तरह की अडवेंचर ऐक्टिविटीज में भी शामिल हो सकते हैं...स्वच्छता का मेसेज लेकर गंगटोक से पैदल पहुंचा गाजियाबादस्वच्छ भारत अभियान के बारे में समझाने के लिए सिक्किम गंगटोक से पैदल ही दिल्ली की तरफ आ रहे अभिषेक त्यागी मंगलवार को गाजियाबाद पहुंचे। वह २४ जनवरी को ...पुलिस वाले परिवार के साथ छुट्टियां मनाने क्या गए, चोरों ने उनके घरों पर ही धावा बोल दिया! चाणक्यपुरी स्थित अशोका पुलिस लाइन में २ घरों में चोरियां हो गईं।सोका, गंगटोक में ६ पोस्ट, इंटरव्यू १२ कोसिक्किम स्टेट ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी (एसएसओसीए), गंगटोक में ६ पदों पर वैकेंसी का नोटिफिकेशन जारी किया है, जिन पर अपॉइंटमेंट वॉक-इन-इंटरव्यू से ... |
आतंकियों का क्र्प्फ पर बड़ा हमला, १८ जवान शहीद | अलीव्ह२४न्यूज.कॉम्होम/ब्रेकिंग/आतंकियों का क्र्प्फ पर बड़ा हमला, १८ जवान शहीदजम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने उरी के बाद पुलवाम में बड़ा क्र्प्फ के जवानों पर बड़ा हमला किया। इस हमले में क्र्प्फ के करीब १८ जवान शहीद हो गए हैजम्मूकश्मीर: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने उरी के बाद पुलवाम में बड़ा क्र्प्फ के जवानों पर बड़ा हमला किया। इस हमले में क्र्प्फ के करीब १८ जवान शहीद हो गए है और उनके वाहन के परखच्चे उड़ गए हैं. यह हमला श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ है।सीआरपीएफ की करीब ७० गाड़ियों का काफिला नेशनल हाईवे पर अवंतिपुरा से गुजर रहा था तभी विस्फोटक से भरी गाड़ी आतंकी ने सीआरपीएफ के काफिले में घुसा दी और विस्फोट में खुद भी मारा गया। सीआरपीएफ की गाड़ियों में करीब ढाई हजार जवान सवार थे।सीआरपीएफ जवान जब तक संभल पाते तभी सड़क किनारे छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवानो द्वारा जवाबी फायरिंग के बावजूद आतंकी भागने में सफल रहे.क्र्प्फ जम्मू & कश्मीर फुल्वामा टेरोरिस्टइस महिला ने राहुल गाँधी को किया किस,शर्म से हुए लालइयास अफसर का यादगार वेलेंटाइन डे |
टीवी९ वाले रवि प्रकाश को तलाश रही है पुलिस! | नो. १ इंडियन मीडिया न्यूज पोर्टालपोस्टेड ऑन मई ९, 20१९ मई ११, 20१९ बाय ब४मैडमीनटीवी९ समूह से सूचना आ रही है कि सीईओ रवि प्रकाश को पुलिस तलाश रही है. उन पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप है. रवि को सीईओ पद से भी हटाए जाने की चर्चा है. पूरे प्रकरण के पीछे एक बड़ी कहानी सामने आ रही है. टीवी९ संचालित करने वाली कंपनी एसोसिएट ब्राडकास्टिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एबीसीपीएल) को नई कंपनी आलंद मीडिया ने खरीद लिया है.पुरानी और नई दोनों कंपनियों में रवि प्रकाश की हिस्सेदारी मात्र सात-आठ फीसदी के करीब थी. पुरानी कंपनी एबीसीएल में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी श्रीनी राजू की थी. जब श्रीनी राजू ने अपनी पूरी हिस्सेदारी नई कंपनी आलंद मीडिया को बेच दिया तो एक तरह से चैनल पर पूरा नियंत्रण भी आलंद मीडिया का हो गया. लेकिन सीईओ पद पर आसीन रवि प्रकाश का चैनल में दखल पहले जैसा बना रहा.सूत्रों का कहना है कि नई कंपनी ने नए डायरेक्टर्स की नियुक्ति की कोशिश की तो रवि प्रकाश इसके खिलाफ खड़े हो गए और एक निदेशक के फर्जी साइन से नए डायरेक्टर्स न नियुक्त किए जाने का लेटर जारी करा दिया. बाद में जांच में फर्जीवाड़े की कहानी सामने आई तो रवि प्रकाश को पद से हटाते हुए कंपनी निदेशक कौशिक राव ने पुलिस में फर्जीवाड़ा की एक कंप्लेन दे दी. सूत्रों का कहना है कि टीवी९ के नए सीईओ सिंगा राव बनाए गए हैं जो अभी तक १0टीवी में कार्यरत थे.चर्चा ये भी है कि टीवी९ भारतवर्ष लांच होने के बाद रवि प्रकाश इस चैनल और इस चैनल को संचालित करने वाली कंपनी के कर्ताधर्ताओं से तालमेल बिठा न पा रहे थे. आपसी इगो क्लैश शुरू हो गया था. रवि प्रकाश टीवी९ और टीवी९ भारतवर्ष के रोजाना के कामकाज में हावी होने की कोशिश कर रहे थे. आलंद मीडिया प्रबंधन से तालमेल न बिठा पाने और कई निर्णयों पर नए मैनेजमेंट से मतभेद के चलते भी रवि प्रकाश के बुरे दिन आए हैं.पता चला है कि रवि प्रकाश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो गई है. साइबर क्राइम पुलिस की टीम उनकी तलाश कर रही है. रवि के घर और आफिस पर छापे मारे गए हैं.रवि प्रकाश : कल पीएम संग मंच पर थे, आज भगोड़ा बने भाग रहे!रवि प्रकाश की कहानी आजकल के कारपोरेट जर्नलिज्म की मिसाल है. कल तक रवि प्रकाश देश भर के पत्रकारों के लिए एक जाना-पहचाना नाम था. इस शख्स ने पीएम मोदी के साथ मंच शेयर किया था, टीवी९ भारतवर्ष की लांचिंग के मौके पर. मंच पर सिर्फ दो लोग थे. एक पीएम खुद. दूसरे रवि प्रकाश. दोनों ने भाषण में एक दूजे की तारीफ की थी.कौन जानता था कि चंद दिनों बाद ही रवि प्रकाश भगोड़े के रूप में चर्चा में नजर जाएंगे. टीवी९ समूह शुरू से ही विवादों में रहा है. इस समूह की फंडिंग को लेकर अक्सर सवाल खड़े होते रहे हैं. रवि प्रकाश को टीवी९ का चेहरा बनाया गया ताकि यह चेहरा ही सत्ता और सरकारों के साथ लाबिंग कर सके. पर हालात बनते बिगड़ते देर कहां.बताया जाता है कि रवि प्रकाश जिस मूल कंपनी में सीईओ थे, वह कंपनी बिक गई. नई कंपनी को सत्ता तक पहुंच रखने वाले कई चेहरे मिल चुके हैं. इसलिए रवि प्रकाश की कोई जरूरत नहीं थी. रवि प्रकाश अपने अहंकार में दिन ब दिन दबाव बढ़ाते गए. टीवी९ भारतवर्ष के लोग भी असहज महसूस कर रहे थे. चर्चा है कि टीवी९ भारतवर्ष के अंदरखाने वरिष्ठ लोगों में भी भिड़ंत हुई. इसमें कुछ ने इस्तीफा दिया तो कुछ एक छुट्टी पर चले गए. फिलहाल ऐसा कुछ तानाबाना रचा गया कि रवि प्रकाश का तख्ता पलट हो गया. पुलिस उन्हें तलाश रही है. रवि प्रकाश को लेकर जितने मुंह उतनी कहानियां सामने आ रही हैं. कुछ लोगों का कहना है कि सारा कुछ प्रमोटरों का झगड़ा है. रवि प्रकाश अब भी चैनल और कंपनी के हिस्से बने हुए हैं.रवि प्रकाश को लेकर डिजिटल मीडिया और साउथ के न्यूज चैनलों में क्या कुछ बताया कहा दिखाया जा रहा है, आइए पूरे घटनाक्रम सारी बातों को बिंदुवार जानें--हैदराबाद पुलिस तलाश रही है रवि प्रकाश को. हैदराबाद में रवि के घर और आफिसों पर छापे डाले गए.-टीवी९ को जिस नए समूह ने खरीदा है, उसकी तरफ से रवि प्रकाश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है.-हैदराबाद की साइबराबाद साइबर क्राइम पुलिस को है रवि प्रकाश की तलाश.-रवि प्रकाश पर टीवी९ को टेकओवर करने वाली नई कंपनी अलांदा मीडिया एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट मिलिटेड के डायरेक्टर कौशिक राव ने मुकदमा लिखाया है.-रवि प्रकाश पर नई कंपनी के निदेशक कौशिक राव का फर्जी साइन कर लेटर जारी करने का आरोप है.-टीवी९ को चलाने वाली पुरानी कंपनी एबीसीएल के नब्बे फीसदी शेयर नई कंपनी अलांदा मीडिया ने कुछ दिन पहले ले लिए हैं.-आरोप है कि रवि प्रकाश ने नई कंपनी के निदेशक कौशिक राव के हस्ताक्षरों से एक फर्जी लेटर जारी किया.-रवि प्रकाश ने फर्जी लेटर के जरिए नए निदेशकों की नियुक्ति की मुखालफत की.-नई कंपनी चार नए डायरेक्टर रखना चाहती थी जिसके सख्त खिलाफ थे रवि प्रकाश.-रवि प्रकाश ने फर्जी लेटर के जरिए यह बताने की कोशिश की कि नई कंपनी के निदेशक कौशिक राव भी नए डायरेक्टर रखे जाने के खिलाफ हैं.-कौशिक राव ने रवि प्रकाश पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाते हुए साइबराबाद पुलिस में कंप्लेन कर दी.-घर-आफिस पर छापे के बाद रवि नहीं मिले तो पुलिस वाले उन्हें पकड़ने के लिए दोनों जगहों पर तैनात कर दिए गए हैं.-रवि प्रकाश पर समय-समय पर आरोप लगते रहे हैं. ऐसा नहीं कि वे पहली बार मुश्किल में पड़े हैं.-रवि प्रकाश वर्ष 20१४ में गिरफ्तार किए जा चुके हैं. उन्हें हैदराबाद की एलबी नगर पुलिस ने अरेस्ट किया था.-रवि प्रकाश पर तब तेलंगाना के एक विधायक ने कोर्ट में केस किया था. रवि पर एक टीवी शो के जरिए छवि खराब करने का आरोप लगा था.पढ़िए रवि प्रकाश का पक्ष-रवि प्रकाश ने टीवी९ पर लाइव आकर खुद पर लगे आरोपों को नकाराओन कमेंट ऑन टीवी९ वाले रवि प्रकाश को तलाश रही है पुलिस!परमोद पहवा सएस:क्या अजित अंजुम पर भी कभी उनके पुराने कार्यकाल में कोई आरोप लगे थे ? |
५ वेज हॉ तो गेट यूर लव बऐक - यऊंगिस्थानअगर गर्लफ्रेंड है नाराज, तो उनको मनाने के ५ आसान उपायचंद्र कांत स ऑन फेब्रुवारी २०, २०१6गर्लफ्रेंड का रूठना तो वैसे कोई नई बात नहीं है लेकिन फिर भी जरूरी यह है कि आखिर कैसे उनको कैसे आसानी से मना लिया जाए.वो रूठे हों तो आपको भी कुछ अच्छा नहीं लगता होगा तो खुद की ख़ुशी के लिए भी जरुरी हो जाता है कि उनको रूठने ना दिया जाये.तो यहाँ कुछ आसान उपायों के द्वारा आप रूठी प्रेमिका को आसानी से मना सकते हैं-१. सॉरी लेकिन अजीब तरह सेअब सॉरी तो सभी बोलते हैं. सिंपल तरह से सॉरी बोलने से भला क्या आपकी गर्लफ्रेंड मान सकती है. आप हर बार सॉरी बोलने के लिए कुछ नया ट्राई कीजिये. हर बार का सॉरी पिछली बार से अलग हो तो ऐसा लगता है कि चलो सॉरी तो अलग तरह से बोला गया है. वैसे भी लड़कों को तो सॉरी सप्ताह में कई बार बोलना पड़ता है तो हर बार कुछ नया कोशिश कीजिये.२. शोपिंग के लिए बोला है कभीबड़े ही मजे की बात है. लड़कियों का मूड कितना ही खराब क्यों ना हो आप बस एक बार शोपिंग का नाम ले लीजिये और फिर देखिये कि वह कैसे सब बातों को भूल जाती है. यह शब्द किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं है. इस शोपिंग शब्द की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आप इसका प्रयोग कितनी भी बार कर सकते हैं.३. कई बार उनको अकेला छोड़ देंअब कई बार ऐसा होता है कि आप सब कुछ ट्राई कर लेते हैं लेकिन फिर भी आपकी रूठी प्रेमिका मान नहीं रही होती है. तब आप एक काम कर सकते हैं कि आप उनको अकेला ही छोड़ दीजिये. कुछ समय बाद उनको यह एहसास होता है कि कुछ छुट रहा है तो वह आपको खुद से फोन कर लेती हैं.४. उनकी तारीफ कर दीजियेतो लीजिये एक और आसान सा उपाय यह है कि अगर आप उनके सामने उनकी तारीफ़ करना शुरू करते हैं तो उनके दिल को सुकून मिलता है. यह सुकून ऐसा होता है कि जैसे कोई युद्ध जीतने के बाद दिल में तसल्ली हो रही होती है.५. हमें तुमसे प्यार कितना, हम नहीं जानतेहर रिश्ते में एक फ़िल्मी गाना तो जरुर होता है तो दोनों को पसंद होता है और दोनों उसे साथ गुनगुनाते हो. तो अब इस बार भी आप इसी गाने को गुनगुना दीजिये. मूड कितना भी खराब हो लेकिन एक बार तो ऐसा हो ही जाता है कि आपकी तरफ मोहब्बत भरी निगाहों से वह देखें और सब सही हो जाये.वैसे ध्यान रखें कि हर रिश्ता विश्वास पर कायम होता है और कभी किसी के विश्वास को हमें चोट नहीं पहुंचानी चाहिए. गलती कभी-कभी हो तो चल जाती है लेकिन अगर वह हर बार हो तो यह दर्द बन जाती है.फ्धचरेड हॉ तो गेट यूर लव बऐकजब प्रधानमंत्री नेहरु की मनपसंद सिगरेट लाने के लिए २० ..इन घरेलू नुस्खों से अपनी गर्दन को चेहरे की तरह सुंदर बन .. |
राजस्थान असेंबली इलेक्शन्स २०१८ : कम वसुंधरा रजे इलेक्शन कैंपेन इन किशनगढ़-सीएम के चेहरे को लेकर कांग्रेस अभी तक असमंजस : वसुंधरा राजे - सबगुरु न्यूजहोम राजस्थान अजमेर सीएम के चेहरे को लेकर कांग्रेस अभी तक असमंजस : वसुंधरा राजेसीएम के चेहरे को लेकर कांग्रेस अभी तक असमंजस : वसुंधरा राजेराजस्थान असेंबली इलेक्शन्स २०१८ : कम वसुंधरा रजे इलेक्शन कैंपेन इन किशनगढ़अजमेर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस का मुख्य मंत्री चेहरा कौन है किसी को नहीं पता। वहां इसे लेकर करोड़पति का खेल चल रहा है।मुख्यमंत्री आज अजमेर जिले के किशनगढ़ के रविंद्र रंगमंच पर भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी विकास चौधरी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आरोप लगाने में माहिर है लेकिन जवाब देने में नहीं।उन्होंने हमसे हिसाब मांगा हमने हिसाब दिया। बीस साल से गरीबी हटाओ की उन्होंने बात कही लेकिन उन्होंने अपने परिवार की गरीबी हटाई। कांग्रेस शासन में गरीबों को अनाज नहीं मिला लेकिन भाजपा राज में समय पर राशन का वितरण हुआ और अब इस राशन वितरण में भ्रष्टाचार भी नहीं हो सकता क्योंकि इसका वितरण पोस मशीन के जरिए किसी जाता है।उन्होंने कहा कि हमने अपने शासन में जनता की मांग के अनुरुप उनकी क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए बजट बनाया और राजस्थान के विकास को गति दी। चौबीस घंटे काम कर प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाया। जितनी जनकल्याणकारी विकास योजनाएं भाजपा के वर्तमान शासन में हुई उतनी आज से पहले कभी किसी के शासन में नहीं हुई।हमने महिलाओं को शक्तिशाली और सशक्त बनाने के लिए भामाशाह कार्ड के जरिए उसे परिवार का मुखिया बनाया लेकिन कांग्रेस ने भामाशाह कार्ड को फाड़ने की बात कहकर महिलाओं के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ किया। गौरतलब है कि किशनगढ़ जाट बहुल क्षेत्र है और यहां कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टी की ओर से बागी मैदान में डटे हुए हैं।पिछला लेखराजस्थान में बजरी माफिया भाजपा सरकार की देन : अशोक गहलोतअगला लेखअहमदाबाद : छठी मंजिल के फ्लैट में आग, पति पत्नी की मौत |
खराब तबीयत से जूझ रहे अमिताभ बच्चन ने शाहरुख खान-गौरी खान के साथ शेयर की फोटो, कही ये बात | लाटेस्ली हिन्दीमनोरंजन आकाश जायसवाल| नोव ०९, २०१९ ०५:१९ प्म इस्टशाहरुख खान, गौरी खान और अमिताभ बच्चन (फोटो क्रेडिट्स: इंस्टाग्रम)अमिताभ बच्चन हेल्थ उपड़ते: बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (अमिताभ बच्चन) ने आज शाहरुख खान (शाह रुख खान) और गौरी खान (गौरी खान) के साथ अपनी एक कैंडिड फोटो शेयर की है. ये फोटो इस वर्ष बिग बी (बिग ब) के घर आयोजित हुई दिवाली पार्टी के समय की है. इस फोटो में बिग बी, शाहरुख और गौरी ये सभी ट्रेडिशनल अंदाज में नजर आ रहे हैं. बॉलीवुड के इस मशहूर कपल के साथ बिग बी ने फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए एक मजेदार कैप्शन दिया. ये भी पढ़ें: अमिताभ बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री में पूरे किए ५० साल, ऐसे मिली थी पहली फिल्म सात हिंदुस्तानीबिग बी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "शाहरुख, गौरी और मैं दिवाली के समय गंभीर चर्चा में. जाहिर है पर्सनल बात थी. आपको बता दें कि बिग बी शाहरुख खान और परिवार के बेहद करीब हैं. इतना ही नहीं, शाहरुख ने ट्विटर पर बताया था अबराम खान (अब्राम खान) बिग बी को ही को अपना दादा जी मानते हैं.गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से अमिताभ बच्चन की सेहत ठीक नहीं चल रही. उन्हें लीवर संबंधित समस्या के चलते नानावटी अस्पताल (नानावती हॉस्पिटल) में भर्ती कराया गया था. जहां रूटीन चेकअप के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया. ये भी पढ़ें: अमिताभ बच्चन का ७५ फीसदी लीवर हो चुका है खराब, इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं महानायकडॉक्टरों ने बिग बी को सख्त आराम की सलाह दी है लेकिन वो हैं कि अपने वर्क कमिटमेंट्स को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.हाल ही में कोलकाता इंटरनेशनल फेस्टिवल (कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल-किफ) में शरीक न हो पाने के कारण बिग बी (बिग ब) ने ट्विटर पर माफी मांगते हुए कहा कि वो अगली बार इसे अटेंड करने का पूरा प्रयास करेंगे.अमिताभ बच्चन अमिताभ बच्चन हेल्थ उपड़ते बिग ब गौरी खान हेल्थ उपड़ते किफ २०१९ कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल नानावती हॉस्पिटल शाह रुख खान अमिताभ बच्चन कोलकाता इंटरनेशनल फेस्टिवल गौरी खान नानावटी अस्पताल बिग बी शाहरुख खान |
अच्छी प्रकार से फेंटी गई ५२ पत्तो की एक गड्डी में से एक इक्का आकक्षा १० अध्याय प्रायिकता से प्रश्नअच्छी प्रकार से फेंटी गई ५२ पत्तो की एक गड्डी में से एक इक्का आने की प्रायिकता होगी१०.७क +५२ पत्तो की ताश की गड्डी अच्छी तरह से फेंटी गई। गड्डी में से एक पत्ता यादृच्छया निकाला जाता है तो प्रायिकता ज्ञात कीजिए की निकाला गया पत्ता है - <ब्र> (ई) एक हुकुम का पत्ता या एक इक्का <ब्र> (ई) एक तस्वीर वाला पत्ताअच्छी तरह से फेंटी गई ५२ ताश के पत्ते की एक गड्डी में से एक पत्ता यादृच्छया निकाला जाता है। तब निकाले गये पत्ते के एक बेगम या लाल पत्ता होने की प्रायिकता है-५२ पत्तो की अच्छी तरह से फेंटी हुई गड्डी से एक पत्ता यादृच्छया निकाला जाता है। तो निकाले गये पत्ते के एक काला बादशाह होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।ताशो की एक अच्छी तरह फेटी हुई गड्डी में से एक ताश निकला जाता है | वह प्रायिकता क्या है कि यह हुकुम की रानी है?एक भलीभाँति फेंटी गयी ५२ ताश की एक गड्डी से प्रतिस्थापन सहित दो पत्ते खींचे जाते है | इक्कों की संख्या का प्रायिकता बंटन ज्ञात कीजिए |अच्छी तरह फेटे हुए ताश के पतों की एक गड्डी में से बिना प्रतिस्थापन के दो पते उत्तरोत्तर निकले जाते है| निकले गए दोनों पतों के इक्का होने की प्रायिकता क्या है?५२ पत्तो की एक गड्डी में से सभी गुलाम, बेगम और बादशाह निकाल दिये जाते है। शेष बचे पत्तो को अच्छी तरह से फेंट दिया गया है तब इनमे से एक पत्ता यादृच्छया निकाला जाता है तब प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि, निकाला गया पत्ता है - <ब्र> (ई) एक काली तस्वीर वाला पत्ता (ई) एक लाल पत्ताताश के पत्तो की एक गड्डी में से सभी लाल तस्वीर वाले पत्ते निकाल दिये जाते है शेष बचे पत्तो की अच्छी तरह से फेंट दिया गया है तथा तब इनमे से एक पत्ता यादृच्छया निकाला जाता है तो प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि निकाला गया पत्ता है - <ब्र> (ई) एक लाल पत्ता (ई) एक तस्वीर वाला पत्ता (ई) एक चिड़ी का पत्तायदि पतों के ताश के गड्डी में से दो पते यादृच्छया खींचे जाते है, तब कम-से-कम एक हुकुम का पता तथा एक इक्का होने की प्रायिकता हैताश के ५२ पत्तो में से, लाल रंग के गुलाम, बेगम, बादशाह , इक्का निकाल दिए जाते है तब शेष बचे पत्तो में से एक पत्ता यादृच्छया निकाला जाता है। निम्नलिखित को प्राप्त करने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए- <ब्र> (ई) एक काली बेगम (ई) एक लाल पत्ता (ई) एक दहला <ब्र> (इव) एक तस्वीर वाला पत्ता (बादशाह, बेगम और गुलाम )५२ ताश के पत्तो की गड्डी में से गुलाम, बेगम, बादशाह और लाल रंग के इक्के हटा दिये गये है। शेष पत्तो में से एक पत्ता यादृच्छया निकाला जाता है। प्रायिकता ज्ञात कीजिए की निकाला गया पत्ता है- <ब्र> (ई) एक काली बेगम (ई) एक तस्वीर वाला पत्तासंख्याओं १, २, ३ में से एक संख्या क्स चुनी गई तथा संख्याओं १, ४, ९ में से यादृच्छया एक संख्या य चुनी गई तो क्या प्रायिकता है कि दो संख्याओ की क्सी गुणा, ९ से छोटी होगी ?ताश के ५२ पत्तो की गड्डी को अच्छी तरह फेटने के बाद एक पत्ता निकाला जाता है। निम्नलिखित के प्राप्त होने की प्रायिकता ज्ञात करे- <ब्र> (ई) एक लाल रंग का बादशाह (ई) एक काले रंग की बेगम <ब्र> (ई) एक पान का गुलाम (इव) एक लाल तस्वीर वाला पत्तादो पाँसों के एक उछाल में योग ७ से अधिक आने की प्रायिकता होगी जबकि पहले पाँसे पर ४ आता है |१.५क +निम्नलिखित कथनो पर विचार कीजिए <ब्र> ताश के पतों की गड्डी में से एक इक्का या बादशाह निकलने की प्रायिकता है | <ब्र> यदि तथा दो घटनाएँ हो, तो <ब्र> <ब्र> उपरोक्त कथनो में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?संभावना क्या है?संभावना का सिद्धांतवादी दृष्टिकोणप्राथमिक घटनाकॉम्पंड इवेंटनमूना अंतरिक्षएक घटना का घटनाअनुकूल प्राथमिक घटनाओंएक घटना मौखिक विवरण और समकक्ष सेट सैद्धांतिक नोटेशन की नकारात्मकताएक निष्पक्ष मर जाता है। प्राप्त करने की संभावना क्या है: (ई) एक भी संख्या (ई) एक विषम संख्या (ई) ३ (इव) का एक बहुमत ३ या ४ (व) एक संख्या और ३ (वि) ३ के बीच एक संख्या और ६ (वी) ३ से अधिक संख्या (वी) ४ से कम संख्या |
