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तो अपने आप सुधार हो जाता है।
2.040021
तो सुधार करने के लिए हमारे मूलभूत स्वभाव में भी शासन थे।
7.140075
यह बहुत अपेक्षा रहती है कि उसमें यह बदलाव लाना चाहिए और हम उस दिशा में प्रयास कर रहे हैं।
7.320077
मुझे विश्वास है कि यह प्रयास परिणामकारी होगा।
4.74005
आज मैं समझता हूं कि RTI की एक सीमा है।
4.860051
वो सीमा यह है कि जिसको जानकारी चाहिए, जानकारी तो मिलती है।
7.120074
कुछ बातें मीडिया को काम आ जाती है।
4.360046
कुछ बातें किसी को न्याय तक सीमित रह जाती है।
7.520079
process का पता चलता है।
3.620038
लेकिन अभी भी product का पता नहीं चलता।
4.300045
मैं इस रूप में कह रहा हूं कि मान लीजिए एक Bridge का contract दिया गया, तो RTI वाला पूछेगा तो उसको पता चलेगा फाइल कैसे शुरू हुई, tendering कैसे हुआ, noting क्या था, साइट कैसे select हुआ, यह सब चीजें मिलेगी।
16.440172
लेकिन वो Bridge कैसे बना, ठीक बना कि नहीं बना।
5.74006
उसमें कमियां है कि ठीक हुआ, समय पर हुआ कि नहीं हुआ।
4.840051
इन चीजों की तरफ अब ध्यान देने का समय आया है।
3.500037
तो हम process पर जितना ध्यान देते हैं RTI के द्वारा एक समय वो भी चाहिए कि जब product पर भी उतना ही transparency लाए, तब जा करके बदलाव आता है।
12.500131
वरना वो जानकारियां सिर्फ एक संतोष के लिए होती है।
5.420057
आखिरकर RTI का उपयोग Governance में बदलाव लाने के लिए सबसे पहले होना चाहिए।
7.700081
और इसलिए जब विजय जी मुझे मिले थे, तो मैंने बातों-बातों में उनको कहा था कि जो लोग हमें सवाल पूछते हैं क्या हमने उसका Analysis किया है कि भई रेलवे के संबंध में कितने सवाल आते हैं? Home के संबंध में कितने सवाल आते हैं।
19.740206
फलाने विषय में कितने सवाल आते हैं।
3.600038
Analysis वो department है जहां हजारों की तादाद में सवाल आते हैं।
5.040053
यह department जहां सौ से ज्यादा नहीं आते हैं।
3.180033
फिर हमने उसका analysis करना चाहिए यह जो सवाल आते हैं, उसके मूल में कोई policy paralyses तो नहीं है।
9.960104
हम identify कर सकते हैं।
2.700028
अगर हम इस RTI को सिर्फ जवाब देने तक सीमित रखे तो शासन व्यवस्था को लाभ नहीं होता है।
8.300087
उस नागरिक ने सवाल पूछा है मतलब शासन व्यवस्था में कहीं न कहीं कोई बात है, जो पूछने की जरूरत पड़ी है।
8.900093
अगर व्यवस्था इतनी sensitive होती है।
3.160033
और जो सवाल आए उनका हम analysis करते हैं, तो हमें पता चलेगा कि policy matter के कारण यह समस्या बार-बार उठ रही है, लोग सवाल पूछ रहे हैं।
11.44012
तो Government को High level पर सोचना चाहिए कि policy matter में क्या फर्क लाना चाहिए।
5.620059
एक RTI क्या छोटा सा सवाल भी आपको policy बदलने के लिए मजबूर कर सकता है और कभी-कभार वो इतना सटीक बात पूछता है कि ध्यान में आता है कि यह तरफ हमारा ध्यान नहीं गया।
14.440151
इसलिए Good Governance के लिए RTI कैसे उपयोग में आए, सिर्फ जवाब देने से RTI Good Governance नहीं ला सकता है।
9.620101
वो सिर्फ विवादों के लिए काम आ सकता है।
2.600027
परिस्थिति पलटने के लिए नहीं काम आ सकता है।
3.120033
दूसरा मैंने सुझाव दिया कि एक तो part यह होता है कि भई policy के कारण, दूसरा होता है person के कारण, कि भई जो व्यक्ति वहां बैठा है उसके nature में ही है।
14.020147
