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खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय महाराष्ट्र सरकार का एक राज्य मंत्रालय है। मंत्रालय का नेतृत्व कैबिनेट स्तर के मंत्री द्वारा किया जाता है। संजय बंसोडे महाराष्ट्र सरकार के वर्तमान खेल और युवा कल्याण मंत्री हैं। महाराष्ट्र के सरकारी मंत्रालय
सांस्कृतिक मामलों का मंत्रालय महाराष्ट्र सरकार में एक मंत्रालय है। मंत्रालय क्षेत्रीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है। मंत्रालय का नेतृत्व कैबिनेट स्तर के मंत्री द्वारा किया जाता है। सुधीर मुंगंतीवार वर्तमान सांस्कृतिक मामलों के मंत्री हैं। कैबिनेट मंत्री की सहायता राज्य मंत्री द्वारा की जाती है। २९ जून २०२२ से रिक्त, टीबीडी है। मंत्रालय के पूरे महाराष्ट्र में विभिन्न सांस्कृतिक केंद्र हैं। नांदेड़ में उर्दू संस्कृति केंद्र का नाम बॉलीवुड अभिनेता दिलीप कुमार के नाम पर रखा गया है। महाराष्ट्र के सरकारी मंत्रालय
शालेय शिक्षण मंत्रालय महाराष्ट्र सरकार का एक मंत्रालय है। यह महाराष्ट्र राज्य में शिक्षा संबंधी नीतियों को डिजाइन करने और लागू करने के लिए जिम्मेदार है। मंत्रालय का नेतृत्व कैबिनेट स्तर के मंत्री दीपक केसरकर करते हैं महाराष्ट्र के सरकारी मंत्रालय
पर्यावरण मंत्रालय महाराष्ट्र सरकार का एक मंत्रालय है। मंत्रालय महाराष्ट्र में पर्यावरण संबंधी मुद्दों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है। मंत्रालय का नेतृत्व कैबिनेट स्तर के मंत्री द्वारा किया जाता है। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री और पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री हैं। २०२० में पर्यावरण मंत्रालय का नाम बदलकर पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय कर दिया गया। महाराष्ट्र के सरकारी मंत्रालय
चार्ल्स हर्बर्ट बेस्ट सीसी, सीएच, सीबीई, एफआरएस, एफआरएससी, एफआरसीपी (२७ फरवरी, १८९९ - ३१ मार्च, १९७८), एक अमेरिकी-कनाडाई चिकित्सा वैज्ञानिक और इंसुलिन के सह-खोजकर्ताओं में से एक थे। १९७८ में निधन १८९९ में जन्मे लोग
सामाजिक न्याय मंत्रालय महाराष्ट्र सरकार का एक मंत्रालय है। यह समाज के वंचित और हाशिए पर मौजूद वर्गों के कल्याण, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के लिए जिम्मेदार है। मंत्रालय का नेतृत्व कैबिनेट स्तर के मंत्री द्वारा किया जाता है। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री और सामाजिक न्याय मंत्री हैं। मंत्रालय का गठन १९२८ में हुआ था। कल्याण विभाग की स्थापना १९३२ में हुई थी। समाज कल्याण निदेशालय २३ सितंबर १९५७ को बनाया गया था। मंत्रालय द्वारा समाज के वंचित वर्गों के लिए कई संस्थान शुरू किए गए हैं। विकलांग व्यक्तियों के लिए संस्थान महाराष्ट्र के सरकारी मंत्रालय
दिव्यांग कल्याण मंत्रालय महाराष्ट्र सरकार का मंत्रालय है जिसे सामाजिक न्याय मंत्रालय से अलग करके ९ जनवरी २०२३ को बनाया गया था। मंत्रालय का नेतृत्व कैबिनेट स्तर के मंत्री द्वारा किया जाता है। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री और दिव्यांग कल्याण मंत्री हैं। महाराष्ट्र के सरकारी मंत्रालय
स्तनों की खुद जांच कर सकती हैं महिलाये। डॉक्टर कहते है कि महिलाएं अपने स्तनों की खुद जांच कर सकती हैं। डॉक्टरों बताया कि महिलाओं में जागरूकता की कमी के कारण ही स्तन कैंसर के बढ़ने का एक प्रमुख कारण है। कैंसर के कुछ सामान्य से लक्षण हैं, जिनमें सीने में दर्द होना, सीने की चमड़ी में लाली आ जाना, स्तन के आसपास सूजन आना, निप्पल डिस्चार्ज, निप्पल से खून बहना, स्तन के आकार में परिवर्तन होना अथवा निप्पल का भीतर की तरफ मुड़ना स्तन के कैंसर से लक्षण हैं। यदि उक्त लक्षणों में से महिलाओं को कोई लक्षण दिखता है तो वे तुरंत डाक्टर से सलाह लें। २० से ३० साल की उम्र तक हर तीन साल के बाद और ३० साल तक की उम्र की महिला को साल में एक बार अपने स्तन कैंसर की जांच करवानी चाहिए। उन्होंने महिलाओं को खुद ही स्तन के कैंसर का चेकअप करने की ट्रेनिग भी दी। सीनियर एसएमओ डा. रमिदर कौर ने कहा कि अगर हम लोग स्तन कैंसर के प्रति जानकार रहेंगे तो कैंसर से होने वाली मौत दर को कम कर सकते हैं।
कपाट लाने की की उद्घोषणा १८४२ में काबुल की लड़ाई के दौरान भारत में ब्रिटेन के क्षेत्रों के तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड एलेनबोरो द्वारा जारी एक आदेश था। इस आदेश में जाट सैनिकों से गजनी से उन कपाटों को वापस लाने का आदेश दिया गया था जिनके बारे में कहा जाता था कि महमूद गजनवीने लगभग ८०० साल पहले गुजरात के प्रभास पाटन में सोमनाथ मंदिर के विनाश के बाद मन्दिर के कपाटों को गजनी ले गया था और उसकी मृत्यु के बाद इन्हें उसके मकबरे के दरवाजे के रूप में लगाया गया था। ये दरवाजे भारत लाये गये किन्तु बाद में पता चला कि ये सोमनाथ मन्दिर के दरवाजे नहीं थे। इस आदेश का आधार क्या था, यह स्पष्ट नहीं है, क्योंकि न तो तुर्क-फ़ारसी स्रोत और न ही भारतीय स्रोत ऐसे किसी कपाट का उल्लेख करते हैं। १८४२ में, एलेनबरो के प्रथम अर्ल एडवर्ड लॉ ने कपाटों को लाने की अपनी उद्घोषणा जारी की। इस आदेश में उन्होंने अफगानिस्तान में स्थित सेना को गजनी होकर भारत आने तथा गजनी में महमूद की कब्र से चंदन के कपाटों को भारत वापस लाने का आदेश दिया। ऐसा माना जाता था/है कि महमूद इन्हें सोमनाथ के मन्दिर को तोड़ने के बाद गजनी ले गया था। एलेनबरो के निर्देश के तहत, जनरल विलियम नॉट ने सितंबर १८४२ में गेट वहँ से निकला दिये। इन कपाटों को भारत वापस लाने के लिए ६वीं जाट लाइट इन्फैंट्री की एक पूरी सिपाही रेजिमेंट को तैनात किया गया था। जब यह कपाट भारत आ गया तो जाँच में पता चला कि ये कपाट न तो गुजराती या भारतीय डिज़ाइन के थे, और न ही चंदन की लकड़ी के थे। बल्कि ये देवदार की लकड़ी के थे जो गज़नी की देशज लकड़ी थी। अतः ये कपाट सोमनाथ के मन्दिर के कपाट थे, यह प्रामाणित नहीं हुआ। उन्हें आगरा किले के शस्त्रागार भंडार कक्ष में रख दिया गया जहां वे आज भी पड़े हुए हैं। सन १८४३ में लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स में मंदिर के कपाट लाने के आदेश के मामले में एलेनबरो की भूमिका के सवाल पर बहस भी हुई थी।
भारतीय नाम: दहियर, दहियल, ग्वालिन, दयाल, दहगल, काली सुई चिड़िया, श्रीवद (संस्कृत), दहियक (संस्कृत), कालकंठ (संस्कृत)। वर्ग श्रेणी: गाने वाली चिड़िया संरक्षण स्थिति (इउस्न): सङ्कट-मुक्त वन्य जीव संरक्षण अनुसूची : ४ नीड़-काल : मार्च से जुलाई तक। आकार : लगभग ७.५ इंच दहियर पक्षी सामान्य रूप से भारत मे पाया जाने वाला पक्षी है। यह सुबह के समय मधुर संगीत गाता हुआ मिल जाता है। इनका रंग काला तथा सफेद होता है। पूछ को झटके के साथ ऊपर तथा नीचे करते हैं। पहचान एवं रंग रूप: दहियर मानव आवास के निकट झाड़ी, उपवन वाटिकाओं आदि में कीड़े-मकोड़े (खोजते या किसी ऊंची शाखा पर बैठकर मधुर संगीत सुनाते देखा जा सकता है। इसके नर और मादा दोनों ही अपनी पूंछ को ऊपर उठाते हैं और एक झटके में ही नीचे गिरा देते हैं। नर का वर्ण आभायुक्त कृष्ण, अधोभाग श्वेत एवं डैने कृष्ण वर्णीय होते हैं जिन पर बड़ी श्वेत चित्तियाँ होती हैं, पूँछ लम्बी और उठी हुई होती है। मादा का वर्ण गहन वातामी, जिस पर नीली आभा होती है। उदर का भाग किञ्चित वातामी, डैने गहन श्याव कल्छौह जिन पर दोनों ओर तनु श्वेत वर्णीय पंख बीच में होते हैं परन्तु उनमें आभा नर जितनी नहीं होती हैं। चोंच और पैर कृष्णवर्णी होते हैं। निवास: दहियर वाटिकाओं और मैदानों की झाड़ियों में देखा जा सकता है। इसे घने जंगल और खुले स्थान प्रिय नहीं हैं और धूप-छाँव युक्त कँटीली झाड़ियाँ अधिक रुचिकर हैं। भूमि पर भी भोजन खोजना इसे प्रिय है। भारत में इसके प्रजनन का समय मार्च से आरम्भ होकर जुलाई तक होता है। यह अपना नीड़ २-७ मीटर की ऊँचाई पर वृक्षों और भवनों के बाहरी सुरक्षित कोटरों, अट्टालिकाओं के नीचे आदि स्थानों पर बनाती है। इनका नीड़ सुन्दर होता है जिसे बनाने के लिए ये घास, तृणमूल, पक्षियों के पंख और रेशों का उपयोग करते हैं। समय आने पर मादा इसमें ४-५ अण्डे देती है। अण्डे सुन्दर और आभायुक्त होते हैं जिनका वर्ण तनु हरित होता है एवं उन पर भूरे वर्ण की चित्तियाँ होती है।
निर्मोहगढ़ का युद्ध १७०२ में सिखों और मुगल साम्राज्य के बीच लड़ा गया था जिसमें सिख विजयी हुए थे। आनंदपुर (१७००) की खूनी लड़ाई में शाही मुगल सेना हार गई। इस युद्ध में मुगल सेना की हार की खबर सुनने के बाद औरंगजेब ने स्वयं गुरु गोबिंद सिंह के खिलाफ वजीर खान के नेतृत्व में एक नई सेना भेजी। वजीर खान शिवालिक पहाड़ियों के पहाड़ी राजाओं के बड़ी संख्या में सैनिकों के साथ आगे बढ़ा। आनंदपुर के ठीक बाहर निर्मोहगढ़ में सतलुज नदी के तट पर सिखों से वज़ीर खान का युद्ध हुआ। मुगलों ने एक तरफ से गुरु पर हमला किया और पहाड़ी राजाओं ने दूसरी तरफ से उन पर हमला किया। लड़ाई पूरे दिन और रात तक भयंकर रूप से जारी रही। अंततः मुगलों और पहाड़ी राजाओं की संयुक्त सेना समाप्त हो गई और पीछे हटने के लिए मजबूर हो गयी। अगली सुबह, मुगलों और पहाड़ी राजा की सेना ने फिर से हमला करना शुरू कर दिया और गुरु गोबिंद सिंह ने, खुद को बहुत अधिक संख्या में पाते हुए, उस स्थान से निकलने का फैसला किया। दुश्मन सैनिकों ने उनका पीछा किया और तब गुरु जी की सेना ने फिर लड़ने का फैसला किया। इस बार मुगलों और पहाड़ी राजाओं की संयुक्त सेना निर्णायक रूप से हार गई और दो दिनों की लड़ाई के बाद शाही मुगल सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
जनता दल (सेक्युलर) भारत का एक राजनैतिक दल है जिसके नेता भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री एच. डी. देवेगौड़ा हैं। यह दल कर्नाटक और केरल में प्रान्तीय दल के रूप में पंजीकृत है। इसकी स्थापना १९९९ में जनता दल से टूटकर हुई.
हृदय शंकर सिंह उत्तर प्रदेश में मां शाकुंभरी विश्वविद्यालय के पहले कुलपति हैं। इससे पहले प्रोफेसर एच. एस. सिंह चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग से प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त हुए थे. वह चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में प्रति-कुलपति, परीक्षा नियंत्रक और सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज में निदेशक रहे हैं।
पालीवाल ब्राम्हण वंश की उपशाखा है | जिसका भारतीय इतिहास में वर्णन मिलता है | ऋषि हारित मेवाड़ में गुहिल राजवंश के संस्थापक बप्पा रावल के गुरु थे | जिन्होंने बप्पा रावल को अजेय देह तथा धरती में गडा धन प्रदान किया | ऋषि हारित के वंशज ऋषि सरसल जी हुए | राजऋषि सरसल जी जो की मेवाड़ राज्य के राजा राणा राहप के गुरु और राजपुरोहित थे |इन्हीं के वन्शज पुरोहित हुए |
नारायणपुर बाद भारत के उत्तर प्रदेश का एक गाँव है। यह हसनपुर बारू ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है। यह गांव हाथरस जिले के सादाबाद ब्लॉक में स्थित है, २हसनपुर बारू के उत्तर में किमी. हाथरस ज़िले के गाँव विकिडेटा पर उपलब्ध निर्देशांक
द कॉन्ज्यूरिंग २ २016 की अमेरिकी अलौकिक हॉरर फिल्म है, जिसका निर्देशन जेम्स वान ने किया है। चाड हेस, केरी डब्ल्यू. हेस, जेम्स वान और डेविड लेस्ली जॉनसन ने फिल्म का पटकथा लिखा है। यह फिल्म २013 की द कॉन्ज्यूरिंग फिल्म की अगली कड़ी, द कॉन्ज्यूरिंग श्रृंखला की दूसरी किस्त और द कॉन्ज्यूरिंग यूनिवर्स फ्रेंचाइजी की तीसरी किस्त है। पैट्रिक विल्सन और वेरा फ़ार्मिगा ने पहली फिल्म से असाधारण जांचकर्ता और लेखक एड और लोरेन वॉरेन के रूप में अपनी भूमिकाएं दोहराईं। फिल्म वॉरेन परिवार पर आधारित है, जो हॉजसन परिवार की सहायता के लिए इंग्लैंड की यात्रा करते हैं, जो १९७७ में अपने एनफील्ड काउंसिल हाउस में पोल्टरजिस्ट गतिविधि का अनुभव कर रहे हैं, जिसे बाद में एनफील्ड पोल्टरजिस्ट के रूप में जाना जाने लगा। वेरा फ़ार्मिगा - लोरेन वॉरेन पैट्रिक विल्सन - एड वॉरेन मैडिसन वोल्फ - जेनेट हॉजसन फ्रांसिस ओ'कॉनर - पैगी हॉजसन लॉरेन एस्पोसिटो - मार्गरेट हॉजसन बेंजामिन हाई - बिली हॉजसन पैट्रिक मैकाले - जॉनी हॉजसन साइमन मैकबर्नी - मौरिस ग्रोस मारिया डॉयल कैनेडी - पैगी नॉटिंघम साइमन डेलाने - विक नॉटिंघम फ्रेंका पोटेंटे - अनीता ग्रेगरी बॉब एड्रियन - बिल विल्किंस रॉबिन एटकिन डाउन्स - शैतान की आवाज बोनी आरोन्स - नन जेवियर बोटेट - क्रुक्ड मैन स्टीव कूल्टर - फादर गॉर्डन अभी सिन्हा - हैरी व्हिटमार्क क्रिस रॉयड्स - ग्राहम मॉरिस स्टर्लिंग जेरिन्स - जूडी वॉरेन डैनियल वोल्फ - केंट एलन एनी यंग - कांस्टेबल हीप्स इलियट जोसेफ - कांस्टेबल पीटरसन कोरी इंग्लिश - स्केप्टिक कपलान जोसेफ बिशारा - शैतान शैनन कूक - ड्रयू २०१६ की फ़िल्में
माकेन्यू अराता (, , जन्म १६ नवंबर, १९९६) एक जापानी-अमेरिकी अभिनेता हैं। वह जापानी माता-पिता, सोया चिबा और जापानी एक्शन फिल्म स्टार सन्नी चिबा के बेटे हैं, और उनके दो भाई-बहन हैं, एक सौतेली बहन का नाम जूरी मनसे (उनके पिता की पिछली शादी से बेटी) और एक भाई जिसका नाम गॉर्डन मैडा है। १९९६ में जन्मे लोग
डॉ. केतन रेवनवार एक भारतीय दंत चिकित्सक हैं। वह मुंबई के खारघर में स्थित परफेक्ट३२ डेंटल क्लिनिक नामक डेंटल क्लिनिक के संस्थापक और मालिक हैं। वह सामान्य दंत चिकित्सा, कॉस्मेटिक दंत चिकित्सा, ऑर्थोडॉन्टिक्स और मौखिक सर्जरी में एक मास्टर विशेषज्ञ हैं। डॉ. केतन रेवनवार का जन्म महाराष्ट्र के बीड़ ज़िले में पिता कोंडीराम रेवनवार और माता श्रीमती विजय कोंडीराम के घर हुआ था। डॉ. केतन रेवनवार महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज से बीडीएस की डिग्री की डिग्री हासिल की थी। इंस्टाग्राम पर डॉ. केतन रेवनवार