पीएम मोदी ने युवाओं को दिया आप्प इनोवेशन छलेंगे, जाने कैसे करें आवेदन - आवाज़-ए उत्तर प्रदेशॉगस्ट ५, २०२०, १:३५ अम्होम इंडिया पीएम मोदी ने युवाओं को दिया आप्प इनोवेशन छलेंगे, जाने कैसे करें... भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम मोदी की नई पहल युवाओं को दिया एप्लीकेशन बनाने का चैलेंज प्रथम विजेता को २० लाख का इनाम चीन पर एक और डिजिटल स्ट्राइकआप्प इनोवेशन छलेंगे:- चीन को भारत के साथ उलझना काफी महंगा पड़ गया है। एक के बाद एक भारत चीन पर इकोनामिक स्ट्राइक कर रहा है। कुछ दिन पहले भारत ने चीन के एप्लीकेशन को बैन किया था। जिससे चीन को बहुत बड़ा झटका लगा है। अब भारत को डिजिटल रूप से पूर्णता आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को एक चैलेंज दिया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ट्वीट कर इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि मेड इन इंडिया एप्लीकेशन बनाने के लिए टेक्निकल स्टार्टअप कम्युनिटी के बीच अपार उत्साह है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इनोवेशन मिशन की साझेदारी के तहत नीति आयोग ने डिजिटल इंडिया आत्मनिर्भर भारत इनोवेशन चैलेंज शुरू किया है।आत्म निर्भर भारत आप्प इनोवेशन छलेंगे के तहत युवाओं को एंटरटेनमेंट, न्यूज़, गेम्स, सोशल नेटवर्किंग एलन में फिटनेस आदि कैटेगरी के एप्लीकेशन बनाने होंगे इसके लिए पहला इनाम २० लाख दूसरा १५ और तीसरा १0 लाख रुपए का है।सब कैटेगरी के अंदर ट्रांसलेट एप्लीकेशन, क्लाउड ईमेल, इमेज एंड वीडियो एडिटिंग एप्लीकेशन, एंटीवायरस, मैसेंजर, वीडियो कॉलिंग, माइक्रो ब्लॉगिंग, मैपिंग, मोबाइल गेम्स जैसे एप्लीकेशन बनाने के लिए जिसके लिए पहला इनाम ५ लाख दूसरा ३ लाख और तीसरा २ लाख रुपए का है।इस चैनल को पूरा करने के लिए आपको इनोवेट.मैगोव.इन पर १8 जुलाई शाम ५:३0 बजे से पहले आवेदन करना होगा। इसके बाद मूल्यांकन किया जाएगा और ७ अगस्त २०२० को विजेताओं का नाम घोषित किया जाएगा।ऐक छलेंगेप इनोवेशन छलेंगे रजिस्ट्रेशनत्म निर्भर भरतप्रेवियस आर्टियलनाबालिग बच्चे पर महिला की नियत ख़राब, बंद कमरे में किया ऐसा फिरनेक्स्ट आर्टियलवन महोत्सव का शुभारंभ : स्वास्थ्य मंत्री ने सुल्तानपुर पहुंचकर किया वृक्षारोपणडिसेंबर २4, २०१9 १२:0१ प्म्मार्च १, २०२० ६:१५ प्मरायबरेली:बेखौफ बदमाशों ने रोहित गांधी को मारी गोलीभड़काऊ भाषण देने के मामले में आजम खां को मिली राहतमोनी अमावस्या पर प्रयागराज संगम तट पर उमड़ा आस्था का सैलाबकोरोना का कहर भारत में जारी, 8५0 के पार हुई संक्रमित...राफेल आज अपने देश आने को तैयार, अम्बाला में धारा १44... |
पीडब्ल्यूडी | लाटेस्ट हिन्दी न्यूज : हिन्दी न्यूज़ :: प्रवक्ता.कॉम : प्रवाकता.कम्पोस्ट तग्गे: पीडब्ल्यूडीलोकायुक्त पुलिस के छापे, पीडब्ल्यूडी अफसर की बेहिसाब संपत्ति का खुलासालोकायुक्त पुलिस ने लोक निर्माण विभाग :पीडब्ल्यूडी: के एक आला अधिकारी के ठिकानों पर आज छापे मारे और मध्यप्रदेश के अलग.अलग शहरों में उसकी बेहिसाब संपत्ति के खुलासे का दावा किया। लोकायुक्त पुलिस के एक अधिकारी ने पीटीआई.भाषा को बताया कि पीडब्ल्यूडी के इंदौर में पदस्थ कार्यपालन इंजीनियर :ईई: आनंदप्रकाश राणे के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार रेड मोर |
केंद्रों की सूरत संवारने में जुटे अफसर, स्मृति परखेंगी यूपी के आंगनबाड़ी केंद्र! - प्राइमरी का मास्टर इन | प्राइमरी का मास्टर | डिस्ट्रिक्ट न्यूज | बेसिक शिक्षा | शिक्शमित्रकेंद्रों की सूरत संवारने में जुटे अफसर, स्मृति परखेंगी यूपी के आंगनबाड़ी केंद्र!मुआयने की भनक लगते ही शासन स्तर पर संबंधित जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों को दुरुस्त करने की कवायद होने लगी है। सूत्र बताते हैं कि सभी जिलों के कार्यक्रम अधिकारियों को साफ कर दिया गया है कि कहीं भी खामी मिलने पर सीधे तौर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी को जिम्मेदार पाया जाएगा। ऐसे में बेहतर होगा कि यहां की व्यवस्था को ठीक किया जाए।प्रदेश-केंद्र के अधिकारी और नीति आयोग के सदस्य करेंगे मुआयनालखनऊ : कुपोषित किशोरियों, महिलाओं और बच्चों की योजनाओं की हकीकतजानने के लिए अब खुद सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों तक जाएंगी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी की अगुआई में केंद्र-प्रदेश सरकार के अधिकारी और नीति आयोग की टीम आंगनबाड़ी केंद्रों का मुआयना करेगी। १८ जिलों में निरीक्षण का कार्यक्रम तय किया जा रहा है। फिलहाल हर जिले में २५-२५ केंद्रों को देखने की योजना है।सूत्र बताते हैं कि नीति आयोग के सलाहकार आलोक कुमार और सदस्य बीते दिनों लखनऊ के आंगनबाड़ी केंद्रों में संचालित योजनाओं का ब्योरा ले चुके हैं। अब उसके आधार पर अन्य केंद्रों का मुआयना होगा। सूत्र बताते हैं कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर बिजली-पानी-शौचालय की व्यवस्था, पोषाहार की क्वॉलिटी, महिलाओं-किशोरियों व बच्चों की दर्ज संख्या और अटेंडेंस आदि की पड़ताल होगी।ये जिले चुने गए : बुलंदशहर, चंदौली गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, अमेठी, हापुड़, गोरखपुर, वाराणसी, सीतापुर, बाराबंकी, श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, चित्रकूट, सोनभद्र, फतेहपुर, अयोध्या। |
रायगढ़ के तमनार क्षेत्र में कोयला खानों और थर्मल पावर प्लांटों के आसपास रहने वाले निवासियों के बीच गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं -पीपुल्स फर्स्ट कलेक्टिव . छत्तीसगढ़ बॉस्केटरायगढ़ के तमनार क्षेत्र में कोयला खानों और थर्मल पावर प्लांटों के आसपास रहने वाले निवासियों के बीच गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं ; क्षेत्र में औद्योगिक क्रियाकलापों पर रोक लगाने की सिफारिश की गई- पीपुल्स फर्स्ट कलेक्टिव मेडिकल और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गयी रिपोर्टरायपुर, १६ नवंबर २०१७: पीपुल्स फर्स्ट कलेक्टिव के मेडिकल और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा आयोजित एक स्वास्थ्य अध्ययन में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनारब्लॉक में कोयला खदानों और थर्मल पावर प्लांटों के आसपास रहने वाले निवासियों के बीच गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं देखी गई हैं।छत्तीसगढ़ में कोयला खनन का स्वास्थ्य और पर्यावरणीय प्रभाव रिपोर्ट में, बिजली संयंत्रों और कोयला खानों के २ किलोमीटर के प्रभावक्षेत्र के भीतर आने वाले तामनारब्लॉक के ३ गांवों में ५०० से अधिक लोगों का सर्वेक्षण किया गया।रिपोर्ट के मुताबिक इस अध्ययन में प्रतिभागियों के बीच पहचाने जाने वाली स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें काफी अधिक है। निवासियों के बीच दस सबसे प्रचलित गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों में बालों के झड़ने और कमजोर बाल ; मॉस पेशियों और जोड़ों का दर्द, शरीर और पीठ में दर्द; शुष्क, खुजली और / या त्वचा के रंग का उतरना और पैर के तलवे का फटना ; और सूखी खाँसी की शिकायतें शामिल है। इसके अलावा अध्ययन के निष्कर्षों के मुताबिक, महिलाओं ने मुख्य रूप से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव किया था, जिनमें से सूखी खांसी (७७%), बालों के झड़ने (७६%) और मॉस पेशियों / जोड़ों का दर्द (६८%) सबसे प्रचलित थे।रिपोर्ट से यह पता चलता है कि उनके अनुसंधान के दौरान यह पाया गया कि हवा, पानी, मिट्टी और तलछट में पाए जाने वाले जहरीले पदार्थों के खतरनाक स्तरों के संपर्क में आने का,आसपास में स्थित निवासियों द्वारा अनुभव किये जा रहे गंभीर स्वास्थ समस्याओं से जुड़े होने की संभावना हैअध्ययन के प्रमुख जांचकर्ताओं में से एक डॉ. मननगांगुली के अनुसार, इस अध्ययन के निष्कर्ष महत्वपूर्ण हैं जिसके लिए तत्काल उपायों का करना ज़रूरी है। रिपोर्ट बताती है कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ क्षेत्र में पीढ़ियों से रहने वाले लोगों पर बड़े पैमाने पर खनन, कोयला आधारित बिजली संयंत्र और अन्य उद्योगों ने स्थायी नकारात्मक प्रभाव डाल दिए हैं। इन सबके चलते, उनके पर्यावरण, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ गंभीर रूप से समझौता किया गया है। डॉक्टर समरजीत जाना के अनुसार, जिन्होनें अध्ययन के लिए चिकित्सा शिविर का नेतृत्व किया था, खनन और बिजली संयंत्रों के पड़ोस में रहते हुए बहुत कम स्थानीय निवासियों का स्वास्थ्य अच्छा है। हमने वहां के निवासियों में कई स्वास्थ्य शिकायतों को देखा है, और चिकित्सकीय रूप से यह विषाक्त पदार्थों के लोगों को जोखिम पहुँचाने के एक से अधिक तरीके को इंगित करता है। हमने एक से अधिक परिवार के सदस्य को एक जैसी स्वास्थ्य शिकायतों का सामना करते हुए देखा। युवा उम्र के लोगों में मांस पेशी सम्बंधित स्वाथ्य की शिकायतों के उच्च स्तर का होना काफी चौंकाने वाला खुलासा था। हमें सूखी खासीं की शिकायतें काफी मिली न की उत्पादक खाँसी की जो की इस बात की और संकेत देती है की लोगों में यह सारे लक्षण एलर्जी से हो रहे हैं न की रोगजनक (पथागेन्स) से ।ये स्वास्थ्य लक्षण, इस क्षेत्र में जल, वायु और मिट्टी के पर्यावरणीय नमूने में पाए जाने वाले जहरीले रसायनों के प्रभाव की पुष्टि करते हैं । अध्ययन में यह भी पाया गया कि किडनी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं और मधुमेह की बार-बार शिकायतें की गई, लेकिन देनिक जानकारी को साबित करने के अभाव में, पर्याप्त रूप से इसका पता लगाया नहीं जा सका। इसी तरह मानसिक बीमारी और विकलांगता से संबंधित निष्कर्ष, जो की लोगों में काफी दिखाई दी और मेडिकल टीम के एक मनोचिकित्सक द्वारा लोगों में उसके होने की पुष्टि भी की गयी, का भी समय और संसाधन बाधाओं के कारण पूरी तरह से जांच नहीं की गई थी। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है, टीबी के 1२ मामलों की पहचान सरसमाल के ३41 लोगों से बातचीत करके सामने आये, जिन्होनें वर्तमान में या हाल ही में अपना इलाज पूरा करा । इस बीमारी का इतना अधिक लोगों में होना इस बात के और संकेत करता है कि पर्यावरणीय कारणों से टीबी और / या सिलिकोसिस की और भी अधिक मामले होंगे जिसकी की जांच होनी चाहिए। रिपोर्ट में यह भी मांग की गयी है की जब तक खदानों और बिजली संयंत्रों की व्यापक स्वास्थ्य प्रभाव आकलन पूरा नहीं हो जाता और उनकी सिफारिशें लागू नहीं की जाती हैं तब तक मौजूदा खदानों के विस्तार और नई कोयला खदानों की स्थापना पर रोक लगाया जाये। यह राज्य और केंद्रीय एजेंसियों को कोयला खानों और कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के आसपास के समुदायों में प्रदूषण की प्रकृति और सीमा की पहचान करने के लिए अधिक गहराई से अध्ययन करने और स्वच्छ उपायों, हवा, मिट्टी और जल ( सतह और भूमिगत) स्रोतों को संचालित करने के लिए कहता है । अध्ययन में यह भी कहा गया है कि कोयला खदानों और कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के ५ किलोमीटर के अंतर्गत रहने वाले लोगों की उचित स्वास्थ्य देखभाल और निशुल्क विशेष उपचार को तत्काल उपलब्ध कराया जाये .पर्यावरण नमूने के परिणामों के बारे में: इस साल अगस्त में चेन्नई स्थित सामुदायिक पर्यावरण मॉनिटरिंग ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के तमनार और घरघोडा के ब्लॉक में कोयला खदानों, थर्मल पावर प्लांट्स और ऐश पॉन्ड्स के आसपास पर्यावरण नमूनाकरण पर रिपोर्ट नामक एक अध्ययन जारी किया था।अध्ययन के अनुसार, इस क्षेत्र के चारों ओर पानी, मिट्टी और तलछट के नमूने में एल्यूमिनियम, आर्सेनिक, एंटीमनी, बोरान, कैडमियम, क्रोमियम, लीड, मैग्नीज, निकेल, सेलेनियम, जिंक और वैनडियम सहित कुल 1२ विषैली धातुएं मिलीं।1२ विषाक्त धातुओं में से २, कार्सिनोजेन हैं और २ संभावित कार्सिनोगेंस हैं। आर्सेनिक और कैडमियम जाना माना कार्सिनोजेन्स है और लीड और निकेल संभवतः कार्सिनोजेन्स हैं।कई सारी यह धातुएं, सांस की बीमारियां, सांस में कमी आना, फेफड़ों की क्षति, प्रजनन क्षति, जिगर और गुर्दा की क्षति, त्वचा पर चकत्ते, बालों के झड़ने, भंगुर हड्डियां, मतली, उल्टी, दस्त, पेट दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द और कमजोरी आदि का कारण होता है।प्रेस कान्फ्रेंस को सम्बोधित किया कन्हाई पटेल ,शिवपाल भगत ,रिनचिन, समरजीत जाना,और डॉ. मनन गंगोली ने।आधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:रिंचिन: +९१ ९4२५३ ७७३4९डॉ.मननगंगुली: + ९१ 84२0 ९ 067९7श्वेता नारायण: +९१ 80५60 २4३1५टैग्स: तमनार, पीपुल्स फर्स्ट कलेक्टिव के मेडिकल, रायगढ स्वस्थ्य समस्याएंप्रेवियस रायगढ़ के तमनार क्षेत्र में कोयला खानों और थर्मल पावर प्लांटों के आसपास रहने वाले निवासियों के बीच गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पीपुल्स फर्स्ट कलेक्टिव के मेडिकल नेक्स्ट हेल्थ प्रॉब्लम्स अमौंग रेजिडैंट्स लिविंग अराउंड कोल मींस एंड थर्मल पॉवर प्लांट्स इन रायगढ़; रिकमेंड मोरेटोरियम ऑन इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज इन थे रेशन |
कृष्णमूर्ति सुब्रहमण्यम देश के नए मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाए गए - न्यूज क्रोमकृष्णमूर्ति सुब्रहमण्यम देश के नए मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाए गएप्रोफेसर कृष्णमूर्ति सुब्रहमण्यम को देश का नया मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया है। वह इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद में प्राध्यापक हैं। सुब्रहमण्यम का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।एक सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, नियुक्ति मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रहमण्यम की मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी प्रदान कर दी। वह आईएसबी, हैदराबाद में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ चुके सुब्रहमण्यम ने शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से वित्तीय अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में उन्होंने प्रोफेसर लुइगी जिंगल्स और प्रोफेसर रघुराम राजन के सानिध्य में अपनी डिग्री पूरी की। गौरतलब है कि राजन भी भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं और बाद में २०१३ में उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर भी नियुक्त किया गया था।आईएसबी की वेबसाइट के अनुसार सुब्रहमण्यम की बैंकिंग, कारपोरेट कामकाज और आर्थिक नीति जैसे विषयों पर विशेष पकड़ है। वह भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के लिए कारपोरेट गर्वनेंस समिति और भारतीय रिजर्व बैंक के लिए बैंक गवर्नेंस समिति में विशेषज्ञ के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा वह सेबी की वैकल्पिक निवेश नीति, प्राथमिक बाजार, द्वितीयक बाजार एंव शोध पर स्थायी समितियों के सदस्य रह चुके हैं। वह बंधन बैंक, राष्ट्रीय बैंक प्रबंधन संस्थान और आरबीआई अकादमी के निदेशक मंडल के भी सदस्य हैं। सुब्रहमण्यम, २००९ में आईएसबी में विजिटर प्राध्यापक थे। बाद में २०१० में उन्हें वहां एसोसिएट प्रोफेसर नियुक्त किया गया था।उल्लेखनीय है कि जुलाई में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रहमणियन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वह करीब साढ़े चार साल तक वित्त मंत्रालय में कार्यरत रहे और उनके पद छोड़ने के बाद से मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद रिक्त पड़ा था।लंदन: राहुल की सुरक्षा में चूक, कार्यक्रम में खालिस्तानी समर्थकों ने लगाए नारेफाइव-जुज बेंच ऑफ स्क तो हियर राम टेम्पल केश ऑन १० जानेवारितग्स: इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, नियुक्त, प्राध्यापक, प्रोफेसर कृष्णमूर्ति सुब्रहमण्यम, मुख्य आर्थिक सलाहकार, हैदराबादप्रेवियस इंडिया मकिंग एफोर्ट्स तो मके सुरे इकनॉमिक ऑफेंडर्स डोंट फिंड सेंक्चुअरी अन्यएरे: प्म मोदिनेक्स्ट हल तो अऐकूरे सेलेक्ट इब्म सोफ्त्वरे प्रोडक्ट फॉर $१.८ बिलियन |
कैल्ड साइलेंट प्म, बुत ई वास नेवर अफरेड ऑफ मीडिया: मनमोहन - जनसत्तापूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खिल्ली उड़ाते हुए मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें प्रेस से बात करने में कभी डर नहीं लगा।आईएएनएस नई दिल्ली | डिसेंबर १९, २०१८ १०:२९ आमपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खिल्ली उड़ाते हुए मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें प्रेस से बात करने में कभी डर नहीं लगा। उन्होंने यह बात इसलिए कही कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अबतक के कार्यकाल में कभी संवाददाता सम्मेलन आयोजित नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि मनमोहन सिंह विदेश भी जाते थे तो विमान में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जाते और आते थे। अखबारों में खबर के साथ छपता थाप्रधानमंत्री के विशेष विमान से। मई, २०१४ के बाद से यह परंपरा बिल्कुल बंद है।मनमोहन ने कहा, मैं कोई ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था, जिसे प्रेस से बात करने में डर लगता हो। मैं नियमित तौर पर प्रेस से मिलता था, और जब भी मैं विदेश दौरे पर जाता था, लौटने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन जरूरी बुलाता था। उन्होंने कहा, उन तमाम संवाददाता सम्मेलनों को इस पुस्तक में वर्णित किया गया है।वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा, लोग कहते हैं कि मैं एक मौन प्रधानमंत्री था, लेकिन यह किताब उन्हें इसका जवाब देगी। मैं प्रधानमंत्री के रूप में अपनी उपलब्धियों का बखान नहीं करना चाहता, लेकिन जो चीजें हुई हैं, वे पांच खंडों की इस पुस्तक में मौजूद हैं।मनमोहन का बयान ऐसे समय में आया है, जब इसके पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री के अबतक के कार्यकाल के दौरान एक भी संवाददाता सम्मेलन आयोजित न करने के लिए मोदी का मजाक उड़ाया है।सिंह ने विक्टर ह्यूगो का उद्धरण देते हुए कहा, एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उदय एक ऐसा विचार है, जिसका समय आ गया है और धरती पर कोई भी ताकत इस विचार को रोक नहीं सकती। मनमोहन ने १९91 में तत्कालीन वित्तमंत्री के रूप में अपने बजट भाषण के दौरान भी विक्टर ह्यूगो का उद्धरण पेश किया था। |
प्रधानमंत्री की यात्राओं का ब्योरा देने से एयर इंडिया ने किया इनकारपबलिश दते: मार्च २६ २०१८ १२:३६:२९प्मश्रीनगर(उत्तम हिन्दू न्यूज): सूचना के अधिकार कानून के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विमान यात्राओं का ब्योरा देने से एयर इंडिया के इनकार पर प्रतिक्रिया करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि इस जानकारी को किस आधार पर गोपनीय रखा जा सकता है जबकि उनकी सारी यात्राएं मीडिया रिपोर्टों में सुर्खियां बनी रही थी।जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने टवीट् कर कहा" श्री मोदी की आगामी यात्राओं को लेकर सुरक्षा चुनौतियोंं को मैं समझ सकता हूूं लेकिन जो यात्राएं वह पहले ही कर चुके हैं उन्हें सुरक्षा कारणों से किस आधार पर गोपनीय रखने की बात कही जा रही है जबकि उनकी ये यात्राएं मीडिया में प्रमुख समाचार बनी थी। वह मीडिया में आई उन रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया कर रहे थे जिनमें कहा गया था कि सूचना के अधिकार कानून के तहत प्रधानमंत्री की विमान यात्राओं का एयर इंडिया से जो ब्योरा मांगा गया था उसे उसने सुरक्षा कारणों से देने से मना कर दिया है। |
खेत खलियान खेत खलियाँ: सजीव खेती ही एकमात्र रास्ता हैमैंने पहले रासायनिक खेती की और बाद में सजीव खेती। वर्ष १९९४ तक मै रासायनिक खेती करता रहा। जिसमें मेरी जमीन की उर्वरक शक्ति गई, भूजल स्तर नीचे गया, देसी बीज खत्म हुए, फसलचक्र बदला और मजदूरों का रोजगार खत्म हुआ। लेकिन जब मेरा इस विनाशक खेती से मोहभंग हुआ और सजीव खेती अपनानी शुरू की तो मेरा जीवन ही बदल गया। इससे धीरे-धीरे भूमि की उर्वरक शक्ति बढ़ी, भूजल स्तर उपर आया और देसी बीज बचे और मजदूरों को रोजगार भी मिला। यानी सजीव खेती सिर्फ फसल उत्पादन की नहीं, समस्त जीव-जगत के पालन का विचार है। यह एक जीवन पद्धति है। यह कहना है यवतमाल (महाराष्ट्र) जिले के किसान सुभाष शर्मा का।पोस्टेड बाय शिवनारायण गौर एट ५:२४ अम्लेबल्स: जैविक खेती, मध्य प्रदेश |
कन्वर्ट १२८ नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर (अंग) में साओ टोम और प्रिंसिपे डोबरा (स्तड), मुद्रा विनिमय दरें आज१२८ अंग नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर सेवा स्तड साओ टोम और प्रिंसिपे डोबराआप परिवर्तित कर दिया है १२८ अंग सेवा स्तड : १५७२०९६.०००००० द्ब.आखिरी अपडेट : फ्री, ०३ जुल २०२० २२:३४:१४ +००००या १२८ अंग सेवा स्तड: =१५७२०९६.०००००० द्ब३२० नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो साओ टोम और प्रिंसिपे डोबरा७०४ नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो साओ टोम और प्रिंसिपे डोबरा१४72 नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो साओ टोम और प्रिंसिपे डोबरा३००८ नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो साओ टोम और प्रिंसिपे डोबरा६०८० नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो साओ टोम और प्रिंसिपे डोबरा1२२2४ नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो साओ टोम और प्रिंसिपे डोबरा२४५१२ नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो साओ टोम और प्रिंसिपे डोबरा४९०८८ नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो साओ टोम और प्रिंसिपे डोबरा९८२४० नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो साओ टोम और प्रिंसिपे डोबरा१९६५४४ नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो साओ टोम और प्रिंसिपे डोबरा१२८ नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो बेलीज डॉलर१२८ नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो हंगरी फोरेंट्१२८ नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो तंजानिया शिलिंग१२८ नीदरलैंड एंटीलियन गिल्डर तो किर्गिज़स्तानी सोम९९९९९९९९.९९९९९ ज़्मक सेवा जपी५.7४0५6 क्ल्प सेवा उग्क्स३.५०३1५ ङन सेवा उई३760१४08 उसड सेवा ब्द४.५6४५४ म्रो सेवा उसड१६ यूर सेवा मैन७००१८८ उसड सेवा इदर |