इसलिए ऐसी स्थिति पैदा होती है वो जवाब नहीं देता है, ढीलापन रखता है, ऐसे ही चलता है।
6.68007
तो फिर person पर सोचने का सवाल आएगा भई।
2.84003
एक ही person से संबंधित इतने सारे issue क्यों खड़े होते हैं, तो कहीं न कहीं कोई कमी होगी, उसको ठीक कैसे किया जाए? उस पर सोचना चाहिए।
8.920093
कहीं पर ऐसा होगा कि जिसे पता चलेगा कि भई लोगों ने सवाल पूछे है लेकिन finance के resource crunch के कारण वो नहीं हो पा रहा है।
8.760092
या कोई काम ऐसा होगा कि जिसके कारण लोकल कोई न कोई व्यवस्था होगी, जो रूकावटें डाल रही है।
6.900072
जब हम इन सवालों का perfect analysis करें और उसमें से सरकार की कमियां ढूंढे नागरिकों के सवालों में से ही सरकार की कमियां उजागर हो सकती है, व्यवस्था की कमियां उजागर हो सकती है, process की कमियां उजागर हो सकती है।
22.00023
और उसको ठीक करने के लिए उसमें से हमें एक रास्ता भी मिल सकता है।
4.600048
और इसलिए मैं चाहूंगा कि आप जब इस पर डिबेट करने वाले हैं हम RTI को एक Good Governance की ओर जाने का एक साधन के रूप में कैसे इस्तेमाल करें? और यह हो सकता है।
13.700143
मैं इन दिनों एक कार्यक्रम करता हूं भारत सरकार में आने के बाद – प्रगति।
6.960073
एक साथ सभी chief secretaries और सभी secretaries भारत सरकार के और मैं 12-15 issue लेता हूं।
9.340098
और उससे ध्यान में आता है।
3.620038
सवाल तो मैं वो लेता हूं किसी नागरिक की चिट्ठी के आधार पर पकड़ता हूं।
4.700049
किसी ने मुझे लिखा कि भई फौजियों को pension में problem है।
3.580037
तो मैंने उस विषय को उठाया।
1.540016
सबको बुलाया, बिठाया, सब वीडियो पर होते हैं मीटिंग नहीं करते हैं।
3.480036
मैं तो एक छोटे कमरे में बैठता हूं।
1.700018
लेकिन उसका कारण बनता है, परिस्थिति आती है तुरंत ध्यान में आता है कि भई इस विषय को हैंडल करना पड़ेगा।
7.820082
किसी ने मुझे लिखा भी था post office में 15 दिन बीत गए, 20 दिन बीत गए टपाल नहीं आई थी।
5.400056
मैंने प्रगति में ले लिया, तुरंत पता चला क्या कारण था उनका।
3.78004
कहां पर यह slow process चल रहा था।
4.160044
कहने का तात्पर्य यह है कि हम नागरिकों की आवाज को अगर हम महत्व दें।
7.740081
जब मैं गुजरात में था तो मैंने एक पद्धति बनाई थी।
4.840051
जो MLA सवाल पूछते हैं, मेरा अनुभव है कि MLA यानी जनप्रतिनिधि किसी भी दल का क्यों न हो, लेकिन उसकी हर बात को तव्वजू देनी चाहिए, महत्व देना चाहिए।
18.600195
किसी भी दल का क्यों न हो।
1.540016
क्योंकि वो अपने क्षेत्र के संबंध में कोई बात बताता है मतलब वो जनहित के लिए ही बताता है, मान करके चलना चाहिए।
8.060084
लेकिन जब House के अंदर जवाब देते हैं, तो by and large मीडिया centric process चलता है।
7.880082
एक प्रकार से House में, कल मीडिया में क्या छपेगा, टीवी पर क्या दिखेगा, वही dominate करने लग गया है।
7.100074
और इसलिए House में तो हर कोई अपना score settle करने वाला जवाब देता है।
5.620059
अब क्या करे मजबूरी हो गई है राजनीति की कि भई दूसरे दिन मीडिया में खबर खराब न आए।
5.320056
तो वो अपना.... और वो कर भी लेता और जीत भी जाता है।
2.88003
वो बात अलग है।
1.060011
लेकिन मैंने एक process शुरू किया था।
2.680028
Assembly सत्र पूरा होने के बाद जितने भी question आते थे।
5.080053
हर department को कहता था हर question का Analysis करो और मुझे action taken रिपोर्ट दो।