वास्तु महागुरु बसंत आर रासिवासिया एक प्रसिद्द वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ हैं ल बसंत रासिवासिया रिवाइवल वास्तु नामक संस्थान व आधुनिक संगणक मोबाइल एप्लीकेशन, रीवास्तु के संचालक हैं ल उन्हें वास्तु शास्त्र में महारत हासिल है यही वजह है की वह जाति, पंथ और सामाजिक स्थिति की बाधाओं को पार करने वाली तकनीक का उपयोग करके प्राचीन विज्ञान वास्तु शास्त्र की ऊर्जा को दुनिया में फैला रहे हैं। बसंत आर रासिवासिया भारतीय वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ व ज्योतिषाचार्य हैं, इन्हे वास्तु महागुरु की उपाधि दी गयी है। व इनका जन्म असम के तिनसुकिया शहर में दिनांक २६ अक्टूबर १९७० को हुआ है। उन्होंने अपनी दसवीं तक की पढाई निरुपमा हाई स्कूल से पूरी की व आगे की पढाई तिनसुकिया कॉलेज से की है ल रासिवासिया के पिता का नाम राधे श्याम अग्रवाल रासिवासिया व माता का नाम लक्ष्मी देवी है। बसंत रासिवासिया के पिता का नाम राधे श्याम अग्रवाल रासिवासिया व माता का नाम लक्ष्मी देवी है। बसंत रासिवासिया को भारतीय संस्कृति में योगदान के लिए मेक अर्थ ग्रीन अगेन मेगा फाउंडेशन द्वारा वास्तु महागुरु का टाइटल से सम्मानित किया जा चुका है। इन्हे महाराष्ट्र राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के द्वारा डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। इंस्टाग्राम पर बसंत आर रासिवासिया १९७० में जन्मे लोग
इल्कल साड़ीइल्कल साड़ी एक पारंपरिक रूप है जो भारत में महिलाओं का एक आम पहनावा है। इल्कल साड़ी का नाम भारत के कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिले के इलकल शहर से लिया गया है। इलकल साड़ियों को शरीर पर सूती ताने और बॉर्डर के लिए आर्ट सिल्क ताना और साड़ी के पल्लू हिस्से के लिए आर्ट सिल्क ताना का उपयोग करके बुना जाता है। कुछ मामलों में कला रेशम के स्थान पर शुद्ध रेशम का भी उपयोग किया जाता है। इल्कल एक प्राचीन बुनाई केंद्र था जहां बुनाई आठवीं शताब्दी ईस्वी में शुरू हुई प्रतीत होती है। इन साड़ियों की वृद्धि का श्रेय बेल्लारी शहर और उसके आसपास के स्थानीय सरदारों द्वारा प्रदान किए गए संरक्षण को दिया जाता है। स्थानीय कच्चे माल की उपलब्धता ने इस साड़ी के विकास में मदद की।इल्कल शहर में लगभग २०००० लोग साड़ी-बुनाई में लगे हुए हैं। साड़ी की विशिष्टता शरीर के ताने-बाने को पल्लू के ताने-बाने के साथ लूपों की एक श्रृंखला के साथ जोड़ना है जिसे स्थानीय रूप से टोपे टेनी तकनीक कहा जाता है। उपरोक्त टोपे टेनी तकनीक के कारण बुनकर केवल ६गज, ८ गज, ९ गज की चाल से चल सकेगा। कोंडी तकनीक का उपयोग ३ शटल डालकर बाने के लिए किया जाता है। पल्लाउ भाग-डिज़ाइन: "टोपे टेनी सेरागु" आम तौर पर टोपे टेनी सेरागु में ३ ठोस भाग लाल रंग में होंगे, और बीच में २ भाग सफेद रंग में होंगे। टोपे टेनी सेरागु को एक राज्य प्रतीक माना जाता है और त्योहार के अवसरों के दौरान इसका बहुत सम्मान किया जाता है। पारंपरिक बॉर्डर: (ई) चिक्की, (ई) गोमी, (ई) जरी और (इव) गदीदादी, और आधुनिक गायत्री इल्कल साड़ियों में अद्वितीय हैं - चौड़ाई २.५" से ४" तक है। सीमा रंग विशिष्टता: लाल आमतौर पर या मैरून हावी होता है। अगर किसी को इल्कल साड़ी की जरूरत है तो उसे हर साड़ी के लिए एक ताना-बाना तैयार करना होगा। शरीर के लिए ताना धागे अलग से तैयार किए जाते हैं। इसी प्रकार पल्लू का ताना-बाना आवश्यक गुणवत्ता के आधार पर कला रेशम या शुद्ध रेशम से अलग से तैयार किया जाता है। तीसरा, ताने का बॉर्डर भाग तैयार किया जाता है, जैसे पल्लू ताना, या तो कला रेशम या शुद्ध रेशम और पल्लू और बॉर्डर पर इस्तेमाल किया जाने वाला रंग एक ही होगा। इल्कल साड़ियों की विशिष्ट विशेषता कसुती नामक कढ़ाई के एक रूप का उपयोग है। कसुती में उपयोग किए गए डिज़ाइन पालकी, हाथी और कमल जैसे पारंपरिक पैटर्न को दर्शाते हैं जो इल्कल साड़ियों पर कढ़ाई किए गए हैं। ये साड़ियाँ आम तौर पर ९ गज लंबी होती हैं और इल्कल साड़ी के पल्लू (कंधे पर पहना जाने वाला हिस्सा) पर मंदिर के टावरों के डिज़ाइन बने होते हैं। यह पल्लू आमतौर पर सफेद पैटर्न के साथ लाल रेशम से बना होता है। पल्लू का अंतिम क्षेत्र हनीगे (कंघी), कोटि कम्मली (किले की प्राचीर), टॉपुटेन (ज्वार) और रम्पा (पर्वत श्रृंखला) जैसे विभिन्न आकृतियों के पैटर्न से बना है।साड़ी का बॉर्डर बहुत चौड़ा और लाल या मैरून रंग का होता है और गेरू रंग के पैटर्न के साथ अलग-अलग डिजाइन से बना होता है। साड़ी या तो कपास से बनी होती है, या कपास और रेशम के मिश्रण से या शुद्ध रेशम से बनी होती है। परंपरागत रूप से उपयोग किए जाने वाले रंग अनार लाल, शानदार मोर हरा और तोता हरा हैं। दुल्हन के पहनावे के लिए जो साड़ियाँ बनाई जाती हैं, वे गिरी कुमुकुम नामक एक विशेष रंग से बनी होती हैं, जो इस क्षेत्र में पुजारियों की पत्नियों द्वारा पहने जाने वाले सिन्दूर से जुड़ा होता है। लंबाई के अनुसार बॉर्डर में बुनी गई डिज़ाइन मुख्यतः तीन प्रकार की होती है: गोमी (इल्कल दादी के नाम से अधिक प्रसिद्ध), पैरास्पेट (चिक्की पारस और डोड पारस में उप-विभाजित) गाड़ी जारी है। मुख्य बॉडी डिज़ाइन धारियों, आयत और वर्गों है। इल्कल साड़ियों की बुनाई ज्यादातर एक इनडोर गतिविधि है। यह मूलतः एक घरेलू उद्यम है जिसमें महिला सदस्यों की सक्रिय भागीदारी शामिल है। हथकरघे की मदद से एक साड़ी बुनने में करीब सात दिनो का समय लगता है. इसे हम पावरलूम की मदद से भी बुन सकते हैं। इल्कल पारंपरिक साड़ियाँ मुख्य रूप से तीन प्रकार के विभिन्न धागों के संयोजन से पिटलूम पर तैयार की जाती हैं।एक बुनकर को तैयारी के काम के लिए अपने अलावा दो अन्य लोगों की आवश्यकता होती है। इल्कल साड़ियों का संक्षिप्त इतिहास कमला रामकृष्णन द्वारा प्रदान किया गया है। "दक्षिणी विरासत"। द हिंदू का ऑनलाइन संस्करण, दिनांक १९९९-०६-२०। १९९९, द हिंदू। १ जुलाई २०07 को मूल से संग्रहीत। "इल्कल साड़ी की कहानी"। इकोनॉमिक टाइम्स का ऑनलाइन संस्करण, दिनांक २००२-१२-१२। २००७ टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड। १२ दिसंबर २००२। २८ अगस्त २००४ को मूल से संग्रहीत।
खान सर, बिहार के पटना जनपद के एक कोचिंग इंस्टिट्यूट के अध्यापक है जिन्होंने जिनके पढ़ने के तरीके से वह विश्व विख्यात हो चुके हैं। इसी के साथ ही उनकी कोचिंग के काम फीस होने के कारण उनसे करोड़ विद्यार्थी संपूर्ण विश्व में जुड़े हैं और सस्ती और अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं ।
राभा सग़राई नृत्य , आसाम (भारत ) मैं कृषि एकता का प्रस्तुतीकरण है। यह मोहक नृत्य राभा जनजाति के खूबसूरत लोगों द्वारा किया जाता है जिसमें वह अपनी अपनी संस्कृति की झलक प्रदर्शित करते हैं। नृत्य में संस्कृति और कृषि परंपराओं का समागम होता है और उनके जीवन शैली की झांकी प्रस्तुत की जाती है। यह प्राकृतिक नृत्य विभिन्न मौसम चक्राें के अनुसार किया जाता है जो आगामी फसली मौसम का सूचक होता है। तदनुसार राभा लोग साथ मिलकर एक दूसरे के हाथ में हाथ डालकर पारंपरिक परिधानों में अपनी एकता का प्रदर्शन करते हैं। नृत्य के दौरान ताल के अनुसार ढोल बजाए जाते हैं और वाद्य यंत्रों के साथ सुर मिलाए जाते हैं। मनमोहक स्वर संगति की सामूहिक ध्वनि की गूंज पूरे क्षेत्र में सुनाई पड़ती है। इन गीतों में ग्रामीण कथाओं का समावेश होता है और कृषि कार्य के साथ प्रसन्न रहने का संदेश दिया जाता है। राभा सग़राई नृत्य केवल नृत्य ही नहीं है वरन इसमें सांस्कृतिक विरासत का चित्रण भी किया जाता है जो पीढ़ियाेऺ में हस्तांतरित होता रहता है। इसमें परंपरागत मूल्य और पीढ़ियाेऺ का इतिहास प्रदर्शित होता है। इससे पता चलता है कि यह लोग धरती माता से कितनी आत्मीयता से जुड़े हुए हैं। राभा सग़राई नृत्य खुले आसमान के नीचे किया जाता है यह वे लोग हैं जो प्रत्येक मौसम में आने वाली कठिनाइयों का हर्षो उल्लास से स्वागत करते हैं और अपनी विशिष्ट संस्कृति कि आमिट छाप छोड़ते हैं। फसल उत्सव और प्रतीकवाद। लयबद्ध पैटर्न और उपकरण एकता और सामाजिक जूड़ाव साऺस्कृतिक लचीलापन और चुनौतियां फसल उत्सव और प्रतीक वाद राभा सग़राई नृत्य प्रकृति के मौसमीय चक्र से प्रभावित है जिसमें फसल चक्र पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस नृत्य में ईश्वर और देवताओं की महानता का आभार व्यक्त किया जाता है जो उनके कृषि संबंधित प्रयासों को सार्थकता प्रदान करते हैं। राभा नृत्य के प्रकार १. संग़राई नृत्य राभा उत्सव का मुख्य आकर्षण संग़राई नृत्य है जो इस समारोह का दिलऔर आत्मा है। नृत्य करने वाले संगीत की स्वर लहरियों के अनुसार भाव भंगिमायै प्रस्तुत करते हैं और प्रकृति का आभार प्रकट करते हैं। इसमें उनकी एकता प्रदर्शित होती है। २. बाईखू नृत्य बाईखू नृत्य अत्यंत मनमोहक शक्ति प्रदर्शन नृत्य है। इसमें कई दैनिक क्रियाकलापों को लयबद् तरीके से निहित किया जाता है जैसे खेती,मत्स्य पालन और कला कौशल। इससे पता चलता है कि राभा लोग किस प्रकार एक दूसरे के साथ मजबूती से जुड़े हुए हैं। ३. बिहू नृत्य' बिहू नृत्य बिहू त्योहार के दौरान किया जाता है। नृत्य करने वाले रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं जो असम की जीवंत संस्कृति का प्रतीक है और सर्दियों के मौसम के बाद बसंत ऋतु के आगमन को चिन्हित करता है। ४. रंगधाली नृत्य रंगधाली नृत्य मैं पौराणिक कथाओं का चित्रण किया जाता है और राभा के लोकगीतों का उत्साहवर्धक गायन किया जाता है। इसमें जनजाति की कलात्मक संवेदनाओं का पथ प्रदर्शन किया जाता है और पीडियोऺ से चली आ रही कथाओं का मनमोहक प्रदर्शन किया जाता है। ५. सुआल नृत्य सुआल नृत्य मैं हाथ पैरों की भाव भंगिमाॵ से राभा जनजाति की कलात्मक शक्तियों का चित्रण किया जाता है। इस नृत्य में प्रकृति को कल से जोड़ते हुए पक्षियों और जीव जंतुओं के क्रियाकलापों को प्रदर्शित किया जाता है। ६. बागरूमबा नृत्य बागरूमबा नृत्य मैं परंपरागत वस्त्राे से सजे धजे नर्तक,जीवन के प्रति भाव भंगिमाऺये प्रस्तुत करते हैं और लोगों को उनकी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। ७. वाऺग्ला नृत्य वाऺग्ला नृत्य मैं नर्तक एक घेरा बनाते हैं और ढोल की थाप पर नृत्य करते हुए अपने पूर्वजों और देवताओं का स्तुति गान करते हैं। भूमि और दैवी शक्तियों को संयोजित करते हुए नर्तक प्रार्थना करते हैं। राभा सग़राई नृत्य:ताल पद्धतियां तथा संगीत उपकरण राभा सग़राई नृत्य,परंपरागत संगीत उपकरणाेऺ की ताल पर आधारित होता है।ढोल की गूंज और टाका (हाथ में पकड़ कर बजाए जाने वाला उपकरण) की धुन तथा पेपा (परंपरागत बांसुरी) की धुन का समन्वय इस नृत्य में देखा जा सकता है। नृत्य के आगे बढ़ने के साथ-साथ भाव भंगीमाओं तथा स्वर लहरियों में जनजातीय जीवन, प्रकृति की सुंदरता, बीज बोने और फसल काटने की कथाओं का वर्णन किया जाता है। नृत्य जीवंत होता जाता है जिसमें राभा समुदाय की कृषि-जीवन पद्धति,जय विजय तथा स्थानीय प्रतिबद्धता का चित्रण किया जाता है। एकता तथा सामुदायिक प्रतिबद्धता सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ राभा नृत्य में समुदाय के प्रति निष्ठा प्रदर्शित करी जाती है। इसमें व्यावसायिक मूल्य, साऺस्कृतिक प्रतिबद्धता तथा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के लिए ज्ञान का प्रचार किया जाता है। नृत्य में प्राय: कथा वाचन और अनौपचारिक विचार विमर्श शामिल हो जाता है जो इतिहास के साथ मिलकर समुदाय को शक्तिशाली बनाने में सहायक होता है। राभा सग़राई नृत्य मौखिक परंपराओं से आगे बढ़ता है जिसमें बुजुर्ग पीढ़ी द्वारा युवा पीढ़ी को गीतोऺ, नृत्याेऺ, कहानियाेऺ तथा हाव भाव की शिक्षा दी जाती है जो उनकी परंपराओं को परिलक्षित करती है। अनुकूल क्षमता तथा चुनौतियां आधुनिक प्रभावों के कारण राभा समुदाय को अपनी संस्कृति तथा अपनी परंपराओं को जीवित रखने के लिए चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। राभा सग़राई नृत्य तथा राभा जीवन शैली को जीवित रखनेऺ और आगे बढ़ाने के लिए मानव विज्ञानियाैऺ तथा सांस्कृतिक उत्थानकर्ताओं द्वारा प्रयास किया जा रहे हैं।
१२वीं फेल २०२३ की भारतीय हिंदी भाषा की ड्रामा फिल्म है , जो विधु विनोद चोपड़ा द्वारा लिखित और निर्देशित है। फिल्म यह अनुराग पाठक के उपन्यास "ट्वेल्थ फेल" पर आधारित है। इस फिल्म में विक्रांत मैसी, मेधा शंकर, संजय बिश्नोई और हरीश खन्ना मुख्य भुमिकाओं मे हैं। यह फ़िल्म २७ अक्टूबर २०२३ को रिलीज़ हुई थी फिल्म को समीक्षकों से सकारात्मक समीक्षा मिली। यह फिल्म मनोज कुमार शर्मा (विक्रांत मैसी) के आईपीएस अधिकारी बनने की यात्रा को दर्शाती है। विक्रांत मैसी - मनोज कुमार शर्मा के रूप में विकास दिव्यकीर्ति स्वयं के रूप में सुंदर के रूप में विजय कुमार डोगरा फिल्म निर्माण प्रक्रिया नवंबर २०२२ में, फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा ने अनुराग पाठक के उपन्यास ट्वेल्थ फेल की कहानी पर फिल्म बनाने की घोषणा की। यह फिल्म आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा और आईआरएस अधिकारी श्रद्धा जोशी की वास्तविक जीवन की कहानी से प्रेरित है। पात्रों का चयन विधु विनोद चोपड़ा ने नवंबर २०२२ में घोषणा की कि १२वीं फेल फिल्म में विक्रांत मैसी मुख्य भूमिका निभाएंगे, यह विधु विनोद चोपड़ा का विक्रांत मैसी के साथ पहला काम होगा। प्रसिद्ध यूपीएससी कोचिंग प्रोफेसर विकास दिव्यकीर्ति फिल्म में स्वयं का ही किरदार निभाएंगे। इस फिल्म में वास्तविक जीवन के यूपीएससी की तैयारी करने वाले कई अभ्यर्थीयों को विभिन्न भूमिकाओं में चुना गया है। मैसी के अनुसार इससे फिल्म में प्रामाणिकता रहेगी। उपन्यासों पर आधारित फिल्में भारतीय ड्रामा फ़िल्में २०२३ की फ़िल्में
