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लाइव न्यूज: अगर आपसे कोई ये कहे कि एक १६ साल की लड़की पेट में पल रहे बच्चे का पिता एक १२ साल का बच्चा हैं तो शायद आप यकीन न करें।
जी हां हाल ही में मध्य प्रदेश के रीवा में सोहागी थानाक्षेत्र के सोनवर्षा गांव में एक बड़ा चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक १६ साल की लड़की थाने पहुंची और उसने पुलिस को अपने ६ माह की प्रेग्नेंसी बात बताई। उसका कहना था कि उसके साथ एक रेप हुआ है। इस पर पुलिस ने जब रेपिस्ट का नाम पूछा तो पता चला कि एक १२ साल के बच्चे ने उसके साथ रेप किया है।
ऐसे में उसके बच्चे का बाप भी वही छोटा बच्चा है। यह सुनकर पुलिस हैरत में पड़ गई। लड़की का कहना था कि उस लड़के और उसके घर के अच्छे संबंध हैं। जिससे एक दिन वह शाम को उसके घर गई। इसके बाद वह खाना खाकर रात में वहीं पर सो गई।
इस दौरान सुबह जब उठी तो देखा कि वह लड़का उसके साथ बिस्तर पर लेटा था। इसके बाद से ही वह प्रेग्नेंट हो गई। ऐसे में यह पूरा मामला सुनकर पुलिस ने लड़के के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली। मामले की जांच शुरू हुई और लड़के का मेडिकल टेस्ट कराया गया। इसके बाद और ज्यादा चौकाने वाली सामने आई। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक अभी वह लड़का पिता नहीं बन सकता है। ऐसे में अब पुलिस और लड़की के परिजन हैरान हैं कि आखिर उसके पेट में पल रहे बच्चे का पिता कौन है। वहीं लड़की अपनी बात पर अड़ी है। उसका कहना है कि उसके बच्चे का बाप सिर्फ और सिर्फ वहीं १२ साल का लड़का है। मध्यप्रदेश पुलिस अब इस मामले को दूसरे एंगल से जांच रही है। |
शाहिद कपूर की सुपरहिट फिल्म इश्क-विश्क के सीक्वल में नजर आएंगा ये बॉलीवुड सुपरस्टार!
ले पंगा न्यूज डेस्क, धीरज सैन। हाल ही में शाहिद कपूर की रिलीज हुई फिल्म कबीर खान बॉक्स आफिस पर शानदार बिजनेस कर रही है। कबीर खान में बॉलीवुड के चॉकलेटी अभिनेता शाहिद कपूर ने शानदार एक्टिंग की है। जिसे उनके फैंस काफी पंसद कर रहे है। इसी बीच शाहिद कपूर के फैंस के लिए एक अच्छी खबर नहीं आ रही है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक शाहिद कपूर की २००३ में आई सुपरहिट मूवी इश्क विश्क के सीक्वल में नजर नहीं आएंगे। शाहिद कपूर ने फिल्म इश्क विश्क से ही बॉलीवुड में डेब्यू किया था। जानकारी मिल रही हैं कि जल्द ही इश्क विश्क का सीक्वल बनने की तैयारी है। ऐसे में इस रोमांटिक फिल्म के सीक्वल में शाहिद कपूर नजर नहीं आने वाले है।
मीडिया से मिल रही जानकारी के अनुसार इश्क विश्क के सीक्वल में शाहिद के छोटे भाई ईशान खट्टर अहम भूमिका में नजर आ सकते है। हालांकि अभी इस बात की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल है। बॉलीवुड के जाने माने फिल्म मेकर रमेश तौरानी फिल्म इश्क विश्क का सीक्वल बनाने पर काम कर रहे है।
बता दें कि शाहिद कपूर की हाल ही रिलीज हुई फिल्म कबीर खान ने १०० के क्लब में एंट्री कर ली है। शाहिद के करियर की ये पहली फिल्म है जो १०० करोड़ के क्लब में शामिल हुई है। साथ ही हाल ही में खबर आई है कि कबीर सिंह की सफलता के बाद शाहिद कपूर एक बार फिर साउथ फिल्म के रीमेक में काम करने जा रहे है। तेलुगू सुपरहिट फिल्म अर्जुन रेड्डी की रीमेक है। |
ॐ नमो सत्य नाम आदेश गुरु को,
किसकी बेटी, का तेरो नाम,
कहाँ से उड़ी, कहाँ को जाया,
कहो नज़र कहाँ ते आई,
मेरी बात सुनो चित्त लाय,
जैसी होय सुनाऊँ लाय,
यहाँ की ठौर तोही कौन बताई,
कौन जात तेरो कहाँ धाम,
अबहि बसकर ले तेरी माया,
बोले छल सौं अमृतवानी,
मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति,
इस मंत्र को मंगलवार के दिन बच्चे के माता पिता दोनों में से कोई भी सिद्ध कर सकता हे | महिला मासिक धर्म में होतो मन्त्र उच्चारण न करे तो बेहतर हे | इस मन्त्र को सात बार बोल कर बच्चे के सर सात बार फुक मारे ,मंत्र जाप करने वाले को दक्षिण दिशा की तरफ मुँह कर तेल का दीपक जला कर मंत्र सिध्द करना चाहिए। |
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के ऊपरकोट में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बवाल हो गया है। बताया जा रहा है कि सीएए के विरोध में कुछ लोग जुलूस निकाल रहे थे। खबरों के मुताबिक, इस दौरान कुछ युवकों ने तुर्कमान गेट पर के पास पथराव किया। इसके बाद हलाता तनावपूर्ण हो गए। खबरों में कहा गया है कि कुछ लोगों ने ऊपरकोट कोतवाली पर भी पथराव किया। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं।
बताया जा रहा है कि सीएए के विरोध में शाहजमाल ईदगाह के सामने हजारों की संख्या में महिलाएं और पुरुष जमा हुए थे। प्रदर्शनकारी लगातार नारेबाजी कर रहे थे। ऊपरकोट कोतवाली के सामने भी प्रदर्शनकारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश कर रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस-प्रशासनिक अफसरों के समझाने के बावजूद टकराव के हालात बन रहे हैं।
खबरों के मुताबिक, देहलीगेट और ऊपरकोट थाना क्षेत्र के मुस्लिम इलाकों के सभी बाजार बंद हो गए हैं। करीब १२:३० बजे सब्जी मंडी इलाके के दुकानदारों को भी धरना प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान करते हुए बाजार बंद करा दिया गया था। फिलहाल इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। इलाके में हालात तनावपूर्ण हैं। |
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में १४४ से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट ने कानून पर रोक से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा, अंतरिम रोक के लिए तीन जजों की बेंच आदेश नहीं दे सकती, सिर्फ पांच जजों की संविधान पीठ ही अंतरिम राहत दे सकती है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट में सीएए के खिलाफ दाखिल याचिकाओं की सुनवाई पर भी रोक लगा दी है। सीजेआइ एसए बोबडे, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने असम और त्रिपुरा की याचिकाओं को अलग से सुनने पर सहमति जताई है। कोर्ट ने मामले को पांच जजों की संविधान पीठ को भेजने का भी संकेत दिया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि नई याचिका दाखिल करने पर रोक लगनी चाहिए। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, उत्तर प्रदेश में १९ जिलों में ४० हजार लोगों को संदिग्ध बताकर पुष्टिकरण की प्रक्रिया चल रही है।
क्या यह लोगों में डर पैदा करने के लिए काफी नहीं है, जो प्रक्रिया ७० सालों में नहीं हुई तो क्या उसे मार्च तक टाला नहीं जा सकता। एक अन्य वकील ने कहा कि अगर एक बार एनपीआर में किसी को संदेहजनक बताया गया तो उसका नाम मतदाता सूची से कट जाएगा। यह अल्पसंख्यकों के लिए बडी चिंता है, इस पर कपिल सिब्बल ने भी हामी भरी।
इस तरह रोक ठीक नहीं : सीजेआइ अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, अगर ये लोग इस तरह रोक चाहते हैं तो अलग से याचिका दाखिल करना चाहिए। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि बंगाल और असम विशिष्ट राज्य हैं। सुनवाई आज ही शुरू होनी चाहिए। असम में बांग्लादेशियों का मुद्दा है। इनमें आधे बांग्लादेश से आने वाले हिंदू और आधे मुस्लिम हैं। असम में ४० लाख बांग्लादेशी हैं। इस कानून के तहत आधे ही लोगों को नागरिकता मिलेगी। ये पूरी डेमोग्राफी को बदल देगा, इसलिए सरकार को फिलहाल कदम उठाने से रोका जाना चाहिए।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, पहले ये तय हो कि इसे संविधान पीठ भेजा जाना है या नहीं। हम कानून पर रोक नहीं मांग रहे, लेकिन इस प्रक्रिया को तीन महीने के लिए रोका जाए। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में ३० हजार लोग चुने गए हैं। सिब्बल बोले कि इसी पर फरवरी में कोई तारीख सुनवाई के लिए तय होनी चाहिए। सीजेआइ ने कहा, फिलहाल हम सरकार को अस्थाई नागरिकता देने के लिए कह सकते हैं। हम एकतरफा रोक नहीं लगा सकते।
सीजेआइ ने कहा कि ये अहम है कि क्या हमें ९९ प्रतिशत याचिकाकर्ताओं को सुनना चाहिए और इसके बाद आदेश जारी करना चाहिए। अगर हम केंद्र सरकार व कुछ की बात सुनकर हम आदेश जारी करते हैं तो बाकी याचिकाकर्ता कहेंगे कि हमारी बात नहीं सुनी गई।
मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले को संविधान पीठ को भेजा जाए। सिब्बल ने कहा कि तब तक कुछ माह के लिए इस पर रोक लगा दी जानी चाहिए, जिसका अटार्नी जनरल ने विरोध किया और कहा यह एक तरह का स्टे होगा। सीजेआई ने कहा कि मामला संविधान पीठ को जा सकता है। हम रोक पर बाद में सुनवाई करेंगे।
सुनवाई से पहले कोर्ट नंबर खचाखच था, जिसकी वजह से कोर्ट के तीनों दरवाजे खोलने पड़े। सीजेआइ एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ मामले की सुनवाई में भीड़ के चलते परेशानी हुई। अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि वकील अंदर नहीं आ पा रहे हैं, शांतिपूर्वक माहौल होना चाहिए, कुछ किया जाए। इस पर सीजेआइ ने कहा कि कोर्ट रूम बढ़ती गैरजरूरी भीड़ को काबू करने के लिए व्यवस्था बनानी होगी। इसमें वकील आसानी से आ जा पाएं। |
मुंबईः आज विश्व रक्तदान दिवस है। साल में दो बार क्रमशः १४ जून और १ अक्टुबर को विश्व रक्तदान दिवस और ८ मई को रेड क्रॉस डे के रूप बड़े पैमाने पर में रक्तदान किया जाता है। ये तीनों दिन आम आदमी के लिए महज़ तारिख है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह एक अवसर है, एक त्योहार है। उन में से एक हैं महाराष्ट्र के जलगांव जिला अन्तर्गत चालीस गांव तहसील के रहने वाले दीपक शुक्ला। दीपक शुक्ला एक ऐसे रक्तदाता हैं, जो पिछले ३९ वर्षों से लगातार रक्तदान करते आ रहे हैं और अब तक १32 बार रक्तदान कर चुके हैं।
दीपक शुक्ला की कहानी शुरू होती है साल १९८० से, तब दीपक महज १७ साल के थे और जलगांव जिला अन्तर्गत चालीस गांव के एक स्कूल में कौमर्स संकाय के विद्यार्थी थे। उन दिनों ब्लड डोनेशन के लिए स्कूल में बाहर की संस्थाओं की ओर से कैंप लगाए जाते थे। कैंप लगने की जानकारी पाकर दीपक मन ही मन ब्लड डोनेट करने को लेकर उत्साहित थे और उस दिन का इंतजार कर रहे थे जब वो रक्तदान जैसे महादान में भाग लेते।
साल १९८० की तारिख स्कूल में रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। सभी रक्तदाताओं के साथ दीपक भी शिविर में रक्तदान करने पहुंचे, लेकिन उनका रक्त नहीं लिया जा सका क्योंकि तब उनकी उम्र महज़ १७ साल थी और रक्त देने की कैरेटेरिया को फूलफिल करने के लिए डोनर की उम्र कम से कम १८ साल होनी चाहिए। दीपक उदास हो गए, लेकिन मन से ख़्याल नहीं गया और अपने १८ साल होने का इंतजार करने लगे।
१५ अगस्त १९८१ को स्कूल में फिर से रक्तदान शिविर लगा। दव दीपक १८ साल के हो चुके थे। दीपक उस रक्तदान शिविर में अपनी माँ श्यामा देवी शुक्ला के साथ ब्लड डोनेट करने पहुंचे। माँ और दीपक ने एक साथ पहली बार ब्लड डोनेट किया। रक्तदान करने के बाद दीपक काफी खुश हुए और मन ही मन ये ठान लिया कि वे अब रक्तदान को अपनी जीवनशैली बना लेंगेहो भी वैसा ही रहा है।
३८ साल पहले १८ साल की उम्र से दीपक ने रक्तदान का जो शिलशिला शुरू किया वह आज भी अनवरत जारी है। आज उनके परिवार का हर एक बालिग सदस्य रक्तदाता है। अकेले दीपक जहां १३२ बार रक्तदान कर चुके हैं वहीं उनका पूरा परिवार मिललाकर लगभग ३०० बार से ज्यादा रक्तदान किया जा चुका है। दीपक आगे भी थकते नज़र नहीं आ रहे।
दीपक कहते हैं रक्तदान मेरे जीवन की सार्थकता है , यह तब तक जारी रहेगा जब तक मैडिकल साइंस इजाजत देती है।
दीपक और उनका परिवार इस महादान को निःस्वार्थ भाव से करते हैं। उन्हें ना तो नाम कमाने की लालसा है और ना ही सरकार से पुरस्कार पाने की। हालांकि उनकी अपील है कि रक्तदाताओं के लिए सरकार को अपनी योजनाओं कुछ विशेष महत्व देना चाहिए, ऐसा करने से रक्तदान करने वालों का हौसला तो बढ़ेगा ही साथ ही दूसरे लोग भी रक्तदान के लिए आगे आएंगे। दीपक का कहना है कि सरकार को रक्तदाता युवाओं के लिए विशेष छुट का प्रावधान करना चाहिए ताकि उनका हौसला बढ़ सके और ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें अपनी सहभागिता निभा सकें।
अभय पाण्डेय एक युवा पत्रकार हैं। देश के कई प्रतिष्ठित समाचार चैनलों, अखबारों और पत्रिकाओं को बतौर संवाददाता अपनी सेवाएं दे चुके अभय ने वर्ष २००४ में पत्न न्यूज के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इनकी कई ख़बरों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं। |
मुरलीपुरा गांव के रावतेडा जोहड़ स्थित दूणों की ढाणी में २९ अप्रैल को सुशीला उर्फ सोनिया की शादी में शाहपुरा से हेलिकाप्टर में दूल्हा आएगा जिसको लेकर बुधवार को थाना प्रभारी उदय सिंह, पीडब्ल्यूडी एईएन बहादुर सिंह व जेइएन अनिल जांगिड ने हेलिपैड स्थल का निरीक्षण किया। जानकारी के अनुसार मुरलीपुरा रावतेडा जोहड़ स्थित दूणो की ढाणी में सुशीला उर्फ सोनिया पुत्री बोदीलाल दूण की शाहपुरा निवासी सुरेंद्र पुत्र भगवान सहाय पलसानिया के साथ शादी तय हुई है। दूल्हे द्वारा हेलिकाप्टर में आने की सूचना पर थाना प्रभारी उदय सिंह व पीडब्ल्यूडी के एईएन बहादुर सिंह व जेईएन अनिल जांगिड ने मय टीम हेलिपैड के लिए राष्ट्रीम महिला कालेज के प्रस्तावित स्थल का मौका निरीक्षण किया तथा दुल्हन के परिजनों से जानकारी प्राप्त कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भिजवाई। पूर्व जिला पार्षद जेपी मान, फूलचंद दूण आदि लोगों ने बताया कि दूल्हे के हेलिकाप्टर से आने की सूचना से कस्बे सहित आसपास के गांवों में लोगों में रोमांच है। उल्लेखनीय हैं कि आसपास क्षेत्र में कोई दूल्हा पहली बार अपनी शादी में हेलिकाप्टर से आ रहा है। थाना प्रभारी उदय सिंह व जेईएन अनिल जांगिड ने बताया कि हेलिपेड स्थल का निरीक्षण कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी। |
मुख पृष्ठ > आजकी वार्ता > कोलकाता के श्री सत्यानंद महापीठ के स्वामी म्रिगानंद महाराज की सनातन के साधक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कर्यकर्ताओं ने ली भेंट !
कोलकाता के श्री सत्यानंद महापीठ के स्वामी म्रिगानंद महाराज की सनातन के साधक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कर्यकर्ताओं ने ली भेंट !
कोलकाता (बंगाल) : हाल ही में यहां के जादवपुर में हिन्दू जनजागृति समिति के श्री सुमंतो देवनाथ एवं श्री. शंभू गवारे ने श्री सत्यानंद महापीठ के स्वामी म्रिगानंद महाराज एवं उनकी गुरुमाता श्री अर्चना पुरी मां से भेंट कर सनातन संस्था एवं समिति के कार्य की जानकारी दी। साथ ही उन्हें सनातन के गोवा के आश्रम में आने हेतु आमंत्रित किया।
इस अवसर पर स्वामीजी ने समिति एवं संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि, वे अपने स्तर पर पिछले ३५ वर्षों से हिन्दू राष्ट्र के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सत्यानंद महापीठ के संदर्भ में जानकारी दी एवं इस पीठ का उपयोग हिन्दू धर्म के एक व्यासपीठ के रुप में होने की इच्छा व्यक्त की !
इस भेंट के लिए भारत साधक समाज संस्था के श्री. अनिर्बान नियोगी एवं श्री. मानस रॉय ने विशेष प्रयास किए। |
वीर दुर्गादास राठौड़ जयंती समारोह की तैयारियों को लेकर एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें १३ अगस्त को दुर्गादास राठौड़ की ३८०वीं जयंती मनाने का निर्णय लिया। संघ सचिव बलवीर सिंह बड़ाबरा ने बताया कि जयंती समारोह हिम्मत सिंह छात्रावास सभा भवन में १३ अगस्त को सुबह ११ बजे आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर समता राम महाराज मौजूद रहेंगे। राज्यसभा सदस्य संजय सिंह मुख्य अतिथि होंगे। अध्यक्षता लोकेंद्रसिंह कालवी करेंगे। साथ ही पूर्व डीजी लक्ष्मण सिंह राठौड़, राजपूत सभा जयपुर अध्यक्ष गिरीराज सिंह लोटवाड़ा, उतराखंड के शेरसिंह राणा, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, महिपाल सिंह मकराना, श्रीराज शेखावत, सवाई सिंह, दुर्ग सिंह चौहान, प्रेम सिंह रूणिचा, भंवर सिंह रेटा, सुमेर सिंह आदि उपस्थित रहेंगे। |
८२३ दो घटक विलायक मुक्त पॉलीयुरेथेन चिपकने वाला, पारदर्शी फिल्म के लिए उपयोग किया जाता है, फिल्म और एल्यूमीनियम कंपोजिंग के लिए उपयोग किया जाता है।
उत्पाद प्रदर्शन, स्याही, पैकेजिंग सामग्री, और ठीक-ट्यूनिंग के संचालन की स्थिति के अनुसार ए: बी = १००: ९० का मानक द्रव्यमान अनुपात।
एक घटक और बी घटक सेट प्रतिशत अंक, स्वत: मिश्रण मशीन मिश्रण के माध्यम से, उपयोग के बाद मिश्रण।
यह प्लास्टिक फ़ाइल और एल्यूमीनियम पन्नी, और फिल्म के अंतिम उद्देश्य के बीच स्थिति को संयोजित करने के लिए है। कोटिंग की चिपकने वाली मात्रा ०.९-२.०ग / म२ (शुष्क चिपकने वाला) के भीतर प्रबंधित की जा सकती है। मुद्रित राशि को मुद्रित फिल्म के अनुसार समायोजित किया जाना चाहिए।
उत्कृष्ट संचालन के साथ ८२३ चिपकने वाला घटक ए और बी मिश्रण ४० से ३० मिनट से अधिक के समय के संचालन के लिए।
भंडारण: प्रशीतित भंडारण की सिफारिश की जाती है। सीधे धूप और उच्च तापमान से बचें। सील चिपकने वाला -३० में मूल कंटेनर में ९ महीने के लिए ३० तक संग्रहीत किया जाना चाहिए। एक बार खोलने के बाद, इसे उपयोग करने के बाद सील किया जाना चाहिए, और बाकी चिपकने वाला कम समय के भीतर समाप्त हो जाना चाहिए।
सुरक्षा विचार के लिए, कोटिंग सिस्टम को निकास कवर स्थापित किया जाना चाहिए। उत्पादन से पहले, निकास दक्षता की जांच करने के लिए हवा में आइसोसाइनेट सामग्री का परीक्षण करें। आइसोसाइनेट सौंपने के नियमों को अंतर्राष्ट्रीय आइसोसाइनेट एसोसिएशन के साथ पालन करना चाहिए। कृपया स्थानीय सुरक्षा नियमों और म्स्ड्स को देखें।
बड़े पैमाने पर उत्पादन से पहले कंपोजिट टेस्ट और फिल्म टेस्ट का अभ्यास करना आवश्यक है। विस्तृत निर्देश "चिपकने वाली समग्र प्रौद्योगिकी निर्देश" को संदर्भित करता है। |
जयपुर। दुनिया पॉपुलर ऑटोमोबाईल निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन ने घोषणा की है कि वह २०२६ के बाद से केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल को ही तैयार करेगी। कंपनी २०२६ के बाद पेट्रोल और डीजल इंजन की कारें बनाना बंद कर देगी। ये नई योजना फॉक्सवैगन ग्रूप के अंतर्गत आनेवाली सभी सब ब्रांड कंपनियों पर लागू होगा। आपको बता दें कि फॉक्सवैगन ग्रूप के अंतर्गत फॉक्वैगन, ऑडी, सीट, स्कोडा, पोर्शे, बेंटले, लेम्बोर्गिनी और बुगाटी के साथ और भी कई कंपनियां वाहनों का निर्माण करती है।
यह ऐलान कंपनी के स्ट्रेटजी प्रमुख माइकल जॉस्ट ने जर्मनी के वोल्फ्सबर्ग में चल रहे ऑटोमेटिव कॉन्फरेंस के दौरान किया है। आने वाले समय में कंपनी केवल ईको फ्रेंडली और कम उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रिक इंजन वाली कारों का निर्माण करेगी।
कॉन्फरेंस में जॉस्ट कहा कि हम ईंधन जलाकर चलने वाले इंजन कारों के निर्माण से हम खुद को धीरे-धीरे दूर कर रहे हैं। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ वर्षों पहले हुए डीजल-गेट स्कैंडल से फॉक्सवैगन को कड़ा झटका लगा था और इसमें कंपनी को करीब २७ बिलियन यूरो का जुर्माना भरना पड़ा था। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए कंपनी डीजल-पेट्रोल कारों के निर्माण से खुद को पूरी तरह दूर करना चाहती है।
जानकारी के अनुसार, इस योजना पर कंपनी ने काम करना शुरु कर दिया है और पोर्शे टेकैन उसका पहला प्रोडक्ट हो सकता है। माना जा रहा है कि इस कार को अगले साल ग्लोबल मार्केट में लॉन्च किया जा सकता है। बता दें कि पिछले महीने कार निर्माता कंपनी ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर २०२३ तक ४४ अरब यूरो (५० अरब डॉलर) के निवेश की घोषणा की थी। |
रायपुर। कोरोना के प्रति लोगों में भय का वातावरण देखकर मास्क बेचने के लिए पंडाल लगाने वाले व्यापारियों को पुलिस ने खदेड़ दिया है। धारा-१४४ के उल्लंघन की आशंका के कारण पुलिस ने पंडाल बंद कराया। यह पंडाल जिला दवा व्यापारियों ने लगाया था, जहां व्यापारिक संगठनों के कुछ नेता भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि नए मेडिकल कॉम्पलेक्स के पास दवा व्यापारियों ने रियायती दर पर यानी २५ रुपए में दो मास्क बेचने का बैनर लगा रखा था, जिसके चलते देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ लग गई है। भीड़ लगना धारा-१४४ का उल्लंघन है। जानकारी मिली है कि रायपुर उत्तर के विधायक कुलदीप जुनेजा भी यहां पहुंचे। पंडाल वाली जगह पर भीड़ और अव्यवस्था देखकर विधायक जुनेजा ने भी नाराजगी व्यक्त की।
इसी बीच, इसकी खबर 'आईएनएच-२४' ने बड़ी प्रमुखता से प्रसारित की। इसके बाद हरकत में आए प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंच सबसे पहले पंडाल हटवाया। उसके बाद कैम्प लगाकर मास्क बेचने वालों को वहां से चलता किया। |
रायबरेली। बेसिक शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह ने मंगलवार को जिले के १० से अधिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता की जांच की।
दो स्कूलों के एमडीएम रजिस्टर में गड़बड़ी मिलने पर प्रधानाध्यापक का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तलब किया, जबकि एक स्कूल के प्रधानाध्यापक सुबह १० बजे तक स्कूल नहीं पहुंचे तो उनका वेतन रोक कर जवाब मांगा है।
बीएसए पीएन सिंह व एमडीएम के जिला समन्वयक विनय तिवारी ने मंगलवार को सबसे पहले अमावां ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक स्कूल हैबतमऊ का निरीक्षण किया।
यहां एमडीएम रजिस्टर में गड़बड़ी पकड़ में आई। प्रथम दृष्टया मनमानी मिलने पर बीएसए ने प्रधानाध्यापिका कल्पना तिवारी को वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है।
नगर क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल वजीरगंज में भी एमडीएम रजिस्टर में गड़बड़ी मिलने पर प्रधानाध्यापक सुमन दीक्षित का वेतन रोकते हुए जवाब तलब किया।
बीएसए ने नगर क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल किला बालिका नगर का निरीक्षण किया तो यहां प्रधानाध्यापक जावेद अहमद सुबह १० बजे तक स्कूल में मौजूद नहीं मिले।
उनका वेतन रोकते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके अलावा बीएसए ने प्राथमिक व जूनियर स्कूल राही समेत कई और स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता की पड़ताल की। |
एकाउन्ट क्रिएट करने के बाद आपको इसका शॉर्टकुट स्क्रीन पर ले आना है जहाँ से आप इसे बड़ी आसानी से उसे कर सकते हो।
उम्मीद करता हो दोस्तों आपको यह एक मोबाइल में २ व्हेत्सप्प एकाउन्ट कैसे बनाए ? की स्टेप्स अच्छी तरह से समझ में आ गई होगी। इसमे अगर आपको कोई भी परेशानी आती है। तो आप हमें निचे कमेंट कर सकते है। |
सांसद और पीएम नरेंद्र मोदी ने आज नवरात्रि के पहले दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के नागरिकों से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना से बचाव की लड़ाई में लागू किए लॉकडाउन को प्रभावी बनाना बेहद जरूरी है।
काशीवासी साधना, सेवा, समाधान के सद्गुण पर चलकर, नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करके देश के लिए उदाहरण बन सकते हैं। कोरोना से बचाव पर चिंता प्रकट करते हुए पीएम ने कहा कि महामारी से बचने के सामाजिक जागरूकता ही यही एकमात्र उपाय है।
पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत में प्रोफेसर कृष्णकांत वाजपेयी ने कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए सामाजिक जागरूकता फैलाने पर बात की, तो प्रधानमंत्री ने भी कहा कि कोरोना से बचाव की लड़ाई में सामाजिक जागरूकता बेहद जरूरी है।
पीएम ने कहा कि वैसे मैं आपको ये भी जानकारी देना चाहता हूं कि कोरोना से जुड़ी सही और सटीक जानकारी देने के लिए सरकार ने वाट्सएप के साथ मिलकर एक हेल्पडेस्क भी बनाई है। आप ये भी ध्यान रखिए कि कोरोना से संक्रमित दुनिया में १ लाख से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं और भारत में भी दर्जनों लोग कोरोना के शिकंजे से बाहर निकले हैं।
पीएम ने कहा कि कल तो एक खबर में देख रहा था कि इटली में ९० वर्ष से ज्यादा आयु की माताजी भी स्वस्थ हुई हैं। आपने देखा होगा, बीते कुछ वर्षों में एक परंपरा शुरू हुई है कि एयरपोर्ट पर जब लोग फौज के जवानों को देखते हैं तो उनके सम्मान में खड़े हो जाते हैं, कुछ लोग तालियां भी बजाते हैं। ये आभार प्रकट करने का तरीका हमारे संस्कारों में आगे भी बढ़ना ही चाहिए। हमारे समाज में ये संस्कार दिनों-दिन प्रबल हो रहा है, कि जो देश की सेवा करते हैं, जो देश के लिए खुद को खपाते हैं, उनका सार्वजनिक सम्मान भी होते रहना चाहिए।
समाजसेवी मोहिनी ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दिन-रात कार्य कर रहे मेडिकल स्टॉफ के स्वास्थ्य को लेकर सवाल पूछा। पीएम ने कहा कि आप सोचिए, अस्पतालों में लोग १८-१८ घंटे काम कर रहे हैं। कई जगहों पर अस्पतालों में, हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोगों को २-३ घंटे से ज्यादा सोने को नहीं मिल रहा। कितने ही सिविल सोसायटी के लोग हैं जो गरीबों की मदद के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। निराशा फैलाने के लिए हजारों कारण हो सकते हैं लेकिन जीवन तो आशा और विश्वास से ही चलता है। नागरिक के नाते कानून और प्रशासन को जितना ज्यादा सहयोग करेंगे, उतने ही बेहतर नतीजे निकलेंगे।
उद्योगपति अखिलेश खेमका ने पीएम से लॉकडाउन की वजह से प्रभावित असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के आजीविका के संबंध में चिंता प्रकट की। पीएम ने कहा कि ये सही है कि आपदा बहुत बड़ी है, लेकिन आपदा को अवसर में बदलना ही मानव जीवन की विशेषता है। इन दिनों सोशल मीडिया में आप लॉकडाउन का एक और प्रभाव देखने को मिल रहा है।
बीएचयू में कोरोना वार्ड के हेड डॉ गोपाल नाथ ने पीएम से कोरोना महामारी के इलाज से जुड़ी सुविधाओं की उपलब्धता पर चिंता प्रकट की। पीएम ने कहा कि हमें ये ध्यान रखना है कि अभी तक कोरोना के खिलाफ कोई भी दवा, कोई भी वैक्सीन पूरी दुनिया में नहीं बनी है। इस पर हमारे देश में भी और दूसरे देशों में भी काम तेज़ी से चल रहा है।
गृहिणी अंकिता खत्री ने पीएम से जब छात्रों की वार्षिक परीक्षा और अन्य विषयों पर बात की तो पीएम ने उन्हें बच्चों की चिंता से बचने की सलाह देते हुए कहा कि मैं देख रहा हूं कि मानव जाति, कैसे इस वैश्विक संकट से जीतने के लिए एक साथ आगे आई है और इसमें भी सबसे बड़ी भूमिका मेरी बालक सेना निभा रहे हैं। |