सुपौल में नशामुक्ति के समर्थन में लोगों में दिखा जबर्दस्त उत्साहफ्रिदय,२२ सिप्तंबर २०१७,०१:२० पम्बी देश्वानी | पबलिश दते: २१/१/२०१७ ४:०१:०३ प्मसुपौल, (हि.स.)। जिले में शराबबंदी के सर्मथन में एनएच-५७ पर आयोजित मानव श्रृंखला कार्यक्रम में बड़े बुजुर्ग, जवान, महिलाओं और छात्र छात्राओं ने पूरी तरह भागीदारी कर इसे सफल बनाया। इस मौके पर जिला प्रशासन प्रशासन की ओर से सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था।जिले के डीएम के अलावा एसपी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शनिवार सुबह से ही आयोजन स्थल पर पर डटे रहे। इस मौके पर सरकारी, गैर सरकारी स्कूली छात्र-छात्राओं के अलावा जिले के तमाम राजनीतिक दल और लोग शामिल होकर नशामुक्त बिहार का संदेश दिया। जो महिलाएं अपने घर की दहलीज से पहले निकलने का पहले साहस नहीं करती थी, वह शनिवार को हुए मानव श्रृंखला कार्यक्रम की कतार में आगे रहीं जो 'नशामुक्त बिहार, चूंकि नशा के कारण उजड़े घर परिवार' जैसे नारे लगा रही थीं।वहीं, मानव श्रृंखला कार्यक्रम में आए वाहनों पर इससे संबंधित गाने भी सुनाई दे रहे थे। सुपौल जिले के सीमा क्षेत्र नरपतगंज के आगे महासेतु के पार निर्मली अनुमंडल मधुबनी सीमा तक लगभग पांच लाख लोगों की कतार लगी हुई थी। नीतीश सरकार की अगुवाई में चल रहे इस अभियान का हर उम्र के लोगों ने बढ़-चढ़ कर समर्थन किया । |
होमिबैंकिंग टिप्सदेश विदेश में पढ़ाई के लिए लोन कैसे ले (लोंस फॉर इंडिया & अब्रोड स्टडी)देश विदेश में पढ़ाई के लिए लोन कैसे ले, विदेश में पढ़ने के लिए लोन कैसे ले, यदि आप देश विदेश में पढाई के लिए लोन लेना चाहते है तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है, हॉ तो गेट आ लोन फॉर स्टडी अब्रोड, एडउकेशन लोन फॉर अब्रोड स्टडी, फोरेन एडउकेशन लोन, इंफ़ो इन हिन्दी.देश विदेश में पढ़ाई के लिए लोन चाहिए तो जानिये कैसे ले लोन (लोंस फॉर इंडिया & अब्रोड स्टडी)आज के समय में हाई लेवल की पढाई करना कोई आम बात नहीं है, इसके लिए कई लाखो-करोड़ो रुपये खर्च करने पड़ते है। हर अभिभावक चाहते है की उनके बच्चे खुप पढ़े, अच्छे से कॉलेज में प्रवेश ले और अच्छा एजुकेशन ले। लेकिन पैसो के कमी कारण उनके सपने अधूरे ही रह जाते है, वो अपने बच्चो को वो एजुकेशन नहीं दे पाते जो वो चाहते है।इस बात का उन्हें पूरी जिंदगी भर अफ़सोस रहता है की अगर उनके पास पैसे होते तो आज मेरा भी बेटा एक अच्छा डॉक्टर, इंजीनियर, या सायंटिस्ट बन गया होता। कई बच्चे ऐसे स्थिति में अपने माता पिता को ही दोष देते है, लेकिन बेचारे माता पिता आखिर कर भी क्या सकते थे। लाखो करोड़ों रुपये जमा करना कोई आसान काम नहीं है, ऐसे स्थिति में अपने सगे सबंधी रिलेटिव भी मुँह फेर लेते है।साधारण परिवार से होकर परिवार को पालना और अपने बच्चों को हाई लेवल का एजुकेशन कराना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन यदि आपको आपके बच्चों पर पूरा भरोसा है या बच्चों को खुद पर पूरा भरोसा है तो वोह एजुकेशन लोन (एडउकेशन लोन) का सहारा लेकर अपना आगे का एजुकेशन पूरा कर सकते है। हमारे देश में लगभग सभी बैंक एजुकेशन लोन देते है।मिनिटों में मिलेगा इस आत्म से लोनलोन ऑफिसर कैसे बने, जाने यहांपढाई के लिए २० लाख रुपये लोनपैसो की जरुरत है तो ये एप्प देंगे लोनदेश विदेश में पढ़ाई के लिए लोन कैसे ले (लोंस फॉर इंडिया एंड अब्रोड स्टडी)यदि आप स्टूडेंट और हो आप भारत में ही पढाई करना चाहते है तो आपको किसी भी सरकारी बैंक से एजुकेशन लोन (एडउकेशन लोन) आसानी से मिल जाएगा। बस आपको थोड़ी जानकारी होनी चाहिए, वैसे इसकी जानकारी आपको बैंक से भी प्राप्त हो जाती है। कई लोग लोन के नाम से ही हिचकिचाते है लेकिन इसमें घबराने जैसी कोई बात नहीं है।आप अगर देश या विदेश में भी पढाई करना चाहते हो तो आपको पढाई के लिए लोन मिल जाएगा। हमारे देश में ऐसे कई बैंक है जो स्टूडेंटस को विदेशों में पढाई करने के लिए लोन देते है, उन्हीं बैंकों से एक बैंक जिसे स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) के नाम से जाना जाता है, आज हम इसी बैंक द्वारा चलाये गए एक योजना के बारे में बताने जा रहे है, जो स्टूडेंटस को देश विदेश में पढ़ने के लिए लोन देती है।होम लोन सब्सिडी का ऐसे उठाये फायदाचिकित्सा लोन कैसे ले, जाने यहांशॉर्ट टर्म पर्सनल लोन ले..मार्कशीट लोन कैसे ले..जाने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की इस लोन योजना के बारे में (क्नो आबात लोन श्शमे ऑफ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया)इस योजना को एसबीआई ग्लोबल एड-वेंटेज स्कीम (सबी ग्लोबल एड-वेनटेज श्शमे) के नाम से जाना जाता है। इस योजना के तहत स्टूडेंटस को देश विदेश में पढाई के लिए २० लाख रुपये से १.५ करोड़ रुपयों तक एजुकेशन लोन मिल सकता है। स्टूडेंटस इस लोन के जरिये अपनी आगे की पढाई पूरी कर सकते है। एसबीआई ग्लोबल एड-वेंटेज स्कीम के तहत मिलने वाले एजुकेशन लोन (एडउकेशन लोन) को चुकाने की अवधि १५ साल है, यह इस स्कीम में खास बात है।एसबीआई ग्लोबल एड-वेंटेज स्कीम के तहत लोन लेने के लिए आपको पहले इस स्कीम की टर्म & कंडीशन पता कर लेना है। जैसे.. इस स्कीम के तहत लोन लेने के लिए कौन कौन दस्तावेज लगते है, प्रोसेसिंग फीस कितनी लगेगी, इस लोन पर ब्याज दर कितना प्रतिशत है एवं इस स्कीम से जुडी अन्य जानकारियां, इन सभी जानकारियों के लिए यहां क्लिक करे।आधार कार्ड पे होम लोन कैसे ले, जाने यहांइलाज के लिएकी पैसो जरुरत है तो ये बैंक देगा लोनबिजनेस सुरु करने के लिए लोन मिलेगा, इस योजना के तहतलोन लेने के लिए आवेदन कैसे करे (हॉ तो आप्प्ली फॉर आ लोन)सबसे पहले आप एसबीआई ग्लोबल एड-वेंटेज स्कीम (सबी ग्लोबल एड-वेनटेज श्शमे) की टर्म & कंडीशन पढ़ ले, उसके बाद आप निश्चय करे की आपको लोन लेना है या नहीं। यदि आप लोन लेना चाहते है तो सबसे पहले आपको इस लोन के बारे में सबी कस्टमर केयर से पूछताछ करे, आपके मन में जो भी डाउट है उन्हें क्लियर करे, इसके लिए आप यहां क्लिक करे, अब एक फॉर्म ओपन होगा उसमे अपनी जानकारी दर्ज करे, जैसे.. लोन पूर्पोस, नामी, सिटी, लैंग्वेज, मोबाइल, ईमेल आदि जानकारियां। जानकारी सब्मिट करने के बाद आपको कुछ घंटों में एक कॉल आएगा तब आपको इस लोन के बारे में जो भी कुछ पूछना है वो पूछ लेना है, अपने सभी डाउट क्लियर कर लेना है, उसके बाद ही इस लोन के लिए आवेदन करना है।एसबीआई ग्लोबल एड-वेंटेज स्कीम (सबी ग्लोबल एड-वेनटेज श्शमे) के तहत लोन लेने के लिए यहां क्लिक करे, अब आपको स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़ना है, सभी जानकारी जाँच जाँच कर भरना है। आप इस तरह इस एजुकेशन लोन के लिए घर बैठे आवेदन कर सकते है। आवेदन सक्सेस्फुल्ली सब्मिट होने के बाद उस पेज की प्रिंट कर लेना है या उस पेज को सेव करके रखना है, यह आगे काम आएगा। यदि यह समज में ना आये तो कस्टमर केयर से पूछताछ कर लेना है। इसके अलावा आप यह प्रोसेस बैंक जाकर भी कर सकते है, बैंक लोन मैनेजर (बैंक लोन मैनेजर) आपको इस स्कीम के बारे सही गाइडेंस करेंगे।रिलेटेड केय्वॉर्ड : देश विदेश में पढ़ाई के लिए लोन कैसे ले, विदेश में पढ़ने के लिए लोन कैसे ले, यदि आप देश विदेश में पढाई के लिए लोन लेना चाहते है तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है, हॉ तो गेट आ लोन फॉर स्टडी अब्रोड, एडउकेशन लोन फॉर अब्रोड स्टडी, फोरेन एडउकेशन लोन, इंफ़ो इन हिन्दी.टैग्स:फोरेन एडउकेशन लोन, हॉ तो गेट आ लोन फॉर स्टडी अब्रोड, विदेश में पढ़ने के लिए लोन कैसे लेभाबगवत होमर्भगवान की कसम, गजब की जानकारी शारें किया हैं अपने, ये जानकारी देश-विदेश मे पढ़ाई करने वालों के लिए बेहद हेलप्फूल साबित होगी.थैंक्स भागवत जी, वेबसाइट पर आते रहिये, अच्छा लगा आपका कमेंट |
कंपनी में चीन के निवेश के विरोध में जोमैटो के कर्मचारियों का प्रदर्शन - नवभारतम/देश/कंपनी में चीन के निवेश के विरोध में जोमैटो के कर्मचारियों का प्रदर्शनकोलकाता. खाने-पीने के सामान की आॅनलाइन डिलिवरी करने वाले मंच जोमैटो के कर्मचारियों के एक समूह ने कोलकाता में अपनी आधिकारिक टी-शर्ट को फाड़ और जलाकर कंपनी में चीन के निवेश का विरोध किया.लद्दाख की गलवान घाटी में १५ जून को चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में २० भारतीय जवान शहीद हुए थे. इसके विरोध में शनिवार को शहर के दक्षिणपश्चिम में बेहाला में जोमैटो के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. कुछ कर्मचारियों ने दावा किया कि उन्होंने जोमैटो की नौकरी छोड़ दी है.वर्ष २०18 में चीन की दिग्गज कंपनी अलीबाबा की इकाई ऐंट फाइनेंशियल ने जोमैटो में १४.७ प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए २१ करोड़ डॉलर का निवेश किया था. ऐंट फाइनेंशियल ने हाल में जोमैटो में १५ करोड़ डॉलर का और निवेश किया है.एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि चीन की कंपनियां यहां से मुनाफा कमा रही हैं. वहीं उसकी सेना हमारे जवानों पर हमला कर रही है. वे हमारी जमीन छीनने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम भूखे रह लेंगे, लेकिन ऐसी कंपनी में काम नहीं करेंगे जिसमें चीन का निवेश है.कोरोना वायरस महामारी की वजह से जोमैटो ने अपने कुल कर्मचारियों में से १३ प्रतिशत यानी 5२० को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इस बारे में तत्काल जोमैटो की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है कि क्या विरोध करने वालों में वे कर्मचारी थे, जिन्हें नौकरी से हटाया गया है. |
कर्मनाशा: ओह ! सिल्विया प्लाथ ! !* २८ अक्टूबर २०१० / सुबह....* कल सुबह से यह ध्यान में था कि सिल्विया प्लाथ ( २७ अक्टूबर १९३२ - ११ फरवरी १९६३) का जन्मदिन आज ( अब तो कल कहा जाएगा !) ही है। सुबह से शुरु हुई दैनंदिन व्यस्तताओं के कारण किताब उठाकर इसकी तसदीक न कर सका। सोचा था कि शाम को थोड़ा समय मिलने पर सिल्विया को एक बार पलटूँगा और मन हुआ तो कुछ लिखूँगा या उसकी एकाध कविता का अनुवाद करूंगा। शाम को थोड़ा समय मिला तो थकान उतारने की प्रक्रिया में कुछ गंभीर पढ़ने का मन न हुआ और जब रात घिरी तो बच्चों की डिमांड पर एक पारिवारिक मित्र के यहाँ कर्टसी विजिट का कार्यक्रम बन गया। वहाँ गए तो पता चला कि आज उनकी छॊटी बिटिया का जन्मदिन है। अरे! हमें तो पता भी न था या कि हमीं से याद रखने में कोई कसर रह गई? अक्सर ऐसा होता है! क्या किया जाय इस भुलक्कड़पने का या फिर कैलकुलेटिव होने में तनिक स्लो होने या पिछड़ जाने का?* रात को कस्बे से गाँव की ओर लौटते समय हल्की ठंड थी और हल्की धुंध भी। यह देख - महसूस कर फिर सिल्विया की याद हो आई, जाड़े - सर्दियों से जुड़ी उसकी कई कविताओं की भी। किताब छानी तो पता चला कि अरे! आज ही तो अंग्रेजी की इस कवि का जन्मदिन है। मैं एक दिन बाद का सोचकर कुछ लिखना - पढ़ना यूँ ही टाल रहा था। कहीं ऐसा तो नहीं कि मैं इस टालूपने को इंज्वाय करने लगा हूँ या फिर ऐसा भी हो सकता है कि यदि इस तरह की चीजों में इंज्वायमेंट ( इस्केप?/ !) न खोजा जाय तो सबकुछ वैसा ही न हो जाय - अपनी रुटीन पर चलता - घिसटता - कैलकुलेटिव !* 'कवि' शब्द पर कुछ लोगों को आपत्ति हो सकती है कि 'कवयित्री' क्यों नहीं? भाषा में जेंडर ( व और भी स्तरों पर) न्यूट्रल होना क्या कोई बुरी बात है? हिन्दी की साहित्यिक दुनिया के बहुत बड़े हिस्से में जहाँ अब भी साहित्यकरों के लिए 'जाज्वल्यमान' और 'देदीप्यमान' जैसे विशेषणों से बचने की वयस्कता नहीं आई है वहाँ क्या किया जाय! और तो और हिन्दी ब्लॉग की बनती हुई ( यह) दुनिया ! खैर इसी दुनिया में / इसी दुनिया के कारण लिखने - पढ़ने और लिखे - पढ़े को शेयर करने के कारण बहुत लोगों से संवेदना व समानधर्मिता के तंतु जुड़े हैं। संचार इस जादू ने एक नई दुनिया तो खोली ही है साथ ही इसने इस दुनिया में गंभीरता से गुरेज की राह को भी खोला है। यह एक सार्वजनिक पटल पर वैयक्तिक उपस्थिति के का वैयक्तिक मसला भर नहीं है। इससे से/ इससे भी बनता - बिगड़ता है हमारी अपनी हिन्दी का सार्वजनिक संसार!* आज सुबह जल्दी नींद खुल गई। रात में यह सोचकर सोया था कि सुबह सिल्विया प्लाथ पर कुछ लिखूँगा लेकिन अब इस समय लग रहा है उसे तो मैंने कायदे से पढ़ा ही कब है? बार - बार शुरू करता हूँ और बार - बार फँस जाता हूँ, भटक- अटक जाता हूँ। कल रात भी ऐसा ही हुआ। ब्लॉग के माध्यम से ही जुड़े एक संवेदनशील साथी से चैट पर वादा भी कर लिया था कि उन्हें सिल्विया प्लाथ पर कुछ न कुछ भेजूँगा जरूर , अनुवाद या और कुछ पढ़ने लायक, लेकिन ऐसा न हो सका। इतना जरूर हुआ कि सोने से पहले सिल्विया के साहित्य से खुद को ( फिर एक बार) रिफ्रेश किया।* कोई जरूरी तो नहीं कि हर चीज जो पढ़ी जाय उस पर / उसके बारे में लिखा ही जाय?* एनी वे, आज दिन में और शाम को सोने से पहले तक एक बार फिर सिल्विया प्लाथ की सोहबत में गुजरेगा आज का दिन!* जन्मदिन मुबारक सिल्विया! बिलेटेड!प्रस्तुतकर्ता सिद्धेश्वर सिंह समय ७:१८ आमहम प्रतीक्षा में हैं, आप अवश्य लिखे, शीघ्र।२८ अक्तूबर २०१० को १०:३५ आमजन्मदिन मुबारक सिल्विया!अन्तःमन का सुन्दर चित्रण किया है आपने!२८ अक्तूबर २०१० को ११:२४ आमअब क्या कहुं !!२८ अक्तूबर २०१० को १२:२१ प्म३ नवंबर २०१० को १०:१० आम |
पटना हक के जज ने लिखा- कोर्ट में भ्रष्टाचार है, क्जी ने ११ जजों की बेंच बनाकर ऑर्डर पर लगाई रोक !!पटना हाईकोर्ट !बिहार-झारखंड न्यूज | दते: २९-आग-२०१९ | १६:०१:११पटना हाईकोर्ट के एक सीनियर जज की टिप्पणी से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. पटना हाइकोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार ने पूर्व इप्स अधिकारी केपी रमैया के केस में सुनवाई के दौरान आर्डर में लिखा कि कोर्ट में भ्रष्टाचार है. उन्होंने इस आर्डर की कॉपी पमो और क्बी को भी भेज दी. अब चीफ जस्टिस ए पी शाही ने ११ जजों की बेंच बनाकर जस्टिस राकेश कुमार के ऑर्डर पर रोक लगा दी है|जस्टिस राकेश ने उठाए हक की भूमिका पर सवाल !दरअसल, जस्टिस राकेश कुमार ने इस केस की सुनवाई के दौरान न सिर्फ राज्य सरकार के भ्रष्ट अफसरों की खिंचाई कर दी बल्कि हाईकोर्ट की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठा दिए. जस्टिस राकेश ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को न्यायपालिका से ही संरक्षण मिल जाता है, जिसकी वजह से उनके हौसले बुलंद रहते हैं. जस्टिस राकेश कुमार ने सवाल उठाए कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से ज़मानत ख़ारिज होने के बाद निचली अदालत ने रमैया को बेल कैसे दे दी|जस्टिस राकेश यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश को बंगला आवंटित होते ही रख-रखाव और साज-सज्जा पर लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं. एक जज ने तो अपने बंगले के रख-रखाव और सौंदर्यीकरण में एक करोड़ से भी ज्यादा रुपये खर्च करवा दिए, जबकि यह राशि गरीब जनता की गाढ़ी कमाई की है|पटना हक के इतिहास में यह पहला न्यायिक आदेश !पटना हाईकोर्ट के इतिहास में यह पहला न्यायिक आदेश है, जिसमें खुद न्यायपालिका को भी कठघरे में खड़ा कर दिया गया है. कोर्ट ने करीब दो घंटे में लिखाये गए ऑर्डर की प्रतिलिपि पमो, कॉलेजियम, केंद्रीय कानून मंत्रालय और क्बी के निदेशक को भेजी है. अब खबर है कि पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस आदेश को रद्द कर दिया है|जस्टिस राकेश कुमार ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा, ''आमतौर पर मैं ऐसे आदेश नहीं देता हूं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से पटना की अदालत में काम हो रहा है वो सही नहीं है. क्योंकि 2०१7 में भी एक प्राइवेट चैनल ने पटना की अदालत का स्टिंग ऑपरेशन किया था और घूस के बदले न्याय दिखाया था, लेकिन इस मामले में गंभीरत नहीं दिखाई गई. यहां तक कि फिर भी नहीं की गई. हालांकि मैंने मौखिक रूप से कई जजों और मुख्य न्यायाधीश से कुछ बातें कही थी. लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. सिर्फ एक जांच की औपचारिकता निभाई गई. एक रिपोर्ट स्टैंडिंग कमिटी को सौंपा गया. उस स्टैंडिंग कमिटी का सदस्य होने के नाते मैंने अपना अलग मन्तव्य दिया. क्योंकि मैं सहमत नहीं था. मैं इस मामले में एफआईआर चाहत था. इस मामले में हाईकोर्ट ने क्बी की ओर से जांच के आदेश दिए|भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने की ली शपथ !जस्टिस राकेश ने कहा, २५ दिसंबर २००९ को मैंने पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश पद की शपथ ली थी. मैंने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने की शपथ ली है. लिहाजा हमें किसी भ्रष्टाचार के मामले पर पर्दा नहीं डालनी चाहिए नहीं तो लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा. पटना हाईकोर्ट में कई ऐसे मामले आए जिसमें न्यायाधीशों के कार्यकलापों पर सवाल उठ रहे. एक जज तो आपराधिक मुकदमें में आदेश सुरक्षित रखकर पटना हाईकोर्ट छोड़कर चले गए. एक मजिस्ट्रेट ने तो एक इंस्पेटिंग जज पर पैसा वसूली का आरोप लगाया था. जस्टिस राकेश ने जज को नामांकित करने वाली कॉलिजियम पर भी सवाल उठाए और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से हस्तक्षेप करने की बात कही| |
असूस रोग फोन प्राइस, फीचर्स, फुल स्पेसिफिकेशन, यूजर रेटिंग - हिन्दी गिजबॉटआसुस रोग फोनमार्केट स्टेटस: उपलब्ध इन इंडिया | इंडिया में लॉन्च की तारीख: २९ नवंबर, २०१८ |६.० इंच १०८० क्स २१६० पिक्सल, १८:९ रेशियो (~4०२ प्पी डेंसिटी)ऑक्टा कोर (क्वॉड २.९६ घ्ज़ क्रोयो ३८५ गोल्ड + क्वॉड १.७ घ्ज़ क्रोयो ३८५ सिल्वर)नॉन-रिमूवल ली-पो 4००० माह बैटरीआसुस रोग फोन कीमतअसूस रोग (ब्लैक, १२८ गब)(८ गब राम) ६९,९९९ गो तो स्टोरआसुस रोग फोन विवरणआसुस रोग फोन ६.० इंच डिस्प्ले के साथ आता है, जिसका रिजॉल्यूशन १०८० क्स २१६० पिक्सल, १८:९ रेशियो (~4०२ प्पी डेंसिटी) है. स्क्रीन टाइप एमोल्ड (कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास ६) है.स्मार्टफोन में ऑक्टा कोर (क्वॉड २.९६ घ्ज़ क्रोयो ३८५ गोल्ड + क्वॉड १.७ घ्ज़ क्रोयो ३८५ सिल्वर) के साथ एड्रीनो ६3० गपू,८ गब रैम दिया गया है और डिफॉल्ट मैमोरी कैपेसिटी १२८ गब स्टोरेज दिया गया है जिसे नहींबढाया जा सकता है. .इमेज के लिए आसुस रोग फोन में मेन कैमरा के साथ २१६०प 3०फ्प्स दिया है , जियो-टैगिंग, टच फोकस, फेस डिटेक्शन, पैनोरमा, हदर, ओईस, ईस. वहीं ८ म्प (फ /२.०) कैमरा का सेकेंडरी सेल्फी कैमरा दिया गया है .आसुस रोग फोन में नॉन-रिमूवल ली-पो 4००० माह बैटरी दिया है .आसुस रोग फोन ६९,९९९ रुपए है। आसुस रोग फोनफ्लिपकार्ट और सभी लीडिंग ऑफलाइन स्टोर्स पर उपलब्ध है।आसुस रोग फोन तस्वीरेंआसुस रोग फोन स्पेसिफिकेशनकस्टम युआई रोग गेमिंग क्स मोड उईइंडिया रिलीज़ डेट २९ नवंबर, २०१८डायमेंशन १५८.५ क्स ७६.२ क्स ८.६ म्मवेट २०० गबॉडी मेटेरियल फ्रंट/बैक ग्लास & एल्यूमीनियम फ्रेमरिज़ॉल्यूशन १०८० क्स २१६० पिक्सल, १८:९ रेशियो (~4०२ प्पी डेंसिटी)चिपसेट क्वॉलकॉम सम८4५ स्नैपड्रैगन ८4५सीपीयू ऑक्टा कोर (क्वॉड २.९६ घ्ज़ क्रोयो ३८५ गोल्ड + क्वॉड १.७ घ्ज़ क्रोयो ३८५ सिल्वर)मैसेजिंग एसएमएस, एमएमएस, ई-मेल, इम, पुश ई-मेलप्राइमरी कैमरा १२ म्प (फ /१.८) + ८ म्प (फ /२.०) ड्युल कैमरा साथ में लिड फ्लैशकैमरा फीचर जियो-टैगिंग, टच फोकस, फेस डिटेक्शन, पैनोरमा, हदर, ओईस, ईसटाइप नॉन-रिमूवल ली-पो 4००० माह बैटरीसेंसर फिंगरप्रिंट सेंसर, एसलरोमीटर, जायरोस्कोप, प्रॉक्सिमिटी, कंपास, हॉल सेंसर, एंबियंट लाइट सेंसरदूसरे फीचर्स न्ङक, क्विक चार्जिंग, वाटर रजिस्टेंट, फेस अनलॉक, आई कैमराआसुस रोग फोन कंपटीटरलेटेस्ट आसुस रोग फोन न्यूज़आसुस रोग फोन रेट करे |