नईम अख्तर माथाडीह का एक मुस्लिम युवा नेता है जो ५ माई २०१९ से राजनीति कर रहे हैं। नईम अख्तर का संकल्प "युवाओं को एक जुट करना और एक जुट हुए युवाओं को अधिकार दिलाना है "
ताना भगत भारत के झारखंड का एक आदिवासी समुदाय है। इनका संबंध ऐतिहासिक ताना भगत आंदोलन (१९१४) से है। टाना भगतों का गठन ओराँन संत जतरा भगत और तुरिया भगत ने किया था। जतरा भगत ने घोषणा की कि उन्हें एक नए संप्रदाय, ताना संप्रदाय की स्थापना के लिए दैवीय रूप से नियुक्त किया गया था, जो ओरांव समुदाय से स्पष्ट रूप से अलग था। तानों ने पाहन (उराँव पुजारियों) और महतो (धर्मनिरपेक्ष मामलों में गाँव के प्रतिनिधि) के पारंपरिक नेतृत्व का विरोध करके और आत्मा पूजा और बलिदान की प्रथाओं को अस्वीकार करके ओराँव समाज को फिर से संगठित करने की कोशिश की। अपने प्रारंभिक चरण में इसे कुरुख धर्म कहा जाता था। कुड़ुख उराँवों का मूल धर्म है। ताना भगतों ने अंग्रेजों द्वारा लगाए गए करों का विरोध किया और उन्होंने महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन से पहले भी पोगा सत्याग्रह (सविनय अवज्ञा आंदोलन) किया। उन्होंने जमींदारों, बनियों (साहुकारों), मिशनरियों, मुसलमानों और ब्रिटिश राज्य का विरोध किया। ताना भगत गांधी के अनुयायी हैं और अहिंसा में विश्वास करते हैं। ताना भगत आंदोलन के १०० वर्ष पूरे होने पर गुमला जिले के अलावा रांची, लोहरदगा, लातेहार और चतरा के ताना भगतों के साथ एक समारोह आयोजित किया गया था। झारखंड के सामाजिक समूह
मानव सोनेजा एक भारतीय अभिनेता हैं, इनका जन्म मुंबई में हुआ था। उन्हें आनंदीबा और एमिली में जमन, काटेलाल एंड संस में फिटकारी, मेरे साईं में अली और गुजरात ११ में विक्की के रूप में किरदार निभाने के लिए जाना जाता है। सोनेजा ने २०१५ में टीवी सीरियल पलक पे झलक से डेब्यू किया था। २०१७ में उन्होंने वेब-सीरीज़ लाखों में एक में हंसल साहू के रूप में अभिनय किया। २०१९ में सोनेजी ने टीवी सीरीज मेरे साईं में अली और फिल्म गुजरात ११ में विक्की की भूमिका निभाई है। २०२० में उन्होंने काटेलाल एंड संस में फिटकारी के रूप में काम किया। उन्होंने २०२१ में टीवी मिनी सीरीज़ दिल-ए-काउच में पटकन के रूप में अभिनय किया। २०२२ में, सोनेजी ने आनंदीबा और एमिली में जमन के रूप में अभिनय किया। २१वीं सदी के अभिनेता भारतीय पुरुष अभिनेता
राम सिंह धौनी (२४ फरवरी सन् १८९३ ई० -- १२ नवम्बर १९३० ई०) भारत के एक स्वतन्त्रता सेनानी एवं समाजसेवक थे। सन् १९२१ ई० सर्वप्रथम उन्होंने ही जयहिन्द नारे का उद्घोष किया था। वे सच्चे देशभक्त, समाज सुधारक, शिक्षाशात्री, स्वाभिमानी, निर्भीक, हिंदीप्रेमी, त्याग एवं सादगी की प्रतिमूर्ति तथा सात्विक जीवन यापन करने वाले महान कर्मयोगी थे। रामसिंह धौनी का जन्म २४ फरवरी सन् १८९३ ई० में अल्मोड़ा जिले के तल्ला सालम पट्टी में तल्ला बिनौला गांव में हुआ था। इनकी माता का नाम कुन्ती देवी तथा पिता का नाम हिम्मत सिंह धौनी था। वे बचपन से ही अति प्रतिभाशाली एवं परिश्रमी थे। सन् १९०८ ई० के जैती (सालम) से कक्षा चार की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने अल्मोड़ा टाउन स्कूल में कक्षा ५ में प्रवेश लिया तथा हाईस्कूल तक इसी विद्यालय में विद्याध्ययन किया। मिडिल परीक्षा में सारे सूबे में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर उन्हें पाँच रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी मिलने लगी। सन् १९१२-१३ ई० के आस-पास अल्मोड़ा में देश के कई महान पुरुषों का आगमन हुआ, जिनमें काका कालेलकर, आनंद स्वामी, पं० मदनमोहन मालवीय, विनय कुमार सरकार आदि प्रमुख थे। इन महापुरुषों के दर्शन एवं उपदेशों से रामसिंह के मन में देश भक्ति एवं राष्ट्रप्रेम की भावना गहरी होती गई। सन् १९१२ ई. में स्वामी सत्यदेव अल्मोड़ा आए और उन्होंने यहाँ पर शुद्ध साहित्य समिति की स्थापना की। रामसिंह इस साहित्य समिति के स्थाई सदस्य बन गए। स्वामी जी के भाषणों तथा शुद्ध साहित्य समिति के क्रियाकलापों ने उनके जीवन की दिशा बदल दी। अब उनका समय हाईस्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ श्रेष्ठ ग्रंथों के गहन अध्ययन तथा अखबारों एवं पत्र-पत्रिकाओं के पठन-पाठन में व्यतीत होने लगा। स्वामी सत्यदेव जी द्वारा अपने निवास स्थान नारायण तेवाड़ी देवाल में खोले गए ग्रीष्म स्कूल में भी धौनी जी का आना-जाना बना रहता था. धौनी जी ने हाईस्कूल के अपने सहपाठियों के सहयोग से एक छात्र सभा सम्मेलन का भी गठन किया जिसमें समाज सुधार, राष्ट्रप्रेम एवं हिन्दी भाषा की उन्नति विषयक चर्चाएं होती थीं। इन्हीं दिनों धौनी जी ने डॉ. हेमचन्द्र जोशी जी से बंगला भाषा भी सीखी। हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए धौनी इलाहाबाद (प्रयागराज) चले गए और वहां उन्होंने इविन क्रिश्चियन कालेज में प्रवेश लिया। सन १९१७ में उन्होंने एफ. ए. तथा सन् १९१९ ई० में बी. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की। बी. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे सालम लौट आए। कहा जाता है कि इस क्षेत्र में बी. ए. उतीर्ण करने वाले पहले व्यक्ति वही थे। विद्यार्थी जीवन से ही राजनीतिक घटना-चक्र के प्रति रामसिंह धौनी जी की गहरी रुचि थी। इलाहाबाद में विद्याध्ययन के दौरान 'फिलाडेलफिया छात्रावास में रहते हुए वे अपने साथियों के साथ राष्ट्रीय समस्याओं पर, विभिन्न विचार-गोष्ठियों में विचार-विमर्श किया करते थे। कालेज की हिन्दी साहित्य सभा में वे नियमित रूप से जाया करते थे। हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग से भी वे सम्बद्ध थे। उनका अधिकांश समय हिंदी-अंग्रेजी के समाचार-पत्रों को पढ़ने, सभाओं एवं विचार गोष्ठियों में भाग लेने तथा छात्रों में राष्ट्रीय भावना का प्रचार करने में बीतता था। होम रूल लीग का सदस्य बनकर वे देश के स्वतंत्रता आन्दोलन से सीधे जुड़ गये थे। उनमें देशभक्ति एवं स्वाभिमान की भावना इतनी प्रबल थी कि उन्होंने विद्यार्थी जीवन में ही सरकारी नौकरी न करने का पक्का निश्चय कर लिया था तथा अन्त तक उसका निर्वाह भी किया। सन् १९१९ ई० में उनके बी.ए. पास करने के उपरान्त तत्कालीन कुमाऊँ कमिश्नर बिढम (सन् १९१४-१९२४ ई०) ने उन्हें नायब तहसीलदार के पद पर कार्य करने को कहा परन्तु धौनी जी ने अपनी निर्धनता के बावजूद उसे ठुकरा दिया, जिससे उनके निर्धन पिता को गहरा आघात भी लगा। सन् १९२० इ० में रामसिंह राजस्थान चले गए और वहां बीकानेर के राजा के सूरतगढ़ स्कूल में ८० रुपये मासिक वेतन पर एक वर्ष तक कार्य किया। वहां से धौनी जी फतेहपुर चले गये तथा रामचन्द्र नेवटिया हाईस्कूल में सहायक अध्यापक तथा प्रधानाध्यापक के पदों पर कार्य किया। जब सन् १९२१ ई० में सारे भारतवर्ष में कांग्रेस कमेटियां बनाई जाने लगी, तो वे ही पहले व्यक्ति थे जिन्होंने फतेहपुर में कांग्रेस कमेटी की स्थापना कर वहां आजादी का बिगुल बजा दिया। फतेहपुर में ही धौनी जी ने युवक सभा की भी स्थापना की जिसके वे स्वयं संरक्षक थे। युवक सभा' के सदस्यों का मुख्य कार्य अछूत बस्तियों के लोगों में शिक्षा, सफाई तथा नशाबंदी का प्रचार -प्रसार करना था। श्री गोपाल नेवटिया तथा श्री मदनलाल जालान युवक सभा के संचालक थे। धौनी जी ने फतेहपुर (जयपुर) हाईस्कूल के छात्रों के शारीरिक, मानसिक तथा आत्मिक विकास के लिए 'छात्र सभा की स्थापना भी की, जिसके संचालक वे स्वयं थे तथा पाँच रुपय. वार्षिक आर्थिक सहायता भी देते थे। इस बीच फतेहपुर में उन्होंने कई जनसभाओं में भाषण दिए तथा देश को आजाद करने का आह्वान किया। अपने स्कूल में फुटबॉल को विदेशी खेल समझ कर बंद करवा दिया तथा उसके स्थान पर कबड्डी एवं अन्य देशी खेलों को प्रारंभ करवाया। भारतीय रियासतों में राजनीतिक आन्दोलनों के जन्मदाताओं में धौनी जी का नाम प्रमुख है। सन् १९२१ ई० से १९२२ ई. तक उनके द्वारा फतेहपुर में किए गए राजनीतिक कार्यों का विशेष महत्त्व है। उन्होंने पहली बार फतेहपुर में राष्ट्रीय भावनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए सभाओं का गठन किया तथा नगर के प्रतिष्ठित लोगों एवं नवयुवकों को अपने साथ लिया, जिसमें डॉ. रामजीवन त्रिपाठी, कुमार नारायण सिंह, युधिष्ठिर प्रसाद सिंहानिया, गोपाल नेवटिया, श्री रामेश्वर तथा मूंगी लाल आदि के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं। फतेहपुर में ही उन्होंने एक साहित्य समिति की स्थापना की, जिसका कार्य लोगों में शिक्षा और एकता का प्रचार करना था। इस समिति के साप्ताहिक एवं पाक्षिक अधिवेशन हुआ करते थे. कभी-कभी कवि सम्मेलन भी हुआ करते थे। एक कवि सम्मेलन में धौनी जी ने अपनी कविता सफाई की सफाई सुनाई थी। वह कविता लोगों को इतनी पसंद आई कि जनता के आग्रह पर धौनी जी को उसे नौ बार सुनाना पड़ा। रामसिंह ने साहित्य समिति की ओर से बधु नामक पाक्षिक पत्र निकलवाया तथा डॉ. रामजीवन त्रिपाठी उसके संपादक बनाए गए। इस पत्र में धौनी जी के देश भक्ति एवं राष्ट्र प्रेम संबंधी कई लेख एवं कविताएँ प्रकाशित हुईं। राष्ट्रवादी विचारधारा का पोषक होने ने कारण ब्रिटिश सरकार ने बंधु पत्र की सभी प्रतियां जब्त करवा कर, उसके प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा दिया। धौनी जी की प्रेरणा से उनके शिष्य गोपाल नेवटिया तथा युधिष्ठिर प्रसाद सिंहानिया ने श्री स्वदेश नामक उच्चकोटि का पत्र निकाला जिसके २६ अगस्त १९२२ ई० के प्रथम अंक में धौनी जी की कविता तेरी बारी है होली छापी गई, हालांकि उस समय धौनी जी बजांग (नेपाल) चले गए थे। इस कविता में अंग्रेजों को बंदर बताकर, उन्हें भारत से भागने को कहा गया है। उपवन से भग बन्दर भोली, तेरी बारी है होली॥ दुबक-दुबक तू घुसि आया, चुपके-चुपके सब फल खाया ॥ ऐक्य पुष्प सब तोड़ि गिराए, पिक पक्षी अति ही झुंझलाए॥ सभी कहत अब ऐसी बोली, तेरी बारी है होली॥ रामसिंह धौनी के जीवन का मुख्य लक्ष्य अध्यापन के माध्यम से जनता में देशप्रेम एवं राष्ट्रीय भावनाओं का प्रचार करना था। फतेहपुर (जयपुर) में जब यह कार्य युवक सभा, छात्र सभा तथा साहित्य समिति के माध्यम से होने लगा तो उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया तथा नेपाल की रियासत बजांग गए। वहां उन्होंने राजकुमारों को शिक्षा प्रदान कर हिन्दो प्रेमी बनाया। धौनी जी के अध्यापन कार्य से प्रसन्न होकर बजांग के राजा ने उन्हें एक तलवार भेंट की। बीकानेर, जयपुर तथा बजांग (नेपाल) रियासतों में देश भक्ति एवं राष्ट्रीयता की भावनाओं तथा हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार कर, धौनी जी अल्मोड़ा चले आए। सन् १९२५ ई० से सन १९२६ ई. तक रामसिंह शक्ति के संपादक रहे। अपने थोड़े से कार्यकाल में उन्होंने देश की सभी महत्वपूर्ण समस्याओं पर गंभीरतापूर्ण लेख एवं टिप्पणियां लिखीं। इन लेखों में हिंदु-मुस्लिम एकता, अछूतोद्धार, राष्ट्र संगठन, कुटीर उद्योग, राष्ट्रभाषा हिन्दी, खादीआन्दोलन, अध्यापक आन्दोलन, निःशुल्क शिक्षा, डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, महात्मा गांधी तथा कांग्रेस आदि महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। ब्रिटिश सरकार की ओर से लगान बढ़ाने के लिए होने वाले बन्दोवस्त के विरोध में उन्होंने आन्दोलन चलाया। जैती (सालम) में जूनियर हाईस्कूल तथा बाँजधार में औषधालय उन्हीं के प्रयासों से खुले। अल्मोड़ा में सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक कार्यों को सक्रिय करने के उपरान्त धौनी बम्बई चले गए। वहाँ उन्होंने पहाड़ के लोगों को एकजुट कर "हिमालय पर्वतीय संघ की स्थापना की। वे अखिल भारतीय मारवाड़ी अग्रवाल जाती कोष के मंत्री भी रहे। १९३० ई० में बम्बई में चेचक फैला। लोगों की सेवा करते हुए वे चेचक की चपेट में आ गए तथा १२ नवम्बर १९३० ई० को ३७ बर्ष की अल्पायु में ही उनका निधन हो गया । जनवरी १९३१ ई० को बागेश्वर में उत्तरायणी के मेले में महान स्वतन्त्रता सेनानी विक्टर मोहन जोशी ने रामसिंह धोनी की मृत्यु पर अपने शोकोद्गार व्यक्त करते हुए कहा था- हो, हन्त बैरी, बैरीकाल ने बरबाद हमको कर दिया। हा देव! यह क्या हो गया, भारत का रत्न खो गया॥ निर्धनता में भी देश को निःस्वार्थ सेवा करने वाले इस महान सपूत की याद में सन् १९३५ ई० में सालम में "रामसिंह धौनी आश्रम" की स्थापना हुई। यही आश्रम सालम की सन् १९४२ ई० को जनक्रांति का भी केन्द्र बना। १. शक्ति साप्ताहिक अल्मोड़ा २. अल्मोड़ा स्मारिका १९७६ ३. स्वतन्त्रता संग्राम में कुमाऊँ-गढ़वाल का योगदान-डाँ० धर्मपाल सिंह मनराल ४. श्री हरदत्त उपाध्याय द्वारा लिखित एवं संग्रहीत रामसिंह धौनी जी से सम्बद्ध विभिन्न पत्र-व्यवहारादि (श्री शेर सिंह धौनी जी के संग्रह में. ५. अल्मोड़ा डिस्ट्रिक्ट बोर्ड की सन् १९२३ से १९२७ ई० तक की कार्य सूची को फाइलें। भारतीय स्वतंत्रता सेनानी