एडउकेशन ऑफिस कबिर्धम रिक्रूटमेन्ट: शिक्षा विभाग कबीरधाम के द्वारा जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय हेतु शाला संगवारी के ५० पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। इसके लिए छ.ग. के स्थानीय/जिले के मूल निवासियों से २४ अक्टूबर २०१९ तक निर्धारित प्रारूप में आवेदन मंगाया गया है। एडउकेशन ऑफिस कबिर्धम रिक्रूटमेन्ट आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवार जो इन पदों के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य अर्हताओं की पूर्ति करते हों, वे अंतिम तिथि तक विभाग को अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। अन्य एडउकेशन डिपार्टमेंट जॉब्स के लिए यहां क्लिक करें।
शाला संगवारी ५० पद।
इस रोजगार अधिसूचना पर चयनित उम्मीदवारों को ८०००-१००००/- संविदा वेतनमान प्रदान किया जायेगा।
इस भर्ती हेतु आवेदन करने के लिए आवेदक के पास किसी मान्यता प्राप्त संस्था/बोर्ड/विश्वविद्यालय से बारहवीं पास एवं डीएड/स्नातक डिग्री एवं डीएड या बीएड अथवा समकक्ष योग्यता होनी चाहिए। |
थे एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर ट्रेलेर मिसिंग:जी हां, यह सुनने में आपको एक बार अजीब जरूर लगेगा, लेकिन यह सच है कि साल २०१९ की बहुप्रतीक्षित फिल्म थे एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर का ट्रेलर यूट्यूब से गायब हो चुका है, जिसका ट्रेलर हाल ही में रिलीज़ किया गया था।
यूट्यूब से विडियो का इस कदर गायब होने से न केवल दर्शक हैरान हैं बल्कि फिल्म के लीड ऐक्टर अनुपम खेर ने भी अपनी चिंता जाहिर की है।अनुपम खेर ने अपने ट्विटर हैंडल पर युतुबे से इस बारे में मदद मांगी है।
बता दें कि यह फिल्म ११ जनवरी २०१९ को रिलीज़ होनेवाली है, जिसमें अनुपम खेर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भूमिका में नजर आ रहे हैं। ट्रेलर रिलीज़ होते ही राजनीतिक विवादों से घिर चुकी है यह फिल्म। यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब थे एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर पर आधारित है, जिसमें साल २००४ से लेकर साल २०१४ तक के भारत के राजनीतिक माहौल और उस दौरान हुई घटनाओं को बताया है।
अनुपम खेर ने एक और ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने ट्रेलर का लिंक शेयर करते हुए इस ट्वीट को ज्यादा से ज्यादा रीट्वीट करने का निवेदन किया है।बता दें कि ट्रेलर रिलीज़ होते ही कई कांग्रेस के कई नेताओं ने इसका यह कहते हुए विरोध किया कि फिल्म के जरिए गांधी परिवार की छवि खराब की जा रही है।
इसके बाद कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि कांग्रेस नेताओं ने रिलीज़ से पहले इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग की डिमांड की है और अनुपम खेर ने कहा था कि यदि मनमोहन सिंह ऐसा चाहते हैं तो फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी जाएगी।
फिल्म में अनुपम खेर के अलावा अक्षय खन्ना ने संजय बारू का, सुजैन बर्नट ने सोनिया गांधी, आहना कुमरा ने प्रियंका गांधी, दिव्या सेठी ने गुरशरण कौर और अर्जुन माथुर ने राहुल गांधी का किरदार निभाया है। विजय रत्नाकर गुट्टे के निर्देशन में बनी यह फिल्म ११ जनवरी को रिलीज होगी। |
वाहन में किसी तरह की खराबी को दूर करने की जिम्मेदारी कार निर्माता की है। शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने यह फैसला सुनाया है। नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमिशन (एनसीडीआरसी) ने देश की प्रमुख कार कम्पनी मारुति को निर्देश दिया है कि एक उपभोक्ता की वाहन में गड़बड़ी की शिकायत को दूर नहीं करने के लिए वह उसकी कीमत लौटाए।
एनसीडीआरसी ने कम्पनी को आंध्र प्रदेश निवासी डॉ. के एस किशोर को ३,३0,७१० रुपये लौटाने का निर्देश दिया है। आयोग ने कार कम्पनी की राज्य आयोग के आदेश में संशोधन की अपील को खारिज कर दिया।
पीठासीन सदस्य बी सी गुप्ता की अगुवाई वाली पीठ ने अपने आदेश में कहा, यह मारुति की जिम्मेदारी है कि वह खराबी को दूर कर शिकायतकर्ता को वाहन सडक़ पर सडक़ पर चलने की हालत में सौंपे। जो तथ्य और परिस्थितियां सामने रखी गई हैंं उनसे पता चलता है कि मारुति शिकायतकर्ता को वाहन सडक़ पर चलने की स्थिति में सौंपने में विफल रही है।
शिकायतकर्ता ने १० जनवरी, २००३ को डीलर मित्रा एजेंसीज से एल्टो८०० कार ३,३0,7१० रुपये में खरीदी थी। दूसरे, तीसरे और चौथे गियर में कार चलाने पर कार में झटके लगते थे और गियरबॉक्स असेंबली से तेज आवाज आती थी। डीलर के पास कई बार चक्कर काटने के बावजूद इस गड़बड़ी को दूर नहीं किया जा सका।
जिला मंच ने शिकायतकर्ता की शिकायत पर डीलर को यह राशि २५,००० रुपये मुआवजे और २,००० रुपये की मुकदमा लागत के साथ लौटाने का निर्देश दिया। डीलर ने अपनी ओर से किसी तरह की खामी से इनकार करते हुए कहा कि आवाज आने की वजह गलत तरीके से वाहन चलाना हो सकती है।
राज्य आयोग ने डीलर की अपील को स्वीकार करते हुए कार कम्पनी को कार की कीमत लौटाने का निर्देश दिया। मारुति को थोड़ी राहत प्रदान करते हुए २५,००० रुपये का मुआवजा हटा दिया गया। हालांकि २,००० रुपये की मुकदमा लागत को कायम रखा गया। एनसीडीआरसी ने शिकायतकर्ता की मुआवजा बढ़ाने की संशोधन याचिका को खारिज करते हुए राज्य आयोग के आदेश को उचित ठहराया है। |
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कनीना,१५ फरवरी:जहां एक तरफ सरकार लड़कियों की सुरक्षा को लेकर तरह-तरह के रास्ते खोज रही है, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मण्डी स्कूल की छात्राओं को आए दिन स्कूल के बाहर की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, जिसको लेकर अब तक प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाही नहीं कि गई है, ताकि छात्राओं को इस समस्या से निजात मिल सके।
इस बारे में स्कूल स्टाफ के सदस्यों ने बताया कि पिछले तीन माह से स्कूल प्राचार्य किसी मामले में निलंबित हो गया था, जिसके बाद से स्कूल के सभी कार्य बाधित हो गए।
उन्होंने बताया कि लगभग चार माह पहले स्कूल कि लगभग सौ मीटर लम्बी बाहरी दीवार व पानी की टंकी फट जाने के कारण स्कूल में पढऩे वाली छात्राओं को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिसको लेकर स्कूल के प्राचार्य रामपाल यादव व वर्तमान स्कूल स्टाफ के द्वारा उच्चाधिकारियों को लिखित व मौखिक में कई बार अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक इस कार्य को करना तो दूर की बात है इसको कोई देखने तक नहीं आया है।
उन्होंने बताया कि स्कूल के साथ लगता ही रेलवे स्टेशन और पार्क है, जिसके कारण यहा लोगों का आना जाना बना रहता है। जिसके कारण स्कूल में पढऩे वाली छात्राए काफी परेशान है। उन्होंने बताया कि स्कूल के पास पार्क होने के कारण आवारा लडक़े इस पार्क का बहाना लगाकर यहां घूमते रहते है, जिसके कारण कभी भी कोई अनहोनी कि घटनाएं होने का अंदेशा बना रहता है, लेकिन इस और अब तक किसी भी प्रकार से ध्यान नहीं दिया गया है, वहीं स्कूली छात्राओं ने बताया कि इस स्कूल की दीवार गिरने से आए दिन काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन लगभग चार माह बीत जाने के बाद भी इस विकट समस्या की और कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
यहां गौरतलब है कि स्कूल प्राचार्य को निलंबित हुए लगभग तीन माह हो गए है। जिसके बाद से नहीं तो स्कूल के स्टाफ का वेतन निकला है और अन्य स्कूल के काफी कार्य बाधित हो गए है, जिसको लेकर खण्ड शिक्षा अधिकारी से बात की गई थी तो उनका कहना था कि हमने लिखित में डी.डी. पावर के लिए डी.ओ. कार्यालय में भिजवा दिया था, जिसके बाद भी आज तक इस मामले पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है आखिर क्यों तीन माह से किसी भी स्टाफ को पावर नहीं दी गई।
आखिर इसके पीछे किसका हाथ है इसकी भी जांच होनी चाहिए। इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी नसीब सिंह से बात कि गई तो उनका कहना है कि मुझे यहां आए मात्र दो दिन हुए है उक्त मामला मेरी संज्ञान में नहीं है। इसको लेकर जल्द ही कनीना मंडी स्कूल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया जाएगा और स्टाफ के वेतन की समस्या का भी जल्द से जल्द समाधान कराया जाएगा। |
एडिलेड। भारतीय क्रिकेट टीम ने एडिलेड ओवल में गुरुवार से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू होने वाले पहले टेस्ट के लिए १२ सदस्यीय टीम की घोषणा कर दी जिसमें सीमित ओवर विशेषज्ञ रोहित शर्मा को जगह दी गई है जबकि तेज गेंदबाज उमेश यादव और ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को बाहर रखा गया है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्टों की सीरीज की पूर्व संध्या पर बुधवार को यहां एडिलेड ओवल में ही भारत की १२ सदस्यीय टीम घोषित की गई। वनडे टीम में उपकप्तान रोहित को बल्लेबाजी क्रम में जगह दी गई है जबकि जडेजा और उमेश को जगह नहीं मिली है। रोहित के अलावा हनुमा विहारी को भी अंतिम एकादश में जगह मिली है।
इंडिया व्स ऑस्ट्रेलिया १स्त टेस्ट : एडिलेड में टीम इंडिया की जीत की राह हो सकती है आसान? |
कल २०१९: क्रिस गेल का शतक काम न आया और जमैका थलावाज को सेंट किट्स एंड नेविस पेट्रियाट्स के हाथों हार झेलनी पड़ी।
बासेटेरे। क्रिस गेल के शतक के बावजूद जमैका थलावाज को कैरेबियन प्रीमियर लीग (कल) में मंगलवार को सेंट किट्स एंड नेविस पेट्रियाट्स के हाथों हार का सामना करना पड़ा। गेल के २२वें टी२० शतक की मदद से जमैका ने ४ विकेट पर 2४1 रन बनाए। इसके जवाब में पेट्रियाट्स ने ७ गेंद शेष रहते ६ विकेट खोकर लक्ष्य हासिल किया। पेट्रियाट्स ने सीपीएल इतिहास का सबसे बड़ा टारगेट हासिल किया।
इस मैच के दौरान सीपीएल का सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड दो बार टूटा। जमैका के ग्लेन फिलिप्स ८ रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद गेल और चैडविक वॉल्टन ने दूसरे विकेट के लिए १६२ रनों की रिकॉर्ड भागीदारी की। यह सीपीएल में किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी भागीदारी है। इससे पहले यह रिकॉर्ड मार्लोन सैमुअल्स और ओ. पीटर्स के नाम था जिन्होंने हॉकबिल्स की तरफ से एमेजॉन के खिलाफ २०१४ में चौथे विकेट के लिए १६१ रनों की भागीदारी की थी।
वॉल्टन ३६ गेंदों में ३ चौकों और ८ छक्कों की मदद से ७३ रन बनाने के बाद जोसेफ की गेंद पर ब्रैथवेट को कैच थमा बैठे। गेल ने टी२० क्रिकेट में अपना २२वां शतक पूरा किया। वे ६२ रन बनाने के बाद ७ चौकों और १० छक्कों की मदद से ११६ रन बनाकर फेबियन एलन के शिकार बने। गेल के नाम टी२० क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक है और उन्होंने अपनी बढ़त को और मजबूत किया।
इसके जवाब में पेट्रियाट्स को इविन लुईस और डेवोन थॉमस ने आक्रामक शुरुआत दिलाते हुए पहले विकेट के लिए ८५ रन जोड़े। लुईस १८ गेंदों में ३ चौकों और ६ छक्कों की मदद से ५३ रन बनाकर रसेल के शिकार बने। उन्होंने १७ गेंदों में फिफ्टी पूरी की। इसके बाद थॉमस और लॉरी इवांस (४१) ने दूसरे विकेट के लिए 7६ रन जोड़े। थॉमस ने ४० गेंदों में ८ चौकों और ३ छक्कों की मदद से ७१ रन बनाए। अंत में फेबियन एलन ने १५ गेंदों में ५ चौकों और २ छक्कों की मदद से ३7 रन बनाए। |
गाजीपुर। थल सैनिक शिविर से वापस आए दो एनसीसी कैडेटों को मुख्य अतिथि पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार सिंह ने सम्मानित किया। साथ ही महाविद्यालय के खेल मैदान कैडेटों को ट्रेनिंग भी प्रदान की गई।
इस मौके पर मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि थल सैनिक शिविर में पूरे देश से कुछ गिने-चुने कैडेटों का ही चयन होता है। इसका आधार फायरिंग तथा विभिन्न तरह के साहसिक प्रशिक्षण के बाद दिल्ली तक पहुंचते हैं। कहा कि महाविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि दोनों कैडेट कुंदन भारद्वाज और मीना यादव ने महाविद्यालय का नाम रौशन किया है। कहा कि इस तरह के शिविर के माध्यम से कैडेटों में शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। इससे कैडेट अपने अंदर एक अच्छे चरित्र का निर्माण कर सकते है। एनसीसी ऑफिसर डी आर सिंह ने कहा कि थल सैनिक शिविर को सफलता पूर्वक संपन्न करने वाले कैडेट महाविद्यालय के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भविष्य में अपने मेहनत एवं लगन से आगे बढ़ते हुए राष्ट्र तथा महाविद्यालय का नाम रोशन करते रहेंगे। इस मौके पर बद्रीनाथ सिंह, समर बहादुर सिंह, डॉ. अनुराग सिंह, डॉ. संजय चतुर्वेदी, मनोज मिश्रा आदि मौजूद रहे। संचालन डी आर सिंह और आभार संयुक्त सचिव कृपाशंकर सिंह ने व्यक्त किया। |
रियो डी जनेरियो। ब्राजील के लिए ओलम्पक में पोल वॉल्ट का खिताब जीतने वाले ब्राज डा सिल्वा को पुरस्कार के तौर पर एक किलो सोने की ईंट मिली है। सिल्वा ने मौजूदा चैम्पियन फ्रांस के रेनाड लावीलीन को हराते हुए पोल वॉल्ट का खिताब जीता था। सिल्वा ने ६.०३ मीटर के साथ नया ओलम्पिक रिकार्ड बनाया था।
सिल्वा ने कहा कि उन्होंने पोल वाल्ट की कला ब्राजील के पूर्व विश्व चैम्पियन फेबियाना मुरेर से सीखी है। इस बीच, मुरेर ने रियो ओलम्पिक में खराब प्रदर्शन के बाद गुरुवार को संन्यास की घोषणा की। वह पहले दौर में ही बाहर हो गए थे। |
हैदराबाद २१ दिसंबर: ऑल इंडिया बैंक कर्मचारियों एसोसिएशन और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने नोटबंदी की वजह से विभिन्न बैंकों और उनके कर्मचारियों को हो रही कठिनाइयों के खिलाफ मुज़ाहिरों का ऐलान किया है। जो विरोध प्रोग्राम तय किए गए हैं उनमें २८ दिसंबर को जुलूस भी शामिल है। इसके बाद यूनियनों की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली के नाम २९ दिसंबर को एक पत्र भेजा जाएगा। संघ के सदस्यों इस समस्या २ और ३ जनवरी २017 को भी विरोध प्रदर्शन की योजना रखते हैं।
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन के महासचिव सी एच वेंकट चिलम ने और बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव एस नागराजन ने जारी एक बयान में कहा गया है कि हमारे संगठनों की ओर से घोषणा के अनुसार हमारी तन्ज़ीमों की तरफ से ऐलान के मुताबिक़ हमारी यूनिटें तमाम बड़े मराकिज़ पर मुज़ाहिरों का एहतेमाम कर रही हैं और वो रिज़र्व बैंक के मुक़ामी हुक्काम से मुलाक़ात करते हुए याददाश्तें हवाले कर रही हैं।
यूनियनों ने केंद्र से मांग की के सभी बैंक बराँचस पर पर्याप्त मात्रा में मुद्रा और नकदी प्रदान की जाए। सभी एटीएम्स किसी देरी के बिना बहाल किया जाए और बैंकों को पैसे की आपूर्ति में शफ़्फ़ाफ़ियत बरती जाए। मुंबई से मिली इत्तेला के मुताबिक स्थानीय शहरी पुराने नोटों को अपने खातों में जमा करने की नई कड़ी शर्तों पर बेहद नाराज हैं। |
स्टीव स्मिथ पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने १ साल का बैन लगाया है।
गेंद से छेड़छाड़ कर १ साल का बैन झेल रहे स्टीव स्मिथ जल्द ही क्रिकेट के मैदान में वापसी कर सकते हैं। लेकिन स्मिथ के ऑस्ट्रेलिया नहीं बल्कि कनाडा में होने वाली ग्लोबल टी२० कनाडा टूर्नामेंट के जरिए वापसी करने की खबरें हैं। माना जा रहा है कि आयोजकों ने स्मिथ से संपर्क किया है और उनसे टूर्नामेंट में खेलने को कहा है। कनाडा में होने वाला ये टूर्नामेंट २८ जून से १६ जुलाई तक खेला जाएगा। इसमें ६ टीमें हिस्सा लेंगी। टीमों के नाम कैरीबियन ऑल-स्टार, टोरंटो नेश्नल्स, मॉन्ट्रियल टाइगर्स, ओटावा रॉयल्स, वैंकोवर नाइट्स और विनिपेग हॉक्स हैं।
टूर्नामेंट को वेस्टइंडीज का समर्थन हासिल है क्योंकि आईसीसी के पूर्ण सदस्य के समर्थन के बिना आईसीसी इसे मंजूरी नहीं देती। आपको बता दें कि हाल ही में ये खबरें भी सामने आई हैं कि डेविड वॉर्नर भी घरेलू क्रिकेट के जरिए वापसी करने की तैयारी में हैं। हालांकि अभी सिर्फ इसकी खबरें हैं लेकिन माना जा रहा है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया भी स्मिथ को कनाडा में खेलने की मंजूरी दे सकता है।
आपको बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में तीसरे टेस्ट के दौरान स्मिथ की कप्तानी में गेंद से छेड़छाड़ हुई थी और इसके बाद मामला सामने आने पर जमकर बवाल हुआ था। विवाद इतना बढ़ गया था कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को भी बयान देने सामने आना पड़ा था और इसके बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया मामले में शामिल खिलाड़ियों पर कड़ी कार्रवाई की थी। बोर्ड ने स्मिथ, डेविड वॉर्नर पर १-१ साल और कैमरन बैनक्रॉफ्ट पर ९ महीने का बैन लगा दिया था। अब तीनों खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, बिग बैश लीग में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। लेकिन तीनों घरेलू क्रिकेट खेल सकते हैं। |
आम आदमी पार्टी [आप] भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए तीसरे मोर्चे को समर्थन दे सकती हैं. आप के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि अगर १६ मई को चुनाव परिणाम आने के बाद तीसरे मोर्चे की सरकार के लिए पहल होती है तो पार्टी उसे मुद्दों पर आधारित समर्थन की पेशकश पर विचार कर सकती है.इस बयान का अरविन्द केजरीवाल ने खण्डन किया है. पूर्व में आये सर्वेेक्षणों में चौकाने वाली बात यही थी कि विपक्ष या तीसरा मोर्चा जो भी बनेगा वह अहम भूमिका निभाने की स्थिति में है तथा वह भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए धर्मनिरपेक्ष कहलाने वाली ताकतों के साथ में आने की संभावना पर बातचीत तेज कर सकती है. सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और अन्य कई नेताओं ने इस तरह की संभावना जताई थी। सोलहवीं लोकसभा में किसी भी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में सरकार बनाने के लिए नए साथियों की तलाश में सीबीआई अहम भूमिका अदा कर सकती है। मायावती, ममता बनर्जी और नवीन पटनायक जैसे तीन बड़े क्षत्रप सीबीआई के निशाने पर हैं और उनके लिए सत्ताधारी दल के साथ टकराव आसान नहीं होगा।
छह चरणों के मतदान के बाद कांग्रेस ने यह मत बनाया था कि देश की सत्ता उसके हाथ से जा रही है. सत्ता का फायदा भाजपा को न मिले इसके लिए उसने चुनाव बाद देश में तीसरे मोर्चे की सरकार बनवाने के संकेत भी दिये. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण के बाद विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि बहुमत न मिलने पर कांग्रेस तीसरे मोर्चे की सरकार का समर्थन करने पर विचार कर सकती है. मोदी को भाजपा के लिए ही बड़ी समस्या करार देते हुए खुर्शीद ने कहा था कि जब भगवान (राम मंदिर आंदोलन) की लहर कांग्रेस को नहीं रोक पाई तो मोदी की लहर क्या चीज है. इसलिए केंद्र में भाजपा की सरकार बनने की संभावना नहीं है. चुनाव बाद कांग्रेस सरकार बनाने के लिए तीसरे मोर्चे का समर्थन कर सकती है. इतना ही नहीं वह सरकार बनाने के लिए तीसरे मोर्चे के दलों का समर्थन भी ले सकती है. माकपा ने भाजपा को सत्ता से रोकने के लिए चुनाव बाद सेक्युलर फ्रंट बनाने के संकेत दिए हैं.माकपा महासचिव प्रकाश कारत की माने तो चुनाव के बाद सेक्युलर फ्रंट बन सकता है. इसके लिए उन्हें कांग्रेस के समर्थन से कोई ऐतराज नहीं जबकि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और रक्षा मंत्री ए.के एंटनी ने केरल की सभा में वामदलों को कांग्रेस के नेतृत्व में सेक्युलर फ्रंट के तहत एकजुट होने की अपील की थी.कारत का दावा है कि चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होगी. एंटनी के बयान पर उनका मत है कि चुनाव के बाद एंटनी और कांग्रेस के सामने एक ही रास्ता होगा कि वह सेक्युलर मोर्चे को समर्थन दें, भाजपा को सरकार से दूर रखने के लिए सेक्युलर मोर्चे में कांग्रेस के समर्थन से कोई आपत्ति नहीं है.मोर्चे के नेतृत्व का फैसला चुनाव के बाद तय किया जा सकता है। १९९६ में ऐसे ही हालात में संयुक्त मोर्चा बना था और नेता चुना गया था। |
कोल्हापुर: पुणे, सांगली, सतारा, कोल्हापुर और सोलापुर जिलों में भारी बारिश के बाद खेतों को बड़ा नुक्सान हुआ है। अब, किसान बाढ़ के बाद सामान्य स्थिति में लौटने की कोशिश कर रहे हैं।
बाढ़ ने क्षेत्र में कई हजार हेक्टेयर पर फसलों को नुकसान पहुंचाया है। अन्य फसलों की तरह, अत्यधिक जलभराव से गन्ने को भी नुकसान हुआ है। जिसके बाद, अब नप ने सरकार से गन्ना किसानों को मुआवजा प्रदान करने का आग्रह किया है।
धनंजय मुंडे और सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में नप के एक प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मुलाकात की और गन्ने के लिए प्रति हेक्टेयर १ लाख रुपये के मुआवजे की मांग की। इसके साथ ही पार्टी ने कृषि भूमि को खेती योग्य बनाने के लिए मुआवजे के रूप में २५,००० रुपये प्रति हेक्टेयर की भी मांग की। |
पश्चिम बंगाल के रानाघाट रेलवे स्टेशन पर गाना गाती रानू मंडल को को अपने मोबाइल फोन से रिकॉर्ड करने वाले इस शख्स का नाम अतींद्र चक्रवर्ती है।
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब धूम मचा रहा है, ये वीडियो है रानू मंडल का, जो अब हिमेश रेशमिया के साथ उनकी फिल्म का टाइटल ट्रैक गा रही हैं, रानू मरिया मंडल वही औरत हैं, जिन्हें कुछ दिन पहले एक वीडियो में रेलवे प्लेटफॉर्म पर गाना गाते हुए सुना गया था, उनकी आवाज और सुर इतने मधुर थे, कि हर कोई उनकी तारीफ करने लगा, सोशल मीडिया की वजह से वो रातों-रात स्टार बन गई। लेकिन ये खबर रानू के बारे में नहीं है, बल्कि उस शख्स के बारे में है, जिसके दो मिनट के वीडियो ने रानू की जिंदगी ही बदल दी।
पश्चिम बंगाल के रानाघाट रेलवे स्टेशन पर गाना गाती रानू मंडल को को अपने मोबाइल फोन से रिकॉर्ड करने वाले इस शख्स का नाम अतींद्र चक्रवर्ती है, जो पेशे से समाज सेवक हैं,
अतींद्र ने जब रानू को रेलवे प्लेटफॉर्म पर गाना गाते सुना, तो अपने मोबाइल से वीडियो बना लिया, अतींद्र वहां अपने दोस्त के साथ पहुंचे थे, उन्हें उनका गाना काफी पसंद आया।
अतींद्र ने इस वीडियो को पहले फेसबुक पर पोस्ट किया, हालांकि उन्हें भी शायद इस बात का अंदाजा नहीं था, कि उनके द्वारा पोस्ट किया गया वीडियो रानू मंडल की जिंदगी ही बदल देगा,
इन दिनों रानू मंडल जहां भी जा रही हैं, अतींद्र उनके साथ ही नजर आ रहे हैं।
बीते गुरुवार को लोगों को तब सबसे ज्यादा हैरानी हुई, जब रानू मारिया मंडल की फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री की खबर सामने आई, हिमेश रेशमिया ने इंस्टाग्राम के जरिये जानकारी दी, |
रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह विकास के दावे के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव की जनता के पास गए हैं। कोई उनकी जीत पक्की मान रहा है तो कुछ लोग कहते हैं कि इस बार रमन को जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री की जीत पर संशय! आखिर वजह क्या है? दरअसल, कांग्रेस ने चुनावी अखाड़े में मुख्यमंत्री के खिलाफ इस बार अलका मुदलियार को उतारा है और जीरम घाटी नक्सली कांड के जरिए सहानुभूति वोट बटोरने की कोशिश कर रही है।
वहीं, मुख्यमंत्री रमन के बेटे अभिषेक सिंह भी अपने पिता के कार्यों का बखान कर राजनांदगांव के हर घर में पहुंच रहे हैं। अलका ने राजनांदगांव में चुनावी बिगुल भी फूंक दिया है। वह इस बार घर-घर जाकर नक्सली कांड में शहीद हुए राज्य के शीर्ष नेताओं का जिक्र कर सहानुभूति पाने की कोशिश कर रही हैं। यहां बताना लाजिमी होगा कि पिछले दिनों बागी तेवर अख्तियार कर चुकीं करुणा शुक्ला भी अब अलका के समर्थन में उतर चुकी हैं। उन्होंने इतना तक कह दिया कि अलका उनकी बेटी हैं और वे अलका के लिए राजनांदगांव में जनसंपर्क भी करेंगी।
करुणा के इस कथन से यह साफ हो गया है कि वे आने वाले दिनों में कांग्रेस में भी प्रवेश कर सकती हैं। यहां पर यह कहना गलत नहीं होगा कि बागी करुणा आने वाले दिनों में भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं। अलका जनसंपर्क कर जीरम में शासन-प्रशासन की हुई चूक के बारे में कहकर और जनता से गले मिलकर आंसू बहा रही हैं। एक महिला प्रत्याशी का रोना अगर दिलों को छू गया तो यह कहना गलत नहीं होगा कि सीएम को आटे-दाल का भाव पता चल जाएगा। वहीं सूत्रों से पता चला है कि इस बार राजनांदगांव की जनता भी सीएम से खफा है।
लोगों का कहना है कि सीएम उनके जिला के हैं, फिर भी राजनांदगांव का विकास नहीं हो पाया। वहीं इस बार कांग्रेस भी अपनी सारी ताकत राजनांदगांव में ही झोंक रही है। कांग्रेस के सभी नेता राजनांदगांव में सीएम के लिए अलग ही रणनीति तैयार कर रहे हैं। अब देखना होगा कि आने वाले समय में सीएम रमन सिंह कांग्रेस के चक्रव्यूह को तोडऩे में कहां तक सफल होते हैं। रमन सिंह के लिए राहत की बात यह है कि जीरम घाटी से जुड़ी सहानुभूति की लहर अभी तक जिले में नजर नहीं आ रही है। अगर आने वाले दिनों में लहर दौड़ गई तो सीएम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें कि राजनीति और किक्रेट दो ऐसी चीजें हैं कि कब कौन बाजी मार जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता। अब तो आने वाला समय ही बताएगा कि राजनांदगांव में सीएम के विकास के दावों के सिक्के चलेंगे या अलका के मार्फत सहानुभूति की लहर। |