चीन अछूता म्गो रूफ शीट निर्माता और आपूर्तिकर्ता और फैक्टरीअछूता म्गो रूफ शीट - निर्माता, कारखाने, आपूर्तिकर्ता चीन से(अछूता म्गो रूफ शीट के लिए कुल २४ उत्पादों)एमजीओ एंटी-कोरोसियन इंसुलेटेड रूफ शीट१.म्गो एंटी-कोरोसियन इंसुलेटेड रूफ शीट रेड पेट मेम्ब्रेन मैगनीसम ऑक्साइड फायरप्रूफ रूफ पैनल रेड पेट मेम्ब्रेन मैगनीसम ऑक्साइड अग्निरोधक छत पैनल एक तरह का ऊर्जा-बचत है और पर्यावरण की रक्षा छत सामग्री। रेड पेट मेम्ब्रेन मैगनीसम ऑक्साइड अग्निरोधक छत पैनल अकार्बनिक रसायन से बना है सामग्री, उत्पादन लाइन प्रसंस्करण और...अछूता म्गो रूफअछूता म्गो रूफ पैनल्स |
ओमबाबा हत्या मामले में अदालत ने आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया - स्वतंत्र प्रभात मीडियाओमबाबा हत्या मामले में अदालत ने आरोपितों को साक्ष्य के अभाव...ओमबाबा हत्या मामले में अदालत ने आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दियाभागलपुर:अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सप्तम) बीके मिश्रा की अदालत ने ओम शर्मा उर्फ ओमबाबा हत्या मामले के सभी आठ आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। पूर्व महापौर दीपक भूवानिया, पूर्व वार्ड पार्षद शंकर पोद्दार, पूर्व वार्ड पार्षद संतोष कुमार, व्यवसायी कन्हैया शर्मा, कन्हैया सरावगी, पवन डालुका, संजय कौशिक और संजीव कुमार उर्फ सिंह जी रिहा होने वालों में शामिल हैं।उन्होंने बताया कि इस मामले में ११ गवाहों की गवाही हुई थी। जिसमें अभियोजन की ओर केस के तीनों अनुसंधानकर्ता इंस्पेक्टर अमरनाथ तिवारी, दरोगा सुबोध पंडित और दरोगा एचएन कुंवर की गवाही कराई गई थी। एचएन कुंवर और सुबोध पंडित ने हत्या का साक्ष्य नहीं मिलने की बात कही थी, जबकि अन्य गवाह मुकर गए। वर्ष २०१५ में आठ में से तीन आरोपितों पवन डालुका, संजीव कुमार उर्फ सिंह जी और कन्हैया सरावगी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया था। ०८ अप्रैल २०१९ को बहस पूरी हो चुकी थी।टैग्स: भारत के साथ अली अब्बास ज़फर अभिनेता सलमान खान और कैटरीना कैफ के साथ तीसरी बार सहयोग कर रहे है। फ़िल्म में सलमान और कैटरीना के साथ-साथ तब्बू उपजिलाधिकारी ने की बैठक ब्रेकिंग न्यूज़ थानगांव खुशी नागर न्यूज जमाना हल्का बुखार और जुकाम चिकनपॉक्स का लक्षण अजब गजब न्यूज सदरपुर ब्रेकिंग इड मराठों सपना चौधरी भ्गवान बुद्धद करनेलगंज मे अज्ञत करनों से लगी आग रती के नियमों की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां रोड हादसे में मोटरसाइकिल चालक गंभीरमानव सेवा ही सच्ची भक्ति -नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता |
फौजी पति के जुल्मों की शिकार एक पढ़ी लिखी संवेदनशील लड़की की लव-मैरिज स्टोरी | रियल लव स्टोरी | ट्रू लव शायरीरेल लव स्टोरी | ट्रू लव शायरिजज़्बात चंज लाइफफौजी पति के जुल्मों की शिकार एक पढ़ी लिखी संवेदनशील लड़की की लव-मैरिज स्टोरी०२/०९/२०१८ राजीव सिंह१ कमेंटमैं रंजना उत्तराखंड से हूं। मैंने एमए बीएड तक पढ़ाई की है। 20०९ में मैंने लव मैरिज की थी जिसके बाद पढ़ाई छूट गई। शादी से पहले मेरे हसबैंड बहुत अच्छे इंसान थे लेकिन शादी के पहले दिन से ही उनकी सारी बातें बदल गईं क्योंकि मैं दहेज में उनके मम्मी पापा की अपेक्षा के मुताबिक सामान नहीं ला पायी थी। उनके मम्मी पापा ने उनको मेरे खिलाफ भड़काया और शादी के दूसरे तीसरे दिन से ही मेरे साथ पति ने बात करनी बंद कर दी और मारपीट भी करने लगे। मैं उनसे बहुत प्यार करती थी इसलिए मैंने उनका साथ नहीं छोड़ा।मेरे पति भारतीय सेना में हैं। फौज में होने की वजह से हम दोनों साल में तीन या चार बार ही मिल पाते हैं मगर मुलाकात के दिनों में एक दिन भी चैन से नहीं गुजरता है। कुछ महीने पहले जब वो घर आए तो मेरे बनाए ब्रेकफास्ट को खराब बताकर उन्होंने मुझे इतना मारा-पीटा कि हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा। मेरे ससुराल वाले कहने लगे कि पुलिस में कंप्लेन करोगी तो परिवार बर्बाद हो जाएगा, पति कहने लगे कि आगे से वो मेरे ऊपर हाथ नहीं उठाएंगे। मेरी दो बेटियां हैं, उनके बारे में कहने लगे कि उनकी जिंदगी खराब हो जाएगी। मैं यह सब सोचकर शांत रह गई और माफ कर दिया।मगर इसके बाद भी मेरे ऊपर जुल्म नहीं रुके। कुछ दिनों बाद फिर मेरे पति मुझे मेंटली टॉर्चर करने लगे। बिना गाली के वे बात ही नहीं करते। मुझे लगता है कि इस बार घर आएंगे तो फिर वो मुझे मारेंगे। मैं उत्तराखंड में ऐसी जगह से हूं जहां तलाक के बारे में सोचना भी पाप है। मेरे अपने घर में मेरी मम्मी नहीं है। पापा ने दूसरी शादी की थी। सौतेली मां और पापा मेरा साथ नहीं देते। दो बेटियों के फ्यूचर के बारे में सोचकर दस साल से मैं ये सब बर्दाश्त किए जा रही हूं। सोचा कि शायद मेरे पति कभी सुधर जाएंगे लेकिन मुझे नहीं लगता कि वो कभी बदलेंगे।मेरे पति चार भाई हैं। मैं घर की सबसे बड़ी बहू हूं लेकिन मेरी कोई इज्जत नहीं। बाकी सभी भाई अपनी बीवी के साथ खुश हैं। मेरे पति घर में सबके सामने मेरी इंसल्ट करते हैं। मेरा साथ कोई नहीं देगा। मैं अपनी बेटियों को लेकर कहां जाऊं। मेरे सास ससुर भी यही चाहते हैं कि मैं घर छोड़कर चली जाऊं। मुझसे अब ये सब बर्दाश्त नहीं होता। पापा से एक बार कहा तो उन्होंने कहा कि अब तेरा घर वही है, पति ही सबकुछ होता है। मेरा सुसाइड करने का मन करता है मगर बेटियों को किसके भरोसे छोड़कर जाऊं, इसलिए मर भी नहीं पाती।मेरे लिए अब पति के साथ रिश्ता निभाना बहुत मुश्किल हो रहा है। मैं किसी से भी अब अपना दर्द कह नहीं सकती। पापा से कहकर भी देख चुकी। अब कहीं से कोई उम्मीद नजर नहीं आती। मैं ये सब बातें बहुत रो-रोकर लिख रही हूं। क्या सचमुच मेरे लिए दुनिया के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं? क्या इस टॉर्चर से निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा है? मेरी बेटियां नहीं होती तो शायद में सुसाइड कर चुकी होती लेकिन उनका ख्याल आते ही चुप हो जाती हूं। मैं क्या करूं?इफ यू लीके प्लीस शारें तीस :शादी और प्यारशादी की कहानीमेरेज एंड लवरील लाइफ मेरेज स्टोरिप्रेवियस पोस्टएक लव स्टोरी जो आपकी आंखें खोल देंगीयही है सच्चा प्रेमनेक्स्ट पोस्टवो मैरिटल रेप की शिकार है, कहती है कि मेरे साथ भाग चलो- रवि की लव स्टोरीओन थॉट ऑन फौजी पति के जुल्मों की शिकार एक पढ़ी लिखी संवेदनशील लड़की की लव-मैरिज स्टोरीअतिन शर्मा सएस:०५/०९/२०१८ एट १2:4१ प्ममैं सिर्फ आपसे इतना कहूंगा कि खुद से आज आप एक सवाल करिये की कल को आपकी बेटियो के शादी के बाद भी अगर आप जैसा ही बर्ताव हुआ तो इन सबका जिम्मेदार और दोषी कौन होगा?आप होंगी और कोई नही क्योंकि अपने उन्हें अपने हक अपनी खुशियो के लिए लड़ना नही सिखाया सिर्फ समझौता करना सिखाया? आपकी मदद तब तक कोई नही कर सकता जब तक की आप खुद नही करेंगी? आपको भी जिने का हक है अपनी खुशियो के लिए।कमेंट्स यहां लिखें- कैंसल रिप्लरड रियल लाइफ लव स्टोरी एंड ओरिजनल शायरी बाय राजीव सिंह |
बुलेट ट्रेन को लेकर अभिनेता आशुतोष राणा ने कसा मोदी पर ऐसा तंजहोम इंडिया बुलेट ट्रेन को लेकर अभिनेता आशुतोष राणा ने कसा मोदी पर ऐसा...प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने गुरुवार (१४ सितंबर) को अहमदाबाद में भारत की पहली बुलेट ट्रेन की नींव रखी। मुंबई से अहमदाबाद रूट पर चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन के जरिये यात्री समुद्र के अंदर यात्रा करने का रोमांच अनुभव कर सकेंगे। सरकार ने कहा है कि १५ अगस्त २०२२ तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा।लेकिन सोशल मीडिया सहित देश भर में एक तरफ जहां बुलेट ट्रेन की तारीफ हो रही है, वहीं दूसरी तरफ लोग इसे लेकर तंज भी कस रहे हैं। इस बीच बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता आशुतोष राणा ने बुलेट ट्रेन को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। आशुतोष राणा ने अपने फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में इस परियोजना के लिए जापान से कर्ज लिए जाने को गलत ठहराया है।उन्होंने अपनी पोस्ट में बुलेट ट्रेन का विरोध तो नहीं किया है, लेकिन जापान से कर्ज लिए जाने पर उन्होंने जोरदार तरीके से अपनी बात रखी है। बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर आशुतोष राणा ने अपने पोस्ट में लिखा है, हम भारतियों के पास ट्रेन भी है और ब्रेन भी है। हमारे लिए बुलेट ट्रेन से अधिक उपयोगी बुलेट ब्रेन है। हमें चाहिए कि हम अपनी सम्पत्ति का उपयोग भारतीय ट्रेनों को और भारतीय ब्रेनों को बुलेट के जैसा बनाने में खर्च करें, जिससे हम स्वयं की क्षमता पर अपने भारत का नवनिर्माण कर सकें।प्रेवियस आर्टियलजिस बाँध का उद्घाटन करने जा रहे थे नीतीश, १५ घंटे पहले टूट कर ऐसे बिखर गया बाँधनेक्स्ट आर्टियलमोदी सरकार के राज में आखिर क्यों भारी संख्या में हो रही है बच्चों की मौत? बच्चों की मौत का १ नया मामला |
कुछ ऐसे बनायें चने की दाल से स्वादिष्ट पकवानफ्रिदय, १९ जुलाई २0१९. १:०७ आम१३/०८/२0१८ - ४:३६ प्मदाल पकवान की दाल चने की दाल से बनाई जाती है, और पकवान मैदा की करारी पूरी की तरह होते है. दाल पकवान आप किसी भी छुट्टी के दिन सुबह के नाश्ते में बनाइये सभी को बहुत पसन्द आयेंगे,मैदा २०० ग्राम (२ कप)तेल ५० ग्राम (१/४ कप )नमक ३/४ छोटी चम्मचजीरा या अजवायन १/४ छोटी चम्मचचने की दाल २०० ग्राम ( १ कप )तेल या घी २ ४ टेबल स्पूनटमाटर २ ३ मीडियम आकार केअदरक १- २ इंच लम्बा टुकड़ाहल्दी पाउदर आधा छोटी चम्मचधनियां पाउडर १ १/२ छोटी चम्मचनमक स्वादानुसार या एक छोटी चम्मचकुकर में भिगी हुई दाल, १ १/२ २ कप पानी, आधा नमक और आधी हल्दी पाउडर डालिये, कुकर बन्द कीजिये और एक सीटी आने के बाद ३-४ मिनिट तक दाल को पकने दीजिये, गैस फ्लेम बन्द कर दीजिये. कुकर खुलने तक दाल के लिये मसाला तैयार कर लीजिये.आटे को तोड़कर छोटी छोटी लोइयां बना लीजिये. एक लोई उठाइये, गोल ६ ७ इंच के आकार में पूरी बेलिये, चाकू से इस पूरी में ८ -१0 जगह दबा कर निशान डाल दीजिये ताकि यह पूरी फूले नही और खस्ता भी बने.कुछ ऐसे बनायें चने की दाल से स्वादिष्ट पकवान२0१८-०८-१३कभी जिंदगी को अपने लिए भी जी कर देखो१८/०७/२0१९ - ४:२८ प्मस्वाद के साथ सेहत भी, ब्रेकफास्ट में खाएं एग स्लाइसो१८/०७/२0१९ - ३:३२ प्मफ्राइड राइस समोसा१८/०७/२0१९ - ३:२४ प्म१८/०७/२0१९ - ३:२0 प्मसंतरा रवा मालपुआ१८/०७/२0१९ - ३:१5 प्म |
बेगूसराय में गिरिराज सिंह ने फहराया १०० फीट ऊंचा तिरंगा, कहा- वंदे मातरम्लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: बेगूसराय रेलवे स्टेशन परिसर पर बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह ने १०० फीट ऊंचा तिरंगा का झंडोत्तोलन किया है. गुरुवार को ध्वजारोहण और आरपीएफ द्वारा फुल ड्रेस रिर्हसल में ध्वज को सलामी देने का पूर्वाभ्यास किया गया था. दरअसल आज पुलवामा हमला में शहीद जवानों को आज एक साल पूरे हुए हैं. इस मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी है.बेगूसराय के रेलवे स्टेशन परिसर पर तिरंगा फहराया गया है. ध्वजारोहण की तस्वीर ट्वीट करते हुए मंत्री गिरिराज सिंह ने लिखा कि १०० फीट ऊंचे स्मारकीय ध्वज का ध्वजारोहण बेगूसराय रेलवे स्टेशन पर किया.यह गगनचुंबी तिरंगा शहरवासियों एवं आते- जाते राहगीरों को देश की गौरवगाथा की याद एवं राष्ट्र के लिए समर्पण का भाव जगाता रहेगा. झंडोत्तोलन के बाद गिरिराज सिंह के साथ मौजूद लोगों ने वन्दे मातरम् और जय हिन्द के नारे भी लगाये.प्रेवियस आर्टियलपटना सेंट्रल सिटी एसपी ने लिखी मार्मिक कहानी, पुस्तक, गणित और जीवन!नेक्स्ट आर्टियलपटना हाईकोर्ट का निर्देश: एम्स प्रशासन से इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर मांगा रिपोर्ट |
कस्टम पैटर्न चटाई - निर्माता, कारखाने, आपूर्तिकर्ता चीन से(कस्टम पैटर्न चटाई के लिए कुल २४ उत्पादों)कस्टम ने संयुक्त पैटर्न पीवीसी कॉइल मैट का स्वागत किया उत्पाद वर्णन उत्पाद का नाम: कस्टम का स्वागत किया संयुक्त पैटर्न पीवीसी का तार चटाई ब्रांड: एलेसिन सामग्री: परमवीर चक्र आकार: ३०क्स४५कम, ३८क्स५८कम, ४०क्स६०कम, ४०क्स७०कम, ४५क्स७५कम, ४८क्स६८कम, ५०क्स७०कम, ५०क्स८०कम, ६०क्स८०कम, ६०क्स९०कम, ८०क्स१२०कम, ९०क्स१२०कम, १२०क्स1५०कम, १२०क्स1८०कम या...कस्टम पैटर्न चटाई पत्ती पैटर्न चटाई कस्टम पैटर्न मोटी चटाई कस्टम पीपी चटाई कस्टम कढ़ाई पैटर्न चटाई धारीदार पैटर्न चटाई कस्टम अच्छा चटाई कस्टम फोम चटाईकस्टम पैटर्न चटाईपत्ती पैटर्न चटाईकस्टम पैटर्न मोटी चटाईकस्टम पीपी चटाईकस्टम कढ़ाई पैटर्न चटाईधारीदार पैटर्न चटाईकस्टम अच्छा चटाईकस्टम फोम चटाई |
सेपरटीस्ट अगेंस्ट मोव् तो स्क्रैप आर्टियल ३५-आ कॉम्प्लेट शुटडाउन इन कश्मीर अमरनाथ यात्रा स्टॉएड फॉर २ डेस अनुच्छेद ३५आ पर अलगाववादियों ने बुलाया कश्मीर बंद, अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए रद्दअनुच्छेद ३५आ पर अलगाववादियों ने बुलाया कश्मीर बंद, अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए रद्दअनुच्छेद ३५आ पर अलगाववादियों नेआर्टिकल ३५ ए पर सुप्रीम कोर्ट में ६ अगस्त को सुनवाई होनी है. इसे हटाए जाने के विरोध में अलगाववादी नेताओं ने कश्मीर बंद बुलाया है. रविवार को पूरे राज्य में इसका असर देखने को मिला. अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और यासीन मलिक ने 'संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व' के बैनर तले यह बंद बुलाया है.पूरे राज्य में नजर आया अलगाववादियों के कश्मीर बंद का असरजम्मू. जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों द्वारा बुलाए गए बंद के कारण रविवार को जिंदगी थमी सी नजर आई. अलगाववादियों ने कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद ३५आ का समर्थन देने के लिए बंद का आह्वान किया था. इस बंद का असर अमरनाथ यात्रा पर भी पड़ रहा है. अलगाववादियों के बंद के आह्वान के चलते प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए रद्द करने का फैसला किया है. अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और यासीन मलिक ने संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व के बैनर तले रविवार और सोमवार बंद का ऐलान किया है.प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अलगाववादी संगठनों ने धमकी दी है कि कोर्ट अगर अनुच्छेद ३५आ को हटाएगी तो वे जन आंदोलन करेंगे. अलगाववादी नेताओं के ऐलान का असर समूचे राज्य में देखा गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार को सभी दुकानें और व्यापारिक संस्थान पूरी तरह बंद रहे. सुरक्षाबल सभी जगह तैनात रहे. इस दौरान हिंसा की कोई घटना नहीं दर्ज हुई. वहीं दूसरी तरफ अमरनाथ यात्रियों को भगवती नगर यात्री निवास से आगे नहीं बढ़ने दिया गया है. उधमपुर और रामबन में विशेष जांच चौकियां बनाई गई हैं.क्या है अनुच्छेद ३५आअनुच्छेद ३५आ पर जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से बहस चल रही है. यह धारा ३७० का ही एक हिस्सा है जिसके तहत वहां की सरकार और निवासियों को स्थायी निवासी तय करने का विशेष अधिकार प्राप्त है. इसके तहत वहां की सरकार को यह तय करने का विशेष अधिकार है कि अन्य क्षेत्रों के लोगों को किस तरह की सहूलियतें दे या नहीं दे. १४ मई १९५४ से यह अनुच्छेद राज्य में लागू है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति थे उस समय यह अनुच्छेद पारित हुआ था. जम्मू कश्मीर का संविधान 199६ में बना था. उस वक्त ही यहां की स्थायी नागरिकता को परिभाषित किया गया था. इसके मुताबिक, १४ मई १९५४ को राज्य का नागरिक रहा हो या १४ मई १९५४ से पहले के १० वर्षों से वहां रहने वाला व्यक्ति ही स्थायी नागरिक है. इसके साथ ही दूसरे राज्य के नागरिक यहां संपत्ति नहीं खरीद सकते. अगर किसी महिला की शादी दूसरे राज्य में हो जाती है तो उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं और वह यहां की नागरिक नहीं रहती.स्क में जम्मू-कश्मीर आर्टिकल ३५आ पर सुनवाई ८ हफ्ते टली, केंद्र ने ६ महीने का वक्त मांगा था |
मैं एसडी कार्ड पर जानबूझकर किसी क्षेत्र को कैसे दूषित / दूषित कर सकता हूं? | कंप्यूटर्गमेट्विटर्ट्रेंड्स.कॉमसवाल मैं एसडी कार्ड पर जानबूझकर किसी क्षेत्र को कैसे दूषित / दूषित कर सकता हूं?मुझे कुछ एम्बेडेड हार्डवेयर के लिए कुछ पढ़ने / लिखने के कोड की लचीलापन का परीक्षण करने की आवश्यकता है। मैं कुछ एसडी कार्ड कैसे बलिदान कर सकता हूं और नियंत्रित अध्ययन के लिए कई ज्ञात क्षेत्रों को तोड़ सकता हूं?एकमात्र चीज जिसे मैं सोच सकता हूं वह एक ही क्षेत्र को कुछ मिलियन बार ओवरराइट करना है। मुझे आश्चर्य है कि कई घंटे के लिए बार-बार एक ही क्षेत्र पर अपने विनाशकारी परीक्षण को चलाने के लिए लिनक्स बैडब्लॉक्स स्क्रिप्ट बनाई जा सकती है।२०१७-०९-११ ०७:२८क्या आप निम्न स्तरीय एसडी ड्राइवर को नाटक करने के लिए बदल सकते हैं कि खराब ब्लॉक है, या क्या यह सवाल से बाहर है? - मार्क इश्री@ मार्कवाईसरी, मुझे नहीं लगता कि चालक बहुत ही सुलभ है। जो भी ड्राइवर हम उपयोग कर रहे हैं वह बाकी फर्मवेयर को स्मृति आवंटन को अधिकतम करने के लिए अति प्राथमिक है। इसके अलावा, अगर यह संभव था, तो यह मेरी क्षमता से परे होगा। - गाबे क्राउसेक्या आप एक एसडी कार्ड एमुलेटर बना सकते हैं? सबसे सरल परियोजना नहीं, आपको दिमाग। - उसर२०५७४लक्ष्य को देखते हुए, आप कुछ पैसे के लिए कुछ दूसरे हाथ वाले एसडी कार्ड खरीद सकते हैं और आप आसानी से दोषपूर्ण कार्ड प्राप्त कर सकते हैं, या विशेष रूप से दोषपूर्ण कार्ड देखने के लिए "तलाश कर रहे हैं ..." डाल सकते हैं। या दोषपूर्ण कार्ड के लिए ईबे खोजें। फिर आप कार्ड का परीक्षण करते हैं और आप दोषपूर्ण क्षेत्रों की स्थिति जानेंगे। - फारोकिसी भी पेशेवर फोटोग्राफर से पूछो। वे निश्चित रूप से स्केची एसडी कार्ड का ढेर होगा। - ज...एक वैकल्पिक दृष्टिकोण है कि हो सकता है उपयोगी होना।यदि आपका कोड लिनक्स के तहत चलता है तो शायद आप इसे "दोषपूर्ण" लॉजिकल डिवाइस से जांच सकते हैं। द्म्सेतूप ई / ओ त्रुटियों को वापस करने वाले डिवाइस बना सकते हैं। बस अपने डिवाइस का उपयोग कर बनाएँ एरोर और / या फ्लैकी लक्ष्य। से मन ८ द्म्सेतूप:इस क्षेत्र में जाने वाले किसी भी ई / ओ त्रुटियों। परीक्षण के लिए या उनमें छेद के साथ उपकरणों के निर्माण के लिए उपयोगी।एक समान मैपिंग बनाता है लाइन्यर लक्ष्य लेकिन समय-समय पर अविश्वसनीय व्यवहार प्रदर्शित करता है। परीक्षण करते समय असफल उपकरणों को अनुकरण करने के लिए उपयोगी।ध्यान दें: फ्लैकी लक्ष्य उपयोग दस्तावेज है यहाँ। मूल उदाहरण यहाँ।जहां तक मुझे पता है कि ई / ओ त्रुटि तुरंत सूचित की जाएगी, इसलिए यह वास्तविक एसडी कार्ड व्यवहार से अलग है जहां आप देरी, रुकावट आदि की उम्मीद कर सकते हैं। फिर भी मुझे लगता है कि यह दृष्टिकोण कुछ मामलों में उपयोगी हो सकता है, कम से कम तेज़ प्रदर्शन करना प्रारंभिक परीक्षण या तो।२०१७-०९-११ ०८:३३मैं उस बॉक्स की सोच की सराहना करता हूं! हम ८० एमएचजेड एटमेल चिप और कोई वास्तविक ओएस के माध्यम से एसडी के साथ ब्लॉक स्तर पर इंटरफेसिंग कर रहे हैं। - गाबे क्राउसे@गाबेक्राउसे इस मामले की उपयोगिता इस बात पर निर्भर करती है कि लिनक्स ब्लॉक डिवाइस एपीआई आपके एम्बेडेड डिवाइस ड्राइवर के एपीआई के समान कैसे हो सकता है। - क्सिगमदम्सेतूप एक स्थापित करने के लिए आदेश एरोर डिवाइस जो हमेशा पढ़ने की त्रुटियों को वापस देता है: स्टैकवरफ्लो.कॉम/क्वेस्ट्न्स/१८७०696/... - पीटर कॉर्ड्समैं मानता हूं कि यह एक बेहतर समाधान की तरह लगता है। सबसे पहले आप किसी भी हार्डवेयर पर दोहराना कर सकते हैं। और आप विभिन्न त्रुटि मोड का अनुकरण भी कर सकते हैं। उदाहरण के लिए मेरे पास १६ जीबी यूएसबी फ्लैश ड्राइव है जो ठीक काम करता है। कुछ समय बाद हालांकि उस पर एक विशेष क्षेत्र गलत डेटा वापस करना शुरू कर देता है। किसी भी तरह की कोई एफएस त्रुटि नहीं है। आप फ़ाइल पढ़ते हैं लेकिन सामग्री अलग है। कुछ क्षेत्र स्पष्ट रूप से अस्थिर हैं। लेकिन कैसे कुछ विशेष डिवाइस व्यवहार करेंगे अग्रिम में ज्ञात नहीं किया जा सकता है। - एकोस्टडीनोव्इस लड़के ने खराब ब्लॉक को चिह्नित करने के लिए उपयोग किए गए एसडी कार्ड के अंदर माइक्रोक्रोनरोलर को हैक किया: वही कर सकते हैं और मनमाने ढंग से ब्लॉक को दोषपूर्ण के रूप में चिह्नित कर सकते हैं।आज कैओस कंप्यूटर कांग्रेस (३० सी ३) में, एक्सब्स और मैंने एक खुलासा किया यह पता लगाना कि कुछ एसडी कार्ड में कमजोरियां हैं जो अनुमति देते हैं मनमाने ढंग से कोड निष्पादन - मेमोरी कार्ड पर ही। अंधेरे पर तरफ, मेमोरी कार्ड पर कोड निष्पादन एमआईटीएम की एक कक्षा को सक्षम बनाता है (मैन-इन-द-बीच) हमले, जहां कार्ड एक व्यवहार कर रहा है रास्ता, लेकिन वास्तव में यह कुछ और करता है। हल्के तरफ, यह भी हार्डवेयर उत्साही लोगों तक पहुंच प्राप्त करने की संभावना को सक्षम बनाता है माइक्रोकन्ट्रोर्स के बहुत सस्ते और सर्वव्यापी स्रोत।