चिरहुला नाथ मंदिर रीवा का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो की चिराहुला कॉलोनी के पास मौजूद चिराहुला तालाब के किनारे पर है। इस मंदिर में हनुमान जी विराजित हैं तथा मंदिर के पीछे भगवान शिव का एक विशाल मंदिर है जहां पर १२ ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई है। इस मंदिर में साल भर में लाखों भक्त आते हैं। हर सप्ताह मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों की भीड़ बहुत ज्यादा होती है। चिरहुला नाथ स्वामी के दर्शन करने के लिए भक्त यहां दूर-दूर से आते हैं। हाल ही में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धर्मेंद्र शास्त्री जी भी बनारस की ओर जा रहे थे तभी उन्हें जब पता चला कि वह रीवा में है तो उन्होंने चिराहुल नाथ स्वामी के दर्शन की इच्छा प्रकट की। और रात को १:३० बजे चुपचाप धर्मेंद्र शास्त्री जी चिराहुला नाथ स्वामी के दर्शन किया।
सत्यदेव विद्यालंकार (१९०४ - २००३) भारत के स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार एवं हिन्दी लेखक थे। वे हिंदुस्तान नामक हिन्दी समाचार पत्र के प्रथम सम्पादक थे। इस पत्र का प्रकाशन १९३६से हो रहा है। उन्होंने लगभग सारा जीवन आर्य समाज के क्षेत्र में काम किया। सत्यदेव विद्यालंकार का जन्म सन १९०४ में क्वेटा में हुआ था। उनके पिताजी का नाम पण्डित ठाकुर दास था। ठाकुर दास जी, स्वामी श्रद्धानन्द के परिचित और भक्त थे। वे आर्य समाज के अधिकारी थे । क्वेटा समृद्ध और फलफूल से भरा नगर था । वहाँ प्रायः गुरुकुल के लिए चन्दा एकत्र करने स्वामी श्रद्धानन्द जी तथा और विद्वान भी आते थे, जिन का वहाँ बहुत आदर सत्कार होता था । सत्यदेव जी ने सन १९१२ में गुरुकुल कांगड़ी में प्रवेश किया और १९२६ तक उसमें अध्ययन करते रहे। १९३० में डी. ए. वी. स्कूल मिण्टगुंमरी में अध्यापक बने । १९३९ में डी. ए. वी. कॉलिज जालन्धर में कार्य प्रारम्भ किया। वहाँ से अवकाश प्राप्त कर १९६५ में कन्या महाविद्यालय जालन्धर में कार्य किया । फिर १९६६ से १९८३ तक ऋषि दयानन्द स्मारक ट्रस्ट टंकारा में कार्य करते रहे। सत्यदेव विद्यालंकार के तीन पुत्र और एक कन्या हैं। उनके पुत्र विजय कुमार रेलवे में काम करते थे। दूसरे पुत्र विनय एम. एस. सी. फार्मेस्यूटिक्स करके अमेरिका गये और वहाँ डाक्टरेट भी किया अब एक बहुत बड़ी कम्पनी में औषध निर्माण कार्य का सहायक हैं। तीसरे पुत्र विनोद शर्मा हैं। कन्या आशा संगीत में एम. ए. है। धुन के धनी दीदी सुशीला मोहन करो या मरो बीकानेर का राजनीतिक विकास और पण्डित मेघाराम वैद्य राजा महेन्द्र प्रताप लाल किले में यूरोप में आजाद हिन्द ( आचार्य नरेन्द्र देव, सत्यदेव विद्यालंकार, सरदार राम सिंह रावल) आचार्य सत्यदेव विद्यालंकार (आत्म-परिचय) करो या मरो संस्कृत के विद्वान
अगर आप इसके नाम को ठीक से पढ़ेंगे तो आप इसके नाम से ही समझ पाएंगे कि यह पैटर्न कैसा पैटर्न है | इसके नाम में ही सबसे पहले बुलिश आ गया है, जिससे यह साफ पता चलता है कि ये एक बुलिश पैटर्न है | देखा जाए तो बुलिश एबंडेंट बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न अगर आपको दिख जाए तो आपको किसी दूसरे पैटर्न की जरूरत नहीं परंतु यह पैटर्न जल्दी दिखता ही नहीं है | इसलिए जब जब यह पैटर्न बनता है तब तब बहुत ही कारगर साबित होता है अगर आपको यह पैटर्न दिखे तो आपको तुरंत ही सक्रिय हो जाना है, क्यूँकी वहाँ से मार्केट कभी भी पलट सकता है | बुलिश एबंडेंट बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न कैसा पैटर्न है? बुलिश एबंडेंट बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न एक तरह का बुलिश रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न जो डाउन ट्रेंड के बाद बनता है | यह पैटर्न आपको डाउनट्रेंड के बाद ही देखने को मिलेगा और जब यह पैटर्न डाउन ट्रेंड के बाद अगर सपोर्ट के पास बनता हुआ दिखाई देता है तब यह पैटर्न बहुत अच्छे से काम करता है | जब भी आपको सपोर्ट के पास यह पैटर्न देखने को मिले तब आप यह समझ सकते हैं की मार्केट अब यहाँ से रिवर्स हो सकता है जो कुछ समय से डाउनट्रेंड चल रहा था अब वह अपट्रेन्ड में बदल सकता है | यह पैटर्न मार्केट में चल रही मंदी के खत्म होने का संकेत देता है और मार्केट में आने वाली बुलिशनेस के बारे में भी बताता है | बुलिश एबंडेंट बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न तीन कैंडल से मिलकर बनने वाला पैटर्न है इसलिए इसे ट्रिपल कैंडलस्टिक पैटर्न के अंतर्गत रखा जाता है | इसमें सबसे पहले कैंडल एक बड़ी लाल हमारे बसु कैंडल होती है फिर अगली कैंडल एक छोटी दो चीज तरह की कैंडल बनती है और आखरी में एक बड़ी हरि रंग की मारो पूछो कैंडल बनती है | यह तीन तरह की कैंडल जहां भी आपको देखने मिलती है तो आप समझ सकते हैं कि वहां पर बुलिश एबंडेंट बेबी पैटर्न बना हुआ है | बुलिश एबंडेंट बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न को पहचाना बहुत ही आसान है पर फिर भी कुछ लोग थोड़ा कंफ्यूज हो जाते हैं क्योंकि यह पैटर्न दिखने मे मॉर्निंग स्टार पैटर्न की तरह होता है | जैसा कि मैं आपको इसके पहले बताया कि यह पैटर्न तीन कैंडलस्टिक से मिलकर बनता है जिसमें की सबसे पहले कैंडल लाल रंग का एक बड़ा मारूबुजु कैंडल होता है | अगला कैंडल जोकी दोजी होता है, जब दोजी कैंडल एक बड़े गैप डॉन के साथ बने और फिर अगले दिन गैप अप के साथ हरे रंग का मारूबुजु कैंडल बनता है तब हम इसे बुलिश एबंडेंट बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न | सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात इस पैटर्न में यह है कि दोजी कैंडल के पहले और बाद वाले कैंडल के बीच में गैप डॉन और गैप अप होता है जिसे आंखों से आसानी से देखा जा सकता है | अगर आपको किसी भी प्रकार का गैप दिखाई देता है दोजी कैंडल के अगल-बगल में तो आप यह समझ जाएगा कि यह पैटर्न बुलिश एबंडेंट बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न है |
भगवान श्री राम के तीन भाई थे जिनमे सबसे छोटे महाराजा शत्रुघ्न थे। महाराजा शत्रुघ्न के दो पुत्र थे शूरसेन और सूबाहु। महाराजा शत्रुघ्न ने अपने पुत्र शूरसेन के नाम पर ही शूरसेन देश की स्थापना की थी। इनमे से शूरसेन के पुत्र हुए शूरसैनी। मूलत: इनका नाम सैनी था परंतु अत्यंत वीर और प्राक्रमी होने के कारण इन्हें शूर उपाधि दी गई थी तभी से इन्हे शूरसैनी कहा जाने लगा। इन्ही से सैनी जाती का वंश चला जो कालांतर में भारत के विभिन्न भागों में फैल गया। इसीलिए सैनी जाति के प्रवर्तक के रूप में महाराजा शूरसैनी का नाम आता है।
बेयरिश एबंडेंट बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न एक तरह का बेरिश रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न है जो अपट्रेंड के बाद बनता है | यह पैटर्न आपको अपट्रेंड के बाद ही देखने को मिलेगा और जब यह पैटर्न अपट्रेंड के बाद अगर रेसिस्टेंस के पास बनता हुआ दिखाई देता है तब यह पैटर्न बहुत अच्छे से काम करता है | जब भी आपको रेसिस्टेंस के पास यह पैटर्न देखने को मिले तब आप यह समझ सकते हैं की मार्केट अब यहाँ से रिवर्स हो सकता है जो कुछ समय से अपट्रेंड चल रहा था अब वह डाउन ट्रेंड में बदल सकता है | यह पैटर्न मार्केट में चल रही तेजी के खत्म होने का संकेत देता है और मार्केट में आने वाली बेरिशनेस के बारे में भी बताता है | देखा जाए तो अगर आपको बेयरिश अबांडेन्ड बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न दिख जाए तो आपको किसी दूसरे पैटर्न को देखने की जरूरत नहीं क्यूँकी यह पैटर्न जब भी बनता है तब बहुत कारगर साबित होता है | आपको जब यह पैटर्न बनता दिखाई दे तो आपको तुरंत ही सतर्क हो जाना है क्यूँकी वहाँ से मार्केट के रिवर्स होने के बहुत ही प्रबल संभावना होती है | बेयरिश एबंडेंट बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न कैसा दिखता है? बेयरिश एबंडेंट बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न तीन कैंडल से मिलकर बनने वाला पैटर्न है इसलिए इसे ट्रिपल कैंडलस्टिक पैटर्न (त्रिपल कैंडलैस्टीक पटर्न) के अंतर्गत रखा गया है | इसमें सबसे पहली कैंडल एक हरी मारूबुजु बुलिश कैंडल पैटर्न होती है फिर अगली कैंडल एक छोटी दोजी तरह की कैंडल बनती है और आखरी में एक बड़ी लाल रंग की मारूबुजु कैंडल बनती है | यह तीन तरह की कैंडल जहां भी आपको देखने मिलती है तो आप समझ सकते हैं कि वहां पर बेयरिश एबंडेंट बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न बना हुआ है | बेयरिश एबंडेंट बेबी कैंडलस्टिक पैटर्न को कैसे पहचाने? को पहचानना बहुत ही आसान है पर फिर भी कुछ लोग थोड़ा कंफ्यूज हो जाते हैं क्योंकि यह पैटर्न दिखने मे ईव्निंग स्टार पैटर्न (इवनिंग स्टार पटर्न) की तरह होता है | जैसा कि मैं आपको इसके पहले बताया कि यह पैटर्न तीन कैंडलस्टिक से मिलकर बनता है जिसमें की सबसे पहले कैंडल हरा रंग का एक बड़ा मारूबुजु कैंडल होता है | अगला कैंडल जोकी दोजी की तरह होता है, जब दोजी कैंडल एक बड़े गैप डॉन के साथ बने और फिर अगले दिन गैप अप के साथ लाल रंग का मारूबुजु कैंडल बनता है तब हम इसे बेयरिश एबंडेंट बेबी पैटर्न कह सकते हैं | सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात इस पैटर्न में यह है कि दोजी कैंडल के पहले और बाद वाले कैंडल के बीच में गैप अप और गैप डाउन होता है जिसे आंखों से आसानी से देखा जा सकता है | अगर आपको किसी भी प्रकार का गैप दिखाई देता है दोजी कैंडल के अगल-बगल में तो आप यह समझ जाइएगा कि यह पैटर्न बेयरिश एबंडेंट बेबी पैटर्न है |
मितान-मितानिन परम्परा छत्तीसगढ़ की एक पुरानी परम्परा है जिसमें कोई लड़का (पुरुष) दूसरे लड़के का मित्र बनता है। यह एक औपचारिक तरीके से सम्पन्न किया जाता है। इस परंपरा को लेकर कहते हैं कि पुराने समय में लोग एक-दूसरे को भेदभाव व छुआछूत की नज़र से देखते थे। एक जाति के लोग दूसरे जाति के लोगों के साथ मिलकर या बैठकर खाना नहीं खाते थे। इसी बीच मितान-मितानिन परंपरा की शुरुआत की गयी ताकि इन दूरियों को खत्म किया जा सके।
द कॉन्ज्यूरिंग: द डेविल मेड मी डू इट () २०२१ की अमेरिकी अलौकिक हॉरर फिल्म है, जो माइकल चाव्स द्वारा निर्देशित है, जिसमें जॉनसन-मैकगोल्ड्रिक और जेम्स वान की कहानी से डेविड लेस्ली जॉनसन-मैकगोल्ड्रिक की पटकथा है। यह फिल्म द कॉन्ज्यूरिंग (२०१३) और द कॉन्ज्यूरिंग २ (२016) की अगली कड़ी और द कॉन्ज्यूरिंग यूनिवर्स की सातवीं किस्त के रूप में काम करती है। पैट्रिक विल्सन और वेरा फ़ार्मिगा ने असाधारण जांचकर्ता और लेखक एड और लोरेन वॉरेन के रूप में अपनी भूमिकाओं को दोहराया, रुएरी ओ'कॉनर, सारा कैथरीन हुक और जूलियन हिलियार्ड ने भी अभिनय किया। वान और पीटर सफ्रान फिल्म का निर्माण करने के लिए लौट आए हैं, जो आर्ने चेयेन जॉनसन के परीक्षण पर आधारित है, जो १९८१ में कनेक्टिकट में हुई एक हत्या का मुकदमा है, इसके अलावा द डेविल इन कनेक्टिकट, गेराल्ड ब्रिटल द्वारा लिखित परीक्षण के बारे में एक किताब है। वेरा फ़ार्मिगा - लोरेन वॉरेन पैट्रिक विल्सन - एड वॉरेन रुएरी ओ'कॉनर - अर्ने चेयेने जॉनसन सारा कैथरीन हुक - डेबी ग्लैटज़ेल जूलियन हिलियार्ड - डेविड ग्लैटज़ेल जॉन नोबल - कास्टनर यूजिनी बंड्युरेंट - तांत्रिक शैनन कूक - ड्रयू रोनी जीन ब्लेविंस - ब्रूनो कीथ आर्थर बोल्डन - सार्जेंट क्ले स्टीव कूल्टर - फादर गॉर्डन विंस पिसानी - फादर न्यूमैन इंग्रिड बिसु - जेसिका एंड्रिया एंड्रेड - केटी एशले लेकोन्टे कैंपबेल - मेरील स्टर्लिंग जेरिन्स - जूडी वॉरेन पॉल विल्सन - कार्ल ग्लैटज़ेल चार्लेन अमोइया - जूडी ग्लैटज़ेल २०२१ की फ़िल्में
डॉ. केतन रेवनवार (जन्म बीड, महाराष्ट्र, भारत) एक भारतीय दंत चिकित्सक हैं। वह मुंबई के खारघर में स्थित परफेक्ट३२ डेंटल क्लिनिक नामक डेंटल क्लिनिक के संस्थापक और मालिक हैं। वह सामान्य दंत चिकित्सा, कॉस्मेटिक दंत चिकित्सा, ऑर्थोडॉन्टिक्स और मौखिक सर्जरी में एक मास्टर विशेषज्ञ हैं। डॉ. केतन रेवनवार का जन्म महाराष्ट्र के बीड़ ज़िले में पिता कोंडीराम रेवनवार और माता श्रीमती विजय कोंडीराम के घर हुआ था। डॉ. केतन रेवनवार महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज से बीडीएस की डिग्री की डिग्री हासिल की थी। इंस्टाग्राम पर डॉ. केतन रेवनवार