१ लोगों ने दाऊद से कहा, "देखो, पलिश्ती कीला के विरुद्ध युद्ध कर रहे हैं। वे खलिहानों से अन्न लूट रहे हैं।"२ दाऊद ने यहोवा से पूछा, "क्या मैं जाऊँ और इन पलिश्तियों से लड़ूँ?" यहोवा ने दाऊद को उत्तर दिया, "जाओ और पलिश्तियों पर आक्रमण करो। कीला को बचाओ।"३ किन्तु दाऊद के लोगों ने उससे कहा, "देखो, हम यहाँ यहूदा में हैं और हम भयभीत हैं। तनिक सोचो तो सही कि हम तब कितने भयभीत होंगे जब वहाँ जाएंगे जहाँ पलिश्ती सेना है।"४ दाऊद ने फिर यहोवा से पूछा। यहोवा ने दाऊद को उत्तर दिया, "कीला को जाओ। मैं तुम्हारी सहायता पलिश्तियों को हराने में करूँगा।"५ इसलिये दाऊद और उसके लोग कीला को गये। दाऊद के लोग पलिश्तियों से लड़े। दाऊद के लोगों ने पलिश्तियों को हराया और उनकी गायें ले लीं। इस प्रकार दाऊद ने कीला के लोगों को बचाया।६ (जब एब्यातार दाऊद के पास भाग कर गया था तब एब्यातार अपने साथ एक एपोद ले गया था।)७ लोगों ने शाऊल से कहा कि अब दाऊद कीला में है। शाऊल ने कहा, "परमेश्वर ने दाऊद को मुझे दे दिया है। दाऊद स्वयं जाल में फँस गया है। वह ऐसे नगर में गया है जिसके द्वार को बन्द करने के लिये दरवाजे और छड़ें हैं।"८ शाऊल ने युद्ध के लिये अपनी सारी सेना को एक साथ बुलाया। उन्होंने अपनी तैयारी कीला जाने और दाऊद तथा उसके लोगों पर आक्रमण के लिये की।९ दाऊद को पता लगा कि शाऊल उसके विरुद्ध योजना बना रहा है। दाऊद ने तब याजक एब्यातार से कहा, "एपोद लाओ।"१0 दाऊद ने प्रार्थना की, "यहोवा इस्राएल के परमेश्वर, मैंने सुना है कि शाऊल कीला में आने और मेरे कारण इसे नष्ट करने की योजना बना रहा है।११ क्या शाऊल कीला में आएगा? क्या कीला के लोग मुझे शाऊल को दे देंगे? यहोवा इस्राएल के परमेश्वर, मैं तेरा सेवक हूँ! कृपया मुझे बता!" यहोवा ने उत्तर दिया, "शाऊल आएगा।"१२ दाऊद ने फिर पूछा, "क्या कीला के लोग मुझे और मेरे लोगों को शाऊल को दे देंगे।" यहोवा ने उत्तर दिया, "वे ऐसा करेंगे।"१३ इसलिए दाऊद और उसके लोगों ने कीला को छोड़ दीया। वहाँ लगभग छः सौ पुरुष थे जो दाऊद के साथ गए। दाऊद और उसके लोग एक स्थान से दूसरे स्थान घूमते रहे। शाऊल को पता लग गया कि दाऊद कीला से बच निकला। इसलिए शाऊल उस नगर को नही गाय।१४ दाऊद मरूभूमि मे चला गया और वहाँ किलों में ठहर गया। दाऊद जीप की मरूभूमि के पहाड़ी देश में भी गया। शाऊल प्रतिदिन दाऊद की खोज करता था, किन्तु यहोवा शाऊल को दाऊद को पकड़ने नहीं देता था।१५ दाऊद जीप की मरुभूमि में होरेश में था। वह भयभीत था क्योंकि शाऊल उसे मारने आ रहा था।१६ किन्तु शाऊल का पुत्र योनातान होरेश में दाऊद से मिलने गया। योनातान ने परमेश्वर पर दृढ़ विश्वास रखनेे में दाऊद की सहायता की।१७ योनातान ने दाऊद से कहा, "डरो नहीं। मेरे पिता शाऊल तुम्हें चोट नहीं पहुँचा सकते। तुम इस्राएल के राजा बनोगे। मैं तुम्हारे बाद दूसरे स्थान पर रहूँगा। मेरे पिता भी यह जानते हैं।"१८ योनातान और दाऊद दोनों ने यहोवा के सामने सन्धि की। तब योनातान घर चला गया और दाऊद होरेश में टिका रहा।१९ जीप के लोग गिबा में शाऊल के पास आए। उन्होंने शाऊल से कहा, "दाऊद हम लोगों के क्षेत्र में छिपा है। वह होरेश के किले में है। वह हकीला पहाड़ी पर यशीमोन के दक्षिण में है।२0 महाराज आप जब चाहें आएँ। यह हम लोगों का कर्तव्य है कि हम आपको दाऊद को दें।"२१ शाऊल ने उत्तर दिया, "यहोवा आप लोगों को मेरी सहायता के लिये आशीर्वाद दे।२२ जाओ और उसके बारे में और अधिक पता लगाओ। पता लगाओ कि दाऊद कहाँ ठहरा है। पता लगाओ कि दाऊद को वहाँ किसने देखा है। शाऊल ने सोचा, 'दाऊद चतुर है। वह मुझे धोखा देने की कोशिश कर रहा है।'२३ छिपने के जिन स्थानों का उपयोग दाऊद कर रहा है, उन सभी का पता लगाओ और मेरे पास वापस लौटो तथा मुझे सब कुछ बताओ। तब मैं तुम्हारे साथ चलूँगा। यदि दाऊद उस क्षेत्र में होगा तो मैं उसका पता लगाऊँगा। मैं उसका पता तब लगा लूँगा यदि मुझे यहूदा के सभी परिवारों की तलाशी लेनी पड़े।"२४ तब जीपी निवासी जीप को लौट गए। शाऊल वहाँ बाद में गया। दाऊद और उसके लोग माओन की मरुभूमि में थे। वे यशीमोन के दक्षिण में मरुभूमि क्षेत्र में थे।२५ शाऊल और उसके लोग दाऊद की खोज करने गये। किन्तु लोगों ने दाऊद को सावधान कर दिया। उन्होंने बताया कि शाऊल उसकी तलाश कर रहा है। दाऊद तब माओन की मरुभूमि में नीचे की ओर चट्टान पर गया। शाऊल ने सुना कि दाऊद माओन की मरुभूमि में गया है। इसलिये शाऊल उस स्थान पर दाऊद को पकड़ने गया।२६ शाऊल पर्वत की एक ओर था। दाऊद और उसके लोग उसी पर्वत की दूसरी ओर थे। दाऊद शाऊल से दूर निकल जाने के लिये शीघ्रता कर रहा था। शाऊल और उसके सैनिक पर्वत के चारों ओर दाऊद और उसके लोगों को पकड़ने जा रहे थे।२७ तभी शाऊल के पास एक दूत आया। दूत ने कहा, "शीघ्रता करो! पलिश्ती हम पर आक्रमण कर रहें है!"२८ इसलिये शाऊल ने दाऊद का पीछा करना छोड़ दिया और पलिश्तियों से लड़ने निकल गया। यही कारण है कि लोग उस स्थान को "फिसलनी चट्टान' कहते हैं।२९ दाऊद ने माओन की मरूभूमि को छोड़ा और एनगदी के समीप के किले में गया। |
किसी भी अन्य व्यवसाय की तरह, ईकामर्स व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य अधिकतम पहुंच और रिसेप्शन के माध्यम से अधिकतम लाभ अर्जित करना है। जबकि ग्राहक के दृष्टिकोण से; मुख्य उद्देश्य सस्ती दरों पर सर्वोत्तम उत्पाद प्राप्त करना है। यह वह जगह है जहाँ एक प्रभावी मूल्य निर्धारण रणनीति खेल में आती है।
मूल्य निर्धारण की इस पद्धति में, खुदरा विक्रेता मुख्य रूप से उपभोक्ता व्यवहार या मांग-आपूर्ति श्रृंखला के बारे में अधिक शोध किए बिना मूल्य निर्धारित करता है। प्रक्रिया दृष्टिकोण में काफी सरल है और बेचे जा रहे उत्पादों की न्यूनतम वापसी सुनिश्चित करती है। ज्यादातर मामलों में, खुदरा विक्रेता लागत मूल्य पर कुछ अतिरिक्त मार्कअप जोड़ता है और लाभ कमाता है।
उदाहरण के लिए, यदि आप रु। की कुल लागत पर एक जोड़ी जूते का निर्माण कर रहे हैं। ७०० और २०% लाभ मार्जिन रखना चाहते हैं, आप रुपये की कीमत पर जूते बेचेंगे। ८४०। यह ठीक वही है जो मूल्य-आधारित मूल्य-निर्धारण है।
मूल्य निर्धारण रणनीति का यह मॉडल छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए अच्छी तरह से काम करता है जो एक स्थानीय लक्षित दर्शकों को पूरा करते हैं।
मूल्य-आधारित मूल्य निर्धारण रणनीति को प्रभावित करने वाले कारकों में क्षमता, सामग्री लागत, ओवरहेड व्यय, शिपिंग लागत और श्रम लागत शामिल हैं। यदि आप उचित कीमतों पर जहाज नहीं करते हैं तो शिपिंग लागत एक प्रमुख योगदानकर्ता है।
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इस मूल्य निर्धारण की रणनीति में, खुदरा विक्रेता अन्य प्रतियोगियों के मूल्य निर्धारण का तुलनात्मक विश्लेषण करने के बाद कीमत निर्धारित करने की कोशिश करता है। तुलना के अनुसार, आप अपने प्रतिस्पर्धी के मूल्य निर्धारण के आधार पर अपने उत्पादों का मूल्य निर्धारण कर सकते हैं।
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जैसा कि आप व्यवसाय में जाते हैं, आप लक्षित दर्शकों के स्वाद, वरीयताओं और बजट से मेल खाने के लिए कीमतों में सूक्ष्म बदलाव करते हैं। मांग और आपूर्ति श्रृंखला के अनुसार, आपका मूल्य निर्धारण भी अलग-अलग होगा।
अपने व्यवसाय के लिए सबसे उपयुक्त मूल्य निर्धारण मॉडल चुनें और धीरे-धीरे उच्च रणनीतियों पर जाएं। मूल्य निर्धारण की रणनीति आपके व्यवसाय के विकास, अधिग्रहण और, के लिए एक महत्वपूर्ण बाध्यकारी कारक है ग्राहक प्रतिधारण; एक का चयन करना सुनिश्चित करें जो दोनों के बीच संतुलन बनाए रखता है।
साझा करने के लिए धन्यवाद। यह वास्तव में मददगार मार्गदर्शक है! |
आज का राशिफल :- आज आपको किस्मत का साथ मिलेगा और रुका हुआ पैसा भी मिलेगा। तथा कुछ राशियों के नौकरीपेशा और बिजनेस करने वाले लोगों के लिए दिन अच्छा है।
आर्थिक उन्नति के लिए नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। नए कार्य प्रारंभ हो सकते हैं। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। मान-सम्मान मिलेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। आलस्य न कर भरपूर प्रयास करें। प्रसन्नता रहेगी। व्यस्तता अधिक रहेगी।
पूजा-पाठ में व्यय होगा। कोर्ट-कचहरी व सरकारी कार्यालयों में रुके कार्यों में गति आएगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पारिवारिक चिंता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। प्रमाद न करें।
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में अत्यंत सावधानी की आवश्यकता है। शारीरिक हानि की आशंका है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बनते कामों में बाधा संभव है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी।
कोर्ट व कचहरी के कामों में गति आएगी। जीवनसाथी के सहयोग से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। मित्रों के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। भाग्य का साथ रहेगा।
भूमि-भवन व दुकान-फैक्टरी इत्यादि की खरीद-फरोख्त के कार्य लाभदायक रहेंगे। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है, ध्यान दें। नए संपर्क भविष्य में काम आएंगे। आय में वृद्धि होगी।
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कोई बुरी खबर की प्राप्ति की संभावना है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। व्यापार की गति धीमी रहेगी। नौकरी में अपेक्षाएं बढ़ेंगी। तनाव रहेगा। दूसरों के उकसाने में न आएं।
शत्रुओं का पराभव होगा। थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। समाजसेवा करने की प्रेरणा मिलेगी। मान-सम्मान मिलेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। किसी व्यक्ति से विवाद हो सकता है।
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रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होगा। अप्रत्याशित लाभ की संभावना है। लॉटरी-सट्टे से दूर रहें। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। भाग्य का साथ बना हुआ है। भरपूर प्रयास करें।
कोई अप्रत्याशित बड़ा खर्च सामने आ सकता है। आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। विवाद से दूर रहें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बनते कामों में देरी होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नए काम का प्रारंभ हो सकता है। आर्थिक स्थिति सुधरेगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यस्तता के चलते थकान हो सकती है। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। |
रे-बैन वेफरर धूप का चश्मा आकाश को लुभाने के लिए तैयार किया गया था, लेकिन उन्होंने जल्दी से पृथ्वी पर कब्जा कर लिया और अपने नए पास्ता फ्रेम के साथ सभी का ध्यान आकर्षित किया। उनके लिए, उनके लिए, क्लासिक, रंगीन, वेफरर्स ६० से अधिक वर्षों से प्रकाशिकी और फैशन की सेवा कर रहे हैं। सबसे अच्छी कीमत पर, और सबसे अच्छी सेवा के साथ, रे-बैन वेफरर आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।
रोचेस्टर, २० वीं सदी की शुरुआत में। दो आप्रवासियों द्वारा स्थापित एक छोटी ऑप्टिकल कंपनी रबर तमाशा फ्रेम के साथ प्रयोग करना शुरू कर देती है। लेकिन यह केवल आधी सदी बाद, में था १९५३, कि रे-बैन वेफरर, धूप का चश्मा अभिनव और अलग जो एक राष्ट्र की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं: आधुनिकता, लापरवाहियों पर लगाम, बाजार पर आता है। चश्मे का यह पारगमन मॉडल रंगीन डिजाइन और एक अनूठी सामग्री के रूप में फैशन के साथ फिट बैठता है। यह जल्दी से एक आइकन बन जाता है, रुझानों में परिवर्तन से बचता है और दुनिया भर में एक आवश्यक और कालातीत गौण बन जाता है। रे-बैन वेफरर धूप का चश्मा प्रसिद्ध रे-बैन एविएटर के साथ अमेरिकी ब्रांड के सबसे अधिक मान्यता प्राप्त और नकल किए गए मॉडल में से एक है। विशाल धूप का चश्मा बाजार में, मन में आने वाला पहला ब्रांड निस्संदेह रे-बैन है। कोई आश्चर्य नहीं: रे-बैन धूप के चश्मे का प्रमुख आधुनिक निर्माता है और इसके उत्पादों की उत्कृष्टता ने इसके विकास और अंतर्राष्ट्रीय विस्तार को गति दी है। प्रकाशिकी, बॉश और लोम्बोन में बड़े नामों में से एक, रे-बैन गुणवत्ता और विश्वसनीयता का प्रतीक है।
राय-बनवेफ़रेर र्ब २१४०: मूल डिजाइन, जो एक रेट्रो शैली दिखाता है, जो अब बहुत पहना जाता है, ५० या ५४ मिमी के लेंस के साथ कोणीय फ्रेम प्रस्तुत करता है।
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हम आपको पेश करते हैं समायोजित करने की संभावना आपका रे-बैन वेफरर चश्मा। आप भूरे, हरे, हरे, सैन्य हरे, नीले और बकाइन में अपने क्रिस्टल चुन सकते हैं। कुछ मॉडल में ध्रुवीकृत लेंस होते हैं, अन्य जोड़ते हैं दर्पण प्रभाव। फ़्रेम कई प्रकार के रंगों में उपलब्ध हैं, क्लासिक टोन (काले, भूरे, हवाना) से लेकर बहुत अधिक आकस्मिक टोन (लाल, नीला और हरा) तक। आपको अलग-अलग रंगों या पैटर्न में पैरों के साथ आंखों को पकड़ने वाले मॉडल भी मिलेंगे।
हमारे क्रिस्टल, बिना किसी अतिरिक्त लागत के शामिल हैं, जर्मनी में हमारी कार्यशालाओं में सबसे अच्छे पेशेवरों द्वारा उत्पादित किए जाते हैं। |
दुबई, १६ दिसंबर: ( एजेंसी) शामी सदर बशर अल असद को ईरानी हिमायत के ख़िलाफ़ मुल्क के अंदर भी सदाए एहतिजाज बुलंद होने लगी है। इस एहतिजाज में सबसे बुलंद आहंग ईरान के सरकरदा सुन्नी आलम दीन मौलाना अबदुल हमीद का बशार अल असद को इक़तिदार ( शासन) से हटाने का मुतालिबा है।
उन्हों ने सूबा सीसतान बलोचिस्तान के शहर ज़ाहिद उनकी जामा मस्जिद में ख़िताब करते हुए तेहरान हुकूमत पर ज़ोर दिया कि वो शाम में बेगुनाह लोगों के किश्त-ओ-ख़ून का सिलसिला बंद कराने के लिए सदर असद को इक़तिदार से हटाने के लिए मुदाख़िलत करे।
मौलाना अबदुल मजीद ने कहा कि शाम में ख़ानाजंगी के बाइस निहत्ते शहरी जिनमें बच्चे और ख़वातीन भी शामिल हैं लुकमा-ए-अजल बन रहे हैं।
ईरान अख़लाक़ी तौर पर पाबंद है कि वो शाम में क़ियाम अमन के लिए ठोस इक़दामात करे। आलमी और इस्लामी सतह पर ऐसा करना तेहरान की गिरती साख बचाने के लिए ज़रूरी है।मौलाना अबदुल हमीद का कहना था कि मैं अपनी हुकूमत को ये मुख़लिसाना मश्वरा दे रहा हूँ कि वो शाम में मुदाख़िलत करे और बशर अल असद को इक़तिदार से हटा दे।
शामी बाग़ीयों के साथ ताल्लुक़ात उस्तिवार करे क्योंकि अब शाम का बेशतर इलाक़ा बाग़ीयों के क़बज़े में आ चुका है। आलमी बिरादरी शामी अपोज़ीशन इत्तिहाद को मुल्क की नुमाइंदा क़ुव्वत के तौर पर तस्लीम कर रही है।
यहां तक कि रूस जैसे शाम नवाज़ मुल्क ने भी ये तस्लीम कर लिया है कि बशर अल असद की इक़तिदार से अलाहैदगी नविश्ता दीवार बन चुकी है। इन तमाम हालात को सामने रखते हुए में भी इस्लामी जमहूरीया ईरान के मुक़तदिर लोगों से भी अपील करूंगा कि वो शाम के बारे में अपनी पालिसी पर नज़र-ए-सानी करें।
तेहरान को भी ये यक़ीन कर लेना चाहिए कि बशर अल असद के दिन गिने जा चुके हैं। उन्हें जल्द अज़ जल्द इक़तिदार से हटाने और शाम को ख़ूँरेज़ी से निकालने के लिए हमारी हुकूमत को फ़ौरी मुदाख़िलत करनी चाहिए। ईरानी आलम ए दीन ने अपनी हुकूमत की असद नवाज़ पालिसीयों को कड़ी तन्क़ीद का भी निशाना बनाया।
उन्होंने कहा कि तेहरान, बशर अल असद को बचाने की कोशिश करके आलमी और इस्लामी सतह पर अपनी साख को भी नुक़्सान पहुंचा रहा है। |
मनरेगा (मरेगा) के तहत प्रति परिवार उपलब्ध कराए जाने वाले रोजगार की सीमा १०० दिन से बढ़ाकर २०० दिन की जाने की मांग को लेकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (राजस्थान कम अशोक गहलोट) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (प्राइम मिनिस्टर नरेन्द्र मोदी) को एक चिट्ठी लिखी है।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी।
सीएम ने मनरेगा के तहत रोजगार की सीमा १०० दिन से बढ़ाकर २०० दिन करने की मांग की।
आज पीएम मोदी ने बिहार से गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारम्भ किया।
कोरोना संकट के कारण घर लौट आए प्रवासी मजदूरों के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार और जीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में सीएम गहलोत ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में भी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर लौटकर आए हैं। ऐसे में इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध है कि मनरेगा के तहत प्रति परिवार उपलब्ध कराए जाने वाले रोजगार की सीमा १०० दिन से बढ़ाकर २०० दिन की जाए। अतिरिक्त १०० मानव दिवस सृजित होने का लाभ राज्य के ७० लाख ग्रामीण परिवारों को मिलेगा।
सीएम गहलोत ने पत्र में लिखा कि कोविड-१९ महामारी से लाखों लोगों के रोजगार पर विपरित असर पड़ा है। संकट के समय में महात्मा गांधी नरेगा योजना से न केवल समाज के वंचित और पिछड़े तबकों को रोजगार मिला है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी इस योजना ने सम्बल प्रदान किया है। लॉकडाउन के दौरान घर लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए राजस्थान सरकार ने बडी संख्या में मनरेगा के तहत जॉब कार्ड जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में ५० लाख से अधिक श्रमिक महात्मा गांधी नरेगा योजना तहत नियोजित हैं, इनमें से अधिकतर ग्रामीण परिवारों के १०० दिन के रोजगार की पात्रता आने वाले माह में पूरी हो जाएगी।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में गहलोत ने राज्य के ३ लाख ५७ हजार २५८ असहाय परिवारों को २ माह के लिए निशुल्क प्रति व्यक्ति ५ किलो गेहूं और प्रति परिवार एक किलो चना आवंटित कराने का भी आग्रह किया है। बता दें, पीएम मोदी ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारम्भ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिहार के खगड़िया जिले के तेलिहार गांव में निर्माण कार्यों की शुरुआत कर किया। सीएम गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए थे। |
एक दिन यही अघदैत्य शंखासुर का पुत्र था, देखने में अत्यन्त सुन्दर था। कामदेव जैसी शोभा इसके अंगों से झरती रहती थी। पर था यह अतिशय अभिमानी। रूप के गर्व ने इसे अंधा बना दिया था। बाह्य सौन्दर्य के अभाव में भी कोई आदरणीय, वन्दनीय हो सकता है यह विवेकशक्ति यौवन के उन्माद ने हर ली थी। ऐसे रूपमदोद्धत युवक असुर को अष्टावक्र मुनि की आकृति देखकर हँसी न आवे, यह भी कभी सम्भव है? मुनि पर दृष्टि पड़ते ही वह हँस पड़ा। उसकी विकट हँसी मलयाचल श्रृंगों में प्रतिनादित हो उठी मानो चन्दन-वन से नित्य शीतल मलयगिरि के अन्तस्तल में भी इस महदपराध से रोष का आविर्भाव हो गया हो और वह महीधर गरज उठा हो!
कुरूपा वक्रगा जातिः सर्पाणां भूमिमण्डले।। |
यशराज की फिल्म साथ करने के लिए तैयार शाहरुख़-सलमान!
मुंबई(२९त जुलाई): रीयल लाइफ में शाहरुख़ ख़ान और सलमान ख़ान के बीच दूरियों को लेकर कितनी भी अटकलें लगाई जाती हों लेकिन बॉलिवुड में ये चर्चा ज़ोरों पर है कि दोनों ख़ान दोबारा बड़े पर्दे पर साथ दिखने वाले हैं। ये करिश्मा यशराज बैनर्स ही कर सकता है। बज़ है कि दोनों सुपरस्टार के साथ इस फिल्म को खुद यशराज के बॉस आदित्य चोपड़ा डायरेक्ट करेंगे।
शाहरुख़ तो पहले ही इस फिल्म के लिए हामी भर चुके हैं। बताया जा रहा है कि सलमान भी इस फिल्म मे काम के लिए तैयार हो गएं हैं। दोनों ख़ान को फिल्म में ऑफर किए गए अपने अपने रोल पसंद आए हैं। बताया जा रहा है कि सलमान को जो रोल ऑफर किया गया है उसके लिए पहले रणवीर सिंह को कंसीडर किया जा रहा था।
सूत्रों के मुताबिक इस रोमांटिक थ्रिलर की शूटिंग २०१६ के अंत में शुरू होगी। फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार है। अभी फिल्म की फीमेल लीड तय किए जाना बाकी है। इस फिल्म के बारे में सारी जानकारी जल्दी ही खुद आदित्य चोपड़ा दे सकते हैं।
सूत्रों का ये भी कहना है कि स्क्रीन पर दोबारा एक साथ दिखने को लेकर शाहरुख़ और सलमान दोनों उत्सुक हैं। आख़िरी बार दोनों ने २००२ में हम तुम्हारे है सनम में साथ काम किया था। नब्बे के दशक के मध्य में इन दोनों स्टार को लेकर बनाई गई करन-अर्जुन सुपर हिट साबित हुई थी। सलमान ने शाहरुख के साथ ओम शांति ओम और कुछ कुछ होता है में गेस्ट अपीयरेंस भी किया था।
शाहरुख से जुड़े एक सूत्र ने ऐसी चर्चाओं का खंडन किया है। वहीं यशराज फिल्म्स से जुड़े सूत्रो का कहना है कि आने वाली फिल्मों के बारे में यशराज फिल्म्स की आधिकारिक घोषणाओं का इंतज़ार किया जाना चाहिए। उससे पहले कोई अटकलें नहीं लगानी चाहिएं। |
विश्व के खाद्यान्न उत्पादन में ७० प्रतिशत का योगदान करने वाले किसानों के खाते में सब्सिडी का मात्र २० प्रतिशत और शोध का महज १० प्रतिशत ही जाता है। इसके बावजूद वे पूरे विश्व को न सिर्फ अराजकता से बल्कि दुनिया की तीन चौथाई आबादी को भूखा मरने से भी बचाए हुये हैं। भारत सहित पूरे विश्व की नव उदारवादी नीतियां इन अन्नदाताओं का नाश कर अंतर्राष्ट्रीय खाद्य श्रृंखला पर अपना कब्जा स्थापित कर लेना चाहती हैं। इस खतरनाक प्रवृत्ति को सामने लाता महत्वपूर्ण आलेख।
जमीन, पानी और संसाधनों की उपलब्धता से जुड़े पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकी के प्रभाव के फलस्वरूप आधुनिक औद्योगिक कृषि प्रणालियां अब इस दुनिया की भूख शांत नहीं कर पाएंगी। यह चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा भोजन के अधिकार पर नियुक्त विशेष प्रतिनिधि प्रोफेसर हिलाल ईल्वर ने पदभार ग्रहण करने के बाद के अपने पहले सार्वजनिक व्याख्यान में कही। एमेस्टरडम में खचाखच भरे सभागृह में उन्होंने कहा ऐसी सारी खाद्य नीतियां जो कि विश्व मौजूद भूख के मूल कारणों के प्रति उत्तरदायी नहीं हैं वे हर हाल में असफल साबित होंगी। उन्होंने घोषणा की कि विश्व में एक अरब लोग भूखे हैं और संस्कारों को कृषि लोकतंत्र के माध्यम से ऐसे रूपांतरण में सहायक होना चाहिये जो कि छोटे किसानों को सशक्त करें।
कृषि पारिस्थितिकी : कृषि को नई दिशा की आवश्यकता।
उन्होंने कहा कि सन् २००९ के खाद्य संकट ने वैश्विक खाद्य प्रणाली में परिवर्तन की ओर इशारा कर दिया है। सन् १९५० के दशक से प्रचलन में आई आधुनिक कृषि संसाधनों एवं जीवाश्म ईंधन पर अति निर्भर, खादों का प्रयोग करने वाली और अत्यधिक उत्पादन पर आधारित है। यह नीति बदलनी ही होगी। हम चुनौतियों की श्रंृखला का सामना कर रहे हैं। संसाधनों की कमी, बढ़ती जनसंख्या, भूमि की उपलब्धता और उस तक पहुंच में कमी, पानी की बढ़ती कमी और भूमि के क्षरण ने हमें इस बात पर पुर्नविचार हेतु बाध्य कर दिया है कि भविष्य की पीढ़ी के मद्देनजर हम किस प्रकार अपने संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी का कहना है कि नये वैज्ञानिक शोधों से उजागर हुआ है किस प्रकार कृषि परिस्थितिकी पर्यावरणीय सुस्थिर प्रणालियों के माध्यम से अभी भी खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग की पूर्ति कर सकती है। कृषि पारिस्थितिकी कृषि का एक पारंपरिक तरीका है, जिसमें कि संसाधनों का प्रयोग कम होता है और उसकी समाज से संगति भी बैठती है।
हिलाल ईल्वर ने कहा है कि, जो खाद्यान्न का उपयोग कर रहे हैं और जो उत्पादन कर रहे उनके मध्य भौगोलिक एवं वितरण संबंधी असंतुलन है। वैश्विक कृषि नीति को समायोजित करने की आवश्यकता है। भविष्य के भीड़ भरे और तपते विश्व में कमजोरों को किस तरह संरक्षित किया जाये इस पर ध्यान देना जरूरी है। इससे खाद्य उत्पादन में महिलाओं की भूमिका जो कि किसान से घरेलू महिला से लेकर कामकाजी में तक है में यह अपरिहार्यता स्पष्ट होती है कि वह विश्व में महत्वपूर्ण भोजन प्रदाता है। इसका यह अर्थ भी है कि छोटे किसानों को मान्यता प्रदान की जाय जो कि सबसे ज्यादा जोखिम में और सबसे ज्यादा भूखे हैं।
ईल्वर महज संयुक्त राष्ट्रसंघ की अपनी अधिकारिता से ही नहीं बल्कि एक सम्माननीय बुद्धिजीवी के नाते भी संबोधित कर रही थीं। उन्होंने विशाल एकल कृषि व्यापार कंपनियों को दी जाने वाली अत्यधिक सब्सिडी की कटु आलोचना की। वर्तमान में यूरोपीय यूनियन की सब्सिडी का करीब ८० प्रतिशत और शोध संबंधी धन का ९० प्रतिशत इस परंपरागत औद्योगिक कृषि को दिया जा रहा है। उनके अनुसार, अनुभव सिद्ध एवं वैज्ञानिक तथ्य बताते हैं कि छोटे किसान ही विश्व का पेट भरते हैं। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, जितना खाद्यान्न वैश्विक उपयोग में आता है उसका ७० प्रतिशत छोटे किसानों के माध्यम से आता है। यह भविष्य की कृषि नीतियों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। वर्तमान में अधिकांश कृषि सब्सिडी बड़े कृषि व्यापार को जाती है। इसमें हर हाल में परिवर्तन होना चाहिये। सरकारें छोटे किसानों की हर सूरत में मदद करें। चूंकि ग्रामीण लोगों का शहरों की ओर पलायन बढ़ रहा है, इससे भी समस्याएं पैदा हो रही हैं। अगर यह प्रवृत्ति जारी रहती है तो सन् २०५० तक संपूर्ण मानव आबादी का ७५ प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में रहने लगेगा। हमें छोटे किसानों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे युवाओं को नई संभावनाएं एवं प्रोत्साहन देकर इस प्रवृत्ति को पलटना ही होगा। अगर यह क्रियान्वित हो जाता है तो, इल्वर के सुझाव वर्तमान सरकारी खाद्व नीतियों में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला पायेंगे।
हालैंड के एक वरिष्ठ खाद्य एवं पोषण अधिकारी ने इस सभा में इल्वर से असहमति जताते हुये कहा कि छोटे किसानों को अधिक सशक्त करने की बात से मैं सहमत हूं। लेकिन वास्तविकता यह है कि बड़े कृषि फार्म अब गायब नहीं होंगे। अतएव हमें औद्योगिक कृषि व्यापार को और प्रभावशाली बनाने के तरीके तलाशने होंगे। और इसका अर्थ है कि हमें छोटे या बड़े निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करना ही होगी। संयुक्त राष्ट्र की नई खाद्य विशेष प्रतिनिधि पदग्रहण व्याख्यान कमोवेश इटली के रोम में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा हेतु कृषि पारिस्थितिकी पर हुये दो दिवसीय महत्वपूर्ण सम्मेलन के साथ-साथ ही हुआ है, जिसे एफएओ ने आयोजित किया था। इसमें वैज्ञानिकों, निजी क्षेत्र, सरकारी अधिकारियों एवं नागरिक समाज के अग्रणी लोगों ने भागीदारी की थी।
अनेक वैज्ञानिकों का मानना है कि कृषि पारिस्थितिकी किसी विज्ञान से कहीं ज्यादा है। यह न्याय के लिये एक सामाजिक आंदोलन भी है जो कि किसानों के समुदायों के उन अधिकारियों का न सिर्फ सम्मान करता है बल्कि मान्यता भी देता है कि वे स्वयं तय करें कि उन्हें क्या उगाना है और कैसे उगाना है। वहीं कुछ अन्य वैज्ञानिकों का कहना है कि औद्योगिक कृषि के प्रति हम जरूरत से ज्यादा कृपालु बने रहे। निजी क्षेत्र ने इसकी अनुशंसा की लेकिन वह विश्व का पेट भरने में असमर्थ रहा है। साथ ही यह पर्यावरण प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों के अनुचित उपयोग की भी दोषी है। |
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हॉलीवुड अभिनेत्री मिला कुनिस का कहना है कि पति व अभिनेता एश्टन कचर के साथ दोबारा काम करना उनके लिए अजीब होगा। दोनों टीवी शो 'दैट सेवेन्टीज शो' में काम कर चुके हैं, लेकिन कुनिस को एक फिर से कचर के साथ काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
वेबसाइट 'डेलीमेल डॉट को डॉट यूके' के मुताबिक, कुनिस ने 'टीवी शो 'संडे टुडे विद विली गीस्ट' में कहा कि कचर के साथ काम करना शायद फिर कभी नहीं हो पाए।
उन्होंने कहा, "मैं उन्हें ऐसे नहीं देख सकती और ऐसा नहीं कह सकती, 'आप क्या रहे हैं?' यह एक तरह से अजीब होगा।"
उन्होंने बताया कि एक दृश्य में उनके साथ काम करने के दौरान उनकी प्रतिक्रिया कुछ ऐसी थी, "ओह, आप अभिनय कर रहे हैं।" अभिनेत्री ने कहा कि यह उनके लिए ऐसा था जैसे वह इसे समझ सकती हैं और एश्टन ने उन्हें देखा और उनकी प्रतिक्रिया कुछ ऐसी थी कि "तुम यह किस तरह की भावभंगिमा बना रही हो?"