ये एल्गोरिदम बहुत जटिल हैं और चलाने के लिए भी डिवाइस-विशिष्ट हैं एप्लिकेशन या ओएस स्तर पर, और इसलिए यह पता चलता है कि हर फ्लैश एक चलाने के लिए एक शक्तिशाली शक्तिशाली माइक्रोकन्ट्रोलर के साथ मेमोरी डिस्क जहाजों डिस्क अबस्ट्रैक्शन एल्गोरिदम का कस्टम सेट। यहां तक कि कम माइक्रोसड भी कार्ड में एक नहीं है, लेकिन कम से कम दो चिप्स - एक नियंत्रक, और पर कम से कम एक फ्लैश चिप (उच्च घनत्व कार्ड कई फ्लैश ढेर करेंगे मर)।एम्बेडेड माइक्रोकंट्रोलर आम तौर पर एक बड़े पैमाने पर संशोधित ८०5१ या है एआरएम सीपीयू आधुनिक कार्यान्वयन में, माइक्रोकंट्रोलर दृष्टिकोण करेगा १०० मेगाहट्र्ज प्रदर्शन स्तर, और कई हार्डवेयर भी हैं त्वरक पर मरने वाले। आश्चर्यजनक रूप से, इन नियंत्रकों को जोड़ने की लागत डिवाइस पर शायद $ ०.१५- $ ०.३० के आदेश पर है, खासकर उन कंपनियों के लिए जो फ्लैश मेमोरी और नियंत्रकों दोनों को फैब कर सकते हैं एक ही व्यापार इकाई के भीतर। इन्हें जोड़ने के लिए शायद सस्ता है प्रत्येक फ्लैश की पूरी तरह से परीक्षण और विशेषता के मुकाबले माइक्रोकन्ट्रोर्स मेमोरी चिप, जो बताती है कि प्रबंधित फ़्लैश डिवाइस सस्ता क्यों हो सकते हैं कच्चे फ्लैश चिप्स की तुलना में प्रति बिट, ए को शामिल करने के बावजूद माइक्रो।क्रूक्स यह है कि एक फर्मवेयर लोडिंग और अद्यतन तंत्र लगभग है अनिवार्य, विशेष रूप से तीसरे पक्ष के नियंत्रकों के लिए। अंतिम उपयोगकर्ता हैं शायद ही कभी इस प्रक्रिया से अवगत कराया गया है, क्योंकि यह कारखाने में होता है, लेकिन यह तंत्र को कम वास्तविक नहीं बनाता है। मेरी खोज में चीन में इलेक्ट्रॉनिक्स बाजारों में, मैंने दुकान रखने वालों को जलते देखा है कार्ड पर फर्मवेयर जो कार्ड की क्षमता "विस्तार" करता है - दूसरे में शब्दों, वे एक फर्मवेयर लोड करते हैं जो कार्ड की क्षमता की रिपोर्ट करता है वास्तविक उपलब्ध भंडारण से काफी बड़ा है। तथ्य यह है कि यह है बिक्री के बिंदु पर संभव है कि सबसे अधिक संभावना है, अद्यतन तंत्र सुरक्षित नहीं है।३० सी ३ पर हमारी बातचीत में, हम एक विशेष खोज की खोज के हमारे निष्कर्षों की रिपोर्ट करते हैं माइक्रोकंट्रोलर ब्रांड, अर्थात्, एपोटेक और इसके एएक्स 2११ और एएक्स 2१५ प्रसाद। हम एक सरल "दस्तक" अनुक्रम पर प्रसारित खोजते हैं निर्माता-आरक्षित आदेश (अर्थात्, सीएमडी 6३ के बाद 'ए', 'पी', 'पी', 'ओ') जो नियंत्रक को फर्मवेयर लोडिंग में छोड़ देते हैं मोड। इस बिंदु पर, कार्ड अगले ५१२ बाइट स्वीकार करेगा और चलाएगा यह कोड के रूप में।२०१७-०९-१२ ०९:२१सभी उत्तरों में से, यह शायद ओपी वास्तव में क्या पूछ रहा था के सबसे निकटतम है। - कोर्ट अमॉनवह एक शानदार पढ़ा था! - गाबे क्राउसे@ट्विस्टी कुछ प्रासंगिक भागों की प्रतिलिपि बनाई। - फारोमैं एसडी कार्ड वास्तुकला की दुनिया में खरगोश छेद नीचे जाओ। - तेजस कालेयह आमतौर पर काम नहीं करेगा क्योंकि हाल ही में एसडी कार्ड (या ईएमएमसी) स्थिर और गतिशील पहनने-स्तर का उपयोग करते हैं, जिसका अर्थ है कि एक बुद्धिमान नियंत्रक आपके लेखन निर्देश का अर्थ देता है और इसे कम से कम उपयोग किए जाने वाले फ़्लैश क्षेत्रों में से एक में मानचित्र बनाता है।एकमात्र चीज जो आप कर सकते हैं वह है अपने आपूर्तिकर्ताओं से संपर्क करने और अपने डेटाशीट के लिए पूछने का प्रयास करें; उनके पहनने-स्तरीय एल्गोरिदम की स्थिति को पुनः प्राप्त करने के लिए कुछ (विक्रेता विशिष्ट) तरीके हो सकते हैं। यह संभावित रूप से अंतर्निहित फ़्लैश के राज्य / उपयोग से पूछताछ करने की अनुमति देगा। या आप दुर्भाग्यपूर्ण हो सकते हैं और यह अस्तित्व में नहीं हो सकता है।यदि आपका लक्ष्य वास्तव में फ्लैश को नष्ट करना है, तो आप जो भी कर सकते हैं वह बड़े पैमाने पर पढ़ा जाता है और चक्र लिखता है और लगातार जांचता है कि जो डेटा आप पढ़ रहे हैं वह अभी भी सुसंगत है। जैसे दो बड़ी फाइलें बनाएं, अपने चेकसम स्टोर करें और उनके चेकसम को सत्यापित करने के लिए उन्हें पढ़ें / लिखें। फ्लैश जितना बड़ा होगा, उतनी ही लंबी प्रक्रिया होगी।२०१७-०९-११ ०७:३७क्या यह अभी भी काम नहीं करेगा अगर एसडी कार्ड पूरी तरह से डेटा से भरा हुआ है, ताकि यह ज्यादा रीमेप न हो? मुझे नहीं लगता कि उनके पास बहुत सारे छिपे हुए क्षेत्र हैं। - रुसलन@रुसलन डिवाइस को यह जानने की आवश्यकता नहीं है कि कोई क्षेत्र किसी चीज़ से भरा हुआ है या नहीं। इसे केवल अनुरोध करने के लिए किन क्षेत्रों की सामग्री और अनुरोध पर कौन से क्षेत्रों को लिखना है, इसकी सामग्री को जानने की आवश्यकता है। और फिर कुछ अव्यवस्थित परत हो सकती है जिससे यह कुछ अज्ञात एल्गोरिदम के बाद उन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अन्य भौतिक स्मृति का उपयोग कर सकता है ... - और "पूर्ण" का अर्थ केवल "कंसुरेंटली भरने योग्य ब्लॉक के लिए सीमा" तक पहुंच गया है। - एलेक्ज़ैंडर कोसुबेक@ रुस्लान: यहां तक कि अगर पूरे डिवाइस पर डेटा है, तो पहनने के स्तर अभी भी प्रभावी हो सकते हैं: उदाहरण के लिए, यदि सेक्टर ए को एक बार लिखा गया है, और सेक्टर बी को १,००० बार लिखा गया है, तो जब एक और लेखन आता है सेक्टर बी कार्ड दो क्षेत्रों के लिए डेटा स्वैप कर सकता है, ताकि सेक्टर ए में सेक्टर बी का डेटा हो (और संभवत: अधिक बार अधिलेखित हो जाएगा - लेकिन यह ठीक है क्योंकि यह ताजा है), और सेक्टर बी में सेक्टर ए का डेटा होगा (जो होगा उम्मीद है कि ज्यादा नहीं बदला)। स्पष्ट रूप से डिवाइस को मैपिंग को स्टोर करने की भी आवश्यकता है, जहां सेक्टर को संग्रहीत किया जाता है। - स्मीयर्स@गाबेक्राउसे हाँ, यह जानवर की प्रकृति है। सबसे निचले स्तर पर आपके पास नंद या न ही फ्लैश चिप्स हैं (आजकल सबकुछ नंद का उपयोग कर रहा है), और नंद चिप के सामने एक बुद्धिमान नियंत्रक है जो बस को समाप्त करता है (उदाहरण के लिए यूएसबी स्टिक या एसडी कार्ड के लिए एमएमसी के लिए यूएसबी ), और यह चिप मैपिंग / पहनने के स्तर आदि के लिए ज़िम्मेदार है, यह आपके द्वारा फ्लैश को दूर करता है। यदि आप एम्बेडेड लिनक्स पर नंद का उपयोग करेंगे तो उदाहरण के लिए यूबिफ आपके लिए क्या करेंगे। - एमो-एज१एसडी कार्ड में एक माइक्रोक्रोनरोलर होता है जो "फ्लैश ट्रांसलेशन लेयर" लागू करता है - ब्लॉक अनुरोधों का अनुवाद इस माइक्रोकंट्रोलर द्वारा कच्चे नंद कमांड में किया जाता है। कुछ एसडी कार्डों में एमसीयू फर्मवेयर को बदलने / अपडेट करने के लिए छिपे हुए आदेश हैं और यहां कुछ रिवर्स इंजीनियरिंग प्रयास भी किए गए हैं। कच्चे नंद के अलावा अधिकांश फ्लैश स्टोरेज डिवाइस (जो कि कई होम रूटर जैसे कुछ मामलों में दिखाई दे सकते हैं) शायद "अतिप्रभावित" हैं - जिसका अर्थ है कि आपके १ जीबी एसडी कार्ड में शायद १०2४ एमबी + १२८ एमबी कच्चे नंद स्पेस की तरह कुछ है, पहनने के स्तर को पहनने के लिए और खराब फ़्लैश पृष्ठों के लिए भी क्षेत्र-भाग्य। - लॉरेंस्कआप ऑपरेशन तापमान को बढ़ाकर पहनने वाले ट्रांजिस्टर को बढ़ा सकते हैं। एक गर्म चिप (७०-१२० डिग्री सेल्सियस) पर लिखने के मिटा चक्र का प्रयोग करें; यह तेजी से पहनेंगे।अत्यधिक भंडारण तापमान भी हानिकारक है, इसलिए कुछ समय के लिए चिप को "पका" करने के लिए और अधिक व्यावहारिक हो सकता है, तो कुछ समय के लिए १२० डिग्री सेल्सियस (या इससे भी अधिक) पर, फिर दोषों की जांच करें। - द्मित्री ग्रीगोरयेवकार्ड की आपूर्ति पर थोड़ा ओवरवॉल्टेज भी संभव हो सकता है, और इसी तरह प्रयोग की आवश्यकता होगी। - क्रिस हअंडरवर्ल्टेज भी नियंत्रक लॉक-अप जैसे विभिन्न प्रकार के दोष पैदा कर सकता है। - उसर२०५७४प्रस्तावना: इस विकल्प को अतिरिक्त प्रोग्रामिंग और हार्डवेयर संशोधनों की आवश्यकता है, लेकिन यह होस्ट के लिए सबसे अधिक पारदर्शी नियंत्रित नियंत्रित पढ़ने की अनुमति देगा।एक एसडी कार्ड में एकाधिक ई / ओ विकल्प होते हैं, लेकिन इसे एसपीआई पर नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप एक एसडी कार्ड लेना चाहते थे और इसे संशोधित करना चाहते थे ताकि आप पिन को एक माइक्रोक्रोनरोलर (जैसे आर्डिनो) में संलग्न कर सकें, तो आप अर्दुईनो एसडी कार्ड की नकल कर सकते हैं और एसडी कार्ड पढ़ने वाले डिवाइस पर पारदर्शी हो सकते हैं। माइक्रोकंट्रोलर पर आपका कोड जानबूझकर खराब डेटा वापस कर सकता है जब आवश्यक हो। इसके अलावा, आप माइक्रोकंट्रोलर पर एक एसडी कार्ड डाल सकते हैं ताकि पढ़ने के लिए गीगाबाइट परीक्षण की अनुमति देने के लिए एसडी कार्ड में माइक्रोक्रोनरोलर से गुज़रने में सक्षम हो।२०१७-०९-११ १२:५५अधिकांश हाई-स्पीड डिवाइस (पीसी कार्ड पाठकों सहित) बस एक कार्ड के साथ काम करने से इनकार कर देंगे जो चार-बिट एसडी का समर्थन नहीं करता है। - द्मित्री ग्रीगोरयेवओपी ने कहा कि यह एक एम्बेडेड सिस्टम था जो कार्ड का उपयोग करेगा जो एसडी कार्ड के लिए एसपीआई का समर्थन करने की अधिक संभावना बना देगा - एरिक जॉनसनइस पर एक संस्करण, लेकिन कड़ी मेहनत, एक एसडी कार्ड खोजना होगा जिसके लिए आप कर सकते हैं फर्मवेयर रिफ्लाश। - पीटर टेलरयह बहुत दिलचस्प है! हमारी एम्बेडेड प्रणाली एसपीआई के माध्यम से ई / ओ चल रही है। मुझे यकीन नहीं है कि मेरे पास बैंडविड्थ है जो हमारे हार्डवेयर को संशोधित करने के लिए संशोधित करने के लिए है, लेकिन मुझे लगता है कि यह शानदार सोच है। - गाबे क्राउसेगतिशील पहनने के स्तर के बारे में शिक्षित होने से मुझे विश्वास होता है कि रणनीतिक रूप से ज्ञात खराब क्षेत्रों के साथ "खराब" एसडी कार्ड बनाना मुश्किल है (या संभव नहीं) जैसा कि मैंने सवाल उठाते समय अपेक्षा की थी। वर्तमान में मेरी क्षमता के दायरे से परे, यह सबसे अधिक नियंत्रित और तकनीकी रूप से आशाजनक दृष्टिकोण प्रतीत होता है, संभवतः @ ओलाफम द्वारा पीछा किया जाता है। डाटा ट्रांसफर के दौरान किसी पूर्व-परिभाषित क्षेत्र के स्थान पर डेटा को अवरुद्ध करने और "भ्रष्ट" डेटा को मध्यवर्ती हार्डवेयर को अनुकूलित करना एक अच्छा दृष्टिकोण जैसा लगता है। - गाबे क्राउसेमैं एबाय / एलीएक्सप्रेस पर जाऊंगा और चीन से सबसे सस्ता एसडी कार्ड खरीद सकता हूं, जो कि "सच होने के लिए बहुत अच्छा" है। वे अक्सर दोषपूर्ण क्षेत्रों के साथ आते हैं या सॉफ्टवेयर सेट में वास्तव में उनके मुकाबले बहुत बड़े होते हैं। किसी भी तरह से, आपको परीक्षण के लिए उपयोग करने के लिए दोषपूर्ण एसडी कार्ड के साथ समाप्त होना चाहिए।२०१७-०९-१२ ०८:०5दिलचस्प दृष्टिकोण, लेकिन संग्रहीत कोड पर खराब ब्लॉक के प्रभावों का परीक्षण करने के लिए आप खराब क्षेत्रों में कैसे लिखेंगे? - फिक्सर१२३४@ फिक्सर १२३४, मेरे पास इनमें से एक एसडी कार्ड था जिसमें कहा गया था कि यह ३2 जीबी था लेकिन यह वास्तव में केवल १२८ एमबी था। मैंने इसे अपने कैमरे में रखा और १२८ एमबी से परे फोटो ले सकता था लेकिन केवल पहली तस्वीरें ही पढ़ी जा सकती थीं। बाकी सूचीबद्ध था लेकिन टूटा हुआ वापस पढ़ा गया था। मान लीजिए कि वे चाहते हैं कि आप कार्ड के साथ पहली बार समस्याओं का ध्यान रखें जब शिकायत करने में बहुत देर हो चुकी है ... - गुज़टएक बार, कई सालों पहले, मुझे एक बदसूरत मां के लिए एसडी कार्ड से स्नातक की तस्वीरों और वीडियो का एक सेट पुनर्प्राप्त करने के लिए भुगतान किया गया था। नज़दीकी निरीक्षण के बाद, कार्ड को किसी भी तरह से बाहरी मामले में एक दृश्य दरार के साथ शारीरिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया गया था और कई खराब क्षेत्रों में, विशेष रूप से कई शुरुआती, महत्वपूर्ण क्षेत्रों, जिसने कार्ड को पढ़ने में असफल होने पर भी सबसे विश्वसनीय वसूली कार्यक्रम किए । इसके अलावा, फोरेंसिक डेटा टूल्स के बाद एक भाग्य खर्च होता है।मैंने एक समान ब्रांड / आकार एसडी कार्ड प्राप्त करने और अपना खुद का कस्टम कच्चा डेटा डंप लिखने और खराब कार्ड से डेटा को अच्छे में कॉपी करने के लिए उपयोगिता बहाल कर दिया। हर बार उपयोगिता ने खराब क्षेत्र को मारा, यह उस क्षेत्र के लिए सभी शून्यों को लिखने से पहले कई बार फिर से प्रयास करेगा और, छोड़ने और रोकने के बजाय, विफलता को अनदेखा कर देगा और अगले क्षेत्र में आगे बढ़ेगा। पुनः प्रयास प्रयास किए गए थे क्योंकि मैंने यह भी देखा था कि कुछ क्षेत्रों में अभी भी ४०% पढ़ने की सफलता दर थी। एक बार डेटा नए एसडी कार्ड पर था, वसूली उपकरण जो कम से कम डेटा हानि / भ्रष्टाचार के साथ बेकार ढंग से काम करने से पहले विफल रहा था। कुल मिलाकर, लगभग 9८% फाइलें पुनर्प्राप्त की गईं। पहले से हटाए गए कई आइटम भी पुनर्प्राप्त किए गए थे क्योंकि वास्तव में कुछ भी वास्तव में हटाया नहीं गया है - बस इस तरह के रूप में चिह्नित और धीरे-धीरे ओवरराइट किया गया। थोड़ी उबाऊ डेटा वसूली अभ्यास के रूप में शुरू हुआ जो मेरी यादगार और रोचक व्यक्तिगत सॉफ्टवेयर विकास परियोजनाओं में से एक बन गया। यदि आप सोच रहे थे, तो मां रोमांचित थी।किसी भी दर पर, यह कहानी यह दिखाने के लिए जाती है कि एसडी कार्ड को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाया जा सकता है, जैसे डेटा अभी भी सुलभ है लेकिन ऐसे क्षेत्र हैं जो केवल मुश्किल से काम कर रहे हैं और इससे पढ़ने की कोशिश करने में कुछ भी मुश्किल है। एसडी कार्ड प्लास्टिक बहुत कमजोर हो जाता है, इसलिए कुछ सस्ते लोगों में झुकने या काटना चाल चल सकता है। आपकी माइलेज भिन्न हो सकती है।आप अपने क्षेत्र में कुछ डेटा रिकवरी स्थानों पर भी पूछ सकते हैं। चूंकि वे विभिन्न असफल या असफल उपकरणों से डेटा रिकवरी में विशेषज्ञ हैं, इसलिए उनके पास कुछ उपयोगी इनपुट / टिप्स होनी चाहिए और यहां तक कि कुछ प्री-बस्टेड एसडी कार्ड भी हो सकते हैं (उदाहरण के लिए प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए) जिन्हें आप उनसे प्राप्त कर सकते हैं।२०१७-०९-१३ ०5:४३क्या आपने उस उपयोगिता को ऑनलाइन जारी किया है? मेरे शस्त्रागार में जोड़ना अच्छा होगा। - प्लोनीइस बिंदु पर, यह शायद प्रौद्योगिकी की प्रगति के मार्च (यहां तक कि संकलित भी नहीं हो सकता है) और निम्न स्तर की सिस्टम कॉल का उपयोग करके ठीक से काम नहीं करेगा। कुछ आधुनिक, ओपन सोर्स फोरेंसिक डिवाइस / ड्राइव क्लोनिंग टूल्स भी हैं जो कि मेरे पुराने सॉफ़्टवेयर को मॉथबॉल से बाहर खींचने की कोशिश करने के पहले पहले उपयोग करने के लिए अधिक उपयुक्त होंगे। - क्युबिकलिसॉफ्टमुझे उम्मीद है कि आप शायद कुछ पैरामीटर दे सकते हैं द्द इसे आजकल इसी तरह से व्यवहार करने के लिए। मुझे यकीन नहीं है हालांकि। - विज़विज़्ज़४@ विज़विज़्ज़४, द्ड्रेस्क पर देखो। - हिल्ड्रड"इसके अलावा, फोरेंसिक डेटा टूल्स के बाद एक भाग्य खर्च होता है।" मुझे यकीन है कि वे अभी भी करते हैं। - जप्म्च२६वैकल्पिक दन्स सर्वर हल करने में विफल होने के बाद हल नहीं हो रहा है वीडियो कितनी मेमोरी का उपयोग करता है? [बन्द है] अपना खुद का दन्स सर्वर सेट अप करें एडब्लॉक प्लस - डिफ़ॉल्ट रूप से अक्षम और प्रति साइट सक्षम करें विंडोज उबंटू डीवीडी को नहीं पहचानता है व्यवस्थापक के रूप में कुछ निर्देशिकाओं को हटा नहीं सकता [डुप्लिकेट] कमांड लाइन विंडोज ७ से उपयोगकर्ता प्रोफ़ाइल हटाएं |
मेरठ : बुधवार की शाम भावनपुर क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब एक शादी समारोह से लौट रहे मेरठ कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष की स्कॉर्पियो नाले में पलट गई। आसपास के लोगों ने जैसे तैसे कार में फंसे पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सहित उनके सभी साथियों को बाहर निकाला। घटना की जानकारी मिलते ही छात्रों में हड़कंप मच गया और मौके पर सैकड़ों छात्रों की भीड़ लग गई। गनीमत रही कि इस दौरान कार सवार किसी युवक को गंभीर चोट नहीं लगी।जानकारी के अनुसार अनुज जावला चौधरी मेरठ कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हैं। अनुज के मुताबिक आज शाम वह अपने कुछ साथियों के साथ रुकनपुर में एक शादी समारोह में शामिल होकर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान अब्दुल्लापुर में बीएनजी स्कूल के निकट एक मारुति कार को बचाने के प्रयास में उनकी कार सड़क किनारे स्थित नाले में जा गिरी। घटना के बाद आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने कार सवार सभी युवकों को जैसे-तैसे बाहर निकाला। जानकारी के बाद पहुंची पुलिस ने ट्रैक्टर आदि की मदद से नाले में धंसी स्कॉर्पियो को बाहर निकलवाया। हालांकि घटना के दौरान अनुज जावला सहित कार सवार किसी अन्य को कोई गंभीर चोट नहीं लगी है।टैग्स:स्कोरपियो ऑफ थे फॉरमेर स्टूडेंट एसोसिएशन प्रेजिडेंट |
गणतंत्र दिवस : कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने लिया तैयारियों का जायजा - र्नयूज१ हिन्दी खबरहोम / अजमेर / राजस्थान / गणतंत्र दिवस : कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने लिया तैयारियों का जायजागणतंत्र दिवस : कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने लिया तैयारियों का जायजाविजय कुमार हंसरजनी १/२२/20१9 ०६:०८:०० प्मअजमेर। जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने आगामी २६ जनवरी को आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस की तैयारियों के लिए आज पटेल मैदान का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी तैयारियां समय पर पूरी कर ली जाएं। समारोह में परेड एवं सांस्कृतिक गतिविधियां समयबद्ध हों।जिला कलेक्टर शर्मा ने आज पुलिस अधीक्षक म कुंवर राष्ट्रदीप के साथ पटेल मैदान पर चल रही तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि समारोह में स्वतंत्रता सैनानियों एवं उनके परिजनों को सम्मानित किया जाना है। उनके बैठने के लिए विशेष व्यवस्था की जाए। इसी तरह सम्मानित होने वाले खिलाडिय़ों एवं प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए भी बैठने व सम्मान के लिए भी व्यवस्थाएं पूरी तरह चौकस हों। उन्होंने परेड एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, झंडारोहण, अतिथियों के बैठने की व्यवस्था, मार्चपास्ट की सलामी तथा अन्य व्यवस्थाओं की भी जानकारी ली।इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम एम.एल.नेहरा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर द्वितीय अबु सूफियान चौहान, अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर अशोक योगी एवं नगर निगम के उपायुक्त गजेंद्र सिंह रलावता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। |
खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में महात्मा गांधी की जगह पीएम मोदी ने ली, कर्मचारियों में गुस्सा - हिन्द वाच मीडिया | मोस्ट ट्रस्टेड इंडियन न्यूज पोर्तल | निगहबान-ए-वतनहोम राष्ट्रीय खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में महात्मा गांधी की जगह पीएम मोदी ने...खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में महात्मा गांधी की जगह पीएम मोदी ने ली, कर्मचारियों में गुस्सा२०१७ के कैलेंडर से महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री मोदी का फोटो लगने के बाद मुंबई में खादी ग्रामोद्योग आयोग के कर्मचारीयों ने क्रोध के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की है। केवीआईसी डायरी के नए साल के कैलेंडर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी गायब हो गए हैं और उनकी जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ले ली है|इस साल के कैलेंडर और डायरी के कवर फोटो में मोदी एक बड़े चरखा पर खादी बुनाई करते दिख रहे हैं बिल्कुल गांधी जी की मुद्रा में|आयोग के ज्यादातर कर्मचारी और अधिकारी उस वक्त हैरान रह गए| जब कैलेंडर के कवर पर गांधी जी की बजाय पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर दिखी। इस तस्वीर में नरेंद्र मोदी चरखा चलाते दिख रहे हैं। इससे पहले गांधी जी की भी चरखा चलाने की तस्वीर ही छपती थी।खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के कैलेंडर से महात्मा गांधी की तस्वीर गायब होने से नाराज इसके कर्मचारियों के एक हिस्से ने विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने यह जानना चाहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रकाशित करने के दौरान राष्ट्रपिता की तस्वीर क्यों नहीं प्रकाशित की गई।एनडीटीवी की खबर के अनुसार, केवीआईसी के कर्मचारी इस नई तस्वीर से हतप्रभ हैं| सरकारी कर्मचारी होने की वजह से खुलकर उन्होंने कुछ नहीं कहा लेकिन १२जनवरी को लंच के समय उन्होंने कुछ खाया-पिया नहीं| खामोशी से अपना विरोध जताने के लिए वे मुंबई के विले पार्ले स्थित आयोग के मुख्यालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास मुंह पर काली पट्टी बांधकर आधे घंटे तक बैठे रहे| केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि यह कोई असामान्य बात नहीं है| अतीत में भी ऐसे बदलाव हो चुके हैं|सक्सेनाने कहा कि पूरा खादी उद्योग ही गांधीजी के दर्शन, विचार और आदर्श पर आधारित है| वह केवीआईसी की आत्मा हैं| उनकी अनदेखी करने का तो सवाल ही नहीं उठता| उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी लंबे समय से खादी पहन रहे हैं| उन्होंने खादी को आम लोगों ही नहीं, विदेशी हस्तियों के बीच भी लोकप्रिय किया है| उन्होंने खादी को पहनने की अपनी अलग स्टाइल विकसित की है|केवीआईसीके एक वरिष्ठ अधिकारी इस बारे में कहा किहम सरकार द्वारा सुनियोजित तरीके से महात्मा गांधी के विचारों, दर्शन और आदर्शो से मुक्ति पाने की कोशिशों से दुखी हैं| बीते साल, पहली कोशिश प्रधानमंत्री के फोटो को कैलेंडर में शामिल करने की हुई थी|केवीआईसी डायरीपिछली खबरराजस्थान में २० प्रतिशत बच्चे अभी भी स्कूल नहीं जातेअगली खबर मीडियावालों को देख पिछले दरवाजे से निकले उर्जित पटेल, दौड़ते हुए कार में बैठे |