फरीद अहमद नाइक जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में एक सामाजिक कार्यकर्ता से पत्रकार बने हैं। वह वर्तमान में द चिनाब टाइम्स के कार्यकारी संपादक हैं। नाइक को पहले सराज़ी भाषा के समाचार रिपोर्टर के रूप में जाना जाता है। फरीद अहमद नाइक ने २०११ में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपना करियर शुरू किया। बाद में उन्होंने जिला ग्रामीण युवा कल्याण संघ (डी आर वाई डब्ल्यू ए) की स्थापना की, जो एक गैर सरकारी संगठन है जिसका उद्देश्य विभिन्न सामुदायिक मुद्दों को संबोधित करना और चिनाब क्षेत्र में लोगों के अधिकारों की वकालत करना है। अपने पूरे करियर के दौरान, नाइक कई मुद्दों के वकील रहे हैं और उन्होंने स्थानीय आबादी की जरूरतों और चिंताओं को दूर करने के लिए कई विरोध प्रदर्शन और पहल आयोजित की हैं। २०१६ में, नाइक और उनकी टीम ने क्षेत्र में जंगल की आग के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न सार्वजनिक बैठकें कीं। २०१८ में, फरीद अहमद नाइक ने डोडा ज्वाइंट सिविल सोसाइटी के साथ, क्षेत्र की लंबे समय से लंबित मांगों को उजागर करते हुए, ओल्ड बस स्टैंड डोडा में एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। इन मांगों में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज (जीडीसी) डोडा में उर्दू, अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, प्राणीशास्त्र और अर्थशास्त्र जैसे विषयों में स्नातकोत्तर कक्षाओं की स्थापना शामिल थी। उसी वर्ष, नाइक ने समुदाय के लिए सुरक्षित बुनियादी ढांचे के महत्व पर जोर देते हुए, डोडा जिले के प्रेमनगर क्षेत्र में एक लकड़ी के पुल के प्रतिस्थापन की भी वकालत की। उन्होंने उसी वर्ष ग्रामीण विकास से संबंधित मुद्दों को उजागर करते हुए ग्रामीण विकास विभाग (आरडीडी) के खिलाफ भी आवाज उठाई। नाइक ने २०१८ में जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने उप केंद्रों और जिला अस्पताल डोडा में चिकित्सा कर्मचारियों की अनुपस्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने २०१८ में शैक्षिक क्षेत्र गुंदना डोडा में सरकारी मध्य विद्यालय, हल्ला धारा ए में कर्मचारियों और बुनियादी ढांचे की कमी के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन किया २०१९ में, नाइक ने छात्रों की सुरक्षा पर जोर देते हुए, हल्ला में सरकारी मिडिल स्कूल भवन की जीर्ण-शीर्ण स्थिति के बारे में चिंता जताई। २०२० में, उन्होंने जोधपुर से मोहला तक २२ किलोमीटर लंबी सड़क की जर्जर स्थिति के खिलाफ एक युवा विरोध का नेतृत्व किया, जिसमें बेहतर सड़क बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया गया। , जम्मू और कश्मीर सोसायटी पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, २०१६ की धारा १७ (ए) के अनुसार, जिला ग्रामीण युवा कल्याण संघ (डी आर वाई डब्ल्यू ए) को जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा अपंजीकृत कर दिया गया था। उनकी स्थिति और कार्यक्षमता का आकलन करने के लिए संबंधित जिला उद्योग केंद्रों के महाप्रबंधकों द्वारा सभी पंजीकृत समितियों का व्यापक भौतिक निरीक्षण और सर्वेक्षण किया गया। पंजीकरण रद्द करने के आधारों में संगठन की गतिविधियों की विध्वंसक प्रकृति से संबंधित चिंताएं, साथ ही एक प्रमाणित चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा इसके खातों की वार्षिक लेखापरीक्षा की कानूनी आवश्यकता को पूरा करने में विफलता शामिल थी। २०१८ के अंत में, फरीद अहमद नाइक ने पत्रकारिता में कदम रखा, सामुदायिक मुद्दों पर प्रकाश डालने और सकारात्मक बदलाव की वकालत करने के अपने प्रयासों को और बढ़ाया। नाइक पहले सराज़ी न्यूज़ रिपोर्टर बने वह द चिनाब टाइम्स में कार्यकारी संपादक हैं। १९९६ में जन्मे लोग
| नामी = वामिका कोहली वामिका कोहली भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली की बेटी है।
पांढुरना जिला, भारत के मध्य प्रदेश राज्य का ५४वाँ जिला है। इन्हें भी देखें मध्य प्रदेश के शहर
नईम अख्तर एक मुस्लिम युवा नेता है, इसका जन्म १२ सितम्बर १९८९ को माथाडीह गिरिडीह मे हुआ था। मुस्लिम युवा नेता नईम अख्तर का संकल्प "युवाओं को एक जुट करना और एक जुट हुए युवाओं को अधिकार दिलाना है।" यह ५ माई २०१९ से राजनीति कर रहे हैं।
ट्रांसफॉर्मर्स: एनर्जोन, जिसे जापान में ट्रांसफॉर्मर: सुपरलिंक ( टोरानसुफोमा सुपारिंकु) के नाम से जाना जाता है, एक जापानी एनीमे श्रृंखला है जो ९ जनवरी, २००४ को शुरू हुई। यह ट्रांसफॉर्मर्स: आर्मडा का सीधा सीक्वल है। यह पहला जापानी ट्रांसफॉर्मर शो भी है जहां ट्रांसफॉर्मर कंप्यूटर-जनरेटेड (सीजी) हैं, ज़ॉइड्स एनीमे के समान सेल-शेडेड तकनीक में, जो एक प्रवृत्ति थी जो अगली श्रृंखला, ट्रांसफॉर्मर्स: साइबरट्रॉन में जारी रहेगी। संयुक्त राज्य अमेरिका में, किड्सक्लिक ने २७ अगस्त, २०१८ से ३ नवंबर, २०१८ तक शो का पुन: प्रसारण शुरू किया। ट्रांसफॉर्मर्स के साथ: आर्मडा और ट्रांसफॉर्मर्स: साइबर्ट्रॉन, ट्रांसफॉर्मर्स: एनर्जोन ट्रांसफॉर्मर्स श्रृंखला में एक गाथा का एक हिस्सा है जिसे "यूनिक्रॉन ट्रिलॉजी" के रूप में जाना जाता है। इस श्रृंखला में, ट्रांसफॉर्मर्स की प्राथमिक नौटंकी ऑटोबोट्स की समान आकार के भागीदारों के साथ संयोजन करने की क्षमता, डिसेप्टिकॉन की पावर्ड अप फॉर्म का उपयोग करने की क्षमता, और एनर्जोन हथियारों और सितारों को जोड़ना है जिन्हें किसी भी ट्रांसफार्मर पर रखा जा सकता है। पिछली पंक्ति के मिनी-कॉन्स अभी भी मौजूद हैं, लेकिन सभी मिनी-कॉन पेग्स "डमी" पेग्स हैं क्योंकि वे खिलौने पर किसी फ़ंक्शन को सक्रिय नहीं करते हैं। मिनी-कंस के लिए युद्ध और यूनिक्रॉन के स्पष्ट विनाश के दस साल बाद, रहस्यमय अल्फा क्यू (जिसका अर्थ है "क्विंटेसन"), जो ग्रह-भक्षक के शरीर की भूसी से संचालित होता है, उस पर हमला करने के लिए ऊर्जा खाने वाले टेररकॉन्स को छोड़ता है। सौर मंडल में ऑटोबॉट्स के साइबरट्रॉन शहर, अल्फा क्यू की योजना के लिए एनर्जोन एकत्र कर रहे हैं। जैसे ही ऑटोबोट्स अपने मानव सहयोगियों (किशोर किकर सहित) के साथ नए खतरे के खिलाफ जुटते हैं, अल्फा क्यू टेररकॉन्स का नेतृत्व करने के लिए स्कॉर्पोनोक बनाता है और डिसेप्टिकॉन नेता मेगेट्रॉन (जिसकी लाश यूनिक्रॉन के भीतर होती है) की स्पार्क से एक तलवार बनाता है, जिसे बाद में जाना जाता है। गैल्वाट्रॉन, पृथ्वी पर अन्य धोखेबाज़ों को अपनी ओर मोड़ने के लिए। हालाँकि, मेगेट्रॉन ने अपने स्वयं के पुनरुत्थान की योजना बनाई, यूनिक्रॉन के शरीर पर नियंत्रण कर लिया और अल्फा क्यू को यूनिक्रॉन के सिर के अंदर भागने के लिए मजबूर कर दिया, फिर पृथ्वी पर महासागर शहर पर हमला किया। अल्फा क्यू ने ऑप्टिमस प्राइम की हत्या करने के लिए स्टार्सक्रीम को फिर से बनाया, लेकिन स्टार्सक्रीम को मेगेट्रॉन की सेवा में ब्रेनवॉश कर दिया गया, पूरे समय स्कॉर्पोनोक डीसेप्टिकॉन के भीतर अल्फा क्यू के गुप्तचर के रूप में कार्य करता रहा। इस बीच, जैसे ही ऑटोबॉट्स ने पृथ्वी की रक्षा के लिए एनर्जोन टावर्स का निर्माण शुरू किया, रोडीमस के नाम से जाना जाने वाला साइबर्ट्रॉन इतिहास का प्रसिद्ध व्यक्ति फिर से प्रकट हुआ। पृथ्वी के नए एनर्जोन ग्रिड के सक्रिय होने के साथ, इसे डिसेप्टिकॉन के हमले से बचाते हुए, ऑटोबॉट्स अपना ध्यान यूनिक्रॉन पर केंद्रित करते हैं। जहाज मिरांडा ई में पृथ्वी को छोड़कर, वे यूनिक्रॉन के शरीर का पता लगाते हैं। मेगेट्रॉन अराजकता लाने वाले को संगठित करता है, और साइबर्ट्रॉन के आसपास उभरते हुए अपने अंतरिक्ष पुल के माध्यम से ऑटोबॉट्स का पीछा करता है। ट्रांसफॉर्मर्स के होमवर्ल्ड में एनर्जोन टावरों से भरी हुई गोलीबारी की गई, जिससे यूनिक्रॉन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। ऑटोबॉट्स अल्फ़ा क्यू के साथ गठबंधन बनाते हैं, जो पहले से ही रोडिमस और उसके दल के साथ काम कर रहा है, और उसकी उत्पत्ति और एनर्जोन को चुराने के उसके उद्देश्यों को सीखते हैं: वह इसका उपयोग उस चीज़ को फिर से बनाने के लिए करना चाहता है जिसे यूनिक्रॉन ने नष्ट कर दिया है। इस बीच, मेगेट्रॉन की सेना साइबरट्रॉन पर हमला करती है, और डिसेप्टिकॉन अपराधी शॉकब्लास्ट को उनके रैंक में शामिल कर लिया जाता है। शॉकब्लास्ट के जेल से भागने के दौरान, गार्ड विंग डैगर अपने साथी, पैडलॉक की मौत का बदला लेने की कसम खाता है, और जब एक एनर्जोन टॉवर उस पर और टाइडल वेव पर गिरता है, तो मेगेट्रॉन अपने मिनियन को मिराज के रूप में फिर से बनाता है, जबकि प्राइमस विंग डैगर को शक्तिशाली के रूप में फिर से बनाता है। विंग सेबर, जो यूनिक्रॉन के भीतर ऑप्टिमस प्राइम के साथ लड़ाई में शामिल होता है। जैसे ही लड़ाई बढ़ती है, किकर पृथ्वी के सभी ऊर्जा को यूनिक्रॉन के सिर में डालने की व्यवस्था करता है, जिसे अल्फा क्यू फिर यूनिक्रॉन के शरीर में घुसा देता है। शरीर के भीतर नकारात्मक रूप से चार्ज किए गए एनर्जोन के साथ परिणामी प्रतिक्रिया वास्तव में एक दरार का कारण बनती है, जिसके माध्यम से सभी लड़ाकों को चूसा जाता है। दरार के दूसरी ओर अंतरिक्ष के नए क्षेत्र में, अल्फा क्यू ने यूनिक्रॉन द्वारा नष्ट की गई सभी दुनियाओं को सफलतापूर्वक फिर से बनाया है, उन्हें यूनिक्रॉन के सिर के भीतर से बनाए रखा है, जो अब एक एनर्जोन सूर्य बन गया है। ऑटोबॉट्स ने नए ग्रहों की सुरक्षा के लिए उन पर एनर्जोन टावर्स स्थापित करने की योजना बनाई है, जबकि मेगेट्रॉन नई दुनिया को यूनिक्रॉन को फिर से सक्रिय करने के लिए अधिक एनर्जोन के स्रोत के रूप में देखता है। स्कॉर्पोनोक को उसके प्रति पूरी तरह से वफादार बनने के लिए ब्रेनवॉश करने के बाद, मेगेट्रॉन इन्फर्नो के साथ भी ऐसा ही करने का प्रयास करता है, लेकिन वह इस प्रक्रिया से लड़ता है। क्लिफजंपर, डाउनशिफ्ट और बल्कहेड से युक्त एक बचाव दल को साइबर्ट्रॉन और पृथ्वी से भेजा जाता है और नई दुनिया की रक्षा के लिए ऑटोबोट्स के साथ टीम बनाई जाती है, लेकिन इन्फर्नो तब नष्ट हो जाता है जब वह मेगाट्रॉन के डिसेप्टिकॉन प्रभाव को हराकर एनर्जोन सूरज में गिर जाता है। शुक्र है, उसकी स्पार्क बच गई है और उसका रोडब्लॉक के रूप में पुनर्जन्म हुआ है, जैसे प्राचीन ऑटोबोट, ओमेगा सुप्रीम, साइबर्ट्रोन पर जागृत होता है और ऑटोबॉट्स में शामिल हो जाता है। मेगेट्रॉन यूनिक्रॉन को सक्रिय करने में सफल हो जाता है, जो अपने सिर को पुनः प्राप्त कर लेता है, इस प्रक्रिया में अल्फा क्यू को मार देता है, लेकिन फिर शॉकब्लास्ट यूनिक्रॉन का नियंत्रण जब्त करने का प्रयास करता है, लेकिन उसके अपने दिमाग को "डेमी-गॉड" ने अपने कब्जे में ले लिया, अंततः उसे नष्ट कर दिया। मेगेट्रॉन फिर नियंत्रण शुरू कर देता है, लेकिन यूनिक्रॉन के प्रभाव का भी शिकार हो जाता है, क्योंकि दो दिमाग नियंत्रण के लिए लड़ते हैं क्योंकि वे ऑप्टिमस सुप्रीम, ऑप्टिमस प्राइम और ओमेगा सुप्रीम के संयुक्त रूप के साथ संघर्ष करते हैं। ऑप्टिमस सुप्रीम को प्राइमस से पावर बूस्ट के साथ विशाल आकार में बढ़ाया गया है जो कई अन्य ऑटोबॉट्स को भी सक्रिय करता है। टाइटन्स की एक वास्तविक लड़ाई में, ऑप्टिमस सुप्रीम यूनिक्रॉन को नष्ट कर देता है, लेकिन उसका दिमाग मेगेट्रॉन के भीतर रहता है। हालाँकि कई डिसेप्टिकॉन को पकड़ लिया गया है और साइबर्ट्रॉन पर कैद कर लिया गया है, मेगेट्रॉन और उसकी शेष सेनाएं जल्द ही ग्रह पर हमला करती हैं और उन्हें मुक्त कराती हैं। एक अन्य भगोड़ा शॉकब्लास्ट का छोटा भाई, सिक्सशॉट है, जो अपने भाई की मौत के लिए ऑप्टिमस प्राइम से बदला लेने के लिए मेगेट्रॉन की टीम में शामिल हो जाता है। यूनिक्रॉन की चेतना से प्रेरित होकर, मेगेट्रॉन को सुपर एनर्जोन के भूमिगत भंडार तक ले जाया जाता है, जो उसे गैल्वेट्रॉन में बदल देता है। सुपर एनर्जोन के दो संरक्षक, ब्रुटिकस मैक्सिमस और कंस्ट्रक्टिकॉन मैक्सिमस, ठहराव से जागते हैं और उसके साथ होते हैं, लेकिन तीसरा, सुपरियन मैक्सिमस, ऑटोबोट्स के साथ होता है। आगामी लड़ाई में, कई एनर्जोन टावरों के टूटने से एनर्जोन गैस कोट साइबर्ट्रॉन की सतह को नुकसान पहुंचाने का एक कंबल दिखाई देता है, जिससे ऑटोबॉट्स ग्रह से दूर फंस जाते हैं, जिससे उन्हें गैस के प्रवाह को रोकने के लिए किकर और ओमनिकॉन को भेजने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जबकि गैल्वेट्रॉन ने नियंत्रण हासिल कर लिया है। ग्रह और अपनी गति को वापस अल्फा क्यू के अंतरिक्ष क्षेत्र की ओर निर्देशित करता है। एक बहु-आयामी हमले में, ऑटोबॉट्स बाजी पलट देते हैं, लेकिन गैल्वेट्रॉन फिर से खुद को सुपर एनर्जोन में डुबो देता है, और एक विशाल आकार तक बढ़ जाता है, क्योंकि यूनिक्रॉन का दिमाग एक बार फिर से अपने दिमाग पर कब्जा कर लेता है और उसे अपने स्पार्क के साथ विलय करने के लिए अंतरिक्ष में निर्देशित करता है, अभी भी शून्य में अक्षुण्ण है। ऑप्टिमस प्राइम भी विशाल आकार में बढ़ता है और गैल्वाट्रॉन को एक युद्ध में मजबूर करता है, जिससे उसकी चेतना वापस सतह पर आ जाती है, जिस बिंदु पर प्राइम उसके शरीर से यूनिक्रॉन का सार निकाल देता है। इसके बाद गैल्वेट्रॉन यूनिक्रॉन की चिंगारी को नष्ट करना चाहता है, लेकिन उस पर उसका कब्ज़ा हो जाता है, जबकि सभी ऑटोबॉट्स अपने स्पार्क्स ऑफ़ कॉम्बिनेशन को ऑप्टिमस प्राइम के साथ जोड़ते हैं, उसे पुनर्जीवित करते हैं और यूनिक्रॉन के साथ अंतिम लड़ाई में प्रवेश करते हैं, जो तुरंत समाप्त हो जाता है जब गैल्वेट्रॉन उसके शरीर पर नियंत्रण कर लेता है। फिर से और सुपर एनर्जोन से प्राइमस द्वारा बनाए गए संस्थापक सूर्य में खुद को डुबो देता है, हेरफेर किए जाने की तुलना में मरना पसंद करता है। इस क्रिया के साथ, सूर्य प्रज्वलित होता है, अल्फ़ा क्यू की दुनिया में नई जान फूंकता है, और एक उज्जवल कल का मार्ग प्रशस्त करता है। यह भी देखें ट्राँसफॉर्मर्स (ऐनिमेटेड शृंखला)
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २८.७४२ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २८.२११ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २७.०६२ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
फोंते बोआ () ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २५.८७१ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २५.१७२ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २४.९३६ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