अभिनेत्री ने कहा कि फिर उनके जेहन में आया कि हम यह नहीं कर सकते। हम एक दृश्य में साथ नहीं हो सकते।
'दैट्स सेवेन्टीज शो' के बाद कुनिस और कचर ने २०१४ में आई फिल्म 'एनी' में कैमियो किया था। |
पिछले ५ साल नागालैंड बोर्ड एचएसएलसी समाधान के साथ प्रश्न पत्र एसएसएलसीग नागालैंड बोर्ड की परीक्षा अब शुरू करने के करीब हैं नागालैंड बोर्ड ऑफ स्कूल शिक्षा से संबंधित छात्र अब परीक्षा अध्ययन की तैयारी में व्यस्त हैं। अध्ययन को आसान बनाने के लिए, एनबीएसई एचएसएलसी मॉडल प्रश्न पत्र इस पृष्ठ पर उपलब्ध हैं। अध्ययन को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए, पिछले ५ सालों से नागालैंड बोर्ड एचएसएलसी प्रश्न पत्र समाधान के साथ यहां उपलब्ध हैं। छात्र अब एनबीएसई एचएसएलसी नमूना पत्रों के अनुसार परीक्षा का अध्ययन शुरू करते हैं। परीक्षा के लिए कक्षा और गृह अध्ययन का नियमित व्याख्यान भी अनिवार्य है। |
- बीडीओ, एडीओ और डाक्टर गैरहाजिर, देवरिया न्यूज इन हिन्दी -अमर उजाला बेहतर अनुभव के लिए अपनी सेटिंग्स में जाकर हाई मोड चुनें।
बरहज। एसडीएम ने शुक्रवार सुबह ब्लाक कार्यालय, सीएचसी और न्यू पीएचसी का औचक निरीक्षण किए। यहां बीडीओ, एडीओ और डाक्टर गैरहाजिर थे। एसडीएम ने कहा कि गैरहाजिर कर्मचारियों के खिलाफ विभाग को लिखा जाएगा। एसडीएम त्रिभुवन विश्वकर्मा पहले ब्लाक कार्यालय पहुंचे। यहां बीडीओ जेएन राव, सहायक विकास अधिकारी पंचायत भरत प्रसाद और बोरिंग टेक्नीशियन मौजूद नहीं थे। उन्होंने पशु चिकित्सालय भी देखा। डाक्टर सहित सभी कर्मचारी मौजूद थे। सीएचसी के निरीक्षण के दौरान प्रभारी डा. लालजी यादव के अलावा कोई डाक्टर नहीं था। डाक्टरों की कमी पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने रैबीज की दवा, मस्तिष्क ज्वर से निपटने एवं अन्य सरकारी सुविधाओं के बारे में प्रभारी डाक्टर से जानकारी ली। हिदायत देते हुए उन्होंने कहा कि यहां कोई डाक्टर रात्रि विश्राम नहीं करता। रात में अचानक निरीक्षण के दौरान कोई नहीं मिला तो कार्रवाई होगी। एसडीएम नगर के न्यू पीएचसी गए। यहां फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय के अलावा कोई डाक्टर ओपीडी में नहीं थे। यहां बताया गया कि डा. पीएन तिवारी धौला पीएचसी गए हैं। उन्होंने दवा अनुभाग की जानकारी ली। निरीक्षण के बाद एसडीएम ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की खामियों और गैरहाजिर कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जाएगा। |
पंजाबी मशहूर सिंगर और फिल्म एक्टर गिप्पी ग्रेवाल अपनी आने वाली फिल्म मंजे बिस्तरे के प्रमोशन को लेकर फिल्म के अन्य कलाकारों सोनम बाजवा, करमजीत अनमोल, जग्गी सिंह के साथ दिल्ली पहुंचे और मीडिया के साथ अपनी फिल्म की स्टोरी को साझा किया।
मीडिया से बातचीत में गिप्पी ग्रेवाल ने बताया कि बलजीत सिंह देव के निर्देशन में बनी मंजे बिस्तरे एक कॉमेडी, लेकिन पारिवारिक ड्रामा है, जिसे पूरे परिवार के साथ आराम से देखा जा सकता है। बकौल गिप्पी ग्रेवाल, यह फिल्म पुराने समय में जिस तरह से शादी होने से १५ दिन पहले रिश्तेदार का शादी वाले घर में आना शुरू हो जाता था और जिस घर में शादी होती थी वह लोग अपने पड़ोसियों के घर से मंजे और बिस्तरे लाना शुरू कर देते थे, उस पर आधारित है।
फिल्म मंजे बिस्तरे में गिप्पी ने सुखी नामक युवक का किरदार निभाया है, जो अपनी बहन की शादी की तैयारी में व्यस्त है, लेकिन घर आई एक नई मेहमान रानो के मोहब्बत के जाल में फंस जाता है। हालांकि, सुखी एक संकोची प्रेमी है, जो अपने प्यार कर इजहार कर पाने में हिचकता है। इसी दौरान अन्य कलाकार कैसे कहानी में प्रवेश करते हैं और नया ताना-बाना बुनते हैं, इसी से हास्य का तड़का लगता है। खास बात यह है कि १४ अप्रैल को रिलीज होने जा रही फिल्म मंजे बिस्तरे का लेखन और निर्माण खुद गिप्पी ग्रेवाल ने किया है।
अभिनेत्री सोनम बाजवा ने बताया कि मंजे बिस्तरे में वह रानो का लीड किरदार प्ले कर रही हैं, जो पूरी तरह से ९० के दशक की लड़की है। हालांकि, वह एक पारिवारिक लड़की है, जो आत्मविश्वासी होने के साथ ही बेहद क्यूट-चुलबुली भी है। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि इस फिल्म में काम करने का मौका दिया गया, क्योंकि यह एक बेहतरीन फिल्म है। |
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। साउथ सुपरस्टार कमल हासन, जो बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी अपने अभिनय का ढंका बजवा चुके हैं। आज वे अपना ६५ वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म ७ नवम्बर १९५४ को तमिलनाडु के रामानाथपुरम में हुआ था। उन्होंने महज ६ साल की उम्र से फिल्मों में काम करना शुरु कर दिया था। उनकी पहली फिल्म कलथुर कन्नम्मा थी, जो 19६0 में रिलीज हुई थी। कमल हासन जितना अपनी एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं, उतना ही अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चा में रहे हैं। आज उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनके बारे में कुछ बातें।
महज ६ साल की उम्र से अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाले कमल हासन ने लीड एक्टर के तौर पर अपने कॅरियर की शुरुआत साल १९७८ में की थी। ७० के दशक में एक्ट्रेस श्रीविद्या के साथ कमल हासन ने कई फिल्में कीं। इस दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं, हालांकि बाद में दोनों अलग हो गए।
कमल हासन १९७८ में खुद से २४ साल बड़ी वाणी गणपति के प्यार में पड़ गए। वाणी कमल हासन के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन करने का काम करती थीं। जल्द ही दोनों ने शादी कर ली। फिल्मों के दौरान कमल की जिंदगी में सारिका आईं। वाणी को जब पता चला कि कमल हासन और सारिका के बीच नजदीकियां इस कदर बढ़ी हैं तो उन्होंने कमल हासन को शादी के १० साल बाद तलाक दे दिया।
तलाक के बाद कमल और सारिका लिव इन रिलेशन में रहने लगे। इसी बीच सारिका प्रेग्नेंट हो गईं उन्होंने बेटी श्रुति हासन को जन्म दिया। बेटी के जन्म के बाद सारिका ने साल १९८८ में शादी की। शादी के बाद सारिका ने फिल्मों से दूरी बना ली। इसके बाद १९९१ में सारिका ने अपनी दूसरी बेटी अक्षरा हासन को जन्म दिया।
कमल के पिछले रिश्तों की तरह यह रिश्ता भी नहीं चल सका। साल २००२ में सारिका और कमल के रास्ते अलग हो गए। कमल हासन अपने से २२ साल छोटी एक्ट्रेस सिमरन बग्गा को डेट करने लगे लेकिन सिमरन ने अपने बचपन की दोस्त से शादी कर ली। फिर कमल हासन की जिंदगी में गौतमी तड़ीमल्ला आईं। दोनों २००५ से २०१६ तक लिव इन में रहे। इसके बाद दोनों आपसी सहमति से अलग हो गए। |
सुनील तिवारी आज के युग को विज्ञान का युग कहा जाता है। विज्ञान के बिना आधुनिक जीवन की परिकल्पना करना भी मुश्किल है। विज्ञान ने मानव-जीवन को हर प्रकार की सुविधाओं से सम्पन्न कर दिया है। आज वैज्ञानिक विकास का सीधा सम्बन्ध राष्ट्रीय विकास से लगाया जाता है। एक विकसित देश के पीछे विज्ञान का ही महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। ऐसा कोई देश नहीं है जिसके विकास में विज्ञान का योगदान न हो। इसीलिए समाज में वैज्ञानिक जागरूकता लाने के लिए हर वर्ष २८ फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। दरअसल इस दिन का भारत के वैज्ञानिक इतिहास में बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसी दिन 19२८ में कोलकाता में भारतीय वैज्ञानिक प्रोफेसर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज की थी, जो रमन इफेक्ट के नाम से प्रसिद्ध है। इसी खोज के लिए उन्हें १९३० में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। आज जब विज्ञान की स्थिति की तुलना उस समय से करते हैं तो विज्ञान की बदहाली पर रोना आ रहा है। विज्ञान की बदहाली का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीवी रमन (१९३०) के बाद से किसी भी भारतीय वैज्ञानिक को नोबेल पुरस्कार नसीब नहीं हुआ। पिछले ८४ सालों से हम भारतीय मूल के विदेशियों द्वारा अर्जित नोबेल पर ही इतरा रहे हैं। इस पर यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर पिछले आठ दशकों से भारत क्यों नहीं ऐसा वैज्ञानिक पैदा कर पाया जो नोबेल पुरस्कार भारत की झोली में डाल सके? पिछले साल कोलकाता में आयोजित १००वें विज्ञान कांग्रेस समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश के वैज्ञानिकों से विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार पाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया था। निश्चित ही राष्ट्रपति का आह्वान एक सकारात्मक संदेश है। पिछले कई सालों से कई बार सरकार में मौजूद जिम्मेदार लोगों द्वारा इस तरह की बातें, घोषणाएं और आह्वान किये जाते रहे हैं, लेकिन वास्तविक धरातल पर अपवादस्वरूप ही कुछ क्रियान्वित हो पाते हैं। यानी यह सब हर बार सिर्फ रस्म अदायगी के तौर पर होता आया है। यथार्थ के धरातल पर देश में वैज्ञानिक अनुसंधान और शोध कार्य की दशा दयनीय ही है। इसका अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स के १४१ देशों की सूची में भारत ६४वें स्थान पर है।
पिछले साल इस सूची में वह ६२वें स्थान पर था। भारत आविष्कार के मामले में ब्रिक देशों में सबसे निचले पायदान पर है। आविष्कार और शोध के मामले में इस तरह पिछड़ने का एक बड़ा कारण यह है कि विकसित दुनिया के देशों की तुलना में हम इस पर बहुत कम खर्च करते हैं। डेलीओटी और मैकेन्जी के एक अध्ययन के मुताबिक २०११ में पूरी दुनिया में शोध और विकास के नाम पर ११४३ अरब डॉलर खर्च किये गए। इसमें एक तिहाई यानी ३३ फीसद खर्च अकेले अमेरिका द्वारा किया गया। इसके बाद यूरोप के द्वारा २४.५ फीसद, चीन द्वारा १२.६ फीसद, जापान द्वारा १२.६ फीसद और भारत द्वारा केवल २.१ फीसद खर्च किया गया। हमारे देश में तकनीकी शोध और विकास योजनाओं में 7५ से ८० फीसद खर्च सरकार के द्वारा किया गया जबकि २0 से २५ फीसद खर्च निजी क्षेत्रों के द्वारा किया गया। विश्वविद्यालयों द्वारा इस क्षेत्र में केवल तीन फीसद खर्च किया गया। इसकी तुलना में ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक डेवलपमेंट एंड कोपरेशन (ओईसीडी) देशों में निजी क्षेत्र द्वारा ६9 फीसद, विश्वविद्यालयों द्वारा १8 फीसद, सरकारी एजेन्सियों द्वारा १0 फीसद और गैर मुनाफा कमाने वाली संस्थाओं द्वारा तीन फीसद खर्च किया गया। इन आंकड़ों से एक बात साफ तौर पर जाहिर हो जाती है कि भारत में शोध और विकास के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी बहुत ही कम है। यानी भारत के निजी क्षेत्र द्वारा अधिकाधिक तकनीकी विकास के लिए किए जाने वाले शोध कार्यो में अधिक ध्यान देने की जरूरत है। ताकि देश में अधिक से अधिक शोध और विकास संबंधी परियोजना पर काम हो सके। अपने देश के शोध और विकास के क्षेत्र में पिछड़े होने की एक वजह यह भी है कि इस मद में दुनिया के अन्य देशों की तुलना में जीडीपी का बहुत कम खर्च होता है।
भारत सरकार द्वारा तकनीकी शोध और वैज्ञानिक विकास के नाम पर कुल जीडीपी केवल ०.९ फीसद ही खर्च किया जाता है। जबकि दूसरी ओर दुनिया के अन्य अनेक देशों में शोध और विकास के नाम पर जीडीपी का २.५ से ४.५ फीसद तक खर्च किया जाता है। इस्नइल अपनी तकनीकी शोध परियोजनाओं के नाम पर जीडीपी का ६ फीसद तक खर्च करता है। पड़ोसी देश चीन भी इस नाम पर कुल जीडीपी का करीब २ फीसद खर्च करता है। इन स्थितियों के मद्देनजर भारत को भी शोध और उसके वांछित परिणाम पाने के लिए निश्चित रूप से निवेश बढ़ाना होगा। तभी हम २1वीं सदी के वैश्विक धरातल पर प्रतिस्पर्धा और चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
इस क्रम में हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम दुनिया के ताकतवर देशों में शामिल होने का भी सपना पाले हुए हैं और इस सपने को साकार करने के नाम पर हमें इस बात का खास खयाल रखना होगा कि एक उन्नत समाज और मजबूत अर्थव्यवस्था में शोध और उसके सार्थक परिणामों की अहम भूमिका होती है। लेकिन इसे विडम्बना ही कहा जाएगा कि हमारे देश में शोध और उसके परिणामस्वरूप किसी सार्थक आविष्कार के लिए आमजन में वैसा जुनून नहीं है जैसा दुनिया के विकसित देशों में देखने में आता है। अपने देश में तो ऊपर से लेकर नीचे तक जुगाड़ की तकनीक को ही अधिक तवज्जो मिली हुई दिखती है और उसी के सहारे ज्यादा से ज्यादा कम चलाने की कोशिश होती है। |
लड़की को प्रपोज करने से पहले आपको चाहिए कि आप सबसे पहले उससे दोस्ती करें।दोस्त बनते ही आपको समझ आ जाएगा कि सामने वाली लड़की का नेचर किस तरह का है।जिसकी वजह से आप उन्हें आराम से अपने दिल की बात बता सकते हैं।
किसी भी लड़की से बात करने या उसे खुश करने से पहले ये पता कर लें कि सामने वाली लड़की आपसे बात करने में रूचि ले भी रही हें या नहीं। क्या उनको आपकी बातों में मजा आ रहा है या नहीं।
लड़कियों को अपनी ओर आकर्षित करने और उन्हें खुश करने का सबसे बढ़िया फॉर्मूला है कि आप उन्हें इंप्रेस करें। यदि आपको अहसास होता है कि लड़की आपसे इंप्रेस है तो आपको मुस्कुराकर प्यार से बात करनी चाहिए।
आपको चाहिए कि लड़कियों से पॉजिटिव बात करें और अपने एटीट्यूड को भी पॉजिटिव रखें, ताकि लड़कियां भी आपसे बात करने में इंटरेस्टेड हो।
बहुत अधिक उतावले ना हो और ना ही बहुत ज्यादा बालें बल्कि लड़कियों को भी बोलने का बराबर का मौका दें।इसके अलावा बीच-बीच में आपको लड़की की तारीफ भी करनी चाहिए। हालांकि ये तारीफ बहुत बनावटी नहीं लगनी चाहिए। |
दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के खराब प्रदर्शन के मद्देनजर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बुधवार (१२ फरवरी) को कहा कि उन्होंने न तो पद छोड़ने की पेशकश की है और न ही उन्हें पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया है। हालांकि, सूत्रों ने दावा किया कि तिवारी ने पार्टी के एक शीर्ष पदाधिकारी से संपर्क किया और भाजपा को आम आदमी पार्टी (आप) के हाथों मिली करारी हार के चलते दिल्ली इकाई प्रमुख के रूप में पद छोड़ने की पेशकश की।
तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, न तो मुझे इस्तीफा देने के लिए कहा गया है और न ही मैंने अपना इस्तीफा दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद तिवारी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि वह दिल्ली भाजपा प्रमुख के रूप में काम जारी रखेंगे या नहीं, यह पार्टी का आंतरिक मामला है। |
मध्यप्रदेश सरकार का किसानों के प्रति उदासीन रवैया एक बार फिर देखने को मिल रहा है। सरकार के द्वारा चलाई जा रही भावांतर भुगतान योजना यहां के किसानों के गले की फांस बन गई है। इस योजना के तहत कई महीने से किसानों को पैसा भुगतान नहीं हो पाया है। किसान को अपने ही पैसों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
भावांतर योजना के तहत मध्यप्रदेश सरकार बिना एमएसपी वाले फसलों पर उचित मूल्य और एमएसपी मूल्य के बीच अंतर वाली राशि को किसानों को भुगतान करती है। लेकिन किसान संगठन आम किसान यूनियन के अनुसार किसानों का २२ हज़ार करोड़़ रुपए सरकार के पास अटका है। वो अपने पैसों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैंं।
हिंद किसान के एक रिपोर्ट के अनुसार नरसिंहपुर के किसान चन्द्रभान को इस योजना के तहत सरकार को बेची गई उड़द के २५ हज़ार के लिए पिछले ९ महीनों से इंतजार करना पड़ रहा है। किसानों ने ज़िला अधिकारी से लेकर कृषि विभाग और यहां तक कि सीएम हेल्पलाइन में भी मदद की गुहार लगाई पर कहीं राहत नहीं मिल रही है।
गौर करने की बात यह है कि सरकार का दावा है की भावांतर योजना किसानों की मदद के लिए चलाई गई है पर सरकारी उदासीनता ने इसके स्वरूप को ही बदल रखा है। किसानो को अपने पैसों के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। |
डबल विजन या डबल दृष्टि (डिप्लोपिया) क्या है? जब आप अपनी आँखें खोलते हैं और एक एकल, स्पष्ट छवि देखते हैं, तो आप संभवत: उसे मंजूर कर लेते हैं। लेकिन यह एक जटिल प्रक्रिया का परिणाम है जिसके लिए आपके आँख के कई हिस्सों को एक साथ आसानी से काम करने की आवश्यकता होती है। कभी कभी कुछ समस्यायों के कारन दोहरी दृष्टि हो जाती है।
जब आप दो दो देखते हैं, इसका मतलब है कि उस सिस्टम के साथ एक समस्या है। और इसे आपको गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि कुछ कारणों की तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है। यह समझने के लिए कि क्या गलत हो रहा है, यह आपकी आंख के हिस्सों को जानने में मदद करता है और वे एक साथ कैसे काम करते हैं।
कॉर्निया: आपकी आंखों में स्पष्ट खिड़की। इसका मुख्य काम प्रकाश को फोकस करना है। यदि आप एक आंख को कवर करते हैं और आपकी डबल दृष्टि ठीक हो जाती है, तो आपको दूसरी आँख में कोर्निया ख़राब हो सकती है।
लेंस: यह आपकी आँख की पुतली के पीछे होता है और आपके रेटिना पर प्रकाश फ़ोकस करने में मदद करता है।
मोतियाबिंद सबसे आम लेंस की समस्या है। सर्जरी लगभग हमेशा उन्हें ठीक करती है।
नसों के साथ एक समस्या जो उन्हें नियंत्रित करती है।
ग्रेव की बीमारी (ग्रेव् डिसीज), एक थायरॉयड की स्थिति जो आँख की मांसपेशियों को प्रभावित करती है यह ऊर्ध्वाधर डिप्लोपिया पैदा कर सकता है, जहां एक छवि दूसरे के ऊपर होती है।
गिलें -बारे सिंड्रोम एक तंत्रिका स्थिति है जो प्रगतिशील कमजोरी का कारण बनती है। कभी-कभी, पहले लक्षण आपकी आंखों में होते हैं और दोहरी दृष्टि शामिल होती है।
मधुमेह आपके आंखों को आगे बढ़ने वाली मांसपेशियों की तंत्रिका क्षति के कारण हो सकता है। इससे दोहरी दृष्टि हो सकती है।
मल्टीपल स्केलेरोसिस आपके मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में कहीं भी नसों को प्रभावित कर सकता है। यदि आपकी आँखों को नियंत्रित करने वाली नसों को नुकसान पहुंचता है, तो आप दोहरी देख सकते हैं।
डबल दृष्टि (डिप्लोपिया)के लक्षण क्या हैं?
डबल विजन का निदान कैसे किया जाता है?
दोहरी दृष्टि (डिप्लोपिया) जो नई या अस्पष्टीकृत है, उसे तुरंत चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है। इतने सारे संभावित कारणों से, बिना देरी के कारणों की खोज करना महत्वपूर्ण है।
आपके चिकित्सक को आपकी समस्या का कारण जानने के लिए सबसे अधिक संभावना एक से अधिक विधि का उपयोग करना होगा। वह रक्त परीक्षण, एक शारीरिक परीक्षा, और शायद एक इमेजिंग टेस्ट की कोशिश करता है जैसे कि सीटी या चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई)।
डबल दृष्टि कब शुरू हुई?
क्या आपके सर में चोट लगी, कहीं गिरे या बेहोश हुए?
क्या आप एक कार दुर्घटना में थे?
क्या दिन के अंत में या जब आप थके होते हो तो तो दोहरी दृष्टि ज्यादा होती है?
क्या आपको दोहरी दृष्टि के अलावा कोई अन्य लक्षण हैं?
क्या दो ऑब्जेक्ट्स एक तरफ, या दूसरे के ऊपर एक हैं? या वे थोड़ी सी झुके हुए हैं? कौन सा उच्च या निम्न है?
दोनों छवियां स्पष्ट हैं लेकिन पंक्ति में नहीं? या एक स्पष्ट और दूसरा अस्पष्ट है?
एक आंख को कवर करें, फिर स्विच करें। क्या समस्याएं दूर जाती हैं जब या तो आंख को कवर किया जाता है?
अपने सिर को दाएं झुकाएं, फिर बाईं तरफ। क्या इन स्थितियों में से कोई भी आपकी दृष्टि को बेहतर बनाता है या इसे खराब कर सकता है?
दोहरी दृष्टि (डिप्लोपिया) इलाज कैसे किया जाता है?
सबसे महत्वपूर्ण कदम मूल कारणों की पहचान करना और उनका इलाज करना है।
यदि कमजोर आँख की मांसपेशियों को दोषी ठहराया जाए या चोट की वजह से मांसपेशियों को चोट पहुंचाई गई हो, तो सर्जरी मदद कर सकती है।
यदि डबल दृष्टि को उलट नहीं किया जा सकता है, तो उपचार आपको इसकी सहायता कर सकते हैं। आंख पैच या प्रिज्म चश्मे की तरह विशेष चश्मा, प्रभाव को कम कर सकते हैं। |
ह-१ब वीजा के नए नियम उस में रह रहे भारतीयों के लिए बने मुसीबत, छोड़ना पड़ सकता है अमेरिका !!
ह-१ब वीजा (फ़ाइल फोटो) !
०२ जनवरी २०१८,
'बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन' की नीति के अनुरूप ट्रंप प्रशासन एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रहा है जिससे बड़ी संख्या में भारतीयों को अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्यॉरिटी (डीएचएस) के साथ मेमो के रूप में साझा किया गया यह प्रस्ताव उन विदेशी वर्करों को अपना ह-१ब वीजा रखने से रोक सकता है जिनके ग्रीन कार्ड आवेदन लंबित पड़े हों।
ह-१ब वीजा की मान्यता बढ़ाने की अनुमित !
अमेरिकी सरकार के इस कदम से अमेरिका में हजारों इंडियन एंप्लॉयीज का ह-१ब एक्सटेंड नहीं किया जाएगा क्योंकि अमेरिका में स्थायी निवास की अनुमति देनेवाला उनका ग्रीन कार्ड आवेदन लंबित है। इस नए कानून से प्रभावित होनेवाले भारतीयों में बड़ी तादाद आईटी सेक्टर में काम करनेवाले एंप्लॉयीज की है। मौजूदा नियम में ग्रीन कार्ड आवेदनों के लंबित रहने के मद्देनजर अभी २-३ साल के लिए ह-१ब की मान्यता बढ़ाने की अनुमित मिली हुई है। अगर नया नियम लागू हो जाता है तो ह-१ब धारक ५०,००० से ७५,००० भारतीयों को अमेरिका छोड़कर देश वापस आना पड़ सकता है।
ह-१ब वीजा के दुरुपयोग रोकने के लिए नए प्रतिबंध प्रस्तावित !