मार्च १२, २०१९ - जनसम्पर्कलाइफभोपाल। राजधानी भोपाल के गांधीनगर इलाके में एक ट्रांसपोर्ट कारोबारी द्वारा फांसी लगाने का मामला सामने आया है। जांच में यह बात सामने आई है कि मृतक अपनी पत्नी से आए दिन हो रहे झगड़ों से तंग आ गया था। जिसके चलते उसने ऐसा खौफनाक कदम उठा लिया। गांधी नगर थाना पुलिस ने मृग कायम कर जांच का सिलसिला शुरू कर दिया है। जनसंपर्कलाइफ.कॉम को मिली जानकारी के अनुसार, ४५ वर्षीय गब्बर मोठवानी उर्फ हीरा पुत्र मोहन मोटवानी, प्रताप वार्ड सब्जी मंडी के पास गांधी नगर में रहते थे। उनकेभोपाल। राजधानी भोपाल के एमपी नगर थाने में ईपीएफ के नाम पर २५ हजार रूपए की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। जहां कंपनी में ईपीएफ का काम देखने वाले दो कर्मचारियों ने फरियादी की सैलरी से ईपीएफ के पैसे तो काटे लेकिन ईपीएफ के एकाउंट में जमा नहीं किए। एमपी नगर थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। जनसंपर्कलाइफ.कॉम को मिली जानकारी के अनुसार, मुकेश शर्मा राजकृष्ण कॉलोनी इंदौर में रहते हैं। वह फारआन विल्स सिक्योरिटी |
ऑप्पो रेनो २ में अल्ट्रा डार्क मोड़ पर किया फोकस, ये है स्पेसिफिकेशन | न्यूज ट्रक लाइव, न्यॉस्ट्रक हिन्दी १इस साल अप्रेल में ऑप्पो द्वारा ऑप्पो रेनो लॉन्च किया गया था, वहीं अब कंपनी इस सीरीज में २0क्स ज़ूम के साथ ऑप्पो रेनो २ को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. जिसके लिए भारतीय बाजार में २८ अगस्त को एक इवेंट का आयोजन किया जाएगा. इस इवेंट में कंपनी ऑप्पो रेनो २ के साथ ही दो और स्मार्टफोन रेनो २ज़ और रेनो २फ को भी लॉन्च करेगी. कंपनी ने लॉन्च से पहले रेनो २ का एक टीजर वीडियो जारी किया है जिसके अनुसार इस फोन में अल्ट्रा डार्क मोड़ उपलब्ध होगा. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार सेइस स्मार्टफोन को लेकर कंपनी द्वारा जारी किए गए टीजर वीडियो में अल्ट्रा डार्क मोड़ पर फोकस किया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि रेनो २ में ६४ मेगापिक्सल के २0क्स ज़ूम के साथ ही अल्ट्रा डार्क मोड़ और अल्ट्रा स्टेडी विडियो भी उपलब्ध होगा, जिसकी मदद से कम रोशनी में भी शानदार फोटोग्राफी का लाभ उठाया जा सकता है. अब तक सामने आई जानकारियों के अनुसार अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस फोन के कैमरा और कैमरा फीचर्स पहले की तुलना में अधिक बेहतर होंगे. इससे पहले कंपनी ने रेनो में १0क्स ज़ूम का उपयोग किया था, जबकि इस बार २0क्स ज़ूम देखने को मिलेगा.आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ऑप्पो रेनो २ में ६.५ इंच का एमोलेड डिस्प्ले हो सकता है जिसका स्क्रीन रेजोल्यूशन २,४०० क्स १,०८० पिक्सल होगा. फोन में पॉपअप सेल्फी कैमरा मौजूद होगा. इसमें ८गब रैम और १२८गब इंटरनल मैमोरी होगी, जिसे माइक्रोएसडी कार्ड की मदद से २५६गब तक एक्सपेंड किया जा सकता है. यह डिवाइस क्वालकॉम स्नैपड्रैगन ७३० चिपसेट से लैस होगा. इस स्मार्टफोन में क्वाड कैमरा सेटअप होगा,जिसमें ४८ मेगापिक्सल का प्राइमरी सेंसर, ८ मेगापिक्सल का अल्ट्रा वाइड सेंसर, १3 मेगापिक्सल का टेलीफोटो लेंस और २ मेगापिक्सल का मोनोक्रोम शूटर है. वहीं इसमें ४,0६५ एमएएच की बैटरी होगी जिसमें वूक फास्ट चार्जिंग सपोर्ट मिलेगा. |
सपना चौधरी का गाना 'बंदूक चलेगी' पर बदमाशों का वीडियो वायरल, २ गिरफ्तार - डेलीपोस्ट हरियाणा हिमाचलहोम न्यूज हरियाणा सपना चौधरी का गाना बंदूक चलेगी पर बदमाशों का वीडियो वायरल, २...बीकानेर: हरियाणवी सिंगर और डांसर सपना चौधरी का डांस वीडियो सोशल मीडिया पर फैन्स के बीच तहलका मचा रहा है। वीडियो में हरियाणा की देसी क्वीन सपना बंदूक चलेगी पर शानदार डांस करती हुई नजर आ रही हैं। सोशल मीडिया पर हथियार लहराते हुए गाने बंदूक चलेगी पर डांस करने वाले बदमाशों का वीडियो वायरल होने के बाद जोधपुर पुलिस भी हरकत में आ गई है।बताया जाता है कि वायरल वीडियो में दिखे बदमाशों की पहचान ००७ गैंग के सदस्यों के रूप में हुई है। जोधपुर पुलिस ने इन बदमाशों को मंगलवार रात दो बदमाशों को बीकानेर से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बदमाशों से हथियार भी बरामद किए हैं। बता दें कि इस पूरी कार्रवाई की बीकानेर पुलिस को भनक तक नहीं लगी। पकड़ा गया बदमाश अशोक बिश्नोई गैंग के मुखिया श्याम पूनिया का दायां हाथ बताया जा रहा है।प्रेवियस आर्टियलझारखंड में भी भाजपा ने शुरू किया चुनाव प्रचार, अमित शाह ने की रैलीनेक्स्ट आर्टियलविवादित बयानों में फंसे दिग्विजय सिंह, मानहानि का मामला दर्जअब बिना रुके टोल प्लाजा से जाएंगे वाहन, एक दिसंबर से... |
अपने दूसरे जन्मदिन पर बिग बी ने कुछ यूं किया फैंस का शुक्रियाकहा... सासें बंद होने को थीं , परंतु आप सब की प्रार्थना ने मुझे जीवित रखापोस्टेड ऑन ०८/०२/२०१८ ०१:०५:१७सदी के महानायक अमिताभ बच्चन आज अपना दूसरा जन्मदिन मना रहे हैं। जी हां, वैसे तो बिग बी का जन्म ११ अक्टूबर १९४२ को हुआ था, पर आज की तारीख यानी २ अगस्त को उन्हे नया जीवन मिला था जिसे वे अपने दूसरे जन्मदिन के रूप मनाते हैं। दरअसल, ३६ साल पहले फिल्म 'कुली' की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन के साथ एक भयानक हादसा हुआ जिससे जिंदगी की जंग जीतकर आज ही के दिन बिग बी की घर वापसी हुई थी।ये घटना फिल्म कुली के उस सीन के दौरान हुआ था, जब फाइट सीन में पुनीत इस्सर को अमिताभ के पेट पर मंच मारना था, लेकिन गलती से पुनीत के हाथों ये पंच इतनी तेज लगा कि अमिताभ की हालत गंभीर हो गई, ऐसे में आनन फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी दो सर्जरी की गई। इसके बाद उनकी हालत कई दिनों तक काफी गंभीर रही, ऐसे समय में पूरी दुनिया उनके लिए प्राथर्ना कर रही थी। जिसके बाद इस दुर्घटना से ऊबर कर आज ही के दिन, २ अगस्त 198२ को बिग बी जिंदगी की जंग जीतकर घर आए थे। ऐसे में अमिताभ बच्चन इस दिन को अपने दूसरे जन्मदिन के रूप में मनाते हैं।आज इस हादसे के पूरे ३६ साल पूरे हो चुके हैं और ऐसे में इस वाकये को याद करते हुए बिग बी ने अपने फैंस को शुक्रिया किया है जिन्होने उनकी सलामती की दुआ की थी। अमिताभ बच्चन ने ट्वीट कर लिखा है... अगस्त २, 198२,.. सांसे बंद होने को थीं, परंतु आप सब की प्रार्थना ने मुझे बचा लिया। इस ऋण को मैं कभी भी उतार नहीं सकूंगा।'त २503 - ऑगस्ट २, 198२ .. सासें बंद होने को थीं , परंतु आप सब की प्रार्थना ने मुझे जीवित रक्खा । एक ऋण जिसे मैं कभी भी उतार नहीं सकूँगा । पिक.ट्विटर.कॉम/फ२तीगी४ज्क्सेवैसे गौरतलब है कि फिल्म 'कुली' अमिताभ बच्चन की ब्लॉकबस्टर फिल्मों में शामिल है। वहीं मौजूदा दैर की बात करें तो फिलहाल अमिताभ बच्चन बुल्गारिया में अपनी अपकमिंग फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' की शूटिंग में व्यस्त हैं। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ रणबीर कपूर, आलिया भट्ट और मौनी रॉय मुख्य जैसे कलाकार मुख्य किरदार में नजर आएंगे। |
प्रयोर ऑन थे रोड थान प्रोटेस्ट अगेंस्ट प्म | सुरक्षा में चूक: कम योगी ले रहे थे अधिकारियों के साथ बैठक....तभी कमर में चाकू लगाकर बीच सड़क पर पड़ी नमाज, फिर लगाए प्रधानमंत्री के विरोध में नारे - दैनिक भास्करप्रेएर ऑन थे रोड थान प्रोटेस्ट अगेंस्ट प्मसुरक्षा में चूक: कम योगी ले रहे थे अधिकारियों के साथ बैठक....तभी कमर में चाकू लगाकर बीच सड़क पर पड़ी नमाज, फिर लगाए प्रधानमंत्री के विरोध में नारेलखनऊ। उत्तर प्रेदश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एनेक्सी के पांचवे तल पर अफसरों के साथ बैठक कर रहे थे। तभी गेट नंबर एक के सामने ही सड़क पर एक शख्स कमर पर चाकू लगाए नमाज पढ़ने लगा। इस आदमी ने सड़क पर ही प्रधानमंत्री के विरोध में नारे भी लगाए। इसके कारण जाम लग गया और पुलिस खड़ी देखती रही।ये आदमी लाल रंग की स्कूटी से देर शाम साढ़े सात बजे एनेक्सी गेट नंबर एक के पास पहुंचा था। आदमी ने स्कूटी को सड़क किनारे खड़ी कर बीच सड़क पर दरी बिछा ली, और नमाज पढ़ने लगा। नमाज की मुद्रा में इस शख्स ने प्रधानमंत्री के विरोध में नारे भी लगाए। इस घटना को सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है। इस मामले में २ सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है। आरोपी की पहचान रफीक अहमद के तौर पर हुई है। रफीक के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में फिर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। |
मिसुमी मानक घटकों के वर्ग मोल्ड काउंटर <!-[इफ ल्ट इए९]> <!-[एण्ड इफ]>होम > उत्पादों > मिसुमी मानक घटकों के वर्ग मोल्ड काउंटर(मिसुमी मानक घटकों के वर्ग मोल्ड काउंटर के लिए कुल २४ उत्पादों)मिसुमी मानक घटकों के वर्ग मोल्ड काउंटर - निर्माता, कारखाने, आपूर्तिकर्ता चीन सेथोक चीन से मिसुमी मानक घटकों के वर्ग मोल्ड काउंटर , लेकिन कम कीमत के अग्रणी निर्माताओं के रूप में सस्ते मिसुमी मानक घटकों के वर्ग मोल्ड काउंटर खोजने की आवश्यकता है। बस मिसुमी मानक घटकों के वर्ग मोल्ड काउंटर पर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांडों पा कारखाना उत्पादन, आप आप क्या चाहते हैं, बचत शुरू करते हैं और हमारे मिसुमी मानक घटकों के वर्ग मोल्ड काउंटर का पता लगाने के बारे में भी राय, आप में सबसे तेजी से उत्तर हम करूँगा कर सकते हैं। |
कोर्डिनेशन की बैठक में उपायुक्त ने की विकास योजनाओं की समीक्षा सीधी नज़रकोर्डिनेशन की बैठक में उपायुक्त ने की विकास योजनाओं की समीक्षापोस्टेड ऑन अक्टोबर १०, २०१९ औथोर सीधी नज़ार्कम्मंट ऑफ ऑन कोर्डिनेशन की बैठक में उपायुक्त ने की विकास योजनाओं की समीक्षाबीडीओ सहित अन्य अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा निर्देशगिरिडीह। उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में गुरुवार को समाहरणालय सभाकक्ष में कोर्डिनेशन की बैठक हुई। जिसमे जिले में चल रही शौचालय निर्माण, किसान मानधन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, भीमराव अंबेडकर आवास योजना, कमल क्लब, गोल्डन कार्ड स्कीम, मनरेगा एवं १४वें वित्त आयोग सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिये।विद्यालय प्रबन्ध समिति के खाते में पड़े राशि का हो समायोजनबैठक के दौरान उपायुक्त ने सभी बीडीओ को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक कराने का निर्देश देते हुए कहा कि समिति के खाते में काफी पैसे हैं, लेकिन बैठक नहीं होने के कारण न तो अधूरी योजना पूर्ण हो पा रही है और न ही कोई नया कार्य हो पा रहा है। उन्होंने इसे प्राथमिकता के आधार पर कराने का निर्देश दिया ताकि समिति के खाते में पड़ी राशि का समायोजन हो सकंे। निर्देश दिया कि कई विधालयों का मर्ज किया गया है। वैसे विद्यालयों की पूर्व की समिति को भंग कर उसका पुर्नगठन करा उसकी बैठक में आवश्यक सामग्री क्रय हेतु प्रस्ताव पारित किया जाये।योजनाओं की सूची तैयार करने को दिया निर्देशइस दौरान उपायुक्त ने सभी बीडीओ को प्रखंड के अंतर्गत चल रहे योजनाओं की सूची तैयार कर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया। कहा कि प्रखंड अंतर्गत चल रही सभी प्रकार की योजनाएं अथवा सभी स्वीकृत योजनाये जिन पर कार्य शुरू हुआ हो या होने वाला हो उसकी एक सूची तैयार करें। जिसमे मनरेगा व आवास योजना भी शामिल हो। ताकि उसकी जानकारी जिला के पास उपलब्ध हो।छोटे छोटे चीजों को पूरा करने का दिया निर्देशउपायुक्त ने बीडीओ को प्रखंड के वरीय पदाधिकारी होने के कारण जिम्मेवारी भी अधिक होने की बात कही और सभी छोटी छोटी चीजों को जिम्मेवारी के साथ पूरा करने का निर्देश दिया। आम बागवानी के मामले में रैयत से मिले पौधे के इर्द गिर्द घास न उगे इस दिशा में समझाने और इस पौधे को भी सींचने का अनुरोध करने का निर्देश दिया। समय सीमा के अंदर सभी लाभुकों की समस्या का निष्पादन हो उन्हें बार बार कार्यलय का चक्कर न लगाना पड़े। योजना चयन में आवश्यकता की प्राथमिकता पर ध्यान देने, नियम की अवहेलना न होने, सभी कार्य नियमानुकूल कराने का निर्देश दिया।मुख्यमंत्री जनसुनवाई की भी हुई समीक्षाबैठक में मुख्यमंत्री जनसुनवाई की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने सभी मामलों का जवाब देने का निर्देश बीडीओ को दिया। ताकि रिपोर्ट पेंडिंग न रहे। बैठक में उपविकास आयुक्त, निदेशक डीआरडीए, भूमि संरक्षण पदाधिकारी, जिला प्रबन्धक जेएसएलपीएस एवं सभी प्रखण्डों के बीडीओ मुख्य रूप से उपस्थित थे।तग्गे आवश्यक, कोर्डिनेशन, सभाकक्ष, समीक्षागांवा पंचायत में १४वें वित्त आयोग की हुई बैठक१४वें वित्त से हुए विकास कार्यों की हुई समीक्षा गांवा(गिरिडीह)। गांवा पंचायत के पंचायत भवन में १४वें वित्त आयोग की बैठक कर १४वें वित्त द्वारा किये गये कार्यों व योजनाओं की समीक्षा की गई। साथ ही पूरे पंचायत में १४वें वित्त द्वारा हुए कार्यों का औचक निरीक्षण प्रखंड विकास पदाधिकारी मधु कुमारी द्वारा किया गया। []जमुआ थाना क्षेत्र के कई कलस्टरों का आब्जर्बर ने किया निरीक्षणपोस्टेड ऑन डिसेंबर ३, २०१९ औथोर सीधी नज़रसंबंधित पदाधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा निर्देश जमुआ(गिरिडीह)। आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर ऑब्जर्वर महेंद्र सिंह पुनिया ने जमुआ प्रखंड के विभिन्न कलस्टरों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के पश्चात जमुआ थाना पहुंच कर चुनाव की तैयारी की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि क्लस्टर पर पेयजल, बिजली, मतदान कर्मियों एवं सुरक्षा बलों को ठहरने []बैंक ऑफ इंडिया ने किया विभिन्न योजनाओं कि समीक्षाक्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले बीसी को टी शर्ट देकर किया गया प्रोत्साहित जमुआ(गिरिडीह) : बैंक ऑफ इंडिया मिर्जागंज शाखा परिसर में बुधवार को क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के तत्वावधान में समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के अधिकारियों ने चतरो, देवरी, मकडीहा, खरगडीहा, मिर्जागंज, जमुआ शाखा द्वारा किये गये []विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजनप्रतिभा खोज परीक्षा संपन्न, ६१ विद्यालय के बच्चों ने लिया भागपोस्टेड ऑन अक्टोबर २८, २०१८ औथोर सीधी नज़रडुमरी में भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगने पहुंचे देश के रक्षा मंत्रीपोस्टेड ऑन डिसेंबर १२, २०१९ डिसेंबर १२, २०१९ औथोर सीधी नज़रनिमियाघाट पुलिस ने बरही से बाइक चोर गिरोह के तीन सदस्यों को किया गिरफ्तारपोस्टेड ऑन जून १८, २०१९ औथोर सीधी नज़रभदुआ पहाड़ी और ओपन कास्ट में छापेमारी, ३ टन कोयला व १९ बाइक जब्तपोस्टेड ऑन फेब्रुवारी २७, २०१९ औथोर सीधी नज़र |
हॉ तो प्रिव्हेंट नोज ब्लीड्स | अगर करेगें ये उपाय तो कभी नहीं फूटेगी नकसीर - हिन्दी बोल्डस्की ओनेइंडिया क्लास्सिफीड्स कूपन एडउकेशन न्यूज मूवीस बाय इंश्योरेंस ऑटो क्रिकेट गडगेट्स लाइफेशैली मोने ट्रेवल स्वास्थ्य फैशन प्रेगनेंसी-पेरेंटिंग किचन किंग सौंदर्य होम-गार्डन रिलेशनशिप जरा हट के धर्म-दर्शन टूल फोटो गैलरी वीडियो इंग्लिश होम स्वास्थ्य फैशन प्रेगनेंसी-पेरेंटिंग किचन किंग सौंदर्य होम-गार्डन रिलेशनशिप जरा हट के धर्म-दर्शन टूल फोटो गैलरी वीडियो बोल्डस्काई हिन्दी स्वास्थ्य तंदुरुस्ती अगर करेगें ये उपाय तो कभी नहीं फूटेगी नकसीर अगर करेगें ये उपाय तो कभी नहीं फूटेगी नकसीर बाय: पूर्णिमा पबलिश्ड: थुरदय, अप्रैल ३, २०१४, १५:५५ [इस्ट]सबस्क्रिबे तो बोल्डस्की गर्मियों में नकसीर की बीमारी एक आम समस्या है। नाक से खून बहना तब प्रारम्भ हो जाता है जब वातावरण में कम नमी होती है। इसके अलावा अगर आपको साइनस की भयंकर समस्या है, शरीर में विटामिन के की कमी है, बहुत ज्यादा गर्मी, दवाइयां लेना या फिर हाई बीपी की समस्या हो गई हो तो, नकसीर की समस्या पैदा हो सकती है।नाक से खून तब भी आ सकता है जब आप नाक के बाल ट्रिम कर रहे हों। नाक छींकते वक्त या नाक पर तेज प्रेशर लगाने से भी नाक से खून बह सकता है। कई लोगों की आदत होती है कि वे नाक में उंगली डाल कर जबरदस्ती नाक कुरेदते हैं, इससे नाक में ताजा जमी परत निकल जाती है और नाक से खून बहने लगता है। नकसीर की बीमारी का घरेलू उपचारगर्मी कम करें अगर आपको बार बार नोजब्लीडिंग होती है, तो अपने घर की नमी को एक बार चेक कर लें और उसे नार्मल रेंज तक बढ़ा लें। गर्मी को ६०-६४ डिग्री तक घटाएं, खासतौर पर बेडरूम में। नाक को नम रखें नाम को नम रखने के लिये शॉवर से नहाएं और लंबी सांस खींचे जिससे आपकी नाक में नमी चली जाए। एक सलाइन का घोल काफी मददगार होगा। खून को पतला होने से रोकें एस्पिरिन, विटामिन ई, लहसुन और अदरक आदि खून को पतला बनाते हैं। अगर आप फिर भी उन चीजों का प्रयोग करते हैं तो अपने डॉक्टर को जरुर बताएं। रोजाना सिट्रस फल खाएं सिट्रस फल को अपनी डाइट में शामिल करने से आपकी नोजब्लीडिंग कम हो सकती है। इस फल में एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो कि इससे आपकी देखभाल करेगा। इसमें मौजूद बायोफ्लेवनॉइड उन नलिकाओं को मजबूत बनाता है जो कमजोर हो चुकी होती है और आसानी से फट सकती हैं। एलर्जी पैदा करने वाले आहार ना खाएं ऐसे आहार जिन्हें खा कर भयंकर एलर्जी पैदा होती है शरीर में जैसे, दूध या गेहूं आदि , तो उससे दूर रहें। नाक में इन्हें डालें रेंड़ी का तेल, विटामिन ई या जिंक ऑक्साइड की बूंद को अपनी नाक के दोनों छेद में डालें। यह काम रोज करें जिससे नाक से खून आना बंद हो जाए। मसालेदार भोजन ना खाएं अगर आप मसालेदार भोजन खाने के शौकीन हैं, तो उसे तुरंह ही बंद दें। नाक को ना खरोंचे अपनी नाक को तेजी से ना खरोंचे, खासतौर पर अगर नाक के अंदर का भाग बहुत ज्यादा संवेदनशील है। या फिर अगर आपकी नाक बहुत ज्यदा ड्राई रहती हो तब। तुलना कर के खरीदें उत्तम स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों रेड मोर आबात: डिसीज, हेल्थ, स्वास्थ्य, बीमारी इंग्लिश सुमेरी हॉ तो प्रिव्हेंट नोज ब्लीड्सनोजब्लीड्स कन बे फ्राइटनिंग. हॉवेवर, ते अरे फैर्लाय कॉमन, पार्टीकुलर्ली इन चिल्ड्रन, एंड कन ऑफ्टें बे ट्रेटेड एट होम. थे मेडिकल नामी फॉर आ नोजब्लीड इस एपिस्टक्सीज.प्लीस वैट वेळ कम्मंट अरे लोएडिंग... महिलाओं की सेक्सुअलिटी से जुड़े दिलचस्प राज फिटकरी और मुलतानी मिट्टी जैसी देसी नुस्खों से भगाएं पसीने की गंध को सेहत से भरी खट्टी इमली, गुण जान हैरान रह जाएंगे आप फ्धचरेड पोस्ट 'योगीराज' में 'यादवराज' की २४ भर्तियों के साक्षात्कार पर रोक स्लॉटर हाउस बंदी का विरोध, यूपी में सड़क पर उतरा कुरैशी समाज क्स गेट फ़्री लाइफेशैली रिलेटेड उपकेट्स स्ट्राइट इन यूर इनबॉक्स दो नोट डिस्टर्ब बोल्डस्की इन ओदर लैंग्वेएज इंग्लिश एक्सप्लोर बोल्डस्की टूल सौंदर्य फैशन स्वास्थ्य धर्म-दर्शन रिलेशनशिप होम-गार्डन किचन किंग जरा हट के प्रेगनेंसी-पेरेंटिंग ओदर ग्रेय्नियम साइट्स ओनेइंडिया फिल्मिबिट ड्राइवेस्पार्क गिजबॉट गुडरेटर्न्स नेटिव प्लेनत कारीरिंडिया क्लिकिन डावनलोड ओनेइंडिया आप्प गूगल प्ले आप्प स्टोर फॉलो बोल्डस्की डेली उपकेट्स गेट बोल्डस्की अलर्ट्स गेट पुष नोटिफिकेशन्स आबात उस | टर्म्स ऑफ सर्विस | प्रीवासी पॉलिसी | न्युस्लेटर्स | आप्स | र्स | एडवर्टिस वित उस | वर्क फॉर उस | कॉन्टक्ट उस | सायट फिडऐक | सिटमाप ग्रेय्नियम इंफोरमेशन टेक्नोलॉजीस प्वट. लैड. एल राइट्स रिज़र्व. '; |