ट्रांसफॉर्मर्स: साइबरट्रॉन, जिसे जापान और एशिया में ट्रांसफॉर्मर्स: गैलेक्सी फोर्स ( ?) के नाम से जाना जाता है, एक एनीमे श्रृंखला है जो ८ जनवरी २००५ को शुरू हुई। यह ट्रांसफॉर्मर्स ब्रह्मांड में सेट है। आइची टेलीविज़न ब्रॉडकास्टिंग, वी हैव, टोक्यू एजेंसी और गोंजो द्वारा निर्मित, श्रृंखला का निर्देशन हिरोयुकी काकुडो और मनाबू ओनो द्वारा किया गया है, जिसमें हिरो मसाकी श्रृंखला रचना को संभाल रहे हैं, ताकाशी कुमाज़ेन पात्रों को डिजाइन कर रहे हैं, मित्सुरु ओवा मैकेनिकल और प्रोप डिजाइनर के रूप में काम कर रहे हैं और मेगुमी ओहाशी संगीत बना रहे हैं। श्रृंखला के साथ एक संगत खिलौना लाइन भी जारी की गई थी। श्रृंखला की कल्पना हैस्ब्रो द्वारा पिछली दो श्रृंखलाओं, ट्रांसफॉर्मर्स: आर्मडा और ट्रांसफॉर्मर्स: एनर्जोन के साथ गठित त्रयी की अंतिम किस्त के रूप में की गई थी। हालाँकि, जापानी प्रोडक्शन ने इस इरादे का पालन नहीं किया, और श्रृंखला को पिछले शो से असंबद्ध एक स्वतंत्र कहानी के रूप में स्क्रिप्ट किया। अंग्रेजी डब ने आर्मडा और एनर्जोन से लिंक स्थापित करने के लिए श्रृंखला को आंशिक रूप से संशोधित किया, जिसमें संवाद में बदलाव और नए एनीमेशन के छोटे हिस्से शामिल थे। ट्रेवर डेवाल (जिन्होंने श्रृंखला में स्कॉर्ज की आवाज़ दी है) ने पिछले आवाज अभिनेता डेविड के के लौटने से पहले अंग्रेजी डब के शुरुआती एपिसोड में मेगेट्रॉन को आवाज दी थी, शो के पूर्ववर्तियों की भूमिका को दोहराते हुए। अन्य वॉयस एक्टर्स में ऑप्टिमस प्राइम की भूमिका को दोहराते हुए गैरी चॉक, जोल्ट और जेटफायर की आवाज के रूप में ब्रायन ड्रमंड (स्कॉट मैकनील की जगह), किर्बी मॉरो को वॉयस ऑफ हॉट शॉट (ब्रेंट मिलर की जगह), पॉल डॉब्सन को वॉयस ऑफ ओवरहाल के रूप में शामिल किया गया है। एपिसोड १ से १6) और लैंडमाइन (वार्ड पेरी की जगह), स्नारल और बैकस्टॉप की आवाज़ के रूप में स्कॉट मैकनील, रेड अलर्ट की भूमिका को दोहराते हुए ब्रायन डॉब्सन, वेक्टर प्राइम की आवाज़ के रूप में रिचर्ड न्यूमैन, स्टार्सक्रीम के रूप में माइकल डॉब्सन की वापसी, टेड कोल की भूमिका वॉइस ऑफ साइडवेज (पॉल डॉब्सन की जगह), पीटर केलामिस वॉइस ऑफ विंग सेबर (कॉलिन मर्डॉक की जगह), और लिसा एन बेली वॉइस ऑफ ओवरराइड के रूप में। एनीमे में, सभी ट्रांसफॉर्मर कंप्यूटर-जनित हैं, जबकि मनुष्यों और पृष्ठभूमि को पारंपरिक सेल एनीमेशन में प्रस्तुत किया गया है। टेलीकॉम एनिमेशन फिल्म कंपनी ने पृष्ठभूमि में मदद की। २०१३ के "ट्रांसफॉर्मर्स गो!" के रिलीज़ होने से पहले तक यह ट्रांसफॉर्मर्स फ्रैंचाइज़ी की जापान में निर्मित होने वाली आखिरी श्रृंखला थी। जब यूनिक्रॉन के विनाश के परिणामस्वरूप एक विशाल ब्लैक होल का निर्माण होता है, तो ट्रांसफॉर्मर्स का गृह संसार साइबर्ट्रॉन ग्रह खतरे में पड़ जाता है, और इसकी आबादी मानवता से छिपने के लिए स्थानीय वाहनों और मशीनरी का रूप लेकर पृथ्वी पर आ जाती है। जैसे ही ऐसा होता है, ऑप्टिमस प्राइम की ऑटोबोट योद्धाओं की विशिष्ट टीम प्राचीन ट्रांसफार्मर वेक्टर प्राइम से संपर्क करती है, जो समय के बाहर शून्य में अपने आराम स्थान से उभरा है और उन्हें पौराणिक साइबर प्लैनेट कीज़, शक्ति की प्राचीन कलाकृतियों के बारे में सूचित करता है जो रोक सकती हैं ब्लैक होल और ब्रह्मांड को बचाएं। क्रॉस-यूनिवर्सल स्पेस ब्रिज नेटवर्क बनाने के प्रयास के दौरान एक दुर्घटना के कारण खो गए, साइबर प्लैनेट कीज़ अब ब्रह्मांड में कहीं चार दुनियाओं में रहते हैं - दुर्भाग्य से, उनके स्थान को दर्शाने वाला वेक्टर प्राइम का नक्शा डिसेप्टिकॉन लीडर मेगेट्रॉन और दोनों बलों द्वारा चुरा लिया गया है। जैसे ही उन्हें खोजने की दौड़ शुरू होती है, वे पृथ्वी पर स्थानांतरित हो जाते हैं। पृथ्वी पर, ऑटोबोट्स कोबी, बड और लोरी नाम के तीन मानव बच्चों से मित्रता करते हैं जो साइबर प्लैनेट की की शक्ति के लिए फोकस करने वाले उपकरण ओमेगा लॉक का पता लगाने में उनकी सहायता करते हैं। नई "साइबर कुंजी शक्तियों" के जागृत होने के साथ, ट्रांसफार्मर कई मोर्चों पर लड़ते हैं, पृथ्वी पर लॉक की खोज करते हैं जबकि हॉट शॉट और रेड अलर्ट वेलोसिट्रॉन, स्पीड प्लैनेट की ओर बढ़ते हैं जो पहली कुंजी और उसके अधिकांश का विश्राम स्थल है निवासियों के पास रेसिंग वाहन मोड हैं। यहीं पर मेगेट्रॉन जाने-माने संकटमोचक रैनसैक और क्रुम्पलज़ोन को डिसेप्टिकॉन में भर्ती करता है। जैसा कि हॉट शॉट ग्रह लीडर ओवरराइड से कुंजी जीतने के लिए ग्रह की भव्य रेसिंग चैम्पियनशिप में प्रतिस्पर्धा करता है, लॉक दुर्घटनाग्रस्त ट्रांसफार्मर अंतरिक्ष यान अटलांटिस के बड़े हिस्से में पृथ्वी पर स्थित है। ऑटोबोट ओवरहाल एनिमेट्रोस द जंगल प्लैनेट की ओर जाता है, जो ट्रांसफॉर्मर्स का घर है, जिनके पास जानवर मोड हैं। एनिमेट्रोस के साइबर प्लैनेट कुंजी सुधारकों की शक्ति को लियोब्रेकर में बदल दिया गया। मेगेट्रॉन खुद को जंगल प्लैनेट के तानाशाह स्कॉर्ज के साथ जोड़ लेता है, जबकि उसका षडयंत्रकारी लेफ्टिनेंट स्टार्सक्रीम रहस्यमय साइडवेज़ के साथ मिलकर अपने लक्ष्यों की दिशा में काम करता है। अंततः, ऑटोबोट्स वेलोसिट्रॉन और जंगल प्लैनेट दोनों की कुंजी प्राप्त करने में सफल हो जाते हैं, जिस बिंदु पर पृथ्वी की अपनी साइबर प्लैनेट कुंजी के अस्तित्व का पता चलता है। स्टार्सक्रीम अपनी शक्ति का प्रयोग करता है और मेगेट्रॉन को उखाड़ फेंकता है, ऑटोबोट्स से ओमेगा लॉक और तीनों चाबियाँ चुरा लेता है और उनका उपयोग आकार और शक्ति में वृद्धि के लिए करता है। पृथ्वी से प्राचीन ऑटोबॉट्स और ऑप्टिमस प्राइम के साथ मिलकर विंग सेबर के आगमन से उनकी सेनाओं को बल मिला, ऑटोबॉट्स एक प्रतिशोधी मेगेट्रॉन के माध्यम से अपना रास्ता लड़ते हैं और स्टार्सक्रीम को हराते हैं - लेकिन लड़ाई हताहतों के बिना नहीं है, जैसे कि हॉट शॉट, रेड अलर्ट और स्कैटरशॉट गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उन्हें और भी अधिक शक्तिशाली "साइबरट्रॉन डिफेंस टीम" में बदल दिया गया है। साइबर्ट्रोन लौटने पर, ऑटोबॉट्स ओमेगा लॉक और साइबर प्लैनेट कीज़ का उपयोग करते हैं, जो ट्रांसफार्मर के निर्माता देवता प्राइमस की आत्मा को जागृत करता है, और साइबर्ट्रॉन स्वयं वास्तव में भगवान के शरीर में बदल जाता है। एक लड़ाई के बाद जिसमें स्टार्सक्रीम प्राइमस की शक्ति का दोहन करता है और ग्रह के आकार तक बढ़ जाता है - केवल प्राइमस द्वारा पराजित होने के लिए - चौथी और अंतिम कुंजी का स्थान गिगेंशन द जाइंट प्लैनेट के रूप में निर्धारित किया जाता है जो मिनिकॉन्स और ट्रांसफॉर्मर्स का होमवर्ल्ड है जो निर्माण वाहन मोड के साथ सामान्य से बड़े हैं। हालाँकि, विशालता दूसरे आयाम में मौजूद है, जो अंतरिक्ष/समय में दरार के माध्यम से गिर गई है, और बच्चों और मिनिकॉन्स को छोड़कर, अन्य लोग अपने दिमाग को अपने शरीर से अलग किए बिना प्रवेश नहीं कर सकते हैं। सौभाग्य से, रेड अलर्ट ने मदद के लिए एक वैक्सीन कार्यक्रम (वेक्टर प्राइम की तलवार से प्रौद्योगिकी पर आधारित) बनाया है, लेकिन यह पता चला है कि जेटफ़ायर को ट्रिपैनोफोबिया है और जबकि ऑटोबोट्स ग्रह तक पहुंचने में सक्षम हैं, डीसेप्टिकॉन को रहस्यमय साउंडवेव द्वारा वहां ले जाया जाता है। ग्रह के नेता मेट्रोप्लेक्स द्वारा समर्थित, मेगेट्रॉन गैल्वेट्रॉन बनने के लिए कुंजी की शक्ति का उपयोग करता है, और साइडवेज़ और साउंडवेव खुद को प्लैनेट एक्स के निवासियों के रूप में प्रकट करते हैं, जो कि गिगेंशन द्वारा नष्ट की गई दुनिया है, जिससे वे बदला लेना चाहते हैं। गैल्वेट्रॉन उन्हें और स्टार्सक्रीम को दूसरे आयाम में विस्फोटित करता है और अपने लिए ताला और चाबियाँ प्राप्त करता है, ब्लैक होल के कारण होने वाले सार्वभौमिक अध: पतन को तेज करने और ब्रह्मांड को अपनी छवि में रीमेक करने के लिए उनकी शक्ति का उपयोग करने का इरादा रखता है। वेक्टर प्राइम ने ऑटोबॉट्स को अपने गृह ब्रह्मांड में लौटने की अनुमति देने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया, और पांच ग्रह नेताओं ने ब्लैक होल के भीतर गैल्वाट्रॉन का सामना किया और उसे हरा दिया। अब सभी साइबर प्लैनेट कुंजियाँ उसके कब्जे में हैं, प्राइमस अंततः ब्लैक होल को सील करने के लिए उनकी शक्ति का उपयोग करता है, जिससे उसका खतरा समाप्त हो जाता है। जैसे ही ग्रह की विभिन्न सभ्यताएँ सामान्य जीवन की ओर लौटने का प्रयास करती हैं, गैल्वेट्रॉन आखिरी बार ऑटोबोट्स पर हमला करता है। अपनी सेना के बिना, गैल्वाट्रॉन ने ऑप्टिमस प्राइम को एक-पर-एक द्वंद्व में उलझा दिया, और अंततः हमेशा के लिए नष्ट हो गया। जैसे ही गैल्वाट्रॉन मर रहा है, वह ऑप्टिमस की छाती पर अपनी मुट्ठी रखता है और अपने अंतिम शब्द कहता है। जापानी डब में, वह कहते हैं "गैलेक्सी कॉन्वॉय..." जो शो के जापानी संस्करण में ऑप्टिमस का नाम है। हालाँकि, अमेरिकी डब में उनके अंतिम शब्द हैं, "मैं अभी भी काम कर रहा हूँ। आप नहीं जीते हैं। तब तक नहीं जब तक मेरी चिंगारी अभी भी जल रही है..." जैसे ही वह बुरी तरह से हँसना शुरू करता है, ऑप्टिमस कहता है, "आपने अच्छी लड़ाई लड़ी। अलविदा, गैल्वेट्रॉन।" जैसे ही गैल्वेट्रॉन अंतरिक्ष की धूल में विघटित हो जाता है, ऑप्टिमस वेक्टर प्राइम की तलवार के सामने घुटने टेक देता है जिसका उपयोग ऑप्टिमस ने गैल्वेट्रॉन को मारने के लिए किया था, जो अभी भी घायल है। जैसे ही जेटफ़ायर और अन्य लोग ऑप्टिमस की जाँच करने के लिए उसकी ओर दौड़ते हैं, ऑप्टिमस कहता है, "चिंता मत करो। तुम इतनी आसानी से मुझसे छुटकारा नहीं पाओगे।" गैल्वाट्रॉन को बाद में आखिरी एपिसोड के क्रेडिट में वेक्टर प्राइम को युद्ध में उलझाते हुए देखा गया। इस अंतिम जीत के साथ, ऑप्टिमस प्राइम ने एक नई अंतरिक्ष पुल पहल शुरू की, और ट्रांसफॉर्मर्स ने ब्रह्मांड के चारों कोनों और नए रोमांचों के लिए प्रस्थान किया। साइबर प्लैनेट कीस (ग्रह कुंजी) साइबर प्लैनेट कीज़ (गैलेक्सी फ़ोर्स में प्लैनेट फ़ोर्स) चार रहस्यमय वस्तुएं हैं जो ट्रांसफ़ॉर्मर्स का मूल बनाती हैं: साइबर्ट्रॉन की साजिश; ब्रह्मांड को खतरे में डालने वाले ब्लैक होल को रोकने के लिए, ऑटोबॉट्स को इन चारों को इकट्ठा करना होगा। धोखेबाज़ भी उन्हें प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं, जो अपनी शक्ति का उपयोग अपने स्वयं के उद्देश्यों के लिए करना चाहते हैं। साइबर प्लैनेट कीज़ प्राइमस की चिंगारी से बनी हैं और इनका उपयोग कई वर्षों पहले स्पेस ब्रिज प्रोजेक्ट में किया गया था, जिसका उद्देश्य सभी आबादी वाले ग्रहों को एक साथ जोड़ना था। उन्हें चार साइबर्ट्रोनियन अंतरिक्ष यान, अटलांटिस, ओगियागिया, हाइपरबोरिया और लेमुरिया द्वारा विभिन्न ग्रहों पर ले जाया गया। इन चारों को ओमेगा लॉक नामक एक उपकरण द्वारा नियंत्रित किया जाता है, और जब इन सभी को डाला जाता है, तो वे प्राइमस की शक्ति को जागृत करते हैं। दुर्भाग्य से, प्रयास विफल रहा और चार साइबर प्लैनेट कुंजियाँ खो गईं। वे युगों-युगों तक ऐसे ही बने रहेंगे, जब तक कि ब्लैक होल ने साइबर्ट्रोन को खतरा नहीं पहुँचा दिया। उस समय, वेक्टर प्राइम उभरा और ऑटोबॉट्स की कुंजी की कहानी बताई। आख़िरकार, वे वेक्टर प्राइम की योजना का प्रयास करने के लिए सहमत हुए। दुर्भाग्य से, मेगेट्रॉन को भी इस योजना के बारे में पता चला और उसने प्लैनेट कीज़ हासिल करने के लिए अपना प्रयास शुरू कर दिया। साइबर प्लैनेट कुंजियों में से प्रत्येक को एक प्रतीक और रंगीन सोने से चिह्नित किया गया था। चार साइबर प्लैनेट कुंजियाँ पृथ्वी, वेलोसिट्रॉन, जंगल प्लैनेट और गिगेंशन पर पाई गईं। वेलोसिट्रॉन पर, कुंजी को रेसिंग ट्रॉफी के रूप में प्रच्छन्न किया गया था। जंगल प्लैनेट पर, इसे स्कॉर्ज की मांद में एक ड्रैगन की मूर्ति के रूप में प्रच्छन्न किया गया था। अर्थ की इवैक के पास थी और उसने उसे बर्फ में छिपा दिया था। विशाल ग्रह कुंजी अंतरिक्ष यान लेमुरिया में ग्रह के बिल्कुल केंद्र में स्थित है। अंत में, ऑटोबॉट्स ने साइबर प्लैनेट कीज़ और ओमेगा लॉक को ढूंढ लिया, और प्राइमस को जगाया, जिसने ब्लैक होल को बंद कर दिया, साइबरट्रॉन और ब्रह्मांड को बचा लिया। चार ग्रहों ने एक नया अंतरिक्ष पुल परियोजना शुरू की, और अंततः शांति बहाल हुई। यह भो देखें ट्राँसफॉर्मर्स (ऐनिमेटेड शृंखला)