खबर है कि सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री की संस्था नैस्कॉम वीजा संबंधी मुद्दों को लेकर अमेरिकी सांसदों और प्रशासन के सामने अपनी चिंता प्रकट कर चुका है और अगले कुछ हफ्तों में प्रस्तावित कानून पर भी बातचीत कर सकता है। दरअसल, अमेरिकी प्रशासन का यह कदम उसके प्रस्तावित 'प्रोटेक्ट एंड ग्रो अमेरिकन जॉब्स (अमेरिकी नौकरियों का संरक्षण और वृद्धि)' बिल के फलस्वरूप उठाया है। इस बिल में ह-१ब वीजा के दुरुपयोग रोकने के लिए नए प्रतिबंध प्रस्तावित हैं। इसके तहत, न्यूनतम वेतन और टैलंट के मूवमेंट को लेकर नई पाबंदियां लगाए जाने की बात कही गई है।
न्यूनतम वेतन में बड़ी वृद्धि के साथ नए वीजा नियम में क्लायंट्स को यह बताने को बाध्य किया जा रहा है कि वो नई नियुक्ति से मौजूदा वर्कर के अगले ५ से ६ साल तक की नौकरी पर खतरा नहीं होने की गारंटी दें। अमेरिका हर साल 8५,००० नॉन-इमिग्रंट ह-१ब वीजा जबकि ६५,००० विदेशियों को विदेशों में नियुक्ति और अमेरिकी स्कूल-कॉलेजों के अडवांस डिग्री कोर्सेज में दाखिले के लिए २०,००० लोगों को वीजा प्रदान करता है। इन कोटे का ७० प्रतिशत वीजा भारतीयों के हाथ ही लगता है। इनमें ज्यादातर को इट कंपनियां नियुक्त करती हैं। |
यह न९५ पुन: प्रयोज्य श्वास चेहरे का मास्क स्पनबाउंड पॉलीप्रोपाइलीन की ३ परतों से बना होता है जिसमें नरम परतें होती हैं जो त्वचा की जलन या एलर्जी की समस्याओं को रोकती हैं।
आकार: १७५ सेमी क्स ९० सेमी।
रंग: सफेद / नीला।
सुरक्षा सामग्री के लिए प्रोटेक्टिव मास्क का ईयर लूप ७.५ इंच पर लेटेक्स फ्री राउंड लाइक्रा इलास्टिक से बनाया गया है, जो १: २ के अनुपात के साथ लंबा होता है, जिससे चाइना नॉट 9५ मास्क पहनना और आराम से निकालना आसान हो जाता है।
न९५ फेस चाइना डिस्पोजेबल मास्क माउथ कवर मेडिकल का निंदनीय नाक पुल अपनी स्थिति में मास्क को सुरक्षित रखता है। जहां खरीदने के लिए न९५ फेस मास्क। |
राष्ट्रीय मिति फाल्गुन २६ शक संवत् १९४१, चैत्र कृष्ण अष्टमी, सोमवार, विक्रम संवत् २०७६। सौर चैत्र मास प्रविष्टे ०३, रज्ज़ब २०, हिजरी १४४१ (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख १६ मार्च सन् २०२० ई॰। सूर्य उत्तरायण, दक्षिण गोल, बसंत ऋतु।
राहुकाल प्रातः ०७ बजकर ३० मिनट से ०९ बजे तक। अष्टमी तिथि अर्धरात्रोत्तर ०३ बजे तक उपरांत नवमी तिथि का आरंभ, ज्येष्ठा नक्षत्र पूर्वाह्न ११ बजकर १२ मिनट तक उपरंात मूल नक्षत्र का आरंभ।
सिद्धि योग अपराह्न ०१ बजकर ३१ मिनट तक उपरांत व्यतीपात योग का आरंभ, बालव करण अपराह्न ०३ बजकर ०४ मिनट तक उपरांत तैतिल करण का आरंभ। चंद्रमा पूर्वाह्न ११ बजकर १२ मिनट तक वृश्चिक उपरांत धनु राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय दिल्ली १६ मार्च: सुबह ०६ बजकर २८ मिनट पर।
सूर्यास्त का समय दिल्ली १६ मार्च: शाम ०६ बजकर ३० मिनट पर।
अभिजित मुहूर्त दोपहर १२ बजकर ०६ मिनट से १२ बजकर ५४ मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर ०२ बजकर ३० मिनट से ०३ बजकर १८ मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्यरात्रि १२ बजकर ०५ मिनट से १२ बजकर ५३ मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम ०६ बजकर १८ मिनट से ०६ बजकर ४२ मिनट तक। अमृत काल अगली सुबह ०५ बजकर १३ मिनट से ०६ बजकर ५२ मिनट तक रहेगा।
राहुकाल सुबह ०७ बजकर ३० मिनट से ०९ बजे तक। सुबह १० बजकर ३० मिनट से १२ बजे तक यमगंड रहेगा। दोपहर ०१ बजकर ३० मिनट से ०३ बजे तक गुलिक काल रहेगा। वर्ज्य काल शाम ०७ बजकर २४ मिनट से ०९ बजकर ०२ मिनट तक रहेगा। दुर्मुहूर्त काल दोपहर १२ बजकर ५४ मिनट से ०१ बजकर ४२ मिनट तक रहेगा। पूरे दिन गण्ड मूल रहेगा। |
इस बारे में फैसला ३१ मई को नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक में किया गया।
नई दिल्ली । नरेंद्र मोदी २.० सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना का विस्तार करते हुए सभी १४.५ करोड़ किसानों तक करने के फैसले को अधिसूचित कर दिया। सरकार के इस कदम से इस योजना का लाभ देशभर के सभी किसानों को मिल सकेगा, बेशक उनके पास कितनी भी जमीन हो।
इस योजना के तहत सरकार किसानों को खाते में सालाना ६,००० रुपये डालेगी। इस बारे में फैसला ३१ मई को नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक में किया गया। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के चुनावी घोषणा पत्र में भाजपाने इस योजना का लाभ देशभर के सभी किसानों को देने का वादा किया था।
केंद्र सरकार ने इस फैसले को अधिसूचित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों लाभार्थियों की पहचान करने को कहा है। राज्यों को यह भी पहचान करनी होगी कि कौन से लोग इस योजना के दायरे में नहीं आते हैं।
इस योजना का लाभ जिन लोगों को नहीं मिल सकेगा उनमें संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पद संभालने वाले किसान परिवार, राज्य/केंद्र सरकार के साथ-साथ पीएसयू और सरकारी स्वायत्त निकायों के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। डॉक्टर, इंजीनियर और वकील के साथ-साथ १० हजार रुपये से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों और अंतिम मूल्यांकन साल में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले पेशेवरों को भी योजना के दायरे से बाहर रखा गया है।
अंतरिम बजट में ७५,००० करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री-किसान योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत दो हेक्टेयर तक की जोत वाले अनुमानत: रूप से १२.५ करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को प्रति वर्ष (तीन बराबर किस्तों में) ६ हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। संशोधित योजना के तहत फाइनेंशियल ईयर २०१९-२० में इस पर अनुमानित रूप से ८७,२१७.५0 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। साथ ही इसके दायरे में २ करोड़ और किसानों को लाया जाएगा। |
इंडियन प्रीमियर लीग के १२वें सीजन का अभी पहला हफ्ता भी नहीं बीता है कि दो बड़े विवाद सामने आ गए हैं। रविचंद्रन अश्विन द्वारा किए गए मांकडिंग रन आउट का विवाद थमा ही नहीं था कि एक और नए विवाद ने अब जन्म ले लिया है। ये एक ऐसा विवाद है जिसमें दो बड़ी टीमें शामिल थीं।
दरअसल बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और मुंबई इंडियंस के बीच आईपीएल का ७वां मैच खेला जा रहा था। आखिरी गेंद पर आरसीबी को जीत के लिए ७ रन चाहिए थे और सामने गेंदबाज थे लसिथ मलिंगा। मलिंगा ने एक बेहतरीन गेंद डाली और बल्लेबाज शिवम दूबे उस गेंद पर सिर्फ १ रन ही ले सके। मैच खत्म हो गया और मुंबई इंडियंस के सभी खिलाड़ी इस रोमांचक जीत पर खुशी मनाने लगे। सभी खिलाड़ी भी एक दूसरे से हाथ मिलाने लगे और ड्रेसिंग रूम की तरफ लौटने लगे। लेकिन इसी बीच टीवी पर रीप्ले दिखा कि मलिंगा ने जो आखिरी गेंद डाली थी वो नो बॉल थी। हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी और मैच खत्म हो चुका था इसलिए उस पर अमल नहीं किया जा सकता था।
इस रीप्ले को जब आरसीबी के कप्तान विराट कोहली ने देखा तो वे भी काफी गुस्सा हो गए। उन्होंने साफतौर पर कहा कि हम आईपीएल जैसा बड़ा टूर्नामेंट खेल रहे हैं, ये कोई क्लब गेम नहीं है, जहां इस तरह की गलती हो। अंपायर को अपनी आंखे खुली रखनी चाहिए थी। मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने भी वही बात दोहराई और कहा कि इस तरह की गलती बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। आपको बता दें कि जिस अंपायर से ये गलती हुई उनका नाम एस रवि है और वे आईसीसी के एलीट पैनल के अंपायर हैं।
अब यहां पर सवाल ये उठता है कि अंपायर केवल बल्लेबाज के आउट होने पर ही क्यों नो बॉल चेक करते हैं। क्या जरूरी नहीं है कि ऐसे अहम मौकों पर भी नो बॉल चेक की जाए। क्योंकि ऐसे मैच में सिर्फ १ गेंद हार और जीत का फर्क पैदा कर सकती है। सोचिए अगर आरसीबी को नो बॉल मिला होता तो उन्हें आखिरी गेंद फ्री हिट मिलती, जिस पर छक्का या चौका भी लग सकता था। अंपायर क्यों सिर्फ आउट होने पर ही नो बॉल चेक करते हैं।
ये पहला वाकया नहीं है जब नो बॉल को लेकर इस तरह का विवाद हुआ हो। इससे पहले २१ दिसंबर २०१८ को बांग्लादेश और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए तीसरे टी२० मैच में भी एक वाकया हुआ था, जिस पर काफी विवाद हुआ था। वेस्टइंडीज द्वारा निर्धारित १९१ रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश ने काफी तेज शुरुआत की। हालांकि पारी के चौथे ओवर में ओशेन थॉमस की गेंद पर बेहद आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे लिटन दास कैच आउट हो गए लेकिन अंपायर तनवीर अहमद ने इसे नो बॉल करार दे दिया। रीप्ले में देखने पर साफ पता चल रहा था कि ये गेंद नो बॉल नहीं थी और ओशेन थॉमस का पैर लाइन के थोड़ा इधर था। इससे पहले वाली गेंद भी अंपायर ने नो बॉल करार दे दी थी लेकिन वो भी नो बॉल नहीं थी। अब लगातर २ गलत नो बॉल दिए जाने की वजह से वेस्टइंडीज के कप्तान कार्लोस ब्रैथवेट नाराज हो गए।
उस मैच में अंपायर दो गलत नो बॉल दे दी थी और यहां पर अंपायर ने नो बॉल होने के बावजूद नहीं दी। तो क्या थर्ड अंपायर को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए कि गेंद नो बॉल थी। हालांकि जब तक मैदान पर मौजूद अंपायर रेफर नहीं करेंगे तब तक थर्ड अंपायर खुद से कुछ नहीं कर सकता। इस तरह की गलतियां मैदान में कई बार अंपायरों से हो चुके हैं। घरेलू क्रिकेट में ऐसा कई बार हो चुका है लेकिन जब आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में ऐसा कुछ होता है तो फिर ज्यादा हंगामा होता है। भविष्य में ऐसी गलतियां ना हों इसके लिए जरूरी है कि केवल बल्लेबाज के आउट होने पर ही नहीं बल्कि इस तरह के नाजुक मौके पर भी थर्ड अंपायर द्वारा नो बॉल चेक की जाए। क्योंकि एक गेंद किसी भी टीम के लिए बहुत बड़ा फर्क पैदा कर सकती है। |
डिजिटल आर्ट के प्रयोग से कला को लेकर अनंत नमूने और कृतियां सृजित की जा सकती हैं। इसके बढ़ते प्रभाव और उपयोग का परिणाम है कि इस विषय को मीडिया के पाठय़क्रम में शामिल किया जा रहा है। आज के युवा वर्ग में यह विधा तेजी से अपनी पकड़ बना रही है। कला के पुराने और नए रूपों का संगम होने के कारण हर वर्ग डिजिटल आर्ट के ज्ञान का उत्सुक होता है और इसको समझना चाहता है।इससे तैयार होने वाली कृतियों के लिए अलग से संग्रहालय तैयार किये जाने लगे हैं।[१] इसका एक उदाहरण है नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय का डिजिटल आर्ट अनुभाग। डिजिटल आर्ट ने कला को पहले से अधिक लोकप्रिय बनाने में भरपूर सहयोग दिया है। इसमें तकनीक की मदद का विशेष योगदान है। इससे पुरानी कला या डिजिटल आर्ट से तैयार कृति को इंटरनेट के माध्यम से संसार में कहीं भी देखा जा सकता है।
अन्तिम परिवर्तन २०:४४, १२ मार्च २०13। |
राहुल द्रविड़ को भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने सोमवार को बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी का क्रिकेट प्रमुख नियुक्त किया।
पूर्व भारतीय कप्तान तथा भारत ए और अंडर-१९ टीम के कोच रहे राहुल द्रविड़ को भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने सोमवार को बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी का क्रिकेट प्रमुख नियुक्त किया।
द्रविड़ को पहले एक जुलाई को पदभार संभालना था लेकिन वह इंडिया सीमेंट से जुड़े थे जिसके कारण इसमें देरी हुई। प्रशासकों की समिति ने द्रविड़ से इंडिया सीमेंट के उपाध्यक्ष पद छोड़ने या एनसीए में अपना कार्यकाल पूरा करने तक अवकाश पर रहने के लिये कहा था। इंडिया सीमेंट ने हितों के टकराव से बचने के लिये उन्हें अवकाश पर भेज दिया। |
आए दिन सभी कंपनियां मार्किट में बेस्ट फीचर्स के साथ स्मार्टफोन लाॅन्च कर रही है। जो ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
आए दिन सभी कंपनियां मार्किट में बेस्ट फीचर्स के साथ स्मार्टफोन लाॅन्च कर रही है। जो ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इन दिनों पूरे भारत में चीन की ऐप्पल कही जाने वाली कंपनी ज़ियाओमी ने दुनिया के पहले डबल फोल्डेबल स्मार्टफोन की पहली झलक दिखाई है। शाओमी के को-फाउंडर और अध्यक्ष लीन बिन ने अपने डबल फोल्डेबल स्मार्टफोन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। बिन ने चीन की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वेइबो पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें फोन को दो बार मुड़ते हुए दिखाया गया है।
बताया जा रहा है कि यह शाओमी का डबल फोल्डेबल साल २०१९ की पहली तिमाही में लांच होगा, हालांकि वीडियो में फोन के अन्य फीचर्स आदि के बारे में जानकारी नहीं दी गई है लेकिन यह साफ है कि कंपनी अपने फोल्डेबल फोन में भी एंड्रॉयड आधारित मिउई सॉफ्टवेयर देगी।
गौरतलब है कि सैमसंग ने पिछले साल नवंबर में सैन फ्रांसिस्को में आयोजित डेवलपर कांफ्रेंस में अपने फोल्डेबल फोन की पहली झलक दिखाई थी।
सैमसंग के फोल्डेबल फोन में मुख्य डिस्प्ले ७.३ इंच की है, वहीं दूसरी डिस्प्ले ४.६ इंच की है। इवेंट के दौरान कंपनी ने बताया कि अगले कुछ महीनों में फोन को बड़े पैमाने पर तैयार किया जाएगा ताकि बाजार की मांग को पूरी की जा सके। |
आइसलैंड में ज्वालामुखी में विस्फोट की वजह से दुनिया भर में हवाई उडानों पर असर पडा है। सभी दूर अफरातफरी मची हुई है और लोग इस मुसीबत से खुद को कैसे बाहर निकाले यह उन्हें समझ में नहीं आ रहा है। आइसलैंड से सुदूर देवभूमि धर्मशाला में भी पहली बार लावा फूटा। यह लावा जस्बातों का था और इसकी तपिश का शिकार आम लोगों पर नहीं बल्कि एक बेहद खास और खूबसूरत बॉलीवुड अदाकारा प्रिटी जिंटा और उनकी टीम बनी। क्रिकेट के मैदान पर ज्वालामुखी फूटे या भूकंप आ जाए एक खिलाडी कभी भी संयम नहीं खोता है। खुशी का इजहार हो या फिर आक्रोश को जताने का यह खिलाडी हर हालात में चेहरे पर एक जैसे भाव लिए होता है। यहां तक की टी२० वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा जमाने के बाद भी धोनी ने इस तरह सेलिब्रेशन और अपनी भावनाओं का इजहार नहीं किया।
धर्मशाला में धोनी ने बता दिया कि क्यों उन्हें ग्रेट फिनिशर कहां जाता है। उन्होंने अपनी टीम को बेहद विपरीत हालातों में जीत दिलवाई है। अंतिम पांच ओवरों में चेन्नई के लिए सेमीफायनल में पहुंचने के रास्ते बंद होते दिख रहे थे। इसी मौके पर धोनी को खोया फार्म मिला और कप्तानी ने जिम्मेदारी भरी पारी खेलते हुए लगातार तीसरी बार टीम को सेमीफायनल में पहुंचा दिया। इरफान पठान के अंतिम ओवर में जीत के लिए १६ रनों की जरूरत थी। लीग के पहले मुकाबले में भी दोनों टीमों के बीच नतीजा पठान के अंतिम ओवर से ही तय हुआ था। उनके जादुर्द ओवर से सुपर ओवर में मुकाबला पहुंच गया था और पंजाब ने सीजन की पहली जीत हासिल की थी। यहां पठान के ही ओवर में धोनी की जादुई बल्लेबाजी से किंग्स इलेवन को सीजन के आखरी मुकाबले में हार नसीब हुई। पंजाब का पलडा भारी नजर आ रहा था और मुकाबला रोमांचक अंत की और बढने की उम्मीद थी लेकिन धोनी ने चार गेंदों में ही काम तमाम कर दिया।
प्रिटी जिंटा पिछले तीन सालों से क्रिकेट से जुडी है। खेल के बेहद बारीक पहलूओं के बारे में उन्हें भले ही जानकारी न हो लेकिन वह अब इतना क्रिकेट तो जानती है कि कौन से कैच को लपका जा सकता था और गेंदबाज। यही वजह है कि धर्मशाला के खूबसूरत स्टेडियम में उनके चेहरे पर गुस्सा और निराशा साफ देखी जा सकती थी। अंतिम दो ओवरों में कप्तान संगकारा के कैच छोडने और मिस फील्डिंग के साथ साथ पठान की गेंदबाजी ने प्रिटी के सीजन कुल मिलाकर ऑल इज नॉट वेल साबित हुआ।
पंजाब किंग्स इलेवन के बल्लेबाजों की नींद अब जाकर टूटी है। पहले गैरजिम्मेदाराना खेल दिखाने वाले बल्लेबाज अब जमकर रन बना रहे है। जयवर्धने और संगकारा के बाद अब जलवा बिखेरने की बारी शॉन मार्श की थी। इरफान पठान गेंदबाजी में भले ही नाकाम साबित हो रहे हो लेकिन बल्ला उनका भी बोल रहा है। युवराज ने जरूर फिर निराश किया लेकिन पंजाब के लिए अब ऐसी पारियों के कोई मायने नहीं है। टीम के लिए यह सीजन का अंतिम मुकाबला था। टीम निराश सीजन का अंत जीत के साथ करना चाहती थी लेकिन न तो आत्मसम्मान बचा और नहीं जीत की खुशी लौट कर आई।
चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल के तीनों सीजन में सेमीफायनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई है। पहले दो मौकों पर यह टीम शुरूआत से ही सेमीफायनल की और मजबूती से कदम बढा रही थी। इस सीजन में जरूर टीम झटके खाते खाते सेमीफायनल में पहुंची है। अब धोनी बिग्रेड के लिए केवल यही मुकाबला करो या मरो नहीं था। अगले दोनों मुकाबले नॉक आउट रहेंगे। सेमीफायनल में जीत मिलती है तो खिताबी दौड में यह टीम बनी रहेगी लेकिन यदि यहां शिकस्त मिलती है तो चैम्पियंस लीग की पात्रता के लिए सेमीफायनल हारने वाली दूसरी टीम से जोरआजमाइश करना होगी।
अंत में एक बेहद दिलचस्प लेकिन जमीनी खिलाडी से जुडी बात। बौध धर्म में पांव छूने की कोई रवायत नहीं है लेकिन धोनी ने दलाई लामा के आगे श्रद्धा से दंडवत हो गए। दलाई लामा के साथ मौजूद प्रिटी जिंटा ने भी मजाकिया अंदाज में धोनी को उनके पांव छूने के लिए कहां, धोनी हल्की से मुस्कुराहट लिए आगे बढ गए। यह केवल एक क्षणिक मजाक था लेकिन मैच का अंत हकीकत था। झारखंड के इस लडाके ने किंग्स इलेवन को खुद के सामने नतमस्तक होने के लिए मजबूर कर दिया। हाड लक किंग्स इलेवन पंजाब। बेटर लक नेक्स्ट टाइम। |
सन् १९५२ में जालोर जिले में ५ विधानसभा के क्षेत्र थे। कोई दोहरे मतदान की सीट नहीं थी। सभी एकल मतदान की सामान्य सीटें थी, जो निम्न थी- जालोर-ए, जालोर-बी, जसवन्तपूरा, सांचोर और जसवंतपूरा-सांचोर। इन पर न तो दोहरा मताधिकार था और न आरक्षण। सन् 19५7 में जालोर जिले में विधानसभा हेतु ५ की जगह निम्नलिखित ४ सीटें बनायीं गयी- सांचोर, जालोर, रानीवाड़ा और आहोर। इस में जालोर सीट दो सदस्यों वाली सीट यानि दोहरे मतदान की थी। एक सामान्य को चुनना और एक अनुसूचित जाति के प्रतिनिधि को चुनना। जालोर विधानसभाकी दोनों सीटें(सामान्य और आरक्षित) राम राज्य परिषद के प्रत्याशियों ने जीती। |
लैसनर के साथ होने वाली फाइट को लेकर कॉर्मियर ने कहा, "ब्रॉक लैसनर के शाथ मेरी अगली फाइट होगी। ब्रॉक लैसनर फिलहाल व्वे के चैंपियन हैं और पूर्व उल्ल्क चैंपियन भी रह चुके हैं।"
कॉर्मियर ने ब्रॉक लैसनर के ड्रेसिंग सेंस को लेकर भी टिप्पणी की। दरअसल ब्रॉक लैसनर ३-पीस सूट के नीचे बूट पहनकर रिंग में आए थे। कॉर्मियर ने इस बारे में बोलते हुए कहा, "मैं ऑक्टागन के अंदर खड़ा हुआ कोशिश कर रहा था कि ब्रॉक लैसनर की तरफ ना देखूं। थोड़ी ही देर में ब्रॉक अंदर आ गए। वो एक सूट पहने हुए थे। उन्होंने काओबॉय बूट में पैंट के निचले हिस्से को दबाया हुआ था। इससे अजीब चीज़ शायद ही आप कभी देखें।"
व्वे और ब्रॉक लैसनर के बीच कड़वाहट पैदा हो गई है ?
व्वे यूनिवर्सल चैंपियन बीते रविवार को हुए उल्ल्क २२६ के मेन इवेंट के बाद नजर आए। लैसनर ने आकर उल्ल्क के डबल चैंपियन (लाइट हैवीवेट और हैवीवेट चैंपियन) डेनियल कॉर्मियर को फाइट के लिए तैयार रहने की चुनौती दी। डेनियल कॉर्मियर और ब्रॉक लैसनर के बीच ऑक्टागन (उल्ल्क केज) में हुई जुबानी जंग से उल्ल्क और व्वे फैंस काफी उत्साहित हो गए।
लेकिन फैंस इस बात से हैरान रह गए कि व्वे ने रॉ में ब्रॉक लैसनर के उल्ल्क में नजर आने की बात का अपने शो पर कोई जिक्र नहीं किया। केजसाइड सीट्स की रिपोर्ट की मानें तो शायद कंपनी और ब्रॉक लैसनर के बीच कुछ कड़वाहट पैदा हो गई है।
तीन बार के पूर्व वॉफ आईसी चैंपियन गोल्डस्ट ने हाल ही में अपने दोनों घुटनों की सर्जरी कराई। गोल्डस्ट ने बर्मिंघम से अपनी और सर्जन की फोटो को शेयर किया। गोल्डस्ट की सर्जरी मशहूर स्पोर्ट्स सर्जन डॉक्टर जैफरे डुगास ने की।
"मैं नहीं जानता कि विंस मैकमैहन को ब्रेट के लगाए आरोपों के बारे में पता भी था या नहीं। लेकिन हाँ, मुझे लॉकर रूम में सभी का समर्थन मिला। साथी रैसलर्स का ब्रेट के बारे में यही कहना था कि 'ये शख्स क्या ही बोल रहा है?' 'वो ये सब बातें क्यों कर रहा है?' 'ये बस बकवास है।' हाँ ये खबर थोड़ी सुर्ख़ियों में थी लेकिन लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। ज़्यादातर लोगों ने केवल इसका मज़ाक बनाया था।"
क्या रैसलिंग दिग्गज बुकर टी की फिर से होगी रिंग में वापसी?
चाहे कितनी ही उम्र क्यों ना हो जाए, एक बड़े मंच पर लाइव परफॉर्म करने की इच्छा कभी खत्म नहीं होती। ऐसे में बुकर टी की वापसी की खबरें आना कोई हैरान करने वाली बात नहीं है। रेस्लिंगन्यूज.को के मुताबिक बुकर टी ने एक पॉडकास्ट "हीटेड कन्वर्ज़ेशंस" में ये कहकर अपने वापस आने के संकेत दिए कि वो वास्तव में कभी रिटायर हुए ही नहीं।
एक्सट्रीम रूल्स पीपीवी में अब कुछ दिनों का वक्त बचा है। इस बार का ये पीपीवी काफी शानदार होने वाला है क्योंकि इसमें कई बड़े मैच को बुक किया गया है। ये पीपीवी भी दोनों ब्रांड का होगा। पीपीवी में कुल सात चैंपियनशिप मैच होने हैं , जिसमें दोनों ब्रांड के टैग टीम चैंपियनशिप, विमेंस चैंपियनशिप, इंटरकॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप, यूएस चैंपियनशिप और व्वे चैंपियनशिप शामिल है। सिर्फ ब्रॉक लैसनर की यूनिवर्सल चैंपियनशिप को इसका हिस्सा नहीं बनाया गया है। जबकि दो सिंगल्स मैच, एक स्टील केज और एक किक ऑफ मैच होगा। कुल मिलाकर ११ मैच होने वाले हैं।
इस हफ्ते स्मैकडाउन का एपिसोड एक्सट्रीम रूल्स पीपीवी से पहले आखिरी शो था। सभी मैचों को पहले तय कर दिया गया था जबकि दो मुकाबले पेज ने शो के दौरान बुक किए। शिंस्के नाकामुरा और एजे स्टाइल्स की दुश्मनी फिर से देखने को मिली जबकि जैफ और एजे स्टाइल्स की जोड़ी को पंसद किया गया। |
चंडीगढ़. देश की पहली प्लान्ड सिटी चंडीगढ़ को अब एक टूरिस्ट सिटी के तौर पर डेवलप किया जाएगा। इसका रोडमैप तैयार है और इसके लिए किए जाने वाले अलग-अलग कामों के लिए मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म फंड्स देगी। एडवाइजर टू एडमिनिस्ट्रेटर मनोज परिदा की देखरेख में शुक्रवार को यूटी सेक्रेटरिएट में मीटिंग हुई।
इसमें रोडमैप को लेकर हायर किए गए कंसल्टेंट की तरफ से फाइनल रिपोर्ट रखी गई। हालांकि जो प्रेजेटेंशन कंसल्टेंट ने दी है, उसमें कुछ बदलाव किए जाने हैं और चंडीगढ़ में क्या-क्या चीजें होंगी उसको लेकर अगले हफ्ते प्रशासन फाइनल कर मिनिस्ट्री को रिपोर्ट सब्मिट करेगा।
मीटिंग में प्रशासन के सभी सीनियर ऑफिसर्स ने हिस्सा लिया। दरअसल मिनिस्ट्री की तरफ से ये योजना स्वदेश दर्शन चलाई जा रही है जिसमें सभी राज्यों और यूटी को टूरिज्म डेवलपमेंट को लेकर प्लानिंग और उस पर मिनिस्ट्री की तरफ से फंड्स प्रोवाइड करवा जा रहे हैं। इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने भी कंसल्टेंट हायर किया है, जिसने चंडीगढ़ में टूरिज्म को कैसे प्रमोट किया जा सकता है इसके लेकर रिपोर्ट तैयार की है।
शुक्रवार को हुई मीटिंग में कंसल्टेंट ने कहा कि बोटेनिकल गार्डन में एक टॉय ट्रेन चलाने से इस एरिया की डेवलपमेंट हो सकती है क्योंकि बच्चों के खेलने के लिए ये एक जगह होगी और इसके चलते ज्यादा लोग इस तरफ को आ सकेंगे।
इसके साथ सुखना लेक में रेगुलर लाइट एंड साउंड शो के लिए कहा गया लेकिन इस पर ऑफिसर्स की तरफ से बताया गया कि ये साइलेंस जोन है और माइग्रेटरी बर्ड्स भी लेक में आते हैं तो उसको देखते हुए ही इसकी प्लानिंग होनी चाहिए।
सदर्न सेक्टरों में टूरिज्म को लेकर कुछ खास नहीं है इसलिए न्यू लेक सेक्टर-४२ की डेवलपमेंट करने की प्लानिंग बनाने के लिए कहा गया है। सुखना लेक में साल में अलग-अलग टाइम वाॅटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी जिनको प्रशासन परमिशन दे। इसके अलावा पियरे जेनरे म्यूजियम और ली कार्बुजिए सेंटर में होलोग्राफिक टेक्नोलाॅजी को यूज किया जाएगा। |
कर्नाटक. कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि कुमारस्वामी सरकार गुरुवार यानी १८ जुलाई को ११ बजे विश्वास मत साबित करेगी। हालांकि, भाजपा ने सोमवार को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी से विश्वास मत साबित करने की मांग की। कांग्रेस और जेडीएस के १६ विधायक इस्तीफा सौंप चुके हैं। हालांकि, स्पीकर रमेश कुमार ने अभी तक फैसला नहीं लिया।
इससे पहले बेंगलुरु के रिसॉर्ट में ठहरे कांग्रेस-जेडीएस विधायक एक बस से विधानसभा पहुंचे हैं। आज विधानमंडल की बैठक होनी है। कांग्रेस के मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि हमें भरोसा है कि विधायक पार्टी में लौट आएंगे। अगर उन्होंने विश्वास मत के खिलाफ वोट किया तो सदस्यता रद्द हो जाएगी। इस पर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि स्पीकर पर विधायकों की सदस्यता रद्द करने का अधिकार नहीं है। येदियुरप्पा का दावा है कि कांग्रेस-जेडीएस सरकार के पास अब बहुमत नहीं है। फ्लोर टेस्ट हुआ तो सरकार गिरेगी। |
लखनऊ: सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए सात नेताओं को बर्खास्त कर दिया। शिवपाल के यूथ विंग पर कार्रवाई के बाद इस्तीफों की बाढ़ आ गई। सपा के चारों यूथ विंग के ११३ पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया है।
मुलायम यूथ ब्रिगेड के सचिव अभय यादव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लोहिया वाहिनी के अध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया।
इसके अलावा इलाहबाद विश्व विद्यालय के बड़े छात्रनेता और अखिलेश के करीबी अभिषेक यादव ने समर्थको के साथ पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। साथ ही यूथ नेता संतोष यादव, राजू यादव, राहुल सिंह, फैजाबाद के युवजनसभा जिलाध्यक्ष अनूप सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया है।
इसके अलावा युवजन सभा प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद गिरि ने भी इस्तीफा दे दिया है। यूथ ब्रिगेड के महासचिव सूरज यादव ने इस्तीफा दे दिया है। |
हाथरस, नीरज चक्रपाणि। पूर्व मंत्री एवं सादाबाद विधायक रामवीर उपाध्याय ने गाॅव ऊँचा गाँव में पंचायत कर चैधरी समाज के दो परिवार जो कि वर्तमान प्रधान चै. रनवीर सिंह (गल्ला) एवं संजय चैधरी की पिछली तीन पीड़ियों से चली आ रही लड़ाई को समाप्त कराकर एक मिशाल पेश की है।
बता दें कि संजय चै. एवं चै. रनवीर सिंह के परिवार में लगभग पचास वर्षों से लड़ाई चली आ रही थी, यह लड़ाई इतनी बढ़ गयी थी कि दोनों परिवार एक दूसरे की जान के दुश्मन बने हुये थे एवं एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर ३०७ जैसी गम्भीर धाराओं में मुकद्दमा भी दर्ज करा रखा था। जिसमें चार्ज सीट लगाकर न्यायालय में दर्ज हो चुकी थी, जिसके चलते दोनों परिवार के बच्चे सरकारी नौकरियों से भी वंचित चल रहे थे। जब यह मामला उपाध्याय के समक्ष आया तो उन्होंने गाँव के काॅलेज में एक पंचायत को बुलाया। जिसमें धानोटी, मीरपुर, जुगसना, रमचेला, एदलपुर, बीजलपुर, पल्हावत, करसोरा समेत आस पास के गाॅवों एवं ब्लाॅक मुरसान के कुछ गाॅवों के प्रतिष्ठित लोग भी सम्मलित हुये जिसकी अध्यक्षता ठा. चैब सिंह एवं संचालन पूर्व प्रधान सत्यवीर आर्य ने किया।
जब पंचायत की शुरूआत की गई तो विधिवत बुजुर्गांे को पंच नियुक्त किया गया किन्तु जैसे ही दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी पीड़ा सुनाई तो रामवीर ने सभी पंचों से बात कर अपना फैसला सुनाया, जिसे दोनों पक्षों ने स्वीकारा किया। तदोपरांत रामवीर ने अपने सामने दोनों परिवार के सदस्यों को गले मिलवाया एवं भविष्य में किसी भी तरह की लड़ाई न करने एवं शान्ति बनाए रखने की अपील की।
इस अवसर पर चरन सिंह गौतम, पूर्व प्रधान चै. राजवीर सिंह, भोला चैधरी फौजी, भगवती गौतम, रामकुमार गौतम, दीनदयाल गौतम, चै. सुरेशचन्द्र, चै. महेन्द्र सिंह, नानकचन्द्र, मुकुटपाल, बलवीर सिंह, रामवीर सिंह प्रधान, ओमकार सिंह, किशन सिंह आदि मौजूद थे। |
राज्य बनने के पहले से छत्तीसगढ़ में रायपुर और बिलासपुर की पहचान बड़े शहर के रूप में होती थी, परंतु स्थापना के १८ वर्षों में अब विकास के मामले में इनके बीच जमीन आसमान का अंतर आ गया है। बिलासपुर लगातार पिछड़ता जा रहा है। इसकी कई वजहों में शहर में बेतरतीब बसाहट के साथ जगह की कमी एक है। ३०.४२ वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले शहर की आबादी ३.७१ लाख को पार कर चुकी है। समस्या यह है कि अब सहूलियतों के विस्तार के लिए शहर में जमीन नहीं बची। बड़े प्रोजेक्ट, उद्योग, कार्यालय सबके लिए पास पड़ोस के गांवों का सहारा लेना पड़ा। इन सबके बावजूद शहर से जुड़े अर्धशहरी गांवों की हालत नहीं बदली। बिजौर, परसाही, बहतराई, खमतराई शहर से ५ किलोमीटर के दायरे में हैं, परंतु मुख्य मार्ग को छोड़कर गांव का अधिकांश हिस्सा तंग गलियों के बीच कीचड़ भरी राहों पर जिंदगी बसर करने मजबूर है। यही वजह है कि सीमावृद्धि के लिए २९ गांवों को शामिल करने पहल की जा रही है।
बहतराई जैसी तंग गलियां और भी कई गांवों में है।
दैनिक भास्कर ने शहर से जुड़े उस्लापुर, सकरी, बहतराई, बोदरी जैसे गांवों की हालत के बारे में टाउन प्लानर, इंजीनियर तथा एक्सपर्ट से बातचीत की। बुनियादी बात यह है कि ग्राम पंचायत और नगर पंचायत में निगम की तुलना में नक्शे पास कराना ज्यादा आसान है। यही वजह है कि ज्यादातर आवासीय कालोनियां गांवों में विकसित हो गईं। शहर की सीमा पार जैसे ही इन गांवों की ओर पहुंचते हैं स्ट्रीट लाइट की रोशनी नजर नहीं आती। उस्लापुर या चकरभाठा रोड पर चोरी, लूट की घटनाएं इसीलिए होती रही हैं। ग्राम पंचायतों में पीने के पानी के लिए हैंडपंप और ट्यूबवेल का सहारा लिया जाता है। नगर निगम की तरह सेटेलाइट टाउन के पास क्लोरीनयुक्त पानी सप्लाई की कोई व्यवस्था नहीं है।
२००४ में रायपुर नगर निगम में मोवा, भनपुरी, अमलीडीह सहित २६ गांव जुड़े। २०१४ में आमासिवनी, सरना, लाभांडी, जोरा, देवपुरी, तोंडा और सड्डू को शामिल किया गया। आबादी १० लाख के पार हुई और अब यह महानगर बन चुका है। ४ साल पहले जुड़े गांवों में पाइप लाइन से पानी और स्ट्रीट लाइट जैसी सहूलियतों के साथ २-२ करोड़ के कार्य स्वीकृत किए गए।
हाईकोर्ट को बोदरी, हाइटेक बस स्टैंड को तिफरा, ट्रांसपोर्ट नगर को सिरगिट्टी, साईं कैम्पस को बहतराई, अपोलो अस्पताल को लिंगियाडीह में स्थापित किया गया। चकरभाठा हवाई अड्डे को अब आर्मी के बेस कैंप बनाने की तैयारियां चल रही हैं। सीयू के बाद मल्टी स्पेशीलिटी अस्पताल को भी कोनी में ही जगह मिली।
एक्सपर्ट पैनल: प्रमोद दुबे मेयर रायपुर, एससी श्रीवास्तव रिटायर्ड अधीक्षण अभियंता नगर निगम, श्याम शुक्ला आर्किटेक्ट। |
इंड व्स ऑस: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही वनडे सीरीज़ का तीसरा और आखिरी १८ जनवरी को खेला जाएगा।
एडिलेड, जेएनएन। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज़ खेली जा रही है। फिलहाल ये सीरीज़ १-१ की बराबरी पर है। ऐसे में मेलबर्न में होने वाला तीसरा और आखिरी वनडे सीरीज़ का निर्णायक मुकाबला हो गया है। मेलबर्न में १8 जनवरी को होने वाले आखिरी वनडे मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया के धुरंधर खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल ने कुछ खिलाड़ियों के स्टाइल को कॉपी किया। उऩ्होंने धौनी के खास हेलीकॉप्टर शॉट को भी कॉपी करने की कोशिश की।
एडिलेड में मिली छह विकेट से हार के बाद ऑस्ट्रेलिया के इस तेज़ तर्रार बल्लेबाज़ ने रिकी पॉंटिंग, मार्क वॉ, केविन पीटरसन और एम एस धौनी सरीखे खिलाड़ियों के शॉट्स को कॉपी करने की कोशिश की। मैक्सवेल ने सबसे पहले रिकी पॉंटिंग के शॉट को कॉपी किया।
मैक्सवेल ने रिकी पॉंटिंग के पुल शॉट, एबी डिविलियर्स के लैप या रैम्प शॉट, केविन पीटरसन के स्विच हिट / रिवर्स स्वीप जैसे कुछ दिग्गज खिलाड़ियों के स्ट्रोक्स को कॉपी किया। भारतीय खिलाड़ियों में उन्होंने धौनी के हेलीकॉप्टर शॉट को भी कॉपी किया।
३० वर्षीय मैक्सवेल को एक मैच याद आया जिसमें उन्होंने भारतीय दिग्गज धौनी का एक कैच ड्रॉप किया था। अगली ही गेंद पर, धौनी ने अपने स्टाइलिश हेलीकॉप्टर शॉट से फॉकनर की गेंद को मैदान के बाहर फेंक दिया था मैक्सवेल को अभी तक ये भी याद है कि वो छक्का ११५ मीटर का था।
मैक्सवेल मौजूदा वनडे सीरीज़ के दो मैचों में १४०.४७ की स्ट्राइक रेट के साथ ५९ रन बना चुके हैं। सिडनी में खेले गए पहले मैच में वो ११ रन बनाकर नाबाद रहे थे। इस मैच को ऑस्ट्रेलिया ने ३४ रन से जीता था। एडिलेड में खेले गए दूसरे मैच में मैक्सवेल ने ३७ गेंदों पर ४८ रन की पारी खेली थी। इस दौरान उन्होंने पांच चौके और एक शानदार छक्का भी लगाया था। हालांकि इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। |
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अन्तिम परिवर्तन ०६:०८, २० दिसम्बर २०13। |
मुंबई : आज बाजार में उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार देखने को मिला है। दिन के निचले स्तरों से सुधार के बावजूद सेंसेक्स और निफ्टी में ०.५ फीसदी की कमजोरी देखने को मिली है। बैंक शेयरों ने सबसे ज्यादा बाजार का मूड बिगाड़ा। निफ्टी 1०,७५० के नीचे फिसलकर बंद हुआ है जबकि सेंसेक्स 3५,4०० के नीचे आकर बंद हुआ है। आज के कारोबार में निफ्टी ने 1०,६९९.७ तक गोता लगाया था जबकि सेंसेक्स 3५,२४१.६३ तक टूट गया था।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी दबाव देखने को मिला है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स ०.२५ फीसदी गिरकर बंद हुआ है, जबकि निफ्टी के मिडकैप १०० इंडेक्स में ०.१ फीसदी की मामूली गिरावट दर्ज की गई है। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स सपाट होकर बंद हुआ है।
बीएसई का ३० शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स १५६ अंक यानि करीब ०.५ फीसदी की गिरावट के साथ 3५,३८८ के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं, एनएसई का ५० शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी ६१ अंक यानि ०.६ फीसदी टूटकर 1०,७४१ के स्तर पर बंद हुआ है।
आज बैंकिंग, मेटल और ऑयल एंड गैस शेयरों में बिकवाली का दबाव सबसे ज्यादा नजर आया। बैंक निफ्टी १.१ फीसदी की गिरावट के साथ २६,१82 के स्तर पर बंद हुआ है। हालांकि एफएमसीजी और रियल्टी शेयरों में खरीदारी देखने को मिली है।
आज के कारोबार में दिग्गज शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, सिप्ला, गेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसबीआई, हीरो मोटो और अदानी पोर्ट्स ३.६-१.२५ फीसदी तक लुढ़क कर बंद हुए हैं। हालांकि दिग्गज शेयरों में एचयूएल, ल्यूपिन, आईटीसी, विप्रो, यस बैंक और एशियन पेंट्स ३.९-०.८ फीसदी तक चढ़कर बंद हुए हैं।
मिडकैप शेयरों में वक्रांगी, एमएंडएम फाइनेंशियल, मैक्स फाइनेंशियल, पेट्रोनेट एलएनजी और फेडरल बैंक ५-३ फीसदी तक गिरकर बंद हुए हैं। हालांकि मिडकैप शेयरों में जेएसडब्ल्यू एनर्जी, एम्फैसिस, मैरिको, नाल्को और पीएंडजी ३.४-२.३ फीसदी तक बढ़कर बंद हुए हैं।
स्मॉलकैप शेयरों में मोरपीन लैब, सिंडिकेट बैंक, क्लैरिएंट केम, जिंदल पॉलि और अदानी ट्रांसमिशन १३.३-८.३ फीसदी तक टूटकर बंद हुए हैं। स्मॉलकैप शेयरों में इंडियाबुल्स रियल एस्टेट, वी-मार्ट रिटेल, पीटीसी इंडिया फाइनेंशियल, प्रीमीयर एक्सप्लोसिव और एचईजी १२.२-७.८ फीसदी तक उछल कर बंद हुए हैं। |
अच्छी बढ़त दिखाने के बाद बाजार की तेजी लगभग गायब हो गई है। सेंसेक्स और निफ्टी सपाट होकर कारोबार कर रहे हैं। शुरुआती कारोबार में निफ्टी ने १०,०८३.२५ तक दस्तक दी थी जबकि सेंसेक्स ३३,५८० तक पहुंचा था। अब निफ्टी १०,०५० के नीचे फिसल गया है जबकि सेंसेक्स ३३,३५० के पास आ गया है।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी सुस्ती का माहौल है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स ०.२५ फीसदी बढ़ा है, जबकि निफ्टी के मिडकैप 1०० इंडेक्स में ०.१५ फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स ०.४ फीसदी तक मजबूत हुआ है।
फिलहाल बीएसई का ३० शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स ८६ अंक यानि ०.२५ फीसदी की बढ़त के साथ ३३,४३५ के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, एनएसई का 5० शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी २६ अंक यानि ०.२५ फीसदी चढ़कर 1०,०56 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
फार्मा, बैंकिंग और ऑटो शेयरों में अच्छी खरीदारी देखने को मिल रही है। बैंक निफ्टी करीब ०.५ फीसदी की बढ़त के साथ २४,५23 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। हालांकि मेटल और आईटी शेयरों में दबाव नजर आ रहा है।
दिग्गज शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक, इंडियाबुल्स हाउसिंग, डॉ रेड्डीज, सन फार्मा, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एशियन पेंट्स ६.६-१.६ फीसदी तक चढ़े हैं। हालांकि दिग्गज शेयरों में कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल और एचडीएफसी २.६-१ फीसदी तक लुढ़के हैं।
मिडकैप शेयरों में डिवीज लैब, बीईएल, टोरेंट फार्मा और वॉकहार्ट १३-३.३ फीसदी तक मजबूत हुए हैं। हालांकि मिडकैप शेयरों में श्रीराम ट्रांसपोर्ट, सन टीवी, इंडियन होटल और अदानी पावर ३-१.३ फीसदी तक गिरे हैं।
स्मॉलकैप शेयरों में रेमंड, विनती ऑर्गेनिक्स, आरएसडब्ल्यूएम, इरोस इंटरनेशनल और ऑरिनप्रो सॉल्यूशंस ७.७-६.१ फीसदी तक उछले हैं। हालांकि स्मॉलकैप शेयरों में एचटी मीडिया, सुप्रीम पेट्रो, जिंदल स्टेनलेस, आशापुरा इंटीमेंट और जेट एयरवेज १0.७-५ फीसदी तक टूटे हैं। |
भोपाल. मोदीजी को जब भी देशवासियों को झटका देना होता है वो शाम को आठ बजे ही टीवी पर आते हैं, ना एक घंटे पहले ना एक घंटे बाद! ना जाने इस आठ में ऐसा कौन सा जादू है जो वो रह-रहकर शॉक देने चले आते हैं।
नोटबंदी के समय भी वो आठ बजे ही टीवी पर आये थे, इसके अलावा पिछले छः दिनों में वो इसी समय पर दो बार टीवी पर आ चुके हैं। अब तो ये आठ लोगों पर भारी पड़ता नजर आ रहा है।
यही वजह है कि इस कहर से बचने के लिए योगेश नाम के युवक अपनी दीवार घड़ी में से आठ नंबर ही उखाड़कर फ़ेंक दिया है, कहता है, ऐसा करने से उसके दिल को ठंडक पहुँची है। अब उसकी घड़ी में सात के बाद सीधे नौ ही बजते हैं।
फ़ेकिंग न्यूज से बात करते हुए योगेश ने बताया कि, इस नंबर का मेरे जीवन में बड़ा महत्त्व है भाईसाब क्योंकि सबसे ज्यादा दुःख मैंने इसी आठ बजे के आसपास ही पाए हैं, मोदीजी आसानी से बोल देते हैं और हमारा पूरा कुनबा हिल जाता है आठ बजे!
पर अब तो मैंने ठान लिया है, नो मोर आइट ऑक्लॉक. मुझे चाहिए ही नहीं भाईसाब, बहुत लफड़ा कर लिया इसने, अब मेरी बारी है! ये देखिए! मैंने स्क्रू-ड्राइवर की मदद से आठ वाला साइन ही जड़ से उखाड़ दिया है! ना रहेगा बॉंस, ना बजेगी बाँसुरी! -कहते हुए योगेश ने उखड़ा हुआ आठ हमारे रिपोर्टर को पकड़ा दिया।
उधर, योगेश को उस समय एक और झटका लगा जब उसे किसी ने बता दिया कि ऐसा करने से कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि मोदीजी की घड़ी तो आज भी जस की तस है। |
कोलकाता के १८ गरीब बच्चों ने कभी नहीं सोचा होगा कि वे कभी हवार्इ जहाज की सैर करेंगे। इन बच्चों ने अभी तक ट्रेन का सफर तक नहीं किया था। हवार्इ जहाज का सफर तो इनके लिए सपने जैसा था, लेकिन सोमवार को राउंड टेबल इंडिया आैर लेडीज सर्किल की महिलाआें ने इन बच्चों के सपने काे साकार कर दिया।
कोलकाता, शिलांग आैर गुवाहाटी की राउंड टेबल इंडिया आैर लेडीज सर्किल की महिलाआें ने कोलकाता के १८ बच्चाें को विमान में बैठाकर उनका सपना पूरा किया।
इन गरीब आैर सुख सुविधाआें से वंचित बच्चों को महिलाएं विमान द्वारा कोलकाता से शिलांग लार्इं। शिलांग में बच्चों ने कर्इ स्थान घूमा आैर मौज-मस्ती की। शिलांग घूमने के बाद इन बच्चों को दोबारा से विमान के जरिए काेलकाता पहुंचाया गया।
राउंड टेबल पहले भी एेसा काम करता आया है। पिछले साल सितंबर में भी राउंड टेबल ने सिलिगुड़ी के १५ गरीब स्कूली बच्चों को बागडोगरा एयरपोर्ट से दिल्ली तथा दिल्ली से आगरा ले गया था। |
उज्जैन/महिदपुर। जिले के महिदपुर सेमदिया में गुरुवार सुबह नाले में बही कार शुक्रवार सुबह जलस्तर कम होने के बाद नजर आई। कार में दो महिला शिक्षकों समेत तीन लोग सवार थे। शुक्रवार सुबह नाले में कार दिखने के बाद ग्रामीणों ने करीब जाकर देखा तो तीनों के शव अंदर पड़े मिले। ग्रामीणों ने शवों को कार से बाहर निकाल कर पुलिस को जानकारी दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया है।
सेमदिया गांव के बरखेड़ा खुर्द स्कूल में १५ अगस्त के दिन झंडावंदन कर लौट रहीं दो शिक्षिका इंदौर निवासी शैलजा पारखी और उज्जैन निवासी नीता शेल्को की कार उफनते नाले में बह गई थी। कार में दोनों शिक्षकों के साथ ड्रायवर भी था। इनके साथ एक अन्य महिला टीचर भी स्कूल से निकली थी, लेकिन बाईक पर सवार होने के चलते वो महिदपुर पहुंच गई। जब यह दोनों शिक्षिका घर नहीं पहुंची तो इनकी तलाश शुरू हुई। पिछले २४ घंटे से इनकी तलाश की जा रही थी। शुक्रवार सुबह नाले का जलस्तर घटने पर गांववालों को नाले में एक कार नजर आई।
पुसिल ने बताया कि गुरुवार को स्कूल में ध्वजारोहण और मिठाई वितरण के बाद करीब दस बजे दोनों शिक्षिका घर के लिए वापस निकली थीं। इनके साथ और भी शिक्षक थे जो सुरिक्षत अपने घर पहुंच गए, लेकिन यह दोनों कार में सवार होने के चलते हादसे का शिकार हो गए। |
क्टेट आवेदन फॉर्म २०२० - ऑनलाइन फॉर्म भरने की टिप्स यहाँ पढ़े।
सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने सीटीईटी एग्जाम के लिए नोटिफिकेशन जारी की है। सीटीईटी २०२० के अनुसार इच्छुक उम्मीदवार २४ जनवरी २०२० से २४ फरवरी २०२० तक सीटीईटी की आधिकारिक वेबसाइट क्टेट।निक।इन से ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। सीटीईटी जुलाई २०२० के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों के पास स्नातक की डिग्री के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में डिग्री या डिप्लोमा होना आवश्यक है। उम्मीदवारों को बता दें कि सीटीईटी २०२० की लिखित परीक्षा ०५ जुलाई २०२० को आयोजित की जाएगी। इसलिए इस लेख में हम आपको विस्तार से क्टेट आवेदन फॉर्म भरने के लिए स्टेप वाइज स्टेप जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
क्टेट आवेदन फॉर्म कैसे आवेदन करें?
परीक्षा के लिए इवेंट्स नीचे तालिका में दिया गया है।
आपका नाम परीक्षा केंद्र के बारे में चयन करें, आप कम से कम तीन सेंटर चुन सकते हैं। आधार कार्ड की जानकारी भरें राज्य, जिला, कॉलेज का नाम, पिनकोड और डिग्री में अंकों का% दर्ज करें। अपना पता, स्थानीयता, शहर, जिला, राज्य और पिनकोड दर्ज करें।
माताजी का नाम परीक्षा पेपर के लिए अपनी भाषा का चयन करें अंग्रेजी या हिंदी योग्यता परीक्षा की स्थिति, रोजगार की स्थिति चुनें। डिप्लोमा%, कॉलेज का नाम, पिनकोड और जिला दर्ज करें। अपना ईमेल औऱ मोबाईल नंबर दर्ज करें।
अपनी स्कैन की गयी तस्वीर, आवेदन पत्र में अपलोड करें।
इसके बाद हस्ताक्षर अपलोड करें।
अपनी छवि को कैसे बदलें / उसका आकार बदलें?
क्रेडिट / डेबिट कार्ड या ई-चालान द्वारा भुगतान करें।
भुगतान करने के बाद, आपको पुष्टिकरण पृष्ठ पर ले जाया जाएगा।
भविष्य के संदर्भ के लिए पुष्टिकरण पृष्ठ का एक प्रिंटआउट लें।
क्टेट आवेदन फॉर्म अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न?
क.१ मैं क्टेट २०२० के लिए आवेदन कैसे कर सकता हूं?
अंस.१ ऊपर दिए गए क्टेट २०२० के लिए आवेदन करने के लिए सीधे लिंक पर जाएं और फिर अपने आप को सफलतापूर्वक पंजीकृत करने के लिए ऊपर दी गई विस्तृत प्रक्रिया का पालन करें।
क.२ क्टेट फॉर्म २0२0 की अंतिम तिथि क्या है?
अंस.२ सीटीईटी आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि २4 फरवरी २0२0 है, हालांकि फीस का भुगतान २7 फरवरी २0२0 तक किया जा सकता है!
क.३ क्टेट परीक्षा २०२० के लिए आयु सीमा क्या है?
अंस.३ क्टेट २०२० के लिए अधिकतम आयु सीमा आधिकारिक भर्ती अधिसूचना में निर्दिष्ट नहीं की गई है, लेकिन न्यूनतम आयु सीमा १७ वर्ष है।
क.४ मैं अपना क्टेट फ़ॉर्म कैसे ठीक कर सकता हूँ?
अंस.४ क्टेट फॉर्म सुधार प्रक्रिया आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट की जाएगी।
जैसा कि हम सभी जानते हैं, अभ्यास सफलता की कुंजी है। इसलिए, अब अपना अभ्यास शुरू करके और अपनी तैयारी को बढ़ावा दें। |
नई दिल्ली साल २०१८ के एइक्य्मा मोटरसाइकल शो में पेश की गई नेक्स्ट-जेनरेशन ब्म स१००० र भारत में आने को तैयार है। कंपनी ने ट्वीट से इस बात की पुष्टि की है। माना जा रहा है कि २०१९ ब्म स१०००र जल्द ही भारत में लॉन्च की जाएगी। पुराने मॉडल की तुलना में नई ब्म स१०००र में कई बदलाव किए गए हैं।
नई बाइक की डिजाइन में सबसे बड़ा बदलाव इसके फ्रंट में हुआ है। इसमें नई फेयरिंग और ट्विन हेडलैम्प क्लस्टर दिए गए हैं। इसमें एलईडी हेडलैम्प और डेटाइम रनिंग लाइट्स हैं। इसके अलावा भी डिजाइन में कुछ अन्य बदलाव हुए हैं। बाइक काफी शार्प दिखती है।
२०१९ ब्मो स१०००र्र की डिजाइन में सबसे बड़ा बदलाव इसके फ्रंट में हुआ है। नई बाइक का इंजन भी पुराने मॉडल से ज्यादा पावरफुल है।
नई बीएमडब्ल्यू एस१०००आरआर में ९९८क्क का इंजन दिया गया है। यह इंजन २०४ भ्प का पावर और ८३ न्म पीक टॉर्क जनरेट करता है। पुराने मॉडल की तुलना में इसमें ८ भ्प ज्यादा पावर है। यह नई बाइक पुराने मॉडल से करीब १० किलोग्राम हल्की है। बाइक का वजन १९७ किलोग्राम है।
फीचर्स और कीमत नई बाइक लेटेस्ट फीचर्स से लैस है। इसमें एबीएस, एबीएस प्रो, डाइनैमिक ट्रैक्शन कंट्रोल और वीली कंट्रोल समेत अन्य सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं। बाइक में लॉन्च कंट्रोल और पिट-लेन स्पीड लिमिटर भी है। इसमें चार राइडिंग मोड (रोड, रेन, डाइनैमिक और रेस) दिए गए हैं। इसके अलावा इसमें ६.५-इंच का टीएफटी इंस्ट्रूमेंट कंसोल, बाय-डायरेक्शनल क्विक-शिफ्टर और क्रूज कंट्रोल फीचर्स भी हैं। इसकी कीमत २०-२२ लाख रुपये के आसपास हो सकती है। |
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नई दिल्ली, एएनआइ। भाजपा की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज की प्रार्थना सभा दिल्ली में १३ अगस्त को होगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे। बता दें कि छह अगस्त की रात सुषमा स्वराज का दिल्ली में निधन हो गया था। सात अगस्त बुधवार को दिल्ली में लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद पुत्री बांसुरी ने बृहस्पतिवार को हापुड़ के ब्रजघाट में अस्थियां का विसर्जन किया।
सुषमा स्वराज भाजपा की कद्दावर नेता होने के साथ ही सरकार में भी अहम भूमिका निभां चुकी हैं। उनका कार्यकाल सबसे ज्यादा चर्चित तब रहा जब उन्हें विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली। सुषमा स्वराज के बारे में यह कहा जाता है कि विदेश में फंसे एक भारतीयों की मदद के लिए वह मात्र एक ट्वीट पर तैयार रहती थीं। उन्हें बस जानकारी मिलने की देर रहती थी वह उस परेशानी खत्म करने की तैयारी में पूरी जी जान से जुट जाती थीं।
दिल्ली में जब प्याज और बिजली की कमी के कारण भाजपा मुश्किल में तब इस मुश्किल घड़ी में भाजपा नेतृत्व ने सुषमा स्वराज की अगुवाई में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया और वह पार्टी के निर्देश पर केंद्रीय मंत्री का पद छोड़कर दिल्ली की मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल लीं।
प्याज को लेकर जनता में बढ़ रही नाराजगी को दूर करने में वह जुटी ही थी कि नमक की कमी की अफवाह भी शुरू हो गई। दुकानों में नमक खरीदने के लिए लोगों की लंबी लाइन लगने लगी। इसके बाद सुषमा स्वराज ने छापेमारी अभियान चला कर इसे रोका। |
नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ती महंगाई के बाद सिक्कों के मूल्य में लगातार गिरावट आ गई है। सिक्के की लागत के बारे में जानकर आपको हैरानी होगी कि सिक्के की लागत उसके मूल्य से ज्यादा है। इंडिया टुडे ने सूचना के अधिकार के तहत सिक्के के मूल्यों को लेकर जानकारी मांगी। सिक्के निर्माण की लागत को लेकर रती के जबाव में रबी से जो जानकारी दी वो जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
इस सवाल का जवाब भारतीय सरकारी टकसाल, मुंबई ने देने से इंकार कर दिया। मुंबई टकसाल में १० रु, ५ रु, २ रु और १ रु के सिक्कों को ढाला जाता है। टकसाल ने गोपनीयता का हवाला देते हुए इस आरटीआई का जवाब देने से इंकार कर दिया। टकसाल ने जवाब में कहा कि ये जानकारी आरटीआई एक्ट, २00५ के सेक्शन ८ (१) (ड) के तहत उपलब्ध नहीं कराई जा सकती क्योंकि ये ट्रेड सीक्रेट है।
वहीं एक आरटीआई हैदराबाद स्थित टकसाल को भी भेजा गया। वहां भी १० रु, ५ रु, २ रु और १ रु ढाला जाता है। हैदराबाद टकसाल ने के मुताबिक १ रुपए के सिक्के को बनाने में औसत लागत १ रुपए ११ पैसे की लागत आती है। रुपए की लागत उसके मूल्य से ज्यादा है। वहीं २ रुपए के सिक्के को ढालने में १.२8 रुपए, ५ रुपए को तैयार करने में ३.६९ रुपए और १० रुपए के सिक्के को बनाने में ५.५4 रुपए की लागत आती है। |
अपने ही हिट लाडा सेडान, टिमोफी कोपाइलव और अलेक्सई बर्य्शेव ने लिखा है, और गीत रूसी बर्फ, रशीद बेहबुडोव द्वारा गाया: क्वालीफाइंग दौर में रिकार्ड आर्केस्ट्रा दो गीतों का प्रदर्शन किया। प्रदर्शन से पहले संगीतकारों ने चिंता नहीं की और मंच को व्यवस्थित और आत्मविश्वास से देखा। मुख्य गायक और सहयोगी टिमोफी कोपाइलव के रूप में, मुख्य मंच केवल दर्शकों का एक बहुत साथ अभी तक एक और जमीन है, ।
न्यायाधीश वालेरी लेओनटिव अपने देशवासियों के प्रदर्शन को पसंद किया: पिछले नहीं सप्ताह या सप्ताह से पहले कुछ भी नहीं है जैसे हम नहीं था गायक ने कहा। डायना आर्बेनाना अपने सहयोगी से सहमत हैं: मुझे ऐसे खतरनाक लड़कों को पसंद है। आप, निश्चित रूप से, काईफोव स्विंग! और व्लादिमीर प्रेसन्याकोव संगीत कार्यक्रम ऑर्केस्ट्रा रिकॉर्ड में भाग लेने की अपनी इच्छा व्यक्त की।
वैसे, आप इस शनिवार, ७ नवंबर को व्लादिमीर में आग्रहक और जोरदार कंपनी रिकॉर्ड ऑर्केस्ट्रा के साथ शाम बिता सकते हैं।
इस बीच, आप हमारे रॉक बैंड की भागीदारी के साथ कार्यक्रम मुख्य चरण से एक विशेष अंश प्रदान करते हैं। कार्यक्रम का पूरा संस्करण टीवी चैनल रूस १ की हवा पर है।
समूह की भविष्य की योजनाओं मुख्य मंच में भाग लेने के लिए एक नया वीडियो शूटिंग और रिलीज लेझ्जिनोबलकानो रिकॉर्ड्स, २५ नवंबर को इस वर्ष के लिए निर्धारित।
महिला दिवस लोगों को नई हिट चाहता है और केवल मुख्य चरण पर जीतता है! |
होम / हिन्दी / ब्यूटी / हनीमून पर इस तरह स्किन का ख्याल और दिखे सुंदर!
स्किन केयर टिप्स जो बता रही हैं ब्यूटी एक्सपर्ट और हर्बल क्वीन शहनाज़ हुसैन।
हनीमून शादी के बाद का एक खास समय होता है जो आपकी ज़िंदगी को यादों से भर देता है और साथ ही आपके रिश्ते को ढेर सारा समय भी मिलेगा। लेकिन जीवन के इन यादगार पलों में खुद को खूबसूरत, तरोताज़ा, सुन्दर और आकर्षक दिखाने के लिए आप इन स्किन केयर टिप्स को फॉलो कर सकते हैं जो बता रही हैं ब्यूटी एक्सपर्ट और हर्बल क्वीन शहनाज़ हुसैन।
यात्रा शुरू करने से पहले ही मैनीक्योर, पैडीक्योर तथा हेयर कट करवा लें ताकि सफर के दौरान आप अपनी ब्यूटी को लेकर निश्चित रह सकतें।
अपने साथ बालों को सजाने, संवारने के लिए एक हल्की कंघी जरूर रखे क्योंकि सफर में बाल बार-बार ख़राब हो जाते है। अगर आपके बाल लम्बे है तो आप बालों पर हैड बैंड तथा हेयर क्लिप का उपयोग करें।
हनीमून के दौरान मोटर गाड़ी, बोटिंग या समुद्र किनारे चहल कदमी करते समय अपने सिर को स्कार्फ से ढंक कर रखे क्योंकि इससे आपके बालों को नैचुरली सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।
चाहे आप ऊंचे बर्फीले स्थानों पर जाएं या समुद्री तट पर, लेकिन जाते हुए हेयर क्रीम तथा सनस्क्रीन ले जाना कतई न भूले क्योंकि समुद्र के पानी तथा बर्फ वाली जगहों पर सूर्य की किरणों का प्रभाव सामान्य स्तर से ज़्यादा कठोर और नुकसानदायक हो जाता है तथा इन परिस्थितियों में सनस्क्रीन त्वचा के प्राकृतिक टेक्स्चर को बनाए रखने में मददगार साबित होता है।
बालों के लिए हेयर ड्रायर काफी लाभदायक साबित होगा। अगर आप समुद्री तट पर जा रही है तो समुद्र के खारे पानी से बालों को बचाने के लिए स्विमिंग कैप का जरूर उपयोग कीजिए। बालों में शैम्पू के बाद कण्डीशनर या हेयर सीरम का जरूर उपयोग कीजिए। समुद्री पानी से बालों को सुरक्षित रखने के लिए हल्के शैम्पू का प्रयोग करके बालों को ताजे साफ पानी से ज़रूर धोएं क्योंकि इससे बालों के प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
अगर आप गर्म स्थल पर जा रही है तो तत्काल उपयोग में लाने वाला स्क्रब जरूर अपने साथ रखें। गर्मियों के मौसम में त्वचा की कोशिकाओं को मैल, गन्दगी तथा तेल से मुक्त रखने के लिए कोशिकाओं की क्लीजिंग अत्यन्त आवश्यक हो जाती है।
त्वचा को साफ करने के बाद स्क्रब को सर्कुलर मोशन में अहिस्ता-अहिस्ता त्वचा पर रगड़िए।
त्वचा को साफ तथा तरोताजा रखने के लिए एक अच्छा स्किन टोनर काफी आवश्यक माना जाता है तथा इनमें से गुलाब आधरित स्किन टोनर सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। त्वचा को साफ करने के बाद कॉटन वूल की मदद से स्किन टोनर से साफ करें।
गर्मियों के मौसम में गाढ़ें मॉश्चराजर के उपयोग से बचें। गर्म जगहों पर धूप से बचने की कोशिश करें।
त्वचा को साफ तथा ताजा रखने के लिए गीले टीशू या वेट वाइप्स हमेशा अपने साथ रखें।
रोजाना मेकअप के लिए आई पेंसिल, काजल तथा लिपस्टिक अपने साथ रखें जो कि दिन और रात में बराबर रूप में फायदेमंद साबित होते हैं। गर्मियों के मौसम में लिप ग्लॉस, टैल्कम पाउडर तथा पाउडर ब्लश काफी सहायक साबित होते है।
सफर के दौरान डियोडरेंट तथा टैल्कम पाउडर भी सहायक साबित होते हैं। |
"जनाब डॉ.छोटेलाल सिंह जी आदाब,प्रदत्त चित्र पर कुण्डलिया छन्द का अच्छा प्रयास हुआ है,इस प्रस्तुति पर"
"जनाब अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी आदाब,प्रदत्त चित्र को सार्थक करते दोनों छन्द अच्छे हुए हैं,इस"
"जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,प्रदत्त चित्र को सार्थक करते दोनों ही छन्द उम्दा हुए हैं,इस प्रस्तुति"
"आपकी विस्तृत टिप्पणी के लिए आभार अखिलेश जी। निश्चित तौर पर इनको अधिक समय दिए जाने की ज़रूरत है और"
"मुहतरमा प्रतिभा पाण्डेय जी आदाब,प्रदत्त चित्र पर आपकी दोनों ही प्रस्तुतियां अच्छी हुई हैं,इसके लिये" |
चारा घोटाला से संबंधित दुमका कोषागार मामले में दो धाराओं के तहत कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को ७-७ साल यानी १४ साल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने लालू पर ६० लाख का जुर्माना भी लगाया है।
दुमका कोषागार में करोड़ों रुपए के गबन के मामले में शुक्रवार को दोषियों की सजा के बिंदु पर कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली थी। क्बी के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई हुई थी।
आखिरी दिन ५ दोषियों का मामला कोर्ट में था। आखिर में कोर्ट ने बचाव पक्ष और सीबीआई की दलील सुनकर तय किया कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत १९ दोषियों को शनिवार को सजा सुनाई जाएगी। ये चारा घोटाला में चौथा मामला है, जब लालू को सजा सुनाई गई है।
लालू यादव को चारा घोटाले के तीन मामलों में पहले ही सजा हो चुकी है। लालू को देवघर कोषागार एवं चाईबासा कोषागार के गबन के दो मामलों में क्रमशः २३ दिसंबर एवं २४ जनवरी को दोषी ठहराया जा चुका है। देवघर मामले में लालू की जमानत याचिका उच्च न्यायालय खारिज कर चुका है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत फूलचंद सिंह, सचिव, ओपी दिवाकर, क्षेत्रीय निदेशक, विमल कांत दास, वेटनरी ऑफिसर, केके प्रसाद, वेटनरी ऑफिसर, मनोरंजन प्रसाद, वेटनरी ऑफिसर, नंद किशोर प्रसाद, वेटनरी ऑफिसर, पंकज मोहन भुई, एकाउंटेंट, पितांबर झा, वेटनरी ऑफिसर, रघुनाथ प्रसाद, वेटनरी ऑफिसर, राधा मोहन मंडल, वेटनरी ऑफिसर, एसके दास, असिस्टेंट, गोपी नाथ दास, प्रोपराइटर, राधा फार्मेसी, एमएस बेदी, प्रोपराइटर सेमेक्स क्रायोजेनिक्स, अरुण कुमार सिंह, पार्टनर विश्र्वकर्मा एजेंसी, अजित कुमार शर्मा, प्रोपराइटर लिटिल ओक, राजकुमार शर्मा, ट्रांसपोर्टर, आरके बगेरिया, ट्रांसपोर्टर, नरेश प्रसाद और प्रोपराइटर वायपर कुटीर को सजा सुनाई जाएगी। |
मुंबई :बाॅलीवुड एक्टर शाहिद कपूर इन दिनों फैमिली संग थाइलैंड में हाॅलीडे एंजाॅय कर रहे हैं। शाहिद फुकेट रिजॉट में ठहरे हुए हैं। इस दौरान की तस्वीरें शाहिद की पत्नी मीरा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की हैं। तस्वीर में मीशा और जैन नजर आ रहे हैं। शेयर की इस तस्वीर में जैन जहां बीच किनारे बैठे दिख रहे हैं। वहीं मीशा ब्लू ड्रेस में भाई के पीछे खड़ी दिख रही हैं।
भाई-बहन की इस तस्वीर को फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा शाहिद ने भी एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में शाहिद मीरा संग पोज देते दिख रहे हैं। तस्वीर में मीरा ब्लू कलर की ड्रेस में नजर आ रही हैं।
इसके साथ शाहिद ने कैप्शन में लिखा-उस। कपल की ये तस्वीर सोशल साइट पर काफी वायरल हो रही है। फैंस उनकी इन तस्वीरों को काफी पसंद कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले शाहिद और मीरा बच्चों संग थाइलैंड की सड़कों पर साइकिल चलाते दिखे थे। काम की बात करें तो शाहिद फिल्म कबीर सिंह में नजर आने वाले हैं। कबीर सिंह तेलुगू ब्लॉकबस्टर अर्जुन रेड्डी का हिन्दी रीमेक है। फिल्म में शाहिद के अपोजिट कियारा आडवाणी हैं।इसमें शाहिद एक सनकी और गुस्सैल सर्जन की भूमिका में दिखेंगे। फिल्म का ट्रेलर कुछ समय पहले ही रिलीज हुआ है, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। यह फिल्म २१ जून को रिलीज हो रही है। |
स्विस देश के खूबसूरत स्थानों में रहने के लिए भुगतान की कल्पना करो। यह वास्तविकता में हो रहा है। घाटी में स्थित एक वास्तविक स्विस गांव अब लोगों को वहां स्थानांतरित करने की पेशकश कर रहा है।वैलिस के कैंटोन में एल्बिन के पहाड़-वाले गांव में २४० लोगों का शांतिपूर्ण समाधान है, जिसमें एक चर्च हैं। अल्बिनेन के निवासि ३० नवंबर को एक नई नीति पेश करने जा रहे हैं जो कम से कम एक दशक के लिए वहां रहने के लिए बाहर के लोगों की पेशकश करेगा।
किसी भी एकल वयस्क को २५,००० स्विस फ़्रैंक या १६ लाख रुपये और प्रत्येक बच्चे को १०,००० स्विस फ़्रैंक या ६ लाख रुपये से अधिक भुगतान किया जाएगा। चार लोगों के परिवार को ७०,००० स्विस फ़्रैंक या लगभग 4६ लाख रुपये मिल सकता है।गांव हाल के दिनों में इतने पैसे खर्च करने को तैयार है, क्योंकि स्थायी परिवारों के बहुत सारे लोग गांव से बाहर निकल गए हैं। गांव के स्कूल को भी बंद कर दिया गया ताकि शेष बच्चों को अन्य पड़ोसी शहरों में स्कूलों में जाने के लिए मजबूर किया जा सके। गांव के भविष्य को बचाने के लिए निवासियों ने इस असामान्य विचार के साथ हैं।
हालांकि, परिषद ने कुछ शर्तों को तैयार किया है स्थानांतरित लोगों को ४५ वर्ष या उससे कम होना चाहिए और कम से कम दस वर्षों तक रहने के लिए तैयार होना चाहिए। जिन संपत्ति को वे खरीदने या पुनर्निर्मित करने जा रहे हैं वे २००,००० स्विस फ़्रैंक या १.३ करोड़ के आसपास होंगे।संपत्ति दूसरा घर नहीं हो सकती है लेकिन स्थायी निवास होना चाहिए। यदि व्यक्ति या परिवार इसे दस साल की समय सीमा तय करने में असमर्थ हैं, तो उन्हें धन वापस करना होगा।विस्पा और सायन के कस्बे सिर्फ एक घंटा दूर है वहां नौकरी के अवसर तलाशे जा सकते है।
शहर की हलचल से बचने की तलाश करने वालों के लिए यह एक अच्छा मौका है।
एक शहर जहाँ ३५० की रफ्तार से चलती है कारें !! |
मुकाबला: किसका गठबंधन, ज्यादा मजबूत?
कुमारस्वामी की भविष्यवाणी पर प्म मोदी का पलटवार, कहा- देवगौड़ा जी ने भी यही कहा था लेकिन किया क्या?
ब्जप की २०१४ की जीत के हीरो प्रशांत किशोर २०१९ में फिर नरेंद्र मोदी का दे सकते हैं साथ!
उपचुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे हताश नहीं हों। वे चार राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव भारी बहुमत से जीतेंगे और इसके लिए वे 'कांग्रेस-मुक्त भारत' के एजेंडा पर आगे बढ़ें।
निवर्तमान यूपीए सरकार की ओर से कर्नाटक के एचआर भारद्वाज और पंजाब के शिवराज पाटिल के साथ ही १० से ज्यादा राज्यपालों की किस्मत दांव पर लगी हुई है, क्योंकि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि नई व्यवस्था में उनसे शालीनता से राजभवन खाली करने करने को कहा जा सकता है।
एक निर्वाचन अधिकारी ने कथित रूप से केंद्रीय मंत्री केएच मुनियप्पा की अपील पर ईवीएम मशीन की दिशा बदलकर उसे 'वास्तु' के अनुरूप रखा। लेकिन निर्वाचन अधिकारी को यह कार्रवाई महंगी पड़ी और उन्हें कोलार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया।
नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के चिकबल्लापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नीत यूपीए की धुंधली तस्वीर पेश करते हुए दावा किया कि कई राज्यों में इसका खाता तक नहीं खुलेगा और कई राज्यों में इसे इकाई अंक में ही सीट हासिल होगी।
कर्नाटक में राजनीतिक जमीन हासिल करने के लिए प्रयासरत आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को चुनाव प्रचार के दौरान मीडिया पर फिर से हमला बोला और दावा किया कि लोग भाजपा और कांग्रेस दोनों की 'भ्रष्ट' सरकारों से ऊब गए हैं।
कर्नाटक में पैर पसारने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी अपने अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के सप्ताहांत में दो दिवसीय दौरे में 'फंड रेजिंग डिनर' आयोजित करने वाली है। यानी इस दक्षिण भारतीय शहर में केजरीवाल रात्रिभोज के जरिये चंदा जुटाएंगे।
बीजेपी ने लोकसभा चुनावों के लिए शनिवार को जारी दूसरी सूची में ५२ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की, जिनमें कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, राज्यसभा सदस्य और पत्रकार चंदन मित्रा, फिल्म कलाकार निमू भौमिक और जॉय बनर्जी तथा गायक बाबुल सुप्रियो के नाम शामिल हैं।
भारतीय जनता पार्टी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के दवाणगेरे में एक रैली को संबोधित करते कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला। मोदी ने कहा कि देश बचाने का मंत्र है कांग्रेस मुक्त भारत।
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सोमवार को जगदीश शेट्टर को कर्नाटक में ५ मई को होने जा रहे राज्य विधानसभा के चुनावों के लिए पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। वहीं, भाजपा ने पार्टी दो सांसदों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया है। |
गुडग़ांव(मनोज): साइबर सिटी में नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण, अवैध रुप से कालोनी काटने और अतिक्रमण के खिलाफ वृहद स्तर पर अभियान चलाने का दावा किया जा रहा है। हकीकत भी है कि अवैध निर्माणों और कब्जे के खिलाफ कार्रवाई हो भी रही है लेकिन निगम के अधिकारी उन छोटे-बड़े बिल्डरों के गिरेबान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं जो अवैध कालोनी काटने के साथ धड़ल्ले से अवैध निर्माण करा रहे हैं। देखते ही देखते बहुमंजिला इमारतें खड़ी हो रही हैं।
इसके पीछे अधिकारियों के साथ नेताओं के भी हाथ हैं। अवैध निर्मांणों को रोकने जाने वाले अधिकारियों के हवाले भी यह गोपनीयता उजागर हो रही है कि अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई ना करने के लिए सिफारिश भी की जा रही है। वहीं अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई में जनप्रतिनिधियों द्वारा हस्तक्षेप किया जा रहा है। इसके कारण शहर मेें अवैध निर्माण धडल्ले से जारी है। खासकर छोटे बड़े बिल्डर बिना नक्शा पास कराए अवैध रुप से निर्माण करा रहे हंै।
अवैध निर्माण का यह खेल एक दो स्थान पर नहीं बल्कि शहर के कई इलाकों में अधिकतर जगहों पर धड़ल्ले से चल रहा है।
इन इलाकों में काटी जा रहीं हैं अवैध कालोनियांअवैध निर्माण अधिकारियों की अवैध कमाई का जरिया बना हुआ है। शहर के राजेन्द्रा पार्क, सूरत नगर, लक्ष्माण विहार पालम विहार, भीमगढख़ेड़ी, बसई, खांडसा आदि इलाकों में अवैध रुप से जहां निर्माण कराए जा रहे हैं वहीं कालोनियां भी काटी जा रही हैं। पूरे गुडग़ांव में बिना नक्शा पास कराए हजारों निर्माण कराए जा रहे हैं। और इसके प्रति नगर निगम की निगाहें बंद है। यहां तक कि आम लोगों द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। दूसरी तरफ जो लोग बिना मिलीभगत किए निर्माण कराने का प्रयास कर रहे हैं उन लोगों पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जागरुक लोगों का कहना है कि शहर में जो भी अवैध निर्माण हुए हैं वे नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी के कारण हुए हैं। शहर में एक तरफ जहां नगर निगम के अधिकारी अवैध निर्माणों के खिलाफ अपनी कार्रवाई बंद रखते हैं। मिलीभगत के कारण अवैध निर्माणों को होने दिया जाता है।
नगर निगम की टीमों द्वारा निगमायुक्त के आदेश पर जो अभियान चलाया जा रहा है, वह अतिक्रमण हटाने के साथ अवैध निर्माण कराने वालों के खिलाफ है लेकिन अब तक अभियान में नगर निगम द्वारा केवल सड़कों और गलियों में रैम्प और चबूतरे आदि को तोड़कर एकमात्र अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर पूरे अभियान की खानापूर्ति की जा रही है। |
अभ्यर्थी के शारीरिक योग्यता, आयु और कद के अनुरूप न्यूनता कद १५७ से मी तथा इसके साथ समानुपाती वजन होना चाहिए।
अभ्यर्थी का समानुपाती सीना कम से कम ०५ से मी की छाती फुलाने के क्षमता होनी चाहिए।
आवेदक को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए।
किसी भी तरह के रोग/ अपंगता से मुक्त होना चाहिए।
आवेदक को हृदय संबंधी रोग एवं नाक-नीज (घुटने का जुड़ना) नहीं होनी चाहिए।
अभ्यर्थी को फिट्स पड़ने या मानसिक बीमारी, स्फीत शिरा आदि नहीं होनी चाहिए।
अभ्यर्थी को कान में किसी भी तरह का संक्रमण नहीं होनी चाहिए।
आवेदक को यह सलाह दी जाती है कि वह लिखित परीक्षा में बैठने से पूर्व अपने कान के अंदर जमा होने वेल वैक्स को साफ करा लेना चाहिए तथा दातों में जमा होने वाले कीट (वेल टारटार) को भी साफ करा लेना चाहिए जिसके तुरंत बाद शारीरिक फिटनेस परीक्षा और चिकित्सा परीक्षा होगी।
टैटू: शरीर पर स्थाई टैटू बाजू के अन्दरूनी भाग में ही अनुमेय है अर्थात बाजू अन्दरूनी भाग से कलाई तक और हथेली का पिछ्ला भाग/ हाथ का पिछ्ला भाग (पृष्ठीय) शरीर पर स्थित टैटू शरीर के किसी और भाग में नहीं होना चाहिए और यदि है तो अभ्यर्थी मेडिकल में अनफिट हो सकता है।
दौङ कब हैं ?
ही, टैटू: शरीर पर स्थाई टैटू बाजू के अन्दरूनी भाग में ही अनुमेय है अर्थात बाजू अन्दरूनी भाग से कलाई तक और हथेली का पिछ्ला भाग/ हाथ का पिछ्ला भाग (पृष्ठीय) शरीर पर स्थित टैटू शरीर के किसी और भाग में नहीं होना चाहिए और यदि है तो अभ्यर्थी मेडिकल में अनफिट हो सकता है। |
इक वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पॉइंट टेबल: आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप अंक तालिका में जाने किस टीम ने कितने मैच जीते व्ट अंक तालिका आईसीसी ने दुनयाभर में वनडे क्रिकेट और टी२० फॉर्मेट की तरह ही टेस्ट के फॉर्मेट क पॉपुलर करने के लिए वर्ल्ड कप २०19 के समापन के साथ ही वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप की घोषणा कर दी। इसके तहत दुइयभर की दिग्गज टीमें एक दूसरे से टेस्ट मैच खेलती हुई नजर आएगी। टेस्ट मैच ही हर सीरीज अब आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के अंदर खेली जाएगी और टेस्ट क्रिकेट मैच जीतने वाली टीम को अंक भी दिए जाएँगे। इसकी शुरुआत इंग्लैंड और ऑस्टेलिया के बीच हो रही एशेज सीरीज से हो गई है और साल २०21 में इसका फाइनल मैच खेला जाएगा। किसी भी टेस्ट मैच के रिजल्ट आने के बाद के वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप पायंट्स टेबल यहाँ चेक कर सकते है।
वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के अंदर भारत अपनी पहली सीरीज वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू कर दी है। भारत ने पहले टेस्ट मैच में जीत हासिल कर ६० पॉइंट्स हासिल कर लिए है। बता दें की टेस्ट क्रिकेट मैच जीतने वाली हर टीम को ६० अंक मिलेंगे और सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने वाली टीम अंक तालिका में टॉप पर रहेगी। ऐसे में दुनियाभर में क्रिकेट की दिग्गज टीमें एक दूसरे से इस दरम्यान टेस्ट मैच खेल रही है। कुछ टीमों के टेस्ट मैचों की शुरुआत अभी नहीं हुई है और कुछ की हो चुकी है। ऐसे में वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप पॉइंट्स टेबल में बड़े उत्तार-चढाव देखने को मिलेंगे।
साल २०२१ तक चलने वाली वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में पहले दो सस्थान पर रहने वाली टीमों के बीच टेस्ट चैम्पयनशिप का फाइनल मैच खेला जाएगा। आईसीसी ने एक सीरीज के सबसे ज्यादा १२० अंक तय किए है। जिसमें अगर दो टेस्ट मैचों की सीरीज होती है तो एक टेस्ट मैच जीतने के ६० अंक, तीन टेस्ट मैच की सीरीज है तो ४० अंक और ५ टेस्ट मैचों की सीरीज है तो २४ अंक मिलेंगे।
वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में ९ टीमें हिस्सा ले रही है। इस सभी टीमों को ९ सीरीज खेलनी है। जिनमें से ६ घरेलू मैदान ६ विदेशों में होंगी। टीमों के रैंकिग मैच के आधार पर तय किए जाएंगे न की सीरीज के आधार पर। जिसके चलते ये सिलसिला दो साल तक चलेगा और अंत में खिताबी मुकाबला खेला जाएगा।
जिस प्रकार से क्रिकेट के फैंस पर वनडे और टी२० के टूर्नामेंट का खुमार रहता है उम्मीद है की वैसा की उत्साह वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के लिए भी देखने को मिलेगा। अभी तो इसकी शुरुआत हुई है और कई टीमों के मैच तो शुरू भी नहीं हुआ है। ऐसे में जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में बड़े बदलाव देखने को मिलते जाएँगे। पहली बार आयोजित हो वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप कौन जीतेगा? इस बारे में साफ तौर से कुछ नहीं कहा जा सकता। देखते रहे टेस्ट क्रिकेट मैच और साथ ही साथ चेक करते रहे वर्ल्ड टेस्ट चैम्पयनशिप पॉइंट्स टेबल। |
राजधानी दिल्ली दिन-ब-दिन और महंगी होती जा रही है| मंगलवार से दिल्ली मेट्रो में सफर और महंगा हो रहा है। नए किराए के अनुसार यात्रियों को २ किमी तक के लिए १० रुपए, २-५ किमी तक के लिए 1५ रुपए की बजाय २0 रुपए, ५-1२ के लिए २0 से बढ़ाकर ३० रुपए, 1२-२1 किमी तक का किराया ३० की बजाय ४० रुपए और २1-3२ किमी तक के लिए ४० की बजाय ५0 रुपए देने होंगे वहीं 3२ किमी के बाद किराया ५0 रूपए की बजाय ६० रुपए देना होगा।
किराए में की गई बढ़ोत्तरी से मेट्रो में यात्रा करने वाले लोगों की जेब पर असर पड़ेगा जिसके चलते वो नाराज दिखाई दे रहे हैं। मेट्रो में न्यूनतम किराया तो १० रुपए ही रखा गया है लेकिन अधिकतम किराया बढ़ाकर ६० रुपए कर दिया गया है। पहले यह ५० रुपए था। बता दें कि किराए में बढ़ोत्तरी को लेकर सोमवार को दिल्ली विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। हंगामे के बीच दिल्ली विधानसभा ने किराया बढ़ोतरी के खिलाफ प्रस्ताव पास कर दिया।
वहीँ दूसरी ओर विधार्थी परिषद न्सुई के छात्रों ने किराया बढ़ाने के विरोध में डीयू मेट्रो स्टेशन पर हंगामा जमकर हंगामा किया| मेट्रो में रोजाना यात्रा करने वाले यात्री के अनुसार मेट्रो ने किराए बढ़ाने का कारण घाटा बताया है। लेकिन सच यह है कि मेट्रो में पांव रखने की जगह नहीं होती, सुविधाएं तो बढ़ा नहीं रहे लेकिन किराया बढ़ा रहे हैं। |
युवा लीग को खेल खेलने के लिए फुल फेस मास्क की आवश्यकता होती है।
हॉकी एक ऐसा खेल है जिसमें चोट लगने से जोखिम का एक उच्च स्तर शामिल है। खेल के अधिकांश स्तरों पर, यह एक उच्च संपर्क खेल है जिसमें उच्च वेग पर एक छड़ी के साथ एक वल्केनाइज्ड रबर पक के आसपास थप्पड़ मारना शामिल है। खेल के पहले के दिनों में, हेलमेट वैकल्पिक थे, लेकिन आधुनिक खेल में वे अनिवार्य हैं, साथ ही साथ या पूर्ण-चेहरे वाले पिंजरे भी हैं। आपके द्वारा खेले जाने वाले लीग के आधार पर, उपकरण के एक टुकड़े की दूसरे पर आवश्यकता हो सकती है। प्रत्येक खेल खेलने के लिए अपने फायदे और कमियां प्रदान करता है।
हॉकी का छज्जा स्पष्ट प्लास्टिक का एक ढाला हुआ टुकड़ा होता है जो आंखों को, नाक और चेहरे के ऊपरी आधे हिस्से को एक विक्षेपित पक से बचाने के लिए एक हॉकी हेलमेट के साथ संलग्न होता है, साथ ही साथ गलत छड़ें, कोहनी और अन्य बर्फ के खतरों पर। छज्जा टेम्पर्ड है, जो स्थायित्व प्रदान करता है, और यह सभी तरह से पारभासी है। यह दृश्यता की एक उच्च श्रेणी प्रदान करता है और परिधीय दृष्टि में बाधा नहीं डालता है। पिंजरे के विपरीत, हालांकि, स्पष्ट प्लास्टिक एक ठोस टुकड़ा है जो हवा के प्रवाह की अनुमति नहीं देता है, जिससे गेम खेलने के दौरान फॉगिंग हो सकती है। इसके अलावा, दृष्टि स्थायी खरोंच और खरोंच के लिए अतिसंवेदनशील होती है जो खिलाड़ी के दृष्टि क्षेत्र को अवरुद्ध कर सकती है। इसके लिए विज़र के प्रतिस्थापन की आवश्यकता होगी, और खिलाड़ी अक्सर पिंजरों की तुलना में अधिक बार विज़र्स के माध्यम से साइकिल चलाते हैं।
हॉकी के छज्जा के विपरीत, हॉकी पिंजरा धातु है और पूरे चेहरे की सुरक्षा करता है। पिंजरे हेलमेट के शीर्ष से जुड़ता है, और इसमें एक काज शामिल होता है कि यह ऊपर की तरफ कुंडा कर सकता है। पिंजरे में खेल खेलने के दौरान पूरी इकाई को सुरक्षित रखने के लिए ठोड़ी का पट्टा भी शामिल है। पूर्ण-चेहरा पिंजरे बर्फ पर नियमित खिलाड़ियों के लिए सबसे अधिक सुरक्षा प्रदान करता है, और हवा के माध्यम से प्रवाह करने की अनुमति देता है। हालांकि पिंजरा कोहरा नहीं देगा, यह सीधे और आगे दोनों तरह से दृष्टि के खिलाड़ी के क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से बाधित कर सकता है। आम तौर पर, पूर्ण-चेहरा पिंजरे टिकाऊ होता है, और अक्सर तब तक चलेगा जब तक यह किसी खिलाड़ी के सिर के आकार के अनुरूप नहीं हो जाता।
सभी आधिकारिक युवा लीगों को खेल खेलने और संगठित अभ्यास दोनों के लिए पूरे चेहरे वाले हॉकी पिंजरे की आवश्यकता होती है। कॉलेज के माध्यम से पेशाब-वे और बैंटम लीग से, खिलाड़ियों को बिना किसी अपवाद के, हर समय पूर्ण-चेहरा पिंजरे पहनना चाहिए। पिंजरे के साथ खेल खेलने के लिए तैयार करना छोटे स्तरों पर खिलाड़ियों के लिए आसान है, और समय के साथ, एक खिलाड़ी स्पष्ट रूप से इसे देखने के अभाव में पक यात्रा की आशा करने की क्षमता विकसित करता है क्योंकि यह सामने आता है।
वयस्क लीग, चाहे वह प्रतिस्पर्धी हो या मनोरंजक, अक्सर खेल और संगठित अभ्यासों के लिए कम से कम हॉकी के छज्जे की आवश्यकता होती है। अमेरिकन हॉकी लीग, एक पेशेवर मामूली लीग संगठन है, जिसे खिलाड़ियों को टोपी पहनने की आवश्यकता होती है। २०१३ में, नेशनल हॉकी लीग ने एक नियम बनाया कि न्ल में नए खिलाड़ियों को टोपी पहननी होगी, और जो भी खिलाड़ी २६ से कम गेम खेलेंगे उन्हें भी पहनना होगा। अक्सर, पिक-अप गेम्स और अनौपचारिक स्क्रिमेज के लिए हेलमेट से अधिक कुछ भी आवश्यक नहीं होता है, लेकिन खिलाड़ी अक्सर सुरक्षा के लिए टोपी पहनते हैं।
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तेज हवाएं चलने के कारण सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) २२६ रिकॉर्ड किया गया जो खराब श्रेणी में आता है। एक्यूआई १०० से २०० के बीच रहने पर यह मध्यम श्रेणी में माना जाता है, जबकि २०१ से ३०० के बीच खराब, ३०१ से ४०० के बीच बहुत खराब और ४०१ से ५०० के बीच गंभीर श्रेणी में माना जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि शहर की हवा की गुणवत्ता रविवार तक गंभीर श्रेणी में थी मगर २० किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा चलने के कारण वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया और यह खराब श्रेणी में रिकॉर्ड की गई। सीपीसीबी ने कहा कि दिल्ली के २६ इलाकों में वायु गुणवत्ता खराब रिकॉर्ड की गई जबकि चार क्षेत्रों में यह मध्यम श्रेणी में थी।
इसने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में रिकॉर्ड की गई है। सीपीसीबी ने कहा कि दिल्ली में पीएम २.५ का स्तर १०९ था जबकि पीएम १० का स्तर 19२ रिकॉर्ड किया गया। केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने कहा कि दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया है और इसमें तेजी से सुधार होने की संभावना है। |
कोलकाता। पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले भारत के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह का कहना है कि वह कभी किसी भी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी में जम नहीं पाए।
युवराज २०११ में विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे थे। वह उस विश्व कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी चुने गए थे। वो एक बार आईपीएल खिताब जीतने वाली सनराइजर्स हैदराबाद टीम का हिस्सा रह चुके हैं।
वह लीग के इस साल खेले गए १२वें संस्करण में विजेता बनी मुंबई इंडियंस का भी हिस्सा थे।
२०१४ की आईपीएल नीलामी में युवराज सबसे महंगे खिलाड़ी रहे थे। उन्होंने बेंगलोर ने १४ करोड़ की राशि में अपने नाम किया था।
सनराइजर्स ने जब पहली बार २०१६ में आईपीएल खिताब जीता था तब युवराज उस टीम का हिस्सा थे। २०१९ में हुई नीलामी के पहले राउंड में युवराज को किसी ने भी नहीं खरीदा था, लेकिन बाद में मुंबई ने उन्हें एक करोड़ रुपये में खरीदा। |
देश भर में जहां कठुवा रेप केस ने लोगों के मन में आक्रोश पैदा कर दिया है, वहीं बॉलीवुड सेलेब्स भी ८ साल की बच्ची से रेप हुए घिनौने अपराध के विरोध में अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। इसके चलते रेप के मामलों को लेकर सोशल मीडिया पर आम लोगों के साथ सेलेब्स भी इस तरह के जघन्य अपराधों का पुर्जोर विरोध कर रहे हैं। इंस्टाग्राम और ट्विटर पर सोनम कपूर, करीना कपूर, स्वरा भास्करा और फरहान अख्तर, जावेद अख्तर जैसी बड़ी शख्सियतों ने रेप के विरोध में मोर्चा खोला।
इसके चलते कई सेलेब्स सोशल मीडिया पर एक सफेद बोर्ड पर अपने दिल की बात लिख कर ८ साल की बच्ची के लिए इंसाफ मांगते नजर आए। वहीं अब सेलेब्स के बीच एक और सेलेब्स के कुछ ट्वीट सामने आए हैं जिसने इस तरह की मुहीम को बकवास बताया है। साथ ही यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्या मुसलमान हो तो रेप हो जाएगा? |
मेरी पिछली अनेक सभाएँ परमेश्वर के कार्य, परमेश्वर के स्वभाव, और स्वयं परमेश्वर के विषय में थीं। इन सभाओं को सुनने के बाद, क्या तुम लोगों को एहसास होता है कि तुम सबने परमेश्वर के स्वभाव की समझ और ज्ञान को प्राप्त किया है? कितनी बड़ी समझ और ज्ञान को प्राप्त किया है? क्या तुम लोग उसे एक संख्या दे सकते हो? क्या इन सभाओं ने तुम सभी को परमेश्वर की और गहरी समझ दी है? क्या ऐसा कहा जा सकता है कि यह समझ परमेश्वर का सच्चा ज्ञान है? क्या ऐसा कहा जा सकता है कि परमेश्वर का यह ज्ञान और समझ परमेश्वर के सम्पूर्ण सार-तत्व, और जो उसके पास है और जो वह है उसका ज्ञान है? नहीं, बिलकुल नहीं! यह इसलिए है क्योंकि ये सभाएँ केवल परमेश्वर के स्वभाव और स्वरूप के एक भाग की समझ प्रदान करती हैं - न कि इसके सब कुछ की, या उसकी सम्पूर्णता की। ये सभाएँ परमेश्वर के द्वारा किसी समय किए गए कार्य के एक भाग को समझने के लिए तुम लोगों को सक्षम करती हैं, जिसके द्वारा तुम सभी परमेश्वर के स्वभाव और उसके स्वरूप के, साथ ही साथ जो कुछ उसने किया है उस हर एक चीज़ के पीछे क्या पहुँच एवं सोच है, उसे देखते हो। परन्तु यह केवल परमेश्वर की शाब्दिक एवं मौखिक समझ है, और तुम सब अपने हृदय में अनिश्चित बने रहते हो कि इसका कितना भाग सच्चा है। वह कौन सी चीज़ है जो मुख्य रूप से यह निर्धारित करती है कि ऐसी चीज़ों के प्रति लोगों की समझ में कोई वास्तविकता है या नहीं? यह इससे निर्धारित होता है कि उन सबने अपने वास्तविक अनुभवों के दौरान परमेश्वर के वचनों और स्वभाव का वास्तव में कितना अनुभव किया है, और वे सभी इन वास्तविक अनुभवों के दौरा कितना उसे देख या समझ पाये हैं। "पिछली कई सभाओं ने हमें परमेश्वर के द्वारा की गई चीज़ों, परमेश्वर के विचारों, और इसके अतिरिक्त, मनुष्य के प्रति परमेश्वर की मनोवृत्ति, और उसके कार्यों के आधार, साथ ही उसके कार्यों के सिद्धांतों को समझने की अनुमति दी है। और इस प्रकार हमने परमेश्वर के स्वभाव को समझा है, और हम परमेश्वर की सम्पूर्णता को जान पाए हैं।" क्या कभी किसी ने ऐसे वचन कहे हैं? क्या ऐसा कहना सही है? ऐसा बिल्कुल नहीं है। और मैं क्यों कहता हूँ कि ऐसा नहीं है? परमेश्वर का स्वभाव, और जो उसके पास है और जो वह है, उन कार्यों के द्वारा जो उसने किए हैं और उन वचनों के द्वारा जो उसने कहे हैं, प्रगट होते हैं। मनुष्य परमेश्वर के द्वारा किये गये कार्यों व उसके द्वारा बोले गये वचनों के द्वारा, परमेश्वर के दर्शन कर सकता है, परन्तु इससे बस यही कहा जा सकता है कि उसके द्वारा किये गये कार्यों और उसके वचनों से मनुष्य परमेश्वर के स्वभाव व जो उसके पास है और जो वह है, उसके एक अंश को ही समझने में सक्षम हो सकता है। परमेश्वर के स्वभाव व जो उसके पास है और जो वह है, यदि मनुष्य परमेश्वर की और अधिक तथा और गहरी समझ प्राप्त करने की अभिलाषा करता है, तो मनुष्य को परमेश्वर के कार्य और वचनों का और गहनता से अनुभव करना होगा। यद्यपि जब मनुष्य परमेश्वर के वचनों और कार्य का आंशिक रूप से अनुभव करता है तो उसे परमेश्वर की समझ का एक आंशिक भाग ही प्राप्त होता है, क्या यह आंशिक समझ परमेश्वर के सच्चे स्वभाव को दर्शाती है? क्या यह परमेश्वर के सार-तत्व को दर्शाती है? हाँ, वास्तव में यह परमेश्वर के स्वभाव, और परमेश्वर के सार-तत्व को दर्शाता है, और इसमें कोई सन्देह नहीं है। समय या स्थान की परवाह किए बगैर, परमेश्वर किस रीति से अपना काम करता है, या किस रूप में मनुष्य के सामने प्रगट होता है, या किस रीति से अपनी इच्छा को प्रकट करता है, वह सब कुछ जो वह प्रकाशित एवं प्रगट करता है, वह स्वयं परमेश्वर, परमेश्वर के सार-तत्व और जो उस के पास है और जो वह है उसे दर्शाता है। यह बिलकुल सत्य है कि परमेश्वर अपनी विशेषताओं और अस्तित्व एवं अपनी सच्ची पहचान के साथ अपना कार्य करता है; फिर भी, आज, उसके वचनों के द्वारा, और उस प्रचार को सुनने के द्वारा जो वो सुनते हैं लोगों के पास परमेश्वर की केवल आंशिक समझ है, और इस प्रकार कुछ हद तक, इस समझ को केवल काल्पनिक ज्ञान कहा जा सकता है। अपनी वास्तविक स्थिति का ध्यान रखते हुए, तुम केवल परमेश्वर की समझ या ज्ञान को जिसे तुमने सुना, देखा, या जाना है, और अपने हृदय में समझा है, जाँच सकते हो, यदि तुम में से हर एक इस वास्तविक अनुभव से होकर गुज़रता है और इसे थोड़ा थोड़ा कर के जान पाता है। यदि मैं ने इन शब्दों के साथ तुम लोगों से सहभागिता में विचार विमर्श नहीं किया होता, तो क्या मात्र अपने अनुभवों से तुम सभी परमेश्वर के सच्चे ज्ञान को हासिल कर पाते? मैं डरता हूँ, क्योंकि ऐसा करना बहुत ही अधिक कठिन होता। क्योंकि यदि लोग परमेश्वर के अनुभव को पाना चाहते हैं तो उनके पास पहले परमेश्वर के वचन होने चाहिए। फिर भी लोग परमेश्वर के बहुत से वचनों को खाते हैं, ऐसे लोगों की संख्या है जो वास्तव में उन का अनुभव कर सकते हैं। परमेश्वर के वचन आगे की ओर पथ प्रदर्शन करते और मनुष्य को उसके अनुभव में मार्गदर्शन देते हैं। संक्षेप में, उनके लिए जिनके पास थोड़ा बहुत सच्चा अनुभव है, ये अनेक पिछली सभाएँ सत्य की गहरी समझ और परमेश्वर के और अधिक वास्तविक ज्ञान को हासिल करने में उनकी सहायता करेंगी। परन्तु उनके लिए जिनके पास कुछ भी वास्तविक अनुभव नहीं है, या वे जिन्होंने बस अभी अभी अपना अनुभव शुरू किया है, या बस अभी अभी वास्तविकता को स्पर्श करना प्रारम्भ किया है, यह एक बड़ी परीक्षा है। पिछली अनेक सभाओं की मुख्य विषयवस्तु परमेश्वर के स्वभाव, परमेश्वर के कार्य, और स्वयं परमेश्वर से संबंधित थी। जो कुछ भी मैं ने कहा था तुम सबने उसके मुख्य और केन्द्रीय भाग में क्या देखा था? इन सभाओं के द्वारा, क्या तुम लोग यह पहचान सकते हो कि वह जिसने यह काम किया था, और इन स्वभावों को प्रगट किया था, वह स्वयं एक अद्वितीय परमेश्वर है, जो सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है? यदि तुम सबका उत्तर हाँ है, तो किस बात ने तुम लोगों को ऐसे निष्कर्ष तक पहुँचाया? किस पहलू के द्वारा तुम सभी इस निष्कर्ष तक पहुँचे? क्या कोई मुझे बता सकता है? मैं जानता हूँ कि पिछली सहभागिता