विरत कोहली | कोहली दशक के ५ सर्वश्रेष्ठ विजडन क्रिकेटरों में, डेल स्टेन और डिलिवियर्स भी शामिल | वेब्दुनिया हिन्दीपुनः संशोधितगुरुवार, २६ दिसंबर २०१९ (१६:३४ इस्ट)लंदन। भारतीय कप्तान विराट कोहली को विजडन क्रिकेट अलमानैक ने ४ अन्य के साथ दशक के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों की सूची में शामिल किया है। कोहली के अलावा दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन और एबी डिलिवियर्स, ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ और महिला क्रिकेट की दिग्गज ऑलराउंडर एलिस पैरी इस सूची में शामिल हैं।कोहली ने पिछले १० साल में किसी भी अन्य बल्लेबाज की तुलना में ५,७७५ अधिक रन बनाए और वे इस दशक के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे। इस ३१ वर्षीय बल्लेबाज को दशक की विजडन टेस्ट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है जबकि वे एकदिवसीय टीम में भी शामिल हैं।विजडन ने लिखा है कि वे प्रतिभाशाली हैं। इंग्लैंड के २०१४ के दौरे के आखिर से लेकर बांग्लादेश के खिलाफ नवंबर में कोलकाता टेस्ट तक उन्होंने ६३ की औसत से रन बनाए जिसमें २१ शतक और १३ अर्द्धशतक शामिल हैं। इसमें लिखा गया है कि वे तीनों अंतरराष्ट्रीय प्रारूपों में कम से कम ५0 की औसत से रन बनाने वाले अकेले बल्लेबाज हैं। यहां तक कि हाल में स्टीव स्मिथ ने भी टिप्पणी की थी कि उनके जैसा कोई नहीं है।विजडन के अनुसार सचिन तेंदुलकर के संन्यास लेने और महेंद्र सिंह धोनी के करियर के अवसान की तरफ बढ़ने के बाद विश्व में कोई भी अन्य क्रिकेटर ऐसा नहीं है, जो हर दिन कोहली जैसे दबाव में खेलता हो।कोहली ने पिछले १ दशक में टेस्ट क्रिकेट में २७ शतकों की मदद से ७,२०२ रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने वनडे में ११,१२५ और टी-२० में २,६३3 रन बनाए। उनके नाम पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ७0 शतक दर्ज हैं और वे केवल तेंदुलकर (१०0) और रिकी पोंटिंग (७१) से पीछे हैं।इक टेस्ट रैंकिंग में भारत की बल्ले-बल्ले, विराट के साथ टीम इंडिया भी नंबर १सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर सूचीविजडन क्रिकेटरएबी डिलिवियर्सएलिस परी विराट कोहलीबेस्ट क्रिकेटर लिस्ट |
एक इंद्रधनुष के साथ लैंडस्केप सावरसोवअसामान्य तस्वीर। यह ऐसा था जैसे इसे किसी अन्य कलाकार द्वारा बनाया गया था, ऐसा लगता है कि हर कोई जो इसे पहली बार देखता है, उसमें यह भावना है। लैंडस्केप मास्टर ने बार-बार इंद्रधनुष लिखा, यह देखकर अच्छा और दैवीय पक्ष का पूर्वाभास हो गया। इस काम में, प्रकृति की सनक अंधेरे के माध्यम से एक दिव्य प्रकाश की तरह लग रही है, दुनिया के लिए आशा लाने के लिए एक गूंगे बादल की बाड़ को तोड़कर कि तूफान जल्द ही शांत हो जाएगा।.अभी भी परिदृश्य का आधा हिस्सा कठोर मौसम का प्रभुत्व है। सफेद पक्षी संचित नमी से काले बादलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ भागते हैं। एक बहुरंगा प्रकाश इंद्रधनुष पहले से ही भयानक आकाश को विच्छेद कर चुका है। परिदृश्य का दूसरा हिस्सा प्रकाश और शांति के साथ आंख को प्रसन्न करता है। सब कुछ मिट गया, शांत हो गया, विलीन हो गया। बारिश से भरे मार्ग जल्द ही सूख जाएंगे, सद्भाव शासन करेगा। काम की अशिष्ट प्रकृति तात्कालिक, क्षणिक की भावना पैदा करती है। लेखक प्रबंधित "पकड़" दूसरा, अपोजी, मौसम का चरमोत्कर्ष। एक तीव्र विपरीत का उपयोग करते हुए, कलाकार अपने काम में चमक और बहुमुखी भूखंड प्राप्त करता है.पेंटिंग तब बनाई गई थी जब महान गुरु के व्यक्तित्व को अच्छी तरह से जाना जाता था, और उनके काम को कलात्मक रचनात्मकता के एक मॉडल के रूप में पहचाना जाता है। लेकिन माहौल, इस तस्वीर के मूड लेखक के आंतरिक संघर्ष की बात करते हैं। आंतरिक असंतुलन। चित्र को रचनात्मक माना जा सकता है "रोना". एक ओर, निस्संदेह निपुणता के साथ काम किया गया था, दूसरी ओर, यह एक भावनात्मक प्रकोप था, जिसका कलात्मक अवतार लेखक ने बिखरे हुए तत्व में पाया था। इस तरह की भावुकता कलाकार के काम में निहित नहीं है, लेकिन यह काम महान रूसी कलाकार के कठिन और दुखद भाग्य के बारे में बहुत कुछ बता सकता है।. बहादुर जहाज की अंतिम उड़ान विलियम टर्नरटॉवर के साथ शीतकालीन परिदृश्य हेंड्रिक एवरकैंप |
४.४0क // ०३ नोव २०१८, १२:४6 इस्टव्वे क्राउन ज्वेल में खाली पड़ी यूनिवर्सल चैंपियनशिप मुकाबले में ब्रॉक लैसनर ने एकतरफा मैच में ब्रॉन स्ट्रोमैन को हराकर जीत हासिल की। ब्रॉक लैसनर दूसरी बार व्वे यूनिवर्सल चैंपियन बने। इससे पहले ब्रॉक लैसनर ५0४ दिनों तक खिताब अपने पास रख चुके हैं।ब्रॉक लैसनर को यूनिवर्सल चैंपियन बनाने में रॉ के एक्टिंग जनरल मैनेजर बैरन कॉर्बिन का बहुत बड़ा रोल रहा। बैरन कॉर्बिन ने मैच की बैल बजने से पहले ही बैल्ट से ब्रॉन स्ट्रोमैन के सिर के पीछे वार किया। इसके बाद ब्रॉन स्ट्रोमैन रिंग में गिर पड़े और ब्रॉक लैसनर से शुरुआत से ही फायदा उठाया और स्ट्रोमैन को संभलने का जरा भी मौका नहीं दिया। द बीस्ट ने एक के बाद एक पांच फ५ मारकर स्ट्रोमैन को धराशाई किया और रिकॉर्ड दूसरी बार यूनिवर्सल चैंपियनशिप जीती।ज्यादातर लोगों को लग रहा था कि ब्रॉन स्ट्रोमैन के जीतने के चांस हैं लेकिन बैरन कॉर्बिन के धोखे और बीस्ट के घातक वार की वजह से ब्रॉन स्ट्रोमैन को जरा भी संभलने का मौका नहीं मिला। करीब साढ़े तीन मिनट चले मैच में सिर्फ और सिर्फ ब्रॉक लैसनर का ही दबदबा देखने को मिला। ब्रॉक लैसनर ने स्ट्रोमैन को चार फ५ रिंग के अंदर और एक फ५ रिंग के बाहर गिराकर मारा।ब्रॉक लैसनर को अगले साल उल्ल्क फाइट के लिए तैयारी करनी है। इस बात का पता होते हुए भी व्वे ने उन्हें यूनिवर्सल चैंपियन बनाया, अब देखना होगा कि रॉ में क्या होता है।क्राउन ज्वेल में हुए मैचों के रिजल्ट्स पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें |
पढ़िए मेजर शैतान सिंह (मेजर शैतान सिंह) की शौर्य गाथाशैतान सिंह की अगुवाई में १३०० चीनी सैनिकों को १२० जवानों ने मारा, पढ़िए शौर्य की अद्भुत गाथाआज के दिन यानी १८ नवंबर को लद्दाख को बचाने वाले रणबांकुड़े की शहादत हुई थी। महज ३७ साल की उम्र में शहीद होने वाले भारत मां के उस वीर सपूत का नाम है मेजर शैतान सिंह (मेजर शैतान सिंह)। १९६२ की जंग में १३वीं कुमायूं बटालियन की सी कंपनी ने रेजांग ला दर्रे में चीनी सैनिकों का सामना किया था, जिसका नेतृत्व मेजर शैतान सिंह कर रहे थे।साल १९६२ में हुए भारत-चीन युद्ध के दौरान चुशूल सेक्टर में रेजांग ला चौकी पर तैनात भारतीय जवानों ने अपनी बहादुरी की जो मिसाल पेश की थी, वह सदियों याद रखी जाएगी। १३वीं कुमायूं बटालियन की सी कम्पनी चुशूल सेक्टर में तैनात थी। बटालियन में १२० जवान थे, जवानों ने अपने सीमित हथियार और गोला-बारूद के साथ चीनी सेना का जमकर मुकाबला किया और सभी सैनिक युद्ध लड़ते हुए शहीद हो गए। इस युद्ध में भाग ले रहे सभी सैनिकों के शव तीन माह बाद बर्फ पिघलने पर मिले थे। १८ नवंबर, १९६२ की सुबह साढ़े चार बजे चीनी सैनिकों ने हमला बोल दिया। मेजर शैतान सिंह (मेजर शैतान सिंह) के नेतृत्व वाली १३ कुमाऊं की एक टुकड़ी चुशुल घाटी की हिफाजत पर तैनात थी।बर्फीले तूफान के बीच भारतीय जवानों के पास सर्दी से बचाव के पूरे कपड़े भी नहीं थे। सत्रह हजार फीट की ऊंचाई वाले इस दर्रे में इतनी अधिक सर्दी पड़ रही थी कि तेज बर्फीली हवा में वहां खड़े रह पाना मुश्किल था। भारतीय टुकड़ी के पास ३००-४०० राउंड गोलियां और १००० हथगोले ही थे। ऊपर से बीच में एक चोटी दीवार की तरह खड़ी थी जिसकी वजह से हमारे सैनिकों की मदद के लिए भारतीय सेना की ओर से तोप और गोले भी नहीं भेजे जा सकते थे। वहीं, चीनी सैनिकों की संख्या दो हजार थी। अब १२० जवानों को अपने दम पर चीन की विशाल फौज और हथियारों का सामना करना था। मेजर शैतान सिंह (मेजर शैतान सिंह) ने वायरलेस पर सीनियर अधिकारियों से बात कर मदद मांगी।सीनियर अफसरों ने कहा कि अभी मदद नहीं पहुंच सकती। आप चौकी छोड़कर पीछे हट जाएं। अपने साथियों की जान बचाएं। मेजर इसके लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने अपनी टुकड़ी के साथ एक मीटिंग की। सिचुएशन के बारे में जानकारी दी और कहा कि अगर कोई पीछे हटना चाहता हो तो हट सकता है लेकिन हम लड़ेंगे। ठंड की वजह से जवानों के शरीर जवाब दे रहे थे। चीन से लड़ पाना नामुमकिन था। लेकिन बटालियन ने अपने मेजर के फैसले पर भरोसा दिखाया। दूसरी तरफ से तोपों और मोर्टारों का हमला शुरू हो गया। मेजर शैतान सिंह (मेजर शैतान सिंह) ने एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हुए अपने जवानों का हौसला बनाए रखा। शीघ्र मदद मिलने की उम्मीद नहीं थी।ऐसे में हमारे जांबाजों ने एक-एक गोली का बहुत सावधानी के साथ उपयोग किया। सुबह से रात हो गई, लेकिन भारतीय जवान डटे रहे। इस दौरान कई गोलियां लगने के कारण मेजर शैतान सिंह (मेजर शैतान सिंह) बुरी तरह से घायल हो गए। मेजर खून से सने हुए थे। दो सैनिक घायल मेजर शैतान सिंह (मेजर शैतान सिंह) को एक बड़ी बर्फीली चट्टान के पीछे ले कर गए। मेडिकल हेल्प वहां मौजूद नहीं थी। इसके लिए बर्फीली पहाड़ियों से नीचे उतरना पड़ता था। मेजर से सैनिकों ने मेडिकल हेल्प लेने की बात की लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने सैनिकों को आदेश दिया कि एक मशीन गन लेकर आओ। मशीन गन आ गई। उन्होंने कहा कि गन के ट्रिगर को रस्सी से मेरे एक पैर से बांध दो।पढ़ें: करम ही धरम, बिहार रेजीमेंट ने अब तक कई बार दुश्मनों के दांत किए खट्टेउनके दोनों हाथ लथपथ थे। उन्होंने रस्सी की मदद से अपने एक पैर से फायरिंग करनी शुरू कर दी। उन्होंने दोनों जवानों से कहा कि सीनियर अफसरों से फिर से संपर्क करो। दोनों सैनिक वहां से चले गए। मेजर वहां लड़ते रहे। इस टुकड़ी के बारे में भारतीय सेना को कुछ पता ही नहीं लग पाया। तीन माह बाद क्षेत्र में बर्फ पिघलने पर एक चरवाहे ने दर्रे में बड़ी संख्या में सैनिकों के शव पड़े होने की सूचना सेना को दी। इस पर सेना की एक अन्य टुकड़ी वहां पहुंची। वहां का दृश्य देख वे सभी हतप्रभ रह गए। उस जगह उनका शव मशीन-गन के साथ मिला। पैरों में अब भी रस्सी बंधी हुई थी। बर्फ की वजह से उनका शरीर जम गया था।उनके साथ उनकी टुकड़ी के ११४ जवानों के शव भी मिले। सभी भारतीय जवान युद्ध की पोजिशन लिए हुए थे। किसी जवान का हाथ बन्दूक के ट्रिगर पर था तो किसी के हाथ में हथगोला। वहीं सामने करीब एक हजार चीनी सैनिकों के शव भी बर्फ में दबे मिले। चीनी सैनिकों के शवों की संख्या के आधार पर अनुमान लगाया गया कि यहां पर कितना भीषण युद्ध हुआ होगा। संख्या बल में कम होने के बावजूद भारतीय जवानों ने अपनी जान की बाजी लगा शत्रु सेना को आगे नहीं बढ़ने दिया। बाकी लोगों को चीन ने बंदी बना लिया था। हालांकि भारत युद्ध हार गया था। लेकिन चीन की सेना का सबसे ज्यादा नुकसान रेजांग ला पर ही हुआ था।पढ़ें: मौत को मात देकर वापस लौट आया चीता, ९ गोलियां लगने के बाद भी छुड़ा दिए दुश्मनों के छक्केचीन के करीब १३०० सैनिक इस जगह मारे गए थे। यह एकमात्र जगह थी जहां भारतीय सेना ने चीनी सेना को घुसने नहीं दिया था। मेजर शैतान सिंह (मेजर शैतान सिंह) के पार्थिव शरीर को जोधपुर स्थित उनके पैतृक गांव ले जाया गया, जहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। मेजर शैतान सिंह भाटी का जन्म १ दिसंबर, १९24 को जोधपुर, राजस्थान में हुआ था। उनका संबंध सैन्य परिवार से था। उनके पिता आर्मी अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल हेम सिंह भाटी थे। उनको १ अगस्त, १९4९ को कुमाऊं रेजिमेंट में कमीशन मिला था। १९६२ के भारत-चीन युद्ध में उनको अपना पराक्रम दिखाने का मौका मिला और उन्होंने साबित कर दिया कि भारतीय सैनिक फौलाद हैं।मेजर शैतान सिंह (मेजर शैतान सिंह) की इस बहादुरी के लिए सरकार ने उन्हें मरणोपरांत देश के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया। वहीं इसी बटालियन के आठ अन्य जवानों को वीर चक्र, चार को सेना मेडल और एक को मैंशन इन डिस्पेच का सम्मान प्रदान किया गया था। इसके अलावा १३ कुमायूं के कमांडिंग अफसर (सीओ) को एवीएसएम से नवाजा था। भारतीय सैन्य इतिहास में कभी भी किसी एक बटालियन को एक साथ बहादुरी के इतने पदक नहीं मिले। बाद में सरकार ने इस कंपनी का नाम रेजांग ला कंपनी कर दिया।प्रेवियस आर्टियल झारखंड: सरायकेला-खरसावां में पुलिस ने चलाया नक्सल विरोधी अभियान, चुनाव के लिए भी लोगों को किया जागरूकनेक्स्ट आर्टियलनक्सली समेत कई अन्य संगठनों पर होगी बड़ी कार्रवाई, केंद्र सरकार ने बनाई नई रणनीति |
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दिल्ली के आश्रम से नौ लड़कियां गायब, २ अधिकारी सस्पेंड - पर्दाफाशहोम क्षेत्रीय दिल्ली के आश्रम से नौ लड़कियां गायब, २ अधिकारी सस्पेंडदिल्ली के आश्रम से नौ लड़कियां गायब, २ अधिकारी सस्पेंडनई दिल्ली। दिलशाद गार्डन स्थित संस्कार आश्रम शेल्टर होम से ९ लड़कियां लापता हैं। मामले को लेकर सरकार सख्त है और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुख्य सचिव को वरिष्ठ अधिकारियों को सस्पेंड करने का निर्देश दिया है। उपमुख्यमंत्री ने नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के महिला और बाल विकास विभाग के अफसर और आश्रम के सुपरिंटेंडेंट को सस्पेंड कर दिया। जीटीबी एनक्लेव पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।९ गर्ल्स हवे गोने मिसिंग फ्र्म संस्कार आश्रम शेल्टर होम इन दिलशाद गार्डन :ये लड़कियां मानव तस्करी और बड़े पैमाने पर यौनशोषण की शिकार थीं। माना जा रहा है कि अवैध तरीके से वेश्यावृत्ति का धंधा चलाने लोगों ने उन्हें अगवा किया होगा। दिल्ली सरकार गृहमंत्रालय ने इस मामले में विस्तृत जांच की बात कही है।गौरतलब है कि इससे पहले बिहार के मुजफ्फरपुर में भी शेल्टर होम में लड़कियों के उत्पीड़न का मामला सामने आया था। ऐसे में दिल्ली स्थित शेल्टर होम से ९ लड़कियां गायब होना किसी अनहोनी की दस्तक हो सकता है।नई दिल्ली। दिलशाद गार्डन स्थित संस्कार आश्रम शेल्टर होम से ९ लड़कियां लापता हैं। मामले को लेकर सरकार सख्त है और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुख्य सचिव को वरिष्ठ अधिकारियों को सस्पेंड करने का निर्देश दिया है। उपमुख्यमंत्री ने नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के महिला और बाल विकास विभाग के अफसर और आश्रम के सुपरिंटेंडेंट को सस्पेंड कर दिया। जीटीबी एनक्लेव पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जय हिंद ने इस घटना पर रोष जताते हुए मामले की जांच क्राइम ब्रांच से कराने की मांग की है। मामला एक दिसंबर की रात का है। दिलशाद गार्डन स्थित संस्कार आश्रम से ९ लड़कियां गायब हो गईं। आश्रम के अधिकारियों को बच्चियों के गायब होने की जानकारी तक नहीं लगी। दो दिसंबर की सुबह इस बारे में पता चला। इस मामले में जीटीबी एनक्लेव पुलिस थाने में २ दिसंबर को एक एफआईआर दर्ज की गई।ये लड़कियां मानव तस्करी और बड़े पैमाने पर यौनशोषण की शिकार थीं। माना जा रहा है कि अवैध तरीके से वेश्यावृत्ति का धंधा चलाने लोगों ने उन्हें अगवा किया होगा। दिल्ली सरकार गृहमंत्रालय ने इस मामले में विस्तृत जांच की बात कही है।गौरतलब है कि इससे पहले बिहार के मुजफ्फरपुर में भी शेल्टर होम में लड़कियों के उत्पीड़न का मामला सामने आया था। ऐसे में दिल्ली स्थित शेल्टर होम से ९ लड़कियां गायब होना किसी अनहोनी की दस्तक हो सकता है।९ लड़कियां लापताशंकर आश्रम दिलशाद गार्डनदिल्ली शेल्टर होमशंकर आश्रम दिलशाद गार्डेनपिछला लेखजमीनी विवाद में जलाई गई थी साध्वी कोयल, इलाज के दौरान मौतअगला लेखदो वर्ल्ड कप फाइनल के हीरो रहे गौतम गंभीर का क्रिकेट से सन्यास |
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मधेपुरा शहर में कोचिंग संचालक ने कोचिंग मे पढ़ने वाली छात्रा का जबरन किया यौन शोषण, छात्रा दो माह की गर्भवती - मधेपुरतिमेशोमे / मधेपुरा / मधेपुरा शहर में कोचिंग संचालक ने कोचिंग मे पढ़ने वाली छात्रा का जबरन किया यौन शोषण, छात्रा दो माह की गर्भवतीमधेपुरा टाइम्स जुलाई ३०, २०१८ - मधेपुरामधेपुरा में एक कोचिंग संचालक ने गुरू शिष्या के रिश्ते को तार-तार करते हुए दो महीने तक १३ साल की एक नाबालिग छात्रा को धमका कर किया यौन शोषण ।छात्रा के गर्भवती होने पर घर वालो को चला पता तो पिता ने सदर थाना मे आवेदन देकर पूरे मामला को उजागर किया। सूचना मिलते ही कोचिंग संचालक कोचिंग छोड़कर हुआ फरार । दूसरी ओर पुलिस ने पीडि़ता को मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल ले जाना चाह, जिसपर पीडि़ता के परिजनो ने यह कहकर हंगामा शुरू कर दिया मेडिकल जांच मे डाक्टर गड़बड़ी कर सकते हैंउन्होंने सड़क जाम कर दिया लेकिन मौके उच्चाधिकारी के समझाने पर जाम समाप्त हुआ ।मधेपुरा शहर के वार्ड नं. १३ निवासी छात्रा के पिता ने सदर थाना मे आवेदन देकर कहा कि उनकी सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग १३ वर्षीया पुत्री की कुछ सहेली मेरे घर के पड़ोस में संचालित मधेपुरा इंफोटेक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ती थी. पुत्री ने कोचिंग में इंग्लिश स्पीकिंग पढ़ने की इच्छा जताई । पुत्री की इच्छा पर मार्च १८ को कोचिंग संचालक सुनील कुमार दास से मिलकर प्रति माह ५०० रूपये ट्यूशन फीस पर पुत्री का नामांकन करा दिया और छात्रा को नियमित कोचिंग क्लास भेजना शुरू कर दिया ।इसी बीच पत्नी ने बताया कि पुत्री को पिछले दो माह से मासिक धर्म नहीं हो रहा है तो २८ जुलाई को पुत्री को एक महिला डॉक्टर से दिखाया और वह जांच की तो बताया कि वह दो महींने की गर्भवती है । जब इस बावत पुत्री से पूछताछ किया तो उसने बताया कि पिछले दो महीने से जबरन कोचिंग संचालक सुनील सर मेरे साथ बलात्कार कर रहा था. साथ ही धमकी देता था कि किसी को बताया तो तुम्हारे भाई को उठा लेंगे. इसी भय से घटना की जानकारी किसी को नही दिया।उन्होने कहा कि घटना को लेकर कोचिंग संचालक से फोन से सम्पर्क किया और घटना की जानकारी दी तो वह फोन काट दिया और फरार हो गया ।सदर थानाध्यक्ष के० बी० सिंह ने बताया कि छात्रा के पिता ने घटना को लेकर आवेदन दिया है. मामला महिला का है, आवेदन को महिला थाना के थानाध्यक्ष को दिया गया । महिला थाना तत्काल पीडि़ता को लेकर जांच के सदर अस्पताल ले गयी है । आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की गयी लेकिन कोचिंग संचालक कोचिंग सेन्टर बंद कर फरार हो गया है।महिला थाना के अध्यक्ष ललितेश्वर पांडेय ने बताया कि केश दर्ज कर लिया गया है, पीडि़ता का मेडिकल जांच कराया गया. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की गयी, आरोपी फरार है.मधेपुरा शहर में कोचिंग संचालक ने कोचिंग मे पढ़ने वाली छात्रा का जबरन किया यौन शोषण, छात्रा दो माह की गर्भवती रेवीव्द बाय मधेपुरा टाइम्स ऑन जुलाई ३०, २०१८ रेटिंग: ५ |
मैम्प लखन रीधी किशोर गौड़ मोतीवेटिंग पेओपल फॉर वाटर कंजर्वेशनसामाजिक चेतना यूं ही नहीं आती, उसे जगाना पड़ता है। सरोकारों के प्रति सजगता व्यक्ति की कर्तव्यनिष्ठा को बयां करती है। गोमती को हम गोमा कहते हैं, पर हमारी उपेक्षा से उनका जीवन खतरे में पड़ गया है। हम जिस प्रकृति की गोद में वास करते हैं, उसका क्षरण करने में भी बेपरवाह हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने का जिम्मा शहर के युवा ऋद्धि किशोर गौड़ ने उठाया है। वह न किसी से चंदा लेते हैं न ही प्रशासनिक मदद। बस, जनता के श्रम और सहयोग से मिशन को मुकाम तक पहुंचाने में जुटे हैं, ताकि शहर को प्राकृतिक संपदा से समृद्ध बना सकें।राजधानी के चौपटिया निवासी ऋद्धि अपने जीवन के ४३ बसंत देख चुके हैं। वह शहर में सात वर्षों से भोजन की कैंटीन चलाते हैं। पिता राम किशोर गौड़ की प्रेरणा से जल व पर्यावरण संरक्षण से जुड़े। ३० वर्ष की आयु में साथियों के सहयोग से गोमती नदी के संरक्षण की मुहिम शुरू की। कुड़िया घाट की साफ-सफाई के साथ रोजाना शाम को गोमा की आरती शुरू करायी। जल संरक्षण के लिए पुराने लखनऊ में संदोहन देवी कुंड व कुंओं का जीर्णोद्धार कराया। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं, साथ ही भूजल श्रोतों को पुनर्जीवित भी कराते हैं।गरीबों का मददगार बना रोटी-कपड़ा बैंकऋद्धि किशोर सामाजिक सरोकारों के इतर गरीबों के उत्थान के लिए भी काम करते हैं। वर्ष २०१४ में उन्होंने रोटी कपड़ा बैंक की स्थापना की। यह बैंक लोगों से वस्त्र जमा कराता है और हर गुरुवार गरीबों की बस्ती में जरूरतमंदों का बांटता है। आर्थिक सहयोग किसी से नहीं लेते। वह भिखारियों को भीख के रूप में पैसे न देकर उन्हें भोजन मुहैया कराते हैं। सीजन में अनाज इकट्ठा करते हैं और समय-समय पर गरीबों में बांटते हैं।बनवाते हैं विसर्जन कुंड, ताकि प्रदूषित न हों गोमागोमती नदी में प्रति वर्ष हजारों मूर्तियों का विसर्जन कराने से प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है। ऋद्धि हमेशा से इसके खिलाफ रहे। कोर्ट के निर्देश के बावजूद नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन होता रहा और प्रशासन मूक दर्शक बना रहा। इस स्थिति में वह साथियों के संग आगे आए और नदी किनारे कच्चे विसर्जन कुंड बनवाए। उनकी अपील को लोगों ने सुना और अब अधिकांश श्रद्धालु उसी कुंड में प्रतिमाओं का विसर्जन करने लगे हैं। वह अब मंदिरों में अभिषेक के लिए उपयोग होने वाले जल का संचयन करने की कवायद में जुटे हैं। इसके लिए मंदिरों के बगल ही वाटर टैंक बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस जल को पौधों की सिंचाई और अन्य कार्यों में उपयोग किया जाएगा।चुनौतियां: किया विरोध का सामना, फिर भी डटे रहेकुड़िया घाट पर गोमती आरती कराने के निर्णय पर कुछ लोग विरोध में खड़े हो गए थे। पहली बार शुरू हुई गोमा की आरती बंद होने के आसार दिखने लगे। विरोधियों ने माइक के तार काट दिए। थाने में उनके और साथियों के खिलाफ तहरीर दी। पूछताछ के बाद मौके पर पुलिस ने जांच की। जन सहयोग को देखते हुए आरती कराने की अनुमति मिल गई। कहते हैं, सामाजिक कार्यों का विरोध तो होता ही है। पर, अच्छे लोगों के जुड़ने से काम आसान होता गया।सुझाव- ये हो तो बने बातगोमती में २७ नाले गिर रहे हैं, जो प्रदूषण का प्रमुख कारण हैं। इन्हें बंद कराया जाना चाहिए।नदी की स्वच्छता के लिए सरकारी स्तर पर ठोस प्रयास हो। जन सहयोग से अभियान चलाया जाए।भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए नदी, कुआं, तलहटी और तालाबों में जल संचयन के प्रयास हों।गांवों में मनरेगा से तालाब खुदवाए जाते हैं, लेकिन अगले वर्ष वजूद मिट जाता है। इसके लिए ठोस योजना बने।पर्यावरण संरक्षण के लिए हरित पट्टियां विकसित की जाएं। पेड़ों की कटान पर रोकथाम लगे।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नदियों को जोड़ने की पहल की थी, इसे हकीकत में होना चाहिए।# लखनऊ में आधारभूत सुविधायें# लखनऊ इंफ्रास्ट्रक्चर# ऋद्धि किशोर गौड़ |