ट्रांसफॉर्मर्स: साइबरवर्स (सीजन ३ में ट्रांसफॉर्मर्स: बम्बलबी साइबरवर्स एडवेंचर्स का नया नाम) हास्ब्रो द्वारा ट्रांसफॉर्मर्स टॉय फ्रैंचाइज़ पर आधारित एक सीएल छायांकित कंप्यूटर-एनिमेटेड श्रृंखला है। श्रृंखला २७ अगस्त, २०१८ को कार्टून नेटवर्क पर शुरू हुई। जब बम्बलबी को भूलने की बीमारी होने लगती है, तो उसका साथी, विंडब्लेड, बचाव के लिए आती है और उसकी मेमोरी फ़ाइलों को ठीक करने में उसकी मदद करने की प्रक्रिया शुरू करती है, जिससे वह साइबरट्रॉन पर अपने पिछले कारनामों को फिर से खोजने में सक्षम हो जाता है। एक बार जब उसकी यादें दुरुस्त हो जाती हैं, तो बम्बलबी को एक सुराग मिलता है जो उसे और विंडब्लेड दोनों को अपने वर्तमान मिशन को पूरा करने और अपने दोस्तों को बचाने में मदद करेगा। श्रृंखला से पहले, साइबर्ट्रॉन एक शांतिपूर्ण ग्रह था, लेकिन जब मेगेट्रॉन को साइबर्ट्रॉन का सर्वोच्च शासक चुना गया, तो ग्रह के आधे निवासियों ने उसके शासन के खिलाफ विरोध किया जो उसे उखाड़ फेंकने के प्रयास में गृहयुद्ध में बदल गया। ऑटोबॉट्स और डिसेप्टिकॉन के बीच साइबर्ट्रोन पर युद्ध के दौरान, ऑप्टिमस प्राइम ने ऑलस्पार्क को एक अंतरिक्ष पुल के माध्यम से एक अज्ञात स्थान पर फेंकने का फैसला किया। ऑलस्पार्क में संपूर्ण साइबर्ट्रोनियन जीवन है और उसके पास विशाल शक्तियां हैं जो डिसेप्टिकॉन के हाथों में नहीं पड़नी चाहिए। अंततः, यह स्पष्ट हो गया कि ऑलस्पार्क के बिना साइबरट्रॉन धीरे-धीरे मर रहा है। ऑप्टिमस प्राइम बम्बलबी, आर्सी, प्रॉल, ग्रिमलॉक, रैचेट, व्हीलजैक, क्रोमिया, रैक'एन'रुइन, ड्रिफ्ट, टेलेट्रान-१ और टेलेट्रान-एक्स के साथ आर्क नामक एक अंतरिक्ष यान पर ऑलस्पार्क को खोजने के लिए यात्रा पर जाता है। एनर्जोन की कमी के कारण, सभी ऑटोबॉट्स को ठहराव में जाना पड़ा। आर्क को पृथ्वी पर ऑलस्पार्क मिलता है, लेकिन यह क्षतिग्रस्त हो जाता है और दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। आर्क के सतह पर आने से पहले बम्बलबी और ग्रिमलॉक जहाज से बाहर गिर जाते हैं। बम्बलबी स्थिर स्थिति में रहता है, जबकि ग्रिमलॉक डायनासोर से मित्रता करता है और उन्हें साइबर्ट्रोनियन तकनीक सिखाता है। वे आर्क और ऑलस्पार्क के लिए पूरे ग्रह की खोज करते हैं, लेकिन तभी एक उल्कापिंड पृथ्वी पर दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। डायनासोर विलुप्त हो जाते हैं और ग्रिमलॉक वापस ठहराव में चला जाता है। पहला अध्याय विंडब्लेड पर केंद्रित है जो आंशिक रूप से मरम्मत किए गए अंतरिक्ष पुल के माध्यम से जाने में सक्षम एकमात्र बॉट थी। वह आर्क की तलाश में पृथ्वी पर उतरती है। उसे केवल बम्बलबी मिलता है, जो अब ठहराव से जाग चुका है, लेकिन अपनी सभी मेमोरी फाइलें खो चुका है। विंडब्लेड के पास टेलीपैथिक शक्तियां हैं और वह बम्बलबी को उसकी याददाश्त बहाल करने में मदद करती है। प्रत्येक एपिसोड में साइबर्ट्रोन और आर्क पर यात्रा की पुरानी यादें फिर से खोजी जाती हैं। इस बीच, उन्हें कई डिसेप्टिकॉन से अपना बचाव करना होगा, जो आर्क और ऑलस्पार्क की भी तलाश कर रहे हैं। अंततः, उन्हें आर्क की एक उड़ने वाली हार्ड ड्राइव टेलेट्रान-एक्स मिल जाती है, और वे ग्रिमलॉक को ढूंढने और जगाने में कामयाब हो जाते हैं। टेलीट्रान-एक्स ग्रिमलॉक द्वारा एकत्र किए गए डेटा के साथ आर्क का पता लगाने में सक्षम है। स्टार्सक्रीम के डिसेप्टिकॉन आर्मडा के साथ पृथ्वी पर आने से ठीक पहले वे जहाज पर मौजूद सभी ऑटोबॉट्स को ठहराव से जगाते हैं। द्वितीय अध्याय-स्पार्क की ताकत ऑटोबोट्स के पुनः जागृति के बाद, वे और डिसेप्टिकॉन पृथ्वी पर अपना युद्ध जारी रखते हैं क्योंकि मेगेट्रॉन पृथ्वी के चंद्रमा को ग्रह से टकराने का प्रयास करता है। आगामी लड़ाई में, मेगेट्रॉन ऑप्टिमस प्राइम द्वारा घायल हो जाता है, और जब स्टार्सक्रीम उसकी सहायता करने से इनकार कर देता है, तो मेगेट्रॉन स्लिपस्ट्रीम को सीकर्स का नया कमांडर नामित करता है। मेगेट्रॉन द्वारा अपमानित और अपमानित होने से तंग आकर, स्टार्सक्रीम उस पर हमला करता है और कुछ समय के लिए डिसेप्टिकॉन की कमान अपने हाथ में ले लेता है। हालाँकि, मेगेट्रॉन इस प्रयास से बच गया और जाहिर तौर पर बदला लेने के लिए स्टार्सक्रीम को मार डाला, और उसके शरीर को चंद्रमा पर छोड़ दिया। इस बीच, ऑटोबोट्स उस उपकरण को नष्ट कर देते हैं जिसका उपयोग डिसेप्टिकॉन चंद्रमा को पृथ्वी पर गिराने के लिए करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन जैसे ही वे अपनी जीत का जश्न मनाते हैं, बम्बलबी एक पीला, धब्बेदार पृथ्वी प्राणी को देखता है। आर्सी की मदद से, बम्बलबी प्राणी को चीता के रूप में पहचानने में सक्षम है। चीता अंततः मेगेट्रॉन द्वारा देखा जाता है, और वह और ऑप्टिमस प्राइम दोनों को पता चलता है कि यह चीता चीटर है, जो ऑलस्पार्क द्वारा इसके संरक्षक के रूप में सेवा करने के लिए बनाया गया एक साइबर्ट्रोनियन है। चीटर एक प्रतियोगिता आयोजित करता है जहां ऑप्टिमस और मेगेट्रॉन यह देखने के लिए एक दूसरे से लड़ते हैं कि ऑलस्पार्क को संभालने के योग्य कौन है। लेकिन इससे पहले कि विजेता का निर्धारण किया जा सके, एक जीवित स्टार्सक्रीम प्रकट होता है और अपने लिए ऑलस्पार्क चुरा लेता है। ऑलस्पार्क और वेक्टर सिग्मा का उपयोग करते हुए, अब पागल स्टार्सक्रीम स्क्रेप्लेट्स की एक सेना बनाता है, जो उसका विरोध करने वाले सभी लोगों को मारने के लिए ऑलस्पार्क की शक्ति का उपयोग करने की योजना बना रहा है। स्लिपस्ट्रीम डिसेप्टिकॉन और ऑटोबॉट्स को स्टार्सक्रीम की योजना के बारे में चेतावनी देने की कोशिश करती है, लेकिन डिसेप्टिकॉन ब्लडजन द्वारा मारे जाने से पहले केवल विंडब्लेड को सूचित करने में सफल होती है, जिसका मानना है कि उसने अधिकांश सीकर्स की तरह स्टार्सक्रीम का पक्ष लिया था। ऑलस्पार्क द्वारा संचालित, स्टार्सक्रीम दोनों पक्षों पर हमला करता है, लेकिन चीटर द्वारा उसे खदेड़ दिया जाता है, जो अब ऑटोबोट्स के साथ हो गया है। बाद में, ऑटोबोट जेटफायर और डिसेप्टिकॉन स्काई-बाइट अपनी प्रतिद्वंद्विता को समाप्त करने के लिए एक दूसरे का पीछा करते हुए पृथ्वी पर आते हैं। स्टार्सक्रीम अपनी योजनाओं से दोनों पक्षों का ध्यान भटकाने के लिए दोनों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करता है, लेकिन इससे अंततः दोनों अपने-अपने पक्ष सीधे उसके पास ले आते हैं। अपने साथी साधकों की चिंगारी को अवशोषित करने के बाद, स्टार्सक्रीम ऑटोबोट्स और डीसेप्टिकॉन के साथ भी ऐसा ही करने का प्रयास करता है, लेकिन ऑप्टिमस ऑलस्पार्क के स्टार्सक्रीम को लूटने के लिए नेतृत्व के मैट्रिक्स का उपयोग करता है। चीटर इसे ऑटोबोट्स के लिए पुनः प्राप्त करता है, और वे स्टार्सक्रीम को भी बंदी बना लेते हैं। ऑलस्पार्क को हाथ में लेकर, ऑटोबॉट्स साइबर्ट्रोन लौटने के लिए पृथ्वी छोड़ देते हैं। उनके लिए अज्ञात, डीसेप्टिकॉन पहले अपने घर वापस जाने के लिए शॉकवेव द्वारा बनाए गए स्पेस ब्रिज का उपयोग करते हैं। साइबर्ट्रोन की वापसी यात्रा के दौरान, विंडब्लेड ने ऑलस्पार्क का उपयोग क्रोएटन को फिर से जागृत करने के लिए किया, जो एक प्राचीन टाइटन था, जिसे एक अज्ञात बल द्वारा आपातकालीन स्थिति में मजबूर किया गया था, जिसने उसके साथ यात्रा कर रहे उपनिवेशवादियों का अपहरण कर लिया था। जैसे ही क्रोएटन अपने लापता उपनिवेशवादियों को खोजने के लिए अंतरिक्ष में जाता है, वह अनजाने में एक यात्री के रूप में भागते हुए स्टार्सक्रीम को उठा लेता है। अंततः, ऑटोबॉट्स को एक और स्पेस ब्रिज की खोज होती है जिसका उपयोग वे साइबर्ट्रॉन की यात्रा के लिए करते हैं, इस बात से अनजान कि मेगेट्रॉन पहले ही ग्रह पर विजय प्राप्त कर चुका है और ऑटोबॉट्स को जाल में फंस जाता है। तृतीय अध्याय-ट्राँसफॉर्मर्स बमबल्बी के सायबरवर्स एडवेंचर तीसरे और अंतिम सीज़न में तीन आर्क शामिल हैं: ऑलस्पार्क और साइबर्ट्रॉन के नियंत्रण के लिए लड़ने वाले ऑटोबॉट्स और डिसेप्टिकॉन, क्विंटेसन आक्रमण, और बम्बलबी विंडब्लेड के खंडित दिमाग के टुकड़ों की खोज कर रहे हैं। जहां पिछला सीज़न खत्म हुआ था, वहां से आगे बढ़ते हुए, डिसेप्टिकॉन ने आर्क को वापस साइबर्ट्रोन में हरा दिया है और आने वाले ऑटोबॉट्स को मौत के जाल में फंसाने का प्रयास किया है। हालाँकि, ऑप्टिमस ने इसका अनुमान लगाया और आर्क के शॉकवेव द्वारा स्थापित लेजर जाल में उड़ने और नष्ट होने से पहले जहाज के चालक दल को निकाल लिया। ऑटोबॉट्स जल्द ही खुद को प्रकट करते हैं और दोनों पक्षों के बीच बड़े पैमाने पर लड़ाई होती है, जिसमें ऑटोबोट प्रॉल ऑप्टिमस के लिए बने शैडो स्ट्राइकर से एक घातक शॉट लेता है। विंडब्लेड की मदद से, व्हीलजैक वेक्टर सिग्मा को अनस्पेस में भेजकर नष्ट कर देता है, जबकि विंडब्लेड स्लिपस्ट्रीम का बदला लेते हुए, वेक्टर सिग्मा के साथ ब्लजियन को समाप्त कर देती है। इस बीच, हॉट रॉड बम्बलबी और चीटर को ऑलस्पार्क के कुएं तक ले जाता है, ताकि वहां ऑलस्पार्क लौट सके और साइबर्ट्रोन को पुनर्जीवित किया जा सके। शॉकवेव के हस्तक्षेप के बावजूद, टीम सफल होती है, लेकिन जब शॉकवेव इसे भ्रष्ट करने का प्रयास करता है तो चीटर ऑलस्पार्क को बचाने के लिए खुद को बलिदान कर देता है। ऑप्टिमस द्वारा उसे स्क्रैपलेट्स के झुंड में गिराने के बाद मेगेट्रॉन हार जाता है, जिससे ऑटोबॉट्स को पूरी जीत हासिल करने में मदद मिलती है। हालाँकि, कुछ ही समय बाद, मल्टीवर्स-विजेता क्विंटेसन ने साइबर्ट्रोन पर आक्रमण किया, आसानी से ग्रह पर विजय प्राप्त की और अधिकांश ट्रांसफार्मर को ग्राउंडहॉग डे लूप में फंसा दिया, जिससे धीरे-धीरे उनकी चिंगारी खत्म हो गई। कब्जे से बचते हुए, हॉट रॉड और परसेप्टर ने क्विंटेसन के खिलाफ प्रतिरोध बनाने के लिए कुछ ऑटोबॉट्स और डिसेप्टिकॉन को मुक्त कर दिया। प्रतिरोध को पता चलता है कि मैकडैम के पुराने ऑयल हाउस के नीचे एक प्राचीन युद्ध टाइटन है जिसे इकोनस कहा जाता है, और हॉट रॉड विंडब्लेड का उपयोग करके उसे फिर से जगाने का फैसला करता है। हालाँकि वे शुरू में नेतृत्व के लिए संघर्ष करते हैं, हॉट रॉड और साउंडवेव एक साथ काम करना सीखते हैं, क्विंटेसन के वैज्ञानिक को हराते हैं और अपने बाकी साथी ट्रांसफॉर्मर्स को मुक्त करते हैं। ऑटोबॉट्स और डिसेप्टिकॉन क्विंटेसन को नीचे लाने के लिए एक साथ काम करने के लिए सहमत हैं, व्हीलजैक को पता चला कि क्विंटेसन के पास एक मल्टीवर्स ड्राइव है जो उन्हें अन्य ब्रह्मांडों को जीतने की अनुमति देती है। ऑप्टिमस, बम्बलबी, व्हीलजैक, मेगेट्रॉन और डेड एंड क्विंटेसन के मुख्य जहाज को नष्ट करने के लिए उसमें घुस जाते हैं, जबकि हॉट रॉड और साउंडवेव बाकी ट्रांसफार्मरों को उनके मुख्य टॉवर को नष्ट करने में ले जाते हैं और विंडब्लेड आंशिक रूप से इकोनस को जगा देती है। मेगेट्रॉन ने ऑप्टिमस को धोखा दिया और टावर के नष्ट होने से पहले डेड एंड के साथ मल्टीवर्स पोर्टल के माध्यम से यात्रा की। कुछ क्षण बाद, स्टार्सक्रीम मलबे से बाहर आता है, जिसे क्विंटेसन द्वारा इस ब्रह्मांड का न्यायाधीश बनाया गया है और वह साइबरट्रॉन को अपने लिए जीतने के लिए अपनी नई शक्ति का उपयोग करने के लिए उत्सुक है। जबकि स्टार्सक्रीम ट्रांसफॉर्मर्स को अक्षम कर देता है, ऑप्टिमस भागने की कोशिश में बम्बलबी और व्हीलजैक के साथ मल्टीवर्स में चला जाता है। विंडब्लेड और मैकैडम इकोनस को पूरी तरह से ऊपर उठाने में कामयाब होते हैं, लेकिन स्टार्सक्रीम का दिमाग खराब हो चुके क्रोएटन से मुकाबला होता है। क्रोएटन के एक विस्फोट में मारे जाने से पहले मैकडैम ने ट्रांसफॉर्मर्स को स्टार्सक्रीम की कैद से मुक्त कर दिया। जब इकोनस बढ़त हासिल करने लगता है, तो स्टार्सक्रीम एक अनस्पेस पोर्टल को इकोनस का सिर काटने के लिए बुलाता है, जिससे उसकी मौत हो जाती है, इससे पहले कि क्रोएटन इकोन सिटी के बाकी हिस्सों को बर्बाद करना शुरू कर दे। ऑप्टिमस, बम्बलबी और व्हीलजैक मल्टीवर्स से भाग जाते हैं और क्विंटेसन वैज्ञानिक की प्रयोगशाला में पहुँच जाते हैं और वैज्ञानिक स्वयं क्लोन निकायों का उपयोग करके उन पर हमला करते हैं। स्टार्सक्रीम द्वारा तीनों पर हमला करने से पहले व्हीलजैक निकायों के नियंत्रक को ढूंढता है और उसे मार डालता है। मेगेट्रॉन अपने साथी ट्रांसफॉर्मर्स की सहायता के लिए डेड एंड और एस्ट्रोट्रेन की सहायता से मल्टीवर्स से लौटता है। विंडब्लेड क्रोएटन को क्विंटेसन के नियंत्रण से मुक्त करने में सफल हो जाती है, लेकिन अंततः उसकी चेतना को चकनाचूर कर देता है, जो पूरे साइबरट्रॉन में बिखर जाती है। क्रोएटन विंडब्लेड को युद्ध से दूर ले जाता है ताकि वह आराम कर सके। मेगेट्रॉन ने ऑप्टिमस को बताया कि उसने मल्टीवर्स से नेतृत्व का अपना मैट्रिक्स हासिल कर लिया है, और ऑप्टिमस और मेगेट्रॉन दोनों स्टार्सक्रीम के खतरे को हमेशा के लिए समाप्त करने के लिए अपने मैट्रिक्स का उपयोग करते हैं। क्विंटेसन के अधिग्रहण के बाद, साइबर्ट्रोन को ऑटोबोट्स और डिसेप्टिकॉन के बीच समान रूप से विभाजित किया गया है, उनके क्षेत्रों को अलग करने के लिए एक अवरोध का निर्माण किया गया है। बम्बलबी डिसेप्टिकॉन क्षेत्र में घुस जाता है और उसे वहां विंडब्लेड का शव मिलता है, सिटीस्पीकर की खोज शैडो स्ट्राइकर ने की थी। विंडब्लेड की वर्तमान स्थिति के प्रति सहानुभूति रखते हुए, शैडो स्ट्राइकर बम्बलबी को अपने साथ जाने की अनुमति देता है। क्रोमिया और ग्रिमलॉक की मदद से, बम्बलबी विंडब्लेड के दिमाग के खोए हुए टुकड़ों को खोजने के लिए साइबर्ट्रॉन के विभिन्न कोनों की यात्रा करता है, पौराणिक क्रिस्टल सिटी से लेकर निषिद्ध चंद्रमा, प्रागैतिहासिक साइबर्ट्रोनियन अंडरवर्ल्ड और गैसीय आर्गन सागर तक। इस बीच, बाकी ऑटोबॉट्स मेगेट्रॉन की गतिविधियों की जांच करते हैं, और पाते हैं कि वह "द अदर वन" के नाम से जाने जाने वाले किसी व्यक्ति के आने वाले खतरे के लिए तैयारी कर रहा है। अपने मैट्रिक्स से, ऑप्टिमस को मैकडैम की आत्मा से एक संदेश प्राप्त होता है, जो मूल तेरह प्राइम्स के अल्केमिस्ट के रूप में प्रकट होता है, उसे बताता है कि विंडब्लेड की स्मृति के अंतिम टुकड़े मेगेट्रॉन के मैट्रिक्स के अंदर हैं। ऑप्टिमस उक्त मैट्रिक्स को नष्ट करने के लिए डिसेप्टिकॉन क्षेत्र में घुसपैठ मिशन का नेतृत्व करता है, लेकिन उन्हें जल्द ही खोज लिया जाता है। मेगेट्रॉन इस बात पर जोर देता है कि रहस्यमय सैनिकों के प्रकट होने और दोनों पक्षों पर हमला करने से पहले दोनों मैट्रिसेस का इस्तेमाल एक दूसरे के खिलाफ किया जाना चाहिए। इन सैनिकों को एक वैकल्पिक समयरेखा से डिसेप्टिकॉन के रूप में प्रकट किया गया है, विशेष रूप से "परिपूर्ण" डिसेप्टिकॉन मेगेट्रॉन ने एक बार बनाने का सपना देखा था। हालाँकि दोनों पक्ष पूर्ण डिसेप्टिकॉन से लड़ने का प्रयास करते हैं, दूसरा स्वयं जल्द ही आ जाता है, और खुद को मेगेट्रॉन का एक वैकल्पिक ब्रह्मांड संस्करण बताता है। अपने ब्रह्मांड में, इस मेगेट्रॉन, जिसे मेगेट्रॉन एक्स कहा जाता है, ने अपने ऑप्टिमस को मार डाला और अपने संपूर्ण डिसेप्टिकॉन बनाने के लिए ऑलस्पार्क और वेक्टर सिग्मा का उपयोग करने से पहले अपने मैट्रिक्स को चुरा लिया। जब वर्षों बाद क्विंटेसन ने आक्रमण किया, तो मेगेट्रॉन एक्स ने उन्हें मैट्रिक्स के साथ नष्ट कर दिया और उनकी मल्टीवर्स तकनीक चुरा ली। बम्बलबी द्वारा मैट्रिक्स चुराने और ग्रहों की सीमा तक दौड़ने से पहले मेगेट्रॉन एक्स अपने प्रमुख ब्रह्मांड समकक्ष को मार देता है, ऑप्टिमस जल्द ही