6.440067
भले किसी का भी सवाल हो, House में आपने जो भी जवाब दिया ठीक है।
4.100043
अगर उसने कहा है कि भई वहां road नहीं बना है मुझे result चाहिए।
5.280055
और उसके कारण शासन में electives के प्रति एक sensitivity पैदा हुई थी।
8.760092
मैं मानता हूं ऐसी sensitivity RTI के सवालों के साथ हमको जोड़ती है।
6.860072
अगर यह पूरे देश में शासकीय व्यवस्था में प्रगति में बहुत कुछ कर सकते हैं।
9.680101
और उस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं।
3.580037
एक यह भी बात है कि जब हम RTI की बात करते हैं तो यह मत है कि यह सारा communication जो है, information access करने की जो प्रक्रिया है।
15.000157
वो एक तो transparent होनी चाहिए, Timely होनी चाहिए and Trouble fee होनी चाहिए।
12.620132
यह हम जितना.. क्योंकि समय बीतने के बाद अगर हम जानकारी देते हैं तो न वो शासन को सुधारती है और न शासन को accountable बनाती है।
12.980136
फिर स्थिति कि अब क्या करे भई, वहां तो भवन बन गया अब वो भवन कैसे तोड़ सकते हैं।
4.80005
क्या करे भई वहां तो लोग रहने के लिए आए गए।
2.220023
उनको कैसे निकाल सकते हैं।
1.860019
अगर Timely information देते तो हो सकता है कि गलत निर्णय रूक जाता, तुरंत हम ध्यान में आते।
8.860093
और इसलिए transparency भी हो, Timely भी हो, Trouble free भी हो।
6.840072
यह हम बल देंगे, तो हम इस कानून बनाए लेकिन उस कानून का ज्यादा अच्छे से उपयोग कर सकते।
6.620069
ज्यादा अच्छा परिणाम ला सकते हैं।
2.480026
आज मैंने देखा है कि गांव के अंदर.. यह ठीक है हर बात में कुछ मात्रा में कोई न कोई शंका को अशंका का कारण रहता होगा लेकिन larger interest में यह बहुत उपकारक है, बहुत उपयोगी है।
17.040178
मैंने राज्य का शासन चलाया इसलिए मुझे मालूम है कि गरीब व्यक्ति RTI का कैसे उपयोग करता है।
6.580069
अगर गांव के अंदर किसी ने गलत encroachment कर दिया है और वो बड़ा दबदबा वाला इंसान है तो शासन कुछ कर नहीं पाता है।
10.780113
और एक गरीब आदमी RTI को एक सवाल पूछ देता है, आ जाता है, तो शासन को मजबूर हो करके encroachment हटाना पड़ता है।
7.480078
और जनता की या शासन की जो जमीन है वो खुली करवानी पड़ती है।
5.600059
ऐसे कई उदाहरण मैंने देखे हैं।
2.180023
गांव का भी एक छोटा व्यक्ति.. ।
2.800029
हम जब गुजरात में थे तो एक प्रयोग किया था।
2.88003
और वो गुजरात मॉडल के रूप में जाना जाता था tribal के लिए।
4.280045
हम tribal को सीधे पैसा दे देते थे।
2.960031
और tribal को कहते थे तुम अपनी requirement के अनुसार एक कमिटी योजना बनाए और वो अपना काम हो, क्योंकि सरकार योजना बनाती गांधी नगर में बैठके।
10.50011
वो चाहती कि कुंआ खोदेंगे।
1.660017
गांवा वाला कहता है कि मुझे कुंआ नहीं चाहिए, मुझे स्कूल चाहिए और हम कुंए के लिए पैसा देते हैं, उसे स्कूल चाहिए उसके बजाय हमने गांव वालों को दिया।
8.020084
लेकिन गांव में ग्राम सभा के अंदर उनको सारा ब्यौरा देना पड़ता था और बोर्ड पर लिखकर रखना पड़ता था कि हमने इस काम के लिए इतना पैसा लगाया।
11.720123
गांव का सामान्य व्यक्ति भी पूछ लेता था पंच के प्रधान को कि भई तुम कह रहे हो दो सौ रुपया यहां लगाया, वो चीज तो दिखती नहीं, बताओ।
9.160096
और Transparency आती थी।
2.560027
हम जितना openness लाते हैं, उतनी Transparency की गारंटी बनती है।
5.040053