आज गौर चौराहे पर पं अमन शुक्ला पं राजन त्रिपाठी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा बस्ती नवनियुक्त जिला अध्यक्ष शिवांशु मिश्रा को बनाए जाने पर - स्वतंत्र प्रभात मीडियास्वतंत्र प्रभात बस्तीआज गौर चौराहे पर पं अमन शुक्लाऔर पं राजन त्रिपाठी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चाबस्ती नवनियुक्त जिलाध्यक्ष शिवांशु मिश्रा को बनाये जाने पर हम मित्रों द्वारा एक दूसरे को मिठाई खिला कर एक दूसरेको बधाई दिया पं अमन शुक्ला और पं राजन त्रिपाठी ने कहा युवा मोर्चा जिला ध्यक्ष बनाये जाने पर पार्टी की मजबूती मिली है लएवं युवाओ को नई शक्ति मिली है इस मौके पर अदित्य रंकज प्रांजल पं राजन दीपक अनुराग नबाब पंकज उपेन्द्र गौतम कप्तान हरी अजय आदर्श गोपाल शिवम सुशील विनोद हरिश्चंद्र विपिन अन्य मित्रों के साथ खुशी का इजहार कियाटैग्स: एक की मौत देव मनी द्विवेदी सौचालयैंडिया बछरावण बारिश से धन की फसल जलमग्न अकबर पूर उन्नाओकीबदिखबर ट्रेन से मौत खबर इंडिया न्यूज न्यूज नत्व र्टोकाउचकनीरीक्षण घर मे कलाह सुतंत्र प्रभात रेबरेली सरेनी बिधायक ने किया उदघटन गॉव सफाई आभियान बाल्लिया मातदाताप्राथमिक विद्यालय में हुई चोरी प्रधानाध्यापक ने पुलिस को दी तहरीरपुष्पेंद्र पांडे ने वृक्षारोपण कर मनाया अपना जन्मदिनकादीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरीब्रेकिंग-थाना मड़ियांव के अंतर्गत छोटा हाथी डाला ने स्कूटी सवार युवक से को मारी जोरदार टक्कर६ पशु तस्करो को पुलिस ने किया गिरफ्तारलोक निर्माण विभाग दो दिन के अंदर गढढा मुक्त सड़के की सूची कराये उपलब्धहिंदू युवा वाहिनी (भारत) के कार्यकर्ताओं ने ५ अगस्त को होने वाले कार्यकर्ता महासम्मेलन को लेकर किया बैठक"कैम्पेन कल्पना" मिशन के तहत किया नवजात बेटी के परिवार को सम्मानितरायबरेली जिले में बढ़ता जा रहा जहरीली अवैध कच्ची शराब का कारोबारअध्यक्ष सुभाष चंद्र द्विवेदी को पत्रकार पत्र वितरक सामंजस्य समिति का सदस्य मनोनीत किए जाने पर वितरको ने दी बधाई किया स्वागत व सम्मानितबैंक मे रुपये जमा करने गये व्यापरी के झोले मे ब्लेेड मार टप्पेबाज ने पार किये ७७ हजार ६00 रूपयेदीपोत्सव को देखकर मुख्य सचिव एवं डीजीपी ने की अयोध्या का दौरा |
उत्तर प्रदेश चुनाव में अब प्रियंका गांधी लगाएंगी नैया पार ? - इंखबरउत्तर प्रदेश चुनाव में अब प्रियंका गांधी लगाएंगी नैया पार ?उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की कुछ कर गुजरने की छटपटाहट तेज होती जा रही है. सूत्रों से खबर है इसी मकसद को हासिल करने के लिए कांग्रेस अब प्रियंका गांधी को चुनावी कमान देने की तैयारी में है.जुलाई ४, २०१६,नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की कुछ कर गुजरने की छटपटाहट तेज होती जा रही है. सूत्रों से खबर है इसी मकसद को हासिल करने के लिए कांग्रेस अब प्रियंका गांधी को चुनावी कमान देने की तैयारी में है.प्रियंका की पार्टी में हैसियत क्या होगी, नतीजे अगर कांग्रेस के पक्ष में रहे तो क्या प्रियंका कोई पद लेंगी या नहीं ? इन सवालों पर तो फिलहाल पर्दा ही पड़ा है लेकिन ये तय हो गया है कि प्रियंका इस बार अमेटी और रायबरेली से आगे निकल पूरे यूपी में कांग्रेस की खेवनहार बनेंगी.बताया जा रहा है कि प्रियंका करीब १५० सीटों पर प्रचार की जिम्मेदारी संभालेंगी. इंडिया न्यूज की खास पेशकश में देखिए स्टार प्रचारक के आगे प्रियंका का क्या रोल है ? और यूपी चुनाव में अब प्रियंका लगाएंगी नैया पार? |
महत्वपूर्ण सोच, संचार, और विश्लेषणात्मक कौशल का विस्तार करने के लिए डिज़ाइन किया गया, विज्ञान के एक मास्टर विज्ञान-आधारित विषयों की गहन शिक्षा प्रदान क अधिक पढ़ेंमहत्वपूर्ण सोच, संचार, और विश्लेषणात्मक कौशल का विस्तार करने के लिए डिज़ाइन किया गया, विज्ञान के एक मास्टर विज्ञान-आधारित विषयों की गहन शिक्षा प्रदान करता है। आमतौर पर, एमएससी कार्यक्रमों में स्नातक काम की आवश्यकता होती है और डॉक्टरेट कार्यक्रमों के लिए एक शर्त है। क्योंकि वे प्रतिबद्धता और विशेषज्ञता को दर्शाते हैं, एमएससी डिग्री उच्च वेतन देने वाले अवसरों का नेतृत्व कर सकते हैं।शिक्षा में एक ऑनलाइन एमएससी क्या है? आम तौर पर, यह एक स्नातकोत्तर डिग्री है जो छात्रों को शैक्षिक चुनौतियों का विश्लेषण और पता करने के लिए तैयार करती है। कार्यक्रम के प्रतिभागियों को एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य से व्यक्तिगत कक्षा तक लेकर संदर्भों में सिद्धांत, दृष्टिकोण और नीतियों पर विचार हो सकता है। उनकी रुचि के आधार पर, छात्र अध्ययन के एक विशिष्ट क्षेत्र का चयन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, विशेष शिक्षा की डिग्री, विविध शिक्षा आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक कौशल के साथ छात्रों को प्रदान कर सकती है, जबकि शैक्षणिक नेतृत्व में विशेषज्ञता अक्सर प्रबंधन और नेतृत्व गुण विकसित करती है।शिक्षा में एक एमएससी कमाई आम तौर पर कई लाभों के साथ एक शानदार उपलब्धि है। अनुसंधान कौशल को सम्मानित करके, शैक्षिक सिद्धांतों के अपने ज्ञान को व्यापक बनाने, और प्रासंगिक नीतियों को डिजाइन और कार्यान्वित करने के लिए सीखना, छात्रों को आमतौर पर जटिल शैक्षिक मुद्दों से निपटने के लिए सुसज्जित हैं। कई बार, एक ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लेने से छात्रों को लचीलेपन और कम लागत के साथ अपने लक्ष्यों को पूरा करने की अनुमति मिलती है।मास्टर कार्यक्रम शिक्षा कार्यक्रमों में पूरा होने के लिए १-४ साल लगने के लिए आम है। विशिष्ट लागत संस्था द्वारा बदलती हैं सबसे सटीक जानकारी के लिए, भावी छात्रों को उस स्कूल से संपर्क करना चाहिए, जिसमें वे भाग लेना चाहते हैं।स्नातक स्कूल प्रशासन, उच्च शिक्षा, या निजी क्षेत्र में रोजगार मिल सकता है। वे विश्वविद्यालय के स्तर पर पढ़ सकते हैं, पाठ्यपुस्तकों के लिए पाठ्यक्रम लिख सकते हैं, निजी या सार्वजनिक स्कूल के प्रिंसिपल के रूप में काम कर सकते हैं, या शैक्षणिक नीति विकसित कर सकते हैं।जो लोग कक्षा में रहने की इच्छा रखते हैं, वयस्क शिक्षक, विशेष शिक्षा शिक्षक, या पढ़ना विशेषज्ञ के रूप में काम करने के अवसर भी संभावनाएं हैं।शिक्षा में एक ऑनलाइन एमएससी कमाई कई पेशेवर और व्यक्तिगत अवसरों के लिए दरवाजा खोल सकते हैं अधिक जानने के लिए, नीचे अपने कार्यक्रम की खोज करें और सीसा फार्म भरकर अपनी पसंद के विद्यालय के प्रवेश कार्यालय से सीधे संपर्क करें।विशेष शिक्षा (७) अरो_फॉरवर्डशिक्षण (७) अरो_फॉरवर्डशिक्षा प्रौद्योगिकी (८) अरो_फॉरवर्डशैक्षणिक मनोविज्ञान (१) अरो_फॉरवर्डस्कूल परामर्श (१) अरो_फॉरवर्ड२६ में परिणाम शिक्षानिर्देशक डिजाइन और लर्निंग एनालिटिक्स में ऑनलाइन मास्टर ऑफ साइंस सीखने, निर्देशक डिजाइन और प्रतिभा विकास परियोजनाओं को प्रबंधित करने के लिए विश्लेषणात्मक पद्धतियों के अनुप्रयो ... +निर्देशक डिजाइन और लर्निंग एनालिटिक्स में ऑनलाइन मास्टर ऑफ साइंस सीखने, निर्देशक डिजाइन और प्रतिभा विकास परियोजनाओं को प्रबंधित करने के लिए विश्लेषणात्मक पद्धतियों के अनुप्रयोग और अनुकूलन पर केंद्रित है जो संगठन की प्रभावशीलता को बढ़ाएगा और अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इन कौशल को सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में उच्च शिक्षा या क्षेत्रों की एक श्रृंखला पर भी लागू किया जा सकता है। -डोबे फेरी , युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका +२ अधिक |
कोटा में कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल संचालकों के लिए गाइड लाइन जारी | न्यूज चक्रहोम इंडिया कोटा में कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल संचालकों के लिए गाइड लाइन जारीदबाव रहित शैक्षिक माहौल, आवास व भोजन के हों बेहतर इंतजामइधर, उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा-राज्यभर के कोचिंग संस्थानों के लिए बनेगी पॉलिसीजिला कलक्टर डॉ. रवि कुमार सुरपुर ने कोटा को आदर्श शिक्षा नगरी बनाने की दिशा में पहल करते हुए विद्यार्थियों को दबाव रहित शैक्षणिक माहौल, बेहतर आवास और भोजन सुविधाएं देने के लिए कोचिंग संस्थान तथा हॉस्टल संचालकों के लिए गाइड लाइन जारी की है। इन दिशा-निर्देशों की पालना के लिए उन्हें तीन सप्ताह का समय दिया गया है। इस बीच कोटा प्रवास पर आए राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि राज्यभर के कोचिंग संस्थानों के लिए पॉलिसी बनाई जाएगी। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।प्रशासन ने विद्यार्थियों पर बढते दवाब एवं आत्महत्या की घटनाओं के कारणों की पड़ताल करने और उनकी रोकथाम के उपाय करने के मकसद से १८ अक्टूबर को कार्यशाला आयोजित की थी। इसमें विभिन्न वर्गों ने अपने विचार रख्ो। इनके आधार पर ही विद्यार्थी हित में प्रभावी कदम उठाने के प्रयास शुरू हुए। इनके आधार पर ही जिला कलक्टर ने कोचिंग एवं हॉस्टल संचालकों के लिए ये दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि दिसम्बर में कोचिंग संस्थान एवं हॉस्टल संचालकों के साथ बैठक का आयोजन कर उनके इंतजामों की समीक्षा की जाएगी।कोचिंग संस्थानों के लिए यह है गाइड लाइन-कोचिंग संस्थानों को अपने शिक्षण परिसरों में व्यावसायिक कॅरियर काउंसलर, मनोविज्ञ/ मनोचिकित्सक की सेवाएं सुनिश्चित करनी होंगी। परामर्श सेवाओं में वांछित गुणवत्ता हो । हर वो बच्चा जिसे परामर्श की जरूरत हो, उसे पूरे मनोयोग के साथ हर स्तर पर व्यापक परामर्श मिले।-प्रवेश से पहले और कोर्स के बीच में समय-समय पर आवश्यक तौर पर सभी प्रवेशार्थियों को उनके अभिभावकों के साथ परामर्श दिया जाए। इस परामर्श में विद्यार्थी के स्तर और उसके लक्ष्य को केन्द्रित करते हुए वास्तविक आंकलन किया जाए। अन्य कॅरियर विकल्पों की भी जानकारी दी जाए। जिससे खुद को प्रवेशित पाठ्यक्रम के अनुसार योग्य नहीं पाने पर विद्यार्थी अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सके।-कोचिंग संस्थान सभी बच्चों को प्रवेश देने की बजाय स्क्रीनिग टेस्ट लेने की अनिवार्यता करे। उसके परिणाम स्पष्ट बताए जाएं। इसके अलावा सभी ऐसे संस्थानों में निश्चित अवधि में बैचों का पुनर्मूल्यांकन भी करना होगा। ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि एक बैच में एक जैसे स्तर के विद्यार्थी हों, ताकि किसी में हीनता की भावना ना आने पाए।-बैचों का आकार छोटा हो ताकि शिक्षक के साथ सीधा सम्पर्क रहे और विद्यार्थी एकाग्र होकर सीख सके।-रविवार को अनिवार्यतया साप्ताहिक अवकाश रखा जाए। इसमें एक्स्ट्रा क्लास या टेस्ट जैसी एक्टिविटी नहीं हो। यह व्यवस्था तुरंत लागू की जाए।-आध्यात्मिक क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठित संस्थाओं के सहयोग से ध्यान शिविर, सेमिनार, वर्कशॉप जैसे आयोजन नियमित तौर पर हों। ऐसी संस्थाएं भी इस तरह के निशुल्क आयोजनों के लिए आगे आएं। विद्यार्थियों के आयुवर्ग के हिसाब से मनोरंजनात्मक एवं मोटिवेशनल गतिविधियों का भी समावेश किया जाए। जिला प्रशासन ऐसी रचनात्मक पहल में हमेशा सहयोग के लिए तत्पर है।-जिन संस्थानों से हॉस्टल भी सम्बद्ध हैं, वे नियमित तौर पर इन हॉस्टलों का निरीक्षण कर भोजन व रिहायश व्यवस्था की जांच करें। विभिन्न प्रांतों के बच्चों को अपने क्षेत्र का भोजन समय-समय पर मिले, ऐसे प्रयास भी हों।-प्रवेश के साथ ही एक मुश्त फीस लेने की बजाय किश्तांे में फीस लेने और कोर्स छोड़ कर जाने की स्थिति में फीस वापसी या आवश्यक कटौती के साथ राशि लौटाने जैसी व्यवस्था विद्यार्थी हित में सुनिश्चित की जाए। जिससे यह मुद्दा विद्यार्थियों और अभिभावकों के मानसिक दवाब और परेशानी का कारण न बने।-अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों पर निगरानी रखी जाए। उन पर विशेष ध्यान देते हुए उनकी मानसिक स्थिति का अध्ययन कर उन पर पूरा ध्यान दिया जाए।हॉस्टल संचालक अतिथि देवो भव: की भावना से कार्य करेंजिला कलक्टर ने हॉस्टल संचालकों को प्रेषित पत्र में अपील की है कि मानवीय सरोकारों सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया: एवं अतिथि देवो भव: की भावनाओं से ओतप्रोत हो कर कोटा को आदर्श शिक्षा नगरी का रूप दिया जाए।कुछ समय से यहां विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों में मानसिक अवसाद में आत्महत्या करने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसी प्रवृत्तियों के पीछे अध्ययन का दबाव व अत्यधिक तनाव सहित कुछ हॉस्टल में अनुकूल सुविधाएं नहीं होना, भोजन उचित दरों पर व गुणवत्ता पूर्ण नहीं मिलना भी कारण होते हैं। विद्यार्थियों को व्यवस्थित अध्ययन एवं सुगम रहवास की सुविधा देने में होस्टल संचालकों की अहम भूमिका है ।यहां उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न भागों से विद्यार्थी कोटा में आकर अपने परिवार से दूर रहते हैं। इनके अध्ययन में अपना पूरा सहयोग करना वांछनीय है। मुख्य रूप से गुणवत्तापूर्ण भोजन एवं साफ व स्वच्छ रहवास उचित दरों पर उपलब्ध करवाना मुख्य दायित्व है। जिला कलक्टर ने हॉस्टल संचालकों द्बारा रहवास की एवज में लिए जा रहे शुल्क के संबंध में यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि सीमित समय के लिए ही अग्रिम फीस ली जाए। रिफंड करते समय कटौती अत्यन्त सांकेतिक हो, जिससे विद्यार्थी व अभिभावकों का जिले के प्रति विश्वास रहेगा। इन परिस्थितियों के मद्देनजर जिला प्रशासन ने हॉस्टल संचालकों से अपेक्षा कि है कि कोटा शहर के शिक्षा जगत में बने स्थान को बनाए रखने के लिए विद्यार्थियों को अच्छा भोजन एवं रहने की आदर्श परिस्थितियां, अन्य सुविधाएं उचित दरों पर उपलब्ध कराएं। जिससे कोटा का नाम देश में आदर्श शिक्षा नगरी के रूप में स्थापित हो सके तथा अतिथि देवो भव: के गुणों का आदर्श उदाहरण हम प्रस्तुत कर सकें।हर पहलू का अध्ययन कर बनाएंगे प्रदेश के लिए नियमराज्य में कोचिंग संस्थानों के लिए गाइड लाइन तैयार करने के लिए हर पहलू का अध्ययन किया जाएगा। इसमें कोटा के कोचिंग पैटर्न के अलावा अन्य राज्यों में कोचिग संस्थानों के लिए बने हुए नियमों का अध्ययन भी किया जाएगा। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ ने गुरुवार को कोटा यात्रा के दौरान यह जानकारी दी।सराफ ने कहा कि सरकार ऐसे नियम बनान चाहती है जिन्हें बार-बार बदलना न पड़े न ही उनका विरोध हो। विद्यार्थियों पर पढ़ाई का दबाव तो होता है, इसलिए कोचिंग संस्थानों में तनाव मुक्त शिक्षा दी जानी चाहिए।यह अलग बात है कि उनमें तनाव के कारण पढ़ाई के अलावा अन्य भी हो सकते हैं। इसीलिए इस संबंध में गाइड लाइन बनाते समय मनोवैज्ञानिकों से भी चर्चा की जाएगी। प्रमुख शासन सचिव को इस संबंध मं निर्देश दे दिए गए हैं। कोटा कलक्टर से भी रिपोर्ट मांगी गई है। सराफ ने यह नहीं बताया कि गाइड लाइन कब तक तैयार हो जाएगी।अब विद्यार्थियों के लिए भी होगी बायोमेट्रिक्स मशीनउच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में स्टाफ की उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक्स मशीन लगाई गई है। इसी प्रकार अब विद्यार्थियों की उपस्थिति भी इससे दर्ज करने की व्यवस्था की जाएगी।जयपुर में खुलेगी स्किल यूनिवर्सिटीसराफ ने बताया कि राज्य सरकार ने जयपुर में स्किल यूनिवर्सिटी स्थापित करने का निर्णय ले लिया है। यह यूनिवर्सिटी पीपीपी मोड पर होगी। २०१६-१७ में नए कॉलेज शुरू करने के लिए भी तारीख्ों तय कर ली गई हैं। इनके लिए ३१ अक्टूबर तक आवेदन लिए जाकर ३१ मार्च तक इनका निस्तारण कर दिया जाएगा।कोटा में कोचिग स्टूडेंट्स के सुसाइड के बढ़ते मामलों पर राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एचआर कुड़ी ने जिला कलक्टर व एसपी को नोटिस जारी किया है। इसमें हाल में ही हुई आत्महत्याओं के बारे में तथ्यात्मक जानकारी व कारण बताने को कहा है।महिला आयोग भी देगा नोटिसराज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा ने भी अपने कोटा प्रवास के दौरान यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृति को चिंताजनक बताया। साथ ही कहा कि आयोग इस संबंध म्ों प्रसंज्ञान लेकर कोचिग संचालकों को नोटिस जारी करेगा। विद्यार्थियों में तनाव कम करने के लिए प्रति माह माता-पिता, विद्यार्थियों और कोचिग शिक्षकों की काउंसलिग किए जाने की भी उन्होंने आवश्यकता बताई।प्रेवियस आर्टियलआबादी क्षेत्र में अब नहीं काटी जाएगी फार्म हाउस योजना- राजावतनेक्स्ट आर्टियलविद्यार्थियों से भरी बस पलटने सहित तीन बड़े सड़क हादसे, ३८ घायलपापा अपना तो कोई दुश्मन नहीं है, फिर कैसा डर..कहता था वो, उसी को...एडीटर इन चीफ - मार्च २२, २०१६बैग में भरकर लाया लाखों की पुरानी करेंसी, जयपुर पुलिस ने धराएडीटर इन चीफ - अप्रैल ८, २०१६ |
भूतान रॉयल बेबी रेनकार्नेशन स्टोरी रिलेटेड तो नालंदा | इंटरनेशनल न्यूज इन हिन्दी - दैनिक भास्कर हिन्दी न्यूज | १३०० साल पुरानी है पुनर्जन्म की ये कहानी, सच जानकर भी नहीं होगा यकीन१३०० साल पुरानी है पुनर्जन्म की ये कहानी, सच जानकर भी नहीं होगा यकीनदैनिक्भास्कर.कॉम | लास्ट मोडीफीड - फेब १३,२०१८ ७:२० प्म इस्टइंटरनेशनल डेस्क. पुनर्जन्म की बात में कोई सच्चाई है या नहीं? ये कहना बहुत मुश्किल है। आमतौर पर पुनर्जन्म की जो कहानियां सामने आती रही हैं, वो १०० साल या उसके आस-पास की होती हैं। पर भूटान के शाही परिवार के राजकुमार की ये कहानी १३०० साल से ज्यादा पुरानी है। ४ साल के प्रिंस जिग्मी जिग्तेन आंग्चुक ने दावा किया कि उसने पिछले जन्म में प्राचीन नालंदा यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी। पिछले साल वो अपने परिवार के साथ नालंदा घूमने भी आए थे। भूटान प्रिंस का भारत कनेक्शन...- इस कहानी की शुरुआत तब हुई जब भूटान के प्रिंस जिग्मी ने एक साल की उम्र में थोड़ा-बहुत बोलना शुरू किया था। तब वो नालंदा विश्वविद्यालय का नाम लेते थे।- प्रिंस जब थोड़े बड़े हुए तो और बातें सामने आने लगीं। उन्होंने दावा किया पिछले जन्म में उन्होंने नालंदा से पढ़ाई की है।- इन दावों और बातों को जांचने-परखने के लिए पिछले साल उनका परिवार भारत भी आया था। वो अपनी मां और दादी यानी राजमाता दोजी आंग्मो के साथ यहां आए थे।- महज तीन साल की उम्र में वो नालंदा विवि में पहुंचते ही उनकी अजीबोगरीब एक्टिविटीज शुरु हो गईं। वो खुद-ब-खुद वहां की जगहों के बारे में बताने लगा।पहचान लिया था अपना क्लास रूम- वहां का दौरा करने के बाद राजमाता ने भी बताया था कि नालंदा पहुंचते ही जिग्मी वहां के खंडहरों को दौड़-भागकर देखने लगा। उसने अपने क्लास रूम तक के बारे में बता दिया।- प्रिंस जिग्मी आठवीं सदी पूर्व में जन्मे थे। उस दौर में उनका नाम विरोचना था और उन्होंने नालंदा विश्वविद्याल से पढ़ाई की थी।- राजमाता ने बताया था कि जिग्मी ने उन लोगों से नालंदा के स्तूप से लेकर हर चीज का जो आकार और संरचना बताई थी, वो यहां आने के बाद वैसे ही निकली।- जिग्मी ने शाही परिवार को अपने पिछले जन्म की जितनी भी बातें बताई थीं, वो सब नालंदा आने के बाद बिल्कुल सच निकलीं।आगे की स्लाइड्स में देखें भूटान के शाही परिवार की फोटोज... |