ने तुम सबको गहराई से प्रभावित किया था, और परमेश्वर को जानने के लिए तुम लोगों के हृदय में एक नई शुरूआत प्रदान की थी, जो महान है। यद्यपि तुम सबने पहले की तुलना में परमेश्वर को समझने के लिए एक बड़ी छलाँग लगाई है, परन्तु परमेश्वर की पहचान की तुम लोगों की परिभाषा को अभी भी यहोवा, व्यवस्था के युग के परमेश्वर, अनुग्रह के युग के प्रभु यीशु मसीह, और राज्य के युग के सर्वशक्तिमान परमेश्वर जैसे नामों से भी कहीं बढ़कर और अधिक उन्नत होना है। दूसरे शब्दों में, यद्यपि परमेश्वर के स्वभाव, परमेश्वर के कार्य, और स्वयं परमेश्वर के बारे में इन सभाओं ने तुम सबको परमेश्वर द्वारा किसी समय बोले गए कुछ वचनों, और परमेश्वर के द्वारा किसी समय किए गए कार्य, और परमेश्वर के द्वारा किसी समय प्रकाशित किए गए उसके अस्तित्व और व्यावहारिक गुणों की समझ दी है, तो भी तुम सभी "परमेश्वर" शब्द की सही परिभाषा और सटीक शुरूआती जानकारी प्रदान करने में असमर्थ हो। न ही तुम लोगों के पास स्वयं परमेश्वर की स्थिति एवं पहचान की, दूसरे शब्दों में तुम सबके पास सभी चीज़ों एवं सम्पूर्ण सृष्टि के मध्य परमेश्वर की हैसियत की सच्ची और सटीक शुरूआती जानकारी तथा ज्ञान नहीं है। यह इसलिए है, क्योंकि स्वयं परमेश्वर व परमेश्वर के स्वभाव के विषय में पिछली सभाओं में, सभी सन्दर्भ परमेश्वर के पूर्व प्रगटीकरण और प्रकाशन पर आधारित थे जो बाईबिल में लिखित हैं। फिर भी मनुष्य के लिए उसके अस्तित्व और उसके व्यावहारिक गुणों की खोज करना कठिन है, जिन्हें परमेश्वर द्वारा मानवजाति के प्रबन्ध और उद्धार के दौरान, या उसके बाहर, प्रकाशित और प्रगट किया गया है। अतः, भले ही तुम लोग परमेश्वर के अस्तित्व और उसके व्यावहारिक गुणों को समझते हो जो उस कार्य में प्रकाशित हुए थे जिसे उसने किसी समय किया था, फिर भी परमेश्वर की पहचान और स्थिति की तुम सबकी परिभाषा उस अद्वितीय परमेश्वर से अभी भी बहुत दूर है, जो सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है, और उस रचयिता से कहीं अलग है। पिछली अनेक सभाओं ने सब को ठीक ऐसा ही महसूस करवाया था मनुष्य परमेश्वर के विचारों को कैसे जान सकता है? यदि कोई वास्तव में जाननेवाला था, तो वह शख्स निश्चित रूप से परमेश्वर ही होगा, क्योंकि केवल परमेश्वर ही अपने विचारों को जानता है, और केवल परमेश्वर ही अपने कार्यों को करने का तरीका व उसका आधार जानता है। इस रीति से परमेश्वर की पहचान को जानना तुम लोगों को उचित और तर्कसंगत लग सकता है, परन्तु परमेश्वर के स्वभाव और परमेश्वर के कार्य से कौन यह बता सकता है कि यह वास्तव में स्वयं परमेश्वर का कार्य है, और मनुष्य का कार्य नहीं है, ऐसा कार्य जो परमेश्वर के बदले मनुष्य द्वारा नहीं किया जा सकता है? कौन यह देख सकता है कि यह कार्य उसकी संप्रभुता में आता है जिसके पास परमेश्वर की हस्ती और सामर्थ है? दूसरे शब्दों में, किन विशेषताओं या हस्ती के जरिए तुम सब यह पहचानोंगे कि वह स्वयं परमेश्वर है, किसके पास परमेश्वर की पहचान है, और वो कौन है जो सब चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है? क्या तुम सबने इसके बारे में कभी सोचा है? यदि तुम लोगों ने नहीं सोचा है तो इससे एक बात साबित होती हैः कि पिछली अनेक सभाओं ने तुम लोगों को बस इतिहास के एक टुकड़े, और उस कार्य के दौरान परमेश्वर की पहुँच, उसके प्रकटीकरण, और उसके प्रकाशन की कुछ समझ दी है जिसमें परमेश्वर ने अपना काम किया था। हालाँकि ऐसी समझ सन्देह से परे तुम सभी में से हर एक को यह पहचान करवाती है कि वह जिसने कार्य के दोनों स्तरों को पूरा किया वह स्वयं परमेश्वर है जिसमें तुम लोग विश्वास करते हो और उसका अनुसरण करते हो, और जिसका तुम सबको हमेशा अनुसरण करना चाहिए, फिर भी तुम लोग अब भी यह पहचानने में असमर्थ हो कि यह वही परमेश्वर है जो सृष्टि के समय से अस्तित्व में है, और जो अनन्तकाल तक अस्तित्व में बना रहेगा, और तुम लोग यह भी पहचानने में समर्थ नहीं हो कि यह वही है जो तुम सबकी अगुवाई करता है और समूची मानवजाति में सर्वोच्च है। तुम लोगों ने निश्चित रूप से इस समस्या के बारे में कभी नहीं सोचा था। वह यहोवा हो या प्रभु यीशु, हस्ती और प्रकटीकरण के किन पहलुओं के द्वारा तुम यह पहचान सकते हो कि वह न केवल वो परमेश्वर है जिसका तुम्हें अनुसरण करना होगा, बल्कि वह है जो मानवजाति को आज्ञा देता है और मनुष्यों की नियति के ऊपर संप्रभुता रखता है, इसके अतिरिक्त कौन स्वयं अद्वितीय परमेश्वर है जो स्वर्ग और पृथ्वी और सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है? किन माध्यमों से तुम यह विश्वास करोगे कि वह जिस में तुम विश्वास करते हो और जिसका अनुसरण करते हो वह स्वयं परमेश्वर है जो सब वस्तुओं के ऊपर संप्रभुता रखता है? किन माध्यमों से तुम लोग उस परमेश्वर को जिस पर तुम विश्वास करते हो उस परमेश्वर से जोड़ सकते हो जो मानवजाति की नियति के ऊपर संप्रभुता रखता है? ऐसी कौन सी बात है जो यह पहचानने में तुम लोगों को अनुमति देती है कि वह परमेश्वर जिस पर तुम विश्वास करते हो स्वयं अद्वितीय परमेश्वर है, जो स्वर्ग और पृथ्वी, और सब में है? यह वह समस्या है जिसका समाधान मैं अगले खंड में करूँगा। ऐसी समस्याएँ जिनके बारे में तुम सबने कभी भी नहीं सोचा है और न ही उनके विषय में सोच सकते हो कि ख़ास तौर पर ऐसी समस्याएँ हो सकती हैं जो परमेश्वर को जानने में बहुत महत्वपूर्ण हैं, और इनमें उन सच्चाईयों को खोजा जा सकता है जिनकी गहराई मनुष्य नहीं नाप सकता। जब ये समस्याएँ तुम्हारे ऊपर आती हैं, और तुम लोगों को इनका सामना करना अवश्य है, और तुम्हें एक चुनाव करना होता है, यदि तुम सब अपनी मूर्खता और अज्ञानता के कारण पूरी तरह से उनका समाधान करने में असमर्थ हो, या इसलिए क्योंकि तुम्हारे अनुभव बिलकुल दिखावटी हैं और तुम लोगों में परमेश्वर के सच्चे ज्ञान की कमी है, तो परमेश्वर पर विश्वास करने की राह पर वे सबसे बड़े अवरोधक और सबसे बड़ी बाधा बन जाएँगे। और इस प्रकार मैं यह महसूस करता हूँ कि इस विषय के संबंध में तुम लोगों के साथ सभा में विचार विमर्श करना सबसे अधिक ज़रूरी है। क्या तुम सभी जानते हो कि अब तुम्हारी समस्या क्या है? क्या तुम लोग उन समस्याओं के विषय में स्पष्ट हो जिनके बारे में मैं बात करता हूँ? क्या ये वो समस्याएँ हैं जिनका तुम लोग सामना करोगे? क्या ये ऐसी समस्याएँ हैं जिन्हें तुम लोग नहीं समझते हो? क्या ऐसी समस्याएँ हैं जो तुम्हारे साथ कभी घटित नहीं हुई हैं? क्या ये समस्याएँ तुम लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं? क्या ये वास्तव में समस्याएँ हैं? यह मामला तुम लोगों के लिए भ्रमित होने का एक बड़ा स्रोत है, जो यह दिखाता है कि तुम्हारे पास उस परमेश्वर की सही समझ नहीं है जिस पर तुम सब विश्वास करते हो, और यह कि तुम लोग उसे गम्भीरतापूर्वक नहीं लेते हो। कुछ लोग कहते हैं, "मैं जानता हूँ कि वह परमेश्वर है, इसलिए मैं उसका अनुसरण करता हूँ, क्योंकि उसका वचन परमेश्वर का प्रकटीकरण है। बस इतना काफी है। और कितने सबूत की ज़रूरत है? निश्चित रूप से हमें परमेश्वर के बारे में सन्देह उत्पन्न करने की आवश्यकता नहीं है? निश्चित रूप से हमें परमेश्वर की परीक्षा नहीं करनी चाहिए? निश्चित रूप से हमें परमेश्वर की हस्ती और स्वयं परमेश्वर की पहचान पर प्रश्न नहीं करना चाहिए?" इसके बावजूद कि तुम लोग इस तरह से सोचते हो या नहीं, किन्तु परमेश्वर के बारे में तुम लोगों को और भ्रमित करने के लिए, या उसे परखने हेतु तुम सबको उकसाने के लिए, और परमेश्वर की पहचान और उसकी हस्ती के विषय में तुम्हारे भीतर सन्देह उत्पन्न करने के लिए मैं ऐसे प्रश्नों को तो बिलकुल भी आगे नहीं रखता हूँ। उसके बजाए, मैं ऐसा इसलिए करता हूँ ताकि मैं तुम लोगों को परमेश्वर की हस्ती के विषय में बड़ी समझ, और परमेश्वर की हैसियत के विषय में एक बड़ी निश्चितता व विश्वास के लिए उत्साहित कर सकूँ, जिससे वे सभी जो परमेश्वर का अनुसरण करते हैं परमेश्वर उन सभी के हृदय में निवास करने वाला एकमात्र परमेश्वर हो, और ताकि परमेश्वर की मूल पदस्थिति - सृष्टिकर्ता, सभी चीज़ों का शासक, स्वयं अद्वितीय परमेश्वर के रूप में - हर जीव के हृदय में पुनः वास करे। यह भी एक मुख्य विषय है जिसके बारे में मैं तुम लोगों से विचार विमर्श करनेवाला हूँ।
पिछली अनेक सभाओं की मुख्य विषयवस्तु परमेश्वर के स्वभाव, परमेश्वर के कार्य, और स्वयं परमेश्वर से संबंधित थी। जो कुछ भी मैं ने कहा था तुम सबने उसके मुख्य और केन्द्रीय भाग में क्या देखा था? इन सभाओं के द्वारा, क्या तुम लोग यह पहचान सकते हो कि वह जिसने यह काम किया था, और इन स्वभावों को प्रगट किया था, वह स्वयं एक अद्वितीय परमेश्वर है, जो सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है? यदि तुम सबका उत्तर हाँ है, तो किस बात ने तुम लोगों को ऐसे निष्कर्ष तक पहुँचाया? किस पहलू के द्वारा तुम सभी इस निष्कर्ष तक पहुँचे? क्या कोई मुझे बता सकता है? मैं जानता हूँ कि पिछली सहभागिता ने तुम सबको गहराई से प्रभावित किया था, और परमेश्वर को जानने के लिए तुम लोगों के हृदय में एक नई शुरूआत प्रदान की थी, जो महान है। यद्यपि तुम सबने पहले की तुलना में परमेश्वर को समझने के लिए एक बड़ी छलाँग लगाई है, परन्तु परमेश्वर की पहचान की तुम लोगों की परिभाषा को अभी भी यहोवा, व्यवस्था के युग के परमेश्वर, अनुग्रह के युग के प्रभु यीशु मसीह, और राज्य के युग के सर्वशक्तिमान परमेश्वर जैसे नामों से भी कहीं बढ़कर और अधिक उन्नत होना है। दूसरे शब्दों में, यद्यपि परमेश्वर के स्वभाव, परमेश्वर के कार्य, और स्वयं परमेश्वर के बारे में इन सभाओं ने तुम सबको परमेश्वर द्वारा किसी समय बोले गए कुछ वचनों, और परमेश्वर के द्वारा किसी समय किए गए कार्य, और परमेश्वर के द्वारा किसी समय प्रकाशित किए गए उसके अस्तित्व और व्यावहारिक गुणों की समझ दी है, तो भी तुम सभी "परमेश्वर" शब्द की सही परिभाषा और सटीक शुरूआती जानकारी प्रदान करने में असमर्थ हो। न ही तुम लोगों के पास स्वयं परमेश्वर की स्थिति एवं पहचान की, दूसरे शब्दों में तुम सबके पास सभी चीज़ों एवं सम्पूर्ण सृष्टि के मध्य परमेश्वर की हैसियत की सच्ची और सटीक शुरूआती जानकारी तथा ज्ञान नहीं है। यह इसलिए है, क्योंकि स्वयं परमेश्वर व परमेश्वर के स्वभाव के विषय में पिछली सभाओं में, सभी सन्दर्भ परमेश्वर के पूर्व प्रगटीकरण और प्रकाशन पर आधारित थे जो बाईबिल में लिखित हैं। फिर भी मनुष्य के लिए उसके अस्तित्व और उसके व्यावहारिक गुणों की खोज करना कठिन है, जिन्हें परमेश्वर द्वारा मानवजाति के प्रबन्ध और उद्धार के दौरान, या उसके बाहर, प्रकाशित और प्रगट किया गया है। अतः, भले ही तुम लोग परमेश्वर के अस्तित्व और उसके व्यावहारिक गुणों को समझते हो जो उस कार्य में प्रकाशित हुए थे जिसे उसने किसी समय किया था, फिर भी परमेश्वर की पहचान और स्थिति की तुम सबकी परिभाषा उस अद्वितीय परमेश्वर से अभी भी बहुत दूर है, जो सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है, और उस रचयिता से कहीं अलग है। पिछली अनेक सभाओं ने सब को ठीक ऐसा ही महसूस करवाया था मनुष्य परमेश्वर के विचारों को कैसे जान सकता है? यदि कोई वास्तव में जाननेवाला था, तो वह शख्स निश्चित रूप से परमेश्वर ही होगा, क्योंकि केवल परमेश्वर ही अपने विचारों को जानता है, और केवल परमेश्वर ही अपने कार्यों को करने का तरीका व उसका आधार जानता है। इस रीति से परमेश्वर की पहचान को जानना तुम लोगों को उचित और तर्कसंगत लग सकता है, परन्तु परमेश्वर के स्वभाव और परमेश्वर के कार्य से कौन यह बता सकता है कि यह वास्तव में स्वयं परमेश्वर का कार्य है, और मनुष्य का कार्य नहीं है, ऐसा कार्य जो परमेश्वर के बदले मनुष्य द्वारा नहीं किया जा सकता है? कौन यह देख सकता है कि यह कार्य उसकी संप्रभुता में आता है जिसके पास परमेश्वर की हस्ती और सामर्थ है? दूसरे शब्दों में, किन विशेषताओं या हस्ती के जरिए तुम सब यह पहचानोंगे कि वह स्वयं परमेश्वर है, किसके पास परमेश्वर की पहचान है, और वो कौन है जो सब चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है? क्या तुम सबने इसके बारे में कभी सोचा है? यदि तुम लोगों ने नहीं सोचा है तो इससे एक बात साबित होती हैः कि पिछली अनेक सभाओं ने तुम लोगों को बस इतिहास के एक टुकड़े, और उस कार्य के दौरान परमेश्वर की पहुँच, उसके प्रकटीकरण, और उसके प्रकाशन की कुछ समझ दी है जिसमें परमेश्वर ने अपना काम किया था। हालाँकि ऐसी समझ सन्देह से परे तुम सभी में से हर एक को यह पहचान करवाती है कि वह जिसने कार्य के दोनों स्तरों को पूरा किया वह स्वयं परमेश्वर है जिसमें तुम लोग विश्वास करते हो और उसका अनुसरण करते हो, और जिसका तुम सबको हमेशा अनुसरण करना चाहिए, फिर भी तुम लोग अब भी यह पहचानने में असमर्थ हो कि यह वही परमेश्वर है जो सृष्टि के समय से अस्तित्व में है, और जो अनन्तकाल तक अस्तित्व में बना रहेगा, और तुम लोग यह भी पहचानने में समर्थ नहीं हो कि यह वही है जो तुम सबकी अगुवाई करता है और समूची मानवजाति में सर्वोच्च है। तुम लोगों ने निश्चित रूप से इस समस्या के बारे में कभी नहीं सोचा था। वह यहोवा हो या प्रभु यीशु, हस्ती और प्रकटीकरण के किन पहलुओं के द्वारा तुम यह पहचान सकते हो कि वह न केवल वो परमेश्वर है जिसका तुम्हें अनुसरण करना होगा, बल्कि वह है जो मानवजाति को आज्ञा देता है और मनुष्यों की नियति के ऊपर संप्रभुता रखता है, इसके अतिरिक्त कौन स्वयं अद्वितीय परमेश्वर है जो स्वर्ग और पृथ्वी और सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है? किन माध्यमों से तुम यह विश्वास करोगे कि वह जिस में तुम विश्वास करते हो और जिसका अनुसरण करते हो वह स्वयं परमेश्वर है जो सब वस्तुओं के ऊपर संप्रभुता रखता है? किन माध्यमों से तुम लोग उस परमेश्वर को जिस पर तुम विश्वास करते हो उस परमेश्वर से जोड़ सकते हो जो मानवजाति की नियति के ऊपर संप्रभुता रखता है? ऐसी कौन सी बात है जो यह पहचानने में तुम लोगों को अनुमति देती है कि वह परमेश्वर जिस पर तुम विश्वास करते हो स्वयं अद्वितीय परमेश्वर है, जो स्वर्ग और पृथ्वी, और सब में है? यह वह समस्या है जिसका समाधान मैं अगले खंड में करूँगा। |
छठी कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा को पाठशाला से बहुत सारा गृह-कार्य करने को मिला। उसने मुझसे कहा आज तो मैं अपना गृह कार्य अपनी बड़ी दीदी से करवा लूंगी। मैंने कहा तुम्हे अपना कार्य स्वयं करना चाहिए। तब उसने कहा मैं भी तो उसका बहुत सा काम करती हूँ। उसके ले टी.वी. चालू करती हूँ, उसका लेप-टॉप उठाकर के उसको देती हूँ, उसको पानी पिलाती हूँ, उसके कपडे तह करके रखती हूँ ।
परस्थितिवश पुत्र को अपने माता-पिता के साथ रहना पड़ा । आंशिक रूप से उन पर निर्भर रहना पड़ा। पिताजी अपना ज्यादातर समय पूजा-पाठ और धार्मिक पुस्तकों को पढ़कर बिताते थे। भगवान की पूजा करते समय दुग्धाभिषेक भी करते थे,जिसमें कि दूध का उपयोग थोडा ज्यादा ही करते थे । एक दिन पिताजी से पुत्र ने कहा कि आप पूजा के विधि-विधान में बहुत सा दूध उपयोग में लाते हैं। पूजा में उपयोग होने वाले दूध की मात्रा थोड़ी कम कर दीजिये। दुनिया में कितने ही बच्चों को दूध की एक बूँद भी नसीब नहीं होती है। उत्तर में पिताजी ने कहा तुम्हारे सर पर जो ये छत है वो ही बहुत हैं।
बालिका जो कि अपना पसंदीदा कार्टून चैनल देख रही थी, तभी अचानक बिजली गुल हो गयी। इनवर्टर होने कि वजह से बिजली आती रही लेकिन इनवर्टर पर ज्यादा लोड न हो इसलिए घर के बुजुर्ग उसे टी.वी. बंद करने के लिए कह रहे थे। बड़े दुखी मन से उसने टी. वी. बंद कर दिया। कुछ देर पश्चात् ही बुजुर्गों के पसंद के टी. वी. कार्यक्रम बालिका-वधू का समय हो गया और वे बिजली न होने पर भी अपने पसंद का टी.वी पर कार्यक्रम देखते रहे और बालिका अपने बुजुर्गों के दोगलेपन से व्यथित होती रही।
एक छात्र मुझसे गणित विषय पढ़ने आता है। वह बहुत ही बेमन से गणित के प्रश्न हल करता है। कुछ दिन पहले ही एक और छात्र गणित पढ़ने आने लगा। पहले ही दिन मैंने देखा कि प्रथम छात्र बहुत मन लगाकर गणित कर रहा है। दूसरे दिन देखा तो आते ही बहुत उत्साह के साथ उसने कहा कि जल्दी बताईये कौनसा सवाल हल करना है। केवल एक और साथी छात्र आने से ही उसके व्यवहार में इतना परिवर्तन आ गया था जो कि उसे उत्साह के साथ गणित करने के लिए प्रेरित कर रहा था।
बेटी प्रश्न करती है कि मेरे पिताजी हैं। मेरे पिताजी के पिताजी दादाजी हैं, दादाजी के भी पिताजी थे इस तरह दुनिया में जन्म लेने वाला प्रथम व्यक्ति कौन था।
कुछ दिन पहले हम भोपाल से लगभग ९० किलो मीटर दूर बाड़ी-बरेली की ओर बस से जा रहे थे। सुबह का ८ बजे का समय था। बस ७-८ किलो मीटर आगे चलकर एक स्टॉप पर रुक गयी। देखा तो बहुत सारे लोगों की भीड़ थी उनमे से एक स्त्री ४ माह की अपनी बेटी के साथ बस में चढ़ रही थी। बस में बैठने के लिए एक भी सीट खाली नहीं थी। हमारे बाजू में एक मौलानाजी जो की बुजुर्ग थे उस स्त्री को देखते ही उठ खड़े हुए और उसको बैठने के लिए जगह दे दी। हम लोगों ने भी थोड़ा-थोड़ा सरक कर मौलानाजी के लिए थोड़ी सी जगह बना दी ताकि वो भी बैठ सकें। बहुत देर तक एक ही स्थिति में अपनी बेटी को लेकर बैठेने से उस स्त्री को बैठने में परेशानी हो रही थी। फिर से एक बार मौलानाजी को उसने अपनी परेशानी बताई तो वो झट से खड़े हो गए और उस स्त्री को आराम से बैठने के लिए जगह दे दी।
माँ अपने बच्चे पर हाथ उठाकर स्वयं को ही ज्यादा दुःख पहुंचाती है। कुछ ऐसा ही कल मैंने महसूस किया जब मैंने किसी बात पर क्रोधित होकर अपनी बेटी की पिटाई की। पिटाई होने पर भी वह बिलकुल नहीं रोई जो कि सामान्य से अलग उसका व्यवहार था। वह बहुत अच्छे से जानती थी कि गलती वास्तव में उसने की थी। उसने बहुत देर तक मेरी कही गयी बातों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उसकी जिस बात पर मैंने पिटाई कि थी उस सम्बन्ध में मैंने पहले भी उससे बहुत गहनता के साथ विचार-विमर्श किया था और उसने मुझे विश्वास दिलाया था कि वह पुनः ऐसा नहीं करेगी। मैंने कल भी उसे एक अच्छी सी कहानी सुनाकर उसे मेरी बात समझाने का प्रयास किया और बिटिया भी मेरी बात से सहमत हो गयी कि उसे मेरी बात बहुत अच्छे से समझ में आ गयी है। कुछ देर बाद मैंने उसको पुछा कि जब माँ ने तुम्हारी पिटाई लगायी तो तुम्हे माँ पर क्रोध नहीं आया क्या? उसने अपने उत्तर में बस इतना ही कहा कि जब आप मुझ पर क्रोधित हो रहे थे तो मैं चुप रहकर अपना क्रोध ही तो व्यक्त कर रही थी। |
लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल (राजद) देश की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों में से एक है। इसके संस्थापक फिलहाल चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे लालू यादव खुद हैं। ५ जुलाई १९९७ को स्थापित इस पार्टी की बिहार में तीन बार सरकार बन चुकी है। राजद २००८ में राष्ट्रीय पार्टी बन गई थी, लेकिन २०१० में इसने यह हैसियत गंवा दी। इस समय लोकसभा में इसके ४ और राज्य सभा में ५ सांसद हैं। इस समय बिहार विधानसभा में पार्टी के ८१ विधायक हैं। लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री के साथ केंद्र में रेलवे मंत्री भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी तीन बार बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। इस समय उनके बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव, छोटे पुत्र तेजस्वी यादव और पुत्री मीसा भारती भी राजनीति में सक्रिय हैं। |
स्पेस साइंस एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है। इसकी पढ़ाई रोजगार के बेहतरीन मौके उपलब्ध कराती है। क्या है स्पेस साइंस और क्या हैं इसमें करियर की संभावनाएं, जानते हैं सेटेलाइट व नई तकनीक के जरिए मौसम अथवा ग्रह-उपग्रह के बारे में सटीक सूचना दे पाना अब पहले से ज्यादा आसान हो गया है। वायुमंडल अथवा पृथ्वी की हलचलों का पता लगाना भी ज्यादा आसान हो गया है। यह सब संभव हो पाया है स्पेस साइंस से। साल दर साल इसमें नई चीजें शामिल होती जा रही हैं। इसमें एडवांस कम्प्यूटर एवं सुपर कम्प्यूटर से डाटा एकत्र करने का कार्य किया जाता है। डाटा न मिलने की स्थिति में आकलन के जरिए किसी निष्कर्ष तक पहुंचने की कोशिश की जाती है। इस काम से जुड़े प्रोफेशनल स्पेस साइंटिस्ट कहलाते हैं। समय के साथ यह एक सशक्त करियर का रूप धारण कर चुका है। इस क्षेत्र में युवाओं की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है। इंडस्ट्री के जानकारों का भी मानना है कि आने वाले पांच सालों में इसमें नौकरियों की संख्या बढ़ेगी। |
मंडे नाइट रॉ में इस समय रोमन रेंस की कमी को पूरी करने के लिए कंपनी ड्रू मैकइंटायर को बड़े सुपरस्टार के तौर पर दिखा रही है। इस बात में कोई शक नहीं है कि स्कॉटलैंड के ड्रू मैकइंटायर कंपनी में अपने आप को एक बड़ा हील बना चुके हैं और पहले के मुकाबले काफी बदल भी चुके हैं।
कर्ट एंगल के ऊपर मिली एक बड़ी चीज से उन्होंने सभी को चौंकाया और इससे साफ पता लगता कि उन्हें आने वाले समय में उन्हें कितना बड़ा पुश मिलने वाला है। लेकिन, क्या आने वाले समय में कोई उनका सामना करने की हिम्मत दिखाएगा?
काफी सारे व्वे दिग्गज हैं जिनका करियर अब लगभग खत्म होने को आया है और हो सकता है कि ड्रू का सामना उनमें से ही किसी के साथ हो जाए। आइए जानें ऐसे पांच व्वे दिग्गजों के बारे में जो ड्रू के साथ अपनी दुश्मनी शुरू कर सकते हैं।
जॉन सीना ने अपने करियर के दौरान उन सभी चीजों को हासिल किया है जिसकी लोग सिर्फ कल्पना कर सकते हैं। इस समय वह कंपनी के अंदर भी ज्यादा नजर नहीं आ रहे हैं लेकिन मैकइंटायर के लिए अच्छी विरोधी भी साबित हो सकते हैं। दोनों का सामना कभी नहीं हुआ है और पूर्व न्क्स्ट चैंपियन को रॉ में इतना बड़ा पुश मिल रहा है तो ऐसा होने की संभावना है। |
बिलासपुर- हाईकोर्ट में फरवरी महीने से गायब जयमती साहू मामले को लेकर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन को दो सप्ताह का समय दिया है। इन १४ दिनों के अन्दर राज्यशासन को याचिकाकर्ता के आवेदन का जवाब देना होगा।
जूही साहू के वकील रोहित तिवारी ने बताया कि फरवरी महीने से जूही की मां जयमती साहू लापता हो गयी है। जूही ने मामले को लेकर हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिक पेश की थी। मामले में आज सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई मुख्यन्यायाधीश और ज्टिस पीपी साहू की खण्डपीठ में हुई।
रोहित तिवारी ने बताया कि मुख्य न्यायमूर्ति और जस्टिस पीपी साहु की खण्डपीठ ने आईजी को गायब जयमति साहू मामले में जाँच के निर्देश दिये थे। लेकिन किसी प्रकार की को प्रगति रिपोर्ट पुलिस ने पेश नहीं किया। यचिकाकर्ता ने पुलिस जांच पर प्रश्नचिंह लगाते हुए न्यायालय से सीबीआई से जांच कराने की मांग की।
हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुआ सोमवार को दो सप्ताह का समय देते हुए राज्य शासन को आवेदन का जवाब पेश करने को कहा है। इल दौरान कोर्ट को बताया गया कि आज तक पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी है। यचिककर्ता की तरफ से अधिवक्ता रोहित शर्मा और वतन साहू ने जबकि राज्य शासन की तरफ से गगन तिवारी ने पैरवी की है। |
० कमेंट हवाई चप्पल वाला भी हवाई यात्रा कर सकेगाः प्रधानमंत्री शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केंद्र सरकार की क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के तहत दिल्ली और शिमला के बीच विमान सेवा का शुभारंभ किया। इस योजना को उड़ान- उड़े देश का आम नागरिक नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री ने उड़ान योजना के तहत कड़पा-हैदराबाद और नांदेड़-हैदराबाद सेक्टरों के बीच भी विमान सेवा की शुरुआत की।
इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र दुनिया में सबसे तेजी से विकास करता हुआ क्षेत्र है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले तक देश में कोई विमानन नीति नहीं थी लेकिन हमने सरकार में आते ही एक नीति बनायी और बड़े शहरों के अलावा छोटे शहरों को भी विमान सेवा से जोड़ना शुरू किया।
उन्होंने कहा कि पहले यह माना जाता था कि विमान सेवा सिर्फ बड़े लोगों के लिए है लेकिन हमारी सरकार ने इसे सभी के लिए मुहैया करवाने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में टैक्सी का किराया कम से कम दस रुपए प्रति किलोमीटर होता है लेकिन विमान से आने का किराया ज्यादा से ज्यादा ६ या ७ रुपए प्रति किलोमीटर पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का मंत्र है सब उड़ें सब जुड़ें। उन्होंने कहा कि हवाई यात्रा हवाई चप्पल वाला भी कर सके हमारा यही प्रयास है। इस संदर्भ में उन्होंने एक किस्सा बताते हुए कहा कि जब केंद्र में अटलजी की सरकार थी तब मैं हिमाचल का प्रभारी था और मैंने उस समय सरकार को सुझाव दिया था कि एअर इंडिया का लोगो महाराजा यह संदेश देता है कि यह सेवा सिर्फ बड़े लोगों के लिए है इसलिए इसे बदल कर कार्टूनिस्ट आर. लक्ष्मण के आम आदमी को बनाया जाये और मुझे खुशी है कि मेरा सुझाव मान लिया गया था। |