बम्बलबी की सहायता के लिए आता है। मेगेट्रॉन के मैट्रिक्स के भीतर, विंडब्लेड की स्मृति के अंतिम टुकड़े वैकल्पिक ऑप्टिमस की भावना से सीखते हैं कि मेगेट्रॉन एक्स को हराने के लिए इस मैट्रिक्स को नष्ट कर दिया जाना चाहिए। हालांकि शुरुआत में इस रहस्योद्घाटन पर चौंक गया, विंडब्लेड ने अनुपालन किया, वैकल्पिक मैट्रिक्स को भीतर से शॉर्ट-सर्किट किया और ऑप्टिमस को अनुमति दी मेगेट्रॉन एक्स पर काबू पाने और उसे हराने के लिए। बम्बलबी द्वारा विंडब्लेड की आखिरी मेमोरी का टुकड़ा एकत्र करने के बाद, एस्ट्रोट्रेन मेगेट्रॉन एक्स को मल्टीवर्स में ले जाता है, उसे हमेशा के लिए वहां फंसाने का इरादा रखता है। अंतिम मेमोरी खंड सुरक्षित होने के साथ, विंडब्लेड पूरी तरह से ऑटोबोट्स की खुशी के लिए बहाल हो जाती है, जिससे श्रृंखला समाप्ती हो जाती है। चौथा अध्याय-बमबल्बी के सायबरवर्स एडवेंचर (मूवी शृंखलाएं) मूवी भाग-१: इम्मोबीलाइज़र्स आर्सी और ग्रिमलॉक नेक्सस प्राइम की कलाकृतियों को पुनः प्राप्त करने के लिए दूसरे ग्रह पर जाते हैं। इस बीच, साइबर्ट्रोन पर, शांति संधि समारोह के दौरान, ग्रह को साउंडब्लास्टर के नेतृत्व में भाड़े के सैनिकों के एक समूह द्वारा जमे हुए किया गया है, जो एक पूर्व डिसेप्टिकॉन था, जो साउंडवेव को उसके स्थान पर चुने जाने के बाद अलग हो गया था। आर्सी और ग्रिमलॉक पहुंचते हैं और स्थिति का आकलन करने की कोशिश करते हैं, लेकिन आर्सी को पकड़ लिया जाता है और ग्रिमलॉक को डिनोबोट्स का एक और समूह मिलता है, जो पहले भाड़े के सैनिकों द्वारा नष्ट किए गए दूसरे ग्रह के बचे हुए लोग थे, जिन्हें प्रागैतिहासिक पृथ्वी से ग्रिमलॉक का संदेश प्राप्त हुआ था। बाद में वे एनिग्मा ऑफ कॉम्बिनेशन की शक्तियों का उपयोग करके ज्वालामुखी में एकजुट हो गए। इसे संभालने का तरीका सीखने के बाद, वे भाड़े के सैनिकों का सामना करते हैं और उन्हें हरा देते हैं, लेकिन उनके नियोक्ता ट्रिप्टिकॉन आते हैं और उनके भागने के दौरान लड़ाई को अपने हाथ में ले लेते हैं, वोल्केनिकस भाड़े के सैनिकों द्वारा छोड़ी गई एक इमोबिलाइज़र बंदूक का उपयोग करके ट्रिप्टिकॉन को हरा देता है। व्हीलजैक की कुछ मदद से, वे ट्रिप्टिकॉन को छोड़कर पूरे ग्रह और उसके निवासियों को पुनर्जीवित करते हैं और उत्सव जारी रखते हैं। मूवी भाग-२: सर्वोत्तम डिसेप्टिकॉन ऑटोबॉट्स और डीसेप्टिकॉन, ट्रिप्टिकॉन के प्लाज़ा के उद्घाटन का जश्न मना रहे हैं, लेकिन एक घातक रूप से घायल एस्ट्रोट्रेन द्वारा उन्हें बाधित किया जाता है, जो उन्हें अन्य मेगेट्रॉन से भी बदतर खतरे की चेतावनी देता है। ऑटोबॉट्स और डिसेप्टिकॉन आक्रमण को रोकने की कोशिश करते हैं, लेकिन परफेक्ट डिसेप्टिकॉन आते हैं, और तुरंत एक-दूसरे से लड़ना शुरू कर देते हैं। उनमें से एक, टार्न, बताता है कि वे मेगेट्रॉन के नासमझ गुलाम थे, जो अपने निधन के लिए एस्ट्रोट्रेन से बदला लेने के बाद अपने नए नेता के रूप में सबसे मजबूत को चुनने के लिए एक दूसरे से लड़ रहे थे, फिर वह उन्हें कॉर्टेक्स हेल्म, गोमेद की एक कलाकृति के बारे में बताता है। प्राइम जो उन्हें टार्न के परिजनों को पुन: प्रोग्राम करने में मदद करेगा। वे उसकी मदद करने के लिए सहमत होते हैं, और ऑप्टिमस प्राइम, बम्बलबी, साउंडवेव और शैडो स्ट्राइकर का एक समूह उसके साथ जाता है, और थंडरहॉउल की मदद से वे कॉर्टेक्स हेल्म को ढूंढते हैं। टार्न तब अपने धोखे का खुलासा करता है और परफेक्ट डिसेप्टिकॉन को नियंत्रित करने के लिए पतवार का उपयोग करता है, फिर वह खुद को सभी डिसेप्टिकॉन के नए नेता के रूप में घोषित करता है और ऑटोबोट्स पर युद्ध की घोषणा करता है। बाद में, वह ऑप्टिमस को अपनी सेना के साथ ग्लेडिएटर लड़ाई के लिए मजबूर करता है। ऑटोबॉट्स ऑप्टिमस को बचाते हैं और आक्रमणकारियों के खिलाफ अपने डिसेप्टिकॉन के साथ सेना में शामिल हो जाते हैं। लड़ाई के बीच, साउंडवेव अंततः टार्न को नष्ट करने और परफेक्ट डिसेप्टिकॉन को मुक्त करने के लिए खुद को बलिदान कर देता है। बाद में, हर कोई साउंडवेव के लिए एक स्मारक सेवा आयोजित करता है क्योंकि साइबर्ट्रोन के सभी लोग सच्ची शांति प्राप्त करते हैं। ट्राँसफॉर्मर्स (ऐनिमेटेड शृंखला)
श्रेष्ठ कुमार (जन्म १९८८) एक भारतीय टेलीविजन अभिनेता हैं। उन्हें इमेजिन टीवी पर सवारे सबके सपने प्रीतो में सनी की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। वह स्टार भारत पर काल भैरव रहस्य में नीरज की भूमिका निभाया है। श्रेष्ठ ने अपने अभिनय की शुरुआत इमेजिन टीवी के शो कितनी मोहब्बत है में सलिल मित्तल के रूप में की। उन्हें आखिरी बार ज़ी टीवी पर सपने सुहाने लड़कपन के में आदित्य के रूप में देखा गया था। १९८८ में जन्मे लोग
मल्हुपुर कोर्ट पुराने जमाने का सोमवंशी रॉयल हाउस है ये रॉयल हाउस मल्हुपुर गाँव जो की प्रतापगढ़ अवध मे है वहाँ पर बसा हैं ये एक हरा भरा स्थान है मल्हुपुर कोर्ट जो की देल्हुपुर मार्केट से एक किलो मीटर दूरी पर स्थित है, मल्हुपुर कोर्ट से इतनी ही दूरी पर नजदीकी रेलवे स्टेशन धीर गंज स्थित है धीर गंज से प्रयागराज, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, लखनऊ , फैज़ाबाद के लिए ट्रेन मिलती है जबकि देल्हुपुर नजदीकी मार्केट भी है जो की प्रयागराज और फैजाबाद, लखनऊ जाने का राष्ट्रीय राज्य मार्ग है, मल्हुपुर कोर्ट से ट्रेन और रोड के पास होने से आने जाने मे बहुत अच्छी सुविधा है
अनन्या वाजपेई ने हिंदू संस्कृत धर्मशास्त्र ग्रंथों के संदर्भ में राजपूतों पर चर्चा की और व्यावहारिक राजनीतिक क्षेत्र में राजपूत के अर्थ बनाम हिंदू धार्मिक ग्रंथों में राजपूत के शाब्दिक अर्थ के बीच विसंगति को दिखाया और बताया कि कैसे दोनों अर्थ सह-अस्तित्व में हो सकते हैं। विश्वम्भर शास्त्र में कहा गया है कि: "एक उग्रा (शूद्र माता, क्षत्रिय पिता) युद्ध कला से जीवन यापन करता है। तलवार और धनुष के साथ कुशल, वह युद्ध में विशेषज्ञ है। वह शक्तिशाली राजपूत के रूप में लोगों के बीच अलग खड़ा है"। इसी तरह का दृष्टिकोण शूद्रकमालाकारा के जतिनिर्नयाप्रकरणम द्वारा रखा गया है, जो १६०० के दशक का प्रारंभिक धर्मशास्त्र ग्रंथ है, जो एक राजपुत के लिए कमलाकरभट्ट (प्रसिद्ध ब्राह्मण विद्वान गागा भट्ट के चाचा) द्वारा लिखा गया था। वाजपेई स्पष्ट करते हैं कि यद्यपि उग्र का शाब्दिक अर्थ डरावना या भयंकर है, इस संदर्भ में मध्ययुगीन लेखकों ने इस शब्द का उपयोग केवल एक योद्धा के रूप में उनके गुणों के संदर्भ में किया था। शेषकृष्ण का सुद्रकारसिरोमणि, एक पाठ जो सुद्रकमलकार से पहले का है, वह भी राजपुत के लिए इस परिभाषा का समर्थन करता है। वाजपेई कहते हैं कि कमलाकरभट्ट एक पेशेवर और धार्मिक भेद करते हैं: एक राजपुत लड़ सकता है, हालाँकि, उसे शूद्र या शूद्रसमन के समान कर्तव्यों का पालन करना पड़ता है। वह कहती हैं कि उग्रा या राजपुत को पाठ में दी गई छह प्रकार की संकरजाति (मिश्रित जाति) में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जिनके पिता का वर्ण माता के वर्ण से ऊंचा है, और इस प्रकार वे अनुलोमजस या "प्राकृतिक के अनुसार पैदा हुए व्यक्ति" हैं। प्रवाह"। कमलाकरभट्ट द्वारा दिए गए अनुलोमजस संघ के पांच अन्य प्रकार हैं। इस प्रकार, मध्यकालीन ब्राह्मण धर्मशास्त्र के अनुसार, राजपूत एक मिश्रित जाति हैं। व्यावहारिक राजनीतिक संदर्भ में, इस शब्द का अर्थ क्षत्रिय की ओर है, हालांकि हिंदू धार्मिक ग्रंथों में राजपुत शूद्र के करीब है। कुछ प्रवासी ब्राह्मण जनजातियों को राजपूत दर्जा दिलाने में राजपूतीकरण में शामिल रहे होंगे। इसके बावजूद, वाजपेयी कहते हैं कि, समय-समय पर, ब्राह्मणों ने राजपूतों को स्वार्थी के रूप में चित्रित किया है, और कहा है कि वे असली क्षत्रिय नहीं हैं। पहले से स्थापित राजपूत परिवारों के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित करने, झूठी वंशावली बनाने और "राणा" जैसी उपाधियाँ अपनाने के अलावा, राजपूतीकरण में दो बार जन्मे लोगों के अनुष्ठानों (जनेऊ पहनना आदि) का दिखावा शुरू करना भी शामिल था। हालाँकि, एक अनुष्ठान जिसे अधिक महत्व नहीं दिया गया वह था अभिषेक। जब मुगल सम्राट द्वारा एक कबीले के नेता को राजा बनाया जाता था, तो मुस्लिम सम्राट द्वारा नेता के सिर पर टीका का निशान उसकी शाही स्थिति की पुष्टि करता था और अभिषेक का हिंदू अनुष्ठान केवल गौण महत्व का था। औरंगजेब ने अंततः टीका की प्रथा को बंद कर दिया और इस प्रथा के स्थान पर मुगल सम्राट को झुकना या तस्लीम करना शुरू कर दिया गया, जो सलामी का जवाब देता था। वाजपेई के अनुसार, इसका संभवतः तात्पर्य यह है कि कबीले के नेता को राजपूत का दर्जा देना या अस्वीकार करना अभी भी मुगल सम्राट पर निर्भर था। हिंदू धर्मशास्त्रों में राजपूतों का वर्णन, राजपूतों द्वारा प्रस्तुत आत्म छवि और राजपूतों के बारे में मुगल दृष्टिकोण असमान था। वाजपेयी के अनुसार यह असंगति राजपूत पहचान को बहुभाषी बनाती है।
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २४.३११ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २३.९४५ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २३.८१८ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २३.७८५ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २३.५४९ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २०.७१८ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २०.६४७ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या २०.१३६ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या १९.६३७ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या १९.५९९ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या १९.३७३ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
() ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या १९.२४७ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
बार्सेलोस () ब्राज़ील के आमेज़ोनास राज्य का शहर है। इसकी जनसंख्या १८.८३४ लोग थी। ब्राज़ील के शहर
द नन २०१८ की अमेरिकी गॉथिक अलौकिक हॉरर फिल्म है, जो कोरिन हार्डी द्वारा निर्देशित और गैरी डॉबरमैन द्वारा लिखित है, जो डॉबरमैन और जेम्स वान की कहानी है। यह द कॉन्ज्यूरिंग २ के आध्यात्मिक स्पिन-ऑफ के रूप में कार्य करता है और द कॉन्ज्यूरिंग साझा ब्रह्मांड में पांचवीं किस्त है। फिल्म में तैसा फ़ार्मिगा, डेमियन बिचिर और जोनास ब्लोक्वेट ने अभिनय किया है, जिसमें बोनी आरोन्स ने द कॉन्ज्यूरिंग २ में वैलक के अवतार, डेमन नन की भूमिका को दोहराया है। कथानक एक रोमन कैथोलिक पादरी और एक नौसिखिया नन का अनुसरण करता है, क्योंकि वे एक रहस्य को उजागर करते हैं। 195२ रोमानिया में अपवित्र रहस्य। इसके बाद २0२3 में रिलीज़ हुई अगली कड़ी द नन ई है। डेमियन बिचिर फादर बर्क तैसा फ़ार्मिगा - सिस्टर आइरीन जोनास ब्लोकेट - फ्रेंची बोनी आरोन्स - नन इंग्रिड बिसु - सिस्टर ओना चार्लोट होप - सिस्टर विक्टोरिया सैंड्रा टेल्स - सिस्टर रूथ मारिया ओब्रेटिन - सिस्टर अबीगैल अगस्त माटुरो - डेनियल जैक फ़ॉक - दुष्ट डेनियल अनी सावा - सिस्टर जेसिका माइकल स्माइली - बिशप पास्कल गैब्रिएल डाउनी - मठाधीश जेरेड मॉर्गन - मार्क्विस मैनुएला सिउकुर - सिस्टर क्रिस्टीन मार्क स्टीगर - ड्यूक २०१८ की फ़िल्में
शहज़ाद शेख एक भारतीय टेलीविजन अभिनेता हैं। उन्होंने कुबूल है में रेहान कुरेशी, बेपनाह में अर्जुन हुडा, ये रिश्ता क्या कहलाता है में नक्ष सिंघानिया और सिंदूर की कीमत में एडवोकेट अर्जुन अवस्थी की भूमिका निभाई। जन्म वर्ष अज्ञात (जीवित लोग)
आइरिस मैती एक भारतीय मॉडल और अभिनेत्री हैं। उन्होंने रियलिटी प्रतियोगिता सीरीज़ गेट गॉर्जियस सीज़न ५ जीता। उन्होंने २०१३ में रियलिटी शो बिग बॉस बांग्ला १ में भी भाग लिया था। विज्ञान में स्नातक होने के बाद, उन्होंने मार्केटिंग में एमबीए की डिग्री हासिल की। वह एक प्रशिक्षित नृत्यांगना हैं और गाना और पेंटिंग भी कर सकती हैं। उनके पिता, भास्कर मैती, एक फुटबॉल खिलाड़ी हैं, जिन्होंने १९७९ के एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उनकी माँ एक गृहिणी हैं और उनका एक छोटा भाई भी है। आइरिस को गेट गॉर्जियस २००८ का ताज पहनाया गया। गेट गॉर्जियस पूरे भारत में महत्वाकांक्षी मॉडलों के लिए चैनल वी इंडिया का लॉन्च पैड है। चैनल वी इंडिया के गेट गॉर्जियस ५ के विजेता के रूप में, आइरिस ने चैनल वी इंडिया और आईसीई मॉडल मैनेजमेंट के साथ अनुबंध जीता। उन्होंने २००७ में मिस इंडिया टूरिज्म मेट्रोपॉलिटन का खिताब भी जीता उन्हें आई एएम शी २०१० में "आई एएम फोटोजेनिक" शीर्षक से चुना गया था, जो पहली मिस इंडिया यूनिवर्स प्रतियोगिता थी, जो २८ मई २०१० को मुंबई में आयोजित की गई थी। वह मार्शल आर्ट में भी प्रशिक्षित हैं। आइरिस एक मॉडल हैं और कुछ हिंदी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। वह एक भारतीय रियलिटी शो, चैनल वी इंडिया के गेट गॉर्जियस ५ की विजेता हैं। उन्होंने सबसे विवादास्पद नॉन-फिक्शन लोकप्रिय बंगाली रियलिटी शो बिग बॉस बांग्ला १ के पहले सीज़न में भी भाग लिया था। वह फेयर एंड लवली, नेस्ले मंच, सत्या पॉल और ७ यूपी के लिए एक टीवीसी के साथ प्रिंट अभियानों में दिखाई दी हैं। उन्होंने डिजाइनर मनीष मल्होत्रा, वरुण बहल और अन्य के साथ काम किया। उन्होंने मुख्यधारा की हिंदी फिल्मों जैसे सोच लो में रीवा और तूतिया दिल में अनुराधा (अनु) की भूमिकाएँ निभाईं। जन्म वर्ष अज्ञात (जीवित लोग) भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री