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117
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सेवन |
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को जनमानस |
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जब वह अपनी मोटर साइकिल पर चढ़ कर |
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चंपा के दूसरे भाग में एक मनोरम शैलमाला थी |
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मैंने कल कुछ ज़्यादा ही खा लिया। |
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अपनी सारी कसक शब्दों में बिखेर देता है |
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वन |
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क्या उनको इतनी भी समझ न थी कि यह बेचारा |
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भगवान मेरे दादाजी को बचा लो |
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स्कूल के अहाते के अन्दर खेल का मैदान उसे अच्छा लगता था |
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किसी के जूते कड़े हो गए हैं |
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दरबार में सन्नाटा छाया हुआ था |
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उन्होंने मुझे ज़रूरत की चीज़ों की एक लम्बी सूची दी |
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वह बोलेहाँ जरूर पंचायत करो फैसला हो जाय |
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शैल के एक ऊँचे शिखर पर चंपा के नाविकों को |
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यूँ बच्चे भी शिक्षक को पसंद नहीं करते थे |
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बावली हो क्या |
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एक दीर्घ निश्वास लेकर चंपा ने मुँह फेर लिया |
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ये गोदाम भगवान के भक्तों के गोदाम है और |
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हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में जॉब्स |
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मॉडलिंग से बोरियत लाई फिल्मों की ओर बिपाशा |
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लेकिन मैं कल तक रुकना नहीं चाहता |
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फिर नीचा सिर करके कुछ रूखाई से बोला |
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ज़ीरो |
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हामिद भीतर जाकर दादी से कहता |
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हम चारों ने मज़े से कॉफ़ी पी |
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उनके हटाने में उन्हें बड़े दुस्साहस से काम लेना पड़ा |
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कुछ दिन खालाजान ने सुना और सहा |
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इसे कथा न समझिएगा यह सच्ची घटना है |
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तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने |
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फ़ोर |
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एक महीने तक पैदल चलेंगे |
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सुन्दर टेकड़ी पर बसी यह नगरी आमेर अपने |
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मध्य प्रदेश के मंत्री बोलेहम हैं लल्लू देश के नागरिक जिसे चाहिए नमो |
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फिर वह बाहर चले जाते |
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मुर्दा बैल दिया था उस पर दाम माँगने चले हैं |
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अमूल को बनाया ब्रांड |
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समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा |
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करते तो वह उन पर नज़र डाल लेते |
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चमककर वह कृपाण समुद्र का |
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रामचंद्र ने उठते हुए प्रश्न किया |
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जुम्मन को इस समय सदस्यों में विशेषकर वे ही लोग दीख पड़े |
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हर मैदान फ़तेह |
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जो भी हो कल फिर आएगा |
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ही उनका कानूनसम्बन्धी सब काम किया करते थे |
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राजा भक्त अम्बरीश के नाम से जोड़ते हैं |
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मेरे लिए जैसे रामधन वैसे अलगू |
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मैंने उन्हें एक सोने की घड़ी दी। |
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का एक मॉडल दिया |
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मत करो भैया नहीं हैं तो क्या हुआ मैं हूं ना |
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यह रश्मि जानती थी |
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फिर भी उस उम्र में मोहनदास को |
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चित्रकारों के दल ने एक बैठक की |
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सृष्टि नील कमलों में भर उठी |
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मजबूर होकर ब्रिटिश सरकार ने |
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मैंने कई बार माफ़ी माँगी |
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इन ग्रामीणों ने भी वजू किया और |
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चंपा ने कहा |
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मैंने पढ़ा है कि |
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यह उन्हीं की महिमा है |
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मैं जी भरकर हँसा |
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कहता हुआ चला गया |
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फ़ोर |
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वह हार नहीं मानेगी न आज और न कल |
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जो तुम बर्बाद कर रहे हो उसकी पूर्ति तुम कभी नहीं कर सकते |
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पेड़ों में आम और लीचियाँ लगी हुई हैं |
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जानू कह रही थी कि उसके घर में तिलगुड़ बनायी जाती है |
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तेरी कोशिशें ही कामयाब होंगी |
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सिक्स |
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उसने यही भूल कर दी टाइगर उस पर झपटा |
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इस सरलता से रख लिया |
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टॉम इस तरफ़ आ रहा है। |
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वो खून था हिंदुस्तानी |
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पर वह पूरा भरा नहीं |
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मैं चिल्लाता हुआ उन्हें रोकने के लिए दौड़ा |
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आप नीचे आ जाइये हम आपको पेड़ के ऊपर नहीं छोड़ सकते |
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बोला बाबू जी देवता के समान हैं |
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चौधरी को भी गरज थी ही घाटे की परवा न की |
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अवसाद और चिंता के इलाज में यह लाभकारी है |
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बात यह थी कि मेरी दादी और |
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मोटेवाले ने रेडियो से दमकल वालों को बुलाया |
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नौका लहरों में विकल थी |
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कि तुम ऐसा नहीं कर सकते |
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स्वच्छ भारत की बात करना और अमल में लाना दो अलग बातें राहुल गांधी |
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मैंने आँखें फाड़ कर उन्हें देखा क्या आप पेन्सिल और कागज़ खाएँगे |
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उसके अब्बाजान रुपये कमाने गए हैं |
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फेसबुक पर पीएमओ इंडिया के फर्जी पेज कइयों ने किया लाइक |
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यूँ ही चला चल दिल के सहारे |
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मोरू को स्कूल जाना अच्छा लगता क्योंकि उसके कई दोस्त भी स्कूल जाते थे |
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मैं इस शोध से बिल्कुल चौंक गई था |
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एक पड़ाव पूरा हो गया पर वे उस कार्य को |
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मैं बहुत शर्मिंदा था और ख़ुद को अभागा मानता था |
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कर्मचारी यह देखकर दंग रह गए कि कल तक |
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वे सीधे पेड़ की ओर बढ़े |
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उनके जमींदार एक ठाकुर साहब थे |
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हलवेपुलाव की वर्षासी की गयी |
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टू |
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पेड़ों पर चढ़कर कच्चे आम तोड़ना मोरू को अच्छा लगता था |
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अगर तुम दरवाज़ा थोड़ासा और खोल दोगे तो मैं |
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देशी विदेशी सैलानियों का एक बड़ा पर्यटन स्थल